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ऐसे कई तरह के फूड्स, सप्लीमेंट और लाइफस्टाइल चेंजेस होते हैं जिनके इस्तेमाल से आप अपने इजेकुलेशन की मात्रा बढ़ा सकते हैं | मुख्य बात यह है कि इसे अपने सफलता के चांसेस बढाने के लिए कई अलग-अलग तरह की विधियाँ आजमाते रहें |

विधि 1
विधि 1 का 3:

इजेकुलेशन बढाने का क्विक और आसान तरीका

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  1. ओर्गास्म के दौरान रिलीज़ होने वाले वीर्य या सीमेन की मात्रा आपके द्वारा ग्रहण की गयी तरल की मात्रा पर निर्भर करती है | इसीलिए सीमेन वॉटर-बेस्ड होता है और यह एक ऐसा तरल है जो स्पर्म को लुब्रिकेट रखने में मदद करता है | हमारे शरीर को उचित तरीके से काम करने के लिए हर दिन दो से तीन लीटर पानी की जरूरत होती है | [१] इसीलिए ज्यादा तरल पीने से इजेकुलेशन बढ़ जायेगा |
    • अगर आपको काम के बाद और काम शुरू करने से थोड़े पहले अल्कोहल लेने में आनंद आता है तो समझ जाएँ कि आप अपने एजेकुलेट का विघटन कर रहे हैं | चूँकि अल्कोहल से शरीर डिहाइड्रेट होता है और इससे शरीर में नमी बहुत कम रह जाती है और शरीर एक निर्जन वॉटर पार्क बनकर रह जाता है | शरीर को डिहाइड्रेटेड करने के अलावा, अल्कोहल से स्पर्म काउंट कम होता है और स्पर्म की क्वालिटी भी प्रभावित हो जाती है |
  2. आपके टेस्टीज या वृषण किसी टुंड्रा क्षेत्र (बर्फीले निर्जन एरिया) में उगने वाले फूल की तरह काफी नाजुक होते हैं | ये इतने नाजुक होते हैं कि अत्यधिक गर्मी के सम्पर्क में आने पर मुरझा जाते हैं या कमज़ोर हो जाते हैं | [२] [३] इससे हमरे युवाओं के एक ज्वलंत सवाल का जबाव मिल सकता है कि वृषण शरीर से बाहर क्यों होते हैं? बल्कि, वृषण शरीर के अंदर रहने की बजाय बाहर रहते हैं क्योंकि उन्हें 98.6 डिग्री फेरेंहाइट से भी कम तापमान की जरूरत होती है जबकि यह शरीर की गर्मी को रेगुलेट करने का सामान्य तापमान होता है |
    • प्रैक्टिकली, इसका क्या मतलब है? क्या आप किसी गर्म सीट पर बैठकर चार में लम्बी ड्राइव पर जाना चाहेंगे या सॉना/स्टीम वाले कमरे में काफी देर तक बैठ सकते हैं या अपने ही हॉट टब वाली टाइम मशीन में बैठकर सैर कर सकते है...नहीं न | ऐसा करके अपने छोटे-छोटे वृष्ण का बलिदान करने में कोई बुद्धिमानी नहीं होती |
  3. सीमेन और स्पर्म के लिए आदर्श तापमान शरीर के नॉर्मल टेम्परेचर से थोडा कम होता है | टाइट अंडरवियर से स्क्रोटल टेम्परेचर बढ़ जाता है जिससे स्पर्म और सीमेन लेवल में कमी आ जाती है |
  4. इस तरह का पोस्चर भी स्पर्म और सीमेन के वॉल्यूम को बहुत प्रभावित करता है | स्क्रोटल एरिया पर शरीर की गर्मी का दबाब पड़ने से वहां का तापमान नॉर्मल से ज्यादा होने की रिस्क बढ़ जाती है | यही से रेड अलर्ट शुरू होता है |
  5. आपका शरीर आश्चर्जनक रेट से प्रति सेकंड 1500 या उससे भी ज्यादा स्पर्म प्रोड्यूस करता है | [४] एक दिन में 130 से 200 मिलियन स्पर्म सेल्स बन सकती हैं | [५] लेकिन, फिर भी जब भी आपको ओर्गास्म होता है, इनका लगभग आधा हिस्सा ख़त्म हो जाता है | इसलिए अपनी स्पर्म की फ़ौज का साइज़ बढाने के लिए थोडा इंतज़ार करें |
    • एक या दो दिन ओर्गास्म से परहेज करने पर यह क्षतिपूर्ति हो जाती है, बल्कि शरीर में फिर से स्पर्म सेल्स बन जाती हैं | एक या दो दिन के अलावा स्पर्म रिज़र्व रखी चीज़ों की तरह सिर्फ बैठे रहते हैं या पुराने हो जाते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

