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जब एक पिम्पल की बात होती है तो आपको तुरंत एक ब्लैकहैड, एक व्हाइटहेड, या एक बड़े पस से भरे हुए दाने का ख्याल आता है। लेकिन कुछ पिम्पल्स काफी गहरे, और स्किन के नीचे होते हैं उनको ब्लाइंड पिम्पल्स कहते हैं। वे त्वचा की बड़ी लाल गांठों जैसे दिखते हैं। उनका कोई सिरा, या टिप नहीं होती है। दरअसल वे तेल (sebum) और कोशिकाओं के मलबे से भरी हुई गांठें या थैले हैं। इस तरह के पिम्पल्स में दर्द होता है। अन्य पिम्पल्स की तरह वे माथे, गाल, नाक, गर्दन, ठोड़ी, और कान के पीछे भी हो सकते हैं। ब्लाइंड पिम्पल्स को ठीक करने के लिए आप अपनी स्किन की सतह को साफ करें, साथ ही स्टीम से उसकी गहरी सफाई भी करें।

भाग 1
भाग 1 का 3:

साफ करने के लिए डीप स्टीम (Deep Steam) यूज़ करें

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  1. एक 1 लीटर के पॉट को पानी से भरें। उसे एक मिनट तक उबालें। फिर उसमें किसी एसेंशियल ऑइल कि 1 या 2 बूंदें डालें (नहीं तो, हर एक लीटर पानी के लिए 1/2 छोटा चम्मच कोई सूखी हर्ब डालें)। एसेंशियल ऑइल इस्तेमाल करने से आपकी बॉडी को ब्लाइंड पिम्पल को जल्दी से दोबारा सोखने, या बाहर निकालने में मदद मिलेगी। इससे वह ज्यादा जल्दी ठीक हो जायेगा। कुछ ऐसे एसेंशियल ऑइल्स भी हैं जो पिम्पल को बनने से रोक सकते हैं। आप इनमें से किसी एक तेल को चुनें - [१]
    • स्पीयरमिंट (spearmint) या पुदीना (peppermint) - इनमें मेंथॉल होता है जो एक एंटीसेप्टिक है। वह आपके इम्यून सिस्टम (immune system) को सुधार सकता है। कुछ लोग मिंट को इतना पसंद नहीं करते हैं इसलिए आप शुरू में हर एक लीटर पानी के लिए केवल एक बूंद तेल डालें।
    • कैलेंडुला (calendula) - ये पौधा घाव भरने या हील करने की प्रक्रिया को तेज़ करता है। ये रोगाणुरोधी गुणों से युक्त है।
    • लैवेंडर (lavender) - ये हर्ब शांत करती है और आराम देती है इसलिए एंग्जायटी (anxiety) और डिप्रेशन (depression) के लिए बहुत उपयोगी है। इसे अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है।
  2. एसेंशियल ऑइल्स पौधों से बनाये जाते हैं इसलिए पहले आपको अपनी स्किन की उनके प्रति संवेदनशीलता टेस्ट करनी चाहिए फिर अपने चेहरे को स्टीम करना चाहिए। आप अपनी कलाई पर उस तेल की 1 बूंद डालें और 10-15 मिनट इंतज़ार करें। यदि आपको उससे एलर्जी है या आप उसके प्रति संवेदनशील हैं तो उस जगह पर एक हल्का सा लाल रंग का चकत्ता (rash) बन जायेगा। संभव है कि उसमें खुजली हो, या न हो। यदि आपको संवेदनशीलता न हो तो आप उसे अपने चेहरे को स्टीम करने की खातिर यूज़ करें। अगर आप उसके प्रति संवेदनशील हैं तो अलग-अलग तेलों को अजमाते रहें जब तक कोई ऐसा तेल मिल जाये जो आपको सूट करता है। [२]
    • आपको याद रखना चाहिए कि आपके अंदर कभी भी एक हर्बल तेल के प्रति संवेदनशीलता का विकास हो सकता है। इसलिए चाहें आप पहले किसी तेल के प्रति संवेदनशील नहीं थे, उसे भी आपको टेस्ट करके तब यूज़ करना चाहिए।
  3. स्टोव को ऑफ करें और पॉट को उसके ऊपर से हटायें। अपने बालों को पीछे बांधें ताकि वे बीच में न आयें और सिर के पीछे के हिस्से को एक बड़े और साफ कॉटन के तौलिये से ढकें। आप पॉट की ओर झुकें जिसमें से स्टीम निकल रही है और तौलिये को अपने चेहरे के चारोंओर सामने की ओर गिरने दें ताकि स्टीम उसके अंदर ट्रैप हो जाये। अपनी आँखों को बंद करें, आमतौर पर आप जैसे साँस लेते हैं वैसे साँस लें और 10 मिनट तक रिलैक्स करें। अपनी स्किन को गुनगुने पानी से धोएं और एक साफ तौलिये से थपथपाकर सुखाएं।
    • ध्यान रखें कि आपका चेहरा पानी से कम से कम 12" से 15" (30.5 cm से 38.1 cm) दूर हो ताकि आप जलें नहीं।
    • अपने चेहरे को दिन में कई बार स्टीम करने के लिए आप पानी को दोबारा गर्म करें जब तक उसमें से स्टीम निकलने लगे। स्टीम करने से गहरे मलबे और तेल को बाहर निकालने के लिए आपकी स्किन के छिद्र (pores) खुल जायेंगे। इससे आपका ब्लाइंड पिम्पल बाहर की ओर खिंच सकता है। [३]
  4. आपकी स्किन को जो स्टीम से नमी मिली है उसे एक मॉइस्चराइजर लगाकर अंदर रोक लें। आप एक नॉन-कोमेडोजेनिक (non-comedogenic), यानी कि एक खास स्किन प्रोडक्ट जो स्किन के छिद्रों को बंद नहीं करता है, मॉइस्चराइजर चुनें। उससे आपकी स्किन के छिद्र बंद नहीं होंगे और वह मुंहासों के विकास का कारण नहीं बनेगा। इसके अलावा, मॉइस्चराइजर लगाने से स्किन लचीली व नरम रहती है और कई प्रकार के नुकसान से बची रहती है।
    • अगर आपकी स्किन बहुत नाजुक है और सब प्रोडक्ट्स को सह नहीं पाती है तो आप कोई ऐसा मॉइस्चराइजर यूज़ करें जिसमें गंध या परफ्यूम न हो। [4]
भाग 2
भाग 2 का 3:

घरेलु हर्बल रेमेडीज़ (Herbal Remedies) आजमायें

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  1. एक ब्लाइंड पिम्पल आपकी स्किन के नीचे काफी गहराई पर होता है इसलिए उसे ऊपर सतह पर आने और ठीक होने में ज्यादा समय लगेगा। आप पिम्पल को जल्दी ऊपर सतह पर लाने की खातिर गर्म पानी से सकें और उसे ठीक करने की प्रक्रिया को तेज़ करें। आप एक कपड़े या कॉटन बॉल को गर्म पानी से भिगोयें और उसे ब्लाइंड पिम्पल पर कुछ मिनटों तक रखें। आप ये दिन में 3 बार करें जब तक ब्लाइंड पिम्पल का सिरा या टिप दिखाई देने लगे। [5]
    • आप कॉटन बॉल को पेपरमिंट, कैलेंडुला, अजवाइन (thyme) या लैवेंडर की गर्म हर्बल टी में भी भिगो सकते हैं।
  2. यदि ब्लाइंड पिम्पल की वजह से आपकी स्किन लाल हो रही है और वहां पर सूजन या दर्द हो रहा है तो आप एक आइस पैक को उस जगह पर दस मिनट के लिए लगायें। ऐसा करने से सूजन कम हो जाएगी और अगर आप काम पर जाने के लिए रेडी हो रहे हैं तो आप आसानी से उसे छिपाने के लिए मेक-अप या कंसीलर (concealer) लगा सकेंगे। इससे ब्लाइंड पिम्पल के कारण होने वाला दर्द भी कम हो जायेगा। [6]
  3. अपने मुंहासों कम करने की खातिर आप एक ऐसा लोशन यूज़ करें जिसमें 2% ग्रीन टी का अर्क (green tea extract) हो। [8] इसकी जगह आप ग्रीन टी बैग को गर्म पानी में भिगोकर कुछ मिनटों तक ब्लाइंड पिम्पल के ऊपर रख सकते हैं। चाय का एक सिकोड़ने वाला या स्तम्मक (astringent) जैसा असर होगा जिसकी वजह पिम्पल दोबारा सोख लिया जायेगा या सतह पर आ जायेगा जहाँ एंटीबैक्टीरियल हर्ब्स बैक्टीरिया को मार देंगी।
  4. इसके लिए आप टी ट्री ऑइल को पानी मिलाये बिना इस्तेमाल करें। आप एक कॉटन स्वॉब या कॉटन बॉल को टी ट्री ऑइल में डुबोएं और सीधे ब्लाइंड पिम्पल पर लगायें। उसके बाद उसे धोएं नहीं। टी ट्री ऑइल से सूजन कम हो जाएगी जिसकी वजह से ब्लाइंड पिम्पल बन रहा है और वह जल्दी ठीक हो जायेगा। [10] स्टडीज़ से पता चला है कि टी ट्री ऑइल में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। [11]
    • बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों का इलाज करते समय टी ट्री ऑइल को प्रभावित जगह पर लगाने से कितना फायदा होता है, इसके बारे में अभी और अनुसंधान करने की ज़रूरत है।
  5. एक बिल्कुल नेचुरल मिक्सचर बनायें जिसमें स्तम्मक, एंटीबैक्टीरियल, और स्किन को पुनः स्वस्थ बनाने वाले गुण हों। [12] आप एक बड़ा चम्मच (14.8 ml) शहद, 1 छोटा चम्मच नींबू का जूस (जो ब्लीचिंग एजेंट जैसे काम करता है), और 1 अंडे की सफेदी (जो मिक्सचर को बांधती है) को मिलाएं। यदि आप एक ब्लीचिंग एजेंट न यूज़ करना चाहें तो उसकी जगह विच हेज़ल (witch hazel) इस्तेमाल करें जो सूजन को कम करने में मदद करती है। [13] इनमें से किसी भी एसेंशियल ऑइल का ½ छोटा चम्मच लें और उनके साथ अच्छे से मिलाएं -
    • पेपरमिंट
    • स्पीयरमिंट
    • लैवेंडर
    • कैलेंडुला
    • अजवाइन
  6. आप मिक्सचर को जहाँ भी ब्लाइंड पिम्पल्स हों, जैसे कि चेहरे या गले पर फैलाएं। उसे 15 मिनट तक उस जगह पर सूखने दें। फिर गुनगुने पानी से धोकर उसे पूरा-पूरा हटायें। मास्क को हटाते समय कोशिश करके अपनी स्किन को रब न करें। एक साफ कपड़े से थपथपाकर अपनी स्किन को सुखाएं। उसके बाद एक नॉन-कोमेडोजेनिक मॉइस्चराइजर लगायें।
    • अगर आप मिक्सचर को पूरे चेहरे पर लगाने के बजाय केवल पिम्पल के ऊपर लगाना चाहते हैं तो एक कॉटन स्वॉब को मिक्सचर में डुबोएं और उससे मिक्सचर को सिर्फ ब्लाइंड पिम्पल्स पर लगायें।
भाग 3
भाग 3 का 3:

अपने चेहरे को साफ करें

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  1. आप एक सौम्य, गैर अपघर्षक, पौधों के तेल पर आधारित क्लेंसेर लें जिसके लेबल पर "नॉन-कोमेडोजेनिक " लिखा हो। इससे आपको पता चलेगा कि उस क्लेंसेर से आपकी स्किन के छिद्र बंद नहीं होंगे, जो असल में मुंहासों का एक मुख्य कारण होता है। कई स्किन के एक्सपर्ट्स सनफ्लावर (sunflower) व ग्रपेसीड (grapeseed) ऑइल्स, और ग्लिसरीन इस्तेमाल करने की राय देते हैं। आपको अल्कोहल युक्त क्लेंसर्स से दूर रहना चाहिए। अल्कोहल आपकी स्किन के नेचुरल तेल को हटा देता है इसलिए उससे आपकी स्किन सूख जाती है, उसमें जलन होती है और उसे नुकसान पहुँचता है। [14]
    • आप अपने चेहरे को एक तेल से साफ करने में हिचकिचाएं नहीं। आप अपनी स्किन के तेलों को घुलाने के लिए नॉन-कोमेडोजेनिक तेलों को यूज़ कर सकते हैं।
    • अपने चेहरे को गुनगुने पानी से भिगोयें और हल्के से अपनी उंगलियों से क्लेंसेर लगायें। पुराने कपड़े या स्क्रब्स जैसे अन्य साफ करने के साधन इस काम के लिए ज्यादा अपघर्षक हो सकते हैं। आपको चेहरे को रब नहीं करना चाहिए। केवल एक नरम तौलिये से उसे थपथपाकर सुखाएं और एक मॉइस्चराइजर लगायें। पसीना आने के बाद सिर्फ दिन में दो बार धोएं। [15]
    • सिटेफिल (Cetaphil) एक जाना-माना सौम्य क्लेंसेर है जिसे आप इस्तेमाल करके देख सकते हैं।
  2. अपनी उंगलियों की टिप्स से क्लेंसेर को अपनी स्किन पर लगायें। आप इस काम के लिए एक स्पंज या वॉशक्लॉथ न यूज़ करें क्योंकि ये स्किन में जलन उत्पन्न कर सकते हैं और मुंहासों को और बदतर बना सकते हैं। आप अपने हाथ को हल्के से गोल-गोल घुमाकर क्लेंसेर को अपनी स्किन पर लगायें, लेकिन उसको रगड़ें नहीं। स्किन को रगड़ने और एक्सफॉलीएट (exfoliate) करने से वह थोड़ा सा फट सकती है या उसमें दाग बन सकते हैं। चेहरे को दिन में 2 बार धोएं और एक नरम साफ कपड़े से थपथपाकर सुखाएं।
    • आपको अपने पिम्पल्स को कभी भी नोचना, फोड़ना, छूना, या दबाना नहीं चाहिए। इससे वे और सूज सकते हैं, वहां दाग पड़ सकते हैं और उनको ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।
  3. आप कठोर स्किनकेयर (skincare) प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल न करें: मार्केट में बहुत सारे स्किन की देखभाल करने वाले या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट्स मिलते हैं। लेकिन सब आपकी स्किन के लिए सौम्य नहीं होते हैं। आप स्किन में जलन उत्पन्न करने वाले प्रोडक्ट्स, जैसे कि स्किन पर से मरे हुए सेल्स को हटाने के प्रोडक्ट्स या एक्सफॉलीएंट्स (exfoliants), ऑइली स्किन को ठीक करने और उसकी स्थिति को सुधारने के लिए यूज़ किये जाने वाले टोनर्स (toners) और स्तम्मकों (astringents) से दूर