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एक नैरेटिव पैराग्राफ, कोई सत्य या काल्पनिक, कहानी बताता है। इसके लिए उसमें पहले विषय की भूमिका दी जाती है, फिर और डीटेल दिए जाते हैं और अंत में अपने विचार व्यक्त करते हुए दूसरे पैराग्राफ पर जाकर इसका समापन किया जाता है। नैरेटिव पैराग्राफ सही से लिख पाना उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कला है जो कहानी लिखने और सुनाने में रूचि रखते हैं जैसे लेखक, पत्रकार, एडवरटाइजर इत्यादि। सभी ज़रूरी भागों (भूमिका, ज़रूरी डिटेल्स और कन्क्लूज़न) को सीखना और उन्हें संक्षेप में कैसे साथ रखना है ये जानना आपको किसी भी प्रकार की ऑडियंस के लिए सम्पूर्ण कहानियां लिखना सिखाएगा। इसके अलावा, आप एक बेहतरीन और कॉंफिडेंट लेखक भी बन पाएंगे! [१]

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी कहानी की भूमिका पेश करना

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  1. अपने नैरेटिव को फर्स्ट या थर्ड पर्सन के पर्सपेक्टिव से कहने का विचार बनाएं: अपने सब्जेक्ट के तौर पर "I," "he," "she," "it," या "they" शब्दों का प्रयोग करें। वैसे तो नैरेटिव पैराग्राफ अक्सर फर्स्ट पर्सन पर्सपेक्टिव से सुनाया जाता है --ऐसे कहानी सुनाएं जैसे वो आपके साथ घटित हुई है--आप इसे थर्ड पर्सन पर्सपेक्टिव से भी सुना सकते हैं।
    • आप ऐसे भी लिख सकते हैं जैसे ये कहानी किसी और के साथ घटित हुई है, शायद किसी काल्पनिक व्यक्ति के साथ।
  2. असाइनमेंट के निर्देश और गाइडलाइन, अगर हैं, तो उनका पालन कर देखें कि कौनसे टेंस का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। अगर ऐसा कुछ नहीं लिखा है, तो आप पास्ट या प्रेजेंट में से कोई भी टेन्स इस्तेमाल कर सकते हैं। बस ये सुनिश्चित करें की आप पूरे पैराग्राफ में एक ही टेंस का प्रयोग करें, और बार बार अलग टेंस के बीच में बदलाव नहीं करें।
    • इस में आप तब एक्सेप्शन कर सकते हैं जब आप कहानी के अभी के समय की घटना चक्र (प्रेजेंट टेंस में) और उसकी घटनाक्रम के नैरेटिव (पास्ट टेंस में ) के बीच बदलाव कर रहे हैं।
  3. पाठक को अपने नैरेटिव पैराग्राफ की और आकर्षित करने के लिए ओपनिंग वाक्य को जोश या रहस्य से भरा लिखें। इस वाक्य में पैराग्राफ का उद्देश्य समझ में आना चाहिए —वो कहानी —और पाठक को आगे पढ़ने के लिए उकसाना चाहिए।
    • फर्स्ट पर्सन में लिखा गया एक उपयुक्त टॉपिक सेंटेंस होगा “मैं वो समय कभी नहीं भूल सकता जब मैंने पहली बार अपने नए पपी को गोद में उठाया था।” अगर आप थर्ड पर्सन इस्तेमाल कर रहे हैं, यह टॉपिक सेंटेंस कुछ इस प्रकार लिखा जायेगा, “वह उस समय को कभी नहीं भूल पाएगा जब उसने अपने पपी को पहली बार गोद में उठाया था।”
  4. कहानी में शामिल महत्वपूर्ण किरदारों को पेश करें: अगर कुछ ऐसे लोग हैं जो इस कहानी में महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं तो उनका परिचय दें ताकि पाठक को पता चले की ये इस कहानी का हिस्सा हैं। आप जिन किरदारों के बारे में बात करेंगे उन सबका परिचय देने की आपको ज़रुरत नहीं है, पर उन लोगों की भूमिका देना ज़रूरी है जिनकी वजह से कहानी में हलचल होती है। [२]
    • नए पपी उठाने वाले फर्स्ट पर्सन उदाहरण, में आप कुछ ऐसे लिख सकते हैं,“ मेरी माँ मुझे ब्रीडर के यहाँ ले गयी, जो कि 45 मिनट की दूरी पर रहता था।”
  5. अपनी कहानी को एक सेटिंग दें और पाठक को उस समय के बारे में बताएं जब ये कहानी घटित हुई थी। इससे वो अपने को कथा वाचक के स्थान पर रख घटनाक्रम के समय उनकी मानसिक स्थिति का अंदाज़ा लगा सकते हैं।
    • आप कह सकते हैं: “मैं 11 साल का था, तो वो कार राइड ऐसे लग रही थी जैसे कभी खत्म नहीं होगी। हम उस समय विस्कॉन्सिन में रहते थे, और ब्रीडर शिकागो में था।”
    • टॉपिक सेंटेंस के बाद की बैकग्राउंड जानकारी, जैसे बाकि किरदार और कहानी कहाँ घटित हुई थी, अंदाज़े से 1-4 वाक्य लम्बे होने चाहिए।
  6. इसमें 1 टॉपिकवाक्य, 1-4 बैकग्राउंड जानकारी के वाक्य , 2-4 वाक्य कहानी की शुरुआत करने के लिए, 3-5 वाक्य आपसी मतभेद दिखाने के लिए, 1-3 वाक्य मतभेद सुलझाने के लिए, और 1-2 वाक्य कन्क्लूज़न के लिए।
    • वैसे तो आपके पैराग्राफ की लेंथ कंटेंट के ऊपर निर्भर होगी, एक सामान्य 5 वाक्य का पैराग्राफ आपको इतनी जानकारी नहीं देने देंगे की आप एक पूरा नैरेटिव लिख लें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

नैरेटिव डिटेल्स देना

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  1. कहानी की शुरुआत उस समस्या से करें जहाँ से उसमें हलचल मचनी शुरू होती है। ये टेलीफोन कॉल से लेकर दूध की खोज तक कुछ भी हो सकता है। कहानी की शुरुआत 1-4 वाक्य लम्बी होनी चाहिए। [३]
    • आप कह सकते हैं, ”जब हम ब्रीडर के पास आये, तो मुझे बहुत निराशा हुई। मुझे वहां पर कोई पपी नहीं दिखाई दिए।”
  2. नैरेटिव डिटेल जोड़ कर बताएं की कहानी में आगे क्या होता है। सिर्फ 3-5 वाक्यों में, ये आपकी कहानी में मुख्य लड़ाई या ड्रामा के केंद्र को पेश करती हो। [४]
    • आप आगे कह सकते हैं, ” ब्रीडर ने विस्सल किया। मुझे थोड़ी सी तसल्ली हुई जब पप्पीज़ कोने से भागते हुए उस स्थान पर आगये। मैंने एक अपने पसंदीदा रंग-सफ़ेद- और दो काले दाग वाला पपी देखा। ‘माँ, क्या हम इसे रख सकते हैं?’ मैंने आशा भरी आवाज़ में पूछा। उन्होनें एक मिनट तक रुक कर सोचा, शायद सोच रही थीं की पपी लेना ज़रूरी है क्या।”
  3. कहानी कैसे खत्म हुई उसका डिटेल पाठक को दें। एक अच्छी कहानी में, अक्सर ये कहानी कोई आकस्मिक बदलाव या बस एक ख़ुशी का पल हो सकता हैं। अगर इसका नैरेटर पर कुछ अच्छा असर पड़ा था, तो वह भी बताइए। [५]
    • आप ऐसे खत्म कर सकते हैं, “फिर माँ मुस्कुरायी ‘तभी जब हम इसका नाम ओरियो रखेंगे’ मैंने उनको गले लगा लिया, और सहमति में ओरियो ने मुझे लिक कर लिया।”
    • कहानी का हल संक्षिप्त होना चाहिए 1-3 वाक्यों से ज़्यादा नहीं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी कहानी को कनक्लूड करें और पैराग्राफ को प्रूफ करें

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  1. कहानी का अंत ऐसी कन्क्लूज़न से करें जो इवेंट के बारे में बताये: अपनी कन्क्लूज़न की मदद से कहानी से सम्बंधित अपनी राय पेश करें। इसके माध्यम से आप बता सकते हैं की कैसे मौजूदा समय में इस इवेंट से नैरेटर (शायद आप) के जीवन में परिवर्तन आया है या कैसे इवेंट के बाद इस घटना की वजह से नैरेटर की पसंद में परिवर्तन आया। आम तौर पर ये 1-2 वाक्य लम्बा होना चाहिए । [६]
    • पपी स्टोरी में, आप कह सकते हैं, ” वह मेरी ज़िंदगी का सबसे ज़्यादा ख़ुशी का दिन था। ”
    • आपकी कन्क्लूज़न का असल भाव कहानी के असल टोन और कंटेंट पर निर्भर होगा और इस पर भी कहानी किसे नज़रिये से सुनाई जा रही है।
  2. अपने पैराग्राफ को स्पेलिंग और ग्रामर की गलतियों के लिए प्रूफरीड करें: अपने पैराग्राफ पर नज़र डालें और देखें की क्या वो पढ़ने में आ रहा है और उसमें टाइपो या ग्रामर की गलतियां तो नहीं है। कंप्यूटर पर एडिट करने की कोशिश करने के बजाय अपने पैराग्राफ की हार्ड कॉपी निकालें। [७]
    • अपनी कहानी को ज़ोर से सुनने से भी ग्रामर की गलतियां और ऐसे स्थान पता करना आसान हो जाता है जहाँ कहानी समझने में मुश्किल हो रही है।
    • सिर्फ स्पेल चेक पर भरोसा नहीं करें, क्योंकि वह सारी गलतियां नहीं पकड़ पाता है!
    • एक बार आपने प्रूफरीडिंग कर ली, किसी ऐसे शख्स को पैराग्राफ दोबारा पढ़ने को दें जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं। वो ऐसी गलतियां ढूंढ पाएंगे जो आपकी नज़र से चूक गयी होंगी!
  3. अपने पैराग्राफ को दोबारा पढ़ कर देखें की क्या ये कहानी होने अपने आप भी सम्पूर्ण लग रही है: अगर कोई आपके पास आकर इस कहानी को सुनाएगा, तो क्या आपको और अधिक जानकारी चाहिए होगी: अगर हाँ, तो कहानी को समझने में आसान बनाने के लिए और डिटेल्स उस में डालें। [8]

सलाह

  • अपने नैरेटिव पैराग्राफ को रोचक बनाने के लिए, लिखने से पहले अपने दोस्त के साथ अलग अलग कहानी के आइडिया पर चर्चा करें। रोज़ाना के घटनाक्रम को बस बताने से बेहतर है की आप ऐसे पल पर ध्यान दें जो आपके या नैरेटर के लिए ख़ास या बदलाव से भरा था। [9]
  • वाक्य के निर्देश सिर्फ साधारण सी गाइडलाइन्स हैं कोई तय कठिन नियम नहीं हैं। जब ज़रूरी लगे, पैराग्राफ्स कंटेंट के मुताबिक थोड़े बढ़े या छोटे हो सकते हैं।
  • जब आप अच्छा लेखक बनने की कोशिश कर रहे हों, ज़्यादा पढ़ने की कोशिश करें। पढ़ने से आपको भाषा की बेहतर समझ होगी और आपकी वोकैबुलरी और आवाज़ ढूंढने में सहायक होती है।

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