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खाज-खुजली, डॉग्स पर छोटे पैरासाइटिक माइट्स की वजह से होने वाली, एक प्रकार की, सूजन वाली स्किन की बीमारी है। खाज के दो बेसिक टाइप होता हैं, सारकॉप्टिक (sarcoptic) और डेमोडेक्टिक (demodectic), जो दोनों ही अलग-अलग वजह से होती हैं और इनके लक्षण भी अलग होते हैं। हर एक तरह के लक्षणों को पहचानते आना और साथ ही दोनों के बीच के अंतर को समझते आना काफी जरूरी होता है। वैसे तो खाज शायद ही घातक होती है, लेकिन फिर भी इस परेशान करने वाली बीमारी को शुरुआत में ही पहचानते आना, आपके लिए अपने डॉग को आगे जाकर भी ट्रीट करना आसान बना देगी।

विधि 1
विधि 1 का 4:

खाज के लक्षणों को पहचानना

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  1. सारकॉप्टिक खाज की वजह से बहुत जोरदार खुजली होती है। डॉग खुजली को शांत करने के लिए अपनी स्किन को एकदम लगातार स्क्रेच करेगा या फिर स्किन को चबाएगा। डॉग की स्किन, बहुत ज्यादा स्क्रेच करने और बाइट करने की वजह से इरिटेट हो जाएगी और इन्फेक्ट हो जाएगी। खुजली इतनी गंभीर होगी, कि ये आपके डॉग को खाने, पीने और आराम करने जैसे जरूरी कामों से भी डिस्ट्रेक्ट कर देगी।
    • सारकॉप्टिक खाज के गंभीर मामलों में, बैक्टीरिया या यीस्ट की वजह से एक और दूसरा इन्फेक्शन हो जाता है, जिसमें डॉग की स्किन पर एक सफेद, परतदार सर्फ़ेस बन जाती है, हालांकि ऐसा सभी मामलों में नहीं होता है। [१] इसके साथ ही, एक दूसरे गंभीर इन्फेक्शन हुए डॉग में अक्सर वेट लॉस, फीवर आना और/या बड़ा सा लिम्फ़ नोड नजर आने जैसे लक्षण भी बने रहते हैं।
    एक्सपर्ट का जवाब
    Q

    एक विकिहाउ रीडर ने पूछा, "खाज के माइट्स कैसे नजर आते हैं?"

    Pippa Elliott, MRCVS

    पशु चिकित्सक, रॉयल कॉलेज ऑफ़ वेटेरिनरी सर्जन
    डॉ. इलियट एक पशुचिकित्सक हैं जिनके पास तीस से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 1987 में ग्लासगो यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और 7 साल तक एक पशुचिकित्सक सर्जन के रूप में काम किया। इसके बाद, डॉ. इलियट ने एक पशु चिकित्सालय में एक दशक तक पशु चिकित्सक के रूप में काम किया।
    एक्सपर्ट सलाह
    Pippa Elliott, MRCVS द्वारा दिया गया जवाब:

    पीपा एलिओट, एक लाइसेन्स्ड वेटेरिनेरियन ने बताया: "सारकॉप्टिक (sarcoptic) माइट्स और डेमोडेक्स (demodex) दोनों ही इतने छोटे होते हैं, कि इन्हें आँखों से देख पाना मुमकिन नहीं होता। अगर आप आपके डॉग पर इन्सेक्ट देख सकते हैं, तो फिर ये शायद इन दोनों माइट्स में से कोई नहीं है। "

