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यह कोई संयोग नहीं है कि ज्यादातर अमीर लोग शेयर बाज़ार (stock market) में निवेश करते हैं। इसमें तकदीरें बनती और बिगड़ती भी है, लेकिन स्टॉक में निवेश आर्थिक सुरक्षा, स्वतंत्रता, तथा पीढ़ियों के लिए घर एकत्रित करने का सबसे बढ़िया तरीका है। चाहे आपने अभी-अभी बचत करना शुरू किया है या अपने रिटायरमेंट (retirement) के लिए पूंजी बचा कर रखी है, तो आपकी बचत, आपका पैसा आपके लिए बिलकुल वैसे ही कार्य करेगा जैसा आपने कार्य करके उसे कमाया है। इसमें कामयाबी के लिए, यह जरूरी है, कि आपकी स्टॉक मार्केट मतलब शेयर बाज़ार के बारे में जानकारी या समझ एकदम पक्की हो। यह लेख आपको निवेश संबंधी निर्णय की प्रक्रिया के बारे में बताएगा एवं कामयाब निवेशक बनने में मदद करेगा। यह लेख विशेष रूप से शेयरों में निवेश पर चर्चा करता है। शेयर में व्यापार के लिए, पढ़े कैसे शेयर बाज़ार में व्यापार करें। म्यूच्यूअल फंड्स के लिए, पढ़े कैसे निर्णय लें कि स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड्स (mutual funds) खरीदें या नहीं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने लक्ष्य और अपेक्षाओं को स्थापित करना

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  1. अपने लक्ष्य के निर्धारण में आप जो वस्तुएं या अनुभव चाहते हैं, जिसके लिए पैसों की जरूरत होती है, उसका संज्ञान होना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब आप सेवानिवृत्त हो जाएंगे, तो किस तरह की जीवन शैली चाहेंगे? क्या आप घूमना फिरना, अच्छी कार, या बढ़िया भोजन का आनंद लेना चाहते हैं? क्या आपकी जरूरतें साधारण है? इस सूची की मदद से आप अगले कदम के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। [१]
    • यह सूची आपके बच्चों के भविष्य के लिए बचत में भी मदद करेगी। उदाहरण के लिए, क्या आप अपने बच्चों को निजी स्कूल अथवा कॉलेज में भेजेंगे? क्या आप उनके लिए कार खरीदेंगे? क्या आप सरकारी विद्यालयों को प्राथमिकता देंगे और अतिरिक्त पैसों को कहीं और इस्तेमाल करेंगे? आप किसे अहमियत देते हैं इससे आपको बचत एवं निवेश के लक्ष्य निर्धारण में मदद मिलेगी।
  2. निवेश योजना की संरचना से पहले, आपको समझना होगा कि आप निवेश क्यों करें। दूसरे शब्दों में, आप आर्थिक रूप से जहां भी पहुँचना चाहते हैं उसके लिए आपको कितना निवेश करना पड़ेगा। आपके लक्ष्य जितना संभव हो निश्चित होने चाहिए, ताकि आपको जानकारी रहे कि उसे हासिल करने के लिए क्या कुछ करना है। [२]
    • लोकप्रिय आर्थिक लक्ष्य जैसे घर का खरीदना, बच्चे के कॉलेज के लिए भुगतान करना, अपने “आर्थिक कष्ट के दिनों” के लिए कुछ धन एकत्रित करना, या सेवानिवृत्त दिनों के लिए बचत करना। आम लक्ष्य जैसे कि “अपना घर” होना की बजाय निश्चित लक्ष्य निर्धारित करें: जैसे “₹40,000,00 के मकान के लिए ₹6,00,000 की डाउन पेंमेंट की रकम की बचत करना।“ (ज्यादातर होम लोन कुल राशी के 20% से 25% अग्रिम भुगतान चाहते हैं ताकि सबसे आकर्षक ब्याज दर मिल सकें। [३]
    • ज्यादातर निवेश सलाहकार आपको सेवानिवृत्त (retirement) के लिए अपनी उच्चतम आय का आठ गुना बचाने के लिए सलाह देते हैं। यह आपको सेवानिवृत्त की वार्षिक आय की 85% आय पर ही सेवानिवृत्त का मौका देगा। [४] उदाहरण के लिए, यदि आप ₹80,000 की आय पर सेवानिवृत्त होते हैं, तो आपको अपनी सेवानिवृत्ति के आरंभिक वर्षों के लिए कम से कम ₹64,000 वार्षिक आय की कोशिश करनी चाहिए।
