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पैर का दाद अथवा एथलिट फुट (tinea pedis) एक फफूंद के कारण होता है। यह लम्बे समय तक भी रह सकता है या थोड़े से उपचार से दूर भी हो सकता है। इसका इलाज हो जाने के बाद , अगर फफूंद को पनपने का सही माहौल मिल जाये तो फिर यह दोबारा भी उभर सकता है। यहाँ इसके उपचार के कुछ तरीके दिए गए हैं।
चरण
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पता करें कि आपको पैर का दाद ही हुआ हुआ है या कुछ और बीमारी: वे लोग जो बंद, प्लास्टिक के अस्तर वाले जूते पहनते हैं, लम्बे समय तक अपने पावं गीले रखते हो, जिन्हें हाथ-पैर में बहुत पसीना होता हो, जिन्हें त्वचा अथवा नाखून में चोट लगी हो, उन्हें पैर का दाद होने की संभावना अधिक होती है। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- पैर के दाद के लक्षण [२]
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रिसर्च सोर्स
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- खुजली एवं जलन
- त्वचा का छीलना
- त्वचा का तड़कना
- दर्द और खून बहना
- अपने पैर को ध्यान से जाँचे। पैर में दाद के चिन्ह देखते समय पांव की उंगलियों के बीच और पाँव के तलुए पर विशेष ध्यान दें। अगर त्वचा लाल हो या छिली हो, त्वचा पर सुखी पपड़ी हो और ऊपर दिए गए लक्षण मिल रहे हो तो आपको उपचार शुरू कर देना चाहिए।
- पैर के दाद के लक्षण [२]
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रिसर्च सोर्स
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दाद के इलाज के लिए बने पाउडर और क्रीम का उपयोग करें: ये पाउडर और क्रीम अक्सर कवक-विरोधी होते है। आमतौर पर उनके सक्रिय घटकों में मिसोनाज़ोल (miconazole), क्लोट्रिमाज़ोल (clotrimazole), टोलनाफ्टेट (टोलनाफ्टटे) शामिल होता है। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- कवक-विरोधी दवाओं का प्रयोग फफूंद के हट जाने के १-२ हफ्ते बाद तक जारी रखे ताकि संक्रमण फिर दोबारा ना आये।
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अपने पांव को जितना संभव हो सूखा रखे: फफूंद गर्म और नम जगहों पर पनपती है अर्थात आपके पांव इसकी प्रजनन के लिए बेहतर जगह है। कोशिश करें कि आपके पैर दिन भर सूखे ही रहे।
- एक सिलिका का पैकेट अपने मोज़े के अंदर दिन भर के लिए रख लें। यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है पर सिलिका नमी को सोखने में बहुत अच्छा काम करता है - इसिलए इसे बीफ के पैकेट के बीच रखा जाता है , जहां सारी नमी ख़त्म हो जाती है।
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अपने पांव दिन में दो बार धोये: अपने पांव साबुन और पानी से धोये खासकर पाँव की उंगलियों के बीच। धोने के बाद पाँव को अच्छे से सुखाये।
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अपने पाँव को सूखा रखने के लिए अपने मौजे और जूते बदलते रहें: अगर आपके मौजे किसी भी कारण भीग जाते है तो उन्हें बदल ले। हमेशा सिर्फ सूती और साफ़-सुथरे मौजे ही पहने। कृत्रिम रेशे नमी सोखने में सूती के बराबर अच्छे नहीं होते।
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सार्वजनिक तालाब या फुहारे में हो तो सैंडल या चप्पल पहने: चुकीं दाद की कवक संक्रामक होती है इसलिए अपने पैरो और इसको फ़ैलाने वाले माध्यमों के बीच दूरी बनाये रखें।
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तैराकी या नहाने के बाद अपने पाँव पूरी तरह सुखाएं। अगर पाँव पूरी तरह सूखे नहीं हो तो जूते नहीं पहने।
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ऐसे जूते पहने जिनमें हवा का संचार अच्छा होता हो। प्राकृतिक पदार्थ से बने जूते जैसे चमड़े से बने जूते ज़्यादा हवादार होते है बजाय की सिंथेटिक पदार्थ से बने जूते के।
- हर दिन अपने जूते बदले। जूते कहीं संक्रमण का माध्यम न बन जाये इसलिए हर दूसरे दिन अपने जूते बदलें।
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जब कभी आपको लगे कि आप फफूंद के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं तो कवक-विरोधी पाउडर, मलहम या साबुन का उपयोग करें: अगर आप तैराकी पर जाते वक़्त चप्पल ले जाना भूल जाएं तो अपने पैर अच्छे से सुखाएं और सुरक्षा के लिए कवक-विरोधी पाउडर लगाएं।
सलाह
- जूते पहन के रखें। जब आप दाद से मुक्त हो तो गर्म नम जगहों जैसे लॉकर कक्ष या तरण ताल या तालाब के आसपास नंगे पांव न घूमे। अपने पांव सूखे और साफ़ रखें। नाखून कटर (nail tools), जूते, मौजे या जो भी चीज संक्रामक हो सके, को धोकर कीटाणु-मुक्त रखें। अपने पांव को हवा लगने दे और सूती के मौजे ही पहने।
- और जानकारी के लिए किसी स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी पेशेवर से मिलें।
चेतावनी
- ऊपर दिए गए उपचार करते हुए भी अगर पैर का दाद ना जाए तो किसी त्वचा विशेषज्ञ या पाँव के रोग सम्बन्धी विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपके त्वचा विशेषज्ञ आपको प्रतिजीवी (antibiotics) या कुछ अन्य दवाई दे सकते है जो आपकी बीमारी ठीक कर सकें।