आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

हमारे प्यारे पालतू जानवर को, क्या अब अलविदा कहने का समय हो गया है, इस बात का फ़ैसला करना बहुत मुश्किल काम है, जिसका सामना किसी भी बिल्ली के मालिक को करना पड़ सकता है। भले ही इस विषय से बहुत सी भावनाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन हमें फिर भी, हमारे पालतू जानवर के कल्याण को ध्यान में रखते हुए अक़ल से काम लेना होगा। यह फैसला लेते समय कि क्या आपकी बिल्ली को इच्छा मृत्यु देना उचित है, हमें उसकी शारीरिक और दिमाग़ी हालत और उसके जीवन की गुणवत्ता को ध्यान में रखना होगा।

भाग 1
भाग 1 का 3:

बिल्ली की शारीरिक स्थिति का जायज़ा

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. खाना जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। अगर आपकी बिल्ली को तकलीफ़ है (दांत, पेट और जोड़ों की समस्या ज्यादा उम्र की बिल्लियों में आम होती है) तो इसकी वजह से वह खाना नहीं खाएगी, क्योंकि उसको उठने और चलने में दर्द हो रहा होगा। [१]
    • जांचने का एक और तरीक़ा यह भी है कि खाने के बाद बिल्ली उल्टियाँ करती है या नहीं। इन कारणों से बिल्ली का वज़न घट सकता है। लेकिन बिल्ली का वज़न घटना, इच्छा मृत्यु देने का लक्षण नहीं है। लेकिन अगर बिल्ली का बॉडी स्कोर 1.5/5 के क़रीब आ जाए, तो बिल्ली कमज़ोरी और ताक़त में कमी महसूस करेगी।
    • अगर उसका वज़न बढ़ने की कोई संभावना नहीं है, तो आप इच्छा मृत्यु देने पर विचार करें और अगर उसका बॉडी स्कोर 1/5 तक गिर जाए, तो अब उसको अलविदा कहने का समय हो गया है।
  2. बॉडी स्कोर यह पता करने का एक बहुत आसान तरीका है कि आपकी बिल्ली कितनी मोटी या कितनी दुबली है। इसका माँप 1 से शुरू होकर 5 तक जाता है, जिसमें 5 का मतलब बहुत ज्यादा मोटा और 1 का मतलब बहुत ज्यादा दुबला या कुपोषित होना है। एक सेहतमंद बिल्ली का बॉडी स्कोर 3 के क़रीब होता है।
    • स्कोर 1: पसलियाँ, रीढ़ की हड्डी और कूल्हे की हड्डियाँ बाहर निकल आना और दूर से साफ़ नज़र आना। बिल्ली के शरीर में चरबी नहीं बचना, कुपोषित और बिल्कुल ढांचे के समान नज़र आना।
    • स्कोर 2: पसलियाँ, रीढ़ की हड्डी और कूल्हे की हड्डियाँ महसूस होना। ऊपर से देखने पर कमर अलग नज़र आना, और पेट साइड से पिचका हुआ होना और बिल्ली दुबली नज़र आना।
    • स्कोर 3: पसलियाँ और रीढ़ की हड्डी महसूस होना, पर नज़र ना आना। ऊपर से देखने पर थोड़ी सी कमर नज़र आना और पेट पिचका होने की बजाय, लेवल में होना। ऐसी बिल्ली सेहतमंद मानी जाती है।
    • स्कोर 4: पसलियाँ और रीढ़ की हड्डी मुश्किल से महसूस होना। ऊपर से देखने पर पेट बाहर निकलता दिखना और साइड से देखने पर पेट लटकता हुआ दिखना। इसको हम मोटी-तगड़ी बिल्ली कह सकते हैं।
    • स्कोर 5: बदन में चरबी की वजह से बल पड़ना। सीने और पेट पर मोटी चरबी की परत होना। इसको हम बहुत ज्यादा मोटी बिल्ली कह सकते हैं।
  3. जांचें कि क्या बिल्ली खुद से पानी के बाउल तक जाने के काबिल है या नहीं: बूढ़ी बिल्लियों को जवान बिल्लियों के मुक़ाबले ज्यादा पानी की ज़रूरत होती है। इसकी वजह यह है कि इनकी किडनियां ज्यादा काम करती हैं, ताकि शरीर में मौजूद ज़हरीले तत्वों को बाहर निकाला जा सके। इसके लिए ज़रूरी है कि बिल्ली बिना किसी तकलीफ़ के चल-फिर कर पानी के बाउल तक जा सके।
    • दर्द में ग्रस्त बिल्लियाँ बिना किसी खास ज़रूरत के चलती फिरती नहीं है। प्यास लगने पर भी, यह पानी बहुत देर से पीती हैं, जिसकी वजह से यह डिहाइड्रेशन (Dehydration) के क़रीब पहुंच जाती हैं, इस कारण से इनकी किडनियों पर दबाव बढ़ जाता है और शरीर में ज़हरीले तत्व बढ़ने लगते हैं और यह खुद को बीमार महसूस करने लगती हैं।
