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ड्राइविंग दुनिया में सबसे ज्यादा काम आने वाला हुनर है। लेकिन ड्राइविंग शुरू करने से पहले यह जान लें कि ड्राइविंग आपका अधिकार नहीं बल्कि आपका कर्तव्य है। इसलिए चाबी लगाकर गाड़ी स्टार्ट करने से पहले आपको यह सीखना होगा कि कैसे एक जिम्मेदार ड्राइवर बना जाए। ड्राइविंग से जुड़े सारे नियम और निर्देश आपको शुरुआत में कठिन लग सकते हैं, लेकिन जब आप रोज़ थोड़ा-थोड़ा सीखेंगे, तो आप कुछ ही समय में अच्छे से ड्राइविंग सीख जाएंगे। ड्राइविंग कैसे करें यह सीखने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
चरण
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अपने क्षेत्र के ड्राइविंग के नियमों को जानें: इससे पहले कि आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जाएं, एक जिम्मेदार ड्राइवर होने के नाते यह जरूरी है कि आप ड्राइविंग से जुड़े नियमों से अवगत हों और आपको सुरक्षा निर्देशों की जानकारी होना चाहिए। इससे पहले कि आप रोड पर गाड़ी को ले जाकर कोई ग़लती करें, यह बहुत उचित रहेगा कि आप ड्राइविंग से जुड़े नियमों को जान लें। ड्राइविंग से जुड़े नियमों से अवगत होने के लिए नीचे पढ़ें:
- स्थानीय विभाग द्वारा दी जाने वाली ड्राइवर हैंडबुक को पढ़ें, जिसमें गाड़ी चलाने के जरूरी नियम और निर्देश दिए हुए होते हैं। यह हैंडबुक आपको ऑनलाइन आरटीओ (RTO) की वेबसाइट पर मिल जाएगी। अगर आपको इसमें मौजूद नियमों की जानकारी नहीं होगी, तो आपको लाइसेंस नहीं मिल पाएगा।
- कुछ बुनियादी नियम और सुरक्षा से जुड़ी हुई आम जरूरी बातें, जिनका जानना सबके लिए जरूरी है, वह यह हैं: पैदल चलने वालों के लिए रुकें, यातायात सूचक चिन्हों का पालन करें, सीमित गति में गाड़ी चलाएं, इमरजेंसी सामान साथ रखें और अपनी सीट बेल्ट पहनें।
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अपना लर्निंग लाइसेंस बनवाएं: आप अपने लर्निंग लाइसेंस की मदद से किसी बड़े की देखरेख में गाड़ी चला सकते हैं। इसकी जानकारी लें कि आपके देश में कितनी उम्र में लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन दे सकते हैं और इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा। भारत में लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। यहां पर उसके कुछ निर्देश दिए गए हैं:
- अगर आपकी आयु 16 से 18 वर्ष के बीच में है, तो नए नियमों के हिसाब से अब आपको भारत में माइनर ड्राइविंग लाइसेंस (Minor Driving License) मिल सकता है, जिसके तहत अब आप बिना किसी रोक-टोक के, 100 सीसी तक की बिना गियर की टू व्हीलर गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं।
- इस लाइसेंस को लेने के लिए आपको एक टेस्ट पास करना होगा।
- इस टेस्ट से आपको यह साबित करना होता है कि आप रोड पर गाड़ी चलाने के सारे नियमों से वाक़िफ़ हैं।
- आप लर्निंग लाइसेंस या माइनर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले रोड पर गाड़ी चलाने के सारे नियमों से वाक़िफ़ हो जाएं और थोड़ा बहुत गाड़ी चलाने का अभ्यास कर लें।
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ड्राइविंग का अभ्यास करें: लर्निंग लाइसेंस मिलने के बाद अब इस बात की आवश्यकता है कि आप अपनी ड्राइविंग की कला में महारत हासिल करें। इससे पहले कि आप अपनी कार को हाईवे पर लेकर जाएं, आपको ड्राइविंग की महारत हासिल करने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होगी। संयम और धैर्य बरतें और हर रोज कुछ समय के लिए गाड़ी को ड्राइविंग के लिए लेकर जाएं। शुरुआत में कोई भी ड्राइविंग में दक्ष नहीं होता। यहां पर आपके लिए कुछ सलाह दी गई हैं:
- किसी भरोसेमंद बड़े के साथ ड्राइविंग की प्रैक्टिस करें: ड्राइविंग के लिए किसी जिम्मेदार बड़े को साथ लें, जो बिना झुंझलाए आपको निर्देशित कर सके। नियमों के हिसाब से उस व्यक्ति को अपना लाइसेंस लेकर आपके साथ वाली सीट पर बैठना होगा।
- किसी खाली और सुरक्षित जगह पर ड्राइविंग की प्रैक्टिस करें, जैसे पार्किंग की खाली जगह आदि। इससे आपको अंदाजा हो सकेगा कि आपकी कार किस तरह गति पकड़ती है, उसके ब्रेक किस तरह काम करते हैं और आमतौर पर किस तरह से कार को चलाया जाए। हर कार कुछ अलग होती है, इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी कार पर पूरी तरह महारत हासिल कर लें।
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गाड़ी में जरूरी बदलाव करें: इससे पहले कि आप कार को ड्राइविंग पर लेकर जाएं, यह बहुत जरूरी है कि गाड़ी के कांचों और सीट को आपके अनुकूल सेट कर लिया जाए। यह काम गाड़ी ड्राइव करने से पहले किया जाए, ना की गाड़ी चलाते समय, ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि आप सुरक्षित हैं और आपका पूरा ध्यान गाड़ी को चलाने की ओर केंद्रित है। नीचे दिए स्टेप को पढ़कर आप जान सकते हैं कि आपको क्या-क्या करना होगा:
- अपने रियर-व्यू (rearview) और साइड वाले मिरर्स (mirrors) की जांच करें और उनमें जरूरत के हिसाब से बदलाव करें। इस बात को सुनिश्चित करें कि आप गाड़ी के दाएं, बाएं और पीछे अच्छी तरह से देख पा रहे हैं। कभी भी गाड़ी चलाते समय मिरर्स (mirrors) को सेट नहीं करना चाहिए, इससे आपका ध्यान भटक सकता है।
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ड्राइविंग पर जाने से पहले इस बात को सुनिश्चित करें कि आप और आपकी कार पूरी तरह ठीक ठाक है: इससे पहले कि आप जाकर गाड़ी का स्टेरिंग संभालें, यह बहुत जरूरी है कि आपका शरीर और आपकी गाड़ी रोड पर जाने के लिए तैयार हो। नीचे दिए स्टेप को पढ़कर आप जान सकते हैं कि आपको क्या-क्या करना होगा:
- सारे दरवाजे लॉक करें। ऐसा करने से आप अनचाहे लोगों, जैसे चोर डाकुओं से सुरक्षित रहेंगे और गाड़ी की टक्कर होने के समय दरवाजा खुलने की संभावना कम हो जाएगी। [१] X रिसर्च सोर्स
- सीट बेल्ट लगाएं। आप जहां पर भी रहते हों, ज्यादा संभावना यही है कि वहां पर सीट बेल्ट लगाने का नियम जरूर होगा। यह नियम तोड़ने पर आपको सजा और जुर्माना तो होगा ही, लेकिन इसके साथ-साथ हादसा होने पर आप के घायल होने की संभावना भी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।
- कार के डेश-बोर्ड (dashboard) पर नजर डालें। इस बात को सुनिश्चित करें कि आपकी कार ड्राइविंग के लिए पूरी तरह ठीक-ठाक है और डेश-बोर्ड पर कोई भी लाइट जलती हुई नजर ना आए। जो इस बात का संकेत देती है कि आपकी कार को मरम्मत की जरूरत है।
- सीट को आपके अनुकूल सेट करें और इस बात को सुनिश्चित करें कि आप आसानी से पेडल्स (pedals) तक पहुंच पा रहे हैं और रोड को सही से देख पा रहे हैं।
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भ्रमित करने वाली चीजों को हटाएं: इससे पहले कि आप गाड़ी के एक्सीलेटर (accelerator) पर पैर रखें, सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि भ्रमित करने वाली चीजों को हटा दिया जाए। ऐसी चीजों को फौरन हटा दिया जाए जो आपको ड्राइविंग की तरफ ध्यान केंद्रित नहीं करने देती। यहां पर कुछ उपाय बताए गए हैं:
- अपने मोबाइल फोन को अलग रखें। अगर आप अपने किसी दोस्त से चैटिंग कर रहे हैं, तो ऐसे समय पर गाड़ी ड्राइव ना करें। बातचीत को यह कहकर खत्म करें कि मैं अभी गाड़ी ड्राइव कर रहा हूँ, इसलिए आपसे बाद में बात करूंगा। अगर आपका फोन ड्राइविंग में बार-बार बाधा पैदा कर रहा है, तो आप इसको स्विच ऑफ भी कर सकते हैं।
