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हर किसी को अपनी लाइफ में त्वचा से जुड़ी किसी न किसी परेशानी, फिर वो मुहाँसे हो, रूखापन, सेंसिटिविटी, ऑइलीनेस, डिस्कलरेशन (रंग फीका पड़ना) या झुर्रियां हों, इनमें से किसी का सामना तो करना ही पड़ता है। वैसे तो इनमें से ज़्यादातर परेशानियों को पूरी तरह से खत्म कर पाना नामुमकिन है, लेकिन आप चाहें तो उन्हें कम और मैनेज करने के लिए कुछ कदम जरूर उठा सकते हैं। एक अच्छा स्किनकेयर रूटीन बनाकर, अपनी त्वचा को ज्यादा से ज्यादा हैल्दी बनाएँ। सही प्रॉडक्ट्स या दवाइयों का इस्तेमाल करके आप कुछ खास तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को नजर आते ही दूर कर सकते हैं। फाइनली, एक हैल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाकर अपनी स्किन और अपने पूरे शरीर का ख्याल रखें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

एक स्किनकेयर रूटीन बनाना (Developing a Skincare Routine)

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  1. परफेक्ट स्किन के लिए सबसे पहला कदम अपने लिए एक ऐसे स्किनकेयर रूटीन का पता लगाना होता है, जो आपके लिए काम करता है। हर किसी की स्किन बहुत यूनिक होती है, इसलिए जो चीज किसी के ऊपर काम करती है, जरूरी नहीं, कि वो आपके ऊपर भी अच्छे से ही काम करें। अपनी त्वचा पर एक बार अच्छी तरह से नजर डालें और फिर फैसला करें कि ये नॉर्मल, सेंसिटिव, ड्राई, ऑइली या कोंबिनेशन, में से किस टाइप की है।
    • अगर आपकी नॉर्मल स्किन है, तो आप लकी हैं! आपकी स्किन ऑइली नहीं होती, आपके पोर्स छोटे हैं, आपकी स्किन एक-जैसी दिखती है और आपको बहुत मुश्किल से कभी मुहाँसे होते हैं।
    • सेंसिटिव स्किन बहुत रिएक्टिव होती है - ये मौसम के हिसाब, आपकी लाइफ़स्टाइल और इस्तेमाल किए जाने वाले प्रॉडक्ट्स के हिसाब से रूखी, खुजली वाली या इरिटेट हो सकती है।
    • ड्राई स्किन आमतौर पर धोने या क्लींजिंग के बाद टाइट महसूस होती है और इसमें, खासतौर पर ठंडे मौसम या रूखी हवा के सामने आने पर रूखापन या पपड़ी भी पड़ सकती है। रूखी त्वचा पर झुर्रियां होने की संभावना होती हैं और उनमें पोर्स नजर नहीं आते हैं।
    • ऑइली स्किन धोने के एक घंटे बाद ही ग्रीसी (चिकनी) और चमकदार बन जाती है। ये ऑइल आपके मेकअप पर से भी बाहर आ सकता है और इसकी वजह से आपका मेकअप बह भी सकता है। ऑइली स्किन में दाग-धब्बे और मुहाँसे आते हैं और इनके पोर्स भी नजर आने वाले होते हैं।
    • कोंबिनेशन स्किन का मतलब आपकी त्वचा ड्राई और ऑइली हो सकती है। ये शायद पपड़ी वाली और किनार पर रफ भी हो सकती है, लेकिन t-जोन (माथा, नाक और ठुड्डी) के पास ऑइली होती है। कोंबिनेशन स्किन में सिर्फ t-जोन पर दिखाई देने वाले पोर्स होते हैं।
    • इसके साथ ही, फिर चाहे आपकी लाइट स्किन टोन , मीडियम स्किन टोन या फिर डार्क स्किन टोन हो, ये भी आपकी स्किन पर होने लायक मुश्किलों और स्किनकेयर प्रॉडक्ट्स चुनते वक़्त ध्यान में रखने लायक बातों के बारे में बता सकता है।
  2. अपने चेहरे को दिन में दो बार धोएँ: चेहरे को धोना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि ये सारी गंदगी, ऑइल, बैक्टीरिया और मेकअप के बचे हुए हिस्से को, जो किसी वजह से आपकी त्वचा में चिपके रह गए हैं, साफ करता है।
    • अपने चेहरे को एक दिन में दो बार - एक बार सुबह उठकर, रातभर में जमा हुए ऑइल बगैरह को साफ करने के लिए और एक बार शाम को दिनभर में जमा हुई गंदगी और मेकअप को निकालने के लिए धोएँ।
    • अगर आप मेकअप इस्तेमाल नहीं करती हैं, तो फिर आपको दिन में दो बार धोने की कोई जरूरत नहीं।
    • चेहरा धोना शुरू करने से पहले अपने बालों को पीछे बाँध लें, ताकि आपको आपके पूरे चेहरे को साफ करने का मौका मिल जाए।
    • अपना चेहरा साफ करने के लिए, अपने चेहरे पर गुनगुने पानी के छींटें मारें। गरम पानी आपकी त्वचा के ऊपर बेहद कठोर हो सकता है और त्वचा को बहुत रूखा कर सकता है, लेकिन क्योंकि गुनगुना पानी पोर्स को ओपन करता है, इसलिए ये एकदम परफेक्ट होता है। अपने हाथ में थोड़ा सा क्लींजर लें और उसे एक जेंटल, सर्कुलर मोशन में अपने चेहरे पर लगाने के लिए अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करें। अपनी ठुड्डी से शुरू करते हुए ऊपर और बाहर की तरफ लगाएँ। अपने पूरे चेहरे और गर्दन को साफ करने की पुष्टि कर लें।
    • अपने चेहरे के मोड़ और किनारों या दरारों, जैसे कि आपकी नाक की किनार से जुड़े मोड़ पर ज्यादा ध्यान दें।
