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पहले-पहल बुक रिपोर्ट लिखना मज़ेदार नहीं भी लग सकता है, मगर यह एक बढ़िया मौका होता है जिसमें आप लेखक और उसके काम को वास्तव में समझ सकते हैं। बुक रिव्यू से अलग, बुक रिपोर्ट में यह ज़रूरत होती है कि आप सीधे सीधे टेक्स्ट की समरी (summary) लिखें। इसके लिए पहला कदम यह होगा कि आप किताब उठाएँ और उसे पढ़ना शुरू कर दें। जब आप यह कर रहे हों, तब विस्तृत नोट्स और एनोटेशंस (annotations) लीजिये। इससे आपको एक सॉलिड (solid) आउटलाइन बनाने में मदद मिलती है, जिसके कारण लिखने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती है। [१]

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी रिपोर्ट की रिसर्च करिए और आउटलाइन बनाइये

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  1. अपने असाइनमेंट (assignment) की ज़रूरतों को फॉलो (follow) करिए: अपनी असाइनमेंट शीट को ध्यान से पढ़िये और आपके मन में जो सवाल हों उनको नोट कर लीजिये। अगर आपको कोई चिंता हो तब क्लास में हाथ उठाइए या बाद में टीचर से उनके बारे में बात करिए। यह सुनिश्चित कर लीजिये कि पेपर की लंबाई, उसको जमा करने की तिथि, और यदि कोई फ़ारमैट आवश्यकताएँ, जैसे डबल स्पेसिंग आदि हों, तो आपको उनकी जानकारी हो।
    • उदाहरण के लिए, आपको अपने टीचर से पता लगाना होगा कि क्या वह पेपर में, जैसे कि पेज नंबर, साइटेशन (citation) वगैरह शामिल करवाना चाहते हैं।
    • और यह भी एक अच्छा विचार होगा कि आप अपने टीचर से पूछ लें, कि पेपर का कितना हिस्सा समरी की तुलना में विश्लेषण के लिए दें। अधिकांश बुक रिपोर्ट्स सीधी-सादी समरीज़ ही होती हैं जिनमें कभी-कभार कुछ सलाहें शामिल होती हैं। उसके विपरीत, बुक रिव्यू या कमेंटरी अधिक ओपिनियन ड्रिवेन (opinion-driven) होती है।
  2. यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। आप लिखने के बारे में सोचें, उसके पहले ही बैठिए और टेक्स्ट को पढ़िये। एक ऐसी शांत जगह ढूंढिए जहां आप शांति से बैठ कर केवल किताब पर ध्यान केन्द्रित कर सकें और कुछ नहीं। जब आप उसको पढ़ रहे हों, तब अपने पेपर को ध्यान में रखने से पढ़ने में मदद मिलती है, जिससे आप विशेष ध्यान किसी महत्वपूर्ण प्लॉट-पॉइंट या चरित्र पर रखेंगे। [२]
    • अपने ध्यान को पैना बनाए रखने के लिए पढ़ते समय बीच-बीच में ब्रेक (break) लीजिये: कोशिश करके अपने लिए सुविधाजनक कोई जगह ढूंढ लीजिये। अगर आपका ध्यान 15 मिनट बाद भटक जाता है तब 15-मिनटों तक पढ़िये। अगर आप एक घंटे तक अपना ध्यान केन्द्रित रख सकते हैं, तब एक साथ एक घंटे तक पढ़िये।
    • बस यह ध्यान रखिए कि आप स्वयं को इतना समय अवश्य दें कि आप पूरी किताब पढ़ सकें। अगर आपने सभी चीज़ों को बस ऊपरी तरह से पढ़ा है तब बुक रिपोर्ट लिखना बहुत कठिन हो सकता है।
    • ऑनलाइन बुक समरीज़ पर विश्वास मत करिए। आप न तो यह गारंटी कर सकते हैं कि वे बिलकुल सही होंगी, और न ही यह, कि वे टेक्स्ट के प्रति ईमानदारी से लिखी गई होंगी।
