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अगर आपको अचानक ऐसा महसूस होने लगा है, जैसे कि आपके लिए दुनिया ही ख़त्म होती जा रही है, तो ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं हैं — डिप्रेशन एक बहुत गंभीर और आम बीमारी है, जिससे दुनिया की लगभग 10% आबादी प्रभावित हैं। [१] डिप्रेशन एक बहुत गंभीर बीमारी है। यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाये, तो यह आपके जीवन के हर पहलू पर भारी दुष्प्रभाव डाल सकता है। ऐसा न होने दें। अपने डिप्रेशन से लड़ें, यहाँ दिए कदमो का अनुसरण करें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

डिप्रेशन को पहचानना (Recognizing Depression)

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  1. जरुर, किसी भी इंसान के उदास होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं: जैसे नौकरी छूट जाना, किसी अजीज का दूर हो जाना, एक बुरा संबंध, कोई दुखद घटना, या अन्य किसी तरह का तनाव। हम सभी कभी न कभी, किसी ना किसी तरह से उदासी का सामना करते हैं। कभी कभार उदास होना एक आम बात है। फोकस ही उदासी और डिप्रेशन के बीच का सबसे बड़ा अंतर है [२] [३]
    • आप जब उदास होते हैं, तो आपकी ये भावनाएँ किसी विशेष घटना या किसी खास स्थिति के कारण सामने आती हैं। एक बार वो घटना बदल जाए या वो वक्त बीत जाए, आपकी उदासी भी दूर हो जाती है।
    • वहीं दूसरी तरफ, डिप्रेशन आपके विचारों, भावनाओं, समझ और व्यवहार को प्रभावित करता है। आप सिर्फ एक बात के बारे में उदास महसूस नहीं करते, आप हर एक चीज को लेकर उदासी को महसूस करते हैं। और आपके चाहे जितनी ही कोशिश करने के बाद भी ये भावना आपका पीछा नहीं छोड़ती। असल में, आप कभी भी डिप्रेशन को महसूस करते हैं और आपको इस भावनाओं के आने का कारण भी पता नहीं होता।
    • डिप्रेशन भी ऐसी ही कुछ रूखी भावनाओं या फिर किसी भी चीज़ के लिए उत्साह में कमी के रूप में भी सामने आ सकता है।
  2. इस बात को स्वीकार करें, कि सर्दी-जुकाम की तरह ही डिप्रेशन भी एक शारीरिक बीमारी है: डिप्रेशन सिर्फ "मानसिक बीमारी" नहीं है। रिसर्च के अनुसार, ये भी एक शारीरिक बीमारी है, और इसलिए इसमें भी मेडिकल देखभाल लेना जरूरी होता है। [४] असल में आपके साथ में ऐसा हो रहा होता है:
    • न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitters), ये एक तरह के केमिकल मैसेंजर हैं, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच मैसेज भेजने का काम करते हैं। ऐसा माना जाता है कि डिप्रेशन में न्यूरोट्रांसमीटर का असामान्य स्तर, की एक अहम् भूमिका होती है।
    • हार्मोन्स के बैलेंस में आने वाला बर्ताव भी डिप्रेशन का एक कारण हो सकता है। इस तरह के बदलाव, थाइराइड की समस्या, मीनोपॉज (रजोनिवृत्ति), या हाल ही की गर्भावस्था के कारण भी आ सकते हैं।
    • डिप्रेशन के शिकार लोगों के दिमाग़ में फिजिकल बदलाव देखे गए हैं। इनकी अहमियत का ज्ञान तो नहीं है, लेकिन इस तरह के अवलोकन, किसी दिन डिप्रेशन के सही कारणों का खुलासा कर सकतें हैं।
    • डिप्रेशन अक्सर ही परिवारों में होता है। इससे ये पता चलता है, कि कुछ विशेष तरह के जींस (genes) डिप्रेशन से संबंध रखते हैं, रिसर्चर इनकी पहचान करने के लिए काफी तत्परता से प्रयास कर रहे है। [५] [६]
      • डिप्रेशन के अनुवांशिक होने का ज्ञान होना और साथ ही ये जानना कि इसकी वजह से आपके बच्चों के भी इसका शिकार होने की संभावना अधिक है, आपको एक तरह के अपराधबोध में डाल सकता है। याद रखें की आपका अपनी अनुवांशिकता पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसमें आपकी कोई ग़लती नहीं है। इसकी बजाय उस चीज पर नियंत्रण करें, जिस पर आप कर सकते है। डिप्रेशन से उबरने की कोशिश करें और आदर्श बनकर औरों की भी मदद करें।
  3. डिप्रेशन भी उतना ही अलग हो सकता है, जितना इससे जूझने वाला व्यक्ति, यह समझना जरूरी है। हर इंसान एक जैसे लक्षणों का अनुभव नहीं करेगा - कुछ लोग, कुछ लक्षणों की कम तीव्रता महसूस करेंगे और दूसरे लोग अधिक गंभीर लक्षणों को महसूस करेंगे। कुछ लोग, जीवन में सिर्फ एक बार डिप्रेशन का अनुभव करते हैं, जबकि कुछ लोग डिप्रेशन के दीर्घकालिक लक्षणों का अनुभव करते हैं। डिप्रेशन के संकेत और लक्षण निम्न होते हैं: [७]
    • निरंतर रूप से उदासी या खालीपन महसूस होना
    • भूख में बदलाव (बहुत ज्यादा या बहुत कम खाना)
    • वजन में अस्थिरता
    • नींद में खलल आना
    • निराशा या निराशावाद
    • थका हुआ या ऊर्जा की कमी महसूस करना
    • खुद को बेकार, अपराधी या बेबस महसूस करना
    • ज्यादातर मजेदार काम में भी कम रूचि होना
    • निर्णय लेने में या किसी भी चीज़ पर ध्यान लगा पाने में समस्या होना
    • बेचैनी और चिड़चिड़ापन
    • आत्महत्या के विचार आना
    • शारीरिक लक्षण, जैसे दर्द या सिरदर्द
विधि 2
विधि 2 का 3:

