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प्रेग्नेंसी कैसे रोकें (Pregnancy Kaise Roke), यह जानना चुनौतीपूर्ण लग सकता है विशेषकर जब आपके सामने बर्थ-कंट्रोल के बहुत से विकल्प मौजूद हों। बर्थ-कंट्रोल के जिस विधि को आप प्रयोग करना चाहते हैं वह एक पर्सनल चॉइस होती है जिसे आपको सावधानी के साथ करना चाहिये। यह जानने के लिये कि कौन सी विधि आपके जीवन शैली और मान्यताओं के साथ मेल खाती है, आपका पहला कदम होता है स्वयं को सारी विधियों से अवगत कराना। (Unwanted Pregnancy Roke)

विधि 1
विधि 1 का 5:

बैरियर विधियां (Barrier Methods)

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  1. सहवास के दौरान लेटेक्स कान्डोम्स पहने जाते हैं। ये शुक्राणुओं को फर्टाइल एग्स के सम्पर्क में आने से रोक कर प्रेग्नेंसी को रोकते हैं। अकसर कान्डोम्स हेल्थ क्लिनिक्स पर मुफ्त में मिलते हैं तथा ड्रग स्टोर या ग्रोसरी स्टोर पर बेहद सस्ते दामों में मिलते हैं।
    • कान्डोम्स का प्रेग्नेंसी रोकने के अलावा एक और भी फायदा है और वो है दोनो व्यक्तियों की सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड बीमारियों से सुरक्षा।
    • कान्डोम्स बेहद पतले लेटेक्स से बने होते हैं इसलिये कभी-कभी सहवास के दौरान फट जाते हैं। जब ऐसा होता है तो प्रेग्नेंसी की सम्भावना बढ़ जाती है। [१]
    • कुछ लोगों को लेटेक्स-कान्डोम्स से एलर्जी होती है इसलिये वे प्लास्टिक से बने कान्डोम्स को चुनते हैं।
  2. लेटेक्स से ही बने हुए फीमेल कान्डोम्स रिंग की आकृति के होते है जिससे एक थैली जुड़ी हुई होती है। ये थैली, महिला के गुप्तांग मे इस तरह से फिट हो जाती है कि रिंग वाला भाग बाहर रहता है ताकि कान्डोम को भीतर सरकने से रोक सके। सहवास के दौरान निकले शुक्राणुओं को यह अपने अंदर एकत्रित कर लेता है जिससे इनको महिला के शरीर में प्रवेश करने का कोई मौका नहीं मिलता है। फीमेल कान्डोम्स भी सस्ते होते हैं और ड्रग स्टोर्स पर उपलब्ध होते हैं।
    • फीमेल कान्डोम्स, महिलाओं में सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज के खतरे को कम कर देते हैं क्योंकि ये वेजाइना को किसी के भी सीधे सम्पर्क में आने नहीं देते हैं।
    • फीमेल कान्डोम्स रेगुलर कान्डोम्स की तुलना में कम प्रभावी होते हैं तथा कुछ लोग इसे प्रयोग के लिये कम सुविधाजनक मानते हैं। [२]
  3. ये सिलिकॉन से बने हुए छिछले कप होते हैं जिन्हें वीर्य को अण्डे के सम्पर्क में आने से रोकने के लिये, वेजाइना के रास्ते अंदर डालकर, सर्विक्स के उपर लगा दिया जाता है। प्रभाविता बढ़ाने के लिये आमतौर पर डायाफ्राम्स को स्पर्मिसाइडल जेली, जो शुक्राणुओं को कहीं भी जाने नहीं देता है, के साथ प्रयोग किया जाता है।
    • चूंकि हर महिला के शरीर की आकृति थोड़ी बहुत भिन्न होती है इसलिये एकदम सही साइज़ का डायाफ्राम प्रयोग करना चाहिये ताकि वह एकदम फिट बैठ जाये। अपने गायनेकोलाजिस्ट या हेल्थ क्लिनिक वर्कर से डायाफ्राम फिटिंग के बारे मे जानकारी प्राप्त करें।
    • डायाफ्राम्स वैसे तो बहुत ही प्रभावी होते हैं लेकिन यह एस.टी.डी (STD) के संचारण को नहीं रोक पाता है। [३]
विधि 2
विधि 2 का 5:

हार्मोनल बर्थ कंट्रोल (Hormonal Birth Control)

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  1. बर्थ कंट्रोल पिल्स (जिसे शार्ट में द पिल कहते हैं) में सिंथेटिक एस्ट्रोजेन (synthetic estrogen) तथा प्रोजेस्टिन हार्मोन्स (progestin hormones) होते हैं जो महिलाओं के अण्डों को ओवरी से बाहर नहीं आने देते हैं ताकि प्रेग्नेंसी न हो सके। [४] जब ये उचित तरीके से लिये जाते हैं तो बेहद प्रभावी होते हैं। कंट्रासेप्टिव पिल्स (Contraceptive pills) गायनेकोलाजिस्ट या हेल्थ केयर प्रोवाइडर के पर्चे द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।
    • उचित रूप से कार्य करने के लिये इन पिल्स को प्रतिदिन एक ही समय पर लेना चाहिये। बीच-बीच में छोड़ देने से इनका प्रभाव घट जाता है।
    • पिल्स के कारण कुछ महिलायें साइड इफेक्ट्स का अनुभव करती हैं। चूंकि अलग-अलग ब्रान्ड्स के पिल्स में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन का स्तर अलग-अलग होता है इसलिय्र यदि एक पिल से आपको हानिकारक साइड इफेक्ट्स हो रहे हों तो आपका डॉक्टर किसी दूसरे ब्रान्ड के पिल को प्रेस्क्राइब कर सकता है। [५]
  2. जो हार्मोन्स आपके बर्थ कंट्रोल पिल्स को प्रभावी बनाते हैं उन्हे आपके शरीर में अन्य तरीकों से भी पहुंचाया जा सकता है। यदि आप रोज पिल्स नहीं लेना चाहती हैं तो इन विकल्पों पर विचार करें:
  3. इंट्रा-युटेराइन डिवाइसेज (IUDs)। इंट्रा-युटेराइन डिवाइस एक छोटा सा मेटल डिवाइस होता है जिसे किसी हेल्थ केयर प्रोवाइडर द्वारा यूटेरस में डाला जाता है। एक प्रकार का IUD, हार्मोन्स को रिलीज करके कार्य करता है जबकि दूसरे प्रकार का IUD कॉपर का बना हुआ होता है और शुक्राणुओं को एक जगह पर रोके रखता है ताकि वो किसी भी अण्डे को फर्टिलाइज न कर सके। [८]
    • IUDs काफी महंगे होते हैं परेंतु बेहद प्रभावी होते हैं और लगभग 12 वर्षों तक कारगर रहते हैं।
    • यदि आप अपने माहवारी के अनियमित हो जाने को लेकर ज्यादा चिंतित हों तो आप कापर IUD के बारे में विचार करें जो न तो किसी हार्मोन के साथ छेड़-छाड़ करता है और न ही बर्थ कंट्रोल सम्बंधित किसी भी साइड इफेक्ट का कारण बनता है
विधि 3
विधि 3 का 5:

व्यवहार के तरीके (Behavioral Methods)