    • फिर अपने चेहरे से सारे प्रॉडक्ट्स के निकलने की पुष्टि करते हुए, चेहरे को ठंडे पानी (अपने पोर्स को बंद करने के लिए) धो लें। अपने चेहरे को थपथपाकर सुखाने के लिए (ज़ोर-ज़ोर से रगड़ना त्वचा के लिए बहुत बुरा होता है) एक साफ टॉवल का इस्तेमाल करें। या - और भी बेहतर - अपने चेहरे को नेचुरली सूखने दें।
  3. एक ऐसा क्लींजर इस्तेमाल करें, जो आपकी स्किन टाइप (बॉटल के ऊपर ऐसा साफ तौर पर लिखा हुआ होना चाहिए) के लिए ठीक हो: अगर हो सके, तो खुशबू वाले, कलर वाले या बस कठोर केमिकल्स से भरे क्लींजर का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि ये आपकी त्वचा को इरिटेट कर सकते हैं या बस बेअसर होते हैं। जब अपने चेहरे के लिए प्रॉडक्ट्स चुनने की बात हो, तब सिम्पल ही सबसे बेहतर होता है।
    • अगर आपकी त्वचा रूखी या ड्राई है, तो फिर आपको शाम को चेहरे को साफ करते वक़्त एक क्लींजर की बजाय, एक ऑइल-बेस्ड मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करना चाहिए। ये जरूरत से ज्यादा साफ करने की वजह से होने वाले रूखेपन और इरिटेशन को कम कर देगा। [१]
  4. टोनर स्किनकेयर के दौरान सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया जाने वाला प्रॉडक्ट है और ज़्यादातर लोगों के द्वारा छोड़ दिए जाने वाला स्टेप भी है। और भले ही ये स्किनकेयर रूटीन के लिए एकदम जरूरी न हो, लेकिन टोनिंग के कई सारे फायदे पाए गए हैं, जिसमें क्लींजर्स के बाद भी छूट जाने वाली गंदगी को साफ करना, स्किन के pH बैलेंस को रिस्टोर करना और त्वचा को पोषण देना शामिल है। टोनर आपकी त्वचा पर बाद में लगाए गए प्रॉडक्ट्स (जैसे कि मॉइस्चराइज़र, सीरम्स और सनस्क्रीन) को भी अच्छे से एब्जोर्ब होने में मदद करता है। [२]
    • ज़्यादातर टोनर्स लिक्विड फॉर्म में आया करते हैं और इन्हें इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है। बस एक साफ कॉटन पैड पर थोड़ा सा टोनर निकाल लें और उसे आराम से अपने चेहरे और गर्दन पर लगा लें। टोनर को त्वचा पर ही लगा रहने दें। उसे साफ करने की कोई जरूरत नहीं है।
    • अगर आपकी त्वचा पर धब्बे आया करते हैं, तो बीटा (beta) और अल्फा (alpha) हाइड्रोक्सी एसिड्स वाले टोनर्स का इस्तेमाल करना आपके लिए ठीक रहेगा, जो स्किन को एक्सफोलिएट करते हैं।
    • अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो फिर जिसमें विटामिन E या एलोवेरा मौजूद हो, उसी मॉइस्चराइजिंग टोनर को ही चुनें।
    • अगर आप एंटी-एजिंग बेनिफिट्स की तलाश में हैं, तो फिर एंटी-ऑक्सीडेंट्स (स्किन को रिपेयर करने के लिए) और रेटिनोइड्स (झुर्रियों का सामना करने के लिए) वाले टोनर्स का इस्तेमाल करें।
    • अगर आपकी त्वचा ड्राई या सेंसिटिव है, तो अल्कोहल-बेस्ड टोनर्स मत इस्तेमाल करें, क्योंकि ये बहुत ज्यादा कठोर और रूखापन देने वाले होते हैं।
    • एक बात का ख्याल रखें, कि टोनर्स को यंग किड्स और टीन्स (किशोरों) के लिए इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है। 17 या 18 साल की उम्र के बाद टोनर इस्तेमाल करना शुरू करना सही रहेगा।
  5. आपका स्किन टाइप चाहे जो भी हो, मॉइस्चराइज करना, स्किनकेयर रूटीन के सबसे जरूरी स्टेप्स में से एक होता है। मॉइस्चराइज़र स्किन की सबसे बाहरी परत पर पानी को रोके रखकर त्वचा को हाइड्रेट रखता है। ये त्वचा को प्रोटेक्ट भी करते हैं और स्किन टोन और टेक्सचर को बेहतर बनाते हैं। हालांकि, बाकी के दूसरे स्किनकेयर प्रॉडक्ट्स की तरह ही, आप जिस मॉइस्चराइज़र को चुनते हैं, वो भी पूरी तरह से आपकी स्किन टाइप के ऊपर निर्भर करता है।
    • अगर आपने टोनर का इस्तेमाल किया है, तो फिर मॉइस्चराइज़र लगाने से पहले अपनी त्वचा को सूखने का मौका दें।
    • नॉर्मल स्किन वाले लोगों को वॉटर-बेस्ड मॉइस्चराइज़र चुनना चाहिए, जो स्किन के बैलेंस को बिल्कुल भी नहीं बिगाड़ेगा। मॉइस्चराइज़र को आपकी त्वचा पर हल्का (lightweight) लगना चाहिए और इसे ज्यादा चिपचिपा नहीं महसूस होना चाहिए। नॉर्मल स्किन के लिए मॉइस्चराइज़र में लाइटवेट ऑइल्स जैसे कि सेटिल अल्कोहल (cetyl alcohol) और साइक्लोमेथिकोन (cyclomethicone) शामिल होना चाहिए।
    • ड्राई स्किन वाले लोगों को डीप हाइड्रेशन के लिए हैवी मॉइस्चराइज़र की जरूरत होती है, इसके परिणामस्वरूप, ड्राई स्किन के लिए मॉइस्चराइज़र्स आमतौर पर ऑइल-बेस्ड होते हैं, जो स्किन पर मॉइस्चर को रोकने के लिए बेहतर होते हैं। खासतौर से, ग्रेप सीड ऑइल (grape seed oil) और डिमेथिकोन (dimethicone, एक तरह का सिलिकॉन ऑइल) जैसे इंग्रेडिएंट्स की तलाश करें।
