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वेजाइनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge) महिलाओं में होने वाला एक आम लक्षण है और ये होना पूरी तरह से नॉर्मल भी है और साथ ही ये इस आपकी वेजाइना (Vagina) के सही ढंग से फंक्शन कर रहे होने की गवाही भी देता है। आपको किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचाकर रखने के लिए, आपके वेजाइना में एक नेचुरली एसिडिक पीएच (acidic pH) रहता है। एक हैल्दी वेजाइना रेगुलरली डिस्चार्ज को बाहर निकालती रहती है, जो बदले में, आपके शरीर से डेड सेल्स और बैक्टीरिया को दूर करती है। हालाँकि, इस बात पर भी ध्यान जरूरी है, कि कुछ मामलों में, वेजाइनल डिस्चार्ज किसी तरह के इन्फेक्शन का या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। एक नॉर्मल से लेकर एक एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के बीच के अंतर की पहचान होना, वेजाइनल हैल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज को खुद से डायग्नोज़ करना

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  1. वेजाइना में एक खास लाइनिंग (अस्तर) होती है, जिसमें ग्लैंड्स (ग्रंथियां) होती हैं जो रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ को बाहर निकालती हैं। रेगुलर, डेली होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज का मकसद पुरानी, खराब हुई सेल्स को और जहाँ तक हो सके रोग पैदा करने वाली चीजों को या "फ़ोरेन बॉडीज (बाहरी चीजों)" को इकट्ठा करना और इन्हें वेजाइना से बाहर निकालना होता है। इसके साथ ही, ये डिस्चार्ज बैक्टीरिया और यीस्ट के हैल्दी बैलेंस को बढ़ावा देता है और ये इन्फेक्शन के खिलाफ सुरक्षा देते हैं।
    • दूसरे शब्दों में कहें, तो ज़्यादातर वेजाइनल डिस्चार्ज आपके लिए अच्छे होते हैं। डिस्चार्ज शरीर को सुरक्षित रखने का, उसका अपना एक नेचुरल तरीका होता है।
    • सोने के दौरान हर 80 मिनट में महिलाओं का सामान्य डिस्चार्ज होगा। ये एक नॉर्मल फिजोयोलोजिकल फंक्शन होता है (पुरुषों को भी सोते वक़्त हर 80 मिनट के अंतर पर एक बार इरेक्शन होता है)।
  2. नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज आमतौर पर क्लियर या मिल्की व्हाइट होता है और अगर होगा, तो हो सकता है, कि इसमें हल्का सा ओडर (गंध) भी हो। ये पानी के जैसा पतला या गाढ़ा और चिकना सा भी हो सकता है, लेकिन इसकी कंसिस्टेंसी आमतौर पर स्मूद और लम्प फ्री (lump free) होनी चाहिए। [१]
    • प्रीमीनोपोजल (premenopausal) महिलाओं में, रोजाना लगभग 1 चम्मच भर के बराबर व्हाइट या क्लियर वेजाइनल डिस्चार्ज होना नॉर्मल है। [२] हालाँकि, वेजाइनल डिस्चार्ज का अमाउंट और इसके गुण महिलाओं के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकते हैं।
  3. आपके डिस्चार्ज में आने वाले नॉर्मल चेंजेस के पीछे के कारणों को जानें: आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के लुक, स्मेल (गंध) या हल्के से भी अलग नजर आने के पीछे न जाने कितने ही कारण मौजूद हो सकते हैं। अगर आप अपने डिस्चार्ज को लेकर चिंता में हैं, तो ये देखने के लिए, कि अगर आप इन दी हुई किसी भी कंडीशन में से गुजर रहे हैं या अभी हाल ही में गुजर चुके हैं, इस दी हुई क्विक लिस्ट को देखें। ये सब बहुत ही कॉमन - लेकिन पूरी तरह से नॉर्मल - आपके डिस्चार्ज के बदलने के पीछे की वजह हैं:
    • ओव्यूलेशन (Ovulation) : ओव्यूलेशन के दौरान, डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त हो जाती है। डिस्चार्ज ज्यादा क्लियर, लसलसा और चिकना होगा। इस बदलाव के पीछे की वजह, एग के फर्टिलाइजेशन के लिए तैयार होने के दौरान स्पर्म (शुक्राणु) के लिए रास्ता आसान बनाना है। [३]
    • मेंस्ट्रुएशन (Menstruation : आमतौर पर मेंस्ट्रुअल साइकल के पहले और फौरन बाद में आपको एक थिक और व्हाइट डिस्चार्ज नजर आएगा। [४]
    • प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद (post-partum) : प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर ही डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त और इसकी कंसिस्टेंसी में एक बदलाव महसूस होता है। ये खासतौर पर डिलिवरी के आखिरी कुछ हफ्तों में, जब डिस्चार्ज और ज्यादा मोटा और वजनदार हो जाता है, तब कहीं ज्यादा नजर आने लगता है। डिलिवरी के बाद, महिलाओं को जो डिस्चार्ज महसूस होता है, उसे “लोकिया (lochia)" बोला जाता है। इस खास तरह के डिस्चार्ज में ब्लड, छोटे-छोटे क्लोट्स (थक्के) और प्रेग्नेंसी के दौरान यूटेरस की लाइनिंग में बने टिशूज की परत शामिल रहती है। वक़्त के साथ-साथ, ये पानी की तरह पतला, गुलाबी डिस्चार्ज बन जाएगा और आखिर में एकदम पूरा खत्म हो जाएगा। [५]
    • मीनोपोज (Menopause) : मीनोपोज के दौरान एस्ट्रोजन (estrogen) के लेवल के कम हो जाने की वजह से आमतौर पर डिस्चार्ज में भी कमी आती है। [६]
    • सेक्सुअल अराउजल (Sexual arousal) : पानी जैसा डिस्चार्ज, जो एकदम क्लियर या हल्का सा व्हाइट होता है, वो सेक्सुअल एक्साइटमेंट का एक संकेत होता है। इस डिस्चार्ज का मकसद सेक्स के दौरान वेजाइना को किसी भी चोट से बचाए रखने के लिए चिकनाई प्रदान करना होता है। [७]
  4. आपका डिस्चार्ज आपके शरीर की रक्षा करने का प्राकृतिक तरीका है। पानी मारने (Douching) को भी कभी-कभी ठीक माना जाता है।
    • अगर आपको अपने अंडरवियर और कपड़ों में गीलापन अच्छा नहीं लगता है, तो ऐसे में आपको अपने अंडरवियर में एक पेंटी-लाइनर पहनने के बारे में सोचना चाहिए। इन्हें किसी भी ग्रोसरी स्टोर्स, ड्रग स्टोर्स और फार्मेसी से, और इसी तरह की किसी भी स्टोर्स से खरीदा जा सकता है। अगर आप सस्ते और ज्यादा नेचुरल सोल्यूशन पाना चाहती हैं, तो चाहें तो अपने घर में मौजूद फैब्रिक्स का या क्राफ्ट स्टोर से खरीदकर, इसका इस्तेमाल करके, आप खुद ही अपने लिए पेंटी लाइनर्स बना सकती हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

एब्नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज को खुद से डायग्नोज़ करना

