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आप बैठकर बस अपने वीकेंड के प्लान्स को डिस्कस ही कर रहे हैं, कि फिर आपको याद आता है कि इस वीकेंड तो आपने पर्दे और उनके लिए रॉड्स खरीदी हैं, जिन्हें अभी आपको लगाना है। चिंता की कोई बात नहीं है, इसे करना आसान है और इसमें कोई ज्यादा टाइम भी नहीं लगता है। हम आपको बताएँगे कि इस प्रोसेस को आराम से बढ़ाने के लिए आपको क्या और कैसे हैंग करना है। बस नीचे दिए हुए पहले स्टेप से शुरूआत करें।
चरण
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अपने पर्दे खरीदें: अगर आपने अभी तक पर्दे और पर्दे की रॉड्स नहीं खरीदी हैं, तो फिर पहले आपको तय करना होगा कि पर्दे की कौन सी स्टाइल आपके लिए सही होगी। इनकी कई तरह की स्टाइल्स मौजूद हैं, जिनमें से हर एक आपके रूम को अलग तरह का टच देती हैं और थोड़ा सा अलग तरीके से काम करती हैं। आपके लिए मौजूद कुछ ऑप्शन में, ये शामिल हैं: [१] X रिसर्च सोर्स
- ड्रेप्स (Drapes) आमतौर पर हैवी मटेरियल से बने होते हैं और प्लेटेड या चुन्नटदार होते हैं, जिनके लिए ट्रेवर्ज रॉड (traverse rod) की जरूरत होती है। इन्हें लगाने के लिए, आपको प्लेट में ड्रेपरी पिन्स (drapery pins) लगाना होती हैं और फिर उन्हें रॉड में हैंग करना होता है। एक कॉर्ड या तार आपको पर्दे को खोलने और बंद करने देती है।
- पैनल कर्टन्स (Panel curtains), आइलेट कर्टन्स (eyelet curtains) और टैब टॉप कर्टन्स (tab top curtains) को प्लेन राउंड रॉड पर लगाया जाता है। इनमें शायद पूरे टॉप पर रॉड को निकालने के लिए एक पॉकेट हो सकता है या फिर इन्हें शायद आइलेट या टैब्स के साथ में थ्रेड किया हो सकता है। पैनल कर्टन शायद विंडोसिल के टॉप या बॉटम पर खत्म हो सकते हैं, फर्श तक नीचे जा सकते हैं या फिर पडलिंग (puddling) के नाम से मशहूर एक स्टाइल—जैसे भी लंबे हो सकते हैं।
- केफे कर्टन्स (Cafe curtains) रूम में थोड़ी प्राइवेसी देने के साथ ही थोड़ी रौशनी भी देने के साथ, खिड़की के निचले आधे हिस्से को कवर करती है। ये किचन की खिड़की के लिए पॉपुलर हैं और ये विंडो के फ्रेम पर टेंशन रॉड्स के साथ में खिड़की के अंदर इन्स्टाल किए जाते हैं।
- डोर पैनल्स (Door panels) में टॉप और बॉटम पर पॉकेट्स रहते हैं और इनके लिए 2 कर्टन रॉड्स की जरूरत होती है, जिन्हें आप डोर पर इन्स्टाल कर सकते हैं या फिर सीधे मैगनेट से अटेच कर सकते हैं। डोर पैनल्स को अक्सर फ्रेंच डोर्स और साइडलाइट्स पर यूज किया जाता है।
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तय करें कि आप आपके पर्दे के निचले हिस्से को कहाँ तक रखना चाहते हैं: जब पर्दे खरीदें, तब एक बात ध्यान में लेकर चलें कि उनकी लंबाई से पूरी खिड़की को कवर (अगर ये कैफ़े कर्टन्स नहीं हैं) होना चाहिए। [२] X रिसर्च सोर्स अगर आप टैब टॉप कर्टन्स खरीदते हैं, तो सुनिश्चित कर लें कि पर्दे की लंबाई में टैब्स की लंबाई शामिल नहीं है।
- फ्लोर लेंथ कर्टन्स फर्श से 1/2 इंच (1.25 cm) पर खत्म होते हैं, बशर्ते आप किसी ह्यूमिड एनवायरनमेंट में न रह रहे हों, जिस मामले में उन्हें फर्श से 1 इंच (2.5 cm) पर खत्म होना चाहिए, क्योंकि ये ह्यूमिड दिनों में ज्यादा स्ट्रेच होते हैं। अगर आप आपके कर्टन्स को पडल करना चाहते हैं, तो आपको केवल इस बात की पुष्टि करना होगी कि पडलिंग करने के लिए जरूरी भरपूर मटेरियल बचा है।
