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पाइथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज की भुजाओं की लम्बाई की व्याख्या बहुत ही प्रमाणिकता से करता है, इसलिए इस प्रमेय को व्यापक रूप से उपयोग में लाया जाता है। इस प्रमेय का कथन है कि किसी समकोण त्रिभुज के समकोण बनानेवाली भुजाओं की लम्बाई के वर्ग का योगफल उसके कर्ण की लम्बाई के वर्ग के बराबर होता है। दुसरे शब्दों में, किसी समकोण त्रिभुज के समकोण बनानेवाली वाली भुजा की लम्बाई a और b तथा कर्ण की लम्बाई c के लिए, a 2 + b 2 = c 2 . पाइथागोरस प्रमेय मूलभूत रेखागणित का एक मुख्य प्रमेय है, इसके कई प्रयोग में उपयोग किया जाता है – उदाहरणार्थ, दो बिन्दुओं के बीच की दुरी इस प्रमेय द्वारा आसानी से प्रपत्त किया जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 2:

समकोण त्रिभुज की भुजाएं प्राप्त करना

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  1. यह सुनिश्चित कर लें कि आपका त्रिभुज समकोण त्रिभुज ही है: पाइथागोरस प्रमेय समकोण त्रिभुज पर ही लागू होता है, इसलिए शुरू करने से पहले यह जाँच लेना अति-आवश्यक है, कि दिया गया त्रिभुज समकोण त्रिभुज की परिभाषा पर सही बैठता है। सौभाग्यवश, इसके लिए सिर्फ एक निर्णायक घटक है – समकोण त्रिभुज होने के लिए, आपके त्रिभुज में एक कोण 90 अंश का होना चाहिए।
    • चिन्ह के रूप में, समकोण हमेशा छोटी वक्राकार रेखा के बजाय छोटे चौखट के रूप में चिन्हांकित किया जाता है। अपने त्रिभुज में इस विशेष चिन्ह को खोजिये।
  2. त्रिभुज की भुजाओं को a, b, तथा c चरांक द्वारा दर्शायें: पाइथागोरस प्रमेय में, चरांक a तथा b द्वारा समकोण बनानेवाली भुजा को दर्शाया जाता है, जबकि चरांक c द्वारा कर्ण को दर्शाया जाता है – जो कि सबसे बड़ी भुजा होती है और समकोण के सम्मुख होती है। इसलिए, अपने त्रिभुज की छोटी भुजाओं को चरांक a तथा b द्वारा दर्शायें (आप किसी भी भुजा को ‘a’ तथा ‘b’ द्वारा दर्शा सकते हैं), और कर्ण को चरांक ‘c’ द्वारा दर्शायें।
  3. समकोण त्रिभुज के किस भुजा की गणना कर रहे हैं यह निर्धारित करें: पाइथागोरस प्रमेय द्वारा हम समकोण त्रिभुज की “किसी एक” भुजा की लम्बाई ज्ञात कर सकते हैं जब तक कि हमें इसकी “अन्य दोनों” भुजाओं की लम्बाई ज्ञात हो। यह निर्धारित करें कि आपके त्रिभुज में किस भुजा की लम्बाई ज्ञात करना है – “a”, “b”, या “c”। यदि आपको सिर्फ किसी एक भुजा की लम्बाई अज्ञात हो, आप आगे बढ़ सकते हैं।
    • मान लीजिये, उदाहरणार्थ, दिए गए त्रिभुज के कर्ण की लम्बाई 5 है और इसकी एक अन्य भुजा की लम्बाई 3 है, और हमें इसकी तीसरी भुजा की लम्बाई ज्ञात नहीं है। इस संदर्भ में, हम तीसरी भुजा की लम्बाई ज्ञात करेंगे, चूँकि, हमें दोनों भुजाओं की लम्बाई पहले से ज्ञात है, हम तुरंत इसे शुरू कर सकते हैं!
    • यदि त्रिभुज की “दो” भुजाओं की लम्बाई अज्ञात हो, तो आपको पाइथागोरस प्रमेय के लिए इसकी एक और भुजा की लम्बाई निर्धारित करने की आवश्यकता है। इसे आप त्रिकोणमितिय सूत्र द्वारा प्राप्त कर सकते हैं यदि आपको समकोण के अतिरिक्त किसी और कोण का माप ज्ञात हो।