    • ऑइली और दाग-धब्बे होने वाली स्किन को भी, खासतौर से अगर आप रूखापन देने वाले क्लींजर्स और टोनर्स का इस्तेमाल किया करते हैं, तब मॉइस्चराइज किए जाने की जरूरत पड़ती है। एक लाइटवेट, वॉटर-बेस्ड फॉर्मूला की तलाश करें और ऐसे प्रॉडक्ट्स चुनें, जिनके ऊपर "non-comedogenic" लिखा हुआ हो, जिसका मतलब ये आपके पोर्स को ब्लॉक नहीं करते।
    • सेंसिटिव स्किन को एक बहुत सिम्पल मॉइस्चराइज़र की जरूरत होती है, जो त्वचा को इरिटेट न करता हो। कलर या सेंट वाले मॉइस्चराइज़र्स का इस्तेमाल करने से बचें और एसिड्स वाले किसी भी प्रॉडक्ट से दूर ही रहें। इसकी बजाय, एलोवेरा, कैमोमाइल (chamomile) और कुकुम्बर (ककड़ी) जैसे सूदिंग इंग्रेडिएंट्स की तलाश करें।
    • एजिंग स्किन (Aging skin) आसानी से सूख जाती है, इसलिए एक रिच, ऑइल या पेट्रोलियम बेस्ड मॉइस्चराइज़र की तलाश करें। इसके साथ ही स्किन को भरा-भरा दिखाने और झुर्रियों में कमी करने के लिए, आपको एंटीऑक्सीडेंट्स, रेटिनोइड्स और अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स जैसे इंग्रेडिएंट्स के एडेड बेनिफिट्स की तलाश करना चाहिए।
      • अगर आपकी स्किन ऑइली है, तो एक ऑइल-बेस्ड या जेल-बेस्ड/वॉटर-बेस्ड मॉइस्चराइज़र की तलाश करें। अगर आपकी स्किन नॉर्मल है, तो आपको एक क्रीम-बेस्ड मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करना चाहिए। ऑइल-बेस्ड मॉइस्चराइज़र ड्राई स्किन के लिए सबसे अच्छे होते हैं। [३]
  6. नियमित रूप से एक्सफोलिएट करें: नियमित रूप से एक्सफोलिएट करने से डैड स्किन सेल्स निकल जाती हैं और इसके अंदर छिपी हुई एकदम फ्रेश, स्मूद और ग्लोइंग त्वचा सामने आ जाती है। इसी वजह से हफ्ते में कम से कम एक बार या और ज्यादा बार (आपकी स्किन टाइप के अनुसार) एक्सफोलिएट करना इतना जरूरी होता है।
    • हालांकि, ज़्यादातर लोग एक्सफोलिएट करने का मतलब त्वचा को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ना समझने की गलती कर बैठते हैं। इसमें कहीं से कोई सच्चाई नहीं है और ये आपकी त्वचा के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है, क्योंकि ज़ोर से रगड़ने या रफ तरीके से एक्सफोलिएट करने की वजह से त्वचा पर छोटे निशान पड़ जाते हैं। [४]
    • स्किन (खासतौर पर आपके चेहरे की त्वचा) बहुत सेंसिटिव होती है और इसे लोगों के द्वारा दिए जाने वाले प्यार और देखभाल के मुक़ाबले ज्यादा प्यार और देखभाल जरूरत पड़ती है। इसीलिए, अगर आप एक्सफोलिएटिंग प्रॉडक्ट खरीदने का फैसला करते हैं, तो फिर बड़े ग्रेन्यूल्स नहीं, बल्कि छोटे बीड्स (दानों) वाले प्रॉडक्ट की तलाश करें।
    • वैकल्पिक रूप से, आप अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स इंग्रेडिएंट्स वाले एक्सफोलिएटिंग क्लींजर्स खरीद सकते हैं, जो डैड स्किन सेल्स को स्क्रब करने की जरूरत के बिना हटा सकता है। या आप बस एक साफ, गीले वॉशक्लॉथ से अपने चेहरे को आराम से रगड़ सकते हैं - ये भी बाकी के किसी भी दूसरे प्रॉडक्ट की तरह ही काम करता है और ये किफ़ायती भी होते हैं!
    • इसके अलावा क्लैरिसोनिक (Clarisonic) जैसे क्लींजिंग और एक्सफोलिएटिंग टूल, जिसमें आपके चेहरे को पूरी तरह से साफ करने और पोर्स को साफ करने के लिए एक घूमने वाला ब्रश रहता है, इन्हें भी खरीदना एक अच्छा विकल्प होता है। कई लोग क्लैरिसोनिक ब्रश के प्रभावी होने का दावा करते हैं, लेकिन इनकी ज्यादा कीमत (करीब (Rs.7,000 से Rs.15,000 तक) की वजह से ये हर किसी के लिए एक विकल्प नहीं होता है।
    • एक फ़ाइनल एक्सफोलिएशन के उदाहरण में अपने घर पर बनाया, अपना खुद का स्क्रब भी शामिल है। इसे करना बेहद आसान है और इनसे किसी भी स्टोर से खरीदे हुए स्क्रब से कहीं ज्यादा अच्छे रिजल्ट्स मिल सकते हैं, साथ ही आपका चेहरा सिर्फ नेचुरल प्रॉडक्ट्स के संपर्क में ही रहता है। ब्राउन शुगर और ऑलिव ऑइल, बेकिंग सोडा और पानी या फिर किसी दूसरे होममेड फेस स्क्रब इंग्रेडिएंट्स को मिक्स करें!
  7. ये आपको शायद दुनिया का सबसे आसान काम लग सकता है, लेकिन आपको हर एक रात मेकअप को पूरी तरह निकालने की अहमियत को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये करना बहुत मुश्किल लगता है और कई बार तो ऐसा भी होगा, जब आपके पास में ये रात में करने लायक आखिरी काम बचा ही, लेकिन आपकी त्वचा इसके लिए आपको धन्यवाद देगी!