  3. पढ़ते समय, पेंसिल, हाईलाइटर, या स्टिकी नोट्स को पास में रखिए। अगर आप अपने फोन या कंप्यूटर के साथ पढ़ना पसंद करते हों, तब अपने नोट्स लेने के लिए एक वर्ड डॉकयुमेंट वहाँ पर खोल लीजिये। अगर आपको कुछ ऐसा मिलता है जिसके बारे में आप उत्सुक हो जाते हैं या जिसके संबंध में कन्फ़्यूज्ड (confused) हैं, तब उस पर निशान लगा दीजिये। जब लेखक किसी मुख्य प्लॉट पॉइंट या पात्र की चर्चा करे तब भी वैसा ही करिए। ब्रैकेट लगा कर या उद्धरणों से नोट बना कर या अच्छे उदाहरणों से, ऐसे साक्ष्यों और विवरणों की पहचान करना शुरू कर दीजिये, जिनका आप अपनी रिपोर्ट में इस्तेमाल कर सकते हों। [३]
    • उदाहरण के लिए, किताब में कोई ऐसा वाक्य देखिये जो मुख्य सेटिंग का स्पष्ट वर्णन करता हो, जैसे कि, “किले में बहुत उदासी छाई था और वह विशाल काले पत्थरों से बना हुआ था।”
  4. यह एक पैरा-दर-पैरा सूची होनी चाहिए कि आपका पेपर किस प्रकार से संगठित होगा। इसमें यह शामिल करिए कि हर पैरा में क्या चर्चा होगी और वह वर्णन भी, जिसे आप किताब में से ले कर, इसमें शामिल करेंगे। यह आशा रखिएगा कि जब आप लिखना शुरू करेंगे तब यह थोड़ा बदल जाएगा। लिखते समय कुछ अलग ही एहसास होते हैं, इसलिए योजना तो बना लीजिये, मगर उसे लचीली ही रखिए। [४]
    • जब आप अपनी आउटलाइन पूरी कर लें तब उसको वापस जा कर देखिये कि क्या उसका कुछ अर्थ निकलता है। अगर सभी पैराग्राफ आपस में जुड़े हुये और सम्बद्ध नहीं लगते हैं तब उनको थोड़ा इधर-उधर करिए और अगर आवश्यक हो तो उनमें थोड़ा जोड़-घटाना भी किया जा सकता है, ताकि उनका कुछ अर्थ निकलने लगे। साथ ही, यह भी जांच लीजिये कि क्या आपकी आउटलाइन में किताब के सभी प्रमुख तत्व, जैसे कि प्लॉट, पात्र और सेटिंग्स आदि कवर हो चुके हैं।
    • आउटलाइन बनाने में कुछ समय अवश्य लगता है, मगर इससे एडिट करते समय आपका समय बच जाएगा।
    • कुछ लोग काग़ज़ कलम से आउटलाइन बनाना पसंद करते हैं, जबकि कुछ अन्य लोग कंप्यूटर पर लिस्ट टाइप करना पसंद करते हैं। आपके लिए जो तरीका काम करे उसी को चुन लीजिये।
  5. टेक्स्ट से उदाहरणों कोटेशन (quotation) ले कर उसमें शामिल करिए: जब आप अपनी आउटलाइन बनाएँ, तब समरी के साधारण पॉइंट्स को किताब में दिये गए विवरणों से मिलाने की कोशिश करिए। इससे आपके टीचर को यह पता चलेगा कि आपने न केवल किताब को पढ़ा है बल्कि उसको समझा भी है। उदाहरणों की अदला बदली करते रहिए और कोटेशन भी छोटे-छोटे ही दीजिये। [५]
    • बस यह ध्यान रहे कि कोट्स को ओवरयूज़ (overuse) न किया जाए। अगर ऐसा लगने लगे कि हर दूसरी लाइन कोई कोट है, तब ज़रा वापस चले जाइए। कोशिश करिए कि एक पैरा में एक से अधिक कोट न आए। समरी में कोट तथा उदाहरणों की थोड़ी कमी ही रहनी चाहिए।
  6. यह तो संभव नहीं है कि पुस्तक के सभी हिस्सों की चर्चा विस्तार से की जाये। इसलिए, ऐसा करने की कोशिश करके अपने आपको असफल बनाने की तैयारी मत ही करिए। उसकी जगह, यह सुनिश्चित करिए कि किताब के सभी प्रमुख विचार आपकी समरी में शामिल हो जाएँ और आपके पाठक को किताब की पूरी फ़ील (feel) आ जाए। [६]
    • उदाहरण के लिए, आपको मुख्य रूप से सबसे महत्वपूर्ण चरित्रों, या उन चरित्रों की जो किताब में बार-बार सामने आते हों, की चर्चा करने पर फ़ोकस करने की ज़रूरत होती है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

