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किसी औरत से ये पूछना कि क्या वह प्रेगनेंट है? शायद दुनिया का सबसे अटपटा सवाल हो सकता है । और खासकर तब जब आपको पता चले कि ऐसा कुछ नहीं है । हो सकता है आपको यह जानने की उत्सुकता हो या फिर आप सोच रहे हो कि बस में आपको अपनी सीट उसे देनी चाहिए या नहीं । कारण कुछ भी हो, प्रेगनेंसी के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं जिनकी जानकारी होने पर आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि कोई प्रेग्नेंट है या नहीं ताकि किसी भी शर्मसार घटना का शिकार न हों । हालांकि, सही यही है कि आप किसी की प्रेगनेंसी को लेकर कोई अंदाजा न लगाएं । कोशिश करें कि आप किसी से सीधे ही उसके मुँह पर ये सवाल न करें बल्कि इंतज़ार करें अगर उन्हें बताना होगा तो वह खुद आपको बताएंगी ।

विधि 1
विधि 1 का 2:

प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में ही पता लगाना

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  1. प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों से ही औरतें थोड़े खुले और कम्फर्टेबल कपड़ें पहनने लगती हैं ताकि किसी को भी इस बात का पता न चले और बेबी बम्प आसानी से छुप सके । और जैसे-जैसे उनका पेट बढ़ता जाता है, खुले और ढीले कपड़ों की जरुरत भी बढ़ती चली जाती है । अगर आपको लगे कि वह अपने नॉर्मल स्टाइल से हटकर कुछ अलग कपड़ें पहनने लगी हैं तो हो सकता हैं कि वह प्रेगनेंट है । [१]
  2. जब वह अपने खान-पान की आदतों के बारें में चर्चा करती हैं तो उन्हें सुने: प्रेगनेंसी के दौरान पहले के मुकाबले भूख और खान-पान में अंतर आना सामान्य हैं । इसी के चलते, अगर वह खाने को लेकर कुछ शिकायत या कमेंट करती हैं तो हो सकता है वह माँ बनने वाली हैं: [२]
    • क्रेविंग (लालसा): सभी प्रेगनेंट औरतें ऐसा महसूस नहीं करती लेकिन कुछ औरतें ज़िन्दगी के इस पड़ाव के दौरान कुछ अजीबोगरीब तरह का भोजन खाना पसंद करती हैं जैसे अचार के साथ आइस क्रीम । या फिर वे सिर्फ एक ही तरह का खाना पसंद करती हैं जैसे खट्टा/नमकीन खाना या साउथ इंडियन खाना । जब वह आपको बताएं कि वह क्या खाना चाहती हैं तो इस बात पर ध्यान दें ।
    • किसी विशिष्ट प्रकार के भोजन से परहेज करना: बहुत सी प्रेगनेंट महिलाओं को किसी भोजन से इतनी नफरत/प्रॉब्लम हो जाती है कि वे उसे खाना बिल्कुल बंद कर देती हैं । अगर आपको पता है कि उन्हें मीठा बहुत पसंद है लेकिन अचानक से उन्हें मीठे के नाम से ही नफरत हो जाती है तो हो सकता है वह प्रेगनेंट हो ।
    • हाइड्रेशन: जरुरी पोषक तत्वों को भ्रूण तक पहुंचाने के लिए शरीर में पानी की सही मात्रा बनाएं रखना बहुत आवश्यक है | इसलिए अधिकतर गर्भवती महिलाएं सुनिश्चित करती हैं कि उनके शरीर में किसी भी तरह पानी की मात्रा कम न हो | एक गर्भवती महिला इस बात का ख़ास ख्याल रखने लग जाती है और कई बार अपने साथ पानी की बोतल रखना आम बात होती है |
  3. -खान-पान की आदतों में बदलाव के साथ, बहुत सी गर्भवती महिलाएं जी-मचलाना, उल्टी या चक्कर आना जैसी समस्याओं से जूझती हैं और ये सभी लक्षण अधिकतर प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में ज्यादा होता है | इन सभी समस्याओं का एक कारण डाइट में बदलाव होना भी हो सकता है जैसे अगर वह सिर्फ एक ही तरह का खाना पसंद करने लगी है | या फिर ऐसा भी हो सकता है कि इन सभी समस्याओं का डाइट से कोई वास्ता ही न हो | इसे "मॉर्निंग सिकनेस" का नाम दिया हुआ है, इसका मतलब ये नहीं कि सिर्फ सुबह ही इस तरह की प्रॉब्लम का समाना करना पड़ सकता है बल्कि बहुत सी महिलाएं पूरा दिन इन समस्याओं के बीच रहती हैं | मॉर्निंग सिकनेस और साधारण फ़्लू/अपच में अंतर करने का सबसे अच्छा तरीका हैं ये जानना कि मॉर्निंग सिकनेस बहुत ही तीव्र होती हैऔर लम्बे समय तक चलती हैं बल्कि फ्लू कुछ दिनों में ठीक हो जाता है | [३]