डॉक्टर के पास जाना (Seeing a Doctor)

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  1. डिप्रेशन और भी दूसरी मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। आप जो भी कुछ महसूस करते हैं, उसे आपके डॉक्टर को बताना बेहद जरूरी है। आपका डॉक्टर फिर आपके डिप्रेशन के अन्य फिजिकल कारणों से इंकार भी कर सकता है। [८]
    • अगर जरूरत हो, तो परामर्श (referral,) भी ले लें। आपका जनरल डॉक्टर, आपको किसी ऐसे मनोरोग विशेषज्ञ (psychiatrist) से मिलने की सलाह भी दे सकता है, जो ज्यादा बेहतर तरह से आपके डिप्रेशन का इलाज कर सके।
  2. डॉक्टर्स के अपॉइंटमेंट का समय बहुत जल्दी-जल्दी निकल जाता है। ये रहे उस समय का सही उपयोग करने के कुछ तरीके:
    • आपके सारे लक्षणों को लिखकर रख लें।
    • महत्वपूर्ण घटनाओं समेत अपने लाइफ की उन सारी पर्सनल इनफार्मेशन को भी लिख लें, जो आपकी इन भावनाओं, आपके विश्वास या विचारों के लिए जिम्मेदार हैं।
    • आपकी सारी दवाइयों के बारे में भी लिख लें, जिसमें विटामिन और सप्लीमेंट्स भी शामिल हैं।
    • ऐसे सारे सवाल लिखकर रख लें, जो आप आपके डॉक्टर से पूछना चाहते हैं। डॉक्टर से पूछे जाने सवालों में ये सवाल शामिल हो सकते हैं [४] :
      • क्या मेरे लक्षणों का संभावित जवाब डिप्रेशन है?
      • आप मेरा क्या इलाज करेंगे?
      • मुझे किस तरह के टेस्ट्स की जरूरत है?
      • मैं अपनी अन्य बीमारियों के साथ में किस तरह से डिप्रेशन को संभाल सकता/सकती हूँ?
      • क्या आप मुझे किसी अल्टरनेटिव या वैकल्पिक इलाज की सलाह देते है?
      • क्या आपके पास में ऐसा कोई प्रिंटेड मटेरियल है, जिसे मैं घर ले जा सकूँ? क्या आप मुझे किसी वेबसाइट को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं?
      • क्या आपके पास कोई ऐसा लोकल सपोर्ट ग्रुप है, जिसकी आप सलाह देते हों?
    • आपके डॉक्टर के पास भी आपसे पूछने के लिए कुछ सवाल हो सकते है। इन सवालों का जवाब देने के लिए भी तैयार रहें [४] :
      • क्या आपके परिवार में या फिर आपके किसी रिश्तेदार को भी यही लक्षण हैं?
      • आपने इस तरह के लक्षण को पहली बार कब देखा?
      • क्या आपको हमेशा ही बुरा महसूस होता है? या फिर आपका मूड बदलता रहता है?
      • क्या आपको कभी भी सुसाइड करने के विचार आये हैं?
      • आपकी नींद कैसी है?
      • क्या आपकी प्रतिदिन की एक्टिविटी प्रभावित हो रही हैं?
      • क्या आपको ड्रग्स या अल्कोहल की बुरी आदत है?
      • क्या आपको इसके पहले कभी किसी तरह की मानसिक बीमारी हुई है?
  3. डॉक्टर से मिलने के लिए, आपके किसी अच्छे विश्वास योग्य फ्रेंड या परिवार के सदस्य को आपके साथ लेकर जाएँ। ये लोग, डॉक्टर को बताने वाली बातों को याद दिलाने में आपकी मदद कर सकते है और बाद में डॉक्टर के द्वारा बोली हुई बातों को भी याद दिलाने में आपकी मदद कर सकते है।
  4. मनोवैज्ञानिक जांच के अतिरिक्त, आपको लम्बाई, वजन और ब्लड प्रेशर की जांच; और ब्लड काउंट और थाइराइड की जांच समेत अन्य प्रयोगशाला जांचों की भी जरूरत पड़ सकती है। [९]
विधि 3
विधि 3 का 3:

लाइफस्टाइल में बदलाव करना (Making Lifestyle Changes)

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  1. अगर आपके डॉक्टर ने डिप्रेशन से उबरने के लिए आपको कुछ दवाओं की सलाह दी है, तो बताये गए समय पर और सही मात्रा में डोज लें। आपके डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं को लेना बंद न करें।
    • आप अगर प्रेगनेंट होना चाह रहे हैं या फिर प्रेगनेंट हैं, तो फिर इस स्थिति में आपके डॉक्टर से अपनी दवाओं के बारें में बात करना बेहद जरूरी है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट (antidepressants), आपके अजन्मे बच्चे की सेहत पर बड़े स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकतें है। आपको अपने डॉक्टर से बात करके अपने और बच्चे के लिए सबसे अच्छी दवाओं और बेहतरीन इलाज की तलाश करनी होगी। [१०]
  2. सायकोथेरेपी, जिसे टॉक थैरेपी, काउंसलिंग या साइकोसोशल थैरेपी भी कहते हैं, ये डिप्रेशन के इलाज़ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। [११] सायकोथेरेपी, आपके डिप्रेशन के लक्षणों में राहत देने के अलावा आपके जीवन में संतुष्टि और नियंत्रण की भावना को भी वापस पाने में मदद करता है। साथ ही ये आपको भविष्य में आने वाले तनावों से निबटने के लिए, बेहतर ढंग से तैयार भी करता है।
    • काउंसलिंग सेशन के दौरान, आप अपने व्यवहार और विचारों, संबंध और अनुभवों के बारे में पता लगा पाएंगे। इसी समय पर आप अपने डिप्रेशन और इसके इलाज के चुनाव को बेहतर ढंग से समझ पाएँगे। आप जीवन की समस्याओं का सामना करने और उन्हें सुलझाने के बेहतर तरीके सीखेंगे और वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करना भी सीखेंगे। ये सब कुछ आपको ज्यादा सशक्त और खुशनुमा बनाएगा।
    • अपनी थैरेपी सेशन में जरुर जाएँ, फिर भले आपको यहाँ जाने की इच्छा ना हो, फिर भी जाएँ। प्रभावी इलाज के लिए आपको नियमित रूप से उपस्थित होना बेहद जरूरी है। [१२]
  3. आप डिप्रेशन में हैं, आपके लिए ये स्वीकार कर पाना बहुत कठिन है। और फिर इसे किसी और बता पाना तो और भी ज्यादा कठिन है, लेकिन ये करना जरूरी भी है। आपके विश्वास योग्य फ्रेंड्स, रिश्तेदारों या फिर किसी और विश्वास के योग्य इंसान की तलाश करें। आपको इस संघर्ष में और एक सहयोगी की जरूरत पड़ेगी, अगर आपके साथ में एक से ज्यादा सहयोगी हो, तो फिर और भी बेहतर होगा। उन्हें सीधे तौर पर सारी बातें बता दें, उन्हें कहें कि आप काफी लम्बे अरसे से डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, और उनसे आपका साथ देने की और मदद की माँग करें। आपका ये सपोर्ट ग्रुप, आपके डिप्रेशन में होने आने वाले संघर्ष में, आपको सँभलने में सहायता करेगा।
    • अपने डिप्रेशन के बारे में बात करने से सिर्फ आपको ही फायदा नहीं होगा। अक्सर ही डिप्रेशन का कष्ट अकेले ही उठाया जाता है। दूसरों से अपनी समस्या पर बात करके भी आप इसे समाप्त कर सकतें है।