- म्यूजिक की आवाज़ कम करें। सुख, शांति और शीतल म्यूजिक सुनें, जिससे आप ड्राइविंग पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
- अगर आपको बालों में कंघा करना है या मेकअप करना है, तो ड्राइविंग करते समय यह काम ना किए जाएं, बल्कि यह सारे काम गाड़ी स्टार्ट करने से पहले ही कर लिए जाएं।
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अपनी कार को स्टार्ट करें: अपनी कार को स्टार्ट करने के लिए आपको बताए हुए स्टेपों का, सही क्रम में पालन करना होगा:
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2कार में चाबी लगाएं और उसको घुमाएं: चाबी घुमाने पर आपको कार के स्टार्ट होने की आवाज आना चाहिए।
- अपना पांव ब्रेक पर रखें।
- हैंडब्रेक (handbrake) को हटाएं।
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कार का गियर डालें: क्योंकि आप ऑटोमेटिक कार चला रहे हैं, तो इसमें सिर्फ दो गियर होंगे, आगे बढ़ाने के लिए (D) ड्राइव (Drive) और पीछे करने के लिए (R) रिवर्स (Reverse), आपको कौन सा गियर डालना है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने गाड़ी को किस तरह पार्क किया था।।
- अगर आपको आपकी गाड़ी आगे की ओर चलाना है, तो आपको आपकी गाड़ी को ड्राइव (Drive) पर करना होगा।
- अगर आपको आपकी गाड़ी पार्किंग या किसी और काम के लिए पीछे की ओर चलाना है, तो आपको आपकी गाड़ी को रिवर्स (Reverse) में करना होगा।
- अगर आपको आपकी गाड़ी रिवर्स करना है, तो सबसे पहले रियर-व्यू मिरर (rearview mirror) चेक करें और पीछे देखने के लिए एक हाथ पास वाली सीट पर रखकर सर को घुमाएं।
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अपना पैर ब्रेक पर से हटाएं, जिससे आपकी कार चलना शुरू हो जाएगी: मुबारक हो! अब आप अपनी कार ड्राइव कर सकते हैं।
- अब आराम से अपना पैर एक्सीलरेटर पर रखें।
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अपनी कार को गति दें: आप अपनी कार को स्पीड लिमिट (speed limit) पर पहुंचने तक गति दे सकते हैं। अगर आप हाईवे पर ड्राइव कर रहे हैं, तो आपको हाईवे की स्पीड लिमिट से अवगत होना चाहिए, लेकिन ट्रैफिक की स्पीड से गाड़ी चलाना उचित रहेगा।
- अगर आपके आसपास चलने वाली गाड़ियां ट्रैफिक की वजह से स्पीड लिमिट से कम गति पर चल रही हैं, तो अपनी गाड़ी को भी उसी रफ्तार पर चलाएं, ताकि आप उनसे टकरा ना जाएं।
- अगर आपके आसपास चलने वाली गाड़ियां स्पीड लिमिट से ज्यादा की रफ्तार पर चल रही हैं, तो आपको नियम नहीं तोड़ना चाहिए। लेकिन आप गाड़ी की थोड़ी रफ्तार बढ़ा सकते हैं, ताकि पीछे चलने वाली गाड़ियों की गति आपकी वजह से कम ना हो।
- इस बात का ध्यान रखें कि गाड़ी को कम रफ्तार पर चलाना उतना ही खतरनाक है, जितना खतरनाक गाड़ी को तेज रफ्तार पर चलाना है।
- बहुत आराम से गाड़ी की रफ्तार बढ़ाएं। एक्सीलरेटर को एकदम से ना दबाया जाए, नहीं तो गाड़ी आपकी उम्मीद से भी तेज रफ्तार पर चल पड़ेगी। इस बात का ध्यान रखें कि हर गाड़ी की रफ्तार का अनुपात अलग होता है।
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अपनी कार का स्टेरिंग अच्छे से संभालें: स्टेरिंग को सही तरीके से संभालने पर आप से गाड़ी सही तरह चलेगी और गाड़ी को टक्कर से बचाने में भी यह बहुत मददगार साबित होगा। अपनी कार के स्टेरिंग को सही तरीके से नियंत्रण करने से, आप आपकी गाड़ी को मोड़ कर बहुत आसानी से सही जगह पर ला सकते हैं। यहां पर स्टेरिंग को अच्छे से नियंत्रण करने के कुछ उपाय दिए गए हैं:
- इस बात को सुनिश्चित करें कि हमेशा आपके दोनों हाथ स्टेरिंग पर मौजूद हों।
- अपनी सुविधा के हिसाब से स्टेरिंग पर अपने हाथ घड़ी के 8:00 और 4:00 वाली जगह पर, या इससे थोड़ा ऊपर 9:00 और 3:00 बजे, या फिर 10:00 और 2:00 बजे वाली जगह पर रख सकते हैं। इन पोजीशनों पर हाथ रखकर आप आसानी से स्टेरिंग घुमा सकते हैं और गाड़ी को तेजी से मुड़ने से रोक सकते हैं।
- गाड़ी को मोड़ते समय, मोड़ की तरफ वाले हाथ को स्टेरिंग के साथ नीचे लाया जाए, जबकि दूसरे वाले हाथ को स्टेरिंग के साथ ऊपर उठाया जाए।
- कम रफ्तार पर तीखे मोड़ काटने के लिए आपको हाथों को घुमाना होगा। यह करने के लिए आपको ऊपर उठने वाले हाथ को घुमाकर नीचे जाने वाले हाथ के ऊपर लाना होगा, ताकि पहियों को मोड़ के हिसाब से घुमाया जा सके। [२] X रिसर्च सोर्स
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गाड़ी के ब्रेकों को समझें: आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आपकी गाड़ी अलग-अलग गति पर कितने समय में, कितने दूर जाकर रुकती है।
- हमेशा सामने वाली कार और अपनी कार के बीच में, एक कार की दूरी बनाकर ही ड्राइव करें। अगर किसी वजह से रोकने की नौबत आ जाए, तो ऐसा करने से आप सामने वाली कार से टकराने से बच जाएंगे।
- तेज गति से ड्राइव करते समय आपको दोनों कारों के बीच में इससे भी ज्यादा दूरी बनाकर रखनी चाहिए, ताकि आप सुरक्षित रूप से रुक सकें। इसलिए 2 सेकंड वाले नियम को हमेशा याद रखें, इस नियम के मुताबिक आपको सामने वाली गाड़ी से हमेशा कम से कम 2 सेकंड की दूरी बनाकर रखनी चाहिए, ताकि आप सुरक्षित तरीके से उसके पीछे चल सकें। मौसम और रोड की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा।
- इमरजेंसी की स्थिति होने के अलावा, कभी भी अपनी गाड़ी को एकदम से नहीं रोकना चाहिए। ऐसा करने से आपके पीछे चलने वाली गाड़ी आपकी कार के पिछले हिस्से से टकरा सकती है।
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सही ढंग से सिग्नल दें: इस बात को ध्यान रखें कि आपके पीछे चलने वाला व्यक्ति आपका दिमाग नहीं पढ़ सकता। जब तक आप सिग्नल नहीं देंगे, तब तक वह व्यक्ति किसी भी तरह नहीं जान सकता कि आप किस तरफ मुड़ने वाले हैं। आपको इन स्थितियों में सिग्नल देना चाहिए: [३] X रिसर्च सोर्स :
- दाएं बाएं मुड़ने से 100 फिट पहले।
- इस बात को सुनिश्चित करें कि लेन (lane) बदलने से 5 से 6 सेकंड पहले सिग्नल दे दिया जाए।
- पार्किंग में गाड़ी ले जाते या निकालते समय सिग्नल दें।
- रास्ता बदलते समय।
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लाइटों का इस्तेमाल करें: आपकी कार की लाइट आपको अच्छे से देखने में मदद करती है और आपको खतरे से बचाती है। आपको अंधेरा, बारिश और कोहरा होने के समय इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
- इसके लिए एक आसान सा नियम हमेशा याद रखें, "जब भी आपको लगे कि क्या मुझे लाइट ऑन करनी चाहिएं?" तो हमेशा इसका जवाब हां होना चाहिए।
- रास्ते में आती-जाती दूसरी कारों की लाइटों को देखें। अगर ज्यादातर कारों की लाइटें ऑन हैं, तो आप भी आपकी कार की लाइट ऑन कर लें।
- इस बात को ध्यान रखें कि कुछ कारों में इस प्रकार की लाइट होती हैं, जो खास परिस्थितियों में ऑटोमेटिक ऑन या ऑफ हो जाती हैं। अगर आपके पास इस तरह की कार नहीं है, तो कार को पार्क करते समय लाइट को ऑफ करना ना भूलें, ऐसा ना करने पर आपकी कार की बैटरी लो (low) हो सकती है।
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वाइपर्स (wipers) का इस्तेमाल करें: सबसे पहले समझे कि आपकी गाड़ी के वाइपर किस तरह काम करते हैं। आप गाड़ी के वाइपर्स को बारिश के हिसाब से अलग-अलग गति पर सेट कर सकते हैं।