    • ज़ाहिर सी बात है, आप पानी का बाउल इसके क़रीब रख देंगे, लेकिन यह बात ना भूलें कि बिल्ली को बिना किसी परेशानी के, कम से कम इतना तो चलना ही चाहिए कि वह अपनी ज़रूरतें पूरी कर सके और अगर ऐसा नहीं है, तो आपके पालतू जानवर की ज़िंदगी सवालों के घेरे में हैं और आपको इसकी इच्छामृत्यु के ऊपर ग़ौर करना चाहिए।
  4. इस बात की जांच करें कि क्या आपकी बिल्ली खुद को गंदा रख रही है: बिल्ली एक ऐसा जानवर है जो खुद को साफ रखना बहुत पसंद करता है। खुद की साफ-सफाई रखना, इनकी एक ज़रूरत है। अगर वह अपनी साफ-सफाई करने के क़ाबिल नहीं है, तो इससे बिल्ली की मानसिक स्थिति पर असर पड़ेगा और उसका ज़िंदा रहना नैतिकता के रूप से, सवालों के घेरे में है। [२]
    • बेशक एक दो बार ऐसा हो जाने से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अगर बिल्ली को दस्त लगे हैं और अब वह पेशाब ना रोक पाती हो, जिसकी वजह से उसके शरीर से बदबू आने लगी हो। ऐसी स्थिति में बिल्ली तनाव में आ जाती हैं। यह भी एक परेशानी वाली बात है कि पाली हुई बिल्ली जो मल करने में ट्रेंड थी, वह घर में गंदगी करना शुरू कर दें।
    • बिल्ली को इच्छा मृत्यु देने के ऊपर विचार करने से पहले, आप अपने पशु चिकित्सक से सलाह लें कि क्या दर्द निरोधक गोलियाँ, ऐसे समय में उचित रहेंगी या फिर बिल्ली के मल वाले डिब्बे (litter box) को बदलकर कम ऊंचाई वाला डिब्बा रखें। बिल्लियाँ जिनको जोड़ों के दर्द (arthritis) की समस्या होती है, उनको ज्यादा ऊंचाई वाले लिटर बॉक्स (litter box) पर चढ़ने में परेशानी होती है, जिसकी वजह से वह फर्श पर ही मल करने का आसान रास्ता अपनाती हैं।
    • इसी तरह जोड़ों के दर्द की समस्या की वजह से बिल्लियाँ दूसरे कमरे में मौजूद मल वाले डिब्बे तक नहीं जातीं। दर्द निरोधक दवाओं के ज़रिए आप उसकी यह समस्या को हल कर सकते हैं।
  5. हो सकता है कि बिल्ली अकड़ी हुई कमर के कारण खुद को ना संवार पा रही हो, या फिर आपकी बिल्ली ज्यादा सो रही हो और खुद की साफ सफाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही हो। अगर आपकी बिल्ली को केवल यही एक परेशानी है, तो घबराएं नहीं। अभी आपकी बिल्ली पुरी तरह ठीक-ठाक है।
    • इस बात को आप दूसरे नज़रिए से भी देख सकते हैं। अगर आपके बिल्ली की रोएंदार त्वचा साफ-सुथरी और चमचमा रही है, इसका मतलब है कि आपकी बिल्ली में खुद के प्रति सम्मान बाक़ी है और वे खुद की देखभाल अच्छे से कर सकती है। अगर आपकी बिल्ली का मामला कुछ इस तरह का ही है, तो अभी उसके जाने का समय बिल्कुल नहीं आया है।
    • हाँ, अगर आपकी बिल्ली को खुद को सवारने में परेशानी हो रही है, तो इस मामले में आप उसकी मदद करके कुछ बदलाव कर सकते हैं। एक बूढ़ी बिल्ली पर कंघी और ब्रश फैरने से, उसे अच्छा महसूस होगा।
  6. देखें कि क्या आपकी बिल्ली बिना किसी तकलीफ़ के, आराम कर पा रही है: बिल्लियों के लिए बिना किसी तकलीफ़ के आराम से सोना, उनकी एक अहम ज़रूरत है। तकलीफ़ में बिल्लियाँ बेचैन हो जाती हैं और पूंछ को हिलाकर इसका लक्षण दिखाती हैं; जैसे पूंछ को जल्दी-जल्दी हिलाना, या कान पीछे करके बैठना।
    • दर्द की वजह से माँस-पेशियों में तनाव पैदा हो जाता है, जिसकी वजह से बिल्ली कूबड़ निकाली और अकड़ी अकड़ी दिखाई देती है, ना की आराम से, टांगे फैला कर लेटी हुई नज़र आती है। दर्द में बिल्लियाँ चिड़चिड़ी और जल्दी ही गुस्से में आ जाती हैं। अगर वह खुश मिज़ाज बिल्ली से, चिड़चिड़ी और ग़ुस्सेली बिल्ली बन जाए, तो ऐसे में उसके हाव-भाव को देखकर सावधान हो जाएं।
    • दर्द अलग-अलग तीव्रता का हो सकता है और हर बिल्ली की दर्द बर्दाश्त करने की क्षमता अलग होती हैं। इच्छा मृत्यु देते समय जो सबसे ज़रूरी सवाल पैदा होता है, वह यह है कि क्या वह इस दर्द को बर्दाश्त करते हुए, ज़िंदगी का आनंद ले पाएगी।
भाग 2
भाग 2 का 3:

पशु चिकित्सक की सलाह लें

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. यह ना भूलें की पशु चिकित्सक आपको बिल्कुल सही सलाह देगा। अच्छा यह रहेगा कि आप ऐसे पशु चिकित्सक के पास जाएं, जो आपकी बिल्ली को सालों से देख रहा हो, और वह आपकी बिल्ली और उसके बर्ताव से पूरी तरह वाक़िफ़ हो। [३]
    • सबसे अच्छी बात यह होगी कि पशु चिकित्सक आपको जानता है, ऐसे में आप उससे, इस मामले पर खुलकर बात कर सकेंगे और तय कर सकेंगे कि बिल्ली के लिए क्या बेहतर रहेगा।
  2. चिंता वाले लक्षण देखते ही फौरन आपके पशु चिकित्सक से संपर्क करें: अगर आपकी बिल्ली की लगातार दवाइयाँ चल रही हैं और चिकित्सक उसकी स्थिति से पूरी तरह परिचित है। ऐसे में कोई भी चिंता वाले लक्षण दिखने पर फौरन चिकित्सक से संपर्क करा जाए।
    • चिकित्सक आपको क्लीनिक आने की सलाह दे सकता है, या आपको दवाई बदलने या उसकी मात्रा बदलने का कह सकता है। इच्छा मृत्यु की बात छेड़ने से पहले, चिकित्सक आपकी समस्या को हल करने की पूरी कोशिश करेगा।
    • अगर आप उसकी स्थिति से पहले से ही चिंतित हैं, तो किसी दक्ष व्यक्ति से बात करें। वह आपको इच्छा मृत्यु की सलाह नहीं देगा, बल्कि वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेगा कि उसका इलाज किया जा सके।
  3. अगर आप की बिल्ली की काफी समय से चिकित्सक ने जांच नहीं की है और उसकी स्थिति देखकर आपकी चिंता बढ़ रही है, तो ऐसे में उसकी जांच के लिए अपॉइंटमेंट लें।
    • अपॉइंटमेंट इसलिए नहीं कि चिकित्सक आपसे इच्छा मृत्यु का कहेगा, बल्कि इसलिए कि चिकित्सक को उसकी जाँच करने का एक मौका मिल जाएगा और वह उसकी सेहत के बारे में आपसे बात कर सकेगा।
    • यहां जाने से आपको उसकी सेहत का सही अंदाज़ा हो जाएगा और अगर अभी उसको अलविदा कहने का समय नहीं आया है, तो आप इसके जरिए उसकी आगे की सेहत का आंकलन कर सकेंगे और पता कर सकेंगे कि उसकी सेहत में सुधार है या नहीं।
  4. जाने किन लक्षणों के हिसाब से चिकित्सक इच्छामृत्यु देना तय करता है: इच्छा मृत्यु का फैसला इन दो कारकों पर निर्भर करता है। पहला उसकी शारीरिक स्थिति और दूसरा उसकी मानसिक स्थिति।
    • चिकित्सक का काम होता है कि वह दर्द और बीमारी के लक्षण देखे, जिनसे जानवर पीड़ित है या होने वाला है और उसी के हिसाब से उसका इलाज करे।अगर दवाई और इलाज से उसकी सेहत में सुधार ना हो, तो अफसोस ऐसे समय पर इच्छा मृत्यु का फैसला ही सबसे उचित रहता है।
    • उसकी सेहत का चेकअप करते समय चिकित्सक इन बातों का जायज़ा लेगा; बिल्ली के शरीर में पानी की मात्रा कितनी है, उसकी शारीरिक स्थिति कैसी है और क्या दर्द के लक्षण मौजूद हैं, वह खून की कमीं की भी जांच करेगा और कैंसर के लक्षण भी देखेगा, अगर कैंसर के लक्षण हैं, तो इसका मतलब है कि अब बिल्ली का इलाज असंभव है। वह बिल्ली की चाल-ढाल और मानसिक स्थिति की भी जांच करेगा।
  5. इस बात को समझें की चिकित्सक सिर्फ आपकी बिल्ली का भला चाहता है: चिकित्सक का फर्ज़ होता है कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि कोई भी जानवर पीड़ित ना रहे, अगर बिल्ली को कोई ऐसी परेशानी है जो इसकी आगे की जिंदगी पर असर डालेगी और उसके इलाज की बहुत कम संभावना है, ऐसे में चिकित्सक आपको समझाने और सही फैसला लेने में मदद करेगा। [४]
  6. चिकित्सक से बिल्ली की स्थिति के बारे में पूरे ईमानदार रहें: कई मामलों में जो बिल्लियाँ घर पर बीमार नज़र आती हैं, वह चिकित्सक के क्लीनिक पर जाकर चुस्त-दुरुस्त हो जाती हैं। ऐसा सिर्फ तनाव की वजह से होता है।
    • इस बात को ध्यान रखें कि ऐसा होने पर चिकित्सक बिल्ली की स्थिति को देखकर फौरन इस बात को समझ जाएगा, इसलिए चिकित्सक से बिल्ली के मामले में पूरी ईमानदारी बरतें और उसको बताएं कि बिल्ली घर पर कैसा बर्ताव करती है। वह आपकी सच्चाई की सराहना करेगा और सही फैसला लेने में आपकी मदद करेगा।
    • इस बात को ध्यान रखें कि कुछ बातें, जैसे कि उदासीनता और बुढ़ापे के लक्षण को, चिकित्सक के मुकाबले पशु के मालिक, जो हर समय उसके साथ रहते हैं, आसानी से समझ सकते हैं।
भाग 3
भाग 3 का 3:

फ़ैसला करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. 1
    शांति के समय एक लिस्ट बनाएं: भले ही बिल्ली अभी पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन आपको आगे के लिए ऐसी बातों की लिस्ट बना लेना चाहिए, जिनसे आप भविष्य में बिल्ली को पीड़ित नहीं देखना चाहते। लिस्ट के अंदर यह बातें शामिल हो सकती हैं; बिल्ली का खुद को ना संवार पाना, खाना-पीना बंद कर देना, फर्श या फर्नीचर पर रोज़ाना गंदगी करना आदि। यह लिस्ट आपके पास होने से आपको यह तय करने में आसानी होगी कि बिल्ली ने लिस्ट में मौजूद कौन सा बर्ताव करना शुरू कर दिया है। [५]
  2. जिंदगी तराजू की तरह है, कभी हालात अच्छे होते हैं, तो कभी ख़राब, लेकिन आखिर में संतुलन बन ही जाता है। आपकी बिल्ली की ज़िंदगी भी, कुछ इसी तरह की होती है।
    • एक बूढ़ी या बीमार बिल्ली के भी अच्छे और बुरे दिन आते हैं, अगर अच्छे का भार ज्यादा है और बुरा ज्यादा तकलीफ़दह नहीं है, ऐसे में जिंदगी को आगे चलाया जा सकता है। हालांकि एक समय आता है जब बुरे का भार अच्छे से ज्यादा हो जाता है।
    • अति तब हो जाती है, जब बिल्ली पर दर्द निरोधक गोलियाँ असर करना बंद कर देती हैं, या फिर आप देखें कि मल करने में ट्रेंड बिल्ली भी घर में ग़लत जगह मल करना शुरू कर दे। हालांकि यह बात प्रत्येक बिल्ली पर अलग तरह से लागू होती है, लेकिन एक समय आता है कि उसकी ज़िंदगी का स्थर अस्वीकार्य हो जाता है। #*जब ज़िंदगी का स्थर इस सीमा पर पहुंच जाता है, तो इच्छामृत्यु देना ही आपकी बिल्ली के लिए सबसे मानवीय रहेगा।
  3. लक्षणों की तुलना करना कोई आसान काम नहीं है क्योंकि कुछ लक्षण बिल्कुल साफ़ नज़र नहीं आते। इसलिए बताए हुए पैमानों पर इनकी तुलना की जाए, इसका मतलब यह नहीं कि इसमें सिर्फ़ बड़े लक्षणों को ही शामिल किया जाए; जैसे बिल्ली को स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) आना, बल्कि इस तुलना में छोटी-छोटी चीज़ों को शामिल किया जाएगा; जैसे बिल्ली का खुद की सफ़ाई ना कर पाना, गंदगी करना, उसका वज़न घटना आदि। [६]
  4. आपकी बिल्ली की ज़िंदगी की गुणवत्ता का जायज़ा लें: "ज़िन्दगी की गुणवत्ता" ये तीन शब्द जानवर को इच्छामृत्यु देना या ना देना तय करते हैं। इसके आलावा दूसरे शारीरिक कारक, जैसे दर्द आदि। ज़िन्दगी की गुणवत्ता का मतलब यह भी है कि बिल्ली ज़िन्दगी का कितना आनन्द ले रही है। ज़िन्दगी की गुणवत्ता के जायज़े की मदद से आप बिल्ली के लिए बेहतर और मानवीय फैसला ले सकते हैं। [७]
