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ये एक ऐसा अहसास है, जिसे हम सभी अनुभव करते हैं: आप कुछ गलत कह देते हैं या कुछ गलत कर देते हैं और सबकी नजरें आप पर आ जाती हैं। आप ऐसा मान लेते हैं कि हर कोई आपको जज कर रहा है और आपकी गलती के बारे में सोच रहा है। आपका चेहरा लाल होना शुरू कर देता है, आपका दिल ज़ोर से धड़कने लगता हैं और आप ऐसा सोचने लगते हैं कि काश मैं कहीं और होता। शर्मिंदगी (embarrassment) की ये भावनाएँ दुनियाभर में सभी लोग महसूस करते हैं, लेकिन भले ये कॉमन हैं, लेकिन निश्चित रूप से इनसे किसी को खुशी तो नहीं मिलती है। अच्छा बात ये है कि आप अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने, शर्मिंदा करने वाली स्थितियों से बचने और मौजूदा पल में शर्मिंदगी से बचने के तरीके जानने के लिए कदम जरूर बढ़ा सकते हैं। (How to Avoid Getting Embarrassed, Sharmindagi se Kaise Bachen)

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपना आत्म-विश्वास बढ़ाना (Building Your Self-Confidence)

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  1. ये आत्म-विश्वास बढ़ाने का पहला कदम है। चूंकि शर्मिंदगी अपूर्ण होने की भावना से जुड़ी होती है, इसलिए खुद को अपनी पॉज़िटिव क्वालिटी की याद दिलाना सामाजिक माहौल में शर्मिंदगी कम महसूस करने में मदद कर सकता है।
    • आप किस चीज में अच्छे हैं? आपके सबसे अच्छे गुण क्या हैं? एक लिस्ट बनाएँ। अपने करीबी दोस्तों से और परिवार के सदस्यों से इस पर उनकी राय देने को बोलें। व्यक्तित्व लक्षण (personality traits), स्किल्स और टैलेंट, शारीरिक विशेषताएं, सामाजिक या पारस्परिक कौशल, और कुछ भी जो आप सोच सकते हैं, उन सभी को लिस्ट में शामिल करना याद रखें। इस लिस्ट को हर सुबह पढ़ें, और उसमें और भी कुछ जोड़ें!
    • खुद के प्रति दयालु रहें और खुद से सकारात्मक बात करें। जब आप आईने में देखें, तो खुद पर मुस्कुराएँ और कहें, "तुम आज खुश रहना डिजर्व करते हो!" आप चाहें तो अपने उन शारीरिक लक्षणों को भी चुन सकते हैं, जो आपको बहुत अच्छे लगते हैं और खुद को कॉम्प्लिमेंट दे सकते हैं। ऐसा कहकर देखें, "गुड मॉर्निंग! तुम्हारी स्माइल कितनी प्यारी है!" [१]
  2. अपनी चुनौतियों का पता लगाएँ, फिर अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें: उन चुनौतियों की पहचान करें जिनकी वजह से आपको असुरक्षित या अपूर्ण महसूस होने की संभावना है। इन चुनौतियों पर काम करें और इन एरिया में अधिक से अधिक संभावित सुधार के लिए पाए जाए योग्य, नियंत्रित लक्ष्य बनाएँ।
    • उदाहरण के लिए, यदि आप बस इसलिए जरा सी बात से आसानी से शर्मिंदा हो जाते हैं, क्योंकि आपको लगता है कि आप में पारस्परिक कौशल (interpersonal skills) नहीं हैं, तो आप पहले अपनी पारस्परिक कौशल में सुधार करने के लिए काम कर सकते हैं, फिर उस एरिया में खुद को चैलेंज करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।
    • आपके द्वारा भेजे जाने वाले संदेशों के बारे में जागरूक होने और फिर अलग संदेश को भेजने का अभ्यास करने के साथ पारस्परिक कौशल विकसित करना शुरू होता है। अपनी स्किल्स में सुधार करने के लिए आप चाहें तो अपने किसी दोस्त (संभवतः एक बहुत ही सामाजिक मित्र) के साथ मिल सकते और फिर उसके साथ में कुछ रोल प्ले कर सकते हैं। एक दूसरे से बात करने की स्किल्स के बारे में और भी जानकारी पाने के लिए ऑनलाइन सर्च करें।
    • हर सप्ताह अपने किसी एक साथी के साथ में बातचीत की शुरुआत करने के लिए एक छोटा लक्ष्य बनाएँ। फिर जब तक कि ये संख्या हर दिन में एक साथी तक नहीं बदल जाती, तब तक धीरे धीरे इन बातचीत की संख्या को बढ़ाते जाएँ। [२]
    • अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के और भी दूसरे तरीके जानने के लिए आत्मविश्वास-बढ़ाएं गाइड देखें।
  3. कभी कभी हमारे अंदर आत्म-विश्वास में कमी के पीछे ऐसे फ्रेंड्स या फैमिली मेम्बर का योगदान होता है, जो आपको नीचा दिखाते हैं या फिर दिखावटों चीजों जैसे कि सबसे अच्छे कपड़े या सबसे स्टाइलिश मेकअप पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। पहचानें यदि आपके फ्रेंड्स और परिवार आपको आगे बढ़ने में मदद करते हैं या फिर आपको नीचे गिराने का काम करते हैं और यदि आपके फ्रेंड्स आपके लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं, तो अपने लिए नए फ्रेंड्स चुनने से भी न कतराएँ।
    • अच्छे फ्रेंड्स आपकी सफलता को आपके साथ में सेलिब्रेट करते हैं और नई चीजें ट्राई करने के लिए आपको चैलेंज करते हैं। [३]
    • अपने फ्रेंड्स के साथ में समय बिताने के बाद खुद से पूछें आपको कैसा लगता है: क्या आपको नयापन और रिफ्रेश, अगले दिन के लिए बढ़ने को तैयार जैसा फील होता है? या क्या आपको थका और परेशान महसूस होता है, जैसे कि आपको कोई बहुत बड़ा काम करना पड़ा हो? किसी के साथ में समय बिताने के बाद आपकी भावनात्मक स्थिति उस व्यक्ति के आपके आत्म-विश्वास और सामान्य भावनात्मक स्वास्थ्य के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव को बता सकता है। [४]
  4. शर्मिंदगी का अहसास अक्सर उस समय होता है जब हम ऐसा महसूस करते हैं कि कोई हमारी ओर देख रहा है और हमें एक अपूर्ण की तरह जज कर रहा है। ये अचानक हो सकता है (जैसे, यदि आप सबके सामने गिर जाते हैं) या फिर ये अपने आप होते जाता है (जैसे आप एक पब्लिक स्पीच तैयार करते हैं), लेकिन इसकी जड़ें हमेशा अपर्याप्तता और असुरक्षा की के हमारे डर की भावनाओं में होती है। बस इस बात को समझना कि हर कोई कभी न कभी शर्मिंदगी का सामना करता है, ये खुद को इससे बाहर निकालने का सबसे जरूरी कदम होता है।
    • अधिकांश लोग अपने पूरे जीवन में अपूर्ण होने की भावना के साथ जूझते हैं और लोगों के सामने शर्मिंदा होना इसके सामने आने का बहुत ही सामान्य तरीका है। [५] सेलिब्रिटीज को एक नए नजरिए से देखने की कोशिश करें: जिम कैरी, विलियम शैटनर, ये भी स्टेज के भय से जूझ चुके हैं, जिसकी वजह से इनका करियर लगभग बर्बाद ही हो चुका था। [६] लेकिन ये लोग भी बाद में सफलता की ऊंचाई पर पहुँच ही गए।
    • अपर्याप्तता की भावनाओं का अक्सर बचपन के दौर से संबंध होता है। जैसे, यदि आपको लगा कि आपको अपने पैरेंट्स के ध्यान और सराहना को पाने के लिए बहुत मशक्कत करना पड़ी, यदि आपने जो भी किया, वो उनका ध्यान पाने के लिए पर्याप्त नहीं था या अगर आपको अपने साथियों के द्वारा परेशान किया गया, तो आप यहाँ तक कि वयस्क होने के बाद भी अपर्याप्तता की भावनाओं से जूझ सकते हैं। कुछ मामलों में, आपको अपने आज के समय में अपनी शर्मिंदगी के पीछे की वजह बनने वाली अपनी बचपन की परेशानियों से जूझने में थेरेपी से लाभ मिल सकता है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

किसी शर्मनाक पल का सामना करना (Dealing With Embarrassing Situations)

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  1. आपके लिए किस तरह की स्थिति सबसे अधिक शर्मनाक लगती है? क्या आप तब सबसे अधिक शर्मिंदा होते हैं, जब आपको लगता है कि अजनबी लोग आपको जज कर रहे हैं, जैसे जब आप बड़ी ओडियन्स के सामने एक स्पीच देते हैं? या क्या आप तब सबसे अधिक शर्मिंदा होते हैं, जब आपके करीबी लोग आपको कुछ अजीब करते पकड़ लेते हैं, जैसे कि आपके दांतों में खाने का फंसा होना या आपके पैरों पर टॉयलेट पेपर का होना?
    • कुछ लोग उस समय सबसे अधिक शर्मिंदा होते हैं, जब उनकी पहचान के लोग उन्हें कुछ गलत करते हुए देख लेते हैं। ये भावना काफी करीबी रूप से शर्म के साथ में संबन्धित होती है।
    • कुछ अन्य ट्रिगर्स में अन्य लोगों के द्वारा कही या की जाने वाली ऐसी कोई चीज, जो शर्मनाक लगती है (जैसे आपके सामने सेक्स या शरीर के फंक्शन के बारे में बात करना) शामिल है। [७]
    • बाकी समय, शर्मिंदगी की भावना कुछ कमी की आम भावना से आती है। ये शायद नए लोगों से मिलने के आपके डर, अपने अपीयरेंस के साथ शर्मिंदगी या क्लास में बोलने के डर की तरह सामने आ सकती है। [८]
  2. हर व्यक्ति शर्मिंदगी महसूस करता है; ये मनुष्य होने का एक हिस्सा है! [९] ठीक गलतियाँ करने और उनसे सीखने की तरह, शर्मनाक परिस्थितियाँ भी हमें अपने मनुष्य होने के बारे में और हमारे मूल्यों के बारे में बहुत कुछ बता जाती हैं। ये आपको अपने जीवन के उन एरिया के बारे में जानकारी दे सकता है, जिनमें आप आगे सुधार करना चाहेंगे।
    • आसानी से शर्मिंदा होना एक व्यक्तिगत गुण है, जो आपको आप असल में जो हैं, वो बनाने का एक हिस्सा है। जो लोग आसानी से शर्मिंदा हो जाते हैं, वो अन्य भावनाओं को भी बहुत गहराई से महसूस किया करते हैं, जो उन्हें एक अच्छा सहानुभूति देने वाला और अच्छा फ्रेंड बना देता है। आप जो हैं, उस पर गर्व करें! [10]
    • अपने फ्रेंड्स से उनके साथ में घटने वाली किसी शर्मिंदा करने वाली घटना के बारे में पूछें। ये आपको इस बात का यकीन दिलाएगा कि हर कोई शर्मिंदगी के पलों से गुजरता है! [11]
  3. आपके साथ में हुई किसी शर्मनाक स्थिति को अपने मन में बिठाना और अन्य लोगों को देखने पर ऐसा सोचना कि वो लोग उसी चीज के बारे में सोच रहे हैं, आसान है। सच्चाई ये है कि अधिकांश लोगों की अपनी ही काफी परेशानियाँ होती हैं कि उनके पास में आपकी मुश्किलों के बारे में सोचने का समय ही नहीं होगा।!
    • कभी-कभी अतीत की स्थितियों को याद करना मददगार होता है, लेकिन केवल यह समझने के लिए कि भविष्य में इसी तरह की स्थितियों का क्या करना है। आखिरकार आप आपके द्वारा अतीत में की गई सभी अजीब या शर्मनाक परिस्थियों से आगे निकल चुके हैं, तो फिर इस स्थिति को उनसे अलग क्यों रखा जाए? [12]
    • नहीं तो, अपने साथ में नरमी दिखाएँ और खुद को सब भूलने दें और आगे बढ़ जाएँ। आप आपकी ही जैसी स्थिति से गुजर रहे किसी अच्छे फ्रेंड से क्या कहते? अपने साथ में भी एक फ्रेंड बनना न भूलें। [13]
  4. आपकी समझ में शर्मनाक होने वाली स्थितियों से बचें: कभी कभी उन शर्मनाक स्थितियों के प्रकार की पहचान करना, जिनसे आपको सबसे ज्यादा परेशानी होती है, ये उन स्थितियों से बचने में आपकी मदद कर सकता है, जहां आपके अपने ट्रिगर (शर्म महसूस करने वाली स्थिति) का सामना होने की संभावना है।
    • यदि आपको एक स्पीच देना है और लोगों के सामने बोलना आपका ट्रिगर है, तो फिर पॉवरपॉइंट स्लाइडशो या और किसी विजुअल टाइप का इस्तेमाल करके देखें। ये लोगों को आपके बोलने के दौरान आपकी ओर देखने से रोकने में मदद करता है। साथ ही जब तक कि आप अपने मटेरियल के साथ में परिचित नहीं हो जाते, तब तक प्रैक्टिस करना जारी रखें; इससे आपको अपने मटेरियल के बारे में सब जानकारी मिलेगी, जो आपको कॉन्फिडेंट बना देगा। [14]
  5. यदि आप अपने परिवार और फ्रेंड्स पर इतना भरोसा करते हैं कि वो जानबूझकर आपको शर्मिंदा करके आपकी इनसिक्यूरिटीज का लाभ नहीं लेंगे, तो आप खुद को अजीब स्थिति से बचाने में उनकी मदद ले सकते हैं। अपने फ्रेंड्स को बताएं कि किन चीजों से आपको सबसे ज्यादा शर्मिंदगी होती है और इनसे बचने के लिए उनसे इसमें मदद की मांग करें।
    • यदि आपके फ्रेंड्स आपको बताते हैं कि आपका चेहरा लाल हो रहा है, तो उनसे रुकने का कहें। स्टडीज़ से पता चलता है कि केवल किसी को ये बताना कि उनका चेहरा लाल हो रहा है, असल में उनके चेहरे को और भी लाल कर देता है! [15]
    • अपने भरोसे के लोगों से आपको संवेदनशील मुद्दों पर परेशान करने से रुकने का कहें। कुछ लोगों के लिए सबसे शर्मनाक बात वो होती है, जब उन्हें उनकी असुरक्षा या इनसिक्यूरिटीज (जैसे कि शारीरिक गुण या ऐसा कोई जिस पर उन्हें क्रश रहा) के लिए परेशान किया जाए। यदि कोई आपके बारे में परवाह करता है और उसे पता चलता है कि इस चीज से आपको तकलीफ होती है, तो वो आपको परेशान करना बंद कर देंगे। यदि वो नहीं रुकते हैं, तो फिर अपने लिए नए फ्रेंड्स चुनने का समय आ गया है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

शर्मिंदगी से लड़ने की स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करना (Using Coping Strategies)

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  1. शरीर शर्मिंदगी को एक डर की तरह दर्ज करता है, और एक डर की प्रतिक्रिया (fear response) शुरू करता है जिसमें एक तेजी दौड़ती दिल की धड़कन, पसीने से तर हथेलियां, लाल गाल और हकलाने वाली आवाज जैसे लक्षण शामिल होते हैं। [16] प्रैक्टिस के साथ, आप अपने ध्यान को केन्द्रित करके और अपने मन को शांत करके, पैनिक अटैक के दौरान शांत करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली तकनीक का इस्तेमाल करके आप अपने इन साइकोलॉजिकल रिस्पोंस को कंट्रोल करना सीख सकते हैं।
    • कमरे में मौजूद किसी ऐसी चीज पर ध्यान लगाने की कोशिश करें, जो डरावनी न हो, जैसे कि एक घड़ी या फिर दीवार की दरार तक। उस चीज की डिटेल्स के बारे में सोचें और गहरी साँसों वाली तकनीक का अभ्यास करना शुरू कर दें।
    • धीरे और गहरी साँस लें, साँस लेते और साँस छोड़ते समय तीन तक गिनें। हवा के द्वारा आपके सीने को भरने और आपके शरीर को छोड़ने की प्रक्रिया पर फोकस करें। तनाव और चिंता को साँसों के साथ में आपका शरीर छोड़ते हुए महसूस करें।
    • यदि शर्मिंदगी देने वाला पल पहले से प्लान कुछ है (जैसे कि स्पीच या फिर अपने पार्टनर के होने वाले पैरेंट के साथ में मीटिंग), तो फिर उसके शुरू होने से ठीक पहले कोई आरामदायक काम करने की कोशिश करें। कई सारे स्टेज पर परफ़ोर्म करने वाले लोग स्टेज पर जाने से पहले एक ऐसा नियम जैसा अपनाते हैं जो उन्हें फोकस करने में मदद करता है और आखिरी पलों में होने वाले स्टेज के डर से बचाता है। जैसे Beach Boys के Brian Wilson अपने हर शो के पहले मसाज कराते हैं और एक प्रार्थना कहते हैं। [17]
  2. यदि आप कुछ अजीब और शर्मनाक काम कर देते हैं, जैसे कि कॉन्फ्रेंस रूम की टेबल पर अपनी ड्रिंक गिरा देना या फिर अपने बॉस को गलत नाम से बुलाना, तो स्थिति को स्वीकार करने से मूड को हल्का करने में मदद मिलती है। [18]
    • ऐसा होने के पीछे की वजह को समझाने की कोशिश करें। जैसे, कहें "मुझे माफ कर दें, मैंने आपको गलत नाम से पुकारा! ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मेरे मन में बहुत कुछ चल रहा था।" [19]
    • आप चाहें तो मदद की मांग भी कर सकते हैं। यदि आप से कुछ गिर जाता है या आप जमीन पर गिर जाते हैं, तो आपको देखने वाले से आपकी मदद करने के लिए पूछें। आपकी गलती पर मुस्कुराने की बजाय, वो आपकी परेशानी का हल करने में ध्यान देने लग जाएंगे। [20]
  3. यदि आप मीटिंग या क्लास में कुछ गलत कर देते हैं, तो इस बात की संभावना है कि वहाँ पर कोई इस पर जरूर हँसेगा। अजीब स्थिति में हँसना एक सामान्य मानवीय प्रतिक्रिया है और इसका ये मतलब नहीं है कि वो व्यक्ति आपको कहीं से भी कम समझता है। साथ में हँसना ये दिखाता है कि आपके पास में अच्छा सेंस ऑफ ह्यूमर है और आप अपने आप को बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं।
    • स्टडीज से पता चलता है कि शर्मनाक परिस्थिति से निपटने के लिए ह्यूमर का इस्तेमाल करना सबसे अधिक प्रभावी विकल्प है, इसलिए अपने आप पर हँसना सीखें। यदि आप ऐसा कर सकें, तो आप इसके लिए एक मजाक भी बना सकते हैं (जैसे, यदि आप से मीटिंग के दौरान रिपोर्ट पर कॉफी गिर जाती है, तो आप ऐसा कह सकते हैं, "मैं आशा करता हूँ कि इसमें कुछ जरूरी चीज नहीं थी!"), लेकिन यदि नहीं तो बस स्माइल करें और कहें, "ये सच में बहुत अजीब था!!" [21]
  4. कभी कभी शर्मिंदा होने की आदत परफेक्शनिस्ट पर्सनेलिटी का एक गुण बन जाती है। [22] लेकिन बहुत मुश्किल से, शर्मिंदा होने की बहुत अधिक भावना सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर (social anxiety disorder) या सामाजिक डर की तरफ इशारा कर सकती है।
    • यदि शर्मिंदा होने का या अन्य लोगों के द्वारा आपको जज किए जाने का आपका डर आपकी हर दिन की एक्टिविटीज में खलल पैदा कर रहा है या आपके लिए अपनी सोशल लाइफ को एंजॉय कर पाना मुश्किल बना रहा है, तो आपको शायद सोशल फोबिया (जिसे कभी कभी सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है) हो सकता है। भले ही अधिकांश लोग उस समय शर्मिंदगी महसूस करते हैं, जब उन्हें सबके सामने स्पीच देना हो या वो भीड़ के सामने गिर जाते हैं, सोशल फोबिया से जूझने वाले लोग हर दिन के काम करते हुए भी शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं, जैसे कि रेस्तरां में खाना ऑर्डर करना या पब्लिक प्लेस में कुछ खाना। सोशल फोबिया के लक्षण आमतौर पर यौवन के आसपास उभरते हैं। [23]
    • सोशल फोबिया से जूझ रहे लोगों के लिए कई तरह के इलाज मौजूद हैं, जिनमें साइकोथेरेपी या दवाएं भी शामिल हैं। अपने डॉक्टर से बात करके किसी अच्छे थेरेपिस्ट या साइकोलॉजिस्ट के लिए रेफरल देने का कहें। [24]

सलाह

  • शर्मिंदा होना कोई जीवन की सबसे बुरी घटना नहीं है और इसके अलावा लगभग हर कोई कभी न कभी शर्मिंदा होता ही है।
  • शर्मिंदगी के पलों को वापिस याद करना भी एक अच्छी बात होती है क्योंकि इन्हें याद करके आप आपके द्वारा की गई गलतियों से सीख सकते हैं।

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