  2. किसी एक ही जगह पर हुई डेमोडेक्टिक खाज, सबसे कम खतरनाक वेराइटी, आमतौर पर आपके डॉग के बालों पर एक या दो "पतले" या खाली धब्बे (पैचेस) छोड़कर जाती है। आमतौर पर, ये छोटा धब्बा सूजा हुआ या इरिटेटेड नजर नहीं आएगा और इसकी वजह से गंभीर खुजली नहीं होगी। [२]
  3. अगर लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खाज (localized demodectic mange) खुद से ही गायब नहीं होता है, तो ये धीरे-धीरे आपके डॉग के शरीर के बाकी के हिस्से पर भी फैल जाएगा, जो फिर एक जनरलाइज्ड खाज बन जाएगा। डॉग के शरीर पर अनगिनत पतले या खाली पैचेस बन जाएंगे। मौजूदा पैचेस बड़े होकर लगभग 1 इंच (2.5 cm) तक पहुँच जाएंगे। पैचेस के ऊपर की स्किन शायद रेड और/या परतदार बन जाएगी।
    • ये स्किन इरिटेशन आपके डॉग को उसकी स्किन को स्क्रेच करने पर मजबूर कर देगी, जिसकी वजह से आगे जाकर और भी सीरियस इन्फेक्शन तक हो सकता है। इन सेकंडरी इन्फेक्शन्स में भी फीवर, वेट लॉस, फूली हुई लिम्फ़ नोड्स आदि जैसे, ठीक उसी तरह के लक्षण नजर आएंगे — जैसे सारकॉप्टिक खाज के मामले में आए थे। [३]
  4. डेमोडेक्टिक के कुछ चुने हुए मामलों में, डेमोडेक्टिक पोडोडर्मटाइटिस (pododermatitis) नाम की एक बीमारी होती है। ये उस वक़्त होती है, जब डॉग में खुजली पैदा करने वाले माइट्स जाकर डॉग के पैरों में बहुत गहराई पर घुस जाते हैं, जहां से उन्हें निकाल पाना काफी मुश्किल हो जाता है। ये बीमारी अक्सर ही पैरों में सूजन, इरिटेशन बगैरह के फॉर्म में नजर आती है। ये नाखूनों के पास तो काफी बदतर हो जाती है और अक्सर किसी और दूसरे इन्फेक्शन को लिए रहती है। [४]
  5. अपने आप पर या आपके घर में मौजूद दूसरे लोगों पर मौजूद रेड, खुजली वाले बम्प्स की ओर ध्यान दें: अपने ऊपर माइट बाइट्स को ढ़ूँढ़ना, अपने डॉग के ऊपर हुई खाज-खुजली की पहचान करने का एक तरीका है। जब भी सारकॉप्टिक पैदा करने वाले माइट्स ह्यूमन्स के संपर्क में आते हैं, तो ये उनके ऊपर ठीक वैसा ही लाल बम्प (चकत्ता) बना देते हैं, जैसा मच्छरों के काटने से बनता है। [५] खुशकिस्मती से, ये कभी भी ज्यादा गंभीर नहीं बन पाते हैं। हालांकि, इन लक्षणों का किसी ऐसे डॉग के पास रहने के बाद नजर आना, जो बार-बार खुद को ज़ोर-ज़ोर से खुजली कर रहा है, सारकॉप्टिक खाज होने की तरफ इशारा करता है।
    • ध्यान दें, कि ह्यूमन्स को कभी भी डेमोडेक्टिक खाज माइट्स से कोई फर्क नहीं पड़ सकता है।
  6. ध्यान रहे, कि खाज (खुजली) का लक्षण, किसी और दूसरी, शायद और ज्यादा गंभीर बीमारी का इशारा भी हो सकता है: खुजली या पैची हेयर लॉस असल में एलर्जी, हाइपरेड्रेनोकोर्टिसिज़्म (कुशिंग डिसीज), डायबिटीज़, हाइपरथाइरोइडिज़्म, और पैरासाइट इन्फेक्शन जैसी किसी और छिपी हुई गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए, एक सही डाइग्नोसिस और ट्रीटमेंट पाने के लिए पहले एक वेटेरिनेरियन से उस प्रॉब्लम के बारे में के बारे में बात कर लें। [६]
विधि 2
विधि 2 का 4:

सारकॉप्टिक (sarcoptic) खाज के लिए जांच करना

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  1. अगर आपका डॉग खुद को नॉर्मल से कहीं ज्यादा खुजली करते हुए नजर आता है, लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है, कि ये सारकॉप्टिक खाज है भी या नहीं, तो ये सिंपल सा टेस्ट आपकी मदद कर सकता है। स्टार्ट करने के लिए, अपने डॉग के एक कान को अपने हाँथ में लें। कान के लूज, फ्लॉपी हिस्से को अपने अंगूथर और इंडेक्स फिंगर के बीच में रखें।
    • अगर आपको आपके डॉग को हुए खाज वाले माइट्स से बाइट मिलने का डर है, तो ऐसे में आपको इस टेस्ट के लिए एक डिस्पोज़ेबल ग्ल्वस पहन लेना चाहिए।
  2. डॉग के कान को दोनों साइड से रब करने के लिए अपने अंगूठे और इंडेक्स फिंगर का यूज करें। स्लो, स्थिर मूवमेंट यूज करें और बहुत ज्यादा ज़ोर से भी स्क़्वीज न करें। जब आप ऐसा करें, तब अपनी नजरों को अपने डॉग के उस पिछले पैर पर लगाए रखें, जिस साइड के कान को आप रब कर रहे हैं।
  3. आपको आपके डॉग के पिछले पैर में ऐसे मोशन को देखने की कोशिश करना है, जैसे कि वो अपने पैर से अपने कान को खुजाने की कोशिश कर रहा है। अगर आप आपके डॉग को ऐसा ही करते देखते हैं, तो आपके डॉग को सारकॉप्टिक खुजली हुई है। इस मामले में, आपको आपके हाँथ को धोकर और जितना जल्दी हो सके, अपने डॉग को वेटेरिनेरियन के पास लेकर जाना चाहिए।
    • ये टेस्ट (जिसे पीनल-पेडल रिफ़्लेक्स टेस्ट कहते हैं) काम करता है, क्योंकि सारकॉप्टिक खुजली के ज़्यादातर मामलों में, माइट्स ज़्यादातर डॉग के कान में और उसके आसपास मौजूद रहते हैं। जब आप आपके डॉग के कान को रब करते हैं, तो उसे माइट्स की वजह से एक इरिटेटिंग इचिंग सेन्सेशन फील होता है और वो खुद को स्क्रेच करने की कोशिश करने लगता है।
  4. ध्यान रहे, पीनल-पेडल रिफ़्लेक्स टेस्ट अकेले से सारकॉप्टिक खाज होने या न होने का पता नहीं लग जाता है: भले ही इस टेस्ट से आपके डॉग में इचिंग और सेन्सेशन होने की पुष्टि होती हो, लेकिन ये इसके पीछे की वजह को कंफ़र्म नहीं करता है। सारकॉप्टिक खाज को असल में पहचानना काफी मुश्किल हो सकता है। पीनल-पेडल रिफ़्लेक्स टेस्ट से स्कैबीज़ (scabies) होने का अनुमान लग सकता है, ऐसे मामले में इसका ट्रीटमेंट जल्द से जल्द शुरू हो जाना चाहिए। अगर आपका डॉग थेरेपी को अच्छी तरह से रिस्पोंड करता है, तो इससे उसके इलाज़ के अच्छी तरह से सफल होने की पक्की पुष्टि हो जाती है।
विधि 3
विधि 3 का 4:

खुजली के अलग-अलग प्रकार के बारे में समझना

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  1. सारकॉप्टिक और डेमोडेक्टिक खाज के बीच के अंतर को समझें: डॉग दो तरह के खाज के संपर्क में आ सकते हैं — सारकॉप्टिक खाज और डेमोडेक्टिक खाज। वैसे तो दोनों ही काफी गंभीर हो सकते हैं, लेकिन ये दोनों ही डिसीज अपने लक्षणों (पहला पार्ट देखें) और इसके पीछे की असली वजह के मामले में एक-दूसरे से अलग हो सकती हैं। सारकॉप्टिक खाज एक इन्फेक्शन है, जो इन्फेक्शन वाले किसी दूसरे जानवरों में मौजूद खास तरह के माइट के पास हो जाने की वजह से होता है। डेमोडेक्टिक खाज एक अलग तरह के माइट की वजह से होता है, जो आमतौर पर डॉग की स्किन में ही पाये जाते हैं। जबकि ज़्यादातर डॉग्स इन माइट्स के साथ रहते हैं, कभी-कभी ये माइट बालों को नुकसान और जलन पैदा कर सकते हैं। [७]
    • हालांकि सारकॉप्टिक और जनरलाइज़्ड डेमोडेक्टिक खाज, दोनों की वजह से भी खुजली हो सकती है, लेकिन फिर भी दोनों के बीच में अंतर निकालते आना जरूरी होता है — सारकॉप्टिक खाज पैदा करने वाले माइट्स एकदम तेज, गंभीर खुजली दे सकते हैं, जबकि डेमोडेक्टिक खाज इरिटेट स्किन के पैचेस डेवलप करते हैं, जो फिर जाकर खुजली देने लगते हैं। [८]
    • वैसे तो सारकॉप्टिक खाज अकेले कभी किसी डॉग को नहीं खत्म कर सकती है, लेकिन अगर ये एक सीरियस इन्फेक्शन हो जाए, तो इसकी वजह से डॉग की हैल्थ खराब होने लग जाती है या वो खाना या सोना ही छोड़ देता है, तो अगर यही मामला है, तो ऐसे में फौरन एक वेटेरिनेरी केयर लेने की जरूरत पड़ेगी। ये एकदम जाहिर तौर पर समझ में आने जैसी बात है — एक ऐसा डॉग, जिसे सारकॉप्टिक खाज हुआ है, वो काफी अनहैल्दी नजर आता है।
    • सारकॉप्टिक खाज को कभी-कभी स्कैबीज़ (scabies) के नाम से भी जाना जाता है। [९]
    • डेमोडेक्टिक खाज को डेमोडेक्स भी कहा जाता है। [१०]
  2. लोकेलाइज्ड और जनरलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली के बीच के अंतर को समझें: लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली को हेयर लॉस की वजह से पहचाना जाता है। अगर बिना किसी वजह से (शायद इम्यूनिटी में कमी, एलर्जी या एंडोक्राइन की प्रॉब्लम की वजह से), कंडीशन फैलती है, जिसकी वजह से खाली (बाल्ड) पैचेस बनते जाते हैं, जो बहुत इरिटेटेड (खुजली) और इन्फेक्टेड लगने लगते हैं, जिसकी वजह से खुजली और स्केबिंग पैदा होती है।
    • पपीज में लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली होना बहुत कॉमन है। लगभग 90% मामलों में, लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली एक या दो महीने के अंदर, बिना किसी ट्रीटमेंट के अपने आप गायब हो जाती है। [११] हालांकि, कुछ मामलों में, ये बीमारी बढ़कर एक और भी गंभीर जनरलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली का रूप ले लेती है।
    • वैसे तो डॉग्स को डेमोडेक्टिक खुजली विरासत में नहीं मिलती है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि जिनमें ये जनरलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली होतो है, वो आमतौर पर आनुवांशिक रूप से बीमारी के प्रति अपनी कमजोरी को जन्म देते हैं। [१२]
  3. डेमोडेक्टिक पोडोडर्मटाइटिस के लक्षणों को जितना जल्दी हो सके, समझने की कोशिश करें: पोडोडर्मटाइटिस तीसरे टाइप का डेमोडेक्टिक खाज होता है; कुछ मामलों में, डॉग में डेमोडेक्टिक खाज के कुछ एकदम अलग लक्षण नजर आएंगे, वहीं दूसरों में, सिर्फ फूट इन्फेक्शन बस हुआ होगा। पोडोडर्मटाइटिस का ट्रीटमेंट काफी बड़ा और कोंप्लिकेटेड भी हो सकता है, जिनमें अक्सर एंटिबायोटिक्स का यूज होता है और साथ ही डॉग के पैर को बार-बार मिटाबेन (Mitaban) नाम की दवाई में डुबोया जाता है। [१३] क्योंकि ये ट्रीटमेंट काफी डिफिकल्ट होता है, इस कंडीशन को जल्दी से समझ पाना मुश्किल होता है।
विधि 4
विधि 4 का 4:

शुरुआती ट्रीटमेंट और रोकथाम के लिए कुछ कदम उठाना

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  1. अगर आपको ऐसा शक है, कि आपके डॉग को किसी तरह की खाज हुई है, तो आपको आपके वेटेरिनेरियन से बात कर लेना चाहिए। केवल एक ट्रेन और एक्सपीरियंस वाले वैट ही खाज के टाइप और उसकी गंभीरता के मुताबिक एक सही डाइग्नोस्टिक ट्रीटमेंट तैयार कर सकते हैं। डाइग्नोसिस के आधार पर, फिर वैट खाज को ठीक करने के लिए प्रोपर मेडिकेशन प्रिस्क्राइब करेंगे। जैसे कि खाज को हमेशा ही उसके बहुत गंभीर बनने के पहले ही आसानी से ट्रीट किया जा सकता है, लेकिन अपने पैट को जल्दी से जल्दी वापस नॉर्मल हालात में लाने के लिए, जितना हो सके, उतना जल्दी वेटेरिनेरियन के पास जाना सही रहता है।
    • सारकॉप्टिक खाज होने पर, डेमोडेक्टिक खाज के कम्पेरिजन में ज्यादा जल्दी वेटेरिनेरियन केयर की जरूरत पड़ती है। क्योंकि सारकॉप्टिक खाज में होने वाली खुजली आपके डॉग को बहुत ज्यादा परेशान कर सकती है (और, सबसे जरूरी, ये बहुत जल्दी उसे हैल्थ प्रॉब्लम दे सकती है), इसलिए इसका जल्दी से डाइग्नोसिस और ट्रीटमेंट किया जाना बहुत जरूरी होता है।
    • अगर आपके डॉग को लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खाज हुआ है, तो आप जरा सा टेंशन फ्री रह सकते हैं। क्योंकि ये अक्सर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं, इसलिए इसके लिए एक वेटेरिनेरियन की जरूरत नहीं होती है, हालांकि अगर आप चाहें तो अपने मन को शांति देने के लिए एक बार वेटेरिनेरियन के पास जरूर जा सकते हैं और छिपी हुई किसी दूसरी कंडीशन के बारे में भी पता लगा सकते हैं।
  2. डॉग की बेडिंग (बिस्तर), कॉलर, और बाकी की चीजों को रिप्लेस कर दें: खाज-खुजली के मामले में ( खासकर सारकॉप्टिक खाज, जो कि संक्रामक होती है), ऐसी हर एक चीज़, जो आपके डॉग के बालों या स्किन के कांटैक्ट में आई हो, उसे फौरन ही धोना या रिप्लेस ही कर दिया जाना चाहिए। इसमें बेडिंग, कॉलर, लीश (पट्टा), हार्नेस (रस्सी), डॉगहाउस और ब्रशेस या क्लीनिंग प्रोडक्ट शामिल हैं। इन्हें साफ करने की जरूरत तब और भी ज्यादा हो जाती है, जब आपके घर में मौजूद दूसरे पालतू जानवरों को खाज न हुआ हो।
    • फ़ैब्रिक ऑब्जेक्ट के लिए, उन्हें ब्लीच या बोराक्स (borax) से धो लें और उन्हें सबसे हाइ सेटिंग पर सुखा लें। हार्ड ऑब्जेक्ट्स और सर्फ़ेस के लिए, एक हॉस्पिटल-ग्रेड डिसइन्फेक्टेंट का यूज करें। अब जब तक खाज पूरी तरह से गायब न हो जाए, तब तक इसे रोजाना रिपीट करते रहें।
  3. जैसा कि ऊपर भी बताया गया है, कि ऐसे डॉग्स जिन्हें डेमोडेक्टिक खाज का सीरियस इन्फेक्शन हुआ है, उनका इम्यून सिस्टम इतना कमजोर हो जाता है, जो उन्हें उनके पैरेंट्स से मिले होते हैं। इसकी वजह से, ऐसे डॉग्स के मालिक, जिसे काफी गंभीर, लंबे वक़्त से या ट्रीट कर पाने मेन मुश्किल टाइप का डेमोडेक्टिक खाज हुआ है, उन्हें आमतौर पर अपने डॉग को ब्रीड नहीं करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ऐसे डॉग्स, जिन्हें माइनर, लोकेलाइज्ड डेमोडेक्टिक खुजली हुई हो, उनके लिए ब्रीडिंग करना ठीक माना जाता है, खासकर अगर उसे खुजली तब हुई हो, जब कि डॉग काफी छोटा रहा हो और वो अपने आप ही क्लियर हो चुका हो।
