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कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें ड्राइव करना पसंद नहीं या उन्हें व्हील के पीछे बैठने में डर लगता है। अगर आपको लगता है कि आप ड्राइव करने से इतना डरते हैं कि उसके कारण आपको तनाव हो जाता है, तब इसका मतलब यह है कि आपको ड्राइव करने का फ़ोबिया है। इस खास फ़ोबिया के कारण, आपको लगता है कि जब आप कोई कार ड्राइव कर रहे होंगे या उसमें सवारी कर रहे होंगे तब आपकी जान को ख़तरा है। आपको पैनिक अटैक हो सकता है, धड़कन बहुत बढ़ सकती है, सांसें तेज़ हो सकती हैं, या आतंक की भावना आ सकती है। अगर कार चलाते समय की परेशानी आप को नियंत्रित कर रही है, या आराम से कार ड्राइव करने से रोक रही है, तब आपको इस फ़ोबिया का सामना करना ही होगा। इस प्रकार आप वापस अपने व्हील के पीछे जा सकते हैं और अपने जीवन का नियंत्रण फिर से अपने हाथ में ले सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

रिलैक्स (relax) करने की तकनीकों का अभ्यास करना करना

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  1. कार चाहे चल रही हो या नहीं चल रही हो, आपको उसमें बैठ कर सहज महसूस होना चाहिए। आरामदेह कपड़े और जूते पहनिए। आप ड्राइव करना शुरू करें उसके पहले कार में बैठ कर और रिलैक्स्ड होने का अभ्यास करिए। सोच कर देखिये कि क्या उसमें सूथिंग (soothing) संगीत बजाएँ। इससे आपको बढ़ते हुये पैनिक (panic) की भावना पर विजय पाने में मदद मिलेगी और दूसरी कारों की आवाज़ भी उसमें डूब जाएगी।
    • अगर कार की सवारियाँ शोर गुल करने वाली होंगी तब सबसे आत्मविश्वास से भरपूर ड्राइवर को भी परेशानी हो सकती है। यह सुनिश्चित करिए कि आपकी कार में गंदगी और कूड़ा न हो।
    • अपनी कार में समुचित मरम्मत करा कर अपनी सुरक्षा की भावना को बढ़ावा दीजिये।
  2. अगर आप पैनिक अटैक को महसूस करना शुरू करें या आपकी गर्दन और सीने की मसल्स (muscles) में कसाव महसूस होने लगे, तब अपने फेफड़ों से गहरी सांस लेना शुरू कर दीजिये। यह फ़ोकस करते हुये कि आपको हवा को अपने फेफड़े के बॉटम (bottom) तक ले जाना है, अपनी नाक से गहरी सांस लीजिये। अपने पेट को फूलने दीजिये और जब अपनी सांस को कुछ देर तक रोके रखें। धीरे-धीरे सांस छोड़िए और अपने पूरे शरीर को रिलैक्स होने दीजिये। [१]
    • हर बार सांस छोड़ते हुये दस से शुरू करके आप उल्टी गिनती गिनते हुये इस प्रोसेस को 10 बार दोहरा सकते हैं। कोशिश करिए कि आप 10 के तीन सेट्स पूरे कर सकें।
  3. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन (पीएमआर) करने का प्रयास करिए: अपने शरीर में मसल्स के समूहों को कसने और रिलैक्स करिये ताकि आपको पता चल सके कि किस प्रकार तनाव को होल्ड (hold) और रिलीज़ (release) किया जाता है। अपनी मुट्ठियों को 7-10 सेकंड तक कस कर बंद करने से शुरू करिए। अपनी मुट्ठियों को 15-20 सेकंड के लिए खोलिए और इस बीच इस पर ध्यान दीजिये कि किस प्रकार तनाव आपके हाथ के मसल्स से निकल रहा है। अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठा कर, फिर उनको नीचे शरीर पर, पीठ पर, अपने पैरों पर और अपने पंजों पर ला कर, इसी एक्सरसाइज़ (exercise) को मसल्स के दूसरे समूहों के साथ भी करने की कोशिश करिए। [२]
    • अगर आपको पैनिक का अनुभव नहीं भी हो रहा हो तब भी आप प्रतिदिन 20 मिनट के लिए पीएमआर का अभ्यास कर सकते हैं। इससे आपमें अपने मूड पर नियंत्रण की भावना में सुधार आयेगा, पैनिक अटैक्स की फ्रीक्वेन्सी (frequency) में कमी आएगी और आपका कन्सेंट्रेशन (concentration) बढ़ेगा।
  4. एफर्मेशन्स वो छोटे पॉज़िटिव स्टेटमेंट होते हैं जो आपको याद दिलाते हैं कि आप परिवर्तन ला सकते हैं। ड्राइव करने के मामले में, जिस तरह के एफर्मेशन्स आप इस्तेमाल करना चाहेंगे, उनमें से कुछ ये हो सकते हैं:
    • मैं सावधानी से स्पीड लिमिट के अंदर ड्राइव कर रहा हूँ। सावधानीपूर्वक ड्राइव करना सुरक्षित ड्राइव करना होता है।
    • ड्राइव करना सामान्य बात है, और हर दिन की जाने वाली कार्यवाही है। मैं एक अलर्ट ड्राइवर हूँ जो सावधानीपूर्वक एक सामान्य गतिविधि में हिस्सा ले रहा हूँ।
    • मुझे तेज़ चलाने की ज़रूरत नहीं है। अगर मैं दूसरी कारों से धीमे चलना चाहता हूँ, तो मुझे धीमी लेन में चलना होगा।
    • मुझे अंतिम पल में लेन बदलने का जोखिम लेने की ज़रूरत नहीं है। अगर मुझसे कोई मोड़ छूट ही जाएगा, तब मैं आसानी से पीछे आ सकता हूँ।
    • मैंने इस यात्रा की शुरू से अंत तक योजना बना ली है। मुझे पता है कि मैं कहाँ जा रहा हूँ और कब मुझे लेन बदलनी हैं और कब मुड़ना है। मैं भली भांति तैयार हूँ।
    • हालांकि मैं सवारी हूँ, मैं कार में सवारी करने की अपनी प्रतिक्रिया को नियंत्रित कर सकता हूँ। अगर मुझे कभी भी असुविधा होगी, मैं ड्राइवर से रुकने को कह सकता हूँ।
विधि 2
विधि 2 का 3:

एक्सपोजर थेरपी (Exposure Therapy) का इस्तेमाल करना

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  1. आपसे शायद बताया गया होगा कि आपको ही अपने भय का सामना करना होगा। अपने आप को भय से एक्स्पोज़ करना तब और भी महत्वपूर्ण होता है जबकि आप इस लिए ड्राइव करने से बच रहे होंगे कि आपको डर होगा कि आपको पैनिक अटैक हो जाएगा। किसी भी फ़ोबिया से छुटकारा पाने में एक्सपोजर थेरपी सबसे महत्वपूर्ण तरीका रही है, हालांकि शुरू करने से पहले आपको रिलैक्स करने की तकनीकों के संबंध में पता होना चाहिए और उनको लागू कर पाने में सक्षम होना चाहिए। इस प्रकार से, सेशन के दौरान आपके मन में नियंत्रण की भावना बनी रहेगी।
    • अपने फ़ोबिया से बचने से आपका भय और भी बिगड़ता चला जाएगा और उससे अन्य फ़ोबिया भी पैदा हो सकते हैं। [३]
  2. अपनी परेशानी के स्तर को जान लीजिये ताकि पूरे पैनिक अटैक के आने से पहले ही आप कुछ कार्यवाही कर सकें। परेशानी का स्केल होने से आपको यह जानने में भी सहायता मिलेगी कि आप मॉडरेट पैनिक पर कब पहुंचेंगे और आप उसके पहले ही एक्स्पोज़र को रोक सकेंगे। आपके स्केल को परेशानी के शारीरिक और मानसिक कैरेक्टरिस्टिक्स (characteristics) को स्पष्ट करना चाहिए। स्केल का एक उदाहरण ऐसा लग सकता है: [४]
    • 0 - पूरी तरह से रिलैक्स्ड: कोई तनाव नहीं, शांत, शांति महसूस कर रहे हैं
    • 1 - मिनिमल (Minimal) परेशानी: थोड़ी बहुत नर्वसनेस (nervousness) महसूस कर रहे हैं, काफ़ी अलर्ट या सचेत
    • 2 – माइल्ड (Mild) परेशानी: मसल में तनाव, झुनझुनी या नर्वसनेस
    • 3- मॉडरेट (moderate) परेशानी: धड़कन बढ़ जाती है और सांस तेज़ चलने लगती है, थोड़ी असुविधा महसूस करते हैं, मगर अभी भी अपने आप पर नियंत्रण बना हुआ है
    • 4 – मार्क्ड (marked) परेशानी: स्पष्ट मसल तनाव, बढ़ती हुई असुविधा की भावना, और संदेह होने लगता है कि क्या अभी भी नियंत्रण बना हुआ है
    • 5- पैनिक की शुरुआत: धड़कन तेज़ हो जाती है और दिल की धड़कन अनियमित भी हो सकती है, चक्कर आना, स्पष्ट भय कि नियंत्रण समाप्त हो रहा है, भागना चाहते हैं
    • 6 – मॉडरेट पैनिक: दिल में पैल्पिटेशन्स (palpitations), सांस लेने में दिक्कत, डिसओरिएंट (disorient) होने की भावना
    • 7 से 10 – सम्पूर्ण पैनिक अटैक: आतंक की भावना, मृत्यु का भय, मॉडरेट पैनिक की बढ़ती हुई भावना
  3. साफ़-साफ़ लिखिए कि ड्राइव करते समय आपको किन चीजों से डर लगता है। उसके बाद इन सभी डरों को ऐसे रैंक (rank) करिए कि सबसे पहले वो रहे जिससे सबसे कम डर लगता है जिससे कि सम्पूर्ण पैनिक अटैक शुरू हो जाता है। इससे आप अपने आप को डर के लिए धीरे धीरे एक्स्पोज़ कर पाएंगे। मगर, इससे आप अपने डरों से इस तरह धीरे धीरे निकाल पाएंगे जिससे कि आप कभी भी नियंत्रण के बाहर नहीं रह पाएंगे।
    • जैसे कि, अपने ड्राइववे में चाभियाँ पकड़ना ऐसा काम हो सकता है जिसमें आपको सबसे कम डर लगता हो, जबकि हाईवे पर कार चलाने से आपको पैनिक अटैक आ सकता हो।
  4. अपने लिस्ट में सबसे कम डर वाले आइटम से शुरू करिए और अपने आप को धीमे-धीमे इससे तब तक एक्स्पोज़ करिए कि आपकी परेशानी समाप्त हो जाये। जब आप अपनी लिस्ट के किसी आइटम में महारत हासिल कर लें, तब अपनी लिस्ट या स्केल के अगले कदम की ओर बढ़िए। जैसे कि, आपकी लिस्ट आपको इस तरह के डरों से एक्स्पोज़ करा सकती है (जिन्हें सबसे कम डरावने से अधिकतम डरावने के क्रम में लगाया गया है):
    • अपनी कार की चाभियाँ पकड़िए और ड्राइववे में अपनी कार की ओर देखिये
    • अपनी कार के अंदर जाइए, और 5 मिनट शांति से उसमें बैठिए
    • अपने ब्लॉक के चारों ओर ड्राइव करिए
    • अपने पड़ोस में ड्राइव करिए, पहले कुछ मोड़ बाएँ लीजिये, उसके बाद कुछ मोड़ दाईं ओर लीजिये।
    • मुख्य सड़क पर चलाये और ट्राफ़िक सिगनल्स पर या स्टॉप वाले निशानों पर दाईं ओर मुड़िए
    • 1 या 2 एक्ज़िट्स के लिए हाईवे पर बाईं लेन में चलिये
    • 2 एक्ज़िट्स के लिए हाईवे पर दाईं लेन में चलिये
    • लेन बदल-बदल कर, कारों से आगे निकलते हुये 3 से 5 एक्ज़िट्स को पार करिये
  5. जिन ड्राइवर्स पर आपको विश्वास हो, उनके साथ सवारी करिए: अगर आपको लगता है की आप कार में सवारी करना भी सहन नहीं कर सकते हैं, तब एक्स्पोज़र थेरपी के चरणों को फॉलो करिए। ड्राइव करने की जगह, आप अपने भय का धीरे-धीरे सामना करने के लिए ऐसे ड्राइवर के साथ सवारी करिए, जिस पर आप विश्वास करते हों। किसी ऐसे को चुनिये जिसके बारे में आपको पता हो कि वो बहुत ही सावधानी से चलाएगा। जब आपको उसके साथ जाना सहज लगने लगे, तब दूसरे ड्राइवर्स के साथ सवारी करिए या अधिक चुनौतीपूर्ण ड्राइव्स (जैसे कि हाईवे) पर जाने का प्रयास करिए।
    • जब आप सवारी की तरह यात्रा करना शुरू करते हैं, तब देखिये कि आपको सबसे सहज किसमें लगता है। हो सकता है कि आपको पता चले कि आपको पिछली सीट में बैठना पसंद है। या हो सकता है कि आपको लगे कि ड्राइवर के निकट बैठने से आपको कम तनाव होता है। प्रयोग करके देखिये कि आपके लिए बेहतर क्या है।
  6. अधिकांश लोगों को पहली बार व्हील के पीछे बैठने में डर लगता है। अपने इस डर को मिटाने के लिए, किसी ऐसे जानकार ड्राइविंग प्रशिक्षक को चुनिये जिसे नए ड्राइवर्स को सिखाने का पर्याप्त अनुभव हो। एक अच्छा ड्राइवर आपको आश्वस्त कर सकता है और आपको ड्राइवर की सीट पर आराम से बैठने में सहायता कर सकता है। [५]
    • किसी ड्राइविंग स्कूल प्रशिक्षक के साथ काम करने पर विचार करिए। आपको समझ में आ सकता है कि आपको ड्राइविंग सीखने के बारे में जो परेशानी हो रही है वो संभवतः आपके पिछले प्रशिक्षक के कारण शुरू हुई है, विशेषकर तब जबकि आपका कोई संबंधी आपको ड्राइव करना सिखा रहा हो।
विधि 3
विधि 3 का 3:

मदद लेना

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  1. अगर ड्राइव करने का डर आपके जीवन में बाधा डाल रहा हो, तब आपको चिकित्सीय या साइकोलॉजिकल इलाज लेना चाहिए। अगर आपको यह यकीन न हो कि किसके पास सहायता के लिए जाएँ, तब अपने डॉक्टर से संपर्क करिए जो आपको उचित प्रशिक्षित प्रोफ़ेशनल के बारे में सलाह दे सकेगा। आप किसी डॉक्टर, मनोरोग चिकित्सक, साइकियाट्रिस्ट या फ़ोबियाज़ में प्रशिक्षित किसी काउंसेलर से सहायता ले सकते हैं।
    • अगर अपनी ड्राइव न कर पाने की क्षमता के कारण, आपका डिप्रेशन बढ़ता ही जा रहा हो, तब निस्संदेह आपको मदद ले लेनी चाहिए। अपने उस भय के साथ रहना मत सीख लीजिये, जो आपको ड्राइव नहीं करने देता है, क्योंकि उसके कारण अन्य फ़ोबिया विकसित होने लगेंगे। [६]
  2. आप व्यक्तिगत रूप से किसी काउंसेलर या थेरपिस्ट के साथ प्रयास कर सकते हैं। रिलैक्स करने की तकनीकों तथा एक्स्पोज़र थेरपी के अतिरिक्त संभव है कि आपका काउंसेलर आपसे केवल बात करना चाहे। बात करना, आपके दिमाग़ के यह सीखने के लिए एक महत्वपूर्ण तरीका है कि अपने भय से किस प्रकार से निबटा जाये। इससे आपको यह सोचने का मौका मिलेगा कि आपके डर के पीछे क्या है और उसी से आपके ड्राइविंग फ़ोबिया का इलाज भी हो सकता है। [७]
    • अपने काउंसेलर से किसी सलाह की उम्मीद मत करिए। अनेक काउंसेलर केवल सुनते और प्रश्न पूछते हैं ताकि आप विचारपूर्ण उत्तर दे सकें और अपने भय की छानबीन कर सकें।
  3. अगर आप अपने फ़ोबिया के बारे में किसी ग्रुप में बात करना चाहते हों, तब बातें करने के लिए किसी स्थानीय ड्राइविंग फ़ोबिया ग्रुप का पता लगा लीजिये। आपको ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी मिल सकते हैं जिसमें वो लोग होंगे जिनके लक्षण भी आपसे मिलते जुलते होंगे। बस यह जान पाना कि आप अकेले नहीं हैं, कभी-कभी ऐसे भय पर विजय पाने में सहायता कर सकता है। [८]
    • आप मित्रों और परिवार के सदस्यों से भी बात कर सकते हैं। अपने भय को उनके साथ साझा करिए और उन्हें समझाइए कि आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपके पास ऐसे मित्र और परिजन हैं जो समझ सकते हैं, कि आप पर क्या गुज़र रही है।

सलाह

  • ड्राइविंग स्कूल या सुरक्षात्मक ड्राइविंग क्लास करने के बारे में सोचिए। कुछ लोग परेशान ड्राइवर्स को सुरक्षित जगहों पर हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दे कर वापस सड़क पर या ऐसी जगह जहां उन्हें सबसे अधिक डर लगता है वहाँ पर आने का स्तर पाने में सहायता करते हैं।
  • विभिन्न थेरपीज़ तथा इलाज करा कर देखिये। जब तक आप ट्राई नहीं करेंगे तब तक आपको पता ही नहीं चलेगा कि कौन सा इलाज आपके लिए काम कर सकता है।
  • दूसरी तरह के इलाजों में हिप्नोथेरपी तथा आई मूवमेंट डिसेंसिटाइज़ेशन और रीप्रोसेसिंग शामिल है, हालांकि इनकी उपयोगिता के बारे में रिसर्च में अभी परस्पर विरोधी परिणाम मिल रहे हैं। [९]

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