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लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जिसे आमतौर पर लेप्रोस्कोपी कहा जाता है, एक ऐसा डायग्नोस्टिक प्रोसीजर होता है जिसमे डॉक्टर लेप्रोस्कोप के ज़रिये आपके पेट के ऑर्गन को एक्सामिन करते हैं | लेप्रोस्कोप एक बेलनाकार उपकरण होता है जिसके सिरे पर एक छोटा सा विडियो कैमरा लगा होता है | इसके लिए, डॉक्टर आपके पेट में एक चीरा (incision) लगाते हैं जिसमे से लेप्रोस्कोप को अंदर डाला जाता है और पेट में कार्बनडाईऑक्साइड गैस भर दी जाती है और बुरी बात यह है कि इस गैस के कारण सर्जरी के बाद कब्ज़, गैस, ब्लोटिंग और परेशानी होती है | लेकिन यहाँ अच्छी खबर यह है कि इस लेख में ऐसे कई तरीके बताये जा रहे हैं जिनसे आप इस परेशानी को ठीक कर सकते हैं, इनमे कई तरह की घरेलू दवाएं, मेडिकेशन और सही खान-पान शामिल है |

विधि 1
विधि 1 का 3:

सर्जरी के बाद गैस पास करें

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  1. अपनी आँतों की गतिशीलता को बढाने के लिए हलकी-फुलकी धीमी गति की वॉक करें: अपने घर के आसपास 15 मिनट की वॉक करें लेकिन ऐसा तभी करें जब आप इस लेवल की एक्टिविटी करने में कम्फ़र्टेबल फील करें | वॉकिंग से आँतों की मसल्स काम करने लगती हैं जिससे कब्ज़, ब्लोटिंग और पेट फूलने की समस्या में आराम मिलता है |
    • सर्जरी के बाद कम से कम कुछ दिन तक वॉकिंग के अलावा कोई भी बहुत ज्यादा मेहनत वाली फिजिकल एक्टिविटी न करें |
  2. पैर ऊपर उठाने वाली (leg-raising) एक्सरसाइज करने से गैस पास करने में मदद मिलती है: पीठ के बल लेट जाएँ और अपने घुटनों के नीचे तकिया रखें | अब, धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को घुटने मोड़ते हुए पेट की ओर ऊपर उठायें और 10 सेकंड तक ऐसे ही रहें | अब 10 सेकंड बाद पैर नीचे लायें और बायें पैर से भी ऐसे ही एक्सरसाइज को रिपीट करें | [१]
    • इस तरह से पैर ऊपर उठाने से पेट की मसल्स में संकोच और फैलाव होता है जिससे गैस को डाइजेस्टिव सिस्टम से बाहर निकालने में मदद मिलती है |
    • परेशानी ख़त्म होने तक इस एक्सरसाइज को दिन में दो से तीन बार तक रिपीट करते रहें |
  3. ऐसी दवाओं का इस्तेमाल करें जो विशेषरूप से शरीर से गैस के बुलबुलों को बाहर निकालने या आसानी से गैस पास कराने के लिए ही बनायीं जाती हैं | ध्यान रखें कि कोई भी दवा खुद लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें | [२]
    • गस पास कराने वाली कुछ दवाओं के नाम हैं-सिमेथिकोन ( Simethicone) और कोलेस (Colace) | आप इन दवाओं को किसी भी मेडिकल स्टोर या फार्मेसी से खरीद सकते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

परेशानी से निजात पायें

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  1. पेट की मसाज करने या मलने से गैस की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है: अपने बाएं हाथ की हथेली से एक मुट्ठी बनायें और हलके दबाव के साथ अपने पेट के दाहिने साइड मुट्ठी के पोरों से दबाएँ | अब, हाथों को मोड़कर छाती और पेट की ओर लायें और फिर हाथों को पेट के बायीं साइड नीचे लायें | [३]
    • इस तरह की मसाज से पैर की मसल्स को रिलैक्स करने और आँतों की एक्टिविटी को बढाने में मदद मिलती है |
    • ध्यान रखें कि पेट की मसाज करते समय बहुत ज्यादा प्रेशर नहीं लगाना है अन्यथा पहले से भी ज्यादा परेशानी बढ़ सकती है |
  2. गैस के दर्द में आराम पाने के लिए पेट पर गर्म सेंक लगायें: एक टॉवल में हीट पैक को लपेटें जिससे यह आपकी स्किन पर डायरेक्टली न लगे | हीट पैक को डायरेक्ट स्किन पर लगाने से सुन्नपन आ सकता है और माइनर इंजरी भी हो सकती है | [४]
    • याद रखें, हीट पैक लगाने से गैस के दर्द में आराम मिलेगा लेकिन इससे सर्जरी के बाद होने वाली सूजन बढ़ सकती है |
    • पेट की मसल्स को स्टीमुलेट करने के लिए जरूरत पड़ने पर हीट पैक से सेंक कर सकते हैं | लेकिन, एक बार में 20 मिनट से ज्यादा गर्म सेंक न करें और शरीर को वापस ठंडा होने दें इसलिए दो सेंक के बीच कम से कम 20 मिनट का गैप रखें |
  3. विशेषरूप से अगर सर्जरी के बाद आपक कंधे में दर्द बना रहता है तो आपके डॉक्टर आपको खासतौर पर दर्द कम करने वाली दवाएं दे सकते हैं | डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दर्दनिवारक दवा न लें क्योंकि कुछ पैन रिलीवर दवाओं के कारण कब्ज़ हो सकता है | [५]
    • कुछ दर्द निवारक दवाओं के कारण मितली भी हो जाती है इसलिए अगर आपको मितली फील हो तो डॉक्टर को बताये और उनसे दवा बदलने के लिए कहें |
    • दवाओं के कारण होने वाले कब्ज से बचने के लिए खूब पानी पियें और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां खाएं |
    • ध्यान रखें, कुछ दर्दनिवारक दवाएं गैस को और भी ज्यादा बढ़ा सकती हैं और इनसे पेट साफ़ होने में ज्यादा समय लग सकता है |
  4. ढीले, आरामदायक कपडे पहनें जिनसे पेट पर दबाव न पड़े: सर्जरी के बाद शुरूआती एक या दो सप्ताह तक या कब्ज़ और गैस से मुक्ति मिलने तक ऐसे कपडे पहनें जिनमे कमर पर इलास्टिक बैंड न हो | अगर हो सके तो अपने नार्मल साइज़ से थोड़े बड़े कपडे पहनें जिससे वे आपके पेट पर टाइट फील न हों | [६]
    • सर्जरी के कुछ सप्ताह बाद तक पहनने के लिए पुलोवर ड्रेस और पजामा जैसे कपडे सबसे बेहतर होते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