    • अगर मेकअप को रातभर के लिए त्वचा के ऊपर ही छोड़ दिया जाए, तो ये पोर्स को ब्लॉक कर सकता है, वहीं दिनभर के स्ट्रेस से त्वचा के खुद से ही रिपेयर होने के मौके को भी खो देता है। ये ब्लैकहैड्स, ब्रेकआउट्स, ऑइल की अधिकता और सभी तरह की परेशानियों के लिए रास्ता खोल देता है! रिसर्च से मालूम हुआ है, कि अगर आप मेकअप को सही तरह से नहीं निकालती हैं, तो इससे आपकी त्वचा की उम्र को 7 गुना तेजी से बढ़ सकती है।
    • इसके अलावा, मेकअप आपकी त्वचा पर दिनभर में सामने आने वाले फ्री रेडिकल्स को रोक लेता है। अगर आपकी त्वचा को रात में सही तरह से साफ न किया जाए, तो ये फ्री रेडिकल्स आपकी स्किन पर ही बने रह जाते हैं। ये अच्छी बात नहीं है, क्योंकि फ्री रेडिकल्स स्किन में कोलेजन को ब्रेक करते हैं, जिसकी वजह से फ़ाइन लाइंस और झुर्रियाँ हो जाती हैं। [५]
  8. हालांकि फुल क्लींज, टोन और मॉइस्चराइज़ (CTM) रूटीन की सलाह दी जाती है, इमरजेंसी के मामले में आपको अपने बेड के साइड में कुछ आइ मेकअप रिमूवर पैड्स के साथ क्लींजिंग वाइप्स का एक पैक भी रखना चाहिए। फिर आपको बस अपना सिर अपने तकिये पर रखने से पहले, अपने चेहरे पर से पूरे मेकअप को उतारने के लिए, फौरन वाइप करने की जरूरत है।
  9. अगर हो सके, तो आपको अपनी त्वचा को एक ब्रेक देना चाहिए और कभी-कभी खासतौर से अगर आपको हैवी फाउंडेशन लगाने की आदत है, तो हफ्ते में एक बार बिना मेकअप के चेहरे के साथ रहना चाहिए। ये आपको जरा मुश्किल जरूर लग सकता है, लेकिन आपको इससे बहुत बेहतर महसूस होहगा। अगर आपके लिए पूरी तरह से बिना मेकअप के निकलना बहुत ज्यादा लग रहा है, तो फिर एक टिंटेड (रंगत लिए) मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करने के बारे में सोचें - ये फाउंडेशन के मुक़ाबले कहीं ज्यादा हल्का होता है, लेकिन फिर भी थोड़ा कवरेज देते हैं।
  10. कम से कम हर छह महीने के अंदर अपने मेकअप बैग को देखें और ऐसे हर उस प्रॉडक्ट को हटा दें, जो काफी पुराना लग रहा हो। मेकअप बैक्टीरिया के लिए एक घर होता है, इसलिए लम्पि (गीले) फाउंडेशन और गंकी मस्कारा का इस्तेमाल करने की वजह से पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं और मुहाँसे भी होते हैं। इसलिए पुराने, एक्सपायर हुए मेकअप का इस्तेमाल करने से बचें।
  11. सन स्क्रीन लगाने की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सनस्क्रीन आपकी त्वचा को नुकसानदेह UVA और UVB किरणों से बचाए रखती है, जो त्वचा की सभी परेशानियों में योगदान करती हैं। सनस्क्रीन से स्किन कैंसर होने के रिस्क को कम होते हुए पाया गया है, जो खुद ही सुरक्षा की दृष्टि से इस्तेमाल किए जाने के लिए काफी है। सनस्क्रीन आपको धूप के सामने आने की वजह से होने वाले स्किन-एजिंग के खतरे से भी सुरक्षित रखती है, जिसमें फ़ाइन लाइंस, झुर्रियाँ, ब्राउन स्पॉट्स, रेड वेन्स (लाल नसें) और कलर का उड़ना शामिल है।
    • आपको एक कम से कम 30 SPF (सन प्रोटेक्शन फ़ैक्टर) की सन स्क्रीन की तलाश करना चाहिए, खासतौर से अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा फेयर और रेड-ब्लोंड हेयर वाली हो। कई सारे डेली मॉइस्चराइज़र्स और फाउंडेशन्स में पहले से ही SPF मौजूद होता है, जो आपके मॉर्निंग रूटीन को आसान बनाने में मदद करता है। सनस्क्रीन नहीं लगाने की वजह से स्किन कैंसर होता है।
    • सनस्क्रीन को न सिर्फ गर्मियों में या धूप में, बल्कि हर दिन लगाना मत भूलें। UV किरणें ठंडे मौसम के दौरान भी उतनी ही तेज होती हैं और ये बादलों और बारिश में से भी बाहर आ सकती हैं। जरूरत पड़ने पर, आप सनग्लासेस और फैशनेबल हैट पहनकर भी सन प्रोटेक्शन दे सकते हैं।
    • कभी भी पुरानी या एक्सपायर हुई सनस्क्रीन का इस्तेमाल मत करें। इसके प्रोटेक्टिव बेनिफिट्स बर्बाद हो जाते हैं, इसलिए ये धूप से झुलसने या स्किन डैमेज को नहीं रोक पाएगा। इसके साथ ही, सनस्क्रीन का फॉर्मूला अक्सर इसके एक्सपायर होने पर बदल जाता है और स्किन इरिटेशन और खुजली पैदा कर सकता है। [६]
विधि 2
विधि 2 का 3:

त्वचा की परेशानियों निवारण करना (Troubleshooting Skin Issues)

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  1. मुहाँसों को खत्म करें: त्वचा की परेशानियों में मुहाँसे सबसे जिद्दी और इरिटेटिंग स्किन कंडीशन है। हालांकि ये खासतौर से टीनेजर्स को ही प्रभावित करती है, लेकिन ये कभी-कभी एडल्ट होने पर भी खत्म नहीं होती है और ऐसा कोई नहीं है, जिसे कभी पिंपल्स हुए ही न हों। क्योंकि मुहाँसे इतनी बड़ी समस्या है, इसके लिए कई तरह के इलाज मौजूद हैं और बस कुछ बार ट्रायल और एरर के साथ आप आपके लिए काम करने वाला इलाज ढूंढ सकेंगे।
    • क्लींजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग की नॉर्मल स्किनकेयर रूटीन फॉलो करें, लेकिन खासतौर पर मुहाँसे वाली त्वचा के लिए बने प्रॉडक्ट ही इस्तेमाल करने की पुष्टि करें। ट्राईक्लोसन (triclosan), बेंजोइल पैरॉक्‍साइड और सैलिसिलिक एसिड जैसे इंग्रेडिएंट्स वाले मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें। रूखेपन से राहत पाने के लिए एक लाइटवेट, ऑइल-फ्री मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
