अगर आपके पास में गोल्डफिश है और आपको उन्हें अपने साथ रखना अच्छा लगता है, तो ऐसे में उन्हें मरने की स्थिति में पहुँचते हुए देखना आपके लिए काफी बेकार पल हो सकता है। गोल्डफिश के मरने के पीछे कई वजह हो सकती हैं, जिनमें बीमारी से लेकर डिप्रेशन तक शामिल हैं। लेकिन कुछ शुरुआती कदम लेकर, आप मौत के करीब खड़ी गोल्डफिश को बचा सकते हैं और शायद आगे और भी 10-20 सालों तक उसका साथ पा सकते हैं। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
चरण
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बीमार गोल्डफिश को अलग कर दें: अगर आपके पास में एक बीमार गोल्डफिश है, तो ऐसे में उसकी बीमारी, बाकी की फिश तक ट्रांसफर होने से रोकने के लिए, उसे दूसरी गोल्डफिश से अलग कर दें। अगर आपके पास में सिर्फ एक गोल्डफिश ही है, तो उसे टैंक में ही रहने दें।
- अगर आप बीमार गोल्डफिश को एक “हॉस्पिटल” टैंक में मूव करते हैं, तो उसे एक ऐसे प्लास्टिक बैग में ट्रांसफर कर दें, जो एक पेपर बैग के अंदर है, ताकि आपकी गोल्डफिश को स्ट्रेस न होने पाए।
- आपको अब नए टैंक में भी पुराने टैंक का पानी भरना होगा, हालांकि अगर आपकी गोल्डफिश के मरने की कंडीशन तक पहुँचने की असली वजह पानी ही है, तो ऐसा करने से ये प्रॉब्लम और भी बदतर हो जाएगी। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें अगर आप फिश को नए पानी में रखते हैं, तो पहले पानी के टेम्परेचर को एडजस्ट करने और अपनी फिश को एक झटका लगने से बचाने के लिए, बस अपने प्लास्टिक बैग को 15-20 मिनट के लिए पानी में रखे रहने दें। [३] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
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पानी की क्वालिटी चेक करें: बस पानी में बदलाव करके भी ज़्यादातर मरने वाली फिश को बचाया जा सकता है। अपनी फिश को खुश और हैल्दी और जिंदा बनाए रखने के लिए पानी की क्वालिटी को बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। [४] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- आप चाहें तो किसी भी पैट स्टोर से फिश टैंक वॉटर टेस्टिंग किट पा सकते हैं। [५] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- इस तरह के टेस्ट्स आपको पानी से जुड़ी हाइ अमोनिया जैसी किसी भी प्रॉब्लम की पहचान करने में मदद करेंगे।
- टेम्परेचर को चेक करके इसके 50 और 78 डिग्रीज फारेनहाइट के बीच होने की पुष्टि कर लें। [६] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- पानी को एसिडिटी के लिए भी चेक करें। ज़्यादातर फिश औसतन 7 तक के न्यूट्रल पीएच लेवल में अच्छी तरह से बढ़ती हैं। [७] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर पानी बहुत ज्यादा एसिडिक है, तो आप किसी भी पैट स्टोर से एक केमिकल न्यूट्रलाइजर खरीद सकते हैं। [८] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- ऑक्सीज़नेशन के लिए किया गया टेस्ट सेचुरेशन के 70% से ज्यादा होने की पुष्टि करने में मदद करेगा। [९] X रिसर्च सोर्स