    • आप अगर चाहें तो आपके आसपास, मानसिक स्वास्थ्य केंद्र या धार्मिक केन्द्रों द्वारा चलाये जाने वाले सपोर्ट ग्रुप्स में भी शामिल हो सकते हैं। किसी ऐसे इंसान तक पहुँचना, जो खुद भी आप ही की तरह इस समस्या से जूझ रहा है, आपको आपके डिप्रेशन की समस्या से लड़ने की शक्ति देगा। [१३] [१४]
  4. सकारात्मक सोचने की कोशिश करें: आपके थेरेपिस्ट के ऑफिस में इसको कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी (cognitive behavioral therapy) कहा जाता होगा, और यह डिप्रेशन के इलाज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली एक आम थैरेपी है। [१५] ये आपके नकारात्मक व्यवहारों और विश्वासों को पहचानने का; और उन्हें सकारात्मक और हैल्दी विचारो से बदल देने का एक जागरूक प्रयास है। जैसे कि, जरूरी नहीं है कि आप सभी अनचाही परिस्थिति को काबू में ही कर लें, लेकिन आप उन परिस्थितियों से निबटने और सोचने के अपने तरीकों पर काबू जरुर कर सकते हैं। [१६]
    • आपके अपने नकारात्मक विचारों की पहचान से ही सकारात्मक सोच की शुरुआत हो जाती है। उन दिनों, जब आप जरा दुखी महसूस कर रहे हो, सुनकर देखें कि आप खुद से क्या कहते हैं। किसी एक नकारात्मक विचार को निकालें और फिर उसे बाहर करने का विचार करें। क्या यहाँ पर ऐसा कोई और तरीका है, जो इसे हटा सके? क्या आप इसकी जगह पर और कोई वास्तविक विचार कर सकते हैं?
    • सकारात्मक कल्पना के बेहतर अभ्यास के लिए किसी एक काउंसलर या थैरेपिस्ट की मदद लें, जो आपको आपकी लाइफ की नेगेटिव स्थितियों को पहचानने में आपकी मदद तो करेंगे ही, साथ में उनको देखने के लिए एक पॉजिटिव नजरिया तैयार करने में भी आपकी मदद कर सकतें है।
  5. फिजिकल एक्टिविटी, डिप्रेशन से उबरने में आपकी मदद कर सकती है, तो जहाँ तक हो सकते हिलते-डुलते रहा करें। [१७] ऐसा कुछ ढूँढ लें, जिसे नियमित (हफ्ते में कुछ बार) रूप से करके आपको मजा आए, जैसे कि:
    • पैदल चलना
    • जॉगिंग करना
    • टीम स्पोर्ट्स (टेनिस, वॉलीबाल, सॉकर, फुटबॉल आदि)
    • गार्डनिंग (बागबानी करना)
    • स्विमिंग करना (Swimming)
    • वेट ट्रेनिंग (Weight training)
  6. मेडिटेशन करें, योग करें या फिर ताई ची (tai chi) करें। आपकी लाइफ में बैलेंस बनायें। अगर आपको जरूरी लगता हो, तो अपने कुछ दायित्वों को कम करें। खुद का ध्यान रखने के लिए समय निकालें। [१८]
  7. आपके पूरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है। अगर आपको नींद आने में परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से बात करें। नींद की कम से आपको चिड़चिड़ापन और बेचैनी और यहाँ तक कि चिढ़ने जैसी समस्या होती है, जो कि डिप्रेशन का ही एक लक्षण है। आप अगर इनसे बचना चाहते हैं, तो पर्याप्त नींद (बिना टूटे हुए, कम से कम 7 से 9 घंटे तक) लिया करें। [२०] अगर आपको अच्छी तरह से सोने में परेशानी होती है, तो फिर डॉक्टर से बात करें।