    • नॉर्मल स्किनकेयर रूटीन के साथ ही, एक मेडिकेटेड स्पॉट ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करना भी मददगार होता है, जो अक्सर एक क्रीम या ओइंटमेंट के फॉर्म में आता है। कुछ सबसे असरदार ट्रीटमेंट में बेंजोइल पैरॉक्‍साइड, सैलिसिलिक एसिड, सल्फर, रेटिनोइड्स और एजेलिक एसिड (azelaic acid) जैसे इंग्रेडिएंट्स भी हैं। हालांकि इनमें से कुछ टोपिकल क्रीम्स बिना प्रिस्क्रिप्शन के सीधे मेडिकल स्टोर पर भी मिल जाती हैं, कुछ ज्यादा स्ट्रॉंग कोन्संट्रेशन के लिए प्रिस्क्रिप्शन की भी जरूरत पड़ सकती है।
  2. जिद्दी मुहाँसों के लिए किसी डर्मेटालॉजिस्ट (dermatologist) के पास जाएँ: डर्मेटालॉजिस्ट एक स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर होता है। अगर स्पॉट ट्रीटमेंट्स अकेले आपके किसी काम नहीं आ रहा है, तो फिर डर्मेटालॉजिस्ट के साथ अपोइंटमेंट्स ले लें। वो आपको टोपिकल और ओरल - दवाइयाँ प्रिस्क्राइब कर सकते हैं - जो पूरी तरह से आपकी स्किन टाइप और मुहाँसे की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ लोग ओरल एंटीबायोटिक्स के ऊपर ज्यादा बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं, वहीं कुछ महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स को मददगार मानती हैं और वही दूसरों को ज्यादा इंटेन्स रेटिनोइड ट्रीटमेंट्स, जैसे कि एकुटेन (accutane) की जरूरत पड़ती है।
  3. फ़ाइन लाइंस, झुर्रियां, त्वचा का ढीला होना और ब्राउन स्पॉट्स, ये सभी स्किन केयर की मुश्किलें हैं, हर किसी को ज़िंदगी के किसी न किसी पल पर जिनका सामना करना पड़ता है। हालांकि, सही देखभाल और सुरक्षा के साथ, इन मुश्किलों को को दूर करना और अपनी त्वचा को ज्यादा वक़्त तक जवां बनाए रखना मुमकिन है।
    • सबसे पहले, आपके लिए एक पुरानी त्वचा के लिए बनाए गए प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करके स्किन केयर रूटीन फॉलो करना जरूरी होता है। इस तरह के प्रॉडक्ट रिच और ज्यादा हाइड्रेटिंग होते हैं, जो रूखी होती हुई ढलती उम्र की त्वचा के लिए बहुत जरूरी होता है।
    • झुर्रियां और ढीली त्वचा से निपटने के लिए, एक ऐसी मॉइस्चराइजिंग क्रीम या लोशन की तलाश करें, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद हों। एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करते हैं - जो स्किन सेल्स को बर्बाद कर देती हैं और ढलती उम्र के लक्षणों को बढ़ाने में योगदान देती है। एंटीऑक्सीडेंट्स वाले कुछ कॉमन इंग्रेडिएंट्स में टी एक्सट्रेक्ट (tea extracts), रेटिनोल (retinol, एक विटामिन A कम्पाउण्ड) और किनेटिन (kinetin, एक प्लांट कम्पाउण्ड, जिसे स्किन के कोलेजन को बढ़ाने के लिए जाना जाता है) शामिल हैं। [७]
    • ब्राउन स्पॉट्स और सन डैमेज से निपटने के लिए, ऐसे प्रॉडक्ट्स की तलाश करें, जिसमें बीटा और अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स शामिल हो, जैसे की ये स्किन को एक्सफोलिएट करते हैं, डैड, कलर उडी परतों को हटाकर और अंदर छिपी नई, फ्रेश, स्मूद स्किन को सामने ले आते हैं।
  4. अपने डॉक्टर से रेटिनोइक एसिड (retinoic acid) से झुर्रियों का इलाज करने के बारे में पूछें: रेटिन-A - सामान्य रूप से ट्रेटिनोइन (tretinoin) या रेटिनोइक (retinoic) एसिड के रूप में जाना जाता है - जो विटामिन A का एक एसिडिक फॉर्म है, जो झुर्रियाँ कम करने में, ढीली त्वचा को ठोस करने में और हल्के से डिस्कलरेशन को लाइट करने में काफी असरदार होता है, जिसे ये सेल ग्रोथ को बढ़ाकर, कोलेजन प्रॉडक्शन और त्वचा को एक्सफोलिएट करने को बढ़ावा देकर करता है। रेटिन-A केवल प्रिस्क्रिप्शन पर ही मिलता है, इसलिए अगर आप इस ट्रीटमेंट की शुरुआत करना चाहते हैं, तो अपने डर्मेटालॉजिस्ट से बात कर लें या फिर यहाँ से और भी जानकारी प्राप्त करें। [८]
  5. डिस्कलरेशन में ब्राउन स्पॉट्स, डार्क पैचेस और हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation) जैसी प्रॉब्लम्स शामिल होती हैं। ये प्रॉब्लम्स आपकी त्वचा में मेलेनिन (melanin) के जरूरत से ज्यादा प्रॉडक्शन की वजह से होती हैं, जो धूप में जाने, प्रेग्नेंसी, मीनोपॉज, बर्थ कंट्रोल पिल्स और दूसरी दवाइयों और धब्बों को कुरेदने जैसी कई चीजों की वजह से ट्रिगर होता है। हालांकि डिस्कलरेशन कभी-कभी खुद ही हल्का हो जाता है, ऐसे कई ट्रीटमेंट्स और क्रीम्स हैं, जो प्रोसेस की स्पीड को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
    • रेटिनोइड्स वाले स्किनकेयर प्रॉडक्ट्स को चुनें और उन्हें डेली बेसिस पर इस्तेमाल करें। विटामिन A डिराइव्ड रेटिनोइड्स त्वचा की सबसे ऊपरी परत पर मौजूद डिस्कलर हुई त्वचा को एक्सफोलिएट करके निकाल देती है और नई, फ्रेश स्किन सामने ले आती है। कुछ महीनों में ही त्वचा में सुधार होना चाहिए।
    • अगर आप एक तेजी से असर दिखाने वाले ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो रेटिनोइक एसिड वाली क्रीम या जेल की प्रिस्क्रिप्शन पाएँ, जिससे भी ऐसा ही असर देखने को मिलेगा, लेकिन ये काफी स्ट्रॉंग होता है।