    • हालांकि, इसके ज्यादा कोई मायने नहीं होते, कुछ वेटेरिनेरियन आपको ऐसे डॉग्स को ब्रीड नहीं करने देने की सलाह देते हैं, जिन्हें किसी भी तरह का डेमोडेक्टिक खाज हुआ हो। [१४] अगर आपको समझ नहीं आ रहा है, कि डॉग को ब्रीड करने देना चाहिए या नहीं, तो सलाह के लिए एक ऐसे वैट से बात कर लें, जो आपको और आपके डॉग को बहुत अच्छे से जानते हों। आमतौर पर, इस तरह के एक वैट आपको कुछ ऐसी चीज़ें करने के बारे में जानकारी दे देंगे, जिन्हें आपको ध्यान में रखकर चलना है और साथ ही फ्यूचर पपी की हैल्थ के लिए भी जरूरी है।
  4. अपने डॉग को सारकॉप्टिक खाज हुए किसी डॉग से दूर रखें: क्योंकि सारकॉप्टिक खाज बहुत आसानी से फैल जाते हैं, इसलिए दूसरे पैट्स और जानवरों के इस खतरनाक बीमारी से बचे रहने के लिए, आपको उनके दूर रहने की पुष्टि करना जरूरी हो जाता है। अगर आपके डॉग को सारकॉप्टिक खाज हुआ है, तो उसे फौरन बाकी के जानवरों से अलग कर दें। [१५] उसे, उनके पास सोने, खाने या खेलने भी न दें। अगर आपको लगता है, कि आपके पड़ोसी के डॉग को सारकॉप्टिक खाज हुई है, तो अपने पैट्स को उसके करीब न जाने दें। जब खाज पूरी तरह से गायब हो जाए, फिर डॉग को दूसरे जानवरों के साथ हमेशा की तरह खेलने देना शुरू कर दें।
    • ध्यान रखें, कि डेमोडेक्टिक खाज का कोई भी प्रकार, दूसरे जानवरों या ह्यूमन्स के लिए संक्रामक नहीं होता है। बहुत कम मामलों में, ये बीमारी शायद ही दूसरे डॉग्स के लिए संक्रामक होती है। हालांकि, लक्षण गंभीर होने पर भी बचाव के उपाय, आमतौर पर नहीं किए जाते हैं। [१६]
  5. सारकॉप्टिक खाज से जुड़े हुए रिस्क फ़ैक्टर्स को समझें: सारकॉप्टिक खाज बहुत ज्यादा संक्रामक होती है और ये आमतौर पर किसी प्रभावित डॉग से किसी दूसरे तक फैल जाती है। अक्सर इससे प्रभावित डॉग शायद ही इस बीमारी के किसी लक्षण को दिखाता है। सारकॉप्टिक खाज एक माँ से उसके पपीज़ तक फैल जाती है और ये ऐसी भीड़ वाली जगहों पर होने वाली सबसे कॉमन कंडीशन है, जहां पर डॉग्स की ज्यादा अच्छी तरह से देखभाल न की जाती हो, जैसे कि पपी मिल्स, बोर्डिंग केनल्स और शेल्टर्स। [१७] हालांकि, एक डॉग खुजली वाले किसी जानवर के कांटैक्ट में आए बिना भी, खुजली वाले ऐसे माइट्स के कांटैक्ट में आ सकता है: माइट्स लगभग चार से 21 दिनों तक, लगभग 50-59 F (10-15 C) टेम्परेचर में भी अपने होस्ट से दूर जिंदा रह सकते हैं और ये 68-77 F (20-25 C) टेम्परेचर में दो से छह दिनों तक रह सकते हैं।
    • एक डॉग ब्लैंकेट या टॉवल जैसे ऐसे किसी भी ऑब्जेक्ट से भी खाज को कैच कर लेता है, जिसे किसी प्रभावित एनिमल के ऊपर यूज किया गया हो। इसी तरह, ऐसे ग्रूमिंग सलोन, जहां पर क्लिपर्स, टॉवल्स और केजिंग जैसे चीजों की रेगुलर साफ-सफाई का बहुत ज्यादा ध्यान न रखा जाता हो, ये भी बीमारी फैलाने में अपना योगदान दे सकते हैं। [१८]
    • जैसे कि फॉक्स (लोमड़ी) जैसे वाइल्ड एनिमल्स को भी सारकॉप्टिक खाज हो सकती है, इसलिए वाइल्डलाइफ एरिया में अपने डॉग को लेकर जाना भी उसे स्कैबीज़ का सामने ले जाता है।

चेतावनी

  • अगर डॉग का इलाज नहीं किया जाए, तो किसी भी प्रकार की खुजली से डॉग के लिए गंभीर नुकसान पहुँच सकता है। अगर आपको आपके डॉग में किसी भी तरह के खाज होने का शक है, तो जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी उसे वेटेरिनेरियन के पास लेकर जाएँ।

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