  4. समीकरण a 2 + b 2 = c 2 में भुजा की लम्बैओं का मान भरिये। याद रखिये कि a और b कर्ण के अलावा दी गयी भुजाएँ हैं और c कर्ण है।
    • हमारे उदाहरण में, हमें ज्ञात है कि समकोण त्रिभुज की एक भुजा की लम्बाई तथा कर्ण की लम्बाई (3 & 5) है, इसलिए हम समीकरण में लिखेंगे 3² + b² = 5²
  5. इस समीकरण को सुलझाने के लिए, दी गयी भुजाओं की लम्बाई का वर्गफल ज्ञात कीजिये। आप चाहे तो भुजा की लम्बाई को घातांक रूप में लिख सकते हैं।
    • हमारे उदाहरण में, हम 3 और 5 का वर्ग करते हुए क्रमशः 9 और 25 प्राप्त करेंगे। हम इस समीकरण को 9 + b² = 25 के रूप में लिखेंगे।
  6. आवश्यकतानुसार, सामान्य बीजगणित प्रक्रिया द्वारा अज्ञात पक्ष को बराबर चिन्ह के बाईं ओर लिखिए तथा दोनों वर्गफलों को बराबर चिन्ह के दाहिने ओर लिखिए। यदि आप कर्ण की लम्बाई ज्ञात कर रहें हैं, तो c पहले से ही बाईं ओर लिखा होगा, इसलिए आपको इसे अलग करने की जरुरत नहीं होगी।
    • हमारे उदाहरण में, हमारा समीकरण है 9 + b² = 25। To isolate b², संख्या 9 को समीकरण के दोनों पक्षों में से घटाइए। इससे हमें b² = 16 मिलेगा।
  7. अब आपके पास समीकरण के एक ओर चरांक का वर्ग होगा और दूसरी ओर दूसरी संख्या होगी। अज्ञात भुजा की लम्बाई प्राप्त करने के लिए समीकरण के दोनों पक्षों का वर्गमूल निकालिए।
    • हमारे उदाहरण में, b² = 16, दोनों पक्षों का वर्गमूल निकालने पर हमें b = 4 प्राप्त होगा। अतः हम कह सकते हैं कि दिए गए समकोण त्रिभुज में अज्ञात भुजा की लम्बाई 4 है।
  8. पाइथागोरस प्रमेय द्वारा वास्तविक जगत में मौजूद समकोण त्रिभुज की भुजाएँ ज्ञात कीजिये: पाइथागोरस प्रमेय का व्यापक रूप से उपयोग में लाने का एक मुख्य कारण इसके अनगिनत प्रायोगिक उदाहरण के लिए उपयुक्त होना है। वास्तविक जगत में समकोण त्रिभुज आकृति पहचानना सीखिए – किसी भी अवस्था में, यदि कोई दो सीढ़ी वस्तु या रेखा समकोण पर मिलते हैं और तीसरी रेखा समकोण बनाने वाली रेखाओं पर से आड़ी गुजरती हो तो आप पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करते हुए किसी एक भुजा की लम्बाई प्राप्त कर सकते हैं यदि आपको बाकि दो भुजाओं की लम्बाई ज्ञात हो।
    • चलिए हम वास्तविक जगत के थोड़े कठिन उदाहरण को समझने की कोशिश करेंगे। एक बिल्डिंग के दीवार से एक सीढ़ी टिकी हुई है। दीवार से सीढ़ी के आधार की दूरी 5m है। सीढ़ी दीवार पर 20m तक जाती है। सीढ़ी की लम्बाई कितनी है?
      • "दीवार के आधार से 5m दुरी” तथा "दीवार पर 20m दुरी” हमें त्रिभुज की भुजा की लम्बाई बताती है। चूँकि, दीवार और जमीन की सतह दोनों समकोण पर (अनुमानतः) मिलते हैं तथा सीढ़ी दीवार पर झुकी हुई है, हम इस व्यवस्था को समकोण त्रिभुज मान सकते हैं जिसकी भुजा की लम्बाई a = 5 तथा b = 20 है। सीढ़ी की लम्बाई कर्ण है, इसलिए c अज्ञात है। पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करने पर:
        • a² + b² = c²
        • (5)² + (20)² = c²
        • 25 + 400 = c²
        • 425 = c²
        • sqrt(425) = c
        • c = 20.6 . सीढ़ी की लम्बाई लगभग 20.6m है।
विधि 2
विधि 2 का 2:

X-Y प्लेन पर स्थित दो बिन्दुओं के बीच की दूरी निर्धारित करना

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  1. पाइथागोरस प्रमेय द्वारा आप आसानी से X-Y प्लेन पर स्थित दो बिन्दुओं के बीच की सीधी दूरी की गणना कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको इन दोनों बिन्दुओं x और y के निर्देशांक पता होने चाहिए। सामान्यतया, निर्देशांक को (x, y) रूप में लिखा जाता है।
    • इन दो बिन्दुओं के बीच की दुरी प्राप्त करने के लिए, हम इन बिन्दुओं को समकोण त्रिभुज के न्युनकोण वाले शीर्षबिंदु समझेंगे। ऐसा करने पर, भुजा a तथा b की लम्बाई प्राप्त करना आसान होगा, फिर कर्ण c की गणना कीजिये, जो कि इन दोनों बिन्दुओ के बीच की दूरी है।
  2. एक सामान्य X-Y प्लेन वाले आलेख में, (x, y) दर्शाने वाले हर बिंदु में, x क्षैतिज अक्ष का निर्देशांक तथा y उर्ध्व अक्ष का निर्देशांक दर्शाता है। आप इसे बिना रेखांकित किये भी प्राप्त कर सकते हैं।
  3. कर्ण के अलावा त्रिभुज की दोनों भुजाओं की लम्बाई प्राप्त कीजिये: दोनों बिन्दुओं को कर्ण से संलंग्न शीर्षबिंदु मानकर त्रिभुज की a तथा b भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिये। इसे आप आलेख पर कर सकते हैं, या फिर इस सूत्र का उपयोग करें: |x 1 - x 2 | क्षैतिज भुजा के लिए तथा |y 1 - y 2 | उर्ध्व भुजा के लिए, जहाँ (x 1 ,y 1 ) पहला बिंदु है तथा (x 2 ,y 2 ) दूसरा बिंदु है।
    • मानते हैं कि दो बिंदु (6,1) और (3,5) हैं। त्रिभुज की क्षैतिज भुजा की लम्बाई:
      • |x 1 - x 2 |
      • |3 - 6|
      • | -3 | = 3
    • लम्बवत भुजा की लम्बाई:
      • |y 1 - y 2 |
      • |1 - 5|
      • | -4 | = 4
    • इस प्रकार हम कह सकते हैं कि हमारे समकोण त्रिभुज में, भुजा a = 3 और भुजा b = 4 है।
  4. पाइथागोरस प्रमेय द्वारा कर्ण की लम्बाई ज्ञात कीजिये: इन दोनों बिन्दुओं के बीच की दूरी कर्ण होगी। पाइथागोरस प्रमेय द्वारा कर्ण की लम्बाई ज्ञात कीजिये जिसमे आप a को एक भुजा की लम्बाई तथा b को दूसरी भुजा की लम्बाई मानेंगे।
    • हमारे उदाहरण में, बिंदु (3,5) तथा (6,1) द्वारा, भुजा की लम्बाई 3 तथा 4 है, इसलिए हम कर्ण की लम्बाई इस तरह प्राप्त करेंगे:
      • (3)²+(4)²= c²
        c= sqrt(9+16)
        c= sqrt(25)
        c= 5. बिंदु (3,5) तथा (6,1) के बीच की दूरी 5 है।

सलाह

  • कर्ण हमेशा:
    • समकोण के सम्मुख होता है। (समकोण को छूकर नहीं गुज़रता है)
    • त्रिभुज की सबसे बड़ी भुजा होता है।
    • पाइथागोरस प्रमेय में c की जगह लिखा जाता है।
  • sqrt(x) का मतलब "x का वर्गमूल" होता है।
  • अपने कार्य को हमेशा दो बार जाँचिये। यदि उत्तर गलत प्रतीत हो रहा हो तो फिर से कोशिश कीजिये।
  • हमेशा सबसे बड़ी भुजा सबसे बड़े कोण के सम्मुख होगी और सबसे छोटी भुजा भुजा सबसे छोटे कोण के सम्मुख होगी।
  • यदि त्रिभुज समकोण त्रिभुज नहीं है, तो सिर्फ दो भुजा की लम्बाई के अलावा ज्यादा जानकारी की आवश्यकता होगी।
  • आकृति द्वारा a, b तथा c का मान सही-सही लिखा जा सकता है। यदि आप वृत्तांत प्रश्न पर कार्य कर रहे हैं तो पहले इसे आकृति के रूप में परिवर्तित कर लें।
  • यदि आपको सिर्फ एक भुजा की लम्बाई ज्ञात हो, तो पाइथागोरस प्रमेय लागु नहीं होगा। त्रिकोणमिति के 30-60-90 / 45-45-90 अनुपात का उपयोग कीजिये।

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