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सभी स्किन टोन वाले लोग कई अलग-अलग कारणों से अपने मेलेनिन लेवल को बढ़ाना चाहते हैं, जैसे, एक समरी गोल्डन ग्लो (summery golden glow) लुक पाने के लिए, असमान स्किन पिगमेंटेशन (uneven skin pigmentation) को प्रभावहीन बनाने के लिए, या स्किन की परेशानियों से राहत पाने के लिए | हालांकि खुली धूप में या टैनिंग बेड के अंदर लेटना स्किन टोन को गहरा करने, मेलेनिन के प्रोडक्शन को बढाने का सबसे तेज़ तरीका होता है| टैनिंग की प्रोसेस सतर्कता के साथ और धीरे-धीरे करना चाहिए जिससे लम्बे समय में होने वाल स्किन डैमेज को कम किया जा सके | अपनी डाइट में कुछ विशेष तरह के विटामिन से भरपूर फूड्स शामिल करने से स्किन जल्दी ही पहले से भी ज्यादा स्वस्थ दिखाई देने लगती है | डॉक्टर की सलाह से आप कई अलग-अलग तरह के मेलेनिन-बूस्टिंग सप्लीमेंट या ट्रीटमेंट भी ले सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

UV एक्सपोज़र में टैनिंग करें

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  1. टैन डेवलप करने के लिए नेचुरल सनलाइट (धूप) के नीचे लेटें: एकसमान रूप से सभी जगह पर टैनिंग करने के लिए (सनटैन करने के लिए) सबसे पहले सनस्क्रीन लगायें जो कम से कम SPF 15 हो (अगर SPF 30 या इससे ज्यादा हो तो और भी बेहतर हैं) | पीठ के बल लेटकर डायरेक्ट धूप में लेटते हुए अपनी स्किन को एक्सपोज़ होने दें | लगभग 20 से 30 मिनट के बाद, पलटकर पेट के बल लेट जाएँ | अब और 20 से 30 मिनट के बाद स्किन को कवर कर लें और धूप से हट जाएँ |
    • इस प्रोसेस को हर सप्ताह कई बार रिपीट करें जिससे आप नोटिस करने लगेंगे की आपकी स्किन टोन धीरे-धीरे गहरी होती जा रही है |
    • स्किन सेल्स UV डैमेज से स्किन के DNA को प्रोटेक्ट करते हुए मेलेनिन प्रोड्यूस करती हैं | जैसा कि आप संभवतः गर्मियों के दिनों में नोटिस करते हैं कि स्किन को UV रेडिएशन में ज्यादा एक्सपोज करने से मेलेनिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है और स्किन ज्यादा गहरे रंग की होने लगती है | [१]
  2. अगर स्किन अपनी क्षमता से ज्यादा समय तक UV रेडिएशन के सम्पर्क में रहती है तो आपको थर्मल बर्न्स हो सकते हैं और उस जगह पर ब्लड फ्लो बढ़ सकता है जिससे स्किन लाल और इर्रीटेटेड हो जाती है | [२] सनबर्न से स्किन सेल्स डैमेज हो जाती हैं और मेलेनिन का प्रोडक्शन रुक जाता है | इसलिए धूप में ज्यादा समय तक रहने की बजाय हर दिन एक घंटे तक ही रहें | टैनिंग सेशन के बीच में स्किन को सूरज की UV रेज़ से दूर करके उन्हें रेस्ट दें |
