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यूस्टेशियन ट्यूब्स (Eustachian tubes), सिर के अंदर स्थित छोटे रास्ते होते हैं जो कानों को नासिका छिद्रों (nostrils) के पिछले हिस्से से जोड़ते हैं। [१] ठंड एवं एलर्जी के कारण ये ट्यूब्स अवरुद्ध (clogged) हो सकती हैं। गंभीर मामलों में किसी ENT (नाक, कान, गला) स्पेशिलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है। तथापि, हल्के-फुल्के मामलों में आप स्वयं ही घरेलू दवाओं, बिना पर्चे के भी मिलने वाली दवाओं और प्रेस्क्राइब की गई दवाओं से अपना इलाज़ कर सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 2:

अवरुद्ध कान का घर पर इलाज़ करना, घरेलु नुस्खे (Treating Ear Congestion at Home)

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  1. चाहे ठंड, एलर्जी या संक्रमण के कारण सूजन हो, उसकी वजह से यूस्टेशियन ट्यूब्स के रास्ते बंद हो जाते हैं और हवा का गुजरना रुक जाता है। इसके कारण दबाव में बदलाव होने लगता है और कभी-कभी कान में तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं। जब ऐसा होता है तब, आप निम्न लक्षणों का अनुभव करेंगे: [२]
    • कान में दर्द या कान में कुछ “भरा” होने का एहसास।
    • घंटी बजने की या फक्क (popping) ध्वनि और सनसनाहट जो बाहरी वातावरण से नहीं आती हैं।
    • बच्चे फक्क को “गुदगुदी (tickling)” जैसा एहसास बता सकते हैं। [३]
    • स्पष्ट सुनने में दिक्कत।
    • चकराहट (Dizziness) या संतुलन बनाए रखने में दिक्कत।
    • जब आप तेजी से ऊंचाई (altitude) बदलते हैं तो लक्षण तीव्र हो सकते हैं — उदाहरण के लिए, उड़ान भरते समय, लिफ्ट में सवारी करते समय या पहाड़ी क्षेत्रों में चढ़ते/ड्राइव करते समय।
  2. यह साधारण सी युक्ति एडमंड के युक्ति की पहली टेकनीक (Edmonds maneuver) कहलाती है। बस अपने जबड़े को आगे निकालें उसके बाद उसे आगे-पीछे, अगल-बगल हिलाएँ। [४] यदि कान में हल्का ब्लाकेज है तो इस क्रिया से आपका यूस्टेशियन ट्यूब खुल सकती है और हवा का सामान्य बहाव पुनर्स्थापित हो सकता है।
  3. [५] हवा को अवरुद्ध रास्ते से दबावपूर्वक धकेल कर हवा के बहाव को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करने वाली इस युक्ति का हमेशा बहुत हल्के से प्रयोग करना चाहिए। जब आप हवा को अवरुद्ध रास्ते से ज़ोर डालकर गुजारने का प्रयास करते हैं तो आपके शरीर के अंदर हवा का दबाव प्रभावित होता है। इस प्रक्रिया में जब आप सांस छोड़ते हैं तो, अचानक तेज हवा जो झोंके से निकलती है वह, ब्लड प्रेशर में और हार्ट-रेट में तेजी से बदलाव ला सकती है। [६] [७]
    • एक गहरी सांस लें और अपने मुंह तथा नाक को बंद करके उसे अंदर ही रोक लें। [८]
    • अब अपने बंद नाक के जरिये हवा को बाहर धकेलने का प्रयास करें।
    • यदि यह युक्ति सफल रहती है तो, आपको अपने कानों में एक फक्क की आवाज़ सुनाई देगी और लक्षणों से राहत मिल जाएगा।
  4. [९] वल्सल्वा युक्ति की भाँति ही टोएंबी युक्ति भी अवरुद्ध यूस्टेशियन ट्यूब्स को खोलने का प्रयास करती है। परंतु, मरीज द्वारा श्वसन के माध्यम से हवा के दबाव को परिचालित करने के बजाय यह युक्ति, निगलने से हवा के दबाव में समायोजन, पर निर्भर करती है। इस युक्ति को करने के लिए: [१०]
    • नाक को दबाकर बंद कर लें।
    • एक घूंट पानी पियें।
    • निगलें।
    • इस क्रिया को तब तक दोहराते रहें जब तक आपके कान फक्क करके वापस खुल न जाएँ।
  5. यह देखने और महसूस करने में मूर्खतापूर्ण लग सकता है परंतु यह क्रिया, जो ओटोवेंट (Otovent) युक्ति कहलाती है, आपके कानों में हवा के दबाव को बराबर करने के लिए प्रभावी हो सकती है। या तो ऑनलाइन और या किसी मेडिकल सप्लाई स्टोर से एक “ओटोवेंट गुब्बारा” (Otovent balloon) खरीदें। यह यंत्र मात्र एक सामान्य गुब्बारा होता है जिसमें एक नली (nozzle) लगी होती है जो आपके नासिका छिद्रों में फिट बैठ जाती है। [११] यदि आपके घर के आस-पास एक ऐसी नली मिल जाए जो गुब्बारे में और आपके नासिका छिद्रों में सुरक्षित फिट बैठ जाए तो आप घर पर ही अपना स्वयं का ओटोवेंट गुब्बारा बना सकते हैं।
    • नली को एक नासिका छिद्र में डालें और दूसरे छिद्र को अपनी उँगलियों से दबाकर बंद कर लें। [१२]
    • केवल अपने नासिका छिद्र का प्रयोग करके गुब्बारे को तब तक फुलाने का प्रयास करें जब तक कि वह एक मुट्ठी के आकार का न हो जाए।
    • इस क्रिया को दूसरे नासिका छिद्र से दोहराएँ। इसे तब तक दोहराते रहें जब तक, आपको यूस्टेशियन कैनाल में मुक्त हवा के बहाव का “फक्क” वाली आवाज़ न सुनाई दे जाए।
  6. [१३] यह लोवेरी (Lowery) युक्ति कहलाती है और यह जितनी सुनाई देती है उससे थोड़ा ज्यादा ही कठिन होता है। निगलने से पहले, आपको अपने शरीर में हवा का दबाव बढ़ाना पड़ेगा जिसके लिए आपको वैसी ही क्रिया करनी होगी जैसी आप शौच के समय कर करते हैं। जब आप सांस को अंदर भरकर नाक को बंद करते हैं तो आपको ऐसा लगेगा कि आप अपने सभी बंद छिद्रों से हवा को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। शरीर के अंदर हवा का दबाव बढ़ा होने के कारण कुछ लोगों को इन परिस्थितियों में निगलना मुश्किल महसूस होता है। तथापि, आप धैर्य रखें और इसमें लगे रहें। पर्याप्त अभ्यास से आपका कान फक्क से खुल सकता है।
  7. इससे दोनों लाभ हो सकते हैं: दर्द कम हो सकता है और ब्लाकेज का उपचार भी हो सकता है। गरम कपड़े (compress) से मिलने वाली हल्की सेंक, यूस्टेशियन ट्यूब्स को अनवरुद्ध करते हुए कन्जेशन दूर करने में सहायता प्रदान कर सकती है। [१४] यदि आप हीटिंग पैड का प्रयोग कर रहे हैं तो जलने से बचने के लिए हीटिंग पैड और अपने त्वचा के बीच कोई कपड़ा रख लें।
  8. [१५] ईयरड्रॉप्स आपके कन्जेशन को अनवरुद्ध नहीं कर पाएँगे क्योंकि कान बंद हो चुका होता है। चूंकि, कान और नाक, ट्यूब्स के माध्यम से जुड़े होते हैं इसलिए यूस्टेशियन ट्यूब के ब्लाकेज के उपचार के लिए नेजल स्प्रे प्रभावी होते है। नेजल स्प्रे की बोतल को, चेहरे से लगभग समकोण बनाते हुए, नासिका छिद्र में गले के पिछले हिस्से की ओर डालें। दवा को नाक में स्प्रे करते ही उसे अंदर की ओर सांस के साथ इतनी ज़ोर से खींचें कि तरल दवा गले के पिछले हिस्से तक पहुँच जाए परंतु इतने ज़ोर से भी न खींचें कि आप दवा निगल लें या वह आपके मुंह में पहुँच जाए।
    • नेजल डीकन्जेस्टेंट का प्रयोग करने के बाद इक्वलाइज़िंग युक्तियों में से किस एक को आज़माएँ। इस समय वे अपेक्षाकृत ज्यादा कारगर साबित हो सकती हैं।
  9. यदि आपकी समस्या एलर्जी के कारण हुई हो तो ऐन्टीहिस्टेमीन्स लें: [१६] वैसे तो ऐन्टीहिस्टेमीन्स, यूस्टेशियन ब्लाकेज के उपचार के लिए आमतौर पर एक प्राथमिक विधि नहीं है परंतु वे एलर्जी के कारण हुए कंजेशन में आराम पहुंचा सकते हैं। अपने डॉक्टर से पूछें कि यह विकल्प आपके लिए ठीक है या नहीं।
    • नोट करें कि जिन लोगों के कान में संक्रमण होता है उन्हें आमतौर पर ऐन्टीहिस्टेमीन नहीं दिया जाता है।
विधि 2
विधि 2 का 2:

चिकित्सीय सहायता लेना

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  1. [१७] यद्यपि, आप ब्लाकेज दूर करने के लिए बिना नुस्खे के मिलने वाला सामान्य नेजल स्प्रेज प्रयोग करने का प्रयास कर सकते हैं परंतु, ज्यादा सफलता आपको प्रेस्क्राइब किए गए डीकन्जेस्टेंट से मिल सकती है। यदि आपको किसी चीज से एलर्जी हो तो डॉक्टर को बताएं, यदि वह बीमारी के इलाज़ के लिए, किसी स्टीरायड, और/या ऐन्टीहिस्टेमीन नेजल स्प्रे प्रेस्क्राइब करती हैं।
  2. वैसे तो यूस्टेशियन ट्यूब ब्लाकेज अक्सर बहुत कम समय के लिए होता है और हानिरहित होता है परंतु, यह आगे दर्दनाक और भटकाने वाले कान का संक्रमण बन सकता है। [१८] यदि आपका ब्लाकेज उस स्तर की ओर बढ़ता है तो, ऐन्टीबायोटिक्स प्रेस्क्राइब कराने के लिए किसी डॉक्टर से मिलें। यदि आपको 102.2°F (39°C) या अधिक बुखार 48 घंटों से नहीं होगा तो डॉक्टर आपको ऐन्टीबायोटिक्स नहीं भी प्रेस्क्राइब कर सकता है।
    • ऐन्टीबायोटिक्स के सेवन के लिए खुराक संबंधी निर्देशों का ठीक-ठीक पालन करें। ऐन्टीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करें भले ही दवा बचे रहते हुए आपको लक्षणों में सुधार दिखाई दे।
  3. अपने डॉक्टर से कान के सर्जरी माइरिङ्गोटोमी (myringotomy) के बारे में बात करें: ब्लाकेज के बहुत से मामलों में, मध्य कर्ण (middle ear) में हवा के बहाव को पुनर्स्थापित करने के लिए डॉक्टर सर्जरी रेकमेंड कर सकते है। दो तरह की सर्जरी हो सकती है जिसमें से माइरिङ्गोटोमी एक ज्यादा त्वरित विकल्प है। डॉक्टर आपके ईयरड्रम में एक छोटा सा चीरा लगाएगा और उसके बाद मध्य कर्ण में फंसे हुए किसी भी तरल पदार्थ को सक्शन द्वारा बाहर निकाल लेगा। लगता तो ये विरोधाभासी है परंतु, आप वास्तव में यही चाहेंगे कि आपका चीरा (incision) “धीरे-धीरे” ठीक हो। यदि चीरा पर्याप्त लंबे समय तक खुला रहेगा तो, यूस्टेशियन ट्यूब की सूजन सामान्य अवस्था में पहुँच सकती है। यदि चीरा तेज़ी से (तीन दिन के अंदर ही) ठीक हो गया तो, मध्य कर्ण में तरल पदार्थ पुनः इकट्ठा हो सकता है और लक्षण बने ही रह सकते हैं।
  4. प्रेशर इक्वलाइज़ेशन ट्यूब्स विधि पर विचार करें: इस सर्जिकल विधि के सफल होने की संभावना ज्यादा होती है परंतु, यह एक लंबी प्रक्रिया होती है। माइरिङ्गोटोमी की तरह ही, सर्जरी की इस विधि में भी डॉक्टर आपके ईयरड्रम में एक चीरा लगाएगा और मध्य कर्ण में एकत्रित तरल पदार्थ को सक्शन द्वारा बाहर निकाल लेगा। इसके बाद वह, मध्य कर्ण में हवा के बहाव को स्थापित करने के लिए, आपके ईयरड्रम में एक छोटी सी ट्यूब डालेगा। जैसे-जैसे ईयरड्रम ठीक होता जाएगा वैसे-वैसे ट्यूब अपने आप बाहर आती जायेगी, परंतु, इसमें 6 से 12 महीने तक लग सकते हैं। इस विधि की सलाह ऐसे मरीजों को दी जाती है जो ब्लाक्ड यूस्टेशियन ट्यूब्स की समस्या से काफी लंबे समय से परेशान होते हैं, अतः डॉक्टर से इस बारे में सावधानीपूर्वक बात करें।
    • जब प्रेशर इक्वलाइज़ेशन ट्यूब्स डाली जाएँ तो आपको अपने कानों को पूर्ण रूप से पानी से बचाना होगा। नहाते समय ईयरप्लग्स या कॉटन बाल्स का प्रयोग करें और तैरते समय विशेषीकृत इयर प्लग्स का प्रयोग करें।
    • यदि पानी ट्यूब से होकर मध्य कर्ण तक पहुँच जाएगा तो कान में संक्रमण हो सकता है।
  5. आमतौर पर अवरुद्ध यूस्टेशियन ट्यूब्स, किसी ऐसी बीमारी के कारण होता है जिससे म्यूकस बनता है और टिशूज में सूजन आ जाती है जिसके कारण सामान्यता हवा बहने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। इस स्थान पर म्यूकस के इकट्ठा होने और टिशूज में सूजन आने के सबसे आम कारण ठंड, फ्लू, साइनस संक्रमण और एलर्जी होते हैं। [१९] इन लक्षणों को हाथ से बाहर न होने दें और इन्हें अन्तः कर्ण की तकलीफ न बनने दें। जैसे ही ठंड और फ्लू के लक्षण दिखें, तुरंत उसका इलाज़ कराएं और बार-बार होने वाले परेशानियों जैसे कि साइनस संक्रमण तथा एलर्जी से बचाव के लिए प्रायः बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में डॉक्टर से जानकारी लें।

सलाह

  • यदि आपको पता हो कि आपके कान में तरल पदार्थ जमा है तो वैक्स निकालने वाले उत्पाद न प्रयोग करें। इनसे संक्रमण हो सकता है और वैसे भी इनकी कोई आवश्यकता इसलिए नहीं होती है क्योंकि यह वैक्स न होकर तरल पदार्थ होता है।
  • कान में दर्द हो तो सीधा न लेटें।
  • ठंडे पानी की जगह कोई गरम पेय जैसे कि चाय लेने का प्रयास करें।
  • कुछ पपाया टैबलेट्स (केवल चबाए जाने वाले) को मुंह में रख कर चूसने का प्रयास करें। कच्चे पपीते में पाया जाने वाला मुख्य घटक पापेन (Papain), म्यूकस को घोलने वाला एक प्रभावशाली पदार्थ है। आप मेथी भी आजमा सकते हैं।
  • अपने सिर को ऊंचा रखने के लिए आप एक अतिरिक्त तकिया लगा लें। यह आपकी निद्रा अवस्था में, आपका तरल पदार्थ बाहर निकाल कर आपको तकलीफ से राहत दिलाने में सहायता करेगा।
  • अवरुद्ध कानों से संबन्धित दर्द के लिए अपने डॉक्टर से दर्द निवारक ड्रॉप मांगें। दर्द निवारण के लिए आप बिना नुस्खे के मिलने वाली दवाओं जैसे कि आइब्यूप्रोफेन, एसिटामिनोफेन या नैप्रोक्सेन सोडियम भी आजमा सकते हैं।
  • अपने कानों और सिर को गरम बनाए रखने के लिए एक ऐसा हैट पहनें जिससे आपके कान ढक जाएँ। यह तरल पदार्थ को बाहर निकालने में सहायता करता है।
  • विक्स वेपोरब ड्रॉप का प्रयोग करें। वह आपके कानों को फक्क से खोलने में आसानी पैदा करता है।

चेतावनी

  • बिना नुस्खे के खरीदा गया कोई भी नेजल स्प्रे कुछ दिनों से अधिक मत प्रयोग करें क्योंकि इसके बाद यह आराम पहुंचाने से अधिक अवरुद्धता उत्पन्न कर सकता है। यदि स्प्रे अप्रभावी रहता है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • नेति पॉट या ईयर कैन्डल्स का प्रयोग करके कान की सफाई करने से परहेज करें। अवरुद्ध कानों को खोलने के लिए, इन उत्पादों को, फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षित नहीं घोषित किया है।
  • जब यूस्टेशियन ट्यूब इक्वलाइज़ेशन की समस्या हो तो स्कूबा डाइव न करें। इससे, दबाव में असंतुलन होने के कारण होने वाला दर्दनाक “कान में ऐंठन” (ear squeezes) हो सकता है। [२०]

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