रिपोर्ट की बॉडी तैयार करना

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  1. अपने पहले पैरा में आपको लेखक का नाम और किताब का टाइटल शामिल करना चाहिए। आपको एक शुरुआत ऐसी करनी चाहिए कि पहली लाइन पाठक का ध्यान आकर्षित कर ले, जैसे कि आप किताब में से कोई दिलचस्प कोट यहाँ डाल सकते हैं। और अच्छा तो यह होगा परिचय की शुरुआत वाले पैरा की आख़िरी लाइन में आप किताब की समरी दे दें। [७]
    • जैसे कि, एक लाइन वाली समरी में कहा जा सकता है, “यह किताब मुख्य पात्र की अफ़्रीका यात्रा और उन यात्राओं में उसने क्या सीखा, इस बारे में है।”
    • परिचय में बहुत जगह मत ले लीजिएगा। आम तौर पर, परिचय करीब 3-6 वाक्यों का होना चाहिये, हालांकि कुछ मामलों में यह इससे बड़ा या छोटा भी हो सकता है।
  2. पेपर की बॉडी शुरू करने का यह बढ़िया तरीका है, क्योंकि इससे आप अपनी रिपोर्ट में आगे जो भी चर्चा करेंगे उसके लिए स्टेज सेट (set) हो जाएगा। कोशिश करिए कि किताब में जिन लोकेशन्स का वर्णन किया गया है, आप उनका विवरण दें, ताकि टीचर को ठीक तरह से पता चल सके कि आप आखिरकार बता क्या रहे हैं। अगर कहानी किसी फ़ार्म (farm) पर चलती है, तब स्पष्ट रूप से बताइये। अगर सेटिंग काल्पनिक है या फ्यूचरिस्टिक (futuristic), यह भी स्पष्ट कर दीजिये। [८]
    • यदि आपसे हो सके, तो जीवंत भाषा का इस्तेमाल करिए और ढेर सारी डिटेल्स (details) भी दीजिये। जैसे कि, आप लिख सकते हैं, “फ़ार्म के चारों ओर विस्तृत पर्वतशृंखला थी।”
  3. यहाँ पर आप यह बताते हैं कि पुस्तक में हुआ क्या था। आपकी प्लॉट समरी में उन प्रमुख घटनाओं को दिया जाना चाहिए जो पुस्तक में हुईं, और उनका पात्रों पर क्या प्रभाव पड़ा। आपकी रिपोर्ट के इस भाग को किताब की विस्तृत आउटलाइन की तरह लगना चाहिए।
    • जैसे कि, मान लीजिये कि मुख्य पात्र अफ़्रीका चला जाता है, तब आपको यह बताना होगा कि वहाँ जाने से पहले क्या हुआ, वह कैसे गया, और जब वो वहाँ पहुँच गया तब उसने कैसे सेटल (settle) किया।
  4. जैसे-जैसे आप अपनी रिपोर्ट में प्रत्येक पात्र का परिचय देते जाएँ वैसे-वैसे आप यह सुनिश्चित करिए कि आप उनका परिचय दें, कि वे कौन हैं तथा किताब के लिए वे महत्वपूर्ण क्यों हैं। आप चाहें तो अपनी रिपोर्ट का एक पूरा खंड मुख्य पात्रों पर रख सकते हैं जहां वे कैसे दिखते हैं से ले कर उनकी सबसे प्रमुख गतिविधियां क्या हैं, उन तक पर फ़ोकस किया जा सकता है।
