मसल्स बनाना आपके कॉन्फ़िडेंस को एक बूस्ट दे सकता है, लेकिन इसमें काफी टाइम और कंसिस्टेंसी की जरूरत होती है। अच्छी बात ये है कि, अगर आप हार्ड वर्क करते हैं और उसके साथ जुड़े रहते हैं, तो आपको रिजल्ट्स नजर आ सकते हैं। मसल बनाने के लिए, रेगुलर एक्सरसाइज करना और एक हेल्दी डाइट मेंटेन करना सबसे जरूरी होता है। आप एक ही तरह की एक्सरसाइज का यूज करके घर पर या फिर जिम में वर्कआउट करके भी मसल्स बना सकते हैं।
चरण
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एक एक्सरसाइज रूटीन बनाएँ: अपने लिए एक वर्कआउट प्लान बनाकर लिख लें, ताकि आपको मालूम रहे कि किस दिन आपको आपके कौन से मसल ग्रुप के ऊपर काम करना है। आप चाहें तो एक दिन में उन सभी के ऊपर काम करने का फैसला ले सकते हैं या फिर आप उन पर अलग-अलग दिनों काम कर सकते हैं। इन वर्कआउट्स के बीच में आपके मसल ग्रुप को 24-48 घंटे का आराम जरूर दें। [१] X रिसर्च सोर्स
- उदाहरण के लिए, अगर आप मंडे को आपकी आर्म्स पर काम करते हैं, तो फिर वेंज्डे या थर्सडे को वापस उन्हीं मसल्स के ऊपर काम मत करें।
- अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि शुरुआत कहाँ से की जाए, तो फिर ऑनलाइन एक सॉलिड वर्कआउट प्रोग्राम की तलाश कर लें और फिर कुछ दिनों के लिए उसे ही ट्राय करें। जल्दी-जल्दी एक से दूसरे प्रोग्राम पर मत पहुँच जाएँ, नहीं तो आप खुद को लगातार होने वाली प्रोग्रेस से रोक लेंगे।
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अपने वर्कआउट को शेड्यूल करें: जरूरत से ज्यादा ट्रेनिंग करना अवॉइड करें, एक ऐसा शेड्यूल सेट करें, जो आपके लिए और आपके लक्ष्यों के लिए सही काम करे। अपने रूटीन को इस तरह से ओर्गेनाइज़ करें, ताकि आप दो मसल ग्रुप पर एक-साथ काम कर सकें और अपना टाइम भी बचा सकें। इसके उदाहरण में, चेस्ट और बैक डे, बाइसेप और ट्राइसेप डे या चेस्ट या ट्राइसेप डे हो सकते हैं।
- यहाँ पर इस तरह के स्पिलट रूटीन का एक उदाहरण है, जो आपको आपके मसल्स के ऊपर काम करने के लिए काफी समय देता है और साथ ही आपको रिकवर करने का भी भरपूर टाइम देता है:
- Day 1: चेस्ट और बाइसेप्स, जिसके बाद में कार्डियो
- Day 2: बैक और ट्राइसेप्स
- Day 3: रेस्ट और कार्डियो
- Day 4: लेग्ज और ऐब्स
- Day 5: शोल्डर, बाद में कार्डियो
- Day 6: रेस्ट
- Day 7: रेस्ट
- एक और रूटीन, जिसे आप एक अपर/लोअर स्पिलट के लिए ट्राय कर सकते हैं। यहाँ पर आपके लिए यूज करने के लायक शेड्यूल दिया गया है:
- Day 1: अपर-बॉडी वर्कआउट, बाद में कार्डियो
- Day 2: लोअर-बॉडी वर्कआउट
- Day 3: रेस्ट और कार्डियो
- Day 4: अपर-बॉडी वर्कआउट
- Day 5: लोअर-बॉडी वर्कआउट
- Day 6: रेस्ट और कार्डियो
- Day 7: रेस्ट
- यहाँ पर इस तरह के स्पिलट रूटीन का एक उदाहरण है, जो आपको आपके मसल्स के ऊपर काम करने के लिए काफी समय देता है और साथ ही आपको रिकवर करने का भी भरपूर टाइम देता है:
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वेट लिफ्ट करने के पहले कार्डियो के साथ वार्म अप करें: इसके पहले कि आप किसी भी एक्सरसाइज रूटीन की शुरुआत करें, पहले एक ऐसे कम इंटेन्सिटी के वर्कआउट के साथ में स्टार्ट करें, जिसे आपके द्वारा वर्क की जा रही मसल्स को वार्म अप करने के लिए डिजाइन किया गया हो। न केवल ये आपको एक सही माइंड फ्रेम में पहुँचने में मदद करेगा, ये आपको चोट से बचाने में मदद कर सकता है। वेट लिफ्ट करना शुरू करने से पहले 5 से 10 मिनट के लिए लाइट कार्डियो करें। [२] X रिसर्च सोर्स
- उदाहरण के लिए, वॉक करें, दौड़ें या फिर जगह पर ही जॉग करें।
- जब तक कि आप 5 मिनट की कार्डियो नहीं कर लेते, तब तक स्ट्रेच के साथ में वार्म अप न करें। आपको आपकी कोल्ड मसल्स को कभी भी स्ट्रेच नहीं करना चाहिए, इसकी वजह से चोट लग सकती है।
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मसल बनाने के लिए कम समय के लिए जोरदार वर्कआउट करें: हाइ स्पीड के साथ ट्रेनिंग करना, एंड्योरेंस बनाने के लिए अच्छा होता है, लेकिन ये आपको किसी भी साइज या स्ट्रेंथ में बनाने में मदद नहीं करेगा। इसकी बजाय, एक मसल ग्रुप के लिए करीब 3 से 8 सेट्स और अपने नॉर्मल रूटीन के लिए, हर एक सेट के लिए 6 से 12 रिपीटीशन करें। आपका आखिरी रिपीटीशन पूरा करना सबसे मुश्किल होगा! अगर ये नहीं है, तो फिर आपके द्वारा लिफ्ट किए जा रहे वेट को बढ़ा लें। [३] X रिसर्च सोर्स
- अपने वर्कआउट के लिए हर रोज 60 मिनट अलग निकालकर रखें। कितनी भी देर के लिए और फिर उसके बाद आप थोड़े और क्वालिटी सेट्स परफ़ोर्म करने में थकान महसूस करेंगे।
सलाह: हर 4 से 8 हफ्ते में, अपने रूटीन में थोड़ा बदलाव करें। जैसे ही आपके शरीर को ज्यादा स्ट्रेस मिलना शुरू होता है, फिर आपको इसकी आदत लग जाती है, जहां से आपकी वेट ट्रेनिंग के सारे फायदे खत्म होना शुरू हो जाते हैं। इसे होने से रोके के एक अकेला तरीका यही है कि आप वेट बढ़ाने और अपनी एक्सरसाइज को बदलने जैसी चीजों को बीच-बीच में बदलते रहें।
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हफ्ते भर के दौरान अपने पूरे शरीर के ऊपर काम करें: जब आपका पूरा शरीर आपके रूटीन का हिस्सा रहेगा, तब आप ज्यादा से ज्यादा फायदे देखेंगे। ट्रेनिंग करते समय आप जितनी ज्यादा मसल्स का यूज करेंगे, आपको उतनी ही ज्यादा स्ट्रेंथ मिलना शुरू हो जाएगी और आपका मसल डेवलपमेंट भी उतना ही बैलेंस रहेगा। आप 1 बार में आपके पूरे शरीर के ऊपर काम कर सकते हैं या फिर अलग-अलग दिन पर अलग-अलग मसल ग्रुप के ऊपर टार्गेट कर सकते हैं। [४] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने सभी मसल्स ग्रुप पर एक बराबर ध्यान दें, जैसे कि बेंच प्रैस (bench presses) के हर 5 सेट के बाद रो (row) के 5 सेट्स। ये बैलेंस्ड ट्रेनिंग, ग्रोथ और फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ावा देगा।
- स्क्वेट्स (squats), डैडलिफ्ट (deadlifts), प्रैस (presses), रो (rows) और पुल-अप्स (pull-ups) जैसी कम्पाउन्ड एक्सरसाइज काफी सारी अलग-अलग मसल्स का यूज करती हैं। ये फुल बॉडी वर्कआउट के लिए अच्छी होती हैं।
- जल्दबाज़ी मत करें। एडवांस्ड लिफ्टर्स अक्सर उनके रूटीन को एक्सप्लोजिव रिपीटीशन कही जाने वाली टेक्निक के आसपास आधारित रखते हैं। दूसरे शब्दों में, ये बहुत कम (एक्सप्लोजिव) टाइम में बहुत ज्यादा मात्रा में वेट उठा लेते हैं। इस मेथड के कुछ संभावित फायदे हैं, लेकिन इसमें नए एथलीट्स को मिलने वाली चोट का रिस्क ज्यादा रहता है। इसे पूरी तरह से एडवांस्ड एथलीट्स के लिए रिकमेंड किया जाता है।
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कार्डियो ट्रेनिंग शामिल करें: हर हफ्ते 150 मिनट की मोडरेट कार्डियो या फिर 75 मिनट की जोरदार कार्डियो या फिर इन दोनों के एक से कोंबिनेशन की स्टैंडर्ड रिकमंडेशन दी जाती है। हर एक अगले दिन या फिर हफ्ते में तीन दिन 30 से 60 मिनट की कार्डियोवेस्कुलर एक्टिविटी करना एक अच्छी शुरुआत हो सकता है। कार्डियो के उदाहरण में, दौड़ना, साइकिलिंग, स्विमिंग और ऐसा कोई भी स्पोर्ट, जिसमें लगातार मूवमेंट शामिल हो। [५] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अच्छी कार्डियोवेस्कुलर हैल्थ ब्लड फ़्लो को बढ़ाती है, जो कि मसल ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी होता है। कार्डियो करना आपकी कार्डियोवेस्कुलर फिटनेस को भी बेहतर करता है, जो आपको कई तरह के स्पोर्ट्स और एक्टिविटीज के लिए आपकी मसल में हुई बढ़त का यूज करने देता है।
- कार्डियो कैलोरी को तुरंत बर्न करती है, इसलिए इसकी अति करने की वजह से आपके मसल्स को बनाने के लिए मिलने वाली एनर्जी सीमित हो जाएगी। अगर आप कार्डियो एक्सरसाइज की मात्रा को बढ़ा लेते हैं, तो फिर आपके कैलोरी के सेवन को बढ़ाने के ऊपर भी ध्यान रखें।
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आराम करें: आपके शरीर को रिकवर होने और आपकी मसल्स को रिपेयर (बनाने) के लिए टाइम की जरूरत पड़ती है और ऐसा करने के लिए आपको हर रात कम से कम 8 घंटे की क्वालिटी स्लीप लेना होगी। वैकल्पिक रूप से, अपने ट्रेनिंग के नियम की अति मत करें। आप शायद "ओवर-ट्रेनिंग" के नाम से पहचाने जाने वाले पॉइंट तक पहुँच जाएंगे, जिसमें आप आपकी मसल्स को "पम्प" करने की आपकी काबिलियत को खो देंगे, जिसकी वजह से आपकी मसल बर्बाद होना शुरू हो सकती हैं। यहाँ पर ऐसे कुछ लक्षण दिए गए हैं, जिनसे आपको इस बात की जानकारी मिल सकती है कि आप कहीं ओवर-ट्रेनिंग जोन में तो नहीं जा रहे हैं: [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- लंबे समय की थकान
- स्ट्रेंथ में कमी
- भूख की कमी
- अनिद्रा (Insomnia)
- डिप्रेशन
- कम हुई सेक्स ड्राइव
- क्रोनिक दर्द (Chronic soreness)
- जल्दी-जल्दी चोट पहुँचना
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अपने स्ट्रेस लेवल को कम करें: फिर चाहे आपका स्ट्रेस आपके जॉब से, आपके घर से या फिर बस आपके किसी भी तरह से बिजी रहने की वजह से आ रहा हो, इसे कम करने के लिए आप से जो भी हो सके, वो करें। ये आमतौर पर आपके लिए ठीक नहीं होता है, लेकिन स्ट्रेस आप में कोर्टिसोल (cortisol) नाम के हॉरमोन के प्रॉडक्शन को भी बढ़ाता है, जो आपके शरीर को फेट स्टोर करने और मसल टिशू को बर्न करने के लिए प्रेरित करता है। यहाँ पर स्ट्रेस कम करने के कुछ तरीके दिए हुए हैं: [७] X विश्वसनीय स्त्रोत Harvard Medical School स्त्रोत (source) पर जायें
- वॉक पर चले जाएँ।
- किसी फ्रेंड से बात करें।
- डायरी (Journal) लिखें।
- एडल्ट कलरिंग बुक में कलर करें।
- अपने पालतू जानवर के साथ खेलें।
- बाथटब में सोखें।
- एशेन्सियल ऑइल की महक लें।
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स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए एक्स्प्लोसिव लिफ्ट्स (explosive lifts) प्रैक्टिस करें: वेट लिफ्ट करते समय ऊपर की ओर "एक्सप्लोड करना" आपकी मसल्स को एक क्विक, एक्स्प्लोसिव स्ट्रेंथ के लिए प्रेरित करता है। हालांकि, अगर आप सही टेक्निक यूज नहीं कर रहे हैं, तो इससे आपको चोट पहुँचने का रिस्क बढ़ जाएगा। अगर आप इन्हें आपके स्क्वेट्स में या और किसी मोशन एक्सरसाइज की रेंज में शामिल करना चाहते हैं, तो पहले इसे हल्के वेट और एक कम इंटेन्सिटी के सेटअप के साथ प्रैक्टिस करें: [८] X रिसर्च सोर्स
- पहले धीमे मोशन रेंज के साथ धीरे-धीरे मूव के एक्स्प्लोसिव हिस्से तक जाएँ और फिर टाइम और प्रैक्टिस के साथ इसे बढ़ा लें।
- धीरे-धीरे एसेंट्रिक (नीचे करने वाले फेज) पर पहुँचें। ये मोशन का वो हिस्सा है, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा चोट पहुँचती है, इसलिए कोशिश यही रखें कि नीचे की ओर "एक्सप्लोड" मत करें।
- एक्सरसाइज के लो पॉइंट पर "मसल को लोड" करें। इसका मतलब मूवमेंट शुरू करने से पहले मसल कोंट्रेक्शन को रोके रखना।
- तेजी से ऊपर की तरफ एक्सप्लोड करें, लेकिन मोशन के पीक रेंज पर पूरे एक्सटैन्शन को अवॉइड करें। उदाहरण के लिए, लेग एक्सरसाइज में घुटनों को मुड़ा रहना चाहिए और अपर बॉडी एक्सरसाइज में कोहनियों को हल्का सा झुका होना चाहिए।
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अपनी पीठ की मसल्स के ऊपर काम करने के लिए पुल-अप्स (pull ups) करें: एक ऐसे हॉरिजॉन्टल बार को पकड़ लें, जो कम्फ़र्टेबल रूप से आप से लंबा हो। अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखें। फिर, अपने पैरों को वापस उठाएँ ताकि आप बार से लटक रहे हों। केवल अपनी आर्म्स यूज करके, अपनी ठुड्डी को बार से ऊपर लिफ्ट करके, खुद को ऊपर खींचें। फिर, खुद को वापस शुरुआती पोजीशन में नीचे ले आएँ। [९] X रिसर्च सोर्स
- आप या तो एक ओवरहैड या एक अंडरहैड ग्रिप का यूज कर सकते हैं।
- 10 पुल-अप्स के 3 सेट करें।
- ये एक्सरसाइज आपके लाट्स (lats), ट्रेप्स (traps) और राम्बॉइड्स (rhomboids) के ऊपर काम करेगी।
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अपनी बैक को बनाने के लिए बेंट ओवर रो (bent over rows) परफ़ोर्म करें: अपने पैरों को एक बारबेल या 2 डंबल के पीछे कंधे के बराबर दूरी पर, करीब 6 से 10 इंच (15–25 cm) पर रखकर खड़े हो जाएँ। अपने घुटनों को हल्का सा झुकाएँ, लेकिन अपनी शिन्स (shins) को वर्टीकल रखें। अपनी स्पाइन और सिर को स्ट्रेट रखर कमर से सामने की तरफ झुक जाएँ। वेट को ओवरहैंड ग्रिप आए आपकी लोअर चेस्ट या अपर एब्डोमेन तक लिफ्ट करें। जब तक कि आपकी आर्म्स ग्राउंड को टच किए बिना, लगभग पूरी फैल नहीं जाती, तब तक धीरे-धीरे नीचे लाएँ। [१०] X रिसर्च सोर्स
- 10 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
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अपनी चेस्ट और पेक्स (pecs) के लिए बेंच प्रैसेस करें: पहले इतने वेट के साथ स्टार्ट करें, जिसे आप कम्फ़र्टेबली उठा सकें। अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो फिर बार को हर एक साइड पर 2.5 से 4.5 kg लिफ्ट करें। अपनी आर्म्स को कंधे के बराबर चौड़ाई पर रखें, फिर बार को पकड़ लें। धीरे-धीरे बार को तब तक नीचे लाएँ, जब तक कि ये निप्पल लेवल तक नहीं आ जाती, फिर जब तक कि आपकी आर्म्स पूरी ऊपर तक नहीं फैल जाती, तब तक पुश अप करें। [११] X रिसर्च सोर्स
- 8 से 10 रिपीटीशन के 3 सेट करें। अगर आप कर सकें, तो हर एक सेट में एडिशनल वेट एड कर लें।
- जब आप कुछ महीने की प्रैक्टिस कर लें, फिर धीरे-धीरे वेट को बढ़ाते जाएँ और एक सेट में 6 से 8 रिपीटीशन करना शुरू कर दें। तीसरे सेट के आखिर में मसल फेलर तक पहुँचने की कोशिश करें।
वेरिएशन: एक एडेड चैलेंज के लिए, वेट्स को एक इंकलाइन बेंच प्रेस पर लिफ्ट करें। इंकलाइन भी बेंच प्रैस की तरह ही होता है, लेकिन बेंच का एंड करीब 40 डिग्री पर मुड़ा हुआ होता है। बार को इंकलाइन पर लिफ्ट करना मुश्किल होगा, इसलिए पहले आप फ्लेट बेंच पर जितना वेट लेते हैं, उससे कम वेट के साथ स्टार्ट करें।
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आपकी अपर बॉडी का वर्क आउट करने के लिए पुश-अप्स (push-ups) करें: अपनी आर्म्स को कंधे के बराबर दूरी पर रखकर, प्लैंक पोजीशन में आ जाएँ। फिर, जब तक कि आपकी ठुड्डी फर्श तक न पहुँच जाए, तब तक खुद को धीरे-धीरे नीचे लेकर आएँ। धीरे से खुद को वापस शुरुआती पोजीशन में धकेलें। [१२] X रिसर्च सोर्स
- 10 पुश-अप्स के 3 सेट करें।
- आपके हाथ एक-दूसरे से जितना करीब रहेंगे, आप आपके ट्राइसेप्स के ऊपर उतना ही ज्यादा काम करेंगे।
- पुश-अप्स एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे आप कहीं भी कर सकते हैं।
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अपने थाई, ग्लूट्स (glutes) और काल्व्स (calves) के ऊपर काम करने के लिए डैडलिफ्ट्स (deadlifts) करें: आपके सामने ग्राउंड पर एक हैवी बारबेल या 2 डंबल रख लें। आपकी पीठ को स्ट्रेट और कोर को इंगेज रखकर, धीरे से अपने घुटने मोड़ें। वेट को पकड़ें, फिर वेट को अपने शरीर के करीब रखकर, उसे ग्राउंड से ऊपर उठाएँ। फिर, धीरे-धीरे अपने शरीर को वापस नीचे फर्श पर ले जाएँ। [१३] X रिसर्च सोर्स
- 10 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
- एक ऐसा वेट चुनें, जो आपके लिए बहुत हैवी लगे।
- जब आप आपके डैडलिफ्ट्स करें, तब आपके सारे मसल्स को इंगेज रखें। वेट लिफ्ट करने में मदद पाने के लिए अपनी लोअर बॉडी का यूज करें।
एक्सपर्ट टिपफिटनेस ट्रेनरलैला अजानी एक फिटनेस ट्रेनर और Push Personal Fitness की संस्थापक हैं, यह एक पर्सनल ट्रेनिंग संस्थान है, जो सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया में स्थित है। लैला को प्रतिस्पर्धी एथेलेटिक्स (जिमनास्टिक, पावर लिफ्टिंग और टेनिस), पर्सनल ट्रेनिंग, डिस्टेंस रनिंग और ओलंपिक लिफ्टिंग में विशेषज्ञता हासिल है। लैला National Strength & Conditioning Association (NSCA), USA Powerlifting (USAPL) द्वारा प्रमाणित हैं और वह एक Corrective Exercise Specialist (CES) हैं।मसल्स को तेजी से बनाने में मदद के लिए माइक्रोलोडिंग (microloading) करके देखें। अगर आप बारबेल यूज कर रहे हैं, तो फिर आपके पास में आपके साइड में किसी भी वेट को लोड करने का ऑप्शन रहेगा, ताकि आप आपके वेट को आधा या एक किलो से बढ़ा सकें। अगर आप 25 किलो पर 6 सेट लिफ्ट कर सकते हैं और ये आपको थोड़ा सा हैवी महसूस होता है, तो अगले हफ्ते आप 26 किलो ट्राय कर सकते हैं। ये आपको बहुत तेजी से प्रोग्रेस देखने में मदद करेगा।
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वेटेड बार के साथ स्क्वेट्स करें: बारबेल में वेट्स एड करें, फिर उसे एक रैक पर रखें, ताकि ये आपके कंधे की हाइट से थोड़ी कम रहे। बार के नीचे आ जाएँ और खड़े हो जाएँ, ताकि बार ठीक आपकी गर्दन के नीचे कम्फ़र्टेबली रेस्ट करे। अपने घुटनों को थोड़ा सा मोड़ें और पैरों को अपने कंधे से थोड़ा चौड़ा रखें। बार को रैक से ऊपर उठाएँ और बैकवर्ड्स 1 स्टेप मूव करें, ताकि वेट आपकी बैक पर रेस्ट करे। फिर, अपने आप को धीरे से एक स्क्वेट की पोजीशन में नीचे लेकर अन। बहुत डीपली साँस छोड़ें और अपने पैरों और हिप्स की मदद से स्क्वेट लिफ्ट करें। [१४] X रिसर्च सोर्स
- 8 स्क्वेट्स के 3 सेट करें।
- वेट को इतना हैवी होना चाहिए कि आपके लिए एक स्क्वेट करना मुश्किल लगे, लेकिन नामुमकिन नहीं। अगर आप शुरुआत कर रहे हैं, तो इसका मतलब शुरुआत करने के लिए आप बिना किसी वेट के बार का यूज कर रहे हैं।
- जब आप स्क्वेट्स करें, तब आपकी चेस्ट, घुटने और पैरों को अपनी हिप्स के साथ वर्टीकली अलाइन रखें।
- घुटनों पर एक 90-डिग्री का झुकाव सबसे सेफ ऑप्शन होता है और ये सुनिश्चित करता है कि आपके घुटने आपकी उँगलियों से आगे नहीं जाते हैं।
वेरिएशन: एक्सट्रा चैलेंज के लिए वेटेड बार के साथ फ्रंट स्क्वेट्स करें। एक वेटेड बार को ठीक आपके कंधे के लेवल के नीचे रखें। बार को सामने के कंधे पर पोजीशन करके, सामने से बार तक आएँ। अपनी आर्म्स को बार पर क्रॉस करें और फिर उसे चलाएँ। आपकी बैक को स्ट्रेट रखकर, अपने हिप्स को बार के नीचे रखकर अपने पैरों को स्क्वेट में मोड़ें। धीरे से वापस स्टार्टिंग पोजीशन तक वापस उठ जाएँ।
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अपने पैरों का वर्कआउट करने के लिए, डंबल के साथ बल्गेरियन स्क्वेट (Bulgarian squats) करें: अपने दोनों हाथों का यूज करके डंबल को अपनी चेस्ट के सामने रखें। बेंच के सामने खड़े होकर, आपके दाएँ पैर को वापस उठाएँ, ताकि ये फर्श से पेरेलल रहे और बेंच के ऊपर कंफ़र्टेबली रेस्ट करे। अपने बाएँ पैर का यूज करके स्क्वेट में झुक जाएँ, ताकि आपका दायाँ पैर लगभग फर्श को हिट करे। धीरे से वापस आपकी स्टार्टिंग पोजीशन में उठ जाएँ। दूसरी साइड पर रिपीट करें। [१५] X रिसर्च सोर्स
- 8 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
- बल्गेरियन स्क्वेट्स को सिंगल लेग स्क्वेट (single leg squats) भी कहा जाता है।
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अपनी आर्म्स के ऊपर काम करने के लिए डंबल के साथ में बाइसेप कर्ल्स (individual bicep curls) करें: बेंच पर बैठ जाएँ और अपने डंबल को ऊपर पकड़ें। अपने हाथों को आपकी थाई के बीच में रखें। अपनी कोहनी को अपनी थाई के ऊपर रखकर, डंबल को अपनी आर्म को ऊपर की तरफ कर्ल करके, अपनी अपर चेस्ट तक ऊपर ले आएँ। दूसरे हाथ में पकड़ें और रिपीट करें। [१६] X रिसर्च सोर्स
- 8 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
वेरिएशन: एक ही समय पर आपकी दोनों आर्म्स के ऊपर काम करने के लिए वेटेड बार के साथ बाइसेप कर्ल करें। खड़े हो जाएँ और अपने दोनों हाथों से वेटेड बार पर पकड़ बनाएँ। अपनी आर्म्स को अपनी थाइतक पूरा नीचे फैला रहने दें। केवल अपनी आर्म्स का यूज करके, अपनी आर्म्स को ऊपर कर्ल करके, वेट को अपनी चेस्ट तक लिफ्ट करें।
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डिप्स (dips) से आपके ट्राइसेप्स को टार्गेट करें: अपने शरीर और पैरों को बेंच के सामने स्ट्रेच करके, अपने हाथों को बेंच के ऊपर कंधे के बराबर दूरी पर रख लें। धीरे से अपनी कोहनी को मोड़ें और अपने शरीर को नीचे करते जाएँ, ताकि आपकी बट लगभग फर्श को टच करे। खुद को वापस शुरुआती पोजीशन में ऊपर उठाने के लिए अपनी आर्म्स का यूज करें। [१७] X रिसर्च सोर्स
- 8 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
- अगर ये आपके लिए हाइ-इंटेन्सिटी के सेट नहीं हैं, तो फिर अपने 1 पैर को जमीन से ऊपर उठाकर, अपने लिए रजिस्टेंस बढ़ा लें।
- डिप्स करना, अपने बाइसेप्स के नीचे की मसल्स, यानि की ट्राइसेप्स के ऊपर काम करने का असरदार तरीका होते हैं। बड़ी मात्रा में वेट को बेंच प्रैस कर सकने के लिए आपके पास में स्ट्रॉंग बाइसेप्स का होना जरूरी होता है।
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अपनी आर्म्स के ऊपर काम करने के लिए स्कल क्रशर्स (skull crushers) करें: बार को रैक पर रखकर, एक बेंच के ऊपर लेट जाएँ। बार को आपके ऊपर लिफ्ट करें, फिर अपनी कोहनी को मोड़ें, ताकि बार अब आपके माथे के करीब रहे। धीरे से बार को ऊपर धकेलें, जब तक कि आपकी आर्म्स पूरी न फैल जाएँ। फिर, वेट को वापस नीचे लेकर आएँ, बार को लिफ्ट और लोअर ले जाते समय अपनी कोहनियों को एक-दूसरे के करीब रखें। [१८] X रिसर्च सोर्स
- 8 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
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अपने कंधों को बनाने के लिए ओवरहैड प्रैस (overhead press) करें: अपनी हथेलियों को सामने की तरफ फेस करके, एक बारबेल या डंबल को अपनी चेस्ट या शोल्डर की हाइट पर पकड़ें। जब तक कि आपकी आर्म्स पूरी फैल नहीं जाती, वेट को अपने सिर से ऊपर लिफ्ट करें। हाइपरएक्सटैन्शन को रोकने के लिए, अपनी कोहनियों को हल्का सा मुड़ा हुआ रखें। फिर, धीरे-धीरे वेट को वापस स्टार्टिंग पोजीशन में नीचे ले आएँ। [१९] X रिसर्च सोर्स
- 8 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
वेरिएशन: आप आपके हाथ और हथेली की पोजीशन को बदलकर, इस एक्सरसाइज को स्विच कर सकते हैं। अगर आप डंबल यूज कर रहे हैं, तो आप उन्हें तब तक उठा सकते हैं, जब तक ये आपके ओवरहैड को टच करें या फिर उन्हें आपकी आर्म के साथ एक चौड़े "Y" शेप तक लिफ्ट करें।
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अपने ऐब्स और कोर मसल्स के वर्कआउट के लिए क्रंचेस (crunches) करें: एक मेट पर लेट जाएँ और अपनी दोनों आर्म्स को अपने सिर के पीछे, अपने हाथों को लॉक किए बिना, रखें। अपने घुटने इस तरह से मोड़ें, ताकि आपके पैर जमीन पर फ्लेट रहें। अपनी पीठ को थोड़ा सा जमीन की तरफ धकेलें और अपने कंधों को धीरे से ग्राउंड से ऊपर रोल कर लें। फिर, धीरे से वापस फ्लोर पर आ जाएँ। [२०] X रिसर्च सोर्स
- 20 रिपीटीशन के 3 सेट करें।
- अपने मूवमेंट को स्लो और एक-सा रखें।
वेरिएशन: ओब्लिक क्रंचेस (oblique crunches) के लिए, अपने टोर्सो (शरीर के ऊपरी हिस्से) को इस तरह से एंगल करें, ताकि 1 कंधा आपके अपोजिट घुटने की तरफ पहुँच जाए। हर एक क्रंच के बाद साइड्स बदलें।
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अपने ऐब्स और कोर के ऊपर काम करने के लिए प्लैंक्स करें: फर्श के ऊपर चेहरे को उल्टा करके लेट जाएँ। अपने हाथों को अपने कंधे के नीचे रखें। फिर, खुद को ऊपर उठाएँ, ताकि आपका शरीर अभी भी जमीन से पेरेलल रहे। अपने शरीर को स्ट्रेट रखें और इस पोजीशन को जितना हो सके, उतना लंबे समय के लिए बनाए रखें। [२१] X रिसर्च सोर्स
- अपने प्लैंक को 2 मिनट के लिए होल्ड करके रखें। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो 1-2 मिनट आराम करें, फिर दोबारा प्लैंक करें। अब 2 मिनट पूरे होने तक जितने हो सकें, उतने ज्यादा प्लैंक्स करें।
- अगर आप खुद को आपकी आर्म्स के ऊपर सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर आप आपकी फोरआर्म का यूज करके इस एक्सरसाइज को थोड़ा बदल सकते हैं।
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अपने कैलोरी के सेवन को 10% से बढ़ा लें: आप कितनी कैलोरी खाते हैं, उसका ध्यान रखें और फिर अपनी डेली केलोरिक जरूरत का अंदाजा लगाने के लिए, इस नंबर के एवरेज का यूज करें। फिर, उस नंबर को 1.1 से मल्टीप्लाय कर दें। अपनी मसल बनाने के लिए क्वालिटी न्यूट्रीएंट्स पाने के लिए, बस इतना ध्यान रखें कि आपकी ये कैलोरी अलग-अलग तरह के हेल्दी, कम से कम प्रोसेस्ड फूड्स से आ रही है। [२२] X रिसर्च सोर्स
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अपनी मसल ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए भरपूर प्रोटीन खाएं: हर आधा किलो बॉडीवेट के लिए 1 ग्राम (प्रति किलो के लिए 1.6g से 2g) प्रोटीन लेने का लक्ष्य रखें। उदाहरण के लिए, अगर आपका वजन 82 kg है, तो हर रोज 144-180 g प्रोटीन लें। अगर आप ओवरवेट हैं, तो फिर आपके मौजूदा वजन की बजाय, लीन बॉडी मास को आपके बॉडीवेट की तरह यूज करें। [२३] X रिसर्च सोर्स
- 28 ग्राम पके हुए मीट में लगभग 7 ग्राम तक प्रोटीन रहता है। [२४] X रिसर्च सोर्स प्रोटीन का और कोई सोर्स लिए बिना, आप तीन 150 ग्राम स्टीक्स खाकर आपके डेली गोल को पूरा कर सकते हैं।
- अगर आपको इस प्रोटीन लेवल को पूरा करने में मुश्किल हो रही है, तो आप हमेशा इस अंतर को पूरा करने के लिए प्रोटीन शेक का यूज कर सकते हैं।
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हर रोज कम से कम 2 लीटर तक पानी जरूर पिया करें: एक आइडियल रेट में मसल बनाने के लिए शरीर को भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है। हर रोज कम से कम 2 लीटर पानी पीने का लक्ष्य रखें, लेकिन हेल्दी मसल्स बनाने के लिए शायद आपको और भी पानी पीने की जरूरत पड़ सकती है। आप भरपूर पानी पी रहे हैं या नहीं, ये जानने के लिए यहाँ पर एक अच्छा फॉर्मूला दिया गया है: [२५] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- इम्पीरियल यूनिट्स: शरीर का वजन lbs में X 0.6 = पानी का सेवन आउंस (ounces) में
- यही फॉर्मूला मेट्रिक यूनिट्स में: शरीर का वजन kg में x 40 = पानी का सेवन मिलीलीटर में
- इसमें केवल ग्लास से लिया जाने वाला नहीं, बल्कि इसमें फूड और ड्रिंक से आने वाला सारा पानी शामिल है।
- अगर आपकी उम्र 30 के पार है, तो आप इन नंबर्स को lbs x 0.46 से 0.54, या kg x 30 से 35 में कम कर सकते हैं।
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हर रोज एक ही टाइम पर रेगुलर मील्स या खाना खाएँ: दिन में 2 से 3 बड़े मील्स लेने की बजाय, अपनी खाने की आदतों को बदलें, ताकि आप दिनभर के दौरान 5-7 छोटे मील्स खा रहे हों। [२६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने प्रोटीन के सेवन को बढ़ाने के लिए, आपको आपके खाने में एक बार प्रोटीन शेक यूज करना होगा। बेसिक शेक बनाने के लिए 230 g स्किम्ड मिल्क, 1 केला 1 चम्मच (15 ml) पीनट बटर और 2 स्कूप प्रोटीन पाउडर मिलाएँ।
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हेल्दी फेट्स खाएँ: न सिर्फ इससे खाने में अच्छा स्वाद आएगा, बल्कि फेट आपके लिए अच्छे भी होते हैं, बशर्ते आप सही टाइप के फेट को और इसकी सही मात्रा में खा रहे हों! सेचुरेटेड फेट्स-वो फेट, जिसे आप बटर की स्टिक में पाएंगे, एक चिप्स बैग में पाएंगे-को करीब 20g या कम पर लिमिटेड रखना चाहिए। हालांकि, आपके द्वारा खाए जा रहे, पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोनसेचुरेटेड जैसे हेल्दी फेट्स की मात्रा बढ़ा लें। [२७] X रिसर्च सोर्स
- आपको कितने फेट को लेना चाहिए, उसकी मात्रा को ग्राम में जानने के लिए, मैक्सिमम सेचुरेटेड फेट के लिए आपके कैलोरी इनटेक को 0.008 से और "अच्छे फेट्स" के लिए 0.03 से मल्टीप्लाय कर लें। उदाहरण के लिए, एक 2,500-कैलोरी डाइट के लिए, आपको सेचुरेटेड फेट को 20g या कम पर और मोनो- और पॉलीअनसेचुरेटेड फेट्स के लिए 75g लिमिट करना होगा।
- विटामिन A, D, E, और K, के प्रोपर डिस्ट्रीब्यूशन के लिए फेट जरूरी होता है, जो बेहतर आइसाइट (आँखों की रौशनी) को और हेल्दी स्किन को प्रमोट करता है। फेट्स हॉरमोन के सिंथेसिस के लिए भी जरूरी होते हैं, इसलिए इनके भरपूर इनटेक को बनाए रखना आपके मसल-बिल्डिंग और रिकवरी में मदद करेगा।
- मोनोनसेचुरेटेड फेट्स को ऑलिव, केनोला और सेसम ऑइल, एवोकाडो; और बादाम, काजू, मूँगफली और पिस्ता जैसे नट्स में पाया जाता है।
- पॉलीअनसेचुरेटेड फेट्स को कॉर्न, कॉटनसीड और सेफ्लावर (safflower) ऑइल; सनफ्लावर सीड्स और ऑइल; फ़्लेक्ससीड और फ़्लेक्ससीड ऑइल; सोयाबीन और सोयाबीन ऑइल में पाया जाता है।
- ओमेगा-3 फेट्स, जो कि एक ओवरऑल विनर फेट हैं, ये दिल और ब्लड हैल्थ, आइसाइट और बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आप इस फेट को कई तरह के ओमेगा-3-एनरिच्ड फूड्स में पाएंगे। फेटी कोल्ड वॉटर फिश, जैसे सैल्मन (salmon), टूना (tuna), ट्राउट (trout) और सार्डिंस (sardines) इसके कुछ और अच्छे स्त्रोत हैं।
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अगर आपके डॉक्टर रिकमेंड करें, तो एक मल्टीविटामिन लें: अच्छी बैलेंस डाइट के साथ, अपनी डाइट में मल्टीविटामिन सप्लिमेंट भी शामिल कर लें। ये इस बात की पुष्टि करेगा कि आपके शरीर को हेल्दी बने रहने के लिए जरूरी भरपूर विटामिन और मिनरल्स मिल रहे हैं। आपकी उम्र, आपके सेक्स और आपकी खास हैल्थ और डाइट की जरूरतों के आधार पर आपके लिए कई सारे ऑप्शन मौजूद हैं। एक ऐसे रूटीन की तलाश करें जो आपके लिए ठीक हो और फिर उसे आपके डेली रूटीन का एक हिस्सा बना लें। [२८] X रिसर्च सोर्स
- किसी भी विटामिन या सप्लिमेंट लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से इसके लिए सलाह जरूर ले लें।
सलाह
- आराम करना भी, वेट लिफ्ट करने के बराबर जरूरी होता है, इसलिए सेट्स के बीच में एक मिनट की साँस ले लें।
- अलग-अलग दिनों में,अलग-अलग मसल्स के ऊपर काम करें। शरीर को खराब हुए टिशू को रिपेयर करने के लिए समय लगता है, इसलिए एक अच्छे वर्कआउट के बाद, अपने शरीर को 24-72 घंटे का आराम दें।
- मसल बनाने की आपकी क्षमता, आपके जेनेटिक्स और आपके जेंडर के हिसाब से प्रभावित हो सकती है। कुछ लोग जेनेटिकली आसानी से मसल बनाने में सक्षम होते हैं। दूसरे लोगों को, उनके लिए काम करने वाले शेड्यूल की तलाश करने के लिए, अलग-अलग ईटिंग हैबिट्स और ट्रेनिंग रूटीन के ऊपर एक्सपरिमेंट करना होता है।
- अपने और मसल बनाना जारी रखने के लिए, समय के साथ आपके उठाए जा रहे वजन को बढ़ाना शुरू कर दें। इसे प्रोग्रेसिव ओवरलोड की तरह जाना जाता है।
- हैवी वेट्स को कम रिपीटीशन के लिए उठाना, अपने मसल बनाने का एक अच्छा नियम होता है।
- वेट लिफ्ट करते समय ध्यान रखें कि आप सही फॉर्म का यूज कर रहे हैं।
- जैसे-जैसे आप मसल बनाते जाते हैं, आपका मेटाबोलिज़्म शरीर के वजन में संतुलन के कुछ प्रकार को बनाए रखने के प्रयास में खुद को थरमोंस्टेट की तरह रेगुलेट करता है। आपको आपके वजन को बढ़ाने के लिए एक बार में आपकी कैलोरी बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।
चेतावनी
- जब आप किसी को आप से अलग तरह के या आप से अलग मात्रा का वजन उठाते हुए देखें, तो इसे देखकर घबराएँ नहीं या न ही अपनी ओर से कोई धारणा मत बना लें। वो शायद एक ऐसे प्रोग्राम में होंगे, जिसमें वो शायद ज्यादा वजन के साथ कुछ ही रिपीटीशन कर रहे हों या फिर इसका विपरीत भी हो सकता है। मसल बनाने का इस बात से कोई लेना-देना नहीं होता कि कोई दूसरा इंसान कितना लिफ्ट कर रहा है; इसका तो केवल इस बात से मतलब होता है कि आप खुद को कितना चैलेंज कर रहे हैं।
- अगर आप एक बिगिनर हैं, तो पहले हल्के वजन के साथ में शुरुआत करें। आपके द्वारा हैंडल किए जाने वाले वजन से ज्यादा वजन उठाने की वजह से आपको चोट पहुँच सकती है।
वीडियो
रेफरेन्स
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विकीहाउ के बारे में
मसल बनाने के लिए, हफ्ते में 3-5 बार, 30-60 मिनट का वर्कआउट करने का लक्ष्य बनाएँ। हालांकि, आप जब वर्कआउट करें, तब छोटे रिपीटीशन्स और ज्यादा वेट का लक्ष्य रखें, ये मास बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। इसके अलावा, हर महीने या कुछ और वक़्त के बाद, आप जो भी एक्सरसाइज कर रहे हैं, उसे बदलकर, अपने रूटीन में बदलाव लाने की कोशिश करें, ये आपकी प्रोग्रेस को रुकने से बचाने में मदद करेगा। आप जिस मसल को बनाना चाहते हैं, उसे टार्गेट करने वाली एक्सरसाइज ही करें! आप अगर आपकी पीठ की मसल बनाना चाहते हैं, तो बेंट-ओवर-रोज, पुलअप्स और डैडलिफ्ट्स जैसी एक्सरसाइज करने पर ध्यान दें। अपने पेक्स के लिए, पुश-अप्स, बेंच प्रैसेस और डिप्स जैसी एक्सरसाइज करें। स्क्वेट्स, डैडलिफ्ट्स और लंजेज़ जैसी एक्सरसाइज करके, आप आपके पैरों की मसल्स को बनाने पर भी ध्यान दे सकते हैं। और अपनी एब्डोमिनल मसल्स बनाने के लिए, क्रंचेस, प्लैंक्स और सिट-अप्स करें। अपनी मसल्स को बढ़ने में मदद देने के लिए, प्रोटीन शेक पीकर और एक्सरसाइज करने वाले दिनों में 3-4 बार बड़े मील्स खाकर, अपने वर्कआउट को पूरा करें। हमारे पर्सनल ट्रेनर को-ऑथर से, मसल बनाने के लिए हैल्दी खाने जैसी और कई सलाह पाने के लिए, पढ़ते जाएँ!