- इस बात को जान लें कि बहुत सी जगहों पर वाइपर्स को किसी भी गति पर चलाते समय, गाड़ी की हेडलाइट को ऑन रखना जरूरी होता है।
- बहुत सी गाड़ियों के वाइपर्स काम करते समय गाड़ी पर पानी भी छोड़ते हैं, ताकि विंडशील्ड (windshield) पर मौजूद धूल और धब्बे साफ हो जाएं।
- अगर आपकी गाड़ी के वाइपर्स टूट गए हैं, तो गाड़ी ड्राइव ना करें। बिना वाइपर्स के तूफान में गाड़ी ड्राइव करना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
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एक अनुभवी की तरह लेन (lane) बदलें: सही और सुरक्षित तरीके से लेन बदलने के लिए नियमों का पालन करें। नियमों को ध्यान में रखने के लिए (S.M.O.G.) शब्द को याद रखा जाए। [४] X रिसर्च सोर्स
- जिसमें S का मतलब: SIGNAL (सिग्नल) है, यानी आप आसपास मौजूद कारों को सिग्नल देकर बताएं कि आप लेन बदल रहे हैं।
- M का मतलब है कि: अपने मिरर (MIRROR) देखें कि कोई आ तो नहीं रहा।
- O का मतलब है: OVER-THE-SHOULDER, यानी मुड़कर देखें कि क्या लेन बदलना सुरक्षित है।
- G का मतलब है: GO, यानी जाएं।
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कार को सही तरीके से पार्क करें: जब आप अपनी मंज़िल पर पहुंच जाएं, तो आपको इंजन बंद करके अपनी कार को सुरक्षित तरीके से पार्क करना होगा। गाड़ी पार्क करना जानने के लिए नीचे पढ़ें:
- पार्किंग के लिए सही जगह चुनें और फिर ब्रेक लगाकर कार को रोकें।
- "Park" गियर डालें।
- इंजन बंद करें।
- पार्किंग ब्रेक खींचें।
- अगर गाड़ी की लाइट ऑन हैं, तो इन्हें ऑफ करें।
- गाड़ी को सुरक्षित रखने के लिए, उसे लॉक करें।
- कार से बाहर निकलें और इस बात को सुनिश्चित करें कि कार सही तरीके से खड़ी है।
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इस बात को ध्यान में रखें कि कुछ बुनियादी नियम ऑटोमेटिक और मैनुअल दोनों कारों पर लागू होते हैं: हालांकि दोनों कारों के बीच के अंतर पर यहां बात की जाएगी, लेकिन बहुत से बुनियादी नियम दोनों तरह की कारों पर लागू होते हैं। वह नियम यह हैं:
- ड्राइविंग करने से पहले आपको जो जरूरी कदम उठाना होंगे वह यह है कि अपने मिरर्स को सेट करें और भ्रमित करने वाली चीजों को हटाएं।
- सही तरीके से सिग्नल देने के नियमों को जानें।
- लेन (Lane) बदलने के नियमों को जानें।
- लाइट और वाइपर्स का समय पर इस्तेमाल करें।
- स्टेरिंग पर हाथ रखना सीखें।
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कार को नियंत्रण करना सीखें: ज्यादातर लोग इस बात पर सहमत हैं कि मैनुअल कार को ड्राइव करना ऑटोमेटिक कार के मुकाबले मुश्किल होता है, क्योंकि इसको चलाते समय हमें कुछ और बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि मैनुअल कार को ड्राइव करने में मजा आता है और संतुष्टि भरा अनुभव होता है। क्योंकि इसको चलाते समय आपका दिमाग ज्यादा कार्यरत होता है। अगर आपके पास मैनुअल कार है, तो आपको कार को ड्राइव करने के लिए दो और चीजों को जानना होगा। वह चीजें यह हैं:
- क्लच (Clutch) : क्लच इंजन से बाहर ऊर्जा के संचालन को नियंत्रित करता है। क्लच को दबाने से इंजन से ऊर्जा का संचालन होना रुक जाता है और इस पर से पैर हटाकर पिछली स्थिति पर लाने से, इंजन से ऊर्जा का संचालन पहले की ही तरह शुरू हो जाता है। क्लच दबाते ही आपकी गाड़ी न्यूट्रल हो जाती है, भले ही वह किसी भी गियर में हो और क्लच पर से पैर हटाते ही गाड़ी न्यूट्रल से मौजूदा गियर में वापस आ जाती है।