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  1. आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के कलर और टेक्सचर की जाँच करें: ये अगर आपके आमतौर पर होने वाले डिस्चार्ज से कुछ अलग वेजाइनल डिस्चार्ज के जैसा नजर आता है, तो इसके एब्नॉर्मल होने की उम्मीद है और ये किसी तरह के इन्फेक्शन या वेजाइनल एनवायरनमेंट में आए किसी बदलाव का लक्षण भी हो सकता है। इसे पहचानने का एक सीधा-साधा नियम ये है, कि अगर डिस्चार्ज क्लियर या व्हाइट नहीं है, तो शायद आपको कोई प्रॉब्लम हो सकती है। पैथोलोजी के कुछ बहुत कॉमन लक्षणों में ये कुछ लक्षण शामिल हैं: [८]
    • व्हाइट, थिक, लम्पी (lumpy) डिस्चार्ज, जिसकी वजह से खुजली आ रही हो।
    • हरा और फ़ोम जैसा डिस्चार्ज।
    • ग्रे कलर लिए, पीलापन लिए, ब्राउनिश या ग्रीनिश डिस्चार्ज।
    • गंदी-महक वाला डिस्चार्ज
    • दर्द, खुजली या जलन, या ब्लीडिंग (खून) के साथ हुआ डिस्चार्ज।
    • ऐसा डिस्चार्ज, जो सामान्य से भारी या ज्यादा मोटा हो।
  2. डिस्चार्ज की जाँच करने के लिए, अब मालूम करें, कि ऐसी कौन सी कंडीशन है, जो आपके साथ हो रहे एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की वजह हो सकती है। अगर आपका डिस्चार्ज, कलर और टेक्सचर की ‘नॉर्मल’ रेंज से बाहर है, तो ये इनमें से किसी एक की वजह से हो सकता है:
    • बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis) : ये बच्चे को जन्म दे सकने की उम्र वाली महिलाओं में होने वाले एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की एक काफी कॉमन वजह होती है। [९] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, "बुरे" बैक्टीरिया की वजह से होने वाला एक बहुत हल्का इन्फेक्शन होता है। आमतौर पर यहाँ पर "अच्छे" और बुरे टाइप के बैक्टीरिया होते हैं और अच्छा टाइप, बुरे टाइप की बढ़त को लिमिट में रखने में मदद करता है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के केस में यही बैलेंस खराब हो चुका होता है और वहाँ पर बहुत सारे बुरे बैक्टीरिया हो जाते हैं। [१०] इसके लक्षणों में ग्रे कलर लिए हुए-पीला, चिकना, फिश जैसी-स्मेल वाला डिस्चार्ज, इसके साथ ही वेजाइना में खुजली या जलन भी होना शामिल है। दुर्गंध वाले ज़्यादातर डिस्चार्जेस बैक्टीरियल वेजिनोसिस की वजह से ही हुआ करते हैं। [११]
    • वेजाइनल कैंडिडियासिस (vaginal candidiasis/यीस्ट इन्फेक्शन) : अगर आपका डिस्चार्ज व्हाइट तो है, लेकिन ये मोटा और लम्पी (कॉटेज चीज़ के जैसा) है, तो ये यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। कलर और टेक्सचर में हुए बदलाव के साथ ही, आपको जलन और खुजली का अहसास भी होगा। यीस्ट इन्फेक्शन में आमतौर पर किसी गहरी गंध का निर्माण नहीं होता है। ये इन्फेक्शन्स, महिलाओं में होने वाले वेजाइनल इन्फेक्शन के दूसरे सबसे कॉमन टाइप हैं। ये खासतौर पर डायबिटीज़ के या इम्यून में अक्षम पेशेंट में, एंटीबायोटिक्स के किसी नियमित डोज़ के बाद नजर आते हैं। [१२]
    • ट्राइकोमोनिअसिस (Trichomoniasis) : ऐसा डिस्चार्ज, जो रंग में थोड़ा हरा सा हो, और जिसका टेक्सचर ‘झागदार’ हो, आमतौर पर ट्राइकोमोनिअसिस का लक्षण होता है। ट्राइकोमोनिअसिस, एक ऐसा इन्फेक्शन है, जो ट्राइकोमोनास (trichomonas) की वजह से होता है, ये ट्राइकोमोनास एक सिंगल-सेल पैरासाइट, जो कि किसी सेक्सुअल पार्टनर के साथ आ जाता है। ये इन्फेक्शन्स ऐसे तीसरे सबसे कॉमन इन्फेक्शन होते हैं, जो आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के ऊपर असर डाल सकते हैं, साथ ही ये वेजाइनल इचिंग या पैन भी देते हैं। [१३]
