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जब बात वज़न कम करने की हो तो पीठ ही एक ऐसी जगह होती है जिसकी चर्बी को कम करना और उस हिस्से को टोन करना सबसे मुश्किल लगता है | दुर्भाग्यवश, शरीर के किसी एक हिस्से की "चर्बी को विशेषरूप से कम करना (स्पॉट ट्रीट)" असंभव होता है | [१] रेगुलर डाइट और एक्सरसाइज करने से शरीर के ऊपरी हिस्से की टोनिंग और ओवरऑल बॉडी फैट को कम करने में सपोर्ट मिलता है | आप शरीर के किसी ख़ास, छोटे से हिस्से का वज़न कम नहीं कर सकते | पूरी पीठ को टोन करने और ओवरऑल बॉडी फैट कम करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज का कॉम्बिनेशन ज्यादा कारगर साबित होता है | अपनी डाइट में तोडा बदलाव करने से और सही प्रकार की कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करने से पीठ की चर्बी से छुटकारा पाया जा सकता है |

विधि 1
विधि 1 का 2:

पीठ की चर्बी को कम करने के लिए एक्सरसाइज करें

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  1. बेहतर परिणाम पाने के लिए, एक सप्ताह में तीन से पांच दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें | [२]
    • ये कार्डियो एक्टिविटी विशेषरूप से पीठ की चर्बी को कम करने में असरदार साबित होती हैं | इनसे कैलोरी बर्न होगी और पीठ की मसल्स को मजबूती मिलेगी, ये एक्सरसाइज हैं; रोइंग (rowing), बॉक्सिंग (boxing), और स्विमिंग |
    • अन्य कार्डियो एक्सरसाइज में शामिल हैं: रनिंग/जॉगिंग, वाकिंग, बाइकिंग, डांसिंग या एलिपिटिकल (eliptical) का इस्तेमाल करना |
    • कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे केवल पीठ की टोनिंग तक ही सीमित नहीं है बल्कि देखा गया है कि इससे हार्ट डिजीज की रिस्क कम होती है, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल्स में सुधार होता है और ऑस्टियोपोरोसिस होने की रिस्क भी कम होती है | [३]
    • आप शरीर के "किसी खास हिस्से का वज़न कम (spot treat)" नहीं कर सकते | आपको अपने पूरे शरीर का वज़न कम करना पड़ेगा और चर्बी कम होने से किसी एक ख़ास हिस्से की चर्बी भी कम दिखती है | कार्डियो एक्सरसाइज ऐसा करने में मदद करेगी |
  2. यह चर्बी जल्दी कम करने का खास तरीका है | इससे न केवल पीठ की मसल्स की टोनिंग होगी बल्कि पूरे शरीर की चर्बी कम होगी और सभी मसल्स टोन होंगी | [४]
    • हायर इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक्सरसाइज करने से ज्यादा फैट बर्न करने में मदद मिल सकती है और इससे एक्सरसाइज कम्पलीट करने के बाद भी फैट बर्न होता रहता है | [५]
    • इंटरवल ट्रेनिंग का एक तरीका है रनिंग: काफी देर तक तेज़ गति से दौड़ें, फिर 5 मिनट तक आरामदायक गति से दौड़ें और फिर इसके बाद अगले दो मिनट तक फिर से अपनी रूटीन गति को तेज़ कर दें | अपने पूरे रूटीन को इसी प्रकार 15 से 20 मिनट तक जारी रखें |