सर्जरी के बाद का खान-पान

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  1. अगर डॉक्टर अनुमति दें तो थोड़ी गर्म पेपरमिंट टी की चुस्कियां लें: गर्म पेपरमिंट टी को उसके गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल एक्टिविटी बढाने और गैस के कारण होने वाले पेट दर्द को ठीक करने वाली चाय के रूप में जाना जाता है | लेकिन, इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लें |
    • ज्यादा गेस्ट्रोइंटेसटाइनल मोटिलिटी के लिए स्मूद मूव टी जैसी नेचुरल प्रॉपर्टीज वाली कोई चाय भी पियें |
  2. रिकवरी की गति तेज़ करने के लिए सर्जरी के बाद च्युइंग गम चबाएं: गर्म चाय पीने के समान हो कुछ ऐसी रिसर्च के प्रमाण भी हैं कि सर्जरी के बाद च्युइंग गम चबाने लेप्रोस्कोपी के बाद अनुभव किया जा रहा कब्ज़ कम हो जाता है | च्युइंग गम के अनपेक्षित लाभ पाने के लिए सर्जरी के बाद हर दो घंटे में 15 मिनट तक च्युइंग गम चबाए | [७]
    • इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किस फ्लेवर की च्युइंग गम खाई है बल्कि इसे चबाने की प्रक्रिया ही मुख्य होती है |
    • ध्यान रखें कि चबाते समय आपका मुंह बंद हो और आप उस समय बात न करें | अन्यथा, आप ज्यादा हवा निगल लेंगे और गैस और बढ़ जाएगी | [८]
  3. सर्जरी के बाद एक से दो दिन तक कार्बोनेटेड ड्रिंक न लें: कार्बोनेटेड ड्रिंक पीने से लेप्रोस्कोपी के दौरान इस्तेमाल की गयी कार्बनडाइऑक्साइड से होने वाला दर्द और बढ़ सकता है | इस तरह के गैस वाले पेय न पीने से भी सर्जरी के बाद अनुभव होने वाली मितली को कम करने में मदद मिल सकती है | [९]
    • हालाँकि आपको सर्जरी के बाद कम से कम दो सप्ताह के लिए निश्चित तौर पर कोई कार्बोनेटेड ड्रिंक नहीं लेनी चाहिए लेकिन अपनी कंडीशन के आधार पर लम्बे समय तक इनसे दूरी बनाये रखने के बारे में डॉक्टर से सलाह लें |
  4. स्ट्रॉ से कोई भी लिक्विड पीने से आप अनावश्यक रूप से ज्यादा हवा निगल लेते हैं जिससे पीड़ादायक एयर बबल आपकी आँतों में पहुँच जाते हैं | सर्जरी के बाद या पेट दर्द बंद होने तक केवल खुले मुंह वाले कंटेनर से ही तरल पियें | [१०]
  5. सर्जरी के बाद पहले सप्ताह में अपनी डाइट में लिक्विड और सॉफ्ट फ़ूड ही लें: ये फूड्स पचने में आसान होते हैं और आसानी से निगले जा सकते हैं | पहले सप्ताह के बाद, धीरे-धीरे ज्यादा से ज्यादा सॉफ्ट फूड्स को अगले 4 से 6 सप्ताह में अपनी डाइट में शामिल करें | [११]
    • पहले सप्ताह में खाने और पीने के लिए आइडियल फूड्स हैं- ब्रोथ्स, सूप्स, मिल्कशेक, पुडिंग, पतली खिचड़ी और उबला मैश आलू |
    • पचने में गरिष्ठ फूड्स लेने से बचें जैसे, सख्त ब्रेड, कठोर मीत, कच्ची सब्जियां और नट्स |

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