    • उदाहरण के लिए, आप लिख सकते हैं कि किताब का मुख्य पात्र, “एक अधेड़ महिला है जो जीवन की अच्छी चीज़ें, जैसे कि डिज़ाइनर कपड़े, पसंद करती है।” फिर, इसको आप अपनी प्लॉट समरी से जोड़ सकते हैं कि किस प्रकार यात्रा के बाद उसका दृष्टिकोण बदल गया, अगर बदला हो तब।
    • पात्रों का परिचय संभवतः उन्हीं वाक्यों और पैरा में दिया जाएगा जिनमें प्लॉट का परिचय दिया जाएगा।
  5. आपके बॉडी पैरा में मुख्य थीम या तर्क की जांच की जानी चाहिए: जब आप पढ़ रहे हों तब ‘बड़े विचारों’ पर नज़र डालिए। फ़िक्शन (fiction) में पात्रों की गतिविधियों पर ध्यान दीजिये कि वे किस प्रकार एक निश्चित पैटर्न का पालन कर रहे हैं, अगर वे कर रहे हों। नॉन-फ़िक्शन (non-fiction) कार्य में, लेखक के प्रमुख वक्तव्य या तर्क को देखिये। वे क्या साबित करने या सलाह देने का प्रयास कर रहे हैं? [९]
    • जैसे कि, आप लिख सकते हैं, “लेखक का तर्क है कि यात्रा से आपको एक नया दृष्टिकोण मिलता है। इसीलिए उसके प्रमुख पात्र हर नई जगह की यात्रा के बाद अधिक ख़ुश और ग्राउंडेड (grounded) लगते हैं।”
    • फ़िक्शन के लिए, देखिये कि क्या लेखक कहानी का इस्तेमाल किसी नैतिक शिक्षा या पाठ को बताने के लिए कर रहे हैं। जैसे कि, किसी पराजित काल्पनिक अथलीट के संबंध में लिखी किताब, पाठकों को प्रयास करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।
  6. किताब के खंडों पर एक नज़र और डालिए, और शब्दों के चयन जैसे लेखन के तत्वों पर विशेष ध्यान दीजिये। अपने आप से पूछिये कि क्या किताब औपचारिक तरह से लिखी गई थी या अनौपचारिक तरीके से। देखिये कि दूसरे तर्कों की तुलना में क्या लेखक किसी विशेष विचार या तर्क के पक्ष में बातें करता हुआ लग रहा है। टोन के बारे में फ़ील पाने के लिए, सोचिए कि जब आप पुस्तक के कुछ भागों को पढ़ते हैं, तब आपको कैसा महसूस होता है। [१०]
    • उदाहरण के लिए, कोई लेखक जो बहुत सारे स्लैन्ग (slang) का इस्तेमाल करता है वह शायद हिप (hip), एप्रोचेबल (approachable) स्टाइल बनाने की कोशिश कर रहा है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी रिपोर्ट पूरी करना