  8. आप जब डिप्रेशन में होते हैं, तो ऐसे में आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर, खुद को बंद करके बिताते होंगे। ऐसे में बाहर निकलने के बारे में आप सोच ही नहीं पाते होंगे, लेकिन जरूरी है कि आप खुद को लोगों से अलग ना करें।बाहर जाने और कुछ करने का कोशिश करें, और अपने फ्रेंड्स और फैमिली के संपर्क में रहें।
    • रिसर्च के द्वारा पता लगा हैं कि किसी समूह के साथ प्राकृतिक माहौल में टहलने से डिप्रेशन और तनाव में कमी आ सकती है और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। [२१]
  9. अपने विचारों और उनके आपके मूड पर होने वाले प्रभावों से अवगत होना, आपके डिप्रेशन से संघर्ष में महत्वपूर्ण है। अपने विचार लिखने और उन पर काम करने के लिए एक जर्नल रखने पर विचार करें। [२२]
    • अब आपकी इस जर्नल या डायरी का इस्तेमाल, आपके नेगेटिव विचारों को दूर करने में करें।
    • अपने जर्नल को थैरेपिस्ट को दिखाने पर सोचें।
  10. शराब, निकोटीन या अवैध ड्रग्स का दुरूपयोग डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ाता है। [२३] डिप्रेस्ड इंसान अक्सर ही ड्रग या अल्कोहल को, खुद को आराम पहुँचाने के अपने ही तरीके की तरह इस्तेमाल करते हैं। जहाँ इन चीजो का उपयोग अस्थाई रूप से डिप्रेशन के लक्षणों पर पर्दा डाल सकता है, दीर्घकाल में ये डिप्रेशन को और ख़राब स्थिति में पंहुचा देंगे। यदि आपको यह छोड़ने में मदद की आवश्यकता हो, तो किसी स्थानीय नशा मुक्ति केंद्र से संपर्क करें।
  11. स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएँ और अपने विटामिन्स लें। अच्छा शरीर ही अच्छे दिमाग की नींव है। कुछ रिसर्चर्स के मुताबिक, ऐसे लोग जो सही ढ़ंग से और सही मात्रा में खाना नहीं खाते हैं - प्रोसेस, रिफाइंड या शुगर वाला खाना खाते - ये लोग ज्यादातर डिप्रेशन की भावना को महसूस करते हैं। [२४]
    • बेहतर सम्पूर्ण स्वास्थ्य और मूड में सुधार के लिए फलों, सब्जियों, मछली, हलके मीट और साबुत अनाज से भरपूर आहार का आनंद लें।
  12. पूरक और वैकल्पिक चिकित्सक मानते है कि शरीर और दिमाग के बीच समरसता होनी ही चाहिए। दिमाग और शरीर के संपर्क को बेहतर बनाने की तकनीकों में शामिल है: [२५]
    • एक्युपंचर (Acupuncture)
    • योग (Yoga)
    • ध्यान करें (Meditation)
    • निर्देशित कल्पना (Guided imagery)
    • मसाज थेरेपी (Massage therapy)

सलाह

  • अगर आपको आत्महत्या के विचार आ रहें है, तो तुरंत किसी को बुलाएँ। आपात कालीन नंबर पर या निकट के अस्पताल में फ़ोन करें। अगर आपको किसी की मदद की जरूरत हो, तो ऐसे में अपने मन की शांति के लिए इस हेल्पलाइन नंबर - 78930 78930 पर कॉल करें, जो क़ि सुसाइड प्रिवेंशन हेल्प लाइन नंबर है।

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