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त्वचा के बीच में घर्षण का होना शायद एक छोटी-मोटी परेशानी की तरह लग सकता है। लेकिन, जब आपके कपड़े लंबे समय के लिए आपकी त्वचा के सामने रगड़ते हैं, तब इस घर्षण की वजह से बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। पैरों के बीच में होने वाले ज़्यादातर रैश घर्षण की वजह से हुआ करते हैं। स्किन इरिटेट हो जाती है और अगर त्वचा में पसीना फंसा रह जाए, तो रैश में इन्फेक्शन भी हो सकता है। अच्छी बात ये है कि ज़्यादातर रैश को मुश्किल बनने से पहले ही घर पर ट्रीट किया जा सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 2:

रैश का इलाज करना (Treating the Rash)

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  1. पूरे दिनभर कॉटन और नेचुरल फाइबर्स पहनें। आपके अंडरवियर को 100% कॉटन का होना चाहिए। जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तब ऐसे सिंथेटिक मटेरियल (जैसे कि नाइलॉन या पॉलियस्टर) पहनें, जो नमी को हटा सकें और तेजी से सूख सकें। आपके कपड़ों को हमेशा कम्फ़र्टेबल फील होना चाहिए। [१]
    • कोशिश करें कि ऐसे कपड़े न पहनें, जो मोटे, स्क्रेच होते या नमी को रोके रखते (जैसे कि ऊन या लेदर) हैं।
  2. आपके पैरों के आसपास के कपड़ों को इतना ढीला रहना चाहिए कि आपकी स्किन सूखी रह सके और उस तक हवा भी पहुँच पाए। आपके कपड़ों को टाइट नहीं महसूस होना चाहिए या न ही त्वचा को जकड़े रखना चाहिए। ऐसे कपड़े जो बहुत टाइट होते हैं, वो आपकी स्किन के सामने घिस सकते हैं, जिससे घर्षण हो सकता है।
    • पैरों के बीच के ज़्यादातर रैश घर्षण की वजह से और यीस्ट की ओवरग्रोथ की वजह से हुआ करते हैं। टाइप 2 डाइबेटिक में अनकंट्रोल्ड या हाइ ब्लड ग्लूकोज (शुगर) भी यीस्ट की ओवरग्रोथ की वजह बन सकती है।
    • घर्षण आमतौर पर अंदरूनी थाई या जांघों (पेंटी क्रीज़ लाइन आमतौर पर स्टार्टिंग पॉइंट होती है और फिर रैश जांघ पर फैल जाते हैं), ग्रोइन, अंडरआर्म्स, ब्रेस्ट्स के नीचे और बैली के नीचे या स्किन के मोड़ के बीच में होते हैं।
    • कभी-कभी, ये निप्पल्स पर या इनके आसपास (खासतौर से ब्रेस्टफीडिंग के लिए या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए, अगर ऐसा होता है, तो प्लीज किसी डॉक्टर से अपने बच्चे के मुंह को यीस्ट इन्फेक्शन के लिए चेक करा लें!) भी हो सकते हैं।
    • अगर घर्षण का इलाज न किया जाए, तो इनमें सूजन और इन्फेक्शन भी हो सकता है। [२]
  3. हमेशा, खासतौर से नहाने के बाद में नमी को अपनी त्वचा से दूर रखें। एक साफ कॉटन का टॉवल लें और आराम से उसे अपनी त्वचा पर डैब करें। रगड़ने की वजह से रैश इरिटेट हो सकते हैं। आप चाहें तो रैश वाले एरिया को पूरी तरह से सुखाने के लिए हेयर ड्रायर को सबसे कम सेटिंग्स पर भी यूज कर सकते हैं। हाइ हीट का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि ये रैश को और भी बदतर बना सकते हैं। [३]
    • जरूरी है कि आप उस एरिया को सूखा और पसीने से बचाकर रखें। ऐसा इसलिए, क्योंकि पसीने में मिनरल्स ज्यादा रहते हैं, जो आपकी त्वचा के रैश को और भी बदतर बना सकते हैं।
  4. घर्षण की वजह से होने वाले ज़्यादातर रैश को मेडिकल ट्रीटमेंट के बिना घर पर ही ट्रीट किया जा सकता है। लेकिन, अगर आपके रैश 4 से 5 दिन के बाद भी ठीक नहीं होते या बदतर हो जाते हैं, तो अपने डॉक्टर को अपोइंटमेंट के लिए कॉल करें। ये खासतौर से तब और भी जरूरी हो जाता है, जब आपको अगर रैश के इन्फेक्ट (अगर आपको बुखार, दर्द, सूजन या रैश के आसपास पस है) होने का शक है। [४]
    • रैश से घर्षण कम करना, उसे साफ रखना और एरिया को लुब्रिकेट या चिकना करने से भी एक या दो दिन के अंदर आपको थोड़ा-बहुत आराम मिल जाना चाहिए। अगर इस समय के दौरान आपको बेहतर महसूस होना शुरू नहीं हो जाता, तो आपके डॉक्टर से इसके बारे में बात करें।
  5. आपके डॉक्टर आपका फिजिकल एग्जामिनेशन करके चेक करेंगे कि आपका रैश कहीं घाव या फोड़े जैसा तो नहीं दिख रहा है। अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको एंटीबैक्टीरियल इन्फेक्शन है, तो आपके डॉक्टर शायद एक कल्चर (culture) का ऑर्डर दे सकते हैं। इस टेस्ट से आपके डॉक्टर को पता चलेगा कि बैक्टीरिया या फंगस की कौन सी स्ट्रेन से आपको इन्फेक्शन हो रहा है और इसके लिए कौन से ट्रीटमेंट की जरूरत है। आपके डॉक्टर शायद इनमें से किसी एक को या ज्यादा को प्रिस्क्राइब कर सकते हैं: [५]
    • टॉपिकल एंटीफंगल (अगर यीस्ट की वजह से हुआ है)
    • ओरल एंटीफंगल्स (अगर टॉपिकल से रैश का इलाज नहीं हो रहा है)
    • ओरल एंटीबायोटिक्स (अगर बैक्टीरिया की वजह से हुआ है)
    • टॉपिकल एंटीबायोटिक्स (अगर बैक्टीरिया की वजह से हुआ है)
    • व्हाइट विनेगर और पानी (आधा-आधा मिक्स करके) को एरिया को साफ करने का बाद आराम से लगाएँ। फिर रैश, जॉक इच (jock itch) या अगर जरूरत पड़े, तो यीस्ट इन्फेक्शन मेडिसिन लगाएँ।
विधि 2
विधि 2 का 2:

खुजली को कम करना (Relieving Itchiness)

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  1. क्योंकि एरिया सेंसिटिव होगा और उसमें पसीना भी हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि उस एरिया को आप एक माइल्ड, अनसेंटेड सोप से धोएँ। साबुन को पूरी तरह से धोकर साफ करने की पुष्टि करते हुए, गरम और ठंडे पानी का इस्तेमाल करके उसे धोएँ। बचे रह गए एक्सट्रा अवशेष भी आपकी स्किन को और भी ज्यादा इरिटेट कर सकते हैं। [६]
    • एक प्लांट-बेस्ड ऑयल सोप यूज करने के बारे में सोचें: वेजटेबल ऑयल (जैसे कि पाम, या सोय), वेजटेबल ग्लिसरीन या प्लांट बटर (जैसे कि कोकोनट या शिया) से बने साबुन की तलाश करें।
    • बहुत ज्यादा पसीना आने के तुरंत बाद नहाना न भूलें। ये नमी को रैश एरिया में रुकने से रोके रखता है।
  2. जैसे ही आपकी स्किन साफ और सूखी हो जाए, फिर आप स्किन के बीच में नमी को इकट्ठा होने से रोक सकते हैं। एक अनसेंटेड बॉडी पाउडर चुनें, लेकिन एक बार चेक करके देखें कि उसमें टेल्कम पाउडर (जिसे आपको केवल कम ही मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए) है या नहीं। [७]
    • आप जिस पाउडर का यूज कर रहे हैं, अगर उसमें टेल्कम पाउडर शामिल है, तो उसे किफायत के साथ यूज करें। हालांकि, टेल्कम पाउडर इतेमाल करने के साथ में हुई स्टडीज़ महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के खतरे की ओर इशारा करती हैं।
    • कॉर्नस्टार्च का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि बैक्टीरिया और फंगी असल में इसे खाते हैं, जिससे स्किन इन्फेक्शन हो सकता है। [८]
  3. अपने पैरों को मॉइश्चराइज़ रखें, ताकि ये एक-दूसरे के साथ में घिस न सकें। बादाम के तेल, केस्टर ऑयल, लेनोलीन (lanolin) या केलेंडुला ऑयल का इस्तेमाल करें। सुनिश्चित करें कि लुब्रिकेंट लगाने के पहले आपकी स्किन सूखी और साफ है। स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए रैश पर एक गेज या पट्टी रखने का सोचें। [९]
    • अगर आप नोटिस करते हैं कि रैश अभी भी आपके कपड़ों या स्किन को रगड़ रही है, तो लुब्रिकेंट को दिन में कम से कम दो बार लगाएँ।
  4. भले आपकी स्किन को लुब्रिकेट करना जरूरी है, आप चाहें तो एक ऐसे हर्बल एशेन्सियल ऑयल को भी लगा सकते हैं, जिसमें हीलिंग प्रॉपर्टी हो। आप चाहें तो मेडिसिनल हनी को उसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के लिए लगा सकते हैं। [१०] हर्ब्स को यूज करने के लिए, इनमें से किसी भी ऑयल की 1 से 2 बूंद को 4 चम्मच लुब्रिकेंट के साथ में एड कर सकते हैं:
    • केलेंडुला ऑयल (Calendula oil): इस फूल का तेल त्वचा के घाव को आराम दे सकता और एक एंटी-इन्फ़्लैमेट्री की तरह काम करता है। [११] [१२]
    • St John’s wort: को आमतौर पर डिप्रेशन और एंजाइटी में यूज किया जाता है, लेकिन इसे ट्रेडीशनली स्किन इरिटेशन को राहत देने के लिए यूज किया जाता है। बच्चे और ऐसी महिलाएं, जो प्रेग्नेंट हैं या नर्सिंग कर रही हैं, उन्हें St John's wort नहीं यूज करना चाहिए। [१३]
    • अर्निका ऑयल (Arnica oil): फ्लॉवरहैड से बने इस हर्बल ऑयल के आराम देने के गुणों को समझने के लिए और स्टडीज़ होने की जरूरत है। [१४] बच्चे और ऐसी महिलाएं, जो प्रेग्नेंट हैं या नर्सिंग कर रही हैं, उन्हें अर्निका ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। [१५]
    • येर्रो ऑयल (Yarrow oil): येर्रो प्लांट से निकलने वाले इस एशेन्सियल ऑयल में एंटी-इन्फ़्लैमेट्री गुण होते हैं और ये हीलिंग को सपोर्ट करता है। [१६]
    • नीम ऑयल (Neem oil): इसमें एंटी-इन्फ़्लैमेट्री और वाउण्ड हीलिंग प्रॉपर्टीज (या घाव को ठीक करने के गुण) पाई जाती हैं। इसे बच्चों में जलन का इलाज करने के लिए भी सक्सेसफुली इलाज करते पाया गया है। [१७]
  5. क्योंकि आपकी त्वचा पहले से ही सेंसिटिव है, इसलिए आपको पहले ये जानना जरूरी है कि हर्बल ऑयल मिक्स्चर से कहीं आपको कोई एलर्जिक रिएक्शन तो नहीं हो रही है। अपने मिक्स्चर में एक कॉटन बॉल डुबोएँ और उसकी जरा सी मात्रा को अपनी कोहनी के अंदर की तरफ लगाएँ। उसके ऊपर एक बैंडेज लगाएँ और 10 से 15 मिनट इंतज़ार करें। [१८] अगर आपको कोई भी रिएक्शन नहीं नजर आ रहा है (जैसे कि रैश, चुभन या खुजली), तो आप मिक्स्चर को पूरे दिनभर के लिए सेफली यूज कर सकते हैं। रैश के हमेशा ट्रीट होने की पुष्टि के लिए इसे कम से कम 3 या 4 बार लगाने की पुष्टि करें।
    • इस हर्बल मिक्स्चर को 5 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  6. 1 से 2 कप रोल्ड, स्टील कट ओट्स को नायलॉन नी-हाइ स्टॉकिंग में भरें। स्टॉकिंग में गांठ बनाएँ, ताकि जरा भी ओट्स बाहर न निकल पाए और बाथटब टेप से उसे बांध दें। गुनगुना पानी डालें, ताकि पानी टब में भरते समय ओट्स में से होकर गुजरे। 15 से 20 मिनट के लिए सोखें और स्किन को थपथपा कर सुखाएँ। 15 से 20 मिनट के लिए सोखें और स्किन को थपथपाकर सुखाएँ। ऐसा दिन में एक बार करें। [१९]
    • अगर घर्षण वाला एरिया बहुत बड़ा है, तो एक सूदिंग बाथ खासतौर से आपके लिए उपयोगी होगा।