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  1. यदि वेजाइनल सहवास न किया जाय तो पुरुष के वीर्य का महिला के अण्डों से सम्पर्क ही नहीं हो पायेगा। उपरोक्त संयम बरतना प्रेग्नेंसी रोकने का 100% सुरक्षित तरीका है बशर्ते कि इसे लगातार किया जाये।
    • बहुत से लोग सेक्स्युअल कान्टैक्ट न करने को ही संयम कहते हैं परंतु प्रेग्नेंसी रोकने के लिये केवल वेजाइनल सहवास न करना ही वास्तविक संयम है।
    • संयम बरतने के लिये बहुत मजबूत इरादों (strong willpower) की आवश्यकता होती है साथ ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके लिये बहुत लम्बे समय तक बर्थ कंट्रोल की विधियों पर भरोसा करना मुश्किल होता है।
    • इसलिये एक बार यदि संयम का बाँध टूट जाये तो किसी अन्य बर्थ कंट्रोल की विधि का उपलब्ध होना महत्वपूर्ण हो जाता है।
  2. इसे प्राकृतिक परिवार नियोजन भी कहते हैं तथा इस विधि में सिर्फ इतना ही संयम बरतना होता है कि मासिक चक्र के उन्हीं दिनों में पुरुष द्वारा सहवास किया जाये जिन दिनों में महिला फर्टाइल नहीं होती है। इसका अर्थ होता है कि जिन दिनों मे प्रेग्नेंसी की सम्भावना हो उन दिनों में संयम बरता जाये यानि असुरक्षित सहवास न किया जाये। फर्टिलिटी अवेयरनेस को प्रभावी बनाने के लिये ये आवश्यक होता है कि पुरुष अपने महिला साथी के फर्टिलिटी अवधि को समझे और उसका सम्मान करे।
विधि 4
विधि 4 का 5:

सर्जिकल विधियां

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  1. इसे ट्यूबल लिगेशन कहते हैं जिसके अंतर्गत सर्जरी के द्वारा फैलोपियन ट्यूब को बंद कर दिया जाता है ताकि प्रेग्नेंसी की कोइ सम्भावना ही न रहे। प्रेग्नेंसी रोकने के लिये यह विधि अत्यंत प्रभावकारी है परंतु इसे हलके में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि इसे रिवर्स करना असम्भव होता है।
  2. पुरुष यदि चाहे तो वासेक्टोमी करवा सकता है जिसके तहत उसका वास-डिफरेंशिया (vas- deferentia) ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि शुकाणु बह कर वीर्य से मिश्रित न हो सके। [९] इस विधि के बाद जब पुरुष स्खलित होता है तब उसके वीर्य में शुक्राणु नहीं होते हैं जिसके कारण उसके द्वारा किसी भी महिला को प्रेग्नेंट करना असम्भव हो जाता है। कुछ मामलों में वासेक्टोमी को रिवर्स किया जा सकता है परंतु वासेक्टोमी तभी करवाना चाहिये जब आप स्थाई रूप से स्टेरिलाइज होना चाहते हों।
विधि 5
विधि 5 का 5:

सहवास के बाद प्रेग्नेंसी को रोकना

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  1. इसे प्लान बी भी कहा जाता है जिसमें आपको सहवास के तुरंत बाद दो गोलियां जिनमें levonorgestrel हो उसे लेना पड़ता है। [१०] जितनी जल्दी ली जायेंगी, ये गोलियाँ प्रेग्नेंसी को रोकने में उतना ही अधिक प्रभावी होंगी।
    • इमर्जेंसी कन्ट्रासेप्शन अधिकांश फार्मेसी में उपलब्ध होता है और इसे हेल्थ प्रोवाइडर से भी प्राप्त किया जा सकता है।
    • इमर्जेंसी कन्ट्रासेप्शन को, नियमित रूप से लिये जा रहे बर्थ कन्ट्रोल के रिप्लेसमेण्ट के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिये बल्कि इसे असुरक्षित सहवास के तुरंत बाद अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिये।

चेतावनी

  • कुछ विधियां अन्य की तुलना में कम विश्वसनीय होती हैं। इसलिये बर्थ-कंट्रोल की किसी भी विधि का चयन करने से पहले ज्यादा से ज्यादा रिसर्च कर लें।

विकीहाउ के बारे में

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