    • कॉलेज कॉस्ट कैलकुलेटर (cost calculator) की मदद से निर्धारण करें कि आपको बच्चों के कॉलेज के लिए कितना बचाना है, आपके माता पिता आपको कितना देंगे एवं कई प्रकार की वित्तीय सहायता जिसके लिए आपके बच्चे योग्य है, आपकी आय एवं आपकी आर्थिक स्थिति के आधार पर निर्भर होता है। याद रहे कि स्कूल के स्थान एवं प्रकार (जैसे सरकारी, प्राइवेट, इत्यादि) पर व्यय निर्भर करता है। यह भी याद रहे कि कॉलेज के खर्चो में सिर्फ ट्यूशन ही नहीं है बल्कि फीस, रहना और खाना, आना जाना, किताबें व अन्य खर्चे भी शामिल है। [५] [६]
    • समय को लक्ष्य के साथ जोड़ना याद रखें। यह लम्बी अवधी की योजना जैसे सेवानिवृत्ति पूंजी के लिए सत्य है। उदाहरण के लिए: जॉन 20 वर्ष की उम्र से आइ आर ए (इन्डिविज़ुअल रिटायरमेन्ट अकाउंट-IRA) मतलब वैयक्तिक सेवानिवृत्ति खाता की मदद से बचत करता है एवं 8% प्रतिलाभ कमाता है। इस प्रकार वह वर्ष में लगभग ₹2,000,00 बचाता है एवं अगले 10 वर्ष तक बचाता जाता है, उसके बाद वह बचाना बंद कर देता है और आइ आर ए को बाजार में निवेशित रखता है। जब तक जॉन 65 वर्ष की आयु का होता है, उसके पास लगभग ₹4,00,000,00 की बचत होती है। [७]
    • कई बेबसाइट में “बचत कैलकुलेटर” होता है जो आपको बताते है कि निवेश अंक निर्धारित व्याज दर एवं समयावधि में कितनी बढ़ोतरी होती है। हालांकि, वह प्रोफेशनल वित्तीय सलाहकारों का प्रतिस्थापन नहीं है, लेकिन यह कैलकुलेटर आपको आरम्भ करने में मदद करते हैं। [८]
    • एकबार जब आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं, तो आज जहाँ है और जहां जाना चाहते हैं के अंतर से निर्धारित कर सकते हैं कि वहां पहुँचने के लिए कितना प्रतिफल दर (rate of return) चाहिए।
  3. रिटर्न के लिए अपनी जरूरत के खिलाफ कार्रवाई जोखिम उन्हें कमाने के लिए आवश्यक है। जोखिम उठाने की क्षमता दो बातों पर निर्भर करती है: आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और उसे उठाने की इच्छा। [९] इस चरण के दौरान ऐसे कई प्रश्न है जो आपको स्वयं पूछने चाहिए, जैसे कि: [१०]
    • आप जीवन की किस अवस्था में है? दूसरे शब्दों में, क्या आप अपना आय अर्जन क्षमता की आरम्भिक या अंतिम अवस्था में है?
    • क्या आप अधिक कमाने के लिए, और ज्यादा जोखिम उठाएंगे?
    • आपके निवेश लक्ष्यों कि समय सीमा क्या है?
    • अपने अल्पविधि के लक्ष्यों एवं उचित नगदी संचयन के लिए आपको कितनी तरलता (मतलब संसाधन जिसे आसानी से नकदी में बदला जा सकता है) की आवश्यकता है? शेयरों में तब तक निवेश न करें जब तक आपदा की स्थिति में यदि आपकी नौकरी चली जाएं एवं आपके बचत खाते में छह से बारह महीने के रहन-सहन का प्रबंध न हो। यदि आप अपने शेयरों को एक वर्ष से पहले बेचते हैं तो आप केवल सट्टेबाजी कर रहे हैं, निवेश नहीं।
    • यदि संभावित निवेश आपकी जोखिम क्षमता से मेल नहीं खाता है, तो यह सही विकल्प नहीं है। इसे छोड़ दें।
    • आपकी संपत्ति का आवंटन आपकी आयु की अवस्था पर आधारित होना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब आप युवा हैं तो आपके निवेश सूची में स्टॉक में ज्यादा निवेश होगा। यदि आपको नौकरी स्थाई एवं अच्छी आय के साथ है तो आपकी जॉब एक बॉन्ड है: जिसपर आप दीर्घकालीन आय के लिए निर्भर रह सकते हैं। यह आपको शेयरों में ज्यादा निवेश के लिए आज्ञा देता है। इससे विपरीत, यदि आपके पास "स्टॉक लाइक" नौकरी है, जिसमें आय अप्रत्याशित (unpredictable) होती है जैसे कि निवेश ब्रोकर या शेयर ट्रेडर, आपको शेयरों में कम एवं स्थिर बॉन्डस में ज्यादा खर्चना चाहिए। हालांकि शेयर आपके निवेश सूची को तेजी से बढ़ने में मदद करते हैं, लेकिन जोखिम भी बढ़ाते है। जैसे-जैसे आप उम्र में बढ़ते है, आप ज्यादा स्थिर निवेश जैसे बॉन्डस को अपना सकते हैं। [११]