    • टैनिंग की “शुरुआत” करने के लिए सीरियस सनबर्न न होने दें | यह आदत एक मिथ्याभ्रम है और यह आपकी स्किन के धीरे-धीरे टैन होने की प्रोग्रेस को भी धीमा कर देगा |
    • धूप से झुलसी हुई स्किन में स्किन कैंसर डेवलप होने की आशंका हो सकती है और इससे समय से पहले ही बुढ़ापा भी झलकने लगता है | [३]
    • याद रखें, चूँकि मेलेनिन प्रोडक्शन स्किन सेल्स के डैमेज होने का संकेत होता है इसलिए सनटैन करना कोई “सुरक्षित” तरीका नहीं है |
  3. हर दिन सनस्क्रीन लगायें और इसे नियमित रूप से बार-बार लगाते रहें: स्कन के सभी खुले हिस्सों पर SPF15 या उससे ज्यादा SPF वाले सनस्क्रीन लगायें | ये आसानी से भूल जाने वाले एरिया होते हैं जैसे, पैर, कान और स्कैल्प | जितना आपने सोचा है, उससे ज्यादा सनस्क्रीन लगायें, एक फ्लूइड ओंस (30मिलीलीटर) सनस्क्रीन से आपकी पूरी बॉडी अच्छी तरह से कवर हो सकती है | हर दो घंटे बाद सनस्क्रीन फिर से लगायें और स्किन गीले होने के तुरंत बाद भी लगायें | [४]
    • सनस्क्रीन लगाने से टैनिंग बनना नहीं रुकता लेकिन इससे स्किन जलने या झुलसने से बच जाएगी |
  4. हर दिन खूब सारा पानी पीकर आपकी स्किन को हाइड्रेट रखें: हेल्दी, हाइड्रेटेड और कोमल स्किन सेल्स की एकसमान टोन मेन्टेन रखना ज्यादा आसान होता है और ये UV रेज़ के कारण होने वाले डैमेज को भी खुद ही रिपेयर कर लेती हैं | अगर आपकी ज्यादा पानी पीने की हैबिट नहीं है तो अपने आसपास एक वॉटर बोतल रखें और धीरे-धीरे एक बोतल से बढाते हुए 5 या उससे ज्यादा बोतल पानी पियें |
    • खूब सारा पानी पीने से आप हाइड्रेटेड बने रहेंगे | डिहाइड्रेशन के साथ धूप में ज्यादा देर तक रहने से आप खुद को बहुत बीमार अनुभव करेंगे | और अगर ऐसे में आपको IV ड्रिप लगवाने के लिए इमरजेंसी रूम में जाना पड़े तो आपको टैनिंग की कोई चिंता नहीं रहेगी | [५]
  5. UV एक्सपोज़र को बढाने के लिए टैनिंग बेड में समय बिताएं: किसी टैनिंग सैलून पर अपॉइंटमेंट बुक करें और कोई हॉरिजॉन्टल या वर्टीकल टैनिंग बेड चुनें | बेड पर पहुँचने पर प्रोटेक्टिव गॉगल्स और बाथिंग सूट पहनें | एकसमान टैन पाने के लिए अपने शरीर को रोटेट करते रहें | शुरुआत 5 से 7 मिनट के एक छोटे से सेशन के साथ करें | सैलून तकनीशियन की सलाह से गहरी स्किन टोन पाने पर धीरे-धीरे अपना सेशन बढाते जाएँ | [६]
    • टैनिंग बेड के इस्तेमाल के लिए डॉक्टर्स और डर्मेटोलॉजिस्ट सख्त मनाही करते हैं क्योंकि इसके कारण स्किन कैंसर हो सकता है | तकनीकी रूप से देखें तो ये UV रेज़ निकालते हैं जो मेलेनिन प्रोडक्शन को बढ़ाती हैं और समय के साथ-साथ स्किन टोन को डार्क करती जाती हैं | [७]
विधि 2
विधि 2 का 3:

विटामिन से भरपूर फूड्स खाएं

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  1. बीटा-कैरोटीन और विटामिन-A की उच्च मात्रा वाले फूड्स खाएं: अपनी डाइट में ऑरेंज और रेड वेजिटेबल जैसे गाजर, टमाटर, शकरकंद, एकोर्न स्क्वाश और रेड बेल पेपर शामिल करें और इनके साथ ही कद्दू, पपीता और खरबूजा जिसे फलों को भी शामिल करें | [८] हालाँकि बीटा-कैरोटीन मेलेनिन के प्रोडक्शन को नहीं बढाता लेकिन यह वसा में घुलनशील पिगमेंट स्किन में जमा हो जायेगा और आपको एक नेचुरल गोल्डन ग्लो देगा | [९] बीटा-कैरोटीन का स्किन पिगमेंटेशन पर पड़ने वाला इफ़ेक्ट हलके रंग की स्किन टोन वाले ओगों में ज्यादा प्रभावशाली रूप से देखने मिलता है | [१०]
    • इनमे से अधिकतर फूड्स में विटामिन A जो एक एंटीऑक्सीडेंट होता है, पाया जाता है और मेलेनिन में प्रोडक्शन में मदद करता है |
    • ब्रोकॉली, पालक और कुछ लेट्युस वैरायटी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें | इनके हरे रंग के बावजूद इनमे बीटा-कैरोटीन पाया जाता है | [११]
    • इन सब्जियों को पकाने पर इनमे पाए जाने वाले बीटा-कैरोटीन की मात्रा कम नहीं होती इसलिए किचन में इनकी अलग-अलग डिशेस बनाकर खाएं | [१२]
  2. विटामिन E नट्स, साबुत अनाज, सीड्स और कई फल और सब्जयों से मिल सकता है जिनमे ऐस्पैरागस, अवोकेडो और कॉर्न शामिल हैं | विटामिन C के लिए आप साइट्रस फ्रूट्स (जैसे संतरे, ग्रेपफ्रूट और क्लेमेंटाइन (संतरे जैसा एक फल)) खा सकते हैं और इसके साथ ही पाइनेपल्स और बेल पेपर्स भी खा सकते हैं | ऐसे फूड्स जिनमे ये दोनों विटामिन्स पाए जाते हैं, वे हैं; हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, बेरीज और ब्रोकॉली | [१३]
    • इन फूड्स में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं जिसका मतलब है कि ये आपकी स्किन को मेलेनिन प्रोडक्शन को बैलेंस करते हुए सेल डैमेज को रोकती हैं | [१४]
    • सबसे ज्यादा विटामिन्स लेवल फल और सब्जियों से मिलता है इसलिए इन्हें कच्चा ही खाएं |
  3. विटामिन D के इन्टेक को बढाने के लिए ऑइल से भरपूर फिश को अपनी डाइट में जगह दें: मिलेनिन प्रोडक्शन बढ़ने पर स्किन की नेचुरल सन लाइट से विटामिन D को ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है | यह हड्डियों और खून को हेल्दी रखने के लिए बहुत आवश्यक विटामिन होता है इसलिए आपको अपनी डाइट में ऐसे कुछ फूड्स को शामिल करना चाहिए जिनमे यह विटामिन पाया जाता हो | आप अपनी डाइट में सामन, कैटफ़िश, मैकरील और हेरिंग जैसी मछलियों को शामिल कर सकते हैं | टूना और सारडाइन जैसी मछलियाँ भी अच्छी सोर्स हैं और साथ ही इनमे कॉड लिवर ऑइल जैसा फिश ऑइल भी होता है | [१५]
    • संयमित मात्रा ग्रहण करें और फैट और मरकरी के ओवरऑल कंसम्पशन को कम करने के लिए इन्हें सप्ताह के कुछ दिन ही खाएं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