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टैंक को साफ कर दें और पानी बदल दें: गोल्डफिश बहुत सारा वेस्ट प्रोड्यूस किया करती हैं और इसकी वजह से टैंक का पानी बहुत जल्दी से गंदा हो जाता है और ये अमोनिया या बैक्टीरिया और एल्गी (algae) से भर जाता है। बस टैंक को साफ करके और पानी को बदलने की वजह से आपकी फिश को बचाने में मदद मिल सकती है।
- पानी को साफ और रिप्लेस करते वक़्त अपनी गोल्डफिश को एक दूसरे टैंक में अलग रख दें।
- आपको टैंक में बैक्टीरिया के बनने से रोकने के लिए, हर हफ्ते में एक बार टैंक को साफ करते रहना चाहिए।
- 15% पानी निकाल दें, सारे पत्थर और आपके सामने आने वाली एल्गी निकाल दें।
- पानी में कभी भी केमिकल्स का यूज न करें। बस ग्रेवल्स (पत्थरों) को साफ करना और टैंक के किनारों की उड़ने वाले किसी भी केमिकल से सफाई करना भी काफी होगा। [१०] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें केमिकल या साबुन की जरा सी मात्रा भी फिश को मार सकती है।
- टैंक को फ्रेश, क्लीन और कोल्ड टैप वॉटर से भर दें। क्लोरीन की एक्स्ट्रा मात्रा को कम करने के लिए एक डीक्लोरीनेटर (dechlorinator) एड कर दें।
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अपनी गोल्डफिश को चेक करें: टैंक को क्लीन करने और पानी बदलने के बाद, अपनी गोल्डफिश को कुछ दिनों तक चेक करते रहें, ताकि आपको मालूम हो सके, कि आपके द्वारा किए हुए काम से उसे कुछ राहत मिली है या नहीं। इससे आपको ये पता लगाने में मदद मिलेगी, कि ऐसी क्या चीज़ है, जो आपकी गोल्डफिश को बीमार कर रही हैं।
- आपको फौरन रिजल्ट्स नजर आ सकते हैं, जैसे कि अगर टैंक में भरपूर ऑक्सीज़न नहीं थी या फिर गोल्डफिश को नए टैंक और वॉटर में एडजस्ट होने में कुछ वक़्त लग सकता है।
- आप गलती से अपनी गोल्डफिश को किसी ऐसी बीमारी के लिए न ट्रीट कर दें, जो उसे है ही नहीं, और इसकी वजह से उल्टा उसे कोई नुकसान न पहुंचा बैठें, इसकी पुष्टि के लिए किसी भी ट्रीटमेंट को करने के बाद एक या दो दिन का इंतज़ार करें।
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मर रही गोल्डफिश के लक्षणों की पहचान करें: गोल्डफिश में बीमारी के कई सारे लक्षण नजर आ सकते हैं। लक्षणों को सही ढ़ंग से और जल्दी पहचान कर, आपको आपकी गोल्डफिश को बचाने में मदद मिलेगी। [११] X रिसर्च सोर्स
- किसी भी बीमारी या डैथ के लक्षणों को जानने का सबसे सही वक़्त, उन्हें फीड करने से पहले होता है। [१२] X रिसर्च सोर्स
- ब्रीथिंग डिसऑर्डर्स: हवा भरने, जल्दी-जल्दी साँस लेने, टैंक वॉटर के सर्फ़ेस पर घूमना या टैंक के बॉटम पर लेटने जैसे लक्षणों की तरफ ध्यान दें, जो कि बीमारी या पानी की बेकार क्वालिटी की ओर एक इशारा हो सकते हैं। [१३] X रिसर्च सोर्स
- इंटरनल पैरासाइट्स: गोल्डफिश नेचुरली काफी भूखे होते हैं और अगर आप देखते हैं, कि आपकी फिश खा नहीं रही है या उसका वजन कम होते जा रहा है, ये इंटरनल पैरासाइट्स होने का एक इशारा भी हो सकता है। [१४] X रिसर्च सोर्स
- स्विम ब्लेडर डिसीज: देखें, अगर आपकी फिश अजीब तरह से, उल्टा होकर या सर्फ़ेस से रब होकर स्विम कर रही है, तो ये आपके उन्हें गलत तरीके से फीड करने की वजह से हुई, ब्लेडर डिसीज की ओर एक इशारा हो सकता है। [१५] X रिसर्च सोर्स