    • STIs (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स) : कभी-कभी क्लैमिडिया (chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) जैसे कॉमन STIs भी वेजाइनल डिस्चार्ज में हुई बढ़त के पीछे की एकमात्र वजह होते हैं। इस डिस्चार्ज के गुण अलग जरूर हो सकते हैं, लेकिन इसका रंग अक्सर ही फीका सा (मतलब कि, ग्रे, यलो, ग्रीन) होता है, ये मोटा और गंदी-महक वाला होता है। महिलाओं को सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान दर्द भी महसूस हो सकता है, साथ ही बाद में स्पॉटिंग या ब्राउन डिस्चार्ज भी हो सकता है। [१४] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, कैंडिडियासिस और ट्राइकोमोनिअसिस सेक्सुअली फैल भी सकते हैं।
    • वेजाइनल या सरवाईकल कैंसर (Vaginal or cervical cancer) : एक बात का ध्यान रखें, कि वेजाइना या सर्विक्स के कैंसर की वजह से बहुत कभी ही एब्नॉर्मल डिस्चार्ज होता है। [१५]
  3. एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के दूसरे कारणों के ऊपर विचार करना: ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो वेजाइनल एनवायरनमेंट के ऊपर असर डाल सकती हैं।
    • वेजाइना को किसी नए तरह के क्लीनिंग एजेंट या हाइजीन प्रोडक्ट के संपर्क में लाना, भी इसके ऊपर असर दिखा सकता है। डिटर्जेंट और फैब्रिक सॉफ्टनर्स, फेमिनाइन स्प्रेज, क्रीम्स, डौश (douches) और कोंट्रासेप्टिव फोम, जेलीस या क्रीम में पाये जाने वाले केमिकल्स वेजाइना को और/या वेजाइना के आसपास की स्किन को इरिटेट कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स जैसे मेडिकेशन्स भी इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इनमें से कोई भी आपके लक्षणों और वेजाइनल डिस्चार्ज की वजह हो सकता है। सोचकर देखिये, कि आपने अभी हाल में ऐसा क्या नया इस्तेमाल किया था और कब आपको आपका ये डिस्चार्ज अलग सा महसूस हुआ। एक बार जब आप इसकी संभावित वजह को मालूम कर लें, इसे कम करने की कोशिश करें और देखें अगर आपको आपके लक्षणों में कमी होते हुए या पूरी तरह से गायब होते हुए नजर आएँ। उदाहरण के लिए, अगर आपने अभी हाल ही में कपड़े धोने के लिए किसी नए डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना शुरू किया है, तो कुछ वक़्त के लिए इस्तेमाल करना अवॉइड करें, और आपके पुराने ब्रांड को ही इस्तेमाल करें। अगर लक्षण गायब हो जाते हैं, तो समझ लीजिये कि आपको असली कारण मिल चुका है! हालाँकि, अगर आपके द्वारा अभी हाल ही में इस्तेमाल किए किसी नए केमिकल के ऊपर विचार कर लेने के बाद भी, अगर आपके लक्षण अभी भी बने हुए हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाने के बारे में सोच लेना चाहिए। [१६]
    • सिस्टमेटिक इलनेस भी आपके वेजाइनल एनवायरनमेंट के बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, डाइबिटीज़ की मरीज किसी महिला में, फंगल इन्फेक्शन (यीस्ट इन्फेक्शन की तरह ही) होने का खतरा कहीं ज्यादा रहता है। [१७]