डाइट और सप्लीमेंट से इजेकुलेशन बढायें

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  1. जिंक एक ऐसा जरुरी मिनरल है जो सेलुलर मेटाबोलिज्म के कई फैक्टर्स में महत्वपूर्ण रोल निभाता है | [६] एक स्टडी के अनुसार, इसी के साथ फोलिक एसिड लेने से फर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे पुरुषों में 74% स्पर्म काउंट बढ़ गया था | [७]
    • अब आप पूछेंगे कि हर दिन कितना जिंक और फोलिक एसिड लेना चाहिए? 1 मिलीग्राम फोलिक एसिड और 15 मिलीग्राम जिंक लेने की सिफारिश की जाती है |
    • हमेशा याद रखें कि जिंक को फोलिक एसिड के साथ में ही लें | इनमे से कोई भी सप्लीमेंट अकेले लेने पर स्पर्म काउंट पर्याप्त रूप से नहीं बढ़ पाता |
  2. सोडा में न केवल फ्रक्टोस कॉर्न सिरप बहुत ज्यादा होता है, यह आपके लिवर के लिए भी बुरा होता है बल्कि यह आपके स्पर्म की हेल्थ पर भी बुरा असर डालता है | सोडा न पीने वाले पुरुषों की तुलना में एक दिन में एक क्वार्टर से ज्यादा सोडा पीने वाले पुरुषों में स्पर्म काउंट में 30% की कमी देखी गयी थी | [८]
  3. एमिनो एसिड्स प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक्स होते हैं | ये ऑर्गनिक कंपाउंड्स रेगुलर रूप से लेने पर स्पर्म और सीमेन लेवल को बूस्ट करने में मदद करते हैं | [९] साइंटिस्ट मानते हैं कि स्पर्म को एमिनो स्किड से लाभ मिल सकता है क्योंकि कुछ ख़ास एमिनो एसिड स्पर्म की बड़ी मात्रा में उनके हेड में देखी गयी थी | इजेकुलेशन बढाने के लिए नीचे दिए गये एमिनो एसिड लें:
    • L-अर्जिनिन
    • L-लायसीन
    • L-कार्नीटाइन
  4. एक दंतकथा के अनुसार, इस सप्लीमेंट को यह नाम एक चायनीज़ बकरी चराने वाले (चरवाहे) से मिला जिसकी बकरियों के द्वारा epimedium की एक खास प्रजाति को चबाने के बाद उनके झुण्ड में उसे थोड़ी गंभीर कामोत्त्जेना देखने मिली | लेकिन क्या ये अजीब हर्ब सच में काम करती है? हॉर्नी गोट वीड ऐसे निषिद्ध एंजाइम के लिए प्रसिद्ध है जो पेनिस में ब्लड फ्लो को बढ़ा देते हैं | [१०] ये रोजमर्रा में इजेकुलेशन को बढ़ा सकती है या नहीं, इस बारे में अभी भी काफी मतभेद हैं | इस्तेमाल की जा सकती है |
  5. कई बार, एक हेल्दी डाइट आपकी सारी जरूरते पूरी कर देती है | विशेषरूप से फल और सब्जियों में काफी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे स्पर्म की क्वालिटी को सुधारने में मदद मिलती है | [११] इजेकुलेशन बढाने के अलावा, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स आपको स्वस्थ भी बनाते हैं और आपको बेहतर फील करने में मदद करते हैं | एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स में शामिल हैं:
    • रेड बीन्स
    • जंगली ब्लूबेरीज, क्रेन्बेर्रीज और ब्लैकबेरीज
    • नारियल पानी
    • आलू बुखारा (Prunes)
    • सेव (स्वस्दिष्ट लाल सेव)
    • आर्टीचोक [१२]
विधि 3
विधि 3 का 3:

लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ इजेकुलेशन बढायें

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  1. इसे कीगल एक्सरसाइज भी कहा जाता है | PC मसल्स (जो "pubococcygeus" मसल्स का लघु रूप है) एक्सरसाइज महिला और पुरुष दोनों लिंगों पर काम करती है लेकिन विशेषरूप से पुरुषों में बेहतर काम करती है | यह प्रोस्टेट के स्वास्थ्य को सुधारने के साथ ही शीघ्रपतन से भी निजात दिलाती है क्योंकि ये इजेकुलेशन बढाने के साथ-साथ ओर्गास्म की अवधि को भी बढाने में योगदान देती हैं | [१३]
  2. अगर आप पहले से स्मोकिंग नहीं करते तो न ही करें : अगर आपके पास स्मोकिंग छोड़ने के कोई दूसरे बहाने हैं तो उनमे इसे भी शामिल कर लें | स्मोकिंग से न केवल स्पर्म काउंट कम होता है बल्कि स्पर्म में दोष बढ़ने की भी सम्भावना होती है | [१४] [१५]
    • पिता बनने की इच्छा रखने वाले स्मोकिंग करने वाले पुरुष, अपनी पत्नी को प्रेग्नेंट तो कर सकते हैं लेकिन उनके होने वाले बच्चे में मेडिकल इशू होने की दर बहुत ज्यादा हो सकती है | सम्भोग के दौरान और बाद में दोनों ही समय माँ बनने वाली महिला को स्मोक-फ्री पर्यावरण के रखना बेहतर होता है |
    • मारिजुआना का सेन न करें | मारिजुआना को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन और स्पर्म काउंट दोनों में कमी लाने के रूप में जाना जाता है | [१६]
  3. आपकी लाइफ चाहे कितनी भी स्ट्रेसफुल हों, इस तथ्य को समझना शरू करें कि स्ट्रेस हमेशा अस्वस्थकर होता है | स्ट्रेस हार्मोन वृषण की टेस्टोस्टेरोन बनाने की क्षमता को प्रभावित करते हैं जो स्पर्म प्रोडक्शन के लिए बहुत ज्यादा जिम्मेदार होता है | इसके अलावा, इससे इजेकुलेशन भी कम हो जाता है | स्ट्रेस के कारण ये लक्षण भी देखे जाते हैं:
  4. पर्याप्त फिजिकल एक्सरसाइज करें : ऐसे कई प्रमाण मिलते हैं जो दर्शाते हैं कि रेगुलर एक्सरसाइज स्पर्म काउंट बढाने में काफी लाभदायक होती है | [१८] सॉकर, फुटबॉल या कोर्ट किक्स खेलते रहें और फिजिकल एक्सरसाइज करते रहें |
  5. सुरक्षित सेक्स करें : स्पर्म को वेजाइना के अंदर प्रवेश कराने के लिए सुरक्षित सेक्स ही अंतिम कुंजी है | गोनोरिया और क्लेमायडीया जैसे कुछ सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज के होने पर उनके अनुपचारित रहने पर अंत में इनफर्टिलिटी हो सकती है | हमेशा प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें | पूरी तरह से सुनिश्चिती के लिए किसी एक व्यक्ति के साथ ही म्यूच्यूअल एकलिंगी (मोनोगेमस) सम्बन्ध बनायें जिस पर आपको पूरा भरोसा हो |

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