  4. शेयर बाज़ार तथा बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में पढ़ने के लिए जितना ज्यादा से ज्यादा समय निकाल सकते हैं निकालें। विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि तथा भविष्यवाणियों को सुनें एवं कौन से शेयर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में अपनी समझ को विकसित करें। ऐसी कई उत्कृष्ट निवेश पुस्तकें हैं जो आपको बेहतर शुरूआत देंगी:
    • द इंटेलिजैंट इनवेस्टर ( The Intelligent Investor ) और सेक्यूरिटी एनैलिसिस ( Security Analysis ) द्वारा बेजैंमिन ग्राहम (Benjamin Graham) निवेश के लिए एक बेहतरीन शुरूआत है।
    • द इंटरप्रिटोशन ऑफ फाइनैनशियल स्टेटमेंट ( The Interpretation of Financial Statements ) द्वारा बेंजामिन ग्राहम (Benjamin Graham) और स्पेन्सर बी. मेरेडिथ (Spencer B. Meredith)। यह वित्तीय बयान पढ़ने के लिए एक लघु एवं संक्षिप्त ग्रंथ है।
    • एक्सपैक्टेशन इनवेस्टिंग ( Expectations Investing ), द्वारा ऑलफ्रेड रेप्पापोर्ट (Alfred Rappaport), माइकल जे. मौबूसिन (Michael J. Mauboussin)। यह बेहद पठनीय पुस्तक सुरक्षा विश्लेषण पर नए दृष्टिकोण (perspective) प्रदान करता है और ग्राहम की पुस्तकों के लिए अच्छा पूरक है।
    • कॉमन स्टॉक एंड अनकॉमन प्राफिट्स ( Common Stocks and Uncommon Profits ) (और अन्य लेख) द्वारा फिलिप फिशर (Philip Fisher)। वारेन बफेट (Warren Buffett) ने एकबार कहा कि वह 85% ग्राहम है और 15% फिशर, और शायद संभवतः निवेश के तरीकों पर फिशर के प्रभाव को कम आकलन जैसा है।
    • "द एसे ऑफ वारेन बफेट," ("The Essays of Warren Buffett") द्वारा शेयर धारकों को लिखे वार्षिक पत्रों का संकलन है। बफेट ने अपना संपूर्ण संपत्ति निवेश से बनाई और जो उनके पदचिन्हों पर चलना चाहते हैं उनके लिए, उनके पास बहुत उपयोगी सुझाव है। इन सभी सुझावों को बफेट ने लोगों को पढ़ने के लिए ऑनलाइन मुफ्त वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है: www.berkshirehathaway.com/letters/letters.html।
    • द थ्योरी ऑफ इनवेस्टमेंट वैल्यू , ( The Theory of Investment Value ) द्वारा जॉन बर्र विलियम्स (John Burr Williams) एक शेयर मूल्यांकन पर बेहतरीन किताब है।
    • वन अप ऑन वाल स्ट्रीट ( One Up on Wall Street ) और बीटिंग द स्ट्रीट ( Beating the Street ), दोनों द्वारा पीटर लिन्च (Peter Lynch), एक बहुत कामयाब पैसों का प्रबंधक है। यह पढ़ने में आसान, ज्ञानवर्धक और मनोरंजक है।
    • एक्सट्राऑर्डिनरी पापूलर डेल्यूशन्स एंड द मैडनेस ऑफ क्राउडस ( Extraordinary Popular Delusions and the Madness of Crowds ) द्वारा चार्ल्स मैके (Charles Mackay) और रेमिनिसेंसेस ऑफ अ स्टॉक ऑपरेटर ( Reminiscences of a Stock Operator ) द्वारा विलियम लेफेवरे (William Lefevre) असल जिंदगी के उदाहरण इस पुस्तक में बताते हैं कि शेयर बाज़ार में भावात्मक प्रतिक्रिया एवं लालच के क्या दुष्परिणाम है।
    • आप भी ऑनलाइन उपलब्ध निवेश से संबंधित बेसिक तथा आरंभिक कोर्स कर सकते हैं। कभी-कभी यह वित्तीय कंपनियों जैसे मॉर्निंगस्टार और टी. डी. अमेरीट्रेड द्वारा मुक्त में उपलब्ध करवाएं जाते हैं। [१२] [१३] कई विश्वविद्यालयों जैसे स्टैनफोर्ड निवेश के पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं। [१४]