  4. प्रेगनेंसी एक औरत के शरीर में कई बदलाव लाती है जैसे शरीर में सूजन या दर्द होना | अगर आपको लगता है कि वह पिछले कुछ दिनों से कमर दर्द, सर दर्द, जी-मचलाना, चक्कर आना, पैरों में सूजन जैसी शिकायतें कर रही है तो हो सकता है कि वह प्रेगनेंट हो | [४] जब भी वह दर्द या किसी प्रकार की सूजन को लेकर शिकायत करती हैं तो उनसे पूछने की कोशिश करें इस तरह की प्रॉब्लम आपको किस तरह परेशान कर रही है या क्या वह किसी स्पोर्ट्स में एक्टिव हैं या जिम जाती हैं | फिर देखें कि वह इसका क्या जवाब देती हैं | उदहारण के लिए:
    • “ओह हो, मैं समझ सकती हूँ तुम्हारा दर्द! कितने टाइम से ये प्रॉब्लम हैं तुम्हें?”
    • “मैंने पहले भी तुम्हे बोलते सुना कि तुम्हे चक्कर आते हैं | क्या तुम्हे उल्टी जैसा भी लगता है?”
  5. शारीरिक बदलाव के साथ-साथ, बहुत सी गर्भवती महिलाओं के व्यवहार/रूटीन में भी बदलाव आते हैं | उस व्यक्ति के हाव-भाव व व्यवहार में हुए बदलाव पर नज़र रखें जैसे:
    • जरुरत से ज्यादा बाथरूम का इस्तेमाल करना प्रेगनेंसी की ओर इशारा करता है | ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि भ्रूण के विकास की वजह से शरीर के अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे कब्ज, बार-बार पेशाब आना, उल्टी जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं | [५]
    • प्रेगनेंट महिलाओं के मूड/मिजाज में बदलाव आना एक सामान्य बात है क्योंकि हार्मोन्स में अस्थिरता आने से थकान होती है जिससे जोश/उमंग में अंतर आता है (जैसे एक पल में खूब खुश होना तो दूसरे ही पल में बिना किसी कारण के रोने का मन आना) [६]
  6. जब वह अपने सोने की आदतों के बारें में बताती है तो जरा ध्यान दें: शरीर में बहुत ज्यादा थकान महसूस करना गर्भवती महिलाओं की एक मुख्य शिकायत होती है खासकर पहली तिमाही में | अगर आप नीचे लिखें लक्षणों में से कुछ भी ऐसा पाते है तो हो सकता है कि वह प्रेगनेंट हो: [७]
    • थकान के कारण रोज के काम करने में भी वे असमर्थ सा महसूस करने लगी हैं |
    • वह अक्सर आपसे अपनी थकान के बारे में ज़िक्र करती हैं जैसे शरीर टूटा-टूटा लगना |
    • आप उन्हें कई बार सोते हुए पाते हैं या फिर वह सोने के लिए टाइम नहीं देखती (जैसे जब वह ऑफिस में होती हैं) |
  7. कोई औरत प्रेगनेंट है या नहीं, इसका पता लगाने का तरीका हो सकता है, उनसे उनके फ्यूचर प्लान के बारे में पूछना | क्योंकि एक प्रेगनेंसी तकरीबन 9 महीने चलती है ओर जब आप उनसे उसी दौरान इस तरह के सवाल पूछतें हैं तो हो सकता है वह आपको इसके बारे में बताएं | अगर वह प्रेगनेंट है तो आखिरी तिमाही में कही दूर घूमने या जाने के लिए सोच भी नहीं सकती | इसलिए उनसे पूछें कि वह आने वाले किसी महीने में घूमने के लिए जाना चाहती है | आप पूछ सकते है कि गर्मियों की छुट्टियों का क्या प्लान है? फिर उनके जवाब पर गौर करें | अगर वह इसे बार-बार टालने की कोशिश करती है तो इसका मतलब उनके लिए आने वाली ज़िन्दगी का कमरा तैयार करना ज्यादा जरूरी है |
विधि 2
विधि 2 का 2:

थोड़े समय बाद प्रेगनेंसी का पता लगाना

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  1. प्रेगनेंसी के दौरान एक औरत के शरीर में कई बदलाव आतें हैं खासकर उनका पेट का आकार | जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, पेट को भी उस बच्चे के लिए जगह बनानी पड़ती है | कई बार इसमें और मोटापे में अंतर करना मुश्किल हो जाता है लेकिन प्रेगनेंसी की कुछ ख़ास विशेषताएं होती हैं | वजन बढ़ना एक बात है लेकिन बाकी अंगों का वैसे के वैसे रहना सिर्फ पेट में इसका असर दिखना जैसे एक बम्प हो, प्रेगनेंसी की ओर इशारा करता है | अगर कभी गलती से आप उनके उस हिस्से को छू जाते है तो याद रखें बेबी बम्प, मोटापे के मुकाबले थोड़ा ठोस होता है | [८]
  2. बड़ी और बढ़ती हुई ब्रेस्ट प्रेगनेंसी की ओर इशारा करती है क्योंकि हार्मोन्स में बदलाव की वजह से ब्रेस्ट कोशिकाओं में ये बदलाव आना सामान्य है | अगर आप उन्हें नहीं जानते तो आपके लिए यह पता लगाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि आप उनके प्रेगनेंसी के पहले के ब्रेस्ट साइज और वर्तमान आकार में अंतर नहीं कर पाएंगे | हालांकि प्रेगनेंसी के आखिरी चरणों में, कुछ औरतों का ब्रेस्ट साइज बाकी शरीर के मुकाबले बड़ा हो जाता है क्योंकि दूध बनने की वजह से उनमे सूजन आ जाती है | [९]
  3. पैरों में सूजन आना प्रेगनेंसी में एक आम बात है खासकर पांचवें महीने के आस-पास | ऐसे इसीलिए होता है क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर पानी रोकता है, शरीर में ज्यादा खून और द्रव पदार्थ बनते हैं जिससे पैरों और एड़ियों में सूजन आ जाती है | [१०] और आप नोट करेंगे कि उन्होंने हील वाली सेंडल छोड़ फ्लिप-फ्लॉप या फ्लैट चप्पलों को पहनना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें चलने या खड़े होने में तकलीफ न हो |
  4. शरीर में शारीरिक बदलाव आने की वजह से बहुत सी औरतों की चाल और हाव-भाव में भी फर्क आता है | इन सभी लक्षणों पर ध्यान दें:
    • बहुत धीरे और कदम संभाल के चलना इस अवस्था में आम बात है क्योंकि पैरों में सूजन और बढ़े हुए पेट की वजह से वह अपने शरीर के संतुलन को ध्यान में रखती हैं |
    • बहुत सी प्रेगनेंट औरतें अपने पेट पर हाथ रख कर चलती है | यह दो कारणों की वजह से होता है | पहला- संतुलन बनाना और दूसरा -औरत और उसके बच्चे के बीच बन रहे उस प्यारे से रिश्ते की वजह से | [११]
  5. चलने में तकलीफ होने के साथ बहुत सी महिलाओं को प्रेगनेंसी की दूसरी व तीसरी तिमाही में सांस फूलने की शिकायत रहती है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर दिन बढ़ते हुए भ्रूण को ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन की जरुरत होती है | और साथ ही गर्भाशय के बढ़ते हुए आकार की वजह से फेफड़ों पर दबाव पड़ता है | [१२] थकान की वजह से सांस लेने में तकलीफ होना एक आम बात है लेकिन अगर इसके साथ-साथ कई और लक्षण भी है तो प्रेगनेंसी हो सकती है |

सलाह

  • चाहे वह ऊपर दिए गए कई लक्षणों को दिखाती है लेकिन फिर भी किसी औरत से यह पूछना ठीक नहीं कि क्या वह प्रेगनेंट है ? जैसे कि ऊपर दिए गए कई लक्षण प्रेगनेंसी के अलावा किसी और समस्या का अंदेशा भी हो सकते हैं, तो ऐसे में किसी से ये पूछना कि वह प्रेगनेंट है या नहीं किसी के दिल को दुखाने या उन्हें अनकम्फर्टेबल करने जैसा होगा |

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