    • ट्रेडमिल (treadmill) पर हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (high intensity interval training) एक्सरसाइज करें: NIH आमतौर पर HIIT को एक ऐसी एक्सरसाइज के रूप में परिभाषित करती है जिसे लो इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज के एक या दो मिनट के बीच हाई इंटेंसिटी में 30 सेकंड या थोड़ी ज्यादा देर तक की जाती है | इसे करने से वास्तव में नार्मल कार्डियो एक्सरसाइज करते हुए उनसे मिलने वाले लाभों को बढ़ाया जा सकता है | इससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को सुधार जा सकता है और मेटाबोलिज्म को भी बढाया जा सकता है | [६] जब एक्सरसाइज हाई इंटेंसिटी पर की जाती है तब आपको पसीना आना चाहिए और इतनी सांस फूलना चाहिए जिससे आप किसी से बात भी न कर पायें |
    • पांच मिनट के वार्मअप और कूल-डाउन के साथ 20 मिनट के लिए HIIT ट्रेनिंग करें |
  3. कुछ ऐसी स्पेसिफिक एक्सरसाइज होती हैं जिनके लिए स्पेशल मशीन की जरूरत नहीं होती और ये पीठ की स्ट्रेंग्थ दे सकती हैं | इनमे से कई एक्सरसाइज घर पर भी की जा सकती हैं |
    • एक रेजिस्टेंस बैंड (resistance band) को डोरनॉब (doornob) से बांधें | दरवाज़ा बंद करें और दरवाज़े से लगभग 2 फीट दूर खड़े हो जाएँ | हर हाथ में रेजिस्टेंस बैंड के छोर पकड़ें और अपनी कोहनियों को 90 डिग्री पर मोड़ें | अपनी भुजाओं को पीछे की ओर खींचें जिससे कन्धों पर एकसाथ दबाव पड़े | इस पोजीशन में 10 सेकंड तक बने रहें और फिर ढीला छोड़ दें | इस मोशन को सात से दस बार रिपीट करें | अगर आपको पर्याप्त रेजिस्टेंस फील न हो तो दरवाज़े से थोडा और दूर जाएँ या एक मोटे रेजिस्टेंस बैंड का इस्तेमाल करें |
    • लोअर बैक एक्सटेंशन (lower back extension) पीठ के निचले हिस्से को टारगेट करती हैं और उन जगहों की मसल्स को टोन करती हैं जहाँ जीन्स पैन्ट्स के ऊपरी हिस्से पर जिद्दी चर्बी लटकती रहती है | इसकी शुरुआत के लिए, जमीन पर पेट के बल लेट जाएँ | अपने हाथों को सिर के पीछे रखें और छाती और पैरों को जमीन से जितना ऊपर की ओर उठा सकते हैं, उठायें | शुरुआत करने के लिए इस एक्सरसाइज के 10-10 बार के तीन सेट्स अच्छे रहेंगे |
    • ब्रिज (bridge) एक्सरसाइज करें | इसके लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएँ | अपने घुटनों को 90 डिग्री के एंगल पर मोड़ें लेकिन पंजों को जमीन पर लगायें रखें | अपने कूल्हों को तब तक ऊपर उठायें जब तक पीठ एक ब्रिज की तरह सीधी लाइन में न आ जाये | इसे 10-15 सेकंड्स तक होल्ड करें और फिर धीरे-धीरे पीठ को जमीन पर नीचे ले आयें | ऐसा 10 से 20 बार करें | [७] .
    • पूरी पीठ और ऊपरी हिस्से को टोन करने के लिए प्लैंक (plank) एक्सरसाइज करें | अपनी भुजाओं को जमीन पर रखें | पूरे शरीर को एक सीधी लाइन में होल्ड करें | इस पोजीशन को जितनी देर होल्ड कर सकते हैं, करें | अब रेस्ट करें और फिर से एक या दो बार रिपीट करें |
  4. फ्री वेट या वेट मशीन के इस्तेमाल से पीठ की मसल्स को टोन करने में मदद मिल सकती है | कार्डियो और अन्य स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग एक्सरसाइज एक साथ करने से आसानी से पीठ की मसल्स को टोन किया जा सकता है |
    • शुरुआत ऐसे वेट से करें जिन्हें आप आसानी से उठा सकें | इन्हें बहुत ज्यादा स्ट्रेन किये बिना उठाना चाहिए लेकिन अगर आप डंबल्स बिना किसी तनाव के उठा पाते हैं तो पीठ की मसल्स पर कोई काम नहीं हो पायेगा |