    • सामुदायिक केंद्र और प्रौढ़ शिक्षा केंद्र भी वित्तीय कोर्स को उपलब्ध करवा सकते हैं। यह अक्सर सस्ते एवं मुक्त में होते हैं तथा आपको निवेश के बारे में ठोस दृष्टिकोण दे सकते हैं। ऑनलाइन आप इनको ढूंढ सकते हैं।
    • “पेपर ट्रेडिंग” से अभ्यास करें। शेयरों के बंद होने की कीमतों की मदद से आप शेयर की खरीदारी तथा बेचने का स्वांग करें। आप इसे वास्तविक रूप में कागज पर कर सकते हैं या आप ऑनलाइन मुफ्त प्रशिक्षण खाता खोलकर अभ्यास कर सकते हैं जैसे बाज़ार कैसे काम करता है। इसका अभ्यास आपको अपनी रणनीति एवं ज्ञान को बिना किसी जोखिम के सुधारने में मदद करेगा।
  5. शेयर बाज़ार के लिए अपनी अपेक्षाओं का निर्माण करें: आप प्रोफेशनल है या नौसिखिया, यह कदम मुश्किल है, क्योंकि यह दोनों कला एवं विज्ञान है। यह अपेक्षा करता है कि आप बाज़ार के प्रदर्शन से संबंधित व्यापक मात्रा में उपलब्ध वित्तीय आंकड़ों को व्यवस्थित कर सकें। आपको यह जरूर “एहसास“ होना चाहिए कि यह आंकड़े क्या तथा क्या नहीं सूचित करते हैं।
    • इसलिए कई निवेशक सिर्फ उन्हीं उत्पादों के शेयर लेते हैं, जिन्हें वह जानते है, तथा इस्तेमाल करते हैं। [१५] उन उत्पादों पर ध्यान दें, जिन्हें आप अपने घरपर इस्तेमाल करते हैं। जो आपकी बैठक में है या आपके फ्रिज़ में है, आपके पास इन उत्पादों की प्राथमिक जानकारी है, एवं आप शीघ्र और सहजता से प्रतियोगियों के साथ तुलना में उनके प्रदर्शन का आकलन कर सकते हैं।
    • ऐसे घरेलू उत्पादों के लिए, आर्थिक हालातों का ध्यान रखें जो आपको उन्हें खरीदने के लिए रोकता है, फिर चाहे वह आपके बेहतरी के लिए हो या फिर अधोगति के लिए हो।
    • अगर आर्थिक परिस्थिति ऐसी है कि लोग उन्हीं उत्पादों को खरीदना चाहें जिससे आप भलीभाँति परिचित है, तो यह निवेश के लिए एक बेहतर अवसर हो सकता है।
  6. जब आप शेयर बाज़ार के विषय में अपनी अपेक्षाओं को विकसित कर रहे हैं तथा दिए गए आर्थिक हालतों में जो कंपनियां कामयाब हो सकती है, यह जरूरी है कि कुछ खास क्षेत्रों में आप पूर्वाभास (predictions) स्थापित करें जैसे:
    • ब्याज दर (rate of interest) और मुद्रास्फीती (inflation) की दिशा, और स्थिर आय या शेयरों की खरीद पर यह कैसे असर डाल सकते हैं। [१६] जब ब्याज दर कम होगा तब पैसा अधिक ग्राहकों तथा व्यावसायिकों के समीप होगा। ग्राहकों के पास खरीद के लिए ज्यादा पैसे होंगे और वह ज्यादा खरीदेंगे। इससे कंपनी की आमदनी अधिक होगी, एवं वह विस्तार में निवेश करेंगे। इसलिए न्यूनतम ब्याज दर स्टॉक की कीमतों को कम करती है। अधिक ब्याज दर से पैसा उधार लेना महंगा पड़ता है। ग्राहक कम खर्चेंगे एवं कंपनियों के पास निवेश के लिए कम पैसा होगा। इससे तरक्की रूक जाएगी या गिर जाएगी। [१७]
    • अर्थव्यवस्था की व्यावसायिक स्थिति, एक ब्राड मैक्रोइकानॉमिक दृष्टिकोण से। [१८] मुद्रास्फीती समय के हिसाब से कीमतों में वृद्धि होती है। आम या “नियंत्रित” मुद्रास्फीती को हम अर्थव्यवस्था शेयर के बिन्दु से अच्छा समझते हैं। कम ब्याज दर सामान्य मुद्रास्फीती के साथ मिलकर बाज़ार में एक सकारात्मक असर डालती है। उच्च ब्याज दर एवं अपस्फीती (deflation) सामान्यतः शेयर बाज़ार को गिराती है। [१९]
