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अगर आप बगीचा लगाना चाहते हैं तो आप शकरकंद उगा सकते हैं। उनकी इतनी ज्यादा देखभाल नहीं करनी पड़ती है। वे अन्य फलों और सब्जियों से देर में भरपूर उपज देते हैं। अगर आपके पास एक छोटी जगह है, आप वहाँ ये सुंदर ताम्र रंग के कंद उगाकर थैंक्सगिविंग (Thanksgiving) की दावत के लिए मेज़ पर अपने बगीचे के ताज़े शकरकंद रख सकते हैं। नीचे दिए गये उपाय करके आप उन्हें एकदम शुरू से, शकरकंद की स्लिप्स बनाकर उगायें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

स्लिप्स (Slips) को शुरू करें

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  1. स्लिप्स छोटे अंकुर होते हैं जिनको पहले के शकरकंद के पौधों से उगाते हैं। आप उनको ऑनलाइन ऑर्डर करके या एक गार्डन सेंटर से लें। नहीं तो आप आसानी से उन्हें घर में उगायें। स्टोर से या अपने मित्र के बगीचे से एक पका हुआ स्वस्थ शकरकंद का पौधा लें।
    • बिऔरेगार्ड (Beauregard), 'बंच' पोर्टो रिकोस ('bunch' Porto Ricos), और सेंटेनिय्ल्स (centennials) किस्म के शकरकंद सामान्य और लोकप्रिय हैं (करीब करीब सब स्टोर्स में मिलते हैं)। [१]
  2. शकरकंद एक उष्णकटिबंधीय पौधा है। अगर आप अपनी स्लिप्स बनाना शुरू कर रहे हैं, तो उन्हें मार्च या अप्रैल में अंकुरित करना शुरू कर दें। मई या जून में स्लिप्स को जमीन में गाड़ देना चाहिए।
  3. जब आपको 1-2 स्वस्थ शकरकंद मिल जाएँ, उनको अपनी सिंक पर अच्छी तरह धोएं। फिर उसे दो हिस्सों में काटें। अगर वह ज्यादा बड़ा हो तो आप उसे तीन या चार हिस्सों में काट सकते हैं।
  4. स्लिप उगाने के लिए आप अपने शकरकंद को पानी के कंटेनर में आधा अंदर और आधा बाहर रखेंगे। एक बड़े मुँह वाला जार या काँच का प्याला लें जिसमें आपका शकरकंद समां जाये। उसे पानी से पूरा भरें।
  5. अपने शकरकंद के किनारों पर और बीच में एक चक्र के अर (spokes) के समान, बराबर की दूरी पर 4-5 टूथ पिक्क्स लगायें। शकरकंद को पानी के जार या गिलास में रखें ताकि उसका कटा हुआ हिस्सा नीचे हो और दूसरा हिस्सा बाहर, काँच के किनारे पर टूथपिक्क्स के सहारे ठहरा हुआ हो।
    • शकरकंद के हर एक टुकड़े को इस प्रकार अलग अलग जार में रखें।
  6. जार को खिड़की के पास रखें जहाँ अच्छी धूप आती हो।
  7. शकरकंद के ऊपर के हिस्से में से पत्तियों जैसी स्लिप्स के अंकुरित होने का 2-4 हफ्ते इंतज़ार करें।
  8. जब आपके शकरकंद के ऊपर का हिस्सा स्लिप्स से भर जाये आप उन्हें एक एक करके घुमाकर निकालें। अभी उनके जड़ें नहीं निकली होंगी और वे एक छोटी डंडी के साथ छोटी पत्तियों जैसे लगेंगी।
  9. एक कम गहरे कटोरे में, आपके पास कितनी स्लिप्स हैं उसके अनुसार करीब 1" या उससे कम पानी डालें। स्लिप्स को पानी में रखें ताकि उनकी डंडी पूरी तरह से पानी में ड़ूब जाये। उनको इस प्रकार कई दिनों तक रहने दें जबतक उनके नीचे जड़ें बनने लगें।
    • स्लिप्स को स्वस्थ रखने के लिए दिन में करीब एक बार पानी डालें।
    • जिन स्लिप्स में जड़ें नहीं बन रही है या जो मुरझा गई हैं उन्हें निकालकर फेंक दें।
  10. 2-3 दिनों बाद स्लिप्स में नीचे जड़ें निकल आयेंगी। आप कटोरे का पानी हटायें और स्लिप्स को बाहर लगाने के लिए लायें। उनको अलग अलग गमलों में लगाने की जगह सीधे बगीचे में लगाना ज्यादा अच्छा है ताकि उनकी जड़ें साबुत रहें। [२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपना बगीचा तैयार करें

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  1. शकरकंद मूल रूप से जमीन के नीचे उगते हैं इसलिए उनको ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। उन्हें गर्म वातावरण अच्छा लगता है इसलिए कोई ऐसी जगह चुनें जहाँ खूब धूप आती हो (खास तौर से अगर आप उत्तर में रहते हैं) और पानी अच्छे से बह जाता हो।
  2. कंद होने के कारण वे गहरी जमीन में उगते हैं। इसलिए उनके लिए जमीन को 12 इंच (30.5 cm) की गहराई तक जोतना चाहिए। मिट्टी को जितना हो सके उतना ज्यादा ढीला और हलका बनायें और जरूरत हो तो बागबानी की मिट्टी डालें।
  3. अन्य फल और सब्जियों के समान, इसकी भरपूर उपज के लिए उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए। अच्छी उपजाऊ मिट्टी (planting soil) की एक परत डालें और कोई बड़े पत्थर हों तो उन्हें हटायें। मिट्टी का pH जाँचें और उसके अनुसार पांस काई या लकड़ी की राख डालकर अम्लता या क्षारता की कमी पूरी करके मध्यग pH बनायें।
  4. शकरकंद को गरमाई पसंद है इसलिए वे गर्म मिट्टी में अच्छे उगते हैं। ठंडक के कम से कम एक महीने बाद वसंत के शुरू में स्लिप्स को लगायें।
  5. गरमाई को अंदर रोकने के लिए शकरकंद के ऊपर घासपात डालें। अगर आप ज्यादा ठंडी जगह पर रहते हैं तो शकरकंद को लगाने के बाद उनके ऊपर थोड़ा काला प्लास्टिक मल्च (black plastic mulch) या उसके समान कोई गरमाई को अंदर रोकने वाली चीज (heat trapper) डालें। [३]
विधि 3
विधि 3 का 3:

शकरकंद को लगायें

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  1. अन्य बगीचे की सब्जियों की तुलना में शकरकंद की स्लिप्स को ज्यादा जगह की जरूरत होती है, इसलिए एक दूसरे से 12-24 इंच (30.5-61.0 cm) दूर गड्ढे खोदें। उन्हें स्लिप्स के नीचे के जड़ के गोले के बराबर गहरा और पौधे के नीचे से 1/2 इंच ऊपर तक होना चाहिए। [४]
  2. आपने जो गड्ढे खोदें हैं उनमें एक एक छोटी स्लिप रखें और उनकी डंडी को नीचे से 1/2 इंच ऊपर तक मिट्टी से ढकें। शकरकंद का जो पत्तियों जैसा हिस्सा है वह बाहर लताओं जैसे बढ़ेगा और जड़ें मिट्टी में 6-12 इंच (15.2-30.5 cm) की गहराई पर कंद उत्पन्न करेंगी।
  3. शकरकंद को ठंडे मौसम से बचाने के लिए अपनी पसंद के घासपात से ऊपर तक ढकें। इससे वीड्स का उगना बंद हो जायेगा, लताएँ बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेंगी और ऊर्जा कंदों की उपज की ओर केन्द्रित हो जाएगी।
  4. शुरू में शकरकंद को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत होती है। समय के साथ आप पानी की मात्रा कम कर सकते हैं और फिर हफ्ते में सिर्फ एक बार पानी डाल सकते हैं। शुरू में आप रोज़ पानी डालें फिर हर हफ्ते एक एक दिन कम करते जाएँ।
  5. शकरकंद फलने में काफी समय लेते हैं और पतझड़ के शुरू में पक कर कटाई के लिए तैयार होते हैं (इसलिए वे थैंक्सगिविंग से संबंधित हैं)। हर हफ्ते उनमें पानी डालते रहें और पौधों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरत हो तो वीड्स को हटायें।
  6. लगाने के करीब 120 दिनों बाद शकरकंद पूरी तरह से पक जाते हैं। शकरकंद की कटाई करने के लिए संभव हो तो आखिरी समय (ठंडक से पहले आखिरी गर्म मौसम) तक इंतज़ार करें। ऐसा करने से कंद ज्यादा बड़े और अच्छे स्वाद वाले होंगे।
  7. शकरकंद की कटाई करने के बाद उनको सुखाना बहुत जरुरी है। ऐसा करने से उनको स्वादिष्ट बनने (खोद कर निकालने के एकदम बाद उनमें ज्यादा स्वाद नहीं होगा) और अपने छिलके को मज़बूत बनाने का समय मिलेगा। शकरकंद को 85०-95० F (29०-35० C) के तापमान वाली और 80%-90% नमी वाली जगह पर 5-10 दिन रखें। उसके बाद वे खाने के लिए तैयार होंगे ! [५]
    • शकरकंद को सुखाने के लिए आप एक बड़े क्लोसेट (closet) या छोटे कमरे में एक स्मॉल स्पेस हीटर (small space heater) और एक ह्यूमिडिफायर (humidifier) इस्तेमाल करने के बारे में विचार कर सकते हैं।
  8. सबसे अच्छी बात यह है कि इन प्यारे कंदों को ठीक से जमा करके आप कई महीनों के लिए ताज़ा और खाने लायक रख सकते हैं। शकरकंद को एक खुली सूखी जगह पर रखें जहाँ का तापमान 70० के आस पास रहे (अर्थात फ्रिज में न रखें !)। उसे कभी भी प्लास्टिक बैग या कसके बंद होने वाले डिब्बे में न रखें। [६]

सलाह

  • कोशिश करके शकरकंद को काटने के बाद नीचे न गिराएं और उनके चोट न लगने दें, उनमें बहुत आसानी से खरोंच लग सकती है।
  • आप जितने ज्यादा समय के लिए शकरकंद को सूखने देंगे, उनका स्वाद उतना बेहतर होगा। इसलिए आप चाहें तो उनको कई हफ्तों तक सुखा सकते हैं।
  • शकरकंद को लगाने के बाद मिट्टी को जोतने के लिए कोशिश करके फावड़ा या पाँचा न इस्तेमाल करें, वे कंदों की नाज़ुक जड़ों को तोड़ देंगे।

चेतावनी

  • कोशिश करके उगने की ऋतु (growing season) में शकरकंद को फर्टिलाइज़ न करें। ऐसा करने से ज्यादा लताएँ उत्पन्न होंगी और कंदों की कम उपज होगी। मिरेकल ग्रो (Miracle Grow) या उसके जैसे फर्टिलाइज़र्स, खास तौर से हाई नाइट्रोजन (high nitrogen) वाले फर्टिलाइज़र्स से ज्यादा पत्तियाँ, पर कम, छोटे शकरकंद उगेंगे।

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