    • अगर आप एक ज्यादा ब्लीचिंग ट्रीटमेंट की (डार्क पैचेस या मेलाज़्म को लाइट करने) तलाश में हैं, तो हाइड्रोक्विनोन (Hydroquinone) एक प्रभावी विकल्प होगा। हाइड्रोक्विनोन मेलेनिन के प्रॉडक्शन को रोककर त्वचा को हल्का करता है। वैसे तो इसका 2% फॉर्मूला बिना प्रिस्क्रिप्शन के ही मिल जाता है, लेकिन एक ज्यादा स्ट्रॉंग 4% फॉर्मूला के लिए आपको डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत पड़ेगी। इस ट्रीटमेंट को लेना शुरू करने के पहले इस बात को जानना बहुत जरूरी है, कि हाइड्रोक्विनोन को उसके संभावित कैंसरकारी गुणों के कारण एशिया और यूरोप के बड़े हिस्से में प्रतिबंधित किया गया है। [९]
    • अगर कीमत से आपको कोई परेशानी नहीं है, तो फिर आप लेजर या लाइट ट्रीटमेंट्स, केमिकल पील्स या माइक्रोडर्माब्रेशन (microdermabrasion) के बारे में भी सोच सकते हैं। अपने डर्मेटालॉजिस्ट से आपके लिए सबसे अच्छे ऑप्शन का पता लगाने के बारे में बात करें।
    • और फाइनली, डिस्कलरेशन का सामना करते वक़्त हमेशा सनस्क्रीन पहनना याद रखने लायक सबसे जरूरी बात है। सनस्क्रीन UV लाइट को मेलेनिन प्रॉडक्शन करने से और डिस्कलरेशन को और भी बदतर बनाने से रोक सकती है।
  6. सेंसिटिव स्किन होना बहुत दर्दभरा है - आपको इस्तेमाल करने लायक प्रॉडक्ट्स के बारे में और आप किस तरह से अपनी त्वचा का इलाज कर रहे हैं इसके बारे में बहुत सावधानी रखना होगी, नहीं तो आपको बहुत ज्यादा रूखेपन या रेडनेस, चुभने वाला अहसास, लाल धब्बे या यहाँ तक कि फुंसियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
    • सेंसिटिव स्किन का होना, आपकी त्वचा को एग्जिमा, रोसेसिया (rosacea), एक्ने (acne) और डर्मटाइटिस (dermatitis) के संपर्क जैसी स्किन कंडीशंस होने का खतरा रहता है। हालांकि, अगर आप थोड़ा सा धैर्य रख लेते हैं और अपने स्किनकेयर के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकते हैं, तो सेंसिटिव स्किन को पूरी तरह से संभाला जा सकता है।
    • सेंसिटिव स्किन के लिए प्रॉडक्ट्स खरीदते वक़्त, ऐसे क्लींजर्स, मॉइस्चराइजर्स और दूसरे प्रॉडक्ट्स से दूर रहना जरूरी है, जिसमें कलर्स या खुशबू शामिल हो, क्योंकि इस तरह के प्रॉडक्ट्स से ज़्यादातर अजीब रिएक्शन मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। चुनते वक़्त, जहां तक हो सके सबसे सिम्पल प्रॉडक्ट्स को ही चुनने की कोशिश करें - 10 या कम इंग्रेडिएंट्स वाले क्लींजर्स और क्रीम की तलाश करें।
    • आपको ऐसे प्रॉडक्ट्स से भी बचना चाहिए, जिनमें एंटीबैक्टीरियल एजेंट्स (antibacterial agents), अल्कोहल, रेटिनोइड्स या अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स शामिल हों। फिर चाहे इस तरह के पदार्थ दूसरे स्किन टाइप्स के लिए फायदेमंद ही क्यों न हों, सेंसिटिव स्किन पर ये बहुत बुरी तरह से रूखापन और इरिटेशन पैदा करते हैं।
    • इनकी बजाय, ऐसे प्रॉडक्ट्स की तलाश करें, जिनमें सूदिंग (राहत देने वाले) और एंटी-इन्फ़्लैमेट्री इंग्रेडिएंट्स, जैसे कि कैमोमाइल (chamomile), व्हाइट टी (white tea), एलो (aloe), कैलेंडुला (calendula), ओट्स और मरीन प्लांट्स (marine plants) मौजूद हों।
    • अगर ऐसा कोई खास प्रॉडक्ट है, जिसे आप इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन आपको समझ नहीं रहा है, कि आपकी स्किन किस तरह से रिएक्ट करेगी, तो ऐसे में पहले एक पैच टेस्ट करके देखना एक अच्छा विचार होगा। प्रॉडक्ट की जरा सी मात्रा लेकर और उसे अपने कान के पीछे की त्वचा पर रगड़कर शुरुआत करें। इसे एक साथ पाँच रात तक करें और अगर इससे किसी भी तरह की इरिटेशन नहीं हो रही है, तो फिर इसे अपने कान के पीछे की त्वचा के थोड़े से हिस्से पर लगाकर देखें। इस प्रोसेस को दोहराएँ और अगर आपको इरिटेशन का कोई भी लक्षण नहीं नजर आ रहा है, तो इसका मतलब ये पूरे चेहरे पर लगाने के लिए सेफ है।
    • मेकअप के मामले में, सिलिकॉन-बेस्ड फाउंडेशन की तलाश करें, क्योंकि इनसे बहुत कभी ही किसी तरह का रिएक्शन देखने को मिलता है। पेंसिल आइलाइनर्स और ब्रो फिलर्स ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इनके लिक्विड फॉर्म में लेटेक्स (latex) शामिल होता है, जो एक कॉमन एलर्जन (एलर्जी देने वाला) होता है। वॉटर-प्रूफ मस्कारा मत इस्तेमाल करें, क्योंकि इसे निकालने के लिए एक खास तरह के रिमूवर की जरूरत होती है, जो सेंसिटिव स्किन के लिए बेहद कठोर होता है। [१०]
विधि 3
विधि 3 का 3:

लाइफ़स्टाइल में बदलाव करना (Making Lifestyle Changes)

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  1. हैल्दी चीजें खाएँ: आपके द्वारा आपकी त्वचा के लिए जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर एक हैल्दी डाइट लेने की पुष्टि करें। विटामिन B, C, E, A और K ये सभी स्किन को फ्रेश और ग्लोइंग बनाए रखने में मदद करते हैं।
    • विटामिन B त्वचा, बाल और नाखूनों का आधार बनाता है। इस तरह के विटामिन आपको ओटमील, चावल, केले और यहाँ तक कि वेजिमाइट (Vegemite) में मिल जाएंगे।
    • विटामिन C आपकी त्वचा को धूप के संपर्क में आने से सुरक्षित रखता है। विटामिन C लेमन, लाईम (lime), ऑरेंज, बैल पेपर (bell peppers), क्रेनबेरी/ग्रेप जूस, गोभी और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे साइट्रस फ्रूट्स (खट्टे फलों) में मिल जाता है।