    • ऐसा टैम्पून (tampon) को लगाने के बाद उसे भूल जाना भी गंदी स्मेल के साथ होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज की एक अनकॉमन वजह होती है। अगर आपको भी ऐसा शक है, कि आपने टैम्पून इस्तेमाल करने के बाद, इसे अपने अंदर ही छोड़ दिया है, तो फिर आप अपनी खुद की तरफ से जाँच कर सकती हैं। हाँथों को अच्छी तरह से धोकर शुरुआत करें और फिर अपने एक पैर को बाथटब या टॉइलेट के ऊपर रख लें। आप अपनी वेजाइना में जितना अंदर तक जा सकती हों, जाएँ और कुछ ढूँढने की कोशिश करें। अगर आपको टैम्पून तो मिल गया है, लेकिन आपको इसे खींचकर बाहर निकालने वाला धागा नहीं मिल रहा है, तो फिर उसे पकड़ने के लिए अपनी उंगली और अंगूठे का इस्तेमाल करें और उसे बाहर खींच लें। सुनिश्चित करें कि टैम्पून अभी भी पूरा बरकरार है; अगर ये टूटना शुरू हो चुका है और आपको भी समझ नहीं आ रहा है, कि आपने इसके सारे टुकड़े बाहर निकाल लिए हैं या नहीं, तो क्योंकि आपके अंदर एक भी टुकड़ा नहीं छूटना चाहिए, इसलिए आपको अपने डॉक्टर से कांटैक्ट कर लेना चाहिए। एक बात और ध्यान में रखें, कि अगर आपको लग रहा है, कि आपने अपनी सर्विक्स को पूरी तरह से जाँच लिए है, और अब ऐसा कुछ भी नहीं छूटा रह गया है, तो यहाँ पर सच में कुछ भी नहीं है। अगर आपको अभी भी ऐसा लग रहा है, कि अंदर कुछ तो छूटा है, लेकिन आप उसे ढूँढ नहीं पा रही हैं, तो फिर अपने डॉक्टर को कांटैक्ट करें, क्योंकि एक वही हैं, जो आपकी अच्छी तरह से जाँच कर सकते हैं। [१८]
  4. अगर अपनी तरफ से जाँच करने के बाद भी, आपको ऐसा लग रहा है, कि डिस्चार्ज अभी भी एब्नॉर्मल है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएँ। हालाँकि अपनी बॉडी के ऊपर और बॉडी में आने वाले बदलावों पर करीब से नजर रखना बेहद जरूरी है, लेकिन फिर भी आपको किसी भी खास कंडीशन के लिए अपने खुद के डायग्नोज़ के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए। आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर को आपकी जाँच करने दें, हर एक जरूरी टेस्ट्स कराएँ, और किसी भी जरूरी एक्शन या ट्रीटमेंट के लिए भी फ़ैसला करें। [१९]
    • इसके साथ ही, इसे लेकर एक और गलत अवधारणा ये है, कि अगर आपको पहले कभी कोई यीस्ट इन्फेक्शन (वेजाइनल कैंडिडियासिस) हुआ था, तो अब आप आपके पहले के एक्सपीरियंस के हिसाब से, इसे भी डायग्नोज़ कर सकती हैं। यीस्ट इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट को आप किसी भी फार्मेसी से और ड्रग स्टोर से काफी आसानी से ओवर-द-काउंटर और चाहें तो घर पर भी पा सकती हैं। हालाँकि, अगर इस कैंडिडियासिस के लिए मौजूद ओवर-द-काउंटर ट्रीटमेंट के बाद भी आपका इन्फेक्शन बना हुआ है, तो फिर आपको आपके फिजीशियन के पास जाने की सलाह दी जाती है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

जाँच और परीक्षण कराना

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  1. आपको जब भी आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के एब्नॉर्मल होने का शक हो, इसके बाद आपको फौरन ही आपके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। डिस्चार्ज के कलर, कंसिस्टेंसी और फ्रिक्वेन्सी को डिस्क्राइब करने के लिए तैयार रहें।