- शिफ्टर (The shifter) : गियर बदलने के लिए एक स्टिक (Stick) को सरकाना होता है। इस स्टिक के कई अलग-अलग नाम हैं, जैसे गियर स्टिक (gear stick), शिफ्ट स्टिक (shift stick), गियर शिफ्ट (gearshift), गियर लीवर (gear lever), गियर सिलेक्टर (gear selector), और शिफ्टर (shifter) आदि। हर गाड़ी में गियर्स की संख्या और इनका पैटर्न अलग-अलग होता है, लेकिन आमतौर पर “N” से न्यूट्रल (neutral) गियर होता है और फिर 1 से 5 या 1 से 6 के साथ रिवर्स के लिए “R” गियर होता है।
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कार को स्टार्ट करें: ऑटोमेटिक कार के मुकाबले मैनुअल कार को स्टार्ट करना थोड़ा सा मुश्किल होता है। इसके लिए आपको थोड़ा बहुत अनुभव होना जरूरी है। अगर आप कार को स्टार्ट करने जा रहे हैं, तो परेशानी से बचने के लिए इस बात को सुनिश्चित करें कि आप खुले हुए अलग स्थान पर हैं। इसका तरीक़ा जानने के लिए नीचे पढ़ें:
- इसकी शुरुआत क्लच पर पैर रखकर करें। ज्यादातर मैनुअल कारें स्टार्ट नहीं होतीं, जब तक कि क्लच पर पैर ना रखा जाए।
- जब आप कार को स्टार्ट कर चुकें, तो अपना पैर ब्रेक पर रखें और इमरजेंसी ब्रेक हटाएं।
- अगर आपको आगे बढ़ना है, तो गाड़ी 1 (पहले) गियर में डालें। अगर आपको गाड़ी रिवर्स में लेना है, तो रिवर्स के लिए ("R") गियर डालें।
- धीरे-धीरे क्लच से पैर हटाएं और धीरे-धीरे रेस पैडल को दबाएं।
- आप इंजन की आवाज को सुन सकेंगे और क्लच पर से पैर हटाने पर इंजन की आवाज बदल जाएगी। अगर कार बिना झटका लिए आगे बढ़ती है, तो मुबारक हो! आपने सब कुछ सही ढंग से करा है। आपने कार को सही तरीके से स्टार्ट कर लिया है और अब आप पहले गियर में ड्राइव कर रहे हैं।
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अपनी गति के हिसाब से गियर बदलें: जैसे-जैसे आपकी स्पीड बढ़ती जाए, तो पहले गियर से बड़े गियर की तरफ जाएं। गियर बदलने से पहले इन बातों को ध्यान में रखें:
- आपको गियर इस क्रम में बदलने होंगे। सबसे पहले क्लच दबाएं और फिर गियर लीवर की मदद से गियर बदलें। अब धीरे-धीरे क्लच पर से पैर हटाएं और रेस पैडल को धीरे-धीरे दबाएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि क्लच और रेस पेडल के बीच में एक संतुलन बना रहे। यह गाड़ी में ठीक उसी तरह काम करते हैं, जिस तरह सी-सॉ (see-saw) झूला काम करता है। जब एक ऊपर जाता है, तो दूसरा नीचे आता है।
- बहुत आराम से रेस पेडल दबाने से और साथ ही साथ धीरे-धीरे क्लच पर से पैर हटाने से आप बहुत सटीकता से गियर बदल सकते हैं। यह सब सीखने में समय लगता है, लेकिन एक बार जब आप इस काम में अनुभवी हो जाते हैं, तो यह आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
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तेज गति के लिए बड़े गियर डालें: हर कार की अलग-अलग गियर में अलग-अलग गति सीमा होती है। आपको कोई भी बता देगा कि कितने RPM पर आपको कौन सा गियर डालना है।
- अपनी कार को समझें और महसूस करें कि क्या अब इंजन को दूसरे गियर की जरूरत है।
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सही तरीके से ब्रेक लगाएं: ब्रेक लगाते समय क्लच दबाएँ और गाड़ी को न्यूट्रल करें। कार को न्यूट्रल करने पर आप इस बात को सुनिश्चित कर सकेंगे कि अब इंजन गाड़ी को पावर नहीं दे रहा है और अब आप ब्रेक पर से बे-झिझक पैर हटा सकते हैं।
- आप गाड़ी की गति कम करके उसका ईंधन बचा सकते हैं और इससे ब्रेक भी ज्यादा समय तक चलते रहेंगे। लेकिन यह सब सीखने में वक्त लगेगा, इसलिए शुरुआत में ब्रेक का ही इस्तेमाल करें।
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अपनी कार को पार्क करें: जब आपको आपकी कार पार्क करने के लिए सही जगह मिल जाए, तो इन जरूरी नियमों को ध्यान में रखते हुए कार को पार्क किया जाए। वह जरूरी नियम यह हैं:
- अपनी कार को गियर में ही रखें, ना कि न्यूट्रल। कार को रिवर्स या फिर पहले गियर में खड़ा किया जाए। अगर आप कार को न्यूट्रल में रखेंगे, तो कार एक जगह नहीं ठहर पाएगी।
- अब गाड़ी से चाबी को निकाल लें।
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लाइसेंस बनवाने के लिए जरूरी नियमों का पालन करें: पहले आपको लर्निंग लाइसेंस मिलेगा, फिर आपको कुछ अवधि के बाद परमानेंट लाइसेंस दिया जाएगा, ताकि इस समय के बीच में आप कार ड्राइव करने में अनुभवी हो जाएं। कुछ जगहों पर लर्निंग लाइसेंस के बाद परमानेंट लाइसेंस लेने की अवधि छह माह होती है। लाइसेंस मिलने के बाद आपको अनुमति होती है कि आप जब चाहें एक या एक से अधिक लोगों को बिठा कर कार ड्राइव कर सकते हैं। लाइसेंस लेने के लिए अपने क्षेत्र के हिसाब से आपको इन नियमों को ध्यान में रखना होगा:
- लिखित टेस्ट दें।
- एक छोटा सा ड्राइविंग टेस्ट पास करें। जिसके अंदर यह जांच की जाएगी कि आप ड्राइविंग में कितने माहिर हैं। इस टेस्ट के अंदर कार को पेरेलल पार्क (parallel park) करके और K-turn लेकर दिखाना होता है।
- वीज़न (vision) टेस्ट पास करें।
- देखें कि आपके क्षेत्र में लाइसेंस का आवेदन देने के लिए आयु की सीमा कितनी है और आपको किन-किन डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होगी।
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इस बात का ध्यान रखें कि ड्राइविंग एक जिम्मेदारी है: लाइसेंस लेने के लिए सारी जरूरी कार्यवाही करने के बाद ज़रूरी है कि एक सजग और जिम्मेदार ड्राइवर बना जाए। अगर आप नियमों का पालन करते हुए ड्राइव नहीं करेंगे, तो आपको मिला ड्राइविंग का अधिकार रद्द कर दिया जाएगा और आपको कानूनी उलझनों का सामना भी करना पड़ सकता है। जब आप एक लाइसेंस युक्त ड्राइवर बन जाएं, तो यहां बताई गई कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखें:
- हमेशा सुरक्षा को प्राथमिकता दें। आपको मौज मस्ती से ज़्यादा सुरक्षा को प्राथमिकता देना चाहिए। ऐसा कोई भी काम ना करें जिसमें आपको सुरक्षा से समझौता करना पड़े, जैसे एक साथ 7 लोगों को कार में बैठाना, सीट बेल्ट बिना लगाए गाड़ी ड्राइव करना, या इधर-उधर ध्यान लगाकर गाड़ी ड्राइव करना।
- आप अपनी ड्राइविंग की महारत को जब चाहें सुधार सकते हैं। इन चीजों को ध्यान में रखें जिनमें आपको सुधार करने की जरूरत है, जैसे सही तरह से मुड़ना और सही समय पर सिग्नल देना या अपनी ड्राइविंग में दूसरी कमियों को दूर करना।
- अपने साथ मौजूद यात्रियों को सुरक्षित रखें। कार स्टार्ट करने से पहले इस बात को सुनिश्चित करें कि यात्री उचित व्यवहार कर रहे हैं। अगर वह कार से बाहर हाथ निकाल रहे हैं, या सीट बेल्ट नहीं पहन रहे हैं या दूसरे नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो कार को स्टार्ट ना करें।
सलाह
- दूसरों की ड्राइविंग देखें और उनसे इससे जुड़े सवाल करें। हालांकि खुद से ड्राइव करने से बेहतर कुछ भी नहीं, लेकिन नियम और तकनीक जानने के लिए यह एक अच्छा मौका साबित हो सकता है।
- जब आसपास मौजूद ड्राइवर असुरक्षित ढंग से गाड़ी को ड्राइव करें या तेज गति से ड्राइव करें, तो ऐसे मौके पर उन्हें आगे निकल जाने दें।
- अपने आगे मौजूद गाड़ियों और लोगों का खास ख्याल रखें, देखें कि कहीं कार में ड्राइवर की तरफ से कोई बाहर तो नहीं निकल रहा, साईकिल, सड़क या उसके आसपास खेलते हुए बच्चों का ध्यान रखें और रुकने के लिए पहले से तैयार रहें।
- सिग्नल पर पीली बत्ती देखने पर अगर रुक सकें, तो रुक जाएं और अगर आगे निकलने का अंदेशा है, तो एकदम से रुकना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- पार्किंग या किसी और जगह पर कार को रिवर्स लेते समय छोटे बच्चे और जानवरों का ध्यान रखें, खासतौर पर कार के बिल्कुल पीछे मौजूद जानवर या बच्चे, जो ड्राइवर वाली सीट से नजर नहीं आ पाते और स्केट बोर्ड या ट्राईसिकल चलाते हुए बच्चों का खास ख्याल रखा जाए। पार्किंग में से गाड़ी निकालते समय और चौराहे पर गाड़ी मोड़ते समय दोनों तरफ पैदल चलने वाले लोगों का खास ध्यान रखें।
- अगर आगे मौजूद बड़ी गाड़ी जैसे ट्रक की वजह से आप चौराहे पर गाड़ी मोड़ते समय देख नहीं पा रहे हों, तो बहुत सावधानी से वहां से गाड़ी निकालें।
- अगर आप भारत में हैं, तो अपने बाएं तरफ साईकिल पर चलने वालों का ध्यान रखें, खासतौर पर बाएं तरफ गाड़ी मोड़ते समय सावधानी बरती जाए। सकड़ी सड़क पर अगर हो सके तो साईकिल पर चलने वालों के लिए जगह छोड़कर ही ड्राइव किया जाए।
- चौराहा पार करते समय कभी भी यह ना सोचें कि दूसरी तरफ से आने वाली कार रुक जाएगी, हो सकता है कि वह कार वाला पेड़ों की वजह से, ध्यान ना देने की वजह से या किसी और कारण से सिग्नल ना देख पाया हो। इसलिए बहुत सावधानी से चौराहा पार करें और ब्रेक लगाने के लिए हमेशा तैयार रहें।
- शुरुआत में ड्राइविंग आपको मुश्किल और खतरनाक लग सकती है, लेकिन कुछ प्रैक्टिस और अनुभव से आप इस डर पर काबू पा सकते हैं।
- भ्रमित होने से बचें।
- ड्राइविंग करते समय टेक्स्ट मैसेज ना करें और ना ही शराब पीकर गाड़ी चलाएं।
- कभी भी मूड खराब होने पर गाड़ी ड्राइव ना करें। ऐसा करना आप, आपके साथ मौजूद यात्री और सड़क पर मौजूद दूसरे लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है।
चेतावनी
- कभी भी शराब पीकर ड्राइव ना करें। नशे का शक होने पर पुलिस आपको रोक सकती है। आप सिर्फ दूसरे लोगों की ही जान खतरे में नहीं डाल रहे, बल्कि ऐसा करने से आपकी जान भी जा सकती है।
- अगर आपके पास लर्निंग लाइसेंस है, तो पता करें कि किस समय लर्निंग लाइसेंस वालों को रोड पर कार चलाने की अनुमति होती है।
- अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो गाड़ी ना चलाएं। जरूरी होने पर गाड़ी को एक तरफ लगाकर एक झपकी लें।
- अगर आप ड्राइविंग में अभी नए हैं, तो हाईवे से दूर रहें। क्योंकि हाईवे पर बहुत सारी गाड़ियां होती हैं और नातजुर्बेकार ड्राइवर के लिए यह जगह खतरनाक साबित हो सकती है। बहुत सी जगहों पर लर्निंग लाइसेंस तथा जूनियर लाइसेंस वालों को हाईवे पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं होती और इस नियम का पालन ना करने पर आपका लाइसेंस रदद भी हो सकता है। अगर आपके देश में भी इस तरह का कानून है, तो हाईवे पर गाड़ी चलाने के लिए रेगुलर (regular) लाइसेंस धारक को साथ लेकर जाएं।
- किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करके गाड़ी ना चलाएं, चाहे वह वैध हो या अवैध और भले ही नशा तेज़ ना हो, फिर भी नशा ना किया जाए, क्योंकि नशा रोड पर आपके देखने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- भले ही आप थोड़ी दूरी पर जा रहे हों, फिर भी सीट बेल्ट लगाना ना भूलें।
- गाड़ी चलाते समय फोन पर बात ना करें, भले ही अगर आप वायरलेस हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और टेक्स्ट मैसेज भी ना भेजें। ऐसा करना आपके लिए बहुत घातक हो सकता है और आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकते हैं, जैसे; आप और आपके साथियों को घातक चोट आ सकती है और ऐसा करने से आपकी जान भी जा सकती है।