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एक्ने या मुहांसों के चले जाने के बाद स्किन पर बनने वाले मार्क्स (marks) गहरी निराशा दे सकते हैं | आप मुहांसों से तो छुटकारा पा लेते हैं लेकिन उनके जाने के बार स्किन पर रह जाते हैं कई सारे जिद्दी मार्क्स ! लेकिन आपको पूरी जिन्दगी अपनी स्किन पर एक्ने की यादों के साथ नहीं जीना पड़ेगा, यहाँ एक्ने मार्क्स हटाने के कुछ उपाय बताये जा रहा हैं, उन्हें आजमायें |

विधि 1
विधि 1 का 5:

एक्ने मार्क्स हटाने की तैयारी करें

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  1. "एक्ने स्कार्स" एक ऐसा शब्द है जिसे मुहांसों से मिलने वाले जिद्दी मार्क्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वास्तव में ये किसी स्पेसिफिक चीज़ को दर्शाता है | एक्ने स्कार्स स्किन में होने वाले स्थायी गड्ढे होते हैं जो विभिन्न कारणों से होने वाले एक्ने के द्वारा बनते हैं जबकि मार्क्स अस्थायी होते हैं | आपको इन दोनों के कॉम्बिनेशन भी हो सकते हैं |
    • स्कार्स हाइपरट्रोफिक (hypertrophic) हो सकते हैं जो स्किन के ऊपर चिपके रहते हैं जबकि केलोइड (keloid) वहां होते हैं जहाँ स्किन टिश्यू बहुत ज्यादा बनने लगते हैं या एट्रोफिक(atrophic) वो होता है जो स्किन में डिप्रेशन (गड्ढे) के रूप में फ़ैल जाता है | इनमे से सभी कई अलग-अलग रूप में होते हैं | [१] स्कार्स को हटाने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से प्रोफेशनल ट्रीटमेंट करवाना पड़ता है |
    • अस्थायी एक्ने मार्क्स लाल या ब्राउनिश होते हैं जो एक्ने ठीक हो जाने के बाद रह जाते हैं | डर्मेटोलॉजिस्ट इन्हें पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन कहते हैं | ये 3 से 6 महीने के बाद अपनेआप चले जाते हैं लेकिन इस आर्टिकल में दी गयी विधियों के इस्तेमाल से इस प्रोसेस को तेज़ किया जा सकता है | [२]
  2. कोई भी ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले एक्ने ख़त्म करना जरुरी होता है | इसके अलावा, एक्ने मार्क्स की उपस्थिति का मतलब होता है कि आपकी स्किन में सूजन है जो ट्रीटमेंट के असर कम कर देगी | [३]
  3. अपनी स्किन को सनस्क्रीन के द्वारा सुरक्षित करें: सनडैमेज न हो तो स्किन जल्दी हील होती है | जबकि सनस्क्रीन पोस्ट-एक्ने मार्क्स से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ नहीं करता, सनडैमेज स्किन के किसी भी मार्क्स को और ज्यादा उभार देते हैं इसलिए खुद को सन डैमेज से बचाए |
    • ऐसा सनस्क्रीन चुनें जो पोर्स (जो एक्ने का कारण बनते हैं) को बंद न करें |
विधि 2
विधि 2 का 5:

एक्ने और एक्ने स्पॉट्स कम करें

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  1. बेन्जॉयल पेरोक्साइड (benzoyl peroxide) युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें: बेन्जॉयल पेरोक्साइड पहले से मौजूद एक्ने को ठीक करने में मदद करता है और इसके साथ ही एक्ने के बाद रहने वाले डार्क स्पॉट्स को भी कम करने में मदद करता है | आप बेन्जॉयल पेरोक्साइड को क्लीनजर्स, टोनर, जेल और टॉपिकल स्पॉट्स ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं | [४]
  2. सैलिसिलिक एसिड एक्ने की रेडनेस, साइज़ और एक्ने के दाग-धब्बों के आस-पास के पोर्स को कम करने में मदद करेगा | आप इसे अपने क्लीनजर, टोनर, और अन्य स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल कर सकते हैं | यह भविष्य में होने वाले एक्ने से भी बचाव करेगा | [५]
  3. ब्राउनिश (brownish) मार्क्स के लिए स्किन-लाइटनिंग सीरम का इस्तेमाल करें: हालाँकि यह पिंक और रेड मार्क्स के लिए काम नही करता (जो उत्तेजना के कारण और स्किन में मेलेनिन में बदलाव न होने के कारण होते हैं) लेकिन ब्राउनिश मार्क्स के लिए एक स्किन लाइटनर के रूप में हाइपरपिगमेंटेशन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |
  4. हालाँकि यह काफी पॉपुलर नहीं हैं लेकिन हाइड्रोक़ुइनोन एक कॉमन केमिकल स्किन लाइटनर के तौर पर जाना जाता है जो बाज़ार में आमतौर पर मिलता है और डॉक्टर के द्वारा भी लिखा जाता है | किसी विशेष स्पॉट्स को लाइट करने के लिए एक निश्चित अवधि तक (डॉक्टर की सलाह से) दिन में दो बार लगाया जा सकता है | [६]
    • डार्क मार्क्स को हटाने के लिए इसके केवल तीन ट्रीटमेंट ही लेने पड़ेंगे | बहुत लम्बे समय तक इसका इस्तेमाल न करें अन्यथा स्किन स्थायी रूप से डिसकलर्ड ग्रे हो सकती है | [७]
    • स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट्स धूप के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा देते हैं और इसके कारण समय से पहले बुढ़ापा दिखने लगता है | इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते समय हमेशा बल्कि आसमान में बादल छाये रहने पर भी सनस्क्रीन लगायें |
विधि 3
विधि 3 का 5:

हाइपरपिगमेंटेशन को हटाने के लिए एक्स्फोलीएंट्स का इस्तेमाल करें

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  1. स्किन की कंडीशन के अनुसार डेड स्किन सेल्स को हटाने के लिए आप मैन्युअल (हाथ से) या केमिकल एक्स्फोलियेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं | मैन्युअल एक्स्फोलिएंट हाथों द्वारा किया जाने वाला स्क्रब होता है |
    • यह एक गर्म कपडा, बेकिंग सोडा या अन्य विभिन्न तरह के प्रोडक्ट्स हो सकते हैं जो विशेष रूप से एक्स्फोलियेशन के लिए बनाये जाते हैं जैसे फेसिअल ब्रश | ये ऐसी कोई भी चीज़ हो सकते हैं जो स्किन को मैन्युअली स्क्रब करती हो | [८]
    • हालाँकि मैन्युअल एक्स्फोलियेशन ज्यादा नेचुरल होते हैं लेकिन स्किन उत्तेजित होने के बारे में सावधानी रखें क्योंकि ये अपघर्षक (abrasive) हो सकते हैं |
  2. अगर मैन्युअल एक्स्फोलीएंट्स काम न करें तो केमिकल एक्स्फोलीएंट्स आज़माएँ: केमिकल एक्स्फोलीएंट्स कई सारे रूप में आते हैं | इनमे से दो कॉमन और असरदार एक्स्फोलीएंट्स हैं- BHAs और रेटिनोइड्स |
    • BHAs एक्स्फोलीएंट्स में बीटा हाइड्रोक्सी एसिड का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे सैलिसिलिक एसिड होता है और यह पोर्स की गहराई तक जाकर गंदगी को पिघला देता है और स्किन को एक्स्फोलीयेट करता है | इससे एक्ने मार्क्स जल्दी धुंधले हो जाते हैं और कुछ ही एक्ने बचते हैं | [९]
    • रेटिनोइड क्रीम का इस्तेमाल स्किन की कोशिकाओं के विभाजन की नेचुरल प्रोसेस को तेज़ करने के लिए किया जाता है जो डिसकलर्ड स्किन सेल्स को खींचकर बाहर निकाल देती हैं | यह ट्रीटमेंट धूप के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा देगा इसलिए ये क्रीम रात में लगायें | [१०]
  3. एक्स्फोलीएंट्स का इस्तेमाल हर सुबह और शाम में करें: ध्यान रखें कि जेंटल (gentle) एक्स्फोलीयेशन ही चुनें (जिससे स्किन और ज्यादा उत्तेजित न हो), मैन्युअल या केमिकल स्क्रब हर सुबह और शाम को लगायें और रेटिनोइड क्रीम हर रात लगाएं |
विधि 4
विधि 4 का 5:

बने रहने वाले मार्क्स का इलाज़ करें

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  1. अन्य विधियों के बारे में सावधानीपूर्वक रिसर्च करें: अगर एक्ने के बाद रह जाने वाले मार्क्स किसी भी इलाज से नहीं जा रहे हों और आप इनके नैचुरली गायब होने का इंतज़ार नहीं कर सकते या आपको वास्तव में एक्ने स्कार हो गये हों तो आगे के इलाज़ के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें |
  2. ये रेटिनॉइड के समान काम करते हैं | इसमें एक एसिड को स्किन पर लगाया जाता है जो नयी स्किन सेल्स बनाकर और स्किन की डिसकलर्ड ऊपरी लेयर को रिप्लेस करके पिगमेंट में बदलाव करने में मदद करता है |
    • स्ट्रोंग पील के अलावा, घर पर की जाने वाली और बाज़ार में मिलने वाली पील्स भी आती हैं लेकिन इनके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लें | [११]
  3. इस ट्रीटमेंट के बाद कुछ समय तक जो कि एक वर्ष भी हो सकता है, स्किन रेड हो जाएगी | इन्फेक्शन से बचने के लिए, इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन की देखभाल करना बहुत जरुरी होता है |
    • यह ट्रीटमेंट काफी महंगा होता है जिसकी औसत कीमत लगभग 12000 रूपये तक हो सकती है | साथ ही, इस ट्रीटमेंट को शुद्ध रूप से कॉस्मेटिक माना जाता है इसलिए हो सकता है कि इंश्योरेंस कंपनी इसे कवर न करें | [१२]
    • नॉन-एब्लेटिव (non-ablative) लेज़र चुनें | एब्लेटिव लेज़र का इस्तेमाल आमतौर पर स्कार्स के लिए किया जाता है, न कि रेड मार्क्स के लिए |
  4. छोटे स्पॉट्स के लिए डर्माब्रेशन (dermabrasion) के बारे में सोचें: इस ट्रीटमेंट को लेज़र थेरपी से रिप्लेस कर दिया गया है लेकिन अबी भी इसे छोटे स्पेसिफिक एरिया के लिए इस्तेमाल किया जाता है | स्किन को सुन्न करने के बाद एक प्लास्टिक सर्जन या डर्मेटोलॉजिस्ट एक वायर ब्रश का इस्तेमाल करते हैं जो स्किन की ऊपरी लेयर को निकालने के लिए रोटेट करता है |
    • यह स्किन को रगड़कर चमकाने जैसा इफ़ेक्ट होता है और इसमें जिस जगह की स्किन हट जाती है वहां पर नयी स्किन बन जाएगी | चूँकि यह बहुत अत्यधिक घर्षण वाली प्रोसेस है इसलिए केवल छोटे स्पॉट्स केलिए ही बेहतर होती है | [१३]
  5. ये ट्रीटमेंट धीरे-धीरे लेज़र ट्रीटमेंट का स्थान लेते जा रहे हैं क्योंकि इनमे स्किन डैमेज होने की सम्भावना कम होती है | नयी स्किन बनाने और बाहरी लेयर को डैमेज न होने देने के लिए IPL ट्रीटमेंट डर्मेटोलॉजिस्ट के द्वारा किया जाता है | इससे एक्ने मार्क्स दब जाते हैं |
    • IPL का इस्तेमाल कई सारी अन्य कंडीशन में भी किया जाता है जैसे अनचाही झुर्रियां और फेसिअल हेयर | [१४]
विधि 5
विधि 5 का 5:

स्किन की सूथिंग के लिए नेचुरल ट्रीटमेंट्स का इस्तेमाल करें

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  1. टॉपिकल एजेंट्स के अलावा, एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स से भरपूर डाइट लेने से एक्ने के कारण होने वाले इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद मिल सकती है | ये एक्ने के रेड मार्क्स कम दिखाने और साइज़ को कम करने में मदद कर सकते हैं | [१५]
    • एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स के कुछ अच्छे उदाहरणों में शामिल हैं-हरी पत्तेदार सब्जियां, फिश और अखरोट |
  2. एक्ने के कारण स्किन में होने वाली उत्तेजना को शांत करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट का इस्तेमाल करें: हालाँकि इस ट्रीटमेंट से एक्ने मार्क्स हटेंगे नहीं लेकिन एंटी-ऑक्सीडेंट स्किन की उस उत्तेजना को शांत करने में मदद कर सकते हैं जिसके कारण रेड मार्क्स होते हैं | एंटीऑक्सीडेंट का इस्तेमाल तीन तरीकों से किया जा सकता है |
  3. टॉपिकल एजेंट्स, विशेषरूप से क्रीम जो एंटीऑक्सीडेंट से बनी होती हैं, का इस्तेमाल स्थानीय उत्तेजित स्किन को शांत करने के लिए किया जा सकता है | क्रीम में कोज़िक (Kojic) एसिड और मुलहठी की जड़ जैसे कुछ विशेषरूप से प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट खोजें | [१६]
  4. गोरा रंग पाने के लिए कई सारे नेचुरल तरीके होते हैं | कोज़िक एसिड (kojic acid- मशरूम के एक्सट्रेक्ट से मिलने वाला पदार्थ), अर्बुटिन (arbutin-या बरबेरी (bearberry)एक्सट्रेक्ट) और विटामिन C ये सभी अच्छे नेचुरल विकल्प होते हैं | [१७]
    • आप ताज़ा नीम्बू का रस निकालकर उसे स्किन पर डायरेक्टली भी लगा सकते हैं | लेमन जूस एक नेचुरल स्किन लाइटनिंग एजेंट के रूप में काम करता है इसलिए मुहांसों के रेड मार्क्स को धुंधला करने में मदद कर सकता है |
  5. अगर आपमें एंटी-ऑक्सीडेंट की कमी है और एक्स्ट्रा लेने की जरूरत है या इन्हें अपनी डाइट में नहीं ले पा रहे हैं तो विटामिन A और विटामिन C जैसे कुछ सप्लीमेंट एंटी-ऑक्सीडेंट के सोर्स बन सकते हैं | [१८]
    • लेकिन बहुत ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट न लें | कई लोग सोचते हैं कि कई सारे एंटी-ऑक्सीडेंट नहीं लेने चाहिए लेकिन हाल ही में की गयी रिसर्च बताती हैं कि जरूरत से ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट लेने से उनसे मिलने वाले फायदे ख़त्म हो जाते हैं | [१९]

सलाह

  • एक्ने थेरेपी को बंद न करें | अगर आप एक्ने थेरेपी का इस्तेमाल शुरुआत में ही करते हैं तो रेड मार्क्स से एक्ने स्कार्स बनने की सम्भावना काफी कम हो जाती है |
  • धैर्य रखें; धीरे-धीरे रेड मार्क्स चले जायेंगे |
  • पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन कम करने के लिए आप ऑनलाइन कई सारे घरेलू उपचारों के सुझाव मिल जाते हैं जैसे लेमन जूस, बेकिंग सोडा और टमाटर का रस | घरेलू उपचारों के इस्तेमाल से पहले इनके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लें और डॉक्टर से सलाह लेकर ही आज़माएँ |
  • हालाँकि बचे हुए एक्ने मार्क्स के लिए बेस्ट "ट्रीटमेंट" होते हैं-आत्म-स्वीकृत, सेल्फ-लव और बॉडी पॉजिटिविटी | भले ही स्किन पर कोई भी निशान हों, आप अभी भी काफी खूबसूरत और मूल्यवान इंसान हैं |

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