    • अगर आपके अभी पीरियड्स चल रहे हैं, तो अच्छा होगा अगर आप डॉक्टर के पास जाने से पहले अपने साइकल के पूरे होने तक इंतज़ार कर लें, बेशक अगर मुमकिन हो तो। लेकिन अगर ये लक्षण बहुत ज्यादा ही खास हो रहे हैं, तो फिर ऐसे में फिर चाहे आपके पीरियड्स ही क्यों न चल रहे हों, आपको फौरन ही डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।
    • अगर आप अपने रेगुलर डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि एक वॉक-इन क्लीनिक पर जा रही हैं, तो अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री को देने के लिए भी तैयार रहें।
  2. अपने डॉक्टर को ऐसी हर उन कंडीशन्स या एक्शन्स के बारे में भी बताएँ, जिनके इससे संबंधित होने की संभावना हो: उदाहरण के लिए, अगर आपको ऐसा लग रहा है, कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या फिर आपने अभी हाल ही में असुरक्षित सेक्स किया है (मतलब कि, बिना कंडोम इस्तेमाल किए), तो अपने डॉक्टर को बता दें।
  3. फिजिकल चेकअप कराएँ, जिसमें पेल्विक (pelvic) की जाँच भी शामिल है: [२०] आपके लक्षणों के अनुसार, आपके डॉक्टर आपके लिए पेल्विक की आंशिक या पूरी जाँच करने के लिए कह सकते हैं। एक पूरी जाँच में, फ़ीमेल पेल्विक ऑर्गन्स कि एक्सटर्नल और इंटरनल एग्जाम शामिल होती है:
    • एक्सटर्नल एग्जाम — आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर आपकी वेजाइना की ओपनिंग और आपके वाल्वा (vulva) के फ़ोल्ड्स की जाँच करेंगे। विशेष रूप से, आपके डॉक्टर एब्नॉर्मल डिस्चार्ज, सिस्ट्स (cysts), जेनिटल वार्ट्स, जलन, या और किसी दूसरी कंडीशन की तलाश करेंगे।
    • इंटरनल एग्जाम (a) — इंटरनल एग्जाम के दो भाग होते हैं: स्पेक्युलम (speculum) एग्जाम और बाईमेन्युअल एग्जाम। स्पेक्युलम एग्जाम में, आपके डॉक्टर बहुत ही आराम से आपकी वेजाइना में एक ल्यूब्रिकेटेट (चिकना किया) मेटल या प्लास्टिक स्पेक्युलम डालेंगे। स्पेक्युलम जब खुलेगा, तब ये वेजाइना की दीवारों को अलग करेगा। इसमें आपको किसी भी तरह का दर्द तो नहीं होगा, लेकिन ये जरा सा अनकम्फ़र्टेबल जरूर फील होगा। अगर आपको जरा भी दर्द हो, तो अपने हैल्थ केयर प्रोवाइडर को बता दें। वो स्पेक्युलम के साइज़ को या उसकी पोजीशन को एडजस्ट कर देगी। अगर वहाँ पर कोई खास तरह का वेजाइनल इन्फेक्शन हुआ होगा, तो इस समय आमतौर पर किए गए पैप (pap) टेस्ट को स्थगित कर दिया जा सकता है, क्योंकि पैप स्मियर के परिणामों से इसके रिजल्ट में कुछ बदलाव आने की संभावना हो सकती है। अगर ऐसा है, तो एक बार इन्फेक्शन के क्लियर होने पर, आपको फिर से पैप टेस्ट के लिए जाना होगा। पैप टेस्ट में, एक छोटे से स्पेच्युला को या एक छोटे से ब्रश के जरिये आपके सर्विक्स की सेल्स के सैंपल लिए जाएंगे। अब आपके सर्विक्स में क़ैसर वाले या कैंसर से पहले के सेल के होने का पता लगाने के लिए इस सैंपल की जाँच की जाएगी। STIs की संभावना के लिए, सर्विक्स से होने वाले डिस्चार्ज के सैंपल को भी लिया जाएगा। इसके अलावा, आपके डॉक्टर आपके वेजाइनल पीएच (pH) को जाचेंगे और जाँच के लिए आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल भी लेंगे। [२१]
