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पैरों के नाखूनों में होने वाला फंगल इन्फेक्शन, जिसे मेडिकल भाषा में "Onychomycosis" के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही पेनफुल (painful) और मुश्किल से ठीक होने वाली स्थिति है | शायद ये इलाज सबके लिए काम ना करे लेकिन सिरके (vinegar) से हल्के या नार्मल फंगल इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है | इसके साथ-साथ आपको प्रभावित क्षेत्र की अच्छे से देखभाल करनी होगी | लेकिन अगर आप फंगल इन्फेक्शन को लेकर कंफ्यूज (confuse) है या आपका इन्फेक्शन बिगड़ रहा है या फिर आपको डायबिटीज (diabetes) है तो देर ना करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें |

विधि 1
विधि 1 का 3:

नाखूनों की फंगस का इलाज है सिरका (Vinegar for Nail Fungus)

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  1. आपको इन बातों की कोई फ़िक्र नहीं करनी कि किस तरह का सिरका हो या फिर उसका ब्रांड (brand) क्या होना चाहिए | सिरके में होने वाला pH का स्तर ही वह एक्टिव कंपाउंड (active compound) होता है जो पैर के नाखूनों में होने वाले फंगल इन्फेक्शन का जड़ से खात्मा करता है | [१]

    वेरिएशन: आप ऐसा भी कर सकते हैं कि एक दिन सिरके का इस्तेमाल करें तो दूसरे दिन 2 प्रतिशत हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide) का। [२]

  2. घरेलू उपचार हो या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए इलाज, सबसे पहले जरुरी है प्रभावित क्षेत्र को साफ़ और सूखा रखना | जब आप बढे हुए नाखूनों को काटते हैं या उन्हें उनका सही आकार देतें हैं तो दवाई या फिर उस पर किया इलाज प्रॉब्लम की जड़ तक पहुँचता है |
    • नाखूनों को छोटा करने से दर्द और असहजता (discomfort) दोनों ही कम होते हैं |
    • ध्यान रहे कि कहीं आप नाख़ून को इतना भी छोटा न काट दें कि ये आपको एक और मुश्किल में डाल दे जैसे कि इनग्रोन नेल (ingrown nail)
    • इस विधि को करने के बाद हमेशा नेल कटर और नेल फाइल को अच्छे से साफ़ करें |
  3. गर्म पानी और सिरके को बराबर मात्रा में मिलाएं | प्रभावित पैर को दिन में कम से कम 2 बार इस मिश्रण में डालें | याद रहे इस प्रक्रिया की अवधि 30 मिनट से ज्यादा न हो |
    • सिरके को सीधे ही प्रभावित क्षेत्र पर लगाने की कोशिश करें |
    • सिरके को इन्फेक्शन पर जितना ज्यादा लगाएंगे उतनी ही जल्दी ठीक होगा |
    • आपको एक से दो हफ़्तों के बीच में ही फर्क नज़र आएगा |
  4. जब आप जुराबें या जूतें पहनने से पहले अपने नाखूनों को सुखाते हैं तो आप इन्फेक्शन को अपने नाखूनों में घर बनाने से रोकते हैं | याद रहे जहां नमी होगी वहां फंगल इन्फेक्शन होगा | तो उस जगह को सूखा रखने की पूरी कोशिश करें ताकि इन्फेक्शन आस-पास के नाखूनों तक न फैलें |
    • हमेशा कोशिश करें कि आपके पैर साफ़ और सूखें रहें |
    • गर्मी, नमी, पसीना इत्यादि फंगल इन्फेक्शन को आमंत्रण देतें हैं |
  5. पैर और नाख़ून को स्वस्थ और साफ़ रखने के लिए जो बन पड़े करें: अपने नाखूनों को बराबर और छोटे करें | स्क्रेपर (Scrapper) को किसी और नाख़ून पर इस्तेमाल न करें क्योंकि ऐसा करने से फंगल इन्फेक्शन बाकी नाखूनों में फ़ैल सकता हैं | [३] बदलाव पर नज़र रखें कि क्या आपका इलाज काम कर रहा हैं या नहीं
  6. थोड़ा सब्र रखें क्योंकि इस तरह की समस्या ठीक होने में समय लगाती है: बस अपने धैर्य और सूझ-बूझ के हथियार साथ रखें, फंगल इन्फेक्शन से लड़ाई आप अपने आप ही जीत जाएंगे | नियमित रूप से इलाज करें और जल्द ही फर्क देखें | [५]
    • नाख़ून धीरे-धीरे उगते हैं उसी तरह इलाज भी धीरे-धीरे ही काम करता है |
    • ठीक होने के बाद भी फंगल इन्फेक्शन वापिस आ सकता है | तो निश्चिन्त न हो जाएँ कि अब फंगल इन्फेक्शन ठीक हो गया है | पैरों को हर दम साफ़ और स्वस्थ रखना बेहद जरूरी हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