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  1. आपका उपसंहार पैरा वह जगह होती है जहां आप अपने पाठक के लिए सबकुछ एक जगह एकत्र कर देते हैं। यहाँ पर पूरी किताब को समराइज़ करते हुये कुछ वाक्य शामिल करिए। यहाँ पर आप अपना अंतिम कथन भी लिख सकते हैं जिसमें आप पाठकों को यह बताएँगे की क्या आप इस किताब को पढ़ने की संस्तुति करेंगे और इसके कारण भी आप यहाँ बता देंगे। [११]
    • कुछ टीचर्स का यह सुझाव होता है, या वे चाहते ही हैं कि उपसंहार में आप लेखक का नाम और टाइटल अवश्य लिखें।
    • इस उपसंहार में कोई नए विचार मत ले कर आइएगा। इस जगह को रिकैप (recap) के लिए बचा कर रखिए।
  2. अपने पेपर को कम से कम दो बार पढ़िये। पहली बार में यह सुनिश्चित करिए कि स्ट्रक्चर (structure) अर्थपूर्ण हो और हर पैरा का मतलब साफ़ साफ़ निकलता हो। दूसरी बार उसे छोटी-मोटी ग़लतियों और टाइप की ग़लतियों, जैसे छूटे हुये कॉमा (comma) या प्रश्नचिन्हों को ढूँढने के लिए प्रूफ़रीड करिए। अजीब शब्दावली वगैरह देखने के लिए पेपर को बोल कर पढ़ने से भी मदद मिल सकती है। [१२]
    • आप अपना पेपर सबमिट (submit) करें, इसके पहले यह सुनिश्चित करिए कि आपने लेखक का नाम और पात्रों के नाम सही स्पेल (spell) किए हों।
    • ग़लतियाँ पकड़ने के लिए कंप्यूटर के स्पेल चेक पर विश्वास मत करिएगा।
  3. किसी परिवार के सदस्य, मित्र या क्लास के सहपाठी से पूछिये कि क्या वे आपकी पूरी रिपोर्ट पढ़ेंगे। उनसे बता दीजिये कि आपको अच्छा लगेगा, यदि वे पेज मार्जिन पर अपने कमेंट्स या करेक्शन (correction) लिख देंगे। उनके सुझाव प्राप्त करने के लिए, आप बाद में उनसे बात भी कर सकते हैं।
    • जैसे कि, आप कह सकते हैं, “मुझे बहुत अच्छा लगेगा अगर आप मेरी रिपोर्ट पढ़ लेंगे और मुझे बताएँगे कि क्या उसका फ़्लो (flow) सहज है।” [१३]
  4. जब आप सभी करेक्शन कर चुकें तब अपनी रिपोर्ट का एक साफ़ सुथरा वर्ज़न प्रिंट कर लीजिये। उसे धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक पढ़िये। देखिये कि कोई छोटी-मोटी ग़लती या टाइपिंग की ग़लती तो नहीं रह गई है। अपनी रिपोर्ट का गाइड शीट से मिलान करिए और यह सुनिश्चित करिए कि आपने टीचर के सभी निर्देशों का पालन किया है।
    • जैसे कि, दोबारा चेक करिए कि आप सही फॉन्ट, फॉन्ट साइज़ तथा मार्जिन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सलाह

  • हालांकि यह बुक रिपोर्ट आपका ही काम है, मगर प्रयास करिए कि “मैं” का प्रयोग बहुत अधिक न किया जाये। इसके कारण आपका लेखन कुछ उखड़ा-उखड़ा लग सकता है।
  • यह लालच ओ सकता है कि किताब पढ़ने की जगह फ़िल्म देख ली जाये या ऑनलाइन नोट्स पढ़ लिए जाएँ। मगर इस लालच पर विजय पा लीजिये! आपके टीचर को इस अंतर का पता चल जाएगा।

चेतावनी

  • किसी दूसरे का काम चुराना या उसका इस्तेमाल करना साहित्यिक चोरी और अकादमिक बेईमानी मानी जाती है। यह सुनिश्चित करिए कि आप जो भी सबमिट कर रहे हों वह सब आपका ही हो।
  • अपने आप को रिपोर्ट लिखने के लिए पर्याप्त समय दीजिये। आख़िरी समय का इंतज़ार मत करिए वरना आपको लगेगा कि समय की कमी है। [१४]

विकीहाउ के बारे में

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