सलाह

  • एथलीट्स और ऐसे लोग, जो मोटे या ओवरवेट होते हैं, उन सभी को इस तरह के घर्षण का रिस्क रहता है। अगर आप मोटे या ओवरवेट हैं, आपके डॉक्टर आपको शायद स्किन रैश से होने वाले घर्षण को रोके के लिए वजन कम करने की सलाह देंगे। अगर आप एक एथलीट हैं, तो आपको शायद एक्सरसाइज के पहले और बाद में स्किन को सूखा रखने की कोशिश करने की जरूरत पड़ेगी।

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  1. Jull, A. B. (2015). Honey as a topical treatment for wounds. Cochrane Database Of Systematic Reviews, (6)
  2. Broadhurst, C. L. (1998). Marigold--The Little Flower That Could ... Heal Wounds, That Is. Better Nutrition, 60(11), 26.
  3. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3931201/
  4. Murray, M. T., & Pizzorno, J. E. (2013). Textbook of Natural Medicine. St. Louis, Mo: Churchill Livingstone.
  5. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/11558636
  6. Rakel, D. (2012). Integrative Medicine. Philadelphia, PA: Saunders.
  7. Duncan, N. (2009). Alternative medicine cabinet. Tough scrapes: easy, natural treatments for helping wounds heal. Natural Solutions, (118), 55.
  8. Mainetti, S., & Carnevali, F. (2013). An experience with paediatric burn wounds treated with a plant-derived wound therapeutic. Journal Of Wound Care, 22(12), 681.
  9. https://www.mayoclinic.org/tests-procedures/allergy-tests/about/pac-20392895
  10. Duncan, N. (2009). Alternative medicine cabinet. Tough scrapes: easy, natural treatments for helping wounds heal. Natural Solutions, (118), 55.

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