  5. अच्छी ज़िंदगी को लम्बी ज़िंदगी पर प्राथमिकता दें: इस बात को अच्छे से याद रखें कि ज़िंदगी की गुणवत्ता ज़्यादा मायने रखती है, ना कि लम्बी ज़िन्दगी। अगर आप आपकी बिल्ली को ज़िन्दा देखना चाहते हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करें कि उसकी ज़िन्दगी, जीने के क़ाबिल हो। लेकिन अगर वह लगातार तकलीफ़ में है, तो उसको अलविदा कहना ज़्यादा बहतर रहेगा, क्योंकि अब उसकी ज़िंदगी जीने के क़ाबिल नहीं रही। [८]
  6. जब बात इच्छामृत्यु की हो, तो हमें अपनी सहज प्रवृत्ति पर भरोसा रखना चाहिए। आप आपके पशु को ज़्यादा अच्छे से जानते हैं, अगर आपको लगता है कि वह तकलीफ़ में है, तो बेशक वह तकलीफ़ में होगी। ऐसे में मालिक को बिल्ली को अलविदा कह देना चाहिए, इस समय बिल्ली से मोहब्बत की बजाय, उसके कल्याण को ध्यान में रखना चाहिए। आप ही ज़्यादा बहतर जानते हैं कि क्या यह उसको अलविदा कहने का समय है। [९]
  7. इस बात को ध्यान रखें कि इच्छामृत्यु का फ़ैसला लेकर आप आपकी बिल्ली को क़त्ल नहीं कर रहे हैं और ना ही क़ुदरत के फ़ैसलों के साथ छेड़-छाड़ कर रहे हैं, बल्कि आप आपकी बिल्ली की मुश्किल को आसान कर रहे हैं, उसे दर्द और तकलीफ़ से, हमेशा के लिए निजात दे रहे हैं।
    • दूसरी बात जो आपको याद रखनी है, वो यह है कि बिल्ली को अपनी आँखों के सामने तड़प-तड़प कर मरते हुए देखने से बहतर है कि उसको कुछ समय पहले ही अलविदा कह दिया जाए। कोई भी मालिक इच्छामृत्यु देने के फैसले को हल्के में नहीं लेता, अगर आपने यह फ़ैसला लिया है तो इसका मतलब यही है कि वह आपके दिल के बहुत क़रीब है और आप उसको तकलीफ़ में नहीं देखना चाहते।
    • तीसरी बात जिसका ध्यान रखना है, वो यह है कि आपकी बिल्ली ने आपको सारी ज़िंदगी प्यार और मोहब्बत दी, अब जब उसकी यह हालत हो गयी है, तो आपको भी निस्वार्थ भावना से उसे अच्छे ढंग से अलविदा कह देना चाहिए।

सलाह

  • ऐसी बिल्ली जिसका वज़न कम हो रहा हो, ख़ुद को गंदा रख रही हो, और आपकी मौजूदगी अब उसको पहले की तरह पसंद ना हो, ऐसी बिल्ली का कुछ समय के लिए सामान्य हो जाने पर, इच्छामृत्यु को स्थगित नहीं करना चाहिए।

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ५,५४६ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?