- ऐसे कर्टन्स, जो सिल से नीचे हैंग होते हैं, उन्हें सिल से 4 इंच (10 cm) नीचे तक जाना चाहिए, जो कि खिड़की के नीचे की केसिंग को ढंकने के हिसाब से काफी हो।
- सिल लेंथ कर्टन्स को सिल पर लटकना चाहिए।
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आप आपके पर्दों को कितनी दूरी पर खींचकर रखना चाहते हैं, इसके बारे में विचार करें: अगर आप उन्हें खिड़की से पूरा दूर खींचना चाहते हैं, तो फिर एक लंबी रॉड या फिर ऐसी रॉड खरीदें, जिसमें एक रिटर्न (हर एक सिरे पर एक 90-डिग्री का टर्न, जो आपको कर्टन्स को टर्न के सामने धकेलने देता हो या दीवार के सामने रखने दे) हो। रिटर्न की लंबाई को कर्टन्स के टाइप और चौड़ाई के ऊपर निर्भर होना चाहिए।
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तय करें कि रॉड को केसिंग के ऊपर इन्स्टाल करना है या फिर केसिंग के बाहर की दीवार के ऊपर: केसिंग में इन्स्टाल करने से खिड़की का थोड़ा सा हिस्सा हमेशा बंद ही रहेगा, जबकि केसिंग के बाहर इन्स्टाल करने से आपको आपके पर्दे खिड़की से पूरे अलग रखने मिल जाएंगे। आप किसे चुनते हैं, ये थोड़ा तो पर्दे की स्टाइल और आपके द्वारा चाहे हुए लुक के ऊपर निर्भर करेगा, लेकिन आपको दीवार और विंडो केसिंग के मटेरियल के बारे में भी ध्यान रखना होगा। अगर आपकी विंडो केसिंग प्लास्टिक की है, तो फिर पर्दों की रॉड्स को को दीवार पर इन्स्टाल करना होगा। [३] X रिसर्च सोर्स अगर आपकी दीवार प्लास्टर, कोब (cob) या स्टोन की है, तो फिर आपके लिए केसिंग पर इन्स्टाल करना ज्यादा आसान रहेगा।
- एक बात का ख्याल रखें कि पर्दे अभी भी रॉड पर लगे ब्रैकेट्स के बाद तक आगे नहीं जा सकेंगे, फिर चाहे उसमें रिटर्न हो या न भी हो और पर्दे की स्टाइल ये तय करेगी कि वो कितने कम्प्रेस हो सकते हैं। आप पर्दे की जिस मात्रा को कम्प्रेस कर सकते हैं, उसे स्टैक बैक (stack back) कहा जाता है।
- आपको खिड़की के थोड़े से हिस्से को ढँका ही रखने का सोच सकते हैं, फिर चाहे पर्दे खुले ही क्यों न हों या फिर आप चाहें तो कमरे में ज्यादा से ज्यादा रौशनी लाने के लिए पूरी खिड़की को खोल सकते हैं।
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रॉड की हाइट का माप लें: मेजरिंग टेप का यूज करें। तय करें कि आपका पर्दा कहाँ से शुरू होगा और आप आपके पर्दे को कहाँ पर; सिल पर, सिल के नीचे या फिर फर्श के ऊपर, खत्म करना चाहते हैं। एक बात का ख्याल रखें कि पर्दे की कुछ स्टाइल्स में ऐसे रफ़ल्स (ruffles) या प्लेट्स होते हैं, जो रॉड के ऊपर से भी आगे तक जाते हैं; इस सेक्शन को आपके मेजरमेंट से घटा दें। इस पॉइंट को केसिंग या दीवार की दोनों साइड्स पर पेंसिल से मार्क कर दें। सभी मार्क्स के एक-बराबर होने की पुष्टि करने के लिए एक लेजर लेवल का यूज करें।
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ब्रैकेट्स कहाँ पर जाने वाले हैं, उसे मार्क करें: जब आप आपके सभी मेजरमेंट्स को लेकर निश्चित हो जाएँ, फिर पेंसिल की मदद से उन जगहों को मार्क करें, जहां पर स्क्रू जाएंगे। [४] X रिसर्च सोर्स अगर केसिंग पर इन्स्टाल कर रहे हैं, तो बहुत ज्यादा भी करीब नहीं जाने की सावधानी बरतें, क्योंकि ऐसा करने से मटेरियल बहुत ज्यादा नाजुक बन जाएगा और लकड़ी में क्रेक पड़ सकता है।
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अगर जरूरत हो, तो मिड ब्रेस (mid brace) एड करें: ब्रैकेट्स लगाते समय रॉड की लंबाई का ध्यान रखें। भले ही ज़्यादातर कर्टन रॉड्स एडजस्टेबल होती हैं, लेकिन आपको ब्रैकेट्स के बीच की दूरी को इतना भी ज्यादा चौड़ा नहीं रखना है कि रॉड बीच में ही टेढ़ी होना या झुकना शुरू कर दे। आमतौर पर, आपको फैली हुई रॉड की लंबाई को 50 परसेंट से ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए।
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स्क्रू करना शुरू करने के पहले पाइलट होल्स ड्रिल करें: ये स्क्रू को केसिंग या दीवार के मटेरियल को क्रेक करने से बचा लेगा। अगर आप दीवार पर ब्रैकेट्स इन्स्टाल कर रहे हैं, और अगर आपको स्क्रू एंकर्स का यूज करना है, तो सुनिश्चित कर लें कि आपके पाइलट होल्स इतने बड़े हैं कि उनमें स्क्रू एंकर्स अच्छे से जा सकें।
- स्क्रू एंकर्स की जरूरत केवल तभी पड़ती है, जब अगर रॉड ब्रैकेट्स को इस तरह से दूरी पर लगाया जा रहा हो, जिसकी वजह से वो वॉल स्टड्स के ऊपर अटेच नहीं हो पा रहे हों। अगर आप स्क्रू एंकर्स का यूज नहीं करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित कर लें कि ब्रैकेट्स केसिंग से 1-2" तक आगे जाने के हिसाब से रखे गए हैं।
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ब्रैकेट्स को केसिंग या दीवार पर स्क्रू कर दें: अगर उन्हें स्टड्स के बीच में दीवार पर लगा रहे हैं, तो फिर आपको प्लास्टिक स्क्रू एंकर्स की जरूरत पड़ेगी। ये रॉड और पर्दे के वजन के साथ ड्राय वॉल पैनल के अंदर तक फैलेंगे और स्क्रू को दीवार से बाहर निकलने से भी रोके रखेंगे। नहीं तो, आप मैन्युफ़ेक्चरर या फिर सजेस्ट किए माउंटिंग स्क्रू का यूज भी कर सकते हैं।
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लेवल के लिए चेक करें: रॉड को ब्रैकेट्स पर फिट करें और फिर कार्पेंटर्स लेवल का यूज करके तय करें कि रॉड एक-बराबर है। अगर आपने ब्रैकेट्स लोकेशन के लिए मार्किंग को लेवल किया होगा, तो फिर इसे भी लेवल में ही होना चाहिए।
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पर्दे लगा लें: रॉड को फिर से निकाल लें और पर्दों को रॉड पर लगा लें। रॉड को ब्रैकेट्स पर लगाएँ। और फिर इसी के साथ में आपका काम पूरा होता है! [५] X रिसर्च सोर्स
- अगर आप टैब टॉप कर्टन्स लगा रहे हैं, तो एक पतली रॉड भी बेस्ट रहेगी। एक मोटी रॉड पर्दे को ऊपर खींचेगी, जिससे वो बहुत ज्यादा ऊंचाई पर लगा दिखेगा।
सलाह
- लेवल नहीं है? ज़्यादातर स्मार्टफोंस पर लेवल एप रहता है, जो या तो बिल्ट-इन होता है या फिर फ्री।
- अगर पर्दे छोटे लग रहे हैं, तो तुरंत कर्टन रॉड को फिर से लगाने की जल्दी मत करें। पर्दों को एक या दो दिनों के लिए लगा रहने दें और देखें कि मटेरियल थोड़ा रिलैक्स होता है या नहीं। अगर मटेरियल आयरन करने की वजह से खराब नहीं होता, तो आपको शायद पर्दों को लगाने के पहले आयरन करना होगा।
चेतावनी
- पर्दों को इस तरह से मत लगाएँ कि उनसे रेडिएटर्स या हीट रजिस्टर्स को ढंकें और उन्हें सीलिंग के बहुत ज्यादा करीब भी मत लगाएँ कि फिर उन्हें खोलने और बंद करने में मुश्किल होने लगे।
चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- पर्दे की रॉड
- ब्रैकेट्स
- स्क्रू
- वॉल एंकर्स (अगर जरूरत हो)
- स्क्रूड्राईवर
- ड्रिल
- मेजरींग टेप
- कार्पेंटर लेवल (Carpenter's level)
- पेंसिल
- छोटी कील या ब्रेड्स (brads)
- हथोड़ी
- स्टेप लेडर (सीढ़ी)