रहें। आपको अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड (alpha hydroxy acid) या सैलिसिलिक एसिड (salicylic acid) युक्त प्रोडक्ट्स नहीं इस्तेमाल करने चाहिए क्योंकि वे आपकी स्किन को सुखा देते हैं। डर्माब्रेजन्स (dermabrasions) जैसे बगैर डॉक्टरी पर्चे के मिलने वाले ट्रीटमेंट्स से बचें। केवल प्रशिक्षित स्किन के एक्सपर्ट्स को कुछ खास स्किनकेयर ट्रीटमेंट्स करने चाहिए ताकि स्किन को नुकसान न पहुंचे। [16]
    • ज़रूरत से ज्यादा एक्सफॉलीएट (exfoliate) न करें। दरअसल आप उससे स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
    • मेकअप से मुंहासों और ब्लाइंड पिम्पल्स की हालत बिगड़ सकती है। वह छिद्रों को बंद कर सकता है। उसके कारण जलन हो सकती है। ये सब उसके अंदर के केमिकल या केमिकल्स के मिश्रण की वजह से होता है।
  4. आपको रोज़ शावर लेकर या नहाकर अपनी स्किन को साफ करने की आदत डालनी चाहिए। अगर आपको बेहद पसीना आता हो तो आप दिन में कई बार अपनी स्किन को धोएं। एक्सरसाइज करने के बाद आपको ज़रूर से नहाना या कम से कम अपनी स्किन को धोना चाहिए। [17]
    • बहुत ज्यादा पसीना निकलने की वजह से ब्लाइंड पिम्पल्स और दूसरे तरह के मुहांसों की दशा और बिगड़ सकती है खासतौर से यदि आप उसी समय उसे धोकर साफ न करें। ये स्किन के नीचे पसीना ट्रैप होने के कारण होता है।
    • एक्सरसाइज करने के बाद जल्दी से जल्दी नहाने का प्रयास करें ताकि दानें न बनें।

सलाह

  • ऐसे अभी तक हम ये नहीं जानते हैं कि मुंहासों का असली कारण क्या है, लेकिन ये माना जाता है कि बैक्टीरियल संक्रमण, धुम्रपान, स्किन में फैटी एसिड्स की कमी, केमिकल्स के प्रति प्रतिक्रिया, सूजन, टेस्टोस्टेरोन, और डाइट मुंहासों के विकास में खास भूमिका निभाते हैं।
  • आप धूप से दूर रहें और टैनिंग बेड्स (tanning beds) न यूज़ करें। UVB रेडिएशन आपकी स्किन के सेल्स को पहुंचा सकता है।

चेतावनी

  • यदि आपके मुहांसे ज्यादा गंभीर नहीं हैं और कुछ दिनों में उनमें कोई सुधार नज़र नहीं आता है तो आप एक स्किन के एक्सपर्ट से बात करें।
  • अगर आपके मुहांसे थोड़े या ज्यादा गंभीर हैं तो आप उसे घर पर ट्रीट करने से पहले एक स्किन के एक्सपर्ट को दिखाएँ।
  • यदि आप कोई खास दवाइयां (खासतौर से मुंहासों के लिए) ले रहे हैं तो आपकी स्किन धूप के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकती है। इनमें हिस्टामिनरोधी (antihistamines), एंटीबायोटिक्स, हार्ट ड्रग्स, गैर स्टेरॉयडल सूजनरोधी एजेंट्स non-steroidal anti-inflammatory agents (NSAIDs), कैंसर ट्रीटमेंट्स, और आइसोट्रेटिनॉइन (isotretinoin) व ऐसीट्रेटिन (acitretin) जैसी मुहांसों की दवाइयां शामिल हैं।

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