ट्रीटमेंट कराएं और सप्लीमेंट लें

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  1. विटामिन की कमी को दूर करने के लिए विटामिन सप्लीमेंट लें: अपनी डाइट में विटामिन से भरपूर फूड्स को शामिल करने के अलावा आप विटामिन A, C, D या E के लेवल को बढाने के लिए विटामिन सप्लीमेंट लें | बीटा-कैरोटीन सप्लीमेंट डॉक्टर के पर्चे के बिना भी मिल जाता है लेकिन इसका इस्तमाल स्किन की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है | [१६]
    • कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले बीटा-कैरोटीन से भरपूर फूड्स खाना शुरू करें |
    • डॉक्टर की सलाह से उचित सप्लीमेंट लें |
  2. सीरियस स्किन कंडीशन्स को ठीक करने के लिए मेलेनिन पिल्स और PUVA थेरेपी लें: अगर आप सफ़ेद दाग (Vitiligo), एक्जिमा (eczema), सोरायसिस (psoriasis) या इसी तरह की दूसरी कंडीशन का इलाज़ खोज रहे हैं तो डॉक्टर से इस प्रोसेस के बारे में जानकारी लें | इसमें मुख द्वारा 10 मिलीग्राम (0.00035 ओज़) मेलेनिन टेबलेट दी जा सकती है | यह फोटोथेरेपी ट्रीटमेंट के द्वारा फॉलो किया जाता है जिसमे UV लाइट का एक्सपोज़र शामिल होता है | [१७]
    • अल्टरनेटिवली, इन टेबलेट को नहाने के पानी में घोलकर या स्थानीय रूप से भी लिया जा सकता है |
  3. अपनी स्किन को डार्क करने के लिए सिंथेटिक मेलेनिन हार्मोन इंजेक्शन लें: सिंथेटिक पेप्टाइड हार्मोन मेलानोटन सेकंड शरीर में मेलेनिन प्रोडक्शन को बढ़ा देगा | इससे बिना किसी UV एक्सपोज़र के डार्क स्किन मिल जाएगी | डॉक्टर के कंसल्टेशन के द्वारा कानूनी तौर पर प्रिस्क्रिप्शन के साथ ही ये प्रोडक्ट खरीदें | आप पाने अब्डोमिनल फोल्ड्स (पेट के फोल्ड्स) में प्रति एक किलोग्राम बॉडी वेट इस हार्मोन को 0.025 मिलीग्राम के डोज़ में इंजेक्ट करने के लिए एक स्टेराइल 27 गौज 1 मिलीलीटर की नीडल का इस्तेमाल कर सकते हैं | इस प्रोसेस को अपेक्षित स्किन टोन मिलने तक साप्ताहिक रूप से रिपीट करते रहें |
    • याद रखें, मेलानोटन-सेकंड CDSCO एप्रूव्ड नहीं है | [१८] यह आमतौर पर ऑनलाइन बेचा जाता है | हालाँकि U.S., ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में इसके बेचने और कंसम्पशन करने की मनाही है | [१९]
    • इनके लम्बे समय तक रहने वाले अज्ञात साइड इफेक्ट्स के कारण डर्मेटोलॉजिस्ट इन इंजेक्शन को न लेने की सलाह देते हैं | [२०]
    • मेलानोटन सेकंड वास्तव में इरेक्टाइल डिसफंक्शन ट्रीटमेंट के लिए डिजाईन किया गया है | इसलिए इसके इस्तेमाल में हार्मोंनल इरेक्टाइल डिसफंक्शन से सम्बंधित इफेक्ट्स के प्रति सावधान रहें | [२१]

सलाह

  • सनलेस टैनिंग लोशन या स्प्रे टैन आज़माएँ | हालाँकि ये टॉपिकल प्रोडक्ट्स मेलेनिन के प्रोडक्शन के लिए स्किन सेल्स के अंदर काम नहीं कर पाते, बल्कि UV रेज़ से नुकसान होने के कारण ब्रोंज स्किन टोन मिलेगा |

चेतावनी

  • मार्केट में मिलने वाली पिल्स जो “टैनिंग पिल्स” के नाम से मिलती हैं, में कैंथाक्सान्थिन (canthaxanthin) वाले कलर एडिटिव्स हाई लेवल में पाए जाते हैं | ध्यान रखें कि ये प्रोडक्ट्स CDSCO एप्रूव्ड नहीं होते हैं | इसके साइड इफेक्ट्स के कारण रेटिना डैमेज भी हो सकता है | [२२]
  • ज्यादा टैनिंग या गहरे टैन से स्किन UV रेडिएशन से बची रहती है, यह एक गलत अवधारणा है | टैन्ड स्किन 4 से भी कम सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) प्रोड्यूस करती है | जबकि कवरेज के लिए न्यूनतम SPF 15 की सिफारिश की जाती है | [२३]

विकीहाउ के बारे में

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