- फंगल डिसीज (Fungal disease): अगर आपके गोल्डफिश में मुड़े या कटे फिन्स (fins), फीके स्पॉट्स, लम्प्स और बम्प्स, उभरी हुई आँख, पेल गिल्स नजर आते हैं या अगर वो ब्लोटेड है, तो ये सारे लक्षण फंगल डिसीज के लक्षण होते हैं। [१६] X रिसर्च सोर्स
- फिन में सड़न: ये फिश में होने वाली एक बहुत कॉमन फंगल डिसीज है और ये फिन्स या टैल पर नजर आने वाले मिल्की व्हाइट एरिया और फिन्स के टुकड़े होने जैसा नजर आना, जैसे लक्षणों के साथ मौजूद होते हैं। [१७] X रिसर्च सोर्स
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दूसरी फिश में भी लक्षणों के लिए जांच करें: एक बार आपको मौत के करीब पहुंची गोल्डफिश के लक्षण समझ आ जाएँ, फिर देखें, अगर टैंक में मौजूद किसी दूसरी फिश पर भी इसी तरह के लक्षण नजर आते हों, तो। ये आपकी फिश की बीमारी के पीछे छिपी हुई असली वजह को पहचानने में मदद कर सकता है।
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फिल्टर को हटा दें और पानी को ट्रीट करें: आप फंगल इन्फेक्शन और पूंछ में आई सड़न को टैंक फिल्टर को हटाकर और पानी को ट्रीट करके भी ठीक कर सकते हैं। ये आपकी फिश को मरने से बचाए रखेगा। [१८] X रिसर्च सोर्स
- टैंक से एक्टिव कार्बन फिल्टर्स हटा दें और फिर फिन की सड़न के लिए मेरासिन-टू (Maracyn-Two) या फंगल इन्फेक्शन के लिए मेथिलीन ब्लू (methylene blue) जैसे कमर्शियल ट्रीटमेंट्स का यूज करें। [१९] X रिसर्च सोर्स
- अगर आप फंगल इन्फेक्शन या पूंछ में आई सड़न को लेकर डाउट में हैं, तो इस ट्रीटमेंट का यूज न करें। ऐसी किसी प्रॉब्लम की पहचान करने के लिए केमिकल्स का यूज करना, जो असल में है ही नहीं, इसकी वजह से आप आपकी गोल्डफिश को नुकसान ही पहुंचा बैठेंगे। [२०] X रिसर्च सोर्स
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पानी को साल्ट और हीट मेथड से ट्रीट करें": अगर आपको आपकी फिश की बॉडी पर व्हाइट स्पॉट्स नजर आते हैं, तो ये इच पैरासाइट की वजह से हुई कोई बीमारी हो सकती है या फिर उन्हें एंकर वर्म्स या लाइस (जूं) हुए हैं। हीट और साल्ट मेथड का यूज करके आपको इस बीमारी का इलाज करने में मदद मिल सकती है और आप अपनी गोल्डफिश को बचा भी सकते हैं। [२१] X रिसर्च सोर्स
- इच पैरासाइट को वापस बढ़ने से रोकने के लिए 48 घंटों तक धीरे-धीरे अपने एक्वेरियम का टेम्परेचर 86 डिग्रीज फारेनहाइट (30 डिग्रीज सेल्सियस) तक बढ़ा लें। [२२] X रिसर्च सोर्स अपने टैंक को 10 दिनों तक इसी टेम्परेचर पर रहने दें। [२३] X रिसर्च सोर्स
- हर 5 गैलन पानी में एक टेबलस्पून एक्वेरियम साल्ट के हिसाब से साल्ट मिला लें। [२४] X रिसर्च सोर्स
- टैंक के पानी को हर एक दिन के बाद बदलते रहें। [२५] X रिसर्च सोर्स
- अब पानी के टेम्परेचर को धीरे-धीरे वापस 65 डिग्रीज फारेनहाइट (18 डिग्रीज सेल्सियस) तक कम कर दें। [२६] X रिसर्च सोर्स
- आपके टैंक में हैल्दी फिश होने पर भी आप इस हीट और साल्ट मेथड का यूज कर सकते हैं। ऐसा करने से वो हर एक भी पैरासाइट खत्म हो जाएगा, जिसने शायद आपकी हैल्दी फिश को इनफेक्ट कर दिया हो। [२७] X रिसर्च सोर्स
