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जब कोई इंसान सेक्स के दौरान अपनी या अपने पार्टनर की चाह से पहले ही ओर्गेज़्म को पहुँच जाता है, तब इसे शीघ्रपतन (Premature ejaculation) कहते हैं। इस कंडीशन में ज़्यादातर वक़्त पर पुरुष लगभग हमेशा ही पेनट्रेशन (penetration) के एक मिनट के अंदर ही हमेशा शीघ्रपतन को पहुँच जाता है या फिर वो कभी भी इजेक्यूलेशन को रोक पाने के काबिल ही नहीं हो पाता है। ज़्यादातर लोगों के लिए इजेक्यूलेशन तक पहुँचने में लगभग पाँच मिनट का वक़्त लगता है। प्रिमेच्योर इजेक्यूलेशन काफी सारे लोगों को प्रभावित करता है और उनके मन में हार और निराशा का अहसास दिलाता है। यहाँ तक कि कुछ पुरुष तो बस इसी वजह से सेक्सुअल इंटिमेसी से दूर रहते हैं। हालाँकि, काउन्सलिंग के जरिए, इजेक्यूलेशन में देरी करने की टेकनिक्स का यूज करके और मेडिकेशन के जरिए इसका इलाज किया जाना संभव है। परेशानी को पहचानकर आप और आपका पार्टनर, दोनों ही मिलकर सेक्स को एंजॉय कर सकते हैं। [१]

विधि 1
विधि 1 का 2:

बिहेवियरल टेकनिक्स इस्तेमाल करना (Using Behavioral Techniques)

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  1. अगर आप और आपका पार्टनर ऐसा चाहते हैं, तो इजेक्यूलेशन में देरी करने के लिए पॉज़-स्क़्वीज मेथड अपनाकर देखें। [२] [३]
    • अपने पेनिस को अपने पार्टनर के अंदर किए बिना ही उत्तेजित करें। ध्यान दें, जब आप शीघ्रपतन के करीब पहुँच रहे हों।
    • अपने पार्टनर से आपकी पेनिस को उस जगह पर दबाने को कहें, जहाँ पर हेड शाफ्ट से मिलता है। आपके पार्टनर को तब तक कुछ सेकंड्स के लिए स्क़्वीज करते रहना होगा, जब तक कि आपकी शीघ्रपतन की इच्छा में कमी न आ जाए।
    • 30 सेकंड के बाद, फोरप्ले पर वापस चले जाएँ और जरूरत के हिसाब से रिपीट करें। ये आपको कंट्रोल हासिल करने में मदद करेगा और बिना फौरन इजेक्यूलेशन की इच्छा के भी अपने पार्टनर तक एंटर भी करने देगा।
    • पॉज़-स्क़्वीज मेथड का एक और दूसरा टाइप है स्टॉप-गो (stop-go) टेक्निक। ये पॉज़-स्क़्वीज की ही तरह है, बस इसमें फर्क सिर्फ इतना है, कि पेनिस को पार्टनर नहीं स्क़्वीज करता। [४]
  2. ये वो मेथड्स हैं, जिन्हें आप खुद ही कर सकते हैं, जो शायद आपके इजेक्यूलेशन में देरी करने में मदद कर भी कर सकती हैं [५]
    • सेक्स के पहले मास्टर्बेट करें। अगर आप शाम को बाद में सेक्स करने का प्लान कर रहे हैं, तो कोशिश करें, कि इसके एक या दो घंटे पहले मास्टर्बेट कर लें।
    • एक ऐसे मोटे कंडोम का यूज करें, जो आपको मिलने वाले एक्साइटमेंट की मात्रा में कमी कर सके। ये आपके लिए क्लाइमेक्स तक पहुँचना काफी लंबा बना देगा। ऐसे कंडोम्स यूज करना अवॉइड करें, जिन्हें एक्साइटमेंट को बढ़ाने के लिए बनाया जाता है।
    • आपके इजेक्यूलेट करने के ठीक पहले गहरी साँसें लें। ये आपको इजेक्यूलेटिंग रिफ़्लेक्स को रोकने में आपकी मदद करेगा। इसके अलावा जब तक ये वक़्त नहीं गुजर जाता, तब तक के लिए किसी बेहद बोरिंग सी चीज़ के बारे में सोचने से भी मदद मिलती है।
  3. आपके द्वारा सेक्स में यूज की जाने वाली पोजीशन को बदलें: अगर आप आमतौर पर ऊपर रहा करते हैं, तो अब नीचे रहकर देखें या फिर एक ऐसी पोजीशन को चुन लें, जिसमें जब भी आप खुद को इजेक्यूलेशन के करीब जाता हुआ पाएँ, तो आपका पार्टनर फौरन आपके ऊपर आ सके। [६]
    • फिर जैसे ही एक बार ये इजेक्यूलेट करने की चाह निकल जाए, तो दोबारा सेक्स करना शुरू कर दें।
  4. आप चाहें तो, या तो ये अकेले कर सकते हैं या आपके पार्टनर के साथ। ये इन सब से निपटने में आपकी काफी मदद कर सकती है: [७] [८] [९]
    • परफ़ोर्मेंस की चिंता या आपकी लाइफ में मौजूद और दूसरे स्ट्रेस। कभी-कभी, अगर पुरुष के मन में इरेक्शन को पाने या उसे बनाए रखने की चिंता चल रही होती है, तो वो खुद ही बहुत जल्दी से इजेक्यूलेट करने की आदत बना लेते हैं।
    • आपके साथ पहले कभी, आपकी कम उम्र में हुआ कोई खतरनाक सेक्सुअल एक्सपीरियंस। कुछ साइकोलोजिस्ट्स का मानना है, कि अगर आपके साथ पहले हुए सेक्सुअल एक्सपीरियंस, जिनमें बात खुलने की वजह से दोष या डर की भावना फील होना, शामिल है इसकी वजह से भी आप जल्दी इजेक्यूलेट करना सीख जाते हैं। [१०]
    • अगर आपके रिश्ते में, आप और आपके पार्टनर के बीच में कुछ परेशानियाँ चल रही हैं, तो ये भी इसमें एक अहम भूमिका अदा करता है। ये ऐसा मामला भी हो सकता है, कि ये परेशानी एकदम नई हो, और आपके साथ ऐसा आपके पिछले रिश्ते में कभी न हुआ हो। अगर यही बात है, तो ऐसे में कपल्स काउन्सलिंग आपकी मदद कर सकती है।
  5. ये दवाइयाँ प्रिस्क्रिप्शन से या ओवर-द-काउंटर भी स्प्रे या क्रीम के फॉर्म में मिल जाती हैं। सेक्स से पहले आप इन्हें अपनी पेनिस पर रखते हैं और ये आपके द्वारा फील किए जा रहे किसी भी अनुभव को कम कर देती हैं और साथ ही क्लाइमेक्स में देरी करने में भी मदद करती हैं। कुछ पुरुष, और कभी-कभी उनके पार्टनर को भी, कुछ वक़्त के लिए सेंसिटिविटी के खोने और आनंद में कमी की शिकायत मिली है। ये कुछ कॉमन के नाम हैं: [११]
    • लिडोकेन (Lidocaine)
    • प्रिलोकेन (Prilocaine)
विधि 2
विधि 2 का 2:

मेडिकल हैल्प लेना (Getting Medical Help)

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  1. अगर कोई भी टेक्निक काम करते हुए न नजर आए, तो डॉक्टर के पास चले जाएँ: कभी-कभी प्रिमेच्योर इजेक्यूलेशन की असली वजह, एक ऐसी छिपी हुई परेशानी से भी होता है, जिसका इलाज़ करना जरूरी है। इसकी संभावनाओं में ये शामिल हैं: [१२] [१३] [१४]
    • डाइबिटीज़
    • हाइ ब्लड प्रैशर
    • अल्कोहल या ड्रग अब्यूस
    • मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
    • प्रोस्टेट डिसीज (Prostate disease)
    • डिप्रेशन (Depression)
    • हॉर्मोनल इम्बैलेंस
    • न्यूरोट्रांसमिटर्स के साथ में कोई दिक्कत। न्यूरोट्रांसमिटर्स ऐसे केमिकल्स हैं, जो आपके ब्रेन में सिग्नल्स ट्रांसफर करते हैं।
    • आपके इजेक्यूलेटरी सिस्टम में एब्नॉर्मल रिफ़्लेक्सेस
    • थाईराइड की परेशानी
    • आपके प्रोस्टेट या यूरेथ्रा (urethra) में हुआ कोई इन्फेक्शन
    • सर्जरी या ट्रौमा से हुआ कोई डैमेज। ये बहुत कॉमन नहीं है।
    • कोई अनुवांशिक परेशानी।
  2. अपने डॉक्टर से डेपॉक्सेटिन (प्रिलिजी)/Dapoxetine (Priligy) के बारे में पूछें:: ये दवाइयाँ सिलेक्टिव सेरोटोनिन-रियप्टेक इनहिबिटर्स (SSRI) एंटीडिप्रेसेंट की तरह ही होती हैं, लेकिन इसे प्रिमेच्योर इजेक्यूलेशन का इलाज़ करने के लिए बनाया गया है। ये आपके डॉक्टर के द्वारा इलाज़ के लिए दी जाने वाली सबसे पहली दवा और सबसे पहली चीज़ है। अगर आपको ये दवा प्रिस्क्राइब की गई है, तो आपको इसे सेक्स के एक से तीन घंटे पहले लेना होगा। [१५]
    • इसे एक दिन में एक बार से ज्यादा कभी न लें। इसकी वजह से कुछ साइड इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं, जिनमें सिरदर्द, सिर चकराना और अच्छा नहीं लगना जैसे लक्षण शामिल हैं।
    • ये हार्ट, लीवर या किडनी से जुड़ी बीमारी वाले लोगों के हिसाब से ठीक नहीं होती है। इसके साथ ही, ये दूसरी दवाइयों के साथ भी संपर्क कर सकती है, जिनमें एंटीडिप्रेसेंट्स भी शामिल हैं।
    • अन्य विकल्पों में SSRI के पेरोक्सेटाइन (paroxetine), सेर्टालाइन (sertraline), फ्लुक्सोटाइन (fluoxetine), और सीटेलोप्रेम (citalopram) के नाम शामिल हैं।
    • आमतौर पर, SSRIs के फुल इफेक्ट को (जिसे रोजाना लिया जाता हो, न कि डेपॉक्सेटिन की तरह, सिर्फ जरूरत पड़ने पर) इसके यूज किए जाने के दो हफ्तों से पहले नहीं देखा जा सकता है।
  3. ओर्गेज़्म में देरी करने के लिए मौजूद और दूसरी दवाइयों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें: हो सकता है, शायद इन ड्रग्स को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा प्रिमेच्योर इजेक्यूलेशन के इलाज़ के लिए यूज किए जाने को अप्रूव नहीं किया गया हो, जो ओर्गेज़्म में देरी करने के लिए जाने जाते हों। आपके डॉक्टर शायद इन्हें आपके लिए रोजाना या जरूरत पड़ने पर लेने के लिए प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। [१६]
    • दूसरे एंटीडिप्रेसेंट्स (antidepressants)। इसकी संभावनाओं में और दूसरे SSRIs भी शामिल हैं, जैसे कि सेर्टालाइन (Zoloft), पेरोक्सेटाइन (Paxil), फ्लुओक्सीटाइन (Prozac, Sarafem) या ट्राइसाइक्लिक क्लोमीप्रेन (Anafranil) हैं। साइड इफ़ेक्ट्स में मितली आना, मुंह सूखना, चक्कर आना और सेक्स में दिलचस्पी की कमी होना शामिल हैं।
    • Tramadol (Ultram)। इस दवाई का यूज किसी भी दर्द से लड़ने के लिए किया जाता है। इसका एक साइड इफेक्ट यही है, कि ये इजेक्यूलेशन में देरी कर सकता है। और दूसरे साइड इफ़ेक्ट्स में मितली आना, सिर में दर्द और चक्कर आना शामिल हैं।
    • Phosphodiesterase-5 इनहिबटर्स। इन दवाइयों का इस्तेमाल आमतौर पर इरेक्टाइल डायफंक्शन के इलाज़ में किया जाता है। इनमें sildenafil (Viagra, Revatio), tadalafil (Cialis, Adcirca), और vardenafil (Levitra, Staxyn) शामिल हैं। इनके साइड इफ़ेक्ट्स में सिरदर्द, फ़्लशिंग, विजन में बदलाव और नाक भरना शामिल हैं।

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