    • विटामिन E आपकी त्वचा को धूप के संपर्क से सुरक्षित रखता है और इसे ओलिव्स, स्पाइनेक, नट्स, सीड्स और वेजीटेबल ऑइल्स में पाया जा सकता है।
    • विटामिन A स्किन टिशू को रिपेयर करने के लिए जरूरी होता है। इसके बिना, आपकी स्किन रूखी और पपड़ीनुमा नजर आ सकती है। विटामिन A को फ्रूट्स और वेजी में पाया जाता है, तो बस इन्हें बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल करें।
    • विटामिन K आँखों के नीचे के डार्क सर्कल्स के साथ ही खरोंच बगैरह को कम करने में मदद करता है। विटामिन K हरी पत्तेदार सब्जियों, डेयरी प्रॉडक्ट्स और लीवर जैसे मीट्स में छिपा हुआ होता है।
  2. जैसे कि आप जानते हैं, पानी पीना साफ, हैल्दी स्किन के लिए बहुत जरूरी होता है। ऐसा इस सच्चाई की वजह से होता है, कि आपकी त्वचा - शरीर में मौजूद ठीक दूसरी सेल्स की तरह ही - ज़्यादातर पानी से बनी होती हैं।
    • भरपूर पानी के बिना, आपकी त्वचा डिहाइड्रेटेड बन सकती है और रूखी, टाइट और पपड़ीदार बन जाती है। वक़्त के साथ, ये झुर्रियों की तरह नजर आने लग सकती है। आपको हर रोज कम से कम 2.5–3 लीटर तक पानी पीना चाहिए।
    • पानी पीना आपके शरीर से नुकसानदायक टॉक्सिन्स को कम करने में भी मदद करता है, जो अन्यथा जमा होते जाते हैं और ये आपकी त्वचा पर और उसकी पूरी हैल्थ पर असर डालता है। [११]
    • हालांकि, इस बात का कोई साइंटिफिक मेजरमेंट नहीं मौजूद है, कि आपको एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए (ये हर इंसान के हिसाब से और मौसम और फिजिकल एक्टिविटी के हिसाब से अलग होता है) लेकिन फिर भी 6 से 8 ग्लास पानी पीना ठीक रहता है।
    • अगर आपके लिए पानी पीना एक मुश्किल काम है, तो आप इसकी जगह पर भरपूर ग्रीन या हर्बल टी या नारियल का पानी (जिसे आपकी त्वचा के लिए कुछ ज्यादा ही अच्छा माना जाता है) पी सकते हैं। वैकल्पिक रूप से आप अपनी ड्रिंक को एक फ्लेवर देने के लिए, उसमें एक नींबू की स्लाइस भी एड कर सकते हैं। नींबू भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं, इसलिए आप ऐसा करके एक तीर से दो निशाना साध रहे होंगे!
    • आपको टमाटर, ककड़ी, तरबूज, अंगूर, आइसबर्ग लेटस, सेलरी और मूली जैसे ज्यादा पानी वाले फल और सब्जियाँ भी खाना चाहिए।
  3. हैल्दी, फ्रेश नजर आने वाली त्वचा के लिए नींद बहुत जरूरी होती है - इसे बस ऐसे ही ब्यूटी स्लीप नहीं बोला जाता है! जब आप सोते हैं, आपकी त्वचा पुरानी सेल्स की जगह पर नई सेल्स लाकर, खुद ही रिपेयर होती और नई में बदलती रहती है। 3
    • जब आप भरपूर अच्छी क्वालिटी की नींद नहीं लेते हैं, तब आपकी त्वचा अगले दिन डल, पेल और झूलती हुई नजर आ सकती है। ऐसा खासतौर पर आपकी त्वचा के द्वारा थके होने पर सही ढंग से ब्लड सर्कुलेट नहीं करने की वजह से होता है। नींद की कमी की वजह से आपकी त्वचा के नीचे की ब्लड वेसल्स पतली भी हो जाती है, जिससे आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं।
    • फ्रेश, हैल्दी दिखने वाली त्वचा के लिए आपको अच्छे नींद के पैटर्न का लक्ष्य करने की जरूरत पड़ेगी। अगर आप एक एडल्ट हैं, तो आपको कम से कम 7-8 घंटे की नींद की जरूरत होगी। बच्चों और टीन्स (किशोरों) के लिए 8-9.5 या 10 घंटे की नींद की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही क्योंकि आपके शरीर को रूटीन में रहने पसंद होता है, इसलिए आपको हर सुबह एक ही समय पर उठने और हर रात एक ही वक़्त पर सोने की भी कोशिश करना चाहिए। सोने से पहले स्मोक करने या अल्कोहल पीने से बचें, क्योंकि इसकी वजह से आपकी नींद की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है।
    • नींद के अलावा, आप अपनी स्लीपिंग कंडीशन में भी ऐसे कुछ बदलाव कर सकते हैं, जो आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद होगी। उदाहरण के लिए, अपने सामने के हिस्से की बजाय, अपने पेट के बल सोना बेहतर होता है, क्योंकि इस तरह से आपका चेहरा तकिये पर नहीं रगड़ता है (जिसकी वजह से झुर्रियां हो सकती हैं)।
    • इसके साथ ही, जमे हुए ऑइल, गंदगी को हटाने के लिए आपको आपके तकिये के कवर को कम से कम हफ्ते में एक बार जरूर बदलना चाहिए और कलर वाली शीट की बजाय, व्हाइट शीट्स को चुनें, क्योंकि कलर वाली शीट्स पर मौजूद डाई बगैरह आपकी सेंसिटिव स्किन को और इरिटेट कर सकते हैं। [१२]
  4. अक्सर एक्सरसाइज किया करें: एक्सरसाइज न सिर्फ आपको शेप में बनाए रखती है, बल्कि ये आपकी त्वचा तक ऑक्सीज़न का फ़्लो रेगुलेट करके, त्वचा पर एक फ्रेश और हैल्दी ग्लो बनाए रखने में मदद करती है।
    • एक्सरसाइज करते वक़्त मेकअप लगाने से बचें। पसीना और गंदगी पोर्स में फँस जाएगी और इसकी वजह से मुहाँसे जन्म लेते हैं।
    • वर्क-आउट के बाद चेहरे पर पसीना मत रहने दें। एक्सरसाइज के बाद जितना हो सके, उतनी जल्दी शावर लें या फिर कम से कम अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लें। इसके साथ ही, अपनी हाइट और एज के हिसाब से एक हैल्दी वेट और BMI (Body Mass Index) मेंटेन रखना भी जरूरी होता है।
  5. स्ट्रेस से बचकर रहें: स्ट्रेस हर लेवल पर त्वचा के लिए बहुत बेकार होता है - इससे एक्सेस ऑइल जमा होता है, मुहाँसे, रेडनेस, सेंसिटिविटी और झुर्रियां हो जाती हैं। ये रोसेसिया और एग्जिमा जैसी स्किन कंडीशंस को भी जन्म देता है।