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अपनी फिश को वेजी और लो प्रोटीन फूड फीड करें: कुछ फिश को शायद स्विम ब्लेडर डिसीज भी हो सकती है, जिसे सिर्फ टैंक का पानी बदलकर ठीक नहीं किया जा सकता। अपनी फिश को फ़्रोजन मटर जैसी वेजी और लो प्रोटीन फूड फीड करने से, स्विम ब्लेडर डिसीज को कम करने में मदद मिल सकती है। [२८] X रिसर्च सोर्स
- फ़्रोजन मटर एक अच्छा विकल्प होता है, क्योंकि इसमें रिच फाइबर पाया जाता है और साथ ही ये टैंक पर तैरती रहती हैं, जिसकी वजह से आपकी गोल्डफिश को सर्फ़ेस पर जाकर इसे ढ़ूँढ़ना नहीं पड़ता है। [२९] X रिसर्च सोर्स
- अपनी बीमार फिश को जरूरत से ज्यादा भी न खिलाएँ: उन्हें केवल तभी नया फूड दें, जब उन्होने पहले वाले को खत्म कर दिया हो। इस रूल को फॉलो न करने की वजह से टैंक में अमोनिया प्रॉब्लम खड़ी हो सकती है और शायद आपकी फिश और भी ज्यादा बीमार भी हो सकती है। [३०] X रिसर्च सोर्स
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पैरासाइट को ट्वीजर्स (tweezers) से हटाएँ: अगर आप देखते हैं, कि आपकी फिश को एंकर वर्म जैसे पैरासाइट हैं, तो आप ट्वीजर्स की मदद से पैरासाइट को अलग कर सकते हैं। ऐसा करते वक़्त बहुत ध्यान और सावधानी से अपनी फिश को किसी भी तरह की चोट नहीं पहुंचाने की पुष्टि कर लें।
- कुछ पैरासाइट्स फिश में काफी अंदर तक भी छिपे रह सकते हैं। ऐसे में आपको पैरासाइट को निकालने के साथ ही, पैरासाइट को मारने के लिए मौजूद कमर्शियल ट्रीटमेंट्स के कोंबिनेशन को भी यूज करना होगा।
- पैरासाइट को अपनी फिश के घाव के पास में कुछ इस तरह से पूरा पकड़ने की पूरी कोशिश करें, ताकि फिश से पूरे पैरासाइट के निकलने की पुष्टि हो सके।
- अपनी गोल्डफिश को हर एक मिनट के अंदर पानी में डालते रहें, ताकि वो अपनी साँसों को वापस पा सके।
- पैरासाइट को आपके टैंक से पूरी तरह से गायब होने में कुछ हफ्तों तक का वक़्त लग भी सकता है।
- इस मेथड को केवल तभी यूज करें, जब आपको मालूम हो, कि आपकी गोल्डफिश को वर्म्स या पैरासाइट्स हैं और साथ ही अगर आप उन्हें इतनी सावधानी से हैंडल कर सकें, कि गलती से भी उसे कोई चोट न पहुंचे।
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कमर्शियल फिश मेडिकेशन यूज करें: अगर आपको समझ नहीं आ रहा, कि आपकी फिश की बीमारी के पीछे की असली वजह क्या है, तो किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए मौजूद कमर्शियल मेडिकेशंस का यूज करें। ये आपकी फिश को किसी भी बीमारी या पैरासाइट्स से बचाए रखेगी। [३१] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- आप इन कमर्शियल फिश मेडिकेशंस को ज़्यादातर पैट स्टोर्स पर और यहाँ तक कि कुछ बड़े रिटेल स्टोर्स पर भी पा सकते हैं।
- इस बात से भी अवगत रहें, कि कमर्शियल मेडिकेशंस गवर्नमेंट एजेंसीज के द्वारा रेग्युलेट नहीं की जाती हैं, जिसका मतलब कि ये ट्रीटमेंट या तो बेकार भी निकल सकता है या आपकी फिश को नुकसान भी पहुँचा सकता है। किसी भी ट्रीटमेंट को लेने का सबसे अच्छा तरीका यही है, कि आप पहले तो फिश की असली बीमारी को पहचान लें। [३२] X रिसर्च सोर्स
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अपनी फिश को वैट लेकर जाएँ: हो सकता है, कि कुछ होम ट्रीटमेंट्स आपकी फिश को ठीक न कर पाएँ। अगर ऐसा ही है, तो अपनी फिश को वैट ले जाएँ। वो आपकी फिश में नजर आ रहे डैथ के जैसे लक्षणों के पीछे की वजह को निकाल सकेंगे और उसके लिए एक ट्रीटमेंट प्लान भी बना सकेंगे।
- अपनी फिश को एक ऐसे प्लास्टिक बैग में ट्रांसफर करने की पुष्टि कर लें, जो कि एक पेपर बैग से कवर है, ताकि आपकी फिश को स्ट्रेस न होने पाए।
- इस बात से भी अवगत रहें, कि हो सकता है, कि शायद वैट भी आपकी फिश के लिए ज्यादा कुछ न कर पाएँ और वैट केयर मिलने के बावजूद भी वो शायद मर जाए।
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इस बात को समझें, कि किसी भी चीज़ को होने से रोके रखना ही सबसे अच्छी दवा है: अपनी गोल्डफिश को बीमारियों से बचाए रखना, उसे मरने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है। टैंक को रेगुलरली क्लीन करने से लेकर अपनी गोल्डफिश को अलग-अलग तरह के फूड देना तक, अपनी गोल्डफिश की सही देखभाल करने से उसके डैथ के रिस्क को कम किया जा सकता है। [३३] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
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पानी की क्वालिटी को मेंटेन रखें: अपनी गोल्डफिश को जिंदा रखने के लिए, उसके तैरने वाले पानी को साफ बनाए रखना काफी जरूरी होता है। आपको सिर्फ पानी के सही टेम्परेचर में होने अकेले का ध्यान नहीं रखना है, बल्कि साथ ही आपको अपने टैंक में भरपूर ऑक्सीज़न होने का खयाल भी रखना है। [३४] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- गोल्डफिश लगभग 50 और 78 डिग्रीज फारेनहाइट के बीच अच्छी तरह से बढ़ती है। [३५] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें पानी जितना ज्यादा ठंडा होगा, उसमें ऑक्सीज़न भी उतनी ज्यादा होगी।
- गोल्डफिश काफी ज्यादा वेस्ट प्रोड्यूस करती है, जिसकी वजह से टैंक में अमोनिया का लेवल बढ़ जाता है, जो टैंक में बीमारी या डैथ तक के रिस्क को बढ़ा देती है। [३६] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- पानी की क्वालिटी के हाइ होने की पुष्टि करने के लिए पानी को हर हफ्ते चेक करते रहना चाहिए। [३७] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
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टैंक को रेगुलरली क्लीन करें: अगर आप आपके टैंक को रेगुलरली क्लीन करते हैं, तो इससे न सिर्फ पानी की क्वालिटी मेंटेन होगी, बल्कि इससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया या एल्गी (algae) भी हट जाएगी, जो आपकी फिश की लाइफ के लिए खतरा बन सकती है। [३८] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें वीकली क्लीनिंग करते रहने से आपकी फिश लंबे वक़्त तक बीमारियों से दूर बनी रहेगी। [३९] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- एक्स्ट्रा केमिकल्स को निकालने के लिए, हर हफ्ते पानी में से कुछ गैलन्स पानी निकालते रहा करें। [४०] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- ग्रेवल्स और टैंक के किनारों पर जमा हुई एल्गी या गंदगी (काई) बगैरह को भी अच्छी तरह से साफ कर लें। [४१] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- ज्यादा बढ़ गए प्लांट्स की छँटाई कर दें। [४२] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- चारकोल फिल्टर को महीने में एक बार जरूर बदल दिया करें। [४३] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- टैंक को साफ करने के लिए किसी भी तरह के केमिकल या साबुन का यूज कभी न करें, क्योंकि ये आपकी फिश को मार सकते हैं।
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अपनी गोल्डफिश को अलग-अलग तरह का फूड खिलाएँ: अपनी गोल्डफिश को एक बैलेंस्ड और अलग-अलग तरह की डाइट देना, उसे मौत से बचाए रखने का एक अच्छा तरीका है। इसके साथ ही अपनी गोल्डफिश को जरूरत से ज्यादा नहीं खिलाना भी काफी मायने रखता है, क्योंकि ये न सिर्फ आपकी फिश को बीमार करेगा, बल्कि पानी की क्वालिटी को भी खराब कर देता है। [४४] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- आप आपकी फिश को कमर्शियल फिश फूड भी खिला सकते हैं, जो कि ड्राइ फ्लेक फॉर्म में आते हैं। ये एक बैलेंस्ड डाइट प्रोवाइड करते हैं। [४५] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- अपनी फिश को मटर, ब्राइन श्रिम्प (समुद्री झींगा), ब्लडवर्म्स और ट्यूबिफ़ेक्स वर्म्स (tubifex worms) जैसे फूड्स की वेराइटी खिलाएँ। [४६] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- आप चाहें तो अपनी गोल्डफिश को टैंक में, कोने पर एल्गी को जमा होने देकर, ताकि गोल्डफिश वहाँ जाकर उसे काट सके, इसे एक स्नेक के तौर पर दे सकते हैं। [४७] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
- अपनी गोल्डफिश को ओवरफीड न करें। इन्हें दिन में सिर्फ एक बार ही फीड करना होता है और जरा सा भी एक्स्ट्रा फूड जाकर टैंक में नीचे जम जाता है और पानी को पूरा बर्बाद भी कर सकता है। [४८] X विश्वसनीय स्त्रोत American Society for the Prevention of Cruelty to Animals स्त्रोत (source) पर जायें
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प्रभावित गोल्डफिश को बाकी की हैल्दी फिश से अलग रख दें: अगर सिर्फ एक या और भी गोल्डफिश बीमार हैं, या वो डैथ होने के एकदम करीब पहुँचती हुई नजर आ रही हैं, तो इन गोल्डफिश को बाकी की हैल्दी फिश से अलग कर दें। ये हैल्दी फिश को उस बीमारी की चपेट में आने और मरने से बचाए रखेगा। [४९] X रिसर्च सोर्स
सलाह
- इस बात के लिए भी तैयार रहें, कि हो सकता है कि बहुत कोशिशों के बावजूद भी शायद आप अपनी गोल्डफिश को न बचा पाएँ।
- अगर आपको नहीं मालूम, कि आखिर क्या किया जाना चाहिए, तो फौरन एक वैट को कांटैक्ट करें और उन्हें अपनी प्रॉब्लम समझा दें।
- कभी-कभी गोल्डफिश को भरपूर ऑक्सीज़न भी नहीं मिल पाती है। आप उन्हें एक फिल्टर और डिस्टिल्ड वॉटर देकर भी उनकी मदद कर सकते हैं। कभी भी सिंक वॉटर न यूज करें!
चेतावनी
- बीमार फिश को कभी भी दूसरी हैल्दी फिश के साथ न रखें, क्योंकि इसकी वजह से वायरस फैलने का खतरा बना रहता है।
रेफरेन्स
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