    • फ्लाईज के ऊपर झुकने से (bent-over flys) पीठ के ऊपरी हिस्से की मसल्स टोन हो सकती हैं | प्रत्येक हाथ में एक-एक डंबल पकड़ें और अपने कूल्हों के ऊपर मोड़ें | अपनी भुजाओं को एयरोप्लेन की विंग्स के समान बाहर की ओर तब तक उठायें जब तक वे कन्धों की ऊंचाई तक न पहुँच जाएँ और फिर उन्हें धीरे-धीरे अपने पार्श्व (sides) में वापस नीचे लाते जाएँ | हर बार आठ रिपीटिशन के तीन सेट्स करें | जैसे-जैसे मसल्स और कनेक्टिव टिश्यू की स्ट्रेंग्थ में सुधार होता जाये और मूवमेंट परफेक्ट होते जाये, वैसे-वैसे मसल्स बिल्ड करने के लिए वेट और सेट्स के नंबर्स बढाते जाएँ | अगर आप सिर्फ मसल्स टोन ही करना चाहते हैं तो रिपीटेशन के नंबर्स बढाते जाएँ |
    • लेट पुल डाउन (lat pull down) करें | इसके लिए एक केबल बार (cable bar) पकड़ें, इसे चौड़ाई में थामें और ओवरहैण्ड पोजीशन में रखें | सहारे के लिए अपनी जांघों के नीचे पोजीशन दें और अपने पोरों (kuncles) को ऊपर की ओर रखें | जब आप स्ट्रेच करते हैं तो बार आपकी पहुँच में रहना चाहिए | अगर ऐसा न हो तो हाइट को एडजस्ट करें | बार को ठोड़ी के नीचे की ओर एक फ्लूइड मूवमेंट (या लहराते हुए) में खींचे (यह सब काम पीठ को सीधा रखते हुए करें) और फील करें कि कंधे की हड्डियाँ एकसाथ पास आ रही हैं | धीरे-धीरे बार को उसकी ओरिजिनल हाइट पर ढीला छोड़ दें और फिर से रिपीट करें |
    • शोल्डर प्रेस (shoulder presses) करें | दोनों हाथों में एक-एक डंबल लें | हथेलियों को कान के पास लाते हुए इन्हें होल्ड करें | अपने हाथों को सिर के ऊपर सीधा तब तक प्रेस करें जब तक हाथ पूरी तरह से फ़ैल न जाएँ | कमर को तब तक धीरे-धीरे नीचे लायें जब तक हाथ फिर से कान के पास न आ जाएँ | इससे कन्धों की डेल्टोइड मसल्स अच्छी तरह से डेवलप होती हैं जिससे पीठ चौड़ी दिखाई देती है और कमर पतली दिखाई देती है |
    • बेंट-ओवर रोव्स (bent-over rows) करें | प्रत्येक हाथ में एक-एक डंबल पकड़ें | कमर से थोडा नीचे झुकें –लगभग 45 डिग्री पर | अपने हाथ सामने की ओर फैलाएं और हथेलियाँ नीचे की ओर हों | भुजाएं तब तक पीछे लायें जब तक हाथ पीठ के लेवल पर न आ जाएँ | अब हाथों को पूरी तरह से खोलते हुए धीरे-धीरे ढीला छोड़ें | इसके एक या तीन सेट्स रिपीट करें या जितना आप कर सकें उतना करें |
  5. अगर आप एक्सरसाइज शुर ही कर रहे हैं या ज्यादा स्पेसिफिक मदद चाहते हैं तो किसी पर्सनल ट्रेनर से मिलना बेहतर होगा | वे आपको पीठ की चर्बी को कम करने और मसल्स को टोन करने के लिए गाइड कर सकते हैं |
    • पर्सनल ट्रेनर्स फिटनेस प्रोफेशनल होते हैं जिन्हें एक्सरसाइज का काफी अनुभव होता है | किसी ऐसे ही प्रोफेशनल से मिलें और उनसे पूछें कि पूरे शरीर की चर्बी को कम करने और पीठ को टोन करने के लिए आपको कौन सी एक्सरसाइज करना चाहिए |
    • कई जिम साइन अप (sign up) करने पर एक पर्सनल ट्रेनिंग सेशन का एक फ्री ट्रायल ऑफर करते हैं | ये संभवतः अलग-अलग समय पर कॉस्ट के आधार पर ही पर्सनल ट्रेनिंग ऑफर करेंगे |
    • आप एक ऐसे पर्सनल ट्रेनर को भी खोज सकते हैं जिसके ब्लॉग्स या वीडियो ऑनलाइन आते हों जो आपको इनके बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हों |
विधि 2
विधि 2 का 2:

डाइट में बदलाव करें