    • आपकी बॉडी की केमिस्ट्री के हिसाब से, स्ट्रेस की वजह से कोर्टिसोल (cortisol) हॉरमोन का लेवल बढ़ जाता है, जो ऑइल प्रॉडक्शन को बढ़ाता है और जिसकी वजह से मुहाँसे हो जाते हैं। इसकी वजह से ब्लड वेसल्स पतली हो जाती है, जिससे रेडनेस होती है।
    • फिजिकल लेवल पर, लगातार अपनी आइब्रो को चढ़ाए रखना और परेशान रहने की वजह से काफी सारे कोलेजन का लॉस होता है और इससे उम्र से पहले ही झुर्रियां जन्म ले सकती हैं। [१३]
    • इसीलिए, अपने स्ट्रेस लेवल को कम करके , आप अपनी स्किन की क्वालिटी को सुधार सकते हैं। आप अपने लिए टाइम निकालकर और अपनी पसंद के काम करके, जैसे कि वॉक पर जाना, योगा क्लास लेकर या फिर अपने करीबी इंसान के साथ में वक़्त बिताना शुरू करके भी ऐसा कर सकते हैं।
  6. स्मोकिंग छोड़ दें : स्मोकिंग आपकी त्वचा के लिए खराब होती है। अगर आप आपकी त्वचा के अपीयरेंस में सुधार लाना चाहते हैं और ढलती उम्र के लक्षणों को रोकना चाहते हैं, तो फिर सिगरेट वो पहली चीज है, जिसे आपको छोड़ देना चाहिए।
    • स्मोकिंग कई तरह से आपकी स्किन के लिए बुरी होती है। सबसे पहले, सिगरेट में कार्बन मोनोऑक्साइड मौजूद होता है, जो स्किन तक ऑक्सीज़न और निकोटिन के पहुँचने की मात्रा को सीमित कर देता है, जिसकी वजह से ब्लड फ़्लो कम हो जाता है। ये दोनों फ़ैक्टर्स स्किन को डल, ग्रे और रूखा बनाकर छोड़ सकते हैं।
    • दूसरी बात, स्मोकिंग शरीर के द्वारा विटामिन C जैसे स्किन को रिपेयर और नया करने के लिए जरूरी न्यूट्रीएंट्स के एब्जोर्ब होने में गड़बड़ी पैदा करती है।
    • स्मोकर्स की वजह से आपके चेहरे पर, स्मोकिंग नहीं करने वाले लोगों के मुक़ाबले ज्यादा फ़ाइन लाइंस और झुर्रियां बन जाती है, क्योंकि स्मोकिंग की वजह से स्किन तक कम ब्लड फ़्लो होता है, जिससे एजिंग बढ़ जाती है। [१४]
    • स्मोकिंग करना छोड़ना, कोई दुनिया का सबसे आसान काम नहीं होता, लेकिन बस कुछ दृढ़ निश्चय के साथ और साथ में अपने फ्रेंड्स और फैमिली के सपोर्ट से ये करना मुमकिन है।
  7. अगर आप मेकअप करती हैं, तो ऐसे प्रॉडक्ट्स सिलेक्ट करने की पुष्टि कर लें, जो आपकी स्किन टाइप के लिए सही हों। “non-comedogenic” (आपके पोर्स को ब्लॉक नहीं करता) लेबल किए हुए हाइ-क्वालिटी मेकअप की तलाश करें। ऐसा मेकअप पाएँ, जो आपकी स्किन टोन से मैच होता हो और खासतौर से आपकी स्किन की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया हो।
    • अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो फिर आरके टिंटेड (रंगत लिए) मॉइस्चराइज़र को चुनें।
    • अगर आपकी स्किन ऑइली है, तो फिर एक ऑइल-फ्री फाउंडेशन इस्तेमाल करने की पुष्टि कर लें।
    • आप आपके लिए जिस भी टाइप का मेकअप चुनती है, बस अपनी त्वचा को बीच-बीच में उससे ब्रेक देती रहें। अपने मेकअप को सोने जाने के करीब 1 घंटे पहले हटाने की पुष्टि कर लें और हफ्ते में कम से कम एक दिन बिना मेकअप के रहने की कोशिश करें।
    • वर्कआउट करते वक़्त कभी भी मेकअप मत लगाए रखें।

सलाह

  • बहुत सारा फाउंडेशन लगाने की बजाय, आप उसे अपने मॉइस्चराइज़र के साथ में मिक्स करके इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • अगर किसी क्रीम या मॉइस्चराइज़र से आपको रैश हो रहे हैं, तो उसे इस्तेमाल करना बंद कर दें और किसी दूसरे का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। इसके साथ ही रैश के बाद कुछ दिनों तक मेकअप न पहनकर अपने चेहरे को आराम करने दें।
  • अपने चेहरे को टच मत करें। स्पॉट्स को कुरेदने और खुजली करने का मन हो सकता है, लेकिन आपकी उंगली में काफी सारे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं और ये आपकी त्वचा पर बड़ी आसानी से चले जाते हैं, जिनसे स्पॉट्स और भी बदतर बन जाते हैं या फिर ठीक हो रहे स्पॉट पर फिर से इन्फेक्शन हो जाता है।
  • अपने पोर्स को ब्लॉक होने से बचाए रखने के लिए, थिक फाउंडेशन की जगह मिनरल मेकअप इस्तेमाल करने के बारे में सोचें।
  • ग्रीन टी के 3-4 कप लेना एकदम क्लियर, स्मूद स्किन पाने में काफी मदद करता है।
  • पानी पिएं और हैवी शुगर वाली ड्रिंक्स लेने से बचें और फल, खासतौर से बेरी खाएँ। ये हर तरह की स्किन के लिए अच्छी होती हैं।
  • ओर्गेनिक स्किन केयर प्रॉडक्ट्स और नींबू, शहद और हर्ब्स से बने DIY फेस मास्क्स लगाकर देखें।
  • पोर्स और ब्लैकहैड्स पर गरम पानी लगाकर देखें। भाप पोर्स को खोलने और साफ करने में मदद करती है।
  • फिश ऑइल और सपलीमेंट लें, क्योंकि इनमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फेटी एसिड्स की काफी अच्छी मात्रा रहती है।
  • सूजन और रेडनेस को कम करने के लिए अपने चेहरे पर बर्फ रगड़ें।

चेतावनी

  • अगर आपको मुहाँसे या पिंपल्स की बहुत सीरियस प्रॉब्लम है, तो आपको आपके डॉक्टर या डर्मेटालॉजिस्ट से कंसल्ट कर लेना चाहिए। ऐसी कई तरह की दवाइयाँ मौजूद हैं, जो प्रभावी रूप से मुहाँसे को कम या पूरी तरह से खत्म कर सकती हैं।
  • ये मेथड्स शायद हर किसी के ऊपर काम न करें।

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