    • अर्थव्यवस्था के विशेष सेक्टोरों में अनुकूल परिस्थितियां तथा साथ में लक्ष्यपूर्ण सूक्ष्म अर्थव्यवस्था का आकलन। [२०] कुछ उद्योग जैसे ऑटोमोबाइल, निर्माण तथा हवाई सेवाएं, अर्थव्यवस्था की उन्नति के दौरान बेहतर प्रदर्शन करती है। मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में ग्राहक अपने भविष्य को लेकर काफी निश्चिंत होते हैं, इसलिए वह अधिक पैसे खर्चते है एवं ज्यादा खरीदते हैं। ऐसे उद्योग एवं कंपनियां को “आवर्ती” (cyclical) भी कहां जाता है। [२१]
    • अन्य उद्योग गिरती या कमज़ोर अर्थव्यवस्था में बेहतर प्रदर्शन करती है। यह उद्योग और कंपनियां आमतौर पर इन अर्थव्यवस्थाओं के कारण प्रभावित नहीं होती है। उदाहरण के लिए, यूटिलिटीज तथा बीमा कंपनियों पर ग्राहकों के आत्मविश्वास का कम असर पड़ता है, क्योंकि लोगों को बिजली सेवाएं एवं सेहत बीमा के लिए पैसे तो खर्चने ही पड़ेंगे। ऐसी कंपनियां तथा उद्योग “आत्मसुरक्षित“ या “काउंटर-साइक्लिकल” कहलाती है। [२२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

निवेश करना

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  1. दूसरे शब्दों में, आप अपने पैसों का कितना हिस्सा किस प्रकार को निवेश में लगाएंगे।
  2. आपकी "जोखिम और आय" का ध्येय ज्यादा विकल्पों में से कुछ को निकाल देगा। एक निवेशक होने के नाते आप वैयक्तिक कंपनियों जैसे एपल एवं मैक्डोनालड के शेयर खरीद सकते हैं। यह निवेश का सबसे बुनियादी प्रकार है। बॉटम अप तरीके में जब आप हर शेयर को अपनी सोच, उनकी कीमतों एवं लाभांश के आधार पर खरीदते तथा बेचते हैं। तब शेयरों में सीधे निवेश, म्युच्युअल फंड द्वारा ली गई फीस से बचाता है एवं उचित विविधीकरण के लिए ज्यादा प्रयास की अपेक्षा करता है।
    • उन्हीं शेयरों को चुनें जो आपकी निवेश की जरूरतों को बेहतरीन तरीकों से पूरा करते हैं। यदि आप उच्च आय की श्रेणी में हैं, तथा लघु एवं मध्यम अवधि की आय की निम्नतम जरूरत है, और जोखिम उठाने की क्षमता भी ज्यादा है तो ज्यादातर उन अधिक बढ़ने वाले शेयरों को चुनें जो या तो थोड़ा या शून्य लाभांश देते हैं परंतु उनकी अपेक्षित बढ़ोतरी मध्यम से ज्यादा होती है।
    • कम लागत वाली इंडेक्स फंड आम तौर पर सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों की तुलना में फीस में कम चार्ज करते हैं। [२५] वह ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि वह अपने निवेश जानेमाने इन्डैक्सों पर आधारित रखते हैं। उदाहरण के लिए, कोई इन्डैक्स फंड अपनी परफॉरमैंस बैचमार्क S&P 500 इन्डैक्स के शेयरों पर आधारित रखता है। फंड ज्यादातर या पूरे एसैट्स खरीद लेगा एवं इन्डैक्स की परफॉरमैंस की बराबरी (लेकिन अधिक नहीं) कर लेगा। यह एक सुरक्षित निवेश होगा परंतु बहुत उत्तेजक नहीं। एक्टिव शेयर खरीददार ऐसी निवेशों में कम रुची दिखाएंगे। [२६] इन्डैक्स फंड “नए निवेशकों” के लिए एक अच्छी शुरूआत हो सकती है। [२७] "कम लोड" वाले, सस्ते इन्डैक्स फंडो को खरीदकर रखना, और डॉलर कास्ट ऐवरेजिंग स्ट्रैटेजी को उपयोग करने से देखा गया है कि दीर्घकाल में वह एक्टिव म्युच्युअल फंड को पीछे छोड़ देते है। ऐसे इन्डैक्स फंड चुनें जो वार्षिक आय एवं इन्डैक्स अनुपात में सबसे कम हों। उन निवेशकों के लिए जिनके पास ₹100,000 से कम निवेश करने के लिए हैं उनके लिए इन्डैक्स फंड दीर्घकालीन निवेश के लिए बेहतरीन है। अधिक जानकारी के लिए, डिसाइड वेदर टू बाय स्टॉक्स ऑर म्यूच्यूअल फंड्स लेख को पढ़े कि इन्डिविज़ूअल स्टॉक या म्यूच्यूअल फंड में से क्या बेहतर है।