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  1. अगर आप एक दिन में 500 कैलोरी का इन्टेक घटा लेते हैं और रेगुलरली एक्सरसाइज करें तो हर सप्ताह लगभग एक पौंड (500 ग्राम) वज़न कम कर सकते हैं | [८] इससे पीठ की चर्बी को कम करने में भी मदद मिलेगी |
    • हर दिन 500 कैलोरी घटाने में मदद पाने के लिए एक फ़ूड डायरी या ऑनलाइन फ़ूड ट्रैकर का इस्तेमाल करें |
    • इन फ़ूड ट्रैकर के अलावा ऑनलाइन कैलकुलेटर भी वज़न कम करने के लिए टोटल डेली कैलोरी इन्टेक का अनुमान दे सकते हैं | हर एक व्यक्ति की जरूरत अलग-अलग होगी इसलिए कैलकुलेटर के इस्तेमाल से आपको ज्यादा स्पेसिफिक कैलोरी रेंज मिल सकती है |
    • बहुत ज्यादा कैलोरी न घटायें क्योंकि इससे धीरे-धीरे वज़न कम हो सकता है जिससे न्यूट्रीएंट्स की कमी होती है या आपको थकान लग सकती है | आमतौर पर, हेल्थ प्रोफेशनल हर दिन कम से कम 1200 कैलोरी लेने की सिफारिश करते हैं | [९]
    • कैलोरी कम करने से वज़न कम करने में मदद मिलेगी लेकिन कार्डियो और बैक स्ट्रेंग्थनिंग (back strengthening) एक्सरसाइज के बिना पीठ की मसल्स टोन नहीं हो पाएंगी | मनचाहा परिणाम पाने के लिए डाइट और एक्सरसाइज दोनों को शामिल करना जरुरी होता है |
  2. अगर आप पीठ की चर्बी कम करने के लिए कैलोरी कम ले रहे हैं तो भी बैलेंस्ड डाइट लेना बहुत जरुरी होता है |
    • हर फ़ूड ग्रुप में से कई अलग-अलग तरह की वैरायटी को शामिल करने से हर दिन पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रीएंट्स इन्टेक करने में मदद मिलेगी | जब आप घटिया क्वालिटी की असंतुलित डाइट लेते हैं तो इससे वज़न कम नहीं हो पाता |
    • हर भोजन में प्रोटीन को शामिल करें | डाइट में प्रोटीन एक आवश्यक न्यूट्रीएंट होता है | पॉल्ट्री, एग्स, डेरी प्रोडक्ट्स, लेग्युम्स या दालें, समुद्री भोजन या टोफू से डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन इन्टेक किया जा सकता है | सारे भोजन में 3-4 ओज (21-28 ग्राम) भाग प्रोटीन लेने का लक्ष्य बनायें |
    • हर दिन लग-लग तरह के फल और सब्जियां खाएं | इन फूड्स में कैलोरी बहुत कम और न्यूट्रीएंट्स बहुत ज्यादा होते हैं इसलिए ये लो-कैलोरी डाइट कहलाते हैं | वज़न कम करने के लिए, अपनी प्लेट का आधा हिस्सा फल या सब्जियों से भरें |
    • अंत में, रोटी, पास्ता या चावल जैसी अनाज के हेल्दी सोर्सेज डाइट में शामिल करना बहुत जरुरी होता है | अनाजों में फाइबर और विटामिन B की कई वैरायटी होती हैं | अगर हो सके तो ज्यादा न्यूट्रीएंट्स पाने के लिए 100% समग्र अनाज (whole grain) चुनें | [१०]
  3. भूख का लेवल कम करने के लिए संतुष्टिदायक फूड्स लेकर पेट भरें: जब आप कैलोरी घटाने और वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हों तो भूख को मैनेज करना काफी मुश्किल काम हो सकता है | अगर आपको बार-बार भूख लगेगी तो डाइट प्लान पर बने रहना मुश्किल हो जायेगा |
    • हर बार भोजन में और नाश्ते में कुछ विशेष तरह के और उचित प्रकार के फूड्स अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए जिससे खाने के बाद काफी देर तक संतुष्टि रहे और भूख का लेवल कम हो |
