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दांत उखडने पर मसूड़ों और एल्विओलर बोन (alveolar bone) में एक घाव बन जाता है | सही देखभाल न करने से सीरियस और पीड़ादायक उपद्रव (complications) हो सकते हैं | यहाँ विकीहाउ आपको बताएगा कि एक स्मूथ हीलिंग प्रोसेस के लिए दांत निकलवाने के पहले और बाद में जरुरी सावधानियां किस प्रकार रखनी चाहिए |

विधि 1
विधि 1 का 3:

दांत निकलवाने के बाद मसूड़ों की देखभाल

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  1. गौज (रुई के एक टुकड़े) को मुंह में कसकर दबाये रखें: दांत निकलवाने के बाद, डेंटिस्ट ब्लीडिंग को बंद करने के लिए घाव पर एक गौज रख देंगे | ध्यान रखें कि गौज को कसकर मसूड़ों के बीच दबाये जिससे उस एरिया की ब्लीडिंग बंद हो सके | अगर लगातार हैवी ब्लीडिंग होती रहे तो आपको गौज पैक को फिर से घाव पर सही तरीके से रखना होगा | [१]
    • बातें न करें क्योंकि इससे गौज ढीला हो सकता है और ब्लीडिंग और बढ़ सकती है और साथ ही खून का थक्का बनने में देर लग सकती है |
    • अगर गौज बहुत ज्यादा भीग चुका हो तो आप इसे दूसरे गौज से बदल सकते हैं लेकिन जरूरत न होने पर बार-बार गौज न बदलें और न ही बार-बार थूकें अन्यथा क्लॉट (clot या थक्का) नहीं बन पायेगा |
    • दांत निकालने वाली जगह को अपनी जीभ या अंगुली से डिस्टर्ब न करें और नाक निकालने से भी बचें, साथ ही इस समय के दौरान छींकने और खांसने से बचें | प्रेशर बढ़ने से घाव से फिर से खून आ सकता है | दांत निकलने वाली जगह को हाथ से दबाए न रहें अन्यथा वो जगह गर्म हो जाएगी |
    • 30 से 45 मिनट के बाद गौज हटा दें और आईने में देखकर चेक करें कि कोई ब्लीडिंग तो नहीं हो रही है |
  2. केवल डेंटिस्ट के द्वारा लिखी गयी दवाएं ही खाएं | अगर आपके ओरल सर्जन ने दर्द के लिए कोई दवा नहीं लिखी है तो आप बाज़ार में मिलने वाले दर्द निवारक (pain relivers) ले सकते हैं | सर्जन के द्वारा लिखी गयी एंटीबायोटिक्स लें | [२]
    • एनेस्थीसिया का असर ख़त्म होने से पहले जितने जल्दी हो सके दर्द की दवा का पहला डोज़ ले लें | डॉक्टर के द्वारा लिखी गयी एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर्स का डोज़ पूरा करना ही बेहतर होता है |
  3. चेहरे पर दांत निकलने वाली जगह पर बाहर से आइस पैक का इस्तेमाल करें | आइस पैक ब्लीडिंग को कम कर देता है और ब्लड वेसल्स संकुचित होने के कारण होने वाली सूजन को कम कर देता है | 10 से 20 मिनट तक आइस पैक लगाकर रखें और फिर 30 मिनट तक न लगायें | हमेशा इसे एक कपडे या टॉवल में लपेटकर ही इस्तेमाल करें | इसे स्किन पर डायरेक्ट न लगायें | ऐसा दांत निकलने के बाद शुरूआती 24 से 48 घंटे में करें | 48 घंटे के बाद, सूजन कम हो जाएगी और आइस से कोई आराम नहीं मिल पायेगा | [३]
    • अगर आपके पास आइस पैक नही ही तो आप एक ज़िप वाले प्लास्टिक बैग में कद्दूकस बर्फ या आइस क्यूब्स भरकर इस्तेमाल कर सकते हैं |
    • अपने हाथों को दांत उखड़ने वाली जगह पर न रखें क्योंकि ऐसा करने से वहां हीट पैदा होगी।
  4. चाय (tea) में टैनिक एसिड पाया जाता है जो ब्लड वेसल्स को संकुचित करके ब्लड क्लॉट्स बनाने में मदद करता है | टी बैग के इस्तेमाल से ब्लीडिंग कम हो सकती है | अगर दांत निकलने के एक घंटे बाद थोड़ी ब्लीडिंग दिखाई दे तो दांत निकलने वाली जगह पर एक भीगा हुआ टी बैग रखें और उस एरिया पर प्रेशर बनाये रखने के लिए दांत से उसे दबाएँ | ऐसा लगभग 20 से 30 मिनट तक करें | ठंडी चाय पीना भी फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन प्रभावित हिस्से पर डायरेक्ट टी बैग लगाने से बेहतर रिजल्ट्स मिलते हैं | [४]
  5. दांत निकलने से दूसरे दिन सुबह कुल्ला करें | आप एक छोटी चम्मच नमक को 8 औंस या एक गिलास पानी में घोलकर एक मिक्सचर बना सकते हैं | इससे मुंह में प्रेशर दिए बिना धीरे-धीरे गरारे (gargle) करें | इसके लिए सिर्फ अपनी जीभ को कई बार एक गाल से दूसरे गाल की ओर घुमाते रहें और फिर क्लॉट को डैमेज न करते हुए इस सलूशन को मुंह से बाहर थूंक दें | [५]
    • इस सलूशन से दांत निकलने के बाद कुछ दिनों तक हर दिन चार से पांच बार कुल्ला करते रहें, खासतौर पर खाने के बाद और सोने से पहले |
  6. प्रॉपर रेस्ट से ब्लड प्रेशर नियमित होता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग जल्दी होती है और मसूड़े जल्दी हील होते हैं | दांत निकलने के बाद कम से कम 24 घंटे तक कोई भी फिजिकल एक्टिविटी न करें और रेस्ट करते समय अपने सिर को थोडा ऊपर उठाकर रखें जिससे ब्लड और/या लार के कारण गला चोक (अवरुद्ध) न हो | [६]
    • दो तकिये लगाकर पर्याप्त ऊंचाई पर सर रखकर सोयें और दांत निकलने वाली साइड करवट लेकर न सोयें जिससे ब्लड के प्रेशर के कारण वहां हीट न बढ़ पाए |
    • नीचे की ओर न मुड़ें और न ही कोई भरी वज़न उठायें |
    • हमेशा सीधे (upright position) सोयें |
  7. 24 घंटे के बाद, अपने दांत और जीभ को धीरे-धीरे ब्रश करें लेकिन एक्सट्रैक्शन साईट (extraction site) के नज़दीक टूथब्रश का इस्तेमाल न करें | इसकी बजाय, ऊपर बताये गये सेलाइन सलूशन (नमक के पानी) से धीरे-धीरे कुल्ला करें जिससे क्लॉट डैमेज न हो | इस प्रोसीजर को अगले तीन से चार दिनों तक फॉलो करें | [७]
    • अपने रेगुलर रुटीन में फ्लॉसिंग (flossing) और माउथवाश का इस्तेमाल कर सकते हैं | ध्यान रखें कि एक्सट्रैक्शन साईट के नज़दीक फ्लॉस का इस्तेमाल न करें | एक एंटीसेप्टिक माउथवाश का इस्तेमाल करें या बैक्टीरिया को मारने और अन्य इन्फेक्शन से बचने के लिए डेंटिस्ट के द्वारा बताये गये माउथवाश से कुल्ला करें |
  8. इसे हीलिंग की प्रोसेस को तेज़ करने के लिए दांत उखड़ने के अगले दिन से लगाना शुरू किया जा सकता है | यह एक्सट्रैक्शन साईट के आस-पास बैक्टीरिया पनपने से भी रोकता है | यह दर्द और परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है | [८]
    • जेल को डायरेक्ट सॉकेट (मसूड़ों में दांत की खाली जगह) पर न लगायें | इसे केवल एक्सट्रैक्शन साईट के चारों ओर लगायें |
  9. इससे ब्लड सर्कुलेशन को बढाने में मदद मिलती है जिससे हीलिंग जल्दी होती है और सूजन और परेशानी कम होती है | दांत निकलने के 36 घंटे बाद चेहरे के प्रभावित हिस्से पर गर्म गीली टॉवल से बाहरी तौर पर सेंक करें और यह सेंक एक रोटेशन के रूप में 20 मिनट लगाकर, 20 मिनट तक हटाये रखकर लगायें | [९]
  10. खाना खाने से पहले एनेस्थीसिया का असर पूरा ख़त्म होने तक इंतज़ार करना होगा | शुरुआत नर्म भोजन से करें और मुंह में एक्सट्रैक्शन साईट की दूसरी साइड से चबाएं | आपको आइसक्रीम जैसा कुछ ठंडा और नर्म खाना चाहिए जिससे दर्द में आराम मिलें और आपको थोडा पोषण भी मिले | कुछ भी कठोर, कुरकुरा, या गर्म खाने से बचें और स्ट्रॉ (straw) का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे मसूड़े से ब्लड क्लॉट हट सकते हैं | [१०]
    • रेगुलरली खाना खाएं और खाना खाना न छोड़ें |
    • ऐसा खाना खाएं जो कमरे के तापमान पर हो या ठंडा हो लेकिन बहुत ज्यादा गर्म न हो |
    • नर्म और थोड़े ठन्डे फ़ूड जैसे आइसक्रीम, स्मूथीज, पुडिंग, जिलेटिन (gelatin), दही और सूप | ये फूड्स एक्सट्रैक्शन के तुरंत बाद खाने के लिए अच्छे होते हैं क्योंकि ये फ़ूड इस प्रोसीजर के कारण होने वाले दर्द में राहत देते हैं | ध्यान दें कि आप जो भी खाएं वो बहुत ज्यादा ठंडा या कठोर न हो और आप एक्सट्रैक्शन एरिया से न चबाएं | मुश्किल से चबाने योग्य फूड्स (साबुत अनाज, नट्स, पॉपकॉर्न आदि) खाने में मुश्किल और पीड़ादायक हो सकते हैं और घाव को नुकसान पहुंचा सकते है | शुरुआत के कुछ दिन गुजरने पर धीरे-धीरे अपना खाना तरल (liquid) से सेमीसॉलिड (semisolid) और फिर सेमिसॉलिड से ठोस (solid) पर बदलें |
    • स्ट्रॉ का इस्तेमाल न करें | स्ट्रॉ से पीने से मुंह में सक्शन प्रेशर बनता है जिसके कारण ब्लीडिंग हो सकती है | इस परेशानी से बचने के लिए घूँट लेकर (sip) या एक चम्मच से पीएं |
    • स्पाइसी, चिकनाई वाले फूड्स खाने से बचें और हॉट ड्रिंक, कैफीन वाले प्रोडक्ट्स, अल्कोहल और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न पियें |
    • एक्सट्रैक्शन के बाद कम से कम 24 घंटे तक तम्बाकू/अल्कोहल न लें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

दांत निकलने के बाद होने वाली हीलिंग प्रोसेस को समझें

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  1. सर्जरी के रिस्पोंस से मुंह और मसूड़ों में सूजन आएगी और संभवतः आपको दर्द भी होगा | यह नार्मल है और दो से तीन दिन बाद कम होना शुरू हो जाता है | इस दौरान दर्द को कम करने और सूजन और इंफ्लेमेशन में राहत पाने के लिए प्रभावित गाल पर एक आइसपैक रखें | [११]
  2. दांत उखड़ने के बाद, मसूड़ों और हड्डी के अंदर उपस्थित छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स से बहुत सारी ब्लीडिंग होती है | यह ब्लीडिंग बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन कुछ केसेस में, डेंटिस्ट हीलिंग प्रोसेस को जल्दी करने के लिए टाँके लगा सकते हैं | अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि दांत और घाव के चारो ओर के बीच पोस्ट-सर्जिकल पैक रखे गये हैं | सर्जन से सलाह लें और जरूरत होने पर पैक को फिर से सही जगह पर रखने के लिए पूछें | [१२]
  3. क्लॉट पहले या दूसरे दिन बन जायेगा और यह बहुत जरुरी है कि इसे डिस्टर्ब न किया जाए या हटाया न जाए | क्लॉटिंग घाव को हील करने की ओर पहली स्टेप होती है और इस क्लॉट को हटाने या डिस्टर्ब करने से हीलिंग की प्रोसेस और लम्बी हो जाती है और इससे इन्फेक्शन और दर्द बढ़ सकते हैं | [१३]
  4. अगले 10 दिन तक मसूड़ों की सेल्स प्रोलिफरेट (proliferate) होकर एपिथेलियम की लेयर बनायेंगी जो दांत उखड़ने के कारण बने हुए गैप के लिए ब्रिज का निर्माण करती हैं | इसीलिए जरुरी है कि घाव भरने के दौरान इस प्रोसेस को डिस्टर्ब न किया जाए |
  5. एपिथेलियल लेयर बनने के बाद, अस्थिमज्जा (bone marrow) में बोने बनाने वाली सेल्स सक्रीय हो जाती हैं | यह प्रोसेस आमतौर पर सॉकेट की साइड (lateral) वॉल से शुरू होती है और लगातार सेंटर की ओर होती है | [१४] इस प्रोसेस से दांत निकलने के कारण बनी खाली जगह पूरी तरह से बंद हो जाएगी | बोन डिपोजिशन के द्वारा सॉकेट पूरी तरह से बंद होने में एक साल तक लग सकता है लेकिन मसूड़े सिर्फ दो सप्ताह के बाद ही सॉकेट को कवर कर देंगे इसलिए यहाँ चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से हील दिखाई देगा |
विधि 3
विधि 3 का 3:

दांत निकलवाने से पहले अपने मसूड़ों की देखभाल करें

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  1. आपकी पहले की कोई भी कंडीशन होने पर डॉक्टर को सूचित करें: आपको सर्जन को वर्तमान में आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं के बारे में भी बताना चाहिए | ये दवाएं या कंडीशन आपकी सर्जिकल प्रोसेस को जटिल बना सकती हैं और सर्जरी के बाद या दौरान परेशानी खड़ी कर सकती हैं |
    • डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डेंटल ट्रीटमेंट के बाद हील होने में ज्यादा लम्बा समय लगता है क्योंकि ब्लीडिंग लम्बे समय तक होती रहती है | ब्लड शुगर लेवल को नार्मल के करीब रखने से दांत निकलवाने के बाद हीलिंग जल्दी हो सकती है और डॉक्टर को अपनी डायबिटीज और हाल ही में किये गये ग्लूकोस टेस्ट के रिजल्ट के बारे में बता देना चाहिए | इससे डॉक्टर निर्णय ले सकते हैं कि एक्सट्रैक्शन प्रोसीजर के लिए आपका ब्लड शुगर लेवल सही है या नहीं | [१५]
    • हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए कि कुछ ब्लड प्रेशर की दवाओं के कारण मसूड़ों से ब्लीडिंग हो सकती है | अगर दांत निकलवाने के लिए सर्जरी से पहले इन दवाओं को लेना बंद न किया जाए तो कॉम्प्लीकेश्न्स (complications) भी हो सकते हैं | आपके द्वारा वर्तमान में ली जा रही या ली गयी दवाओं के बारे में अपने सर्जन को बताएं | [१६]
    • थक्कारोधी (anticoagulants या blood thinning drugs) जैसे वारफेरिन और हेपरिन लेने वाले रोगियों को दांत निकलवाने से पहले अपने सर्जन को इन दवाओं के बारे में बता देना चाहिए क्योंकि इस क्लास की मेडिसिन ब्लड क्लॉटिंग को रोकती हैं | [१७]
    • एस्ट्रोजन युक्त गर्भनिरोधक दवाएं लेने वाले रोगियों को ब्लड क्लॉटिंग में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है | अगर आप वर्तमान में कोई ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (oral contraceptive) ले रहे हैं तो अपने सर्जन से सलाह लें | [१८]
    • कुछ लम्बे समय तक खायी जाने वाली दवाओं के कारण मुंह में ड्राईनेस हो सकती है जिससे दांत निकलवाने के बाद इन्फेक्शन हो सकता है | कोई भी प्रोसीजर कराने से पहले सर्जन से सलाह ले लें | इसके अलावा, आपके द्वारा पहले से ली जा रही दवाओं के डोज़ में बदलाव करने से पहले भी डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए |
  2. स्मोकिंग मसूड़ों में होने वाली बीमारियों को पैदा करने का मुख्य कारण माना जाता है | [१९] इसके अलावा, स्मोकिंग करने से मसूड़ों के ब्लड क्लॉट्स (जो मसूड़ों में हीलिंग के लिए जरुरी होते हैं) टूट सकते हैं | तम्बाकू भी घाव की सेंसिटिविटी को उत्तेजित कर सकता है और हीलिंग प्रोसेस को मुश्किल बना सकता है |
    • अगर आप वर्तमान में स्मोकर हैं तो दांत निकलवाने से पहले यह आदत छोड़ने के बारे में सोचें |
    • अगर आप स्मोकिंग छोड़ नहीं सकते तो ध्यान रखें कि सर्जरी के बाद कम से कम 48 घंटे तक स्मोकिंग न करें | जो लोग तम्बाकू चबाते हैं या "डिप (dip)" करते है, उन्हें सर्जरी के बाद कम से कम सात दिन तक तम्बाकू का सेवन नहीं करना चाहिए |
  3. आपके जनरल फिजिशियन को दांत निकलवाने से पहले होने वाली सर्जरी के बारे में जानकारी दें जिससे आपके द्वारा पहले से ली जा रही दवाओं और आपकी कंडीशन के कारण किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने में मदद मिल सके |

चेतावनी

  • अगर दांत निकलने के एक सप्ताह बाद कोई असामान्य दर्द अनुभव हो तो अपने डेंटिस्ट को दिखाएँ |
  • दांत निकलने से कम से कम छह घंटे पहले कॉफ़ी न पियें क्योंकि इससे एनेस्थेटिक इफ़ेक्ट प्रभावित हो सकता है और एनेस्थीसिया का प्रभाव लागू नहीं हो पायेगा |
  • अगर दो दिन बाद दर्द बहुत बढ़ जाएँ तो तुरंत डेंटिस्ट को दिखाएँ | यह दर्द सॉकेट ड्राई होने का संकेत दे सकता है |
  • दांत निकलने के पहले 12 से 24 घंटे में हल्की ब्लीडिंग हो सकती है और लार का रंग बदल सकता है | अगर इस प्रोसीजर के तीन से चार घंटे बाद तक हैवी ब्लीडिंग होना न रुके तो तुरंत डेंटिस्ट को दिखाएँ | [२०]
  • अगर सर्जरी के बाद सिक्वेस्ट्रा (sequestra) नामक शार्प, बोनी फ्रेगमेंट्स फील हों तो डेंटिस्ट को बताएं | धीरे-धीरे हड्डी फिर से बनना नार्मल है लेकिन सर्जरी के बाद छूटे डेड बोन के टुकड़े काफी पीड़ादायक हो सकते हैं | अगर आपको लगता है कि एक्सट्रैक्शन के दौरान कुछ पीड़ादायक डेड बोन के फ्रेग्मेंट्स छूट गये हैं तो अपने डेंटिस्ट से सलाह लें | [२१]

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