    • एक एक्चेंज ट्रेडर फण्ड (ETF) एक ऐसा इन्डेक्स फंड है जिसे शेयर की तरह निवेश करते हैं। ETF एक अनमैनेज्ड पोर्टफोलियो है (इसमें स्टॉक एक्टिवली मैनेज्ड फंड की तरह लगातार खरीदें और बेचे नहीं जाते) और कमीशन के बगैर ही अक्सर लेन देन होते हैं। आप खास इन्डैक्स पर आधारित ETF खरीद सकते हैं, जो किसी निश्चित उद्योग या वस्तु जैसे कि सोने पर आधारित हो सकते हैं। [२८] ETF नौसिखियों के लिए एक बढ़िया चुनाव है।
    • आप एक्टिवली मैनेज्ड म्यूच्यूअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। इन फंडो में कई निवेशक पैसा लगाते हैं और उसे शेयरों एवं बान्डस में लगाते हैं। वैयक्तिक निवेशक पोर्टफोलियों के शेयर खरीदते हैं। [२९] वैयक्तिक निवेशक ऐसे पोर्टफोलियो बनाते है जिनका एक विशेष लक्ष्य होता है जिसे दीर्घकालीन उन्नति। क्योंकि यह फंड एक्टिवली मैनेज्ड होते हैं (प्रबंधक लगातार शेयरों को खरीदते बेचते रहते है ताकि फंड के लक्ष्य प्राप्त हो सकें), इसलिए इनकी फीस ज्यादा होती है। म्यूच्यूअल फंड ऐक्सपेंस रेशो आपके प्रतिलाभ दर को हानि पहुंचा सकते हैं एवं आपकी आर्थिक उन्नति में बाधक है। [३०]
    • कुछ कंपनियां सेवानिवृत्त निवेशकों के लिए, खास पोर्टफोलियों प्रस्तुत करते हैं। यह “एसेट अलोकेशन" या “टार्गेट डेट" फंड्स है जो आपकी उम्र के अनुसार आपको स्वामित्व को समन्वय करते रहते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप युवा है तो आपका संकलन इक्विटि की तरफ होता है, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, यह संकलन आपकी निवेशों को स्थिर आय सेक्यूरीटि में बदलता जाता है। दूसरे शब्दों में, यह आपके लिए वह करता है, जो आप अपने वयस्क होने पर अपने लिए करने की उम्मीद करते हैं। [३१] ध्यान रहे कि यह फंड्स साधारण इन्डैक्स फंड एवं ETF के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं, लेकिन यह दूसरे निवेश से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
    • निवेश चुनने से पहले यह जरूरी है कि आप विनिमय का खर्चा और फीस को परखें। खर्चा एवं फीस आपके प्रतिलाभ को घटाती है तथा आपकी आय को कम करती है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि जब आप शेयर खरीदें, सँभाले या बेचें तो आपको क्या कीमत अदा करनी पड़ेगी। एक शेयर की आम विनियम कीमत में कमीशन, बिड-आस्क स्प्रेड, स्लीपेज़, SEC सेक्शन 31 फीस [३२] , और केपिटल गेन टैक्स शामिल हैं। फन्डस में लगने वाली कास्ट मैनेजमेंट फीस, सेल्स लोड़स भार, प्रतिदान कीमत (redemption fees), विनियम फीस, अकाउंट फीस, 12b-1 फीस और ऑपरेटिंग खर्चे शामिल है। [३३]
  3. हर शेयर जिसमें आप इच्छुक है उसकी आंतरिक मूल्य तथा लही कीमत को निर्धारित करें जिसे आपको अदा करना है: आंतरिक मूल्य एक शेयर की योग्यता या कीमत है जो वर्तमान शेयर मूल्य से अलग हो सकती है। सही कीमत जो अदा करनी है, वह आमतौर पर आंतरिक कीमत का ही एक हिस्सा होता है, जो सुरक्षा का दायरा (margin of safety-MOS) तय करती है। MOS 20% से 60% तक हो सकता है जो आपकी आंतरिक कीमत के निर्धारण में अनिश्चितता के स्तर पर निर्भर करता है। शेयरों की कीमत के आकलन के कई तरीके हैं:
    • लाभांश डिस्काउंट मॉडल: एक शेयर की कीमत उसके भविष्य में मिलने वाले लाभांश का वर्तमान रूप है। इसलिए स्टॉक की कीमत = प्रति शेयर लाभांश का डिस्काउंट रेट तथा लाभांश प्रगति दर के अंतर से विभाजित करके मिलता है। [३४] उदाहरण के लिए, कंपनी ए प्रतिशेयर वार्षिक लाभांश ₹65 देती है, जिसकी अपेक्षित वृद्धि दर 7% वार्षिक है। यदि आपका पर्सनल कास्ट ऑफ कैपिटल (डिस्काउंट रेट) 12% है, तो कंपनी ए के शेयर की कीमत ₹65/(.12-.07) = ₹1300 प्रति शेयर।