    • वज़न कम करने के लिए डाइट में हेल्दी फैट लेना चाहिए | कार्बोहायड्रेट से भरपूर फूड्स की तुलना में फैट को डाइजेस्ट होने में काफी समय लगता है और इससे लम्बे समय तक भूख नहीं लगती | हर दिन हार्ट हेल्दी फैट की एक या दो सर्विंग लें | ऑलिव ऑइल, अवोकेडो, नट्स या नट बटर, फ्लेक्स सीड्स (Flax सीड्स), ऑलिव, सामन, टूना, सारडाइन या मैकरील आजमायें |
    • हेल्दी फैट के अलावा, प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट का कॉम्बिनेशन भी लम्बे समय तक भूख नहीं लगने देते | हेल्दी फैट के साथ प्रोटीन या लीन प्रोटीन चुनें जैसे; समुद्री भोजन, पॉल्ट्री, पोर्क (pork), लो-फैट डेरी, दालें, फल, नट्स और समग्र अनाज |
  4. कई बार हम उस लिक्विड कैलोरी को काउंट करना भूल जाते हैं जिसे हम अनजाने में पीते रहते हैं | सोडा और जूस को पानी से रिप्लेस करें और बिना कैलोरी वाले पेय पदार्थों से खुद को हाइड्रेट करें |
    • पानी, बिना कैफीन वाली कॉफ़ी और चाय या फ्लेवर्ड पानी जैसे तरल पर्याप्त मात्रा में लेकर हाइड्रेटेड बने रहें | हर व्यक्ति को तरल की अलग-अलग मात्रा की जरूरत होती है लेकिन एक अच्छी शुरुआत के लिए हर दिन 1.5 से 3 लीटर तरल लेने का लक्ष्य रखें |
    • स्टडीज बताती हैं कि हाई कैलोरी वाले पेय वज़न बढ़ा सकते हैं [११] | संतुष्टि देने के लिए लिक्विड जरुरी नहीं होते लेकिन अधिकतर लोग अपने टोटल डेली इन्टेक में लिक्विड इन्टेक को काउंट नहीं करते |
    • साथ ही, रेगुलर सोडा की जगह पर डाइट सोडा लेने से कम समय में भी ज्यादा कैलोरी लेने से बचा जा सकता है लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि इससे मोटापे और इससे सम्बंधित अन्य परेशानियों से बचा जा सकता है | [१२] .
  5. कभी-कभी ली जाने वाली ट्रीट या स्पेशल डाइट हेल्दी ईटिंग का ही एक हिस्सा है | लेकिन अगर आप वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हों तो आपको इन्हें सीमित करना होगा और मॉनिटर करें कि आप इस तरह कितनी बार एक्स्ट्रा कैलोरी ले लेते हैं |
    • अगर आप कई बार विशेष भोजन करते रहते हैं तो कैलोरी भी बहुत ज्यादा ग्रहण कर सकते हैं | इससे वज़न कम नहीं हो पायेगा |
    • अगर आप सच में ट्रीट लेना चाहते हैं तो इसके लिए पूरे दिन या पूरे सप्ताह कम्पेंसेट (compensate) करें | हो सकता है कि इसके लिए आपको लम्बे समय तक वर्कआउट करना पड़े या फिर दोपहर के स्नैक्स लेना बंद करना पड़े |

सलाह

  • कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें |
  • जानें कि सोडा या कूकीज़ जैसी चीजें लेने पर इनसे मिलने वाली कैलोरी को बर्न करने के लिए कितनी एक्सरसाइज करनी होगी | अगर आप तेज़ गति से 45-50 मिनट की वाक करते हैं तो हो सकता है कि एक्सरसाइज थोड़ी कम करनी पड़े |
  • ध्यान रखें कि वेटलिफ्टिंग से मसल्स में कसावट आने से पीठ सुंदर लग सकती है लेकिन आप पीठ के किसी खास हिस्से की चर्बी का "स्पॉट रिडक्शन" नहीं कर सकते |
  • पीठ की चर्बी को कम करने के लिए सभी कार्डियो एकसमान काम नहीं करती | अगर आप रोइंग (rowing) जैसी कार्डियो एक्सरसाइज चुनते हैं जो पीठ की मसल्स को भी टारगेट करती हैं, तो पीठ की चर्बी जल्दी कम हो सकती है |

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