    • इंटरनल जाँच (b) — दूसरी जाँच, बाईमेन्युअल जाँच में आपके डॉक्टर एक हाँथ से आराम से आपके पेट को दबाते हुए, ग्लव के अंदर से एक या दो उंगलियाँ और ल्यूब्रिकेट हुई उंगली को आपके वेजाइना के अंदर डालेंगे। इस तरीके से आपके यूटेरस, ओवारीज, और फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) के साइज़, शेप और पोजीशन को जाँचा जाता है, जो कि आपकी फर्टिलिटी और हैल्थ के ऊपर असर डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक बढ़ी हुई यूटेरस का मतलब कि आप प्रेग्नेंट हैं या फिर आपको फाइब्रॉइड्स (fibroids) है, वहीं इस जाँच के दौरान आपके जुड़े हुए भाग (ओवरी/ट्यूब) में होने वाले दर्द या कोमलता महसूस होना, एक इन्फेक्शन, सिस्ट या मास (mass) होने की संभावना को दर्शाता है। [२२]
    • कभी-कभी आपके डॉक्टर पेल्विक जाँच के हिस्से के रूप में, आपका रेक्टल एग्जाम भी कर सकते हैं। इसके लिए, आपके डॉक्टर किसी तरह के ट्यूमर या और दूसरी एब्नॉर्मल सी स्थिति की जाँच के लिए, ग्लव से ढँकी हुई एक उंगली को आपके रेक्टम में डालेंगे। [२३]
  4. जाँच के बाद, आपके डॉक्टर सारे कल्चर्स और सैंपल्स को जाँच के लिए लैब में भेज देंगे। वेजाइनल डिस्चार्ज के लिए सबसे जरूरी टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक एग्जामिनेशन या वेट प्रेप टेस्ट होता है। वेट प्रेप टेस्ट में, एक टेकनीशियन वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल को एक सलाइन ( saline) के साथ मिक्स करेगा और फिर इस मिक्स्चर का एक ड्रॉप लेगा और इसे जाँचने के लिए एक स्लाइड के ऊपर रखेगा। इसे आमतौर पर डॉक्टर के ऑफिस में किया जाता है, इसलिए इसके रिजल्ट भी फौरन मिल जाते हैं। [२४]
    • टेकनीशियन ट्राइकोमोनिअसिस, क्लू सेल्स (clue cells) और यीस्ट के लिए मीडियम और हाइ, दोनों पावर पर स्लाइड की सावधानी से जांच करेगा। ट्राइकोमोनिअसिस फ्लुइड, फूले हुए से ओर्गेनिज़्म होते हैं, जिन्हें काफी आसानी से उनके गुणों के बदलने की गति के जरिये पहचाना जा सकता है। क्लू सेल्स अजीब सेल्स होती हैं, सैंपल में जिनकी उपस्थिति का मतलब बैक्टीरियल वेजिनोसिस का होना है। आखिर में, यीस्ट को स्लाइड के ऊपर बडिंग या ब्रांचिंग फॉर्म में पहचाना जाता है। यीस्ट की उपस्थिति को पेप टेस्ट से भी पहचाना जा सकता है। [२५]
  5. इन टेस्ट्स के मिलने के वक़्त के बारे में जानकारी लेने की पुष्टि कर लें, ताकि अगर आपको किसी ट्रीटमेंट या प्लान की जरूरत हो, तो आप फिर से अपने डॉक्टर से मिलकर उनके बारे में डिस्कस कर सकें। [२६]

सलाह

  • अगर आपके डिस्चार्ज की असली वजह किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं है, तो ऐसे में साफ पानी में और साबुन के बिना ली हुई बाथ, इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
  • एक्साइटेड (अराउज़) होने पर क्लियर डिस्चार्ज का होना एकदम नॉर्मल है।

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