    • डिस्काउंट कैश फ्लो (DCF) मॉडल: एक शेयर का मूल्य अपने सभी भविष्य के नकदी प्रवाह का वर्तमान मूल्य है। इसलिए, DCF = CF1/(1+r)^1 + CF2/(1+r)^2 + ... + CFn/(1+r)^n, जहां CFn = कैश फ्लो एक दिए गए समय n के लिए, और r = डिस्काउंट रेट। एक अनूठी (typical) DCF गणना प्रोजेक्ट के लिए वार्षिक फ्री कैश फ्लो (वर्तमान कैश फ्लो (operating cash flow) से पूंजीगत व्यय (capital expenditures) को घटाना) को अगले 10 वर्षों के लिए दर्शाते हैं उन्नति कीमत और टर्मिनल उन्नति कीमत दर का अंदाजा लगाते हैं ताकि टर्मिनल कीमत का अंदाजा लगा सकें और फिर दोनों को जोड़कर शेयर के DCF कीमत का पता लगाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कंपनी ए का तत्कालीन FCF ₹120/शेयर है तथा अनुमानित FCF वृद्धि 7% अगले 10 वर्षों तक एवं तत्पश्चात 4% है। 12% के डिस्काउंट रेट के इस्तेमाल से शेयर की वृद्धि दर ₹1010 और टर्मिनल वैल्यू ₹1065 तथा उसकी कीमत ₹2085 प्रति शेयर है।
    • तुलनात्मक विधियां: यह विधियां किसी शेयर की कीमत उसकी आमदनी क्षमता से लगाती है (price relative to earnings (P/E)), बूक वैल्यू (P/B), सेल्स (P/S), और कैश फ्लो (P/CF) से भी लगाई जाती है। यह शेयर के तात्कालिक कीमत अनुपात की तुलना उपयुक्त मानदंड तथा शेयर के ऐतिहासिक औसत के अनुपात से उस कीमत को निर्धारित करती हैं जिसपर शेयर को बिकना चाहिए।
  4. एकबार जब आपने निर्णय ले लिया है कि किस शेयर को खरीदना है तो अब समय है अपने शेयरों को खरीदने का। एक दलाली कंपनी को ढूंढे जो आपकी जरूरत को पूरा करती है एवं आपके लिए शेयर की खरीदारी करें।
    • आप एक डिस्काउंट दलाल चुन सकते हैं, जो शेयर आप खरीदना चाहते हैं, वह आपके लिए खरीदेगा। आप एक फुल सर्विस ब्रोकरेज फर्म को भी चुन सकते है जो महंगी जरूर होगी पर आपको सूचना एवं मार्गदर्शन दोनों उपलब्ध कराएंगे। [३५] आप खुद भी वेबसाइट पर जाकर लोगों की समीक्षा के आधार पर बेहतरीन ब्रोकर चुन सकते हैं। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कितनी कमीशन लेता है तथा अन्य कौन से खर्चे जुड़े हुए है। कुछ ब्रोकर मुफ्त में शेयर ट्रेड करवाते हैं, यदि आपका पोर्टफोलियो न्यूनतम उपयोगिता का है (उदाहरण के लिए, मेरिल एड्ज प्रीइरड् रिवार्डस), या आप कुछ चुनिंदा शेयरों में निवेश करते है जिनकी कंपनियां विनिमय दर का भुगतान करती है (उदाहरण के लिए, लॉयल3)
    • कुछ कंपनियां डायरेक्ट स्टॉक परचेस प्लान (DSPPs) पेश करती है जिसमें आप उनके शेयर बगैर दलालों के खरीद सकते हैं। यदि आप खरीदकर रखना चाहते हैं या डॉलर कास्ट एवरेजिंग करना चाहते हैं, तो यह आपका बेहतरीन विकल्प होगा। ऑनलाइन, कॉल करके या लिखकर आप उन कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं, जिनके शेयर आप खरीदना चाहते हैं और पूछ सकते हैं कि वह ऐसा कोई प्लान ऑफर कर रहे हैं या नहीं। [३६] फीस के समय सारणी पर ध्यान दें एवं ऐसा प्लान चुनें जिसमें फीस या तो न्यूनतम हो या हो ही नहीं।
  5. एक ऐसा पोर्टफोलियो बनाएं जिसमें 5 से 20 अलग-अलग शेयर हो जिनमें विभिन्नता हो: भिन्नता अलग-अलग क्षेत्रों, उद्योगों, राष्ट्रों, कंपनी आकार, और शैली में हो ("ग्रोथ" vs. "वैल्यू")।
