ज़्यादातर लोग टिटनस (tetanus) शॉट के बारे में जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है, कि कब आपको इस वैक्सीन को लेने की जरूरत होती है? वैक्सिनेशन की हाइ रेट के चलते दुनियाभर में बहुत कम टिटनस के मामले देखने को मिलते हैं। क्योंकि मिट्टी, धूल और जानवरों के मल में पाये जाने वाले बैक्टीरियल टॉक्सिन से होने वाली इस बीमारी, टिटनस के लिए कोई इलाज मौजूद नहीं है, इसलिए इसका वैक्सिनेशन लेना जरूरी होता है। ये बैक्टीरियल टॉक्सिक जीवाणु में बदल जाते हैं, जो कि ज़्यादातर हीट और बहुत सी दवाओं और केमिकल्स के प्रति प्रतिरोधी होते हैं, इसलिए इन्हें मार पाना काफी मुश्किल होता है। टिटनस नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है और इसकी वजह से मसल पर काफी दर्दभरा दबाव पड़ता है, खासतौर पर, जॉ (जबड़े) और गर्दन की मसल्स में। ये साँसों में भी रुकावट ला सकता है, इसे एकदम रोक भी सकता है। इन सभी वजहों के चलते, ये जानना जरूरी हो जाता है, कि कब आपको इस वैक्सिनेशन की जरूरत है।
चरण
टिटनस शॉट लेने की जरूरत को समझना (Knowing When to Get a Tetanus Shot)
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कुछ खास तरह की चोट लगने के बाद एक टिटनस बूस्टर (tetanus booster) शॉट लें: आमतौर पर, ये बैक्टीरियल टॉक्सिन्स टिटनस से ग्रसित किसी ऑब्जेक्ट के जरिए स्किन पर हुए किसी घाव के जरिए बॉडी के अंदर चले जाते हैं। अगर आपको इनमें से कोई एक एक या एक से ज्यादा चोट या घाव हुए हैं, जिनसे टिटनस होने के चांस हैं, तो आपको एक टिटनस बूस्टर शॉट ले लेना चाहिए। इनमें इस तरह की चोट शामिल हैं:
- ऐसा कोई भी घाव जो मिट्टी, धूल या हॉर्स मेन्यूर ( horse manure) से स्पष्ट रूप से दूषित नजर आ रहा हो।
- फूटा हुआ घाव। इस तरह के घाव देने वाले ऑब्जेक्ट्स में वुड स्प्लिंटर्स (wood splinters), नाखून, सुई, ग्लास और मनुष्यों या जानवरों की बाइट्स शामिल हैं। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- स्किन बर्न्स (जली हुई त्वचा)। सेकंड डिग्री (आंशिक-मोटाई वाला या छाले के साथ) और थर्ड डिग्री (फुल-थिकनेस) बर्न्स में फर्स्ट डिग्री (ऊपरी) बर्न्स के मुक़ाबले इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- क्रश इंजरी, जो किसी हैवी ऑब्जेक्ट के बीच टिशू को स्क़्वीज करके डैमेज कर देता है। ये उस वक़्त भी हो सकता है, जब कोई हैवी चीज आपके शरीर के किसी हिस्से पर गिर गई हो। [३] X रिसर्च सोर्स [४] X रिसर्च सोर्स
- बहुत ज्यादा खराब हुए या डेड टिशू वाले घाव। इस तरह के टिशू में ब्लड सप्लाई बिल्कुल भी नहीं होती है, जिससे इसके इन्फेक्शन (अलग-अलग तरह से खराब हुए टिशूज के साथ) पकड़ने के चांस बढ़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, गैंग्रीन (gangrene) वाले हिस्से (डेड बॉडी टिशू) में इन्फेक्शन होने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। [५] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- ऐसे घाव, जिनमें कोई बाहरी चीज हो। ऐसे घाव, जिनमें स्प्लिंटर्स, ग्लास के टुकड़े, कंकड़ या और दूसरे ऑब्जेक्ट्स हों, उन पर इन्फेक्शन होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। [६] X विश्वसनीय स्त्रोत American Academy of Family Physicians स्त्रोत (source) पर जायें
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पता करें, अगर आपका टिटनस शॉट लेने का वक़्त आ चुका हो: अगर आपने इससे पहले कभी भी टिटनस शॉट्स की पहली सीरीज (प्राइमरी वेक्सिनेशन सीरीज) को नहीं लिया है या आपको याद नहीं, कि आपने इससे पहले कब टिटनस शॉट लिया था, तो आपको जाकर टिटनेस शॉट ले लेना चाहिए। अगर आपको चोट लगी हो, तो आप भी इस बात को लेकर सोच में होंगे, कि आपको टिटनस शॉट लेना है या नहीं। आपको टिटनस बूस्टर शॉट लेना होगा, अगर: [७] X रिसर्च सोर्स
- आपका घाव एक “साफ” ऑब्जेक्ट से हुआ हो, लेकिन आपको टिटनस शॉट लिए हुए 10 साल से ज्यादा हो चुके हैं।
- आपका घाव एक “गंदे” ऑब्जेक्ट से हुआ हो, लेकिन आपको टिटनस शॉट लिए हुए 5 साल से ज्यादा हो चुके हैं।
- आपको नहीं मालूम, कि ये घाव किसी “साफ” या “गंदे” ऑब्जेक्ट से हुआ है और आपको टिटनस शॉट लिए हुए 5 साल से ज्यादा हो चुके हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान शॉट लेना: अपने शरीर में टिटनस एंटीबायोटिक्स ट्रांसफर करने में मदद के लिए, आपको अपनी प्रेग्नेंसी के 27-36 वीक्स के बीच में एक टिटनस वैक्सीन ले लेना चाहिए। [८] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- संभावना है, कि आपके डॉक्टर आपकी प्रेग्नेंसी के ट्राइमेस्टर के दौरान इनेक्टिवेटेड Tdap (डिप्थीरिया (diphtheria), टेटनस, और पर्ट्यूसिस (pertussis)) वैक्सीन लेने की सलाह दें। [९] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आपने इसके पहले कभी भी Tdap वैक्सीन न लिया हो और न ही आपने इसे प्रेग्नेंसी के दौरान लिया हो, तो आपको बच्चे को जन्म देने के फौरन बाद इस वैक्सीन को ले लेना चाहिए। [१०] X रिसर्च सोर्स CDC. Updated recommendations for use of tetanus toxoid, reduced diphtheria toxoid, and acellular pertussis vaccine (Tdap) in pregnant women - Advisory Committee on Immunization Practices (ACIP), 2012. MMWR 2013; 62 (07):131-5.
- अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कोई गंदा कट लग जाता है या घाव हो जाता है, तो भी आपको एक टिटनस बूस्टर शॉट लेने की जरूरत होगी।
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इम्यूनाइज्ड (immunized) हो जाएँ: टिटनस को "ट्रीट" करने का बेस्ट तरीका यही है, कि इसके होने से पहले ही खुद को सुरक्षित कर लें। ज़्यादातर लोगों को वैक्सीन के बहुत सीरियस रिएक्शन को नहीं एक्सपीरियन्स करते हैं, लेकिन इसके कुछ कॉमन हल्के रिएक्शन होते हैं। इनमें इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन, नरमी और रेडनेस आना शामिल है, लेकिन ये अक्सर 1-2 दिन में ठीक हो जाते हैं। [११] X रिसर्च सोर्स एक्स्ट्रा टिटनस बूस्टर लेने को लेकर भी न घबराएँ। इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है, अगर आप शॉट लेने के बीच में 10 साल का इंतज़ार नहीं करते हैं। ऐसी अलग-अलग तरह की वैक्सीन मौजूद हैं, जो टिटनस से प्रोटेक्ट करती हैं। वो हैं: [१२] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- DTaP: डिप्थीरिया (diphtheria), टेटनस, और पर्ट्यूसिस (pertussis) (खांसी खांसी) वैक्सीन (DTaP) आमतौर पर 2, 4 और 6 महीने के बेबीज को दिये जाते हैं और फिर उन्हें दोबारा 15 से 18 महीने की उम्र में दिया जाता है। DTap छोटे बच्चों की एक काफी प्रभावी वैक्सीन है। बच्चों को उनकी 4 से 6 साल की उम्र के बीच एक और बूस्टर लेने की जरूरत पड़ती है।
- Tdap: वक़्त के साथ, टिटनस की प्रोटेक्शन कम होती जाती है, इसलिए बड़े बच्चों को एक बूस्टर शॉट लेने की जरूरत होती है। इसमें टिटनस का फुल डोज़ और डिप्थीरिया और पर्ट्यूसिस की कम मात्रा होती है। 11 से 18 वर्ष की उम्र के बीच के सारे लोगों को, खासतौर पर 11 या 12 वर्ष में बूस्टर ले लेना चाहिए।
- Td: अगर आप एक एडल्ट हैं, तो सुरक्षित बने रहने के लिए हर 10 साल के अंदर एक Td (टिटनस और डिप्थीरिया) बूस्टर जरूर ले लिया करें। जैसे कि कुछ लोगों में 5 साल ले अंदर प्रोटेक्टिव एंटीबॉडी खत्म हो जाती है, तो ऐसे में अगर आपको एक डीप, दूषित घाव हुआ है और आपको वैक्सिनेशन लिए हुए 5 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं, तो ऐसे में आपके लिए एक बूस्टर वैक्सिनेशन ले लेना जरूरी हो जाता है। [१३] X रिसर्च सोर्स
टिटनस के बारे में सीखना और पहचानना (Learning About and Recognizing Tetanus)
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जानें, कि किसे टिटनस हो सकता है और ये किस तरह से फैलता है: आमतौर पर ज़्यादातर टिटनस के मामले उन्हीं लोगों में पाए गए हैं, जिन्होंने न तो कभी टिटनस वैक्सीन लिया हो, या फिर ऐसे एडल्ट्स, जो अपने 10 साल के बूस्टर को नहीं ले पाए हों। [१४] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें हालांकि ये बीमारी एक से दूसरे में नहीं फैलती है, और यही वो खासियत है जो इसे और दूसरी वैक्सीन से रोकी जाने वाली बीमारियों से एकदम अलग बनाती है। [१५] X विश्वसनीय स्त्रोत Immunization Action Coalition स्त्रोत (source) पर जायें इसकी बजाय, ये उन बैक्टीरियल जीवाणु के जरिए फैलता है, जो किसी चोट या घाव के जरिए आपके शरीर में चले गए हों। ये एक ऐसा शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन (neurotoxin) बनाते हैं, जो आपकी मसल्स में ऐंठन और कठोरता का कारण बनता है।
- टिटनस से होने वाली कोंप्लिकेशन्स उन लोगों में सबसे ज्यादा होती है, जो इम्यूनाइज्ड न हुए हों या ऐसे एडल्ट्स जिनमें भरपूर इम्यूनिटी न हो। [१६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- किसी नेचुरल डिजास्टर के बाद, खासकर अगर आप किसी डेवलपिंग कंट्री में रहते हैं, तो भी आप टिटनस होने के काफी खतरे में हो सकते हैं। [१७] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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अपने टिटनस के रिस्क को कम करें: जैसे ही आपको कोई चोट या घाव होता है, फौरन उसे साफ कर लें और उसे डिसइन्फेक्ट कर लें। अगर आप नए घाव को डिसइन्फेक्ट करने में 4 घंटे से ज्यादा का वक़्त लेंगे, तो आप टिटनस इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा लेंगे। [१८] X रिसर्च सोर्स ये उस वक़्त और भी जरूरी हो जाता है, जब आपको हुआ घाव किसी ऑब्जेक्ट के द्वारा आपकी स्किन में अंदर जाने की वजह से हुआ हो, जो बैक्टीरिया को फोर्स कर सकता है और घाव के अंदर ही छूटा भी रह सकता है, जो बैक्टीरियल ग्रोथ के लिए एक बेहतर माहौल हो सकता है।
- आपको टिटनस बूस्टर की जरूरत है या नहीं, ये डिसाइड करने में मदद के लिए, उस ऑब्जेक्ट के साफ या गंदे होने के ऊपर ध्यान दें, जिससे आपको चोट या घाव हुआ है। एक गंदा, या दूषित,मिट्टी/धूल भरा ऑब्जेक्ट, सलाइवा/लार, या उसके ऊपर जमा मल/मेन्योर, जबकि साफ ऑब्जेक्ट पर ये सब नहीं होगा। याद रखिए, जरूरी नहीं, कि आपको समझ ही आए कि ऑब्जेक्ट पर बैक्टीरिया हैं या नहीं।
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लक्षणों के ऊपर ध्यान दें: टिटनस के लिए 8 दिन के एवरेज के साथ, इंक्यूबेशन (incubation) की अवधि 3 से 21 दिन तक होती है। टिटनस की गंभीरता को एक ग्रेडेड स्केल पर I से IV तक मापा जाता है। लक्षणों के उभरने में जितना ज्यादा वक़्त लगेगा, टिटनस की गंभीरता उतनी ही कम होगी। [१९] X रिसर्च सोर्स टिटनस (नजर आने के हिसाब से) के कॉमन लक्षणों में ये शामिल हैं: [२०] X विश्वसनीय स्त्रोत Immunization Action Coalition स्त्रोत (source) पर जायें
- जॉ मसल्स में ऐंठन (जिसे आमतौर पर “लॉकजॉ/lockjaw” के नाम से जाना जाता है)
- गर्दन में अकड़न
- निगलने में तकलीफ (dysphagia)
- एब्डोमिनल मसल में कठोरता
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टिटनस के और दूसरे लक्षणों को पहचानना: टिटनस का निदान पूरी तरह से इसके लक्षणों को पहचानने पर निर्भर करता है। टिटनस की पहचान करने के लिए कोई ब्लड टेस्ट नहीं मौजूद है, तो इसलिए इसके लक्षणों की तरफ ज्यादा ध्यान देना जरूरी बन जाता है। हो सकता है, आपको फीवर, पसीना, बढ़ा हुआ ब्लड प्रैशर, या तेज दिल की धड़कन (tachycardia) महसूस हो। [२१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें संभावित कठिनाइयों को समझें, जिनमें ये भी शामिल हैं: [२२] X विश्वसनीय स्त्रोत Immunization Action Coalition स्त्रोत (source) पर जायें [२३] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- लेरींगोस्पेज़्म (Laryngospasm) या वोकल कोर्ड्स में ऐंठन, जो साँस लेना मुश्किल बना सकती है
- बोन फ्रेक्चर
- सिजर्स/कन्व्युल्जन (Seizures/convulsions)
- एब्नॉर्मल हार्ट रिदम्स
- काफी वक़्त तक हॉस्पिटल में एडमिट रहने की वजह से निमोनिया (pneumonia) जैसे सेकंडरी इन्फेक्शन
- फेफड़े में रुकावट (Pulmonary embolism) या लंग्स में ब्लड क्लोट्स होना
- मृत्यु (रिपोर्ट किए गए मामलों में से 10% घातक हैं)
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मेडिकल अटेन्शन पाएँ: अगर आपको लगता है या आपको ऐसा शक है, कि आपको टिटनस है, तो फौरन मेडिकल अटेन्शन तलाश लें। ये एक मेडिकल इमरजेंसी के दायरे में आता है, और क्योंकि इसकी मोर्टेलिटी या मृत्यु की दर (10%) काफी ज्यादा होती है, इसलिए आपको फौरन ही हॉस्पिटलाइज्ड़ होने की जरूरत होती है। हॉस्पिटल में, आपको टिटनस इम्यून ग्लोबलीन (tetanus immune globulin) जैसा एक एंटीटॉक्सिन दिया जाएगा। ये आपके नर्वस टिशू में मौजूद टॉक्सिन को न्यूट्रलाइज कर देगा। घाव को पूरी तरह से साफ किया जाएगा और आगे कभी ऐसे इन्फेक्शन से बचने के लिए आपको एक टिटनस वैक्सीन दिया जाएगा। [२४] X विश्वसनीय स्त्रोत Immunization Action Coalition स्त्रोत (source) पर जायें [२५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें [२६] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- टिटनस से इन्फेक्टेड होने की वजह से आपको इसके फ्यूचर में होने वाले इन्फेक्शन से सुरक्षा नहीं मिल जाएगी। इसकी बजाय, इसे फिर से होने से रोकने के लिए आपको टिटनस वैक्सीन लेना होगी।
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आपके ट्रीटमेंट के कोर्स को तय करने के लिए एक डॉक्टर पाएँ: टिटनस का पता लगाने के लिए कोई ब्लड टेस्ट नहीं मौजूद है। इसलिए, इस डिसीज की पहचान करने के लिए लैब टेस्टिंग मददगार साबित नहीं होगी। इसी वजह से, ज़्यादातर डॉक्टर्स इंतज़ार करके देखने वाली अप्रोच का यूज नहीं किया करते हैं, लेकिन अगर उन्हें इन्फेक्शन का शक भी होता है, तो वो काफी अग्रेसिव ट्रीटमेंट किया करते हैं।
- डॉक्टर्स खासतौर पर, मौजूदा लक्षणों और क्लीनिकिल साइन को देखकर इसका इलाज़ निर्धारित करते हैं। लक्षण जितने गंभीर होंगे, इसके इलाज़ का कोर्स भी उतना ही तीव्र होता है।
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टिटनस के लक्षणों का इलाज करें: जैसे कि टिटनस से बचने का कोई तरीका नहीं मौजूद है, इसलिए इसके लक्षणों और कोंप्लिकेशन्स की गंभीरता के हिसाब से ट्रीटमेंट्स निश्चित किए जाते हैं। आपको इंजेक्शन के जरिए या ओरली काफी सारे एंटीबायोटिक्स दिये जाएंगे और साथ ही मसल की ऐंठन को कंट्रोल करने के लिए दवाइयाँ भी दी जाएंगी।
- मसल की ऐंठन को कंट्रोल करने वाली दवाओं में बेंजोडाइजेपाइन (benzodiazepine) ग्रुप (जैसे कि डायजेपाम (Valium), लोरेजेपाम (Ativan), अल्प्राजोलम (Xanax), और मिडाजोलम (Versed)) के सीडेटिव (sedatives) मौजूद होते हैं। [२७] X विश्वसनीय स्त्रोत Immunization Action Coalition स्त्रोत (source) पर जायें [२८] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें [२९] X विश्वसनीय स्त्रोत Centers for Disease Control and Prevention स्त्रोत (source) पर जायें
- आमतौर पर एंटीबायोटिक्स टिटनस के लिए प्रभावी होती हैं, लेकिन इन्हें शायद क्लोस्ट्रीडियम टिटनी (Clostridium tetani) को फिर से बढ़ने से रोकने के लिए प्रिस्क्राइब किया जारता है। ये टॉक्सिन के प्रोडक्शन को कम करने में मदद करता है। [३०] X रिसर्च सोर्स
सलाह
- ऐसी कुछ टिटनस वैक्सीन मौजूद हैं, जो डिप्थीरिया (diphtheria) और पर्ट्यूसिस (pertussis) या सिर्फ डिप्थीरिया (Td) के खिलाफ प्रोटेक्ट करते हैं। दोनों ही वैक्सीन 10 सालों तक चलती हैं।
- आपके टिटनस बूस्टर की लास्ट डेट को आपके डॉक्टर के ऑफिस में मौजूद इम्यूनाइजेशन रिकॉर्ड्स में से पाया जाता है। कुछ लोग अपने पास में उनकी इम्यूनाइजेशन की डेट को वेरिफ़ाई करने वाला एक अपना खुद का कार्ड भी रखते हैं, जिसे आप आपके डॉक्टर से पा सकते हैं।
- अगर आप इन्फेक्शन के रिस्क में हैं, तो पुष्टि कर लें, कि आप सारे लक्षणों को और टिटनस की वजह से होने वाली कोंप्लिकेशन्स के बारे में सब-कुछ समझते हैं। ऐंठन इतनी गंभीर भी हो सकती है, कि आपको अपनी नॉर्मल साँसों में भी रुकावट लगने लगती है। कोन्वल्जन (Convulsions), जो इतना गंभीर हो जाता है कि वे रीढ़ या लंबी हड्डियों के टूटने का कारण बनते हैं।
- बाद में पछताने से बेहतर है, कि आप अभी अपना खयाल रख लें, खासकर अगर आपको अपने टिटनस से इन्फेक्ट होने का शक है, तो फौरन वैक्सिनेशन ले लें।
- कुछ तरह की डिसीज में भी टिटनस के ही जैसे लक्षण नजर आते हैं। मेलिग्नेंट हायपरथर्मिया (Malignant hyperthermia) एक ऐसी इन्हेरिटेड बीमारी है, जिसमें बहुत तेज फीवर आता है और जब आपको जनरल एनिस्थीसिया दिया जाता है, तब काफी गंभीर मसल कोंट्रेक्शन होता है। [३१] X रिसर्च सोर्स स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (Stiff Person Syndrome) एक ऐसी रेयर डिसीज है, जिसकी वजह से मसल में ऐंठन होती है। इसके लक्षण अक्सर 40-की उम्र के मध्य में शुरू होते हैं। [३२] X विश्वसनीय स्त्रोत Johns Hopkins Medicine स्त्रोत (source) पर जायें
चेतावनी
- किसी भी सीरियस घाव या चोट के लिए मेडिकल अटेन्शन की तलाश करें। अगर आपको ऐसा शक है, कि आप टिटनस बैक्टीरिया से इन्फेक्ट हुए हैं, तो ऐसे में प्रोपर ट्रीटमेंट लेने के लिए लक्षणों के और भी स्पष्ट होने का इंतज़ार न करें। टिटनस के लक्षणों के पूरी तरह से खत्म होने तक ट्रीटमेंट लेने के अलावा इसके लिए कोई इलाज़ नहीं मौजूद हैं।
रेफरेन्स
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