नाख़ून के फंगल इन्फेक्शन से बचाव

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  1. पैरों को साफ़ रखना और उनकी देखभाल करना अति आवश्यक हैं: जब आप अपने पैरों का ध्यान रखते हैं तो आप फंगल इन्फेक्शन से कोसो दूर हो जाते हैं | थोड़ा सा ध्यान, जरा सी देखभाल और सतर्कता से आप नाखूनों के इन्फेक्शन को होने ही नहीं देते | [६]
    • कुछ आसान बचाव के तरीकों को अपनाकर आप फंगल इन्फेक्शन को अपने पास आने ही नहीं देतें |
    • घर से बाहर सैंडल या फ्लिप-फ्लॉप पहनें | नंगे पैर कभी न चलें |
    • हर रोज अपने पैरों को धोयें और साफ़ रखें |
  2. अपने पैरों को सूखा और किसी भी तरह की नमी से दूर रखें: जुराबों और जूतों से होने वाली नमी और गर्मी, पसीने को लाती हैं और ज्यादा पसीना आने से फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है | ऐसे जूतें या जुराबें पहनें जिसमे आपके पैर सांस लें सकें यानी ज्यादा तंग माहौल पैरों को नुक़सान पहुंचाता हैं | इस बात पर भी विशेष ध्यान दें कि आपकी जुराबें साफ़-सुथरी हो क्योंकि ये फफूँदी संबधी समस्याओं को जन्म देती हैं | [७]
    • ध्यान रहे कि आपके जूतें ज्यादा तंग न हो और आपके पैरों की उँगलियों को पूरी जगह मिले |
    • उन जूतों को तुरंत फेंक दें जिन्हे इन्फेक्शन के दौरान पहना गया था |
  3. अगर आप फंगल इन्फेक्शन पर ध्यान नहीं देतें तो इसका बाकी नाखूनों पर फैलने का खतरा हमेशा बना रहता हैं | इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है | जितना जल्दी हो सकें इसके फैलाव को रोकने की कोशिश करें |
    • सामान्य एथलिट फुट को दवायें खाकर या एंटी-फंगल मरहम लगाकर ठीक किया जा सकता है | [८]
    • गंभीर स्थितियों में डॉक्टर द्वारा सुझाया इलाज ही सबसे सही विकल्प है |
    • अपने डॉक्टर से पूछें कि आपके लिए क्या सही है |
  4. अपने नाख़ून हमेशा छोटे और सही आकार में रखें | कोशिश करें कि संक्रमित नाख़ून और स्वस्थ नाखूनों के लिए अलग-अलग नेल कटर का इस्तेमाल हो | नाख़ून काटने के लिए एक ही नेल कटर का यूज़ करने से इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता है | [९]
    • अपने नेल फाइलर और नेल कटर का यूज़ करने के बाद उन्हें अच्छे से साफ़ और स्टर्लाइज़ (Sterilize) करें

    टिप: अपने नाखूनों को ट्रिम करने से उनमे अन्य समस्याएं जैसे टूटना और पपड़ी उतरना से बचाव रहता हैं ।

विधि 3
विधि 3 का 3:

डॉक्टर को दिखाना कब है जरुरी

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  1. अगर आप इन्फेक्शन को लेकर कंफ्यूज है तो अपने डॉक्टर को संपर्क करें: शुरुआत में नाख़ून के फंगल इन्फेक्शन का पता लगाना जरा मुश्किल हो जाता है क्योंकि इसके लक्षण कई और परिस्थितियों से मेल खाते हैं | और अगर पैर के नाखूनों के फंगस का शुरूआती दौर में ही इलाज कर लिया जाएँ तो आप स्थिति को समय रहते संभाल सकते है | तुरंत सही इलाज के लिए और अपने सभी सवालों के जवाब के लिए अपने डॉक्टर से मिलें | [१०] पैर के नाख़ून में फंगस होने के लक्षण इस प्रकार से होते हैं: [११]
    • नाखून का भंगुर होना
    • नाखून के आकार में बदलाव
    • नाखून का कोनों से टूटना या बिखरना
    • नाखून के अंदर मलबा आना
    • नाखून का ढीला या ऊपर की ओर निकलना
    • नाखूनों की चमक खोना
    • नाखून का मोटा होना
    • पीलापन या सफ़ेद धारियाँ आना
  2. अगर आपके घरेलू नुस्खें काम नहीं आ रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं: नाखून के फंगल इन्फेक्शन का इलाज तब तक होता हैं जब तक इन्फेक्शन जड़ से खत्म न हो जाएँ | अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपके पैर का नाखून क्षतिग्रस्त हो सकता है या फिर और बुरा इन्फेक्शन हो सकता है | अगर आप सिरके या अन्य घरेलु नुस्खों से फंगल इन्फेक्शन का इलाज कर रहे हैं और 2 हफ्ते के बाद भी आपको फर्क नज़र नहीं आता तो आपको डॉक्टर को दिखाने की जरुरत है | [१२]
    • आपको और स्ट्रांग ट्रीटमेंट (Strong treatment) की जरुरत हो सकती है जैसे एंटी-फंगल क्रीम (anti-fungal cream) |
  3. अगर नाखून मोटा, बेरंग या विकृत हो गया है तो बिना देर किये आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए: ये सभी लक्षण बताते हैं कि आपका फंगल इन्फेक्शन बिगड़ रहा है | आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है | ऐसा भी सकता है कि आपको किसी और समस्या के शिकार हो जिसकी वजह से ये सही लक्षण सामने आ रहे हो | या फिर आपको स्ट्रांग ट्रीटमेंट की जरुरत हो | [१३]

    टिप: याद रखें आपके पैर के नाखून फंगस की वजह से कई और इन्फेक्शन को बुलावा देतें हैं । ज्यादातर ये उन लोगों में देखा जाता हैं जिनका इम्यून सिस्टम (Immune system) कमजोर होता हैं । अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया गया तो इन्फेक्शन फैलने का डर रहता है।

  4. अगर आपको फंगल इन्फेक्शन के साथ-साथ डायबिटीज़ (Diabetes) की समस्या भी है तो अपने डॉक्टर को जरूर संपर्क करें: डायबिटीज़ की वजह से पैरों में सर्कुलेशन ठीक नहीं रहता जिसके चलते आपके पैरों में इन्फेक्शन होने की संभावना ज्यादा रहती है | दुर्भाग्यवश अगर इसका जल्द से जल्द इलाज नहीं कराया गया तो एक नार्मल सा दिखने वाला फंगस इन्फेक्शन किसी बड़ी समस्या का रूप ले लेता है | लेकिन अगर आप समय रहते डॉक्टर से अपने पैरों के नाखूनों की जांच करवाएं तो समस्या का समाधान निकल सकता है | [१४]
    • अगर इसे नज़रअंदाज़ किया गया तो ये फंगल इन्फेक्शन बैक्टीरियल इन्फेक्शन में बदल सकता है या फिर ऐसी छाले का रूप ले सकता जो कभी ठीक ना हो पाएं | इसीलिए हमारी सलाह है कि जैसे ही आपको फंगल इन्फेक्शन होने का अंदेशा हो अपने डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं | [१५]
  5. अपने डॉक्टर से स्ट्रांग ट्रीटमेंट देने के लिए कहें: अगर घरेलु नुस्खें काम नहीं कर रहे तो आपके डॉक्टर आपको थोड़ी स्ट्रांग दवाइयां लेने की सलाह देंगे | वे ट्रीटमेंट के सभी विकल्पों के बारें में जानकारी देंगे और आपको बेस्ट ट्रीटमेंट बताएँगे | डॉक्टर द्वारा सुझाएँ इलाज कुछ इस तरह से हो सकते हैं: [१६]
    • ओरल एंटीफंगल दवाइयां आपके शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं |
    • एंटीफंगल क्रीम फंगस से लड़ने की क्षमता रखती है | डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे आपको दिन में एक से दो बार लगाना होगा |
    • मेडिकेटिड नेल पोलिश फंगल इन्फेक्शन का खात्मा करने के लिए इसका इस्तेमाल रोजाना किया जा सकता है | प्रतिदिन एक नया नेल पोलिश कोट लगाएं | हफ्ते में एक बार, अल्कोहल कॉटन स्वैब (Alcohol cotton swab) का इस्तेमाल कर सारी जमी हुई परतों को निकाल लें | इस विधि को हफ्ते में तब तक दोहराएं जब तक इन्फेक्शन खत्म न हो जाएँ |
    • बहुत ही कम अवस्थाओं में डॉक्टर सर्जरी करने की सलाह देतें हैं अगर दर्द असहनीय हो जाएँ या कोई भी दवा काम न करें तो नाख़ून को जड़ से निकाल दिया जाता हैं | पर ऐसा बहुत ही कम होता है |

सलाह

  • एक नए और स्वस्थ नाख़ून को आने में कई महीनें लग सकते है | सिरके का इस्तेमाल करते रहें जब तक ऐसा नहीं होता |
  • नाख़ून की फंगस पर किसी नेल पोलिश या अन्य चीज़ का प्रयोग न करें | [१७]

चेतावनी

  • अगर आपको गंभीर फंगल इन्फेक्शन है तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएँ |

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • किसी भी तरह या किसी भी ब्रांड का सिरका (Vinegar)
  • नेल फाइल और नेल कटर

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