  6. लंबे समय तक, पांच से दस सालों तक या उससे भी अधिक समय तक संभालें: जिस दिन, महीना या साल बाज़ार मंदा हो शेयर बेचने के लालच को त्यागें। दीर्घकालीन बाज़ार की दिशा हमेशा ऊपर होगी। दूसरी तरफ, मुनाफा (बिक्री) के लालच से भी दूर रहें, यद्यपि आपका शेयर 50% या ज्यादा ऊपर चला गया हो तब भी। जबतक कंपनी की बुनियादी हालत ठीक है, तब तक अपने शेयर न बेचें जबतक कि शेयर बेचना आपके लिए मजबूरी न हो जाएं तभी बेचें, हालांकि, यदि शेयर की कीमत अपनी वैल्यू से ज्यादा बढ़ गई हो (इस चरण के स्टेप क्रमांक 3 को पढ़े) या बुनियादी बदलाव तब से आ गए हो जब से आपने शेयर खरीदे हों या कंपनी अब मुनाफे न हो।
  7. डॉलर कास्ट एवरेज़िंग आपको मजबूर करता है कि आप सस्ता खरीदें तथा महंगा बेचें और यह साधारण एवं सशक्त रणनीति है। अपनी हर आमदनी का कुछ प्रतिशत शेयरों के खरीदारी के लिए अलग से रखें।
    • याद रखें कि मंद बाजार खरीददारी के लिए है। यदि शेयर बाज़ार कम से कम 20% गिरता है तो शेयर में और पैसा लगाएं। यदि बाज़ार 50% गिरता है तो जितना कैश और बान्ड उपलब्ध है सब लगा दें। यह भयावह लगेगा, लेकिन बाज़ार हमेशा वापस उठे है, तब भी जब 1929 और 1932 में बाज़ार ध्वस्त हो गया था। सबसे कामयाब निवेशकों ने तब शेयर खरीदें थे जब वह "बिकाऊ" थे।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने पोर्टफोलियो का निरीक्षण करना और उसे संभालना

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  1. यह जरूरी है कि आप अपनी अपेक्षानुसार अपने शेयरों की कार्य संपादन (performance) को उपयुक्त मानदण्ड बनाकर तुलना करें। मानकों (standards) का विकास करें ताकि आप अपने निवेश में जो प्रगति चाहते हैं ताकि सिर्फ उन्हीं शेयरों को रखें जो रखने लायक है। [३७]
    • यह मानदण्ड कई बाज़ारों के इनडेक्सेस पर आधारित है। यह आपको निर्धारण करने में मदद करते हैं कि आपका निवेश बाज़ार के सापेक्ष में ठीक से काम कर रहे हैं। [३८]
    • अंतदृष्टि के विपरीत यदि कोई शेयर ऊपर जा रहे हैं, तो जरूरी नहीं है कि वह अच्छी निवेश है जबकि वह अपने जैसे शेयरों की गति से धीमी गति से ऊपर जा रहा हो। उसके विपरीत सभी घटती निवेश जरूरी नहीं कि हार है (जब उसके जैसे निवेश और खराब प्रदर्शन कर रहे हों)।
  2. आप हर निवेश का प्रदर्शन अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप उसकी मूल्य जानने के लिए करें। इससे आप दूसरे निवेश निर्णयों का भी मूल्यांकन कर सकते हैं।
    • जो निवेश आपकी अपेक्षानुरूप न हों तो उनको बेचकर कहीं और उनका निवेश करें, जबतक आपको विश्वास न हो कि आपकी अपेक्षाएं शीघ्र पूरी होंगी।
    • अपने निवेशों को काम करने दें। एक दीर्घकालीन निवेशक के लिए एक से तीन साल की प्रदर्शन अर्थहीन है। शेयर बाज़ार अल्पकाल के लिए मतदान यंत्र (voting machine) एवं दीर्घकाल के लिए भारोत्तोलन यंत्र (weighing machine) है।
  3. जब आपने शेयर खरीद लिए हैं, तो आपको समय-समय पर निवेश की समीक्षा करनी चाहिए। [३९]
    • परिस्थितियां तथा राय बदलती रहती है। यह निवेश का हिस्सा है। इसकी कुंजी हर नई सूचना का मूल्यांकन एवं क्रियान्वयन करता है तथा कोई भी बदलाव जो दिशानिर्देश के अनुरूप हों तथा पहले लिए गए कदमों पर आधारित हों।
    • क्या आपकी बाज़ार संबंधी अपेक्षाएं ठीक थी। अगर नहीं, तो क्यों? इन अंतदृष्टियों की मदद से अपनी अपेक्षाओं एवं निवेश सूची को अपडेट करें।
    • क्या आपका पोर्टफोलियो आपकी जोखिम क्षमता के दायरे में है। हो सकता है कि आपके शेयर ने ठीक काम किया हो परंतु निवेश ज्यादा जोखिम भरे तथा अस्थायी हो सकते हैं, जिसके बारे में आपने भी नहीं सोचा होगा। यदि आप इन जोखिमों में सहज महसूस नहीं करते तो यह समय निवेश के बदलाव का है।
    • क्या आप अपने अपेक्षाओं को हासिल करने में कामयाब हुए हