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क्या आप भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको योग क्लासेज ज्वाइन करना है या पिलाटेज़ (Pilates) ? क्या आप इन दोनों के बीच का अंतर समझ नहीं पा रहे हैं? अगर आप तय कर रहे हैं कि आपके लिए किस तरह की एक्सरसाइज बेहतर होगी तो यहाँ ऐसे कई फैक्टर्स दिए गये हैं जिनके बारे में आपको सोचना चाहिए | आप अपेक्षाकृत किसी नई तरह की एक्सरसाइज शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं, और योग और पिलाटेज़ के बीच आने वाली परेशानियों को खोज सकते हैं | आप जो भी एक्सरसाइज चुनते हैं, वो आपकी लाइफ का एक हिस्सा बन जाएगी और आप जो भी निर्णय लेंगे, वो इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस क्लास को अटेंड करना पसंद करते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने लक्ष्य स्पष्ट रखें (Clarifying Your Goals)

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  1. क्या आप फिजिकल रिहेबिलीटेशन (physical rehabilitation) चाहते हैं?: योग और पिलाटेज़ दोनों ही फिजिकली रिबाउंड होने में मदद करते हैं | उदाहरण के लिए, फिजिकल इंजरी से ग्रसित लोगों के लिये, शारीरिक दर्द कम करने और इंजरी से जल्दी रिकवर होने के लिए पिलाटेज़ आज़माना बिलकुल सही साबित होता है | [१] दूसरी ओर, योग को अक्सर मेंटल और इमोशनल रिहेबिलीटेशन के पार्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है |
    • रिहेबिलीटेशन के लिए योग एक सर्वश्रेष्ठ एक्सरसाइज साबित हो सकता है, और कई बार पिलाटेज़ से भी बेहतर होता है जो आपकी विशेष जरूरतों पर निर्भर करता है | एक बहुत ही अनुभवी और जानकार योग इंस्ट्रक्टर आपकी स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी बनाने, आपकी क्षमताओं के अनुसार आपके लिए उचित एक्सरसाइज चुनने और जरूरत पड़ने पर एक्सरसाइज को मॉडिफाई करने में मदद कर सकते हैं |
    • योग क्लासेज अलग-अलग तरह की होती है जो फोकस, टीचर या योग स्टूडियो पर निर्भर करती हैं | क्लासेज अलग-अलग तरह से डिजाईन की जाती हैं जैसे नर्सिंग होम्स में कुर्सी पर बैठे रहने वाले वयोवृद्ध लोगों के लिए, मैडिटेटिव योग, प्रीस्कूल जाने वाले बच्चों के लिए योग और ऐसी क्लासेज भी होती हैं जिन्हें ओलिंपिक में हिस्सा लेने की योग्यता रखने वाले एथलिट अटेंड कर सकें | लेकिन पिलाटेज़ के प्रेजेंटेशन में इस तरह की विविधता नहीं होती |
  2. तय करें कि क्या आपकी प्राथमिकता शरीर की टोनिंग करना है: योग और पिलाटेज़ दोनों ही शरीर की सभी मसल्स ग्रुप्स की स्ट्रेंथनिंग और टोनिंग के लिए बेहतरीन होते हैं | पिलाटेज़ में मसल्स की टोनिंग पर बहुत ज्यादा फोकस किया जाता है | उदाहरण के लिए, अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो पिलाटेज़ एक्सरसाइज में कई अलग-अलग मशीन्स का इस्तेमाल किया जायेगा, जिसमे आपके पिलाटेज़ पोज़ेस में कार्डियो और फिटनेस एलेमेंट्स दोनों ही शामिल किये जायेंगे और इससे आपको अरितिक्त कैलोरी खर्च करने में मदद मिलेगी | लेकिन योग की प्रैक्टिस में किसी तरह की मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। [२]
  3. विचार करें कि क्या एक्सरसाइज के जरिये आप मेंटल हेल्थ सुधारना चाहते हैं: योग को मेंटल हेल्थ पर बहुत सारे फायदे पहुँचाने वाली एक्सरसाइज के रूप में जाना जाता है | योग करने से सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम शांत होता है, स्ट्रेस कम होता है, और हाइपोथेलेमो-पिट्यूटरी –एड्रेनल एक्सिस को अपना काम सुचारू रूप से करने में मदद मिलती है जो हार्मोन लेवल्स को कण्ट्रोल करता है |
    एक्सपर्ट टिप

    Atthena Breitton, E-RYT 500

    फिटनेस इंस्ट्रक्टर
    Atthena Breitton एक योग अलायन्स E-RYT 500 फिटनेस इंस्ट्रक्टर हैं | वे AtthenaYoga जो की न्यूयॉर्क में बूटीक योग और मैडिटेशन स्टूडियो हैं, उसकी संस्थापक और प्रिंसिपल टीचर हैं | Atthena 2015 से पढ़ा रही हैं और उनके क्लाइंट्स की लिस्ट में कई बड़े नाम जैसे NFL फुटबॉल खिलाड़ी, जॉर्डन मैथ्यू, हिप हॉप रैपर, लिल यची भी शामिल है | अपने स्टूडियो के अलावा, Atthena बड़े-बड़े प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एर्न्स्ट एंड यंग, HSBC, U.S. बैंक, and WPP जैसी संस्थानों में पढ़ाती हैं | अथवा अपने इंस्पायरिंग लेक्चर्स से लोगों की ज़िन्दगी को आसान बनाने की कोशिश करती हैं | Atthena भक्ति योग में विश्वास रखती हैं जिसका मानना है कि भगवान की पूजा, भक्ति और निस्वार्थ सेवा में ही जीवन का सबसे बड़ा सुख है | एंथेना ने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स (फाइनेंस एंड मैनेजमेंट) में BS की डिग्री हासिल की हुई है |
    Atthena Breitton, E-RYT 500
    फिटनेस इंस्ट्रक्टर

    हमारी एक्सपर्ट्स कहती हैं: योग आपके बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी पर पिलाटेज़ की तुलना में ज्यादा बेहतर काम करने में मदद करेगा, और आप ज्यादा से ज्यादा लचक हासिल कर सकते हैं, इसके अलावा, योग स्ट्रेस से राहत देने में बहुत अच्छा होता है, और बल्कि इससे फोकस में भी सुधार लाया जा सकता है, इसके अतिरिक्त योग एक आध्यात्मिक प्रैक्टिस है जो आपका खुद से साक्षात्कार कराता है

  4. विचार करें कि क्या आप एक्सरसाइज के जरिये आध्यात्मिक लक्ष्य भी हासिल करना चाहते है: योग एक प्राचीन प्रैक्टिस है जिसमे अधिकतर आध्यात्म को विकसित करने पर बल दिया जाता है | मैडिटेशन योग का एक बहुत बड़ा हिस्सा है | योग और पिलाटेज़ दोनों में शरीर और माइंड शामिल होते हैं लेकिन पिलाटेज़ में योग की तरह आध्यात्म पर फोकस नहीं किया जाता | [३]
    • दूसरी ओर, अगर आप ऐसा नहीं सोचते हैं तो योग को आध्यात्म पर बहुत ज्यादा फोकस किये बिना भी किया जाता है | अगर आपकी योग में रूचि है लेकिन आध्यात्म में नहीं तो क्लास चुनने का समय आने पर आप ज्यादा सेक्युलर योग क्लास चुन सकते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

मुख्य अंतर समझें (Trying Both Out)

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  1. दोनों प्रैक्टिसेस की उत्पत्ति के बारे में पढ़ें: योग और पिलाटेज़ की उत्पत्ति के बारे मे ऑनलाइन रिसर्च करने से आपको निर्णय लेने में आसानी होगी | [४] इनमे से कुछ मुख्य रुचिकर पॉइंट्स हैं:
    • योग की शुरुआत भारत में 5000 वर्ष पहले हुए थी | योग के रूप में बोलचाल की भाषा में संदर्भित यह शब्द एक गूढ़ दर्शन और जीवनशैली का वास्तविक हिस्सा है | इसका आविष्कार खुद को बेहतर रूप से समझने और मन, शरीर और आत्मा को कनेक्ट करने की लिए किया गया था |
    • पिलाटेज़ की खोज बीसवी सदी की शुरुआत में बॉडी रिहेबिलीटेशन और स्ट्रेंथनिंग की एक विधि के रूप में की गयी थी | इसकी शुरुआत वर्ल्ड वॉर प्रथम के सैनिकों के रिहेबिलीटेशन के लिए एक टूल के रूप में की गयी थी लेकिन जब इसका इस्तेमाल डांसर्स अपनी डांसिंग परफॉरमेंस बढाने के लिए करने लगे तो इसका प्रसार होने लगा |
  2. दोनों प्रैक्टिसेस के अलग-अलग फोकस का आंकलन करें: कई मायनों में योग और पिलाटेज़ एक जैसे हैं | इन दोनों में ही स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी बढाने और माइंड और बॉडी के कनेक्शन को बढाने वाले पोज़ेस और मूवमेंट्स किये जाते हैं | फिर भी, योग की प्रैक्टिस में आपके माइंड पर और आप कैसा फील कर रहे हैं, इस पर ज्यादा फोकस किया जता है जिसमे साथ ही स्ट्रेंग्थ और फ्लेक्सिबिलिटी मिल जाते हैं | पिलाटेज़ एक ऐसी प्रैक्टिस है जिसमे शरीर की टोनिंग और आपके पोस्चर और मूवमेंट को सुधारने पर फोकस किया जाता है | [५]
  3. योग और पिलाटेज़ में सांसों के अलग-अलग इस्तेमाल के बीच के अंतर का आंकलन करें: [६] योग और पिलाटेज़ में आप जिस ब्रीदिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, उसमे थोडा अंतर होता है |
    • पिलाटेज़ में सांसों को उस तकनीक के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे मसल्स को इतनी ऊर्जा मिल सके कि वे इफेक्टिवली एक्सरसाइज कर सकें | पिलाटेज़ के दौरान ब्रीदिंग पर ध्यान केन्द्रित करने से शरीर में अंदर जाने वाली और मसल्स तक पहुँचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को मैनेज करने में मदद मिलेगी जिससे वे ज्यादा रिलैक्स होंगी |
    • योग में रिलैक्सेशन पाने में ब्रीदिंग एक्सरसाइज मदद करती हैं | पूरे योग रूटीन में किस तरह से सांस लेना और छोड़ना है, इस पर लगातार ध्यान केन्द्रित करना बहुत जरुरी होता है | साँस को उस एरिया तक पहुँचाना जो टाइट हो सकते है या स्ट्रेस होल्ड करने से शरीर में इन स्पेसिफिक मसल्स ग्रुप को रिलैक्स करने में मदद मिल सकती है |
  4. अपनी फ्लेक्सिबिलिटी बढाने की इच्छा का अंदाजा लगायें: योग और पिलाटेज़ में एक मुख्य अंतर यह है कि योग का इस्तेमाल शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढाने में किया जाता है और इससे धीरे-धीरे जॉइंट्स की फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ने लगेगी | स्ट्रेचिंग और होल्डिंग स्थिर पोज़ या आसन योग की मुख्य विशेषता है | पिलाटेज़ ज्यादा डायनामिक होती है और पिलाटेज़ से फ्लेक्सिबिलिटी बढाने पर फोकस नहीं किया जाता | [७] लेकिन, पिलाटेज़ के बाद स्ट्रेचिंग करने की बहुत ज्यादा सिफारिश की जाती है जिससे फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ सकती है | वर्कआउट के बाद फॉलो करने के लिए ऑनलाइन पिलाटेज़ इंस्ट्रक्टर (जैसे केसी हो विन (Cassey Ho Vinh) जिनका Blogilates नाम से ब्लॉग है) स्ट्रेच वीडियोस ऑफर करेंगे |
  5. तय करें कि आपके लिए स्ट्रेंग्थ बढ़ाना कितना जरुरी है: पिलाटेज़ में उन मसल्स को रिलैक्स करने पर फोकस किया जाता है जो तनाव में होती हैं और शरीर की कई मसल्स को मजबूती दी जाती है | लेकिनं योग की बजाय पिलाटेज़ में मेट एक्सरसाइज करने के लिए अतिरिक्त रूप से रेजिस्टेंस मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जो योग की तुलना में इसे वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज के समान बना देती है | [८]
    • योग और पिलाटेज़ दोनों में ही कई ऐसे पोज़ेस होते हैं जो पेट की मसल्स की टोनिंग के लिए उचित होते हैं | लेकिन, पिलाटेज़ एक्सरसाइज काफी ज्यादा इंटेंस होती है और इसके कारण योग प्रैक्टिस करने की तुलना में ज्यादा जल्दी रिजल्ट्स मिल सकते हैं | लगातार, बार-बार पिलाटेज़ एक्सरसाइज करने से सपाट और मजबूत पेट पाया जा सकता है |
  6. योग और पिलाटेज़ से मिलने वाले मेंटल बेनिफिट्स के अंतर का आंकलन करें: इस बात को समझें कि योगा माइंड पर ज्यादा फोकस करता है | एक्सरसाइज को डिप्रेशन या एंग्जायटी से जूझने वाले लोगों के लिए मददगार सिद्ध किया जा चुका है | योग बीमारी से लड़ने के लिए सबसे असरदार एक्सरसाइज साबित हो सकती है क्योंकि यह शरीर के साथ-साथ मन और आत्मा पर भी फोकस करता है | शांत प्रतिबिम्ब और मैडिटेशन, योग प्रैक्टिस का सबसे बड़ा हिस्सा होते हैं | कई लोग स्ट्रेस कम करने के मुख्य उद्देश्य के साथ ही योग की शुरुआत करते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

दोनों आजमायें

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  1. हालाँकि घर पर फुल पिलाटेज़ एक्सपीरियंस पाना असंभव है लेकिन आपको एक आईडिया मिल सकता है की इसे कैसे किया जाता है | संभवतः घर पर पिलाटेज़ शुरू करने का बेस्ट तरीका यूट्यूब का इस्तेमाल हो सकता है | यूट्यूब पर बेसिक पिलाटेज़ एक्सरसाइज में नौसीखियों को सिखाने के लिए कई फ्री वीडियो इंस्ट्रक्शन उपलब्ध होते हैं | [९]
    • एक चीज़ है जो आप घर पर पिलाटेज़ एक्सरसाइज में नहीं कर सकते हैं- वो है मशीन्स का इस्तेमाल इसलिए इस बात को याद रखें |
  2. योग के लिए थोड़ी जगह और खाली समय से ज्यादा और किसी चीज़ की जरूरत नहीं होती जिससे यह घर पर शुरू की जाने वाली एक बेहतरीन एक्सरसाइज साबित हो सकती है | अगर आप एक योगा मेट खरीद लेते है तो बहुत अच्छा रहता है लेकिन यह जरुरी नहीं है | ऑनलाइन इंस्ट्रक्शन सर्च करें कि किस तरह से बेसिक योग पोज़ और पोस्चर करने हैं | ऐसे कई वीडियो और टेक्स्ट ट्युटोरियल उपलब्ध होते हैं जो योग की सही प्रैक्टिस के बारे में बता सकते हैं |
  3. अगर आप चाहते हैं कि क्लास मिस किये बिना आप घर पर योग या पिलाटेज़ करना जारी रख सकते हैं | लेकिन, एक अच्छी क्लास खोजने से आपको फुल योग या पिलाटेज़ की एक्सपीरियंस लेने में मदद मिल सकती है और एक्सरसाइज से ज्यादा लाभ मिल सकता है | अपने नजदीकी एरिया में क्लासेज खोजने के लिए ऑनलाइन सर्च करें | कीमत और रिव्यु की तुलना करें | और इसके बाद व्यक्तिगत तौर पर जाएँ और पता लगायें |
    • जब आप योग या पिलाटेज़ स्टूडियो जाते हैं तो उन्हें करने में रूचि भी होती है, अपने इंस्ट्रक्टर से अपने लक्ष्य और आप क्लास में क्या खोज रहे हैं, के बारे में बात करें | इससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी की आपके लिए कौन सी क्लास सही है |
  4. दोनों क्लासेज अटेंड करके तय करें कि आपके लिए कौन सी बेस्ट है: अगर आप तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको योग क्लास करना है या पिलेट्स तो थोडा समय दोनों क्लासेज में बिताएं | ऐसे क्लासेज खोजें जो फ्री ट्रायल ऑफर करती है या न्यूकमर्स को फ्री क्लासेज देती हैं | कुछ समय के लिए क्वालिटी योग क्लास और क्वालिटी पिलाटेज़ क्लास प्रत्येक को ज्वाइन करें | इसके बाद आप पूरी जानकारी के साथ तय कर पायंगे कि कौन सी क्लास आपकी जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकती है |

चेतावनी

  • योग और पिलाटेज़ क्लास लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरुर लें | अगर आपकी सर्जरी हुए है या आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो कुछ पोज़ेस आपके लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं |

विकीहाउ के बारे में

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