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कुछ लोगों के लिए सार्वजनिक संभाषण बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, और उसकी तैयारी के लिए कम समय मिल पाना तो, दबाव को और भी बढ़ा देता है। यदि आपको किसी विवाह, अन्त्येष्टि या ऐसे ही किसी समारोह में बोलने के लिए कहा जाये, तो छोटे किस्से तथा उद्धरणों जैसे पूर्व निर्धारित विचारों पर ही टिके रहिए और बातों को संक्षिप्त ही रखिए। यदि आपको किसी व्यावसायिक परिस्थिति में भाषण देना हो तो अपने विचारों को शीघ्रता से संयोजित करने और मुद्दे पर बने रहने के आज़माए और वास्तविक तरीके का अनुपालन करिए। गहरी सांस लीजिये, विश्वास बनाए रखिए, और आप तुरंत प्रभावी भाषण दे सकेंगे।

विधि 1
विधि 1 का 3:

छोटे किस्से का उपयोग

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  1. कहानी को नए सिरे से बनाने की ज़रूरत नहीं है। कोई व्यक्तिगत कहानी सुनाना किसी बात को जल्दी से याद कर पाने का सबसे अच्छा तरीका है: क्योंकि आपको पता होता है कि क्या हुआ था, इसलिए आप जानते हैं कि कहना क्या है। उदाहरण के लिए:
    • किसी विवाह के अवसर पर आप वर या वधु के साथ बिताए बचपन की कोई दिलचस्प कहानी सुना सकते हैं।
    • किसी अन्त्येष्टि पर आप सुना सकते हैं कि मृतक कितने दयालु थे या उन्होंने आपको किस प्रकार प्रभावित किया।
  2. किसी पूर्वस्थापित चीज़ पर विश्वास करना, एकदम से वहीं पर किसी नए विचार को लाने से बेहतर होता है। जब आप बोल रहे हों, तब कोई प्रेरक उद्धरण, किसी गीत के शब्द या परिस्थिति के अनुकूल कोई मशहूर कथन याद करिए। उसी से शुरुआत करिए, और थोड़ी सी उसके संबंध में चर्चा भी करिए। [1]
    • जैसे कि, मान लीजिये कि आप किशोरीलाल के 70वें जन्मदिन पर कुछ बोलने के लिए निमंत्रित किए गए हैं। आप कुछ ऐसा कह सकते हैं: “कहा जाता है कि बूढ़े तोते को पढ़ाया नहीं जा सकता। मगर किशोरीलाल जी उसको ग़लत साबित कर रहे हैं। किसमें इतनी हिम्मत होगी कि सेवानिवृत्ति के बाद मैराथन दौड़ना शुरू करे?”
  3. व्यक्तिगत भाषण देते समय देर तक बोलते रहने से ही सब गड़बड़ हो सकती है। बहुत अधिक बोलने से बचना ही अच्छा होता है। केवल दो से पाँच मुख्य मुद्दों या उदाहरणों पर केन्द्रित रखते हुये अपने भाषण को संक्षिप्त ही रखिए। [2]
    • उदाहरण के लिए, यदि आप किसी विवाह के अवसर पर वर को शुभकामनाएँ दे रहे हों, तो अपनी मित्रता के संबंध में बस दो किस्सों पर ही समाप्त कर दीजिये।
    • यदि आप देखें कि श्रोता अपनी जगह पर मुड़ रहे हैं, आपस में बातें करने लगे हैं, अपने फ़ोन या घड़ी की ओर देख रहे हैं या अपने स्थान पर कसमसाने लगे हैं तब शायद आप प्रलाप कर रहे हैं और आपने उनका ध्यान गंवा दिया है।
    • यदि ऐसा होता है तो सीधे अपने मुख्य मुद्दे पर पहुँच जाइए और “धन्यवाद” कह कर समाप्त कर दीजिये।
  4. अभ्यस्त वक्ता भी एकदम से बोलने के लिए कहे जाने पर घबरा सकते हैं। शुरू करने से पहले गहरी सांस ले कर और बोलते समय छोटे-छोटे अंतराल ले कर अपनी तंत्रिकाओं को नियंत्रित करिए। अपने शब्दों को स्पष्ट रूप से बोलने और बहुत जल्दी-जल्दी न बोलने पर ध्यान केन्द्रित करिए। [3]
  5. बहुत सारे लोग भाषण देने में घबराते हैं, विशेषकर बहुत छोटे नोटिस पर। परंतु यदि आप वह करने की हिम्मत करते हैं, तब आपकी प्रशंसा होती है। इसके साथ ही, वे इसलिए खुश होंगे कि वे भाषण देने से बच गए, इसलिए आपका और भी अधिक सहयोग करेंगे!
    • शुरू करने से पहले धीरे धीरे गहरी सांस लेना, या आँखें बंद करके किसी ख़ुशनुमा जगह पर होने की कल्पना करना विश्वास प्राप्त करने के कुछ सीधे तरीके हैं।
    • आप श्रोताओं में कुछ मित्र या ऐसे लोग जो समर्थक लगें, ढूंढ सकते हैं और उन पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं।
    • यदि आप घबरा रहे हों, तब वह पुरानी तकनीक, कि सभी श्रोता नंगे हैं, भी अपना सकते हैं!
    • सबसे बड़ी बात तो यह है कि अधिकांश लोग तो स्वाभाविक रूप से आपकी हिम्मत की प्रशंसा करेंगे, कि आपने भीड़ के सामने जा कर बोलने का विश्वास दिखाया।
विधि 2
विधि 2 का 3:

शीघ्रता से भाषण की संरचना तैयार करना

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  1. बिना तैयारी से, थोड़ी तैयारी बेहतर होती है। यदि आपके पास परेशानी में पड़ने से पहले कुछ मिनट हों तो आप जो कहना चाहते हैं उसके कुछ नोट्स लिख लीजिये। ये बुलेट पॉइंट्स, आपको उन मुख्य मुद्दों की याद दिला कर पटरी पर रखेंगे, जिन्हें आप कहना चाहते हैं। [4]
    • यदि आपके पास कुछ नोट्स लिखने का भी समय नहीं है, अपने मन में ऐसा कुछ कहते हुये, बस एक मानसिक रूपरेखा जल्दी से बना लीजिये: “पहले मैं कहूँगा कि किशोरीलाल जी कितने विशालहृदय हैं। वह किस्सा सुनाऊँगा कि कैसे आधी रात को उन्होंने मेरा फ्लैट टायर ठीक किया, और फिर कैसे मेरी फ़्लू की बीमारी के दौरान उन्होंने जन्मदिन पर मेरे लिए केक बनाया था।“
  2. सुदृढ़ परिचय और समापन की प्रस्तुति पर ध्यान दीजिये: बीच में क्या आता है उसके स्थान पर लोगों को शुरुआत और अंत याद रहने की संभावना अधिक होती है। इसका लाभ उठाइए और प्रारम्भ तथा अंत की विषयवस्तु मज़बूत रखिए। उदाहरण के लिए, आप ऐसे शुरुआत और अंत कर सकते हैं: [5]
    • एक हृदयस्पर्शी कहानी
    • एक विश्वसनीय तथ्य या आंकड़ा
    • एक प्रेरक उद्धरण
  3. अपने विचारों की पक्ष विपक्ष के रूप में संरचना करिए: यह एक और सूत्र है जिससे आप अपने विचारों को प्रलाप में बदले बिना, संयोजित कर सकेंगे। मामले के सकारात्मक पक्ष से शुरुआत करिए, फिर कमियाँ बताइये, और उसकी बाद अपनी स्थिति बताइये। जैसे कि, मान लीजिये कि आपसे अनौपचारिक शुक्रवार पर बोलने को कहा गया है: [6]
    • शुरुआत यह कहने से करिए कि अनौपचारिक शुक्रवारों से मनोबल बढ़ता है, उत्पादकता में वृद्धि होती है तथा उससे आपकी कंपनी अप-टु-डेट लगती है।
    • उसके बाद यह स्वीकारते हुये आगे बढ़िए कि अनौपचारिक शुक्रवारों का मतलब होगा कि कर्मचारी सप्ताह के अंत में कम व्यावसायिक दिखेंगे, और इसके कारण शायद उन्हें इन दिशा निर्देशों की आवश्यकता होगी कि किस प्रकार के अनौपचारिक परिधान स्वीकार्य हैं।
    • समापन यह कहते हुये करिए कि चूंकि ग्राहकों के साथ अधिकांश मीटिंगें सप्ताह के शुरू में होती हैं, अनौपचारिक शुक्रवार आपकी कंपनी के लिए आम तौर पर अच्छे होंगे और विघ्न नहीं डालेंगे।
  4. अपने भाषण को प्रश्न-उत्तर की तरह पुनर्योजित करिए: यदि आप अटक गए हों और सोच नहीं पा रहे हों कि क्या कहना चाहिए, या भाषण देने से घबरा रहे हों, स्वयं को एक वक्ता की जगह, किसी चर्चा का मॉडरेटर समझ लीजिये। दूसरों को बोलने का मौका दीजिये और बस उनके प्रश्नों को सामने लाइये। [7]
    • आप ऐसा कुछ कह कर शुरू कर सकते हैं: “मुझे पता है कि हम सब अनौपचारिक शुक्रवारों के बारे में सोच रहे हैं, और इस बारे में अनेक मत हैं। बातचीत की शुरुआत उनमें से कुछ को सामने ला कर करते हैं। क्या किसी के कोई प्रश्न हैं या कोई अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहता है?
    • अगर आवश्यकता हो, तो आप किसी व्यक्ति विशेष से भी पूछ सकते हैं: “फ्रैंक, तुम हमारे साथ सबसे लंबे समय से हो। तुम ही शुरुआत क्यों नहीं करते?”
विधि 3
विधि 3 का 3:

समयानुकूल भाषण के लिए प्रेप (PREP) विधि अपनाइए

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  1. प्रेप (PREP) दिखाता है “मुद्दा (Point), कारण (Reason), उदाहरण (Example), मुद्दा (Point),” और यह आपके विचारों को आकार देने का सीधा तरीका है। आप जो कहना चाहते हैं उसके सारांश से शुरुआत करिए। जैसे की मान लीजिये आपको अनौपचारिक शुक्रवारों के पक्ष में एक भाषण देना हो: [8]
    • प्रारम्भ यह कहने से करिए कि अनौपचारिक शुक्रवार अच्छे होते हैं क्योंकि उनसे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।
  2. अपने कथन की पुष्टि के लिए उसके बाद यह बताइये की आपका मुद्दा क्यों महत्वपूर्ण है: यह ध्यान रखिए कि आप अपने श्रोताओं को आश्वस्त करने का प्रयास कर रहे हैं। जैसे कि आप उन्हें यह याद दिला सकते हैं कि कर्मचारियों का मनोबल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उससे उत्पादकता में वृद्धि होती है और नौकरी छोड़ने में कमी।
  3. विश्वसनीय लगने के लिए आपको सबूत या उदाहरण की आवश्यकता होगी। कोई उदाहरण देने से आप यह कर पाएंगे। उसी उदाहरण को चालू रखते हुये, आप बता सकते हैं कि कैसे एक्मे कॉर्पोरेशन जैसा कोई प्रतिद्वंद्वी अनौपचारिक शुक्रवार अपना कर अधिक सफल हो सका।
  4. श्रोताओं को मूलतः वह फिर से बताने से जो कि आप पहले बता चुके हैं बात स्वीकार्य हो जाएगी। अपने मुख्य मुद्दे से समापन से बात दिमाग़ में बैठाने में सहूलियत होगी। जैसे कि, इतना कह कर समापन करिए कि अनौपचारिक शुक्रवार आपकी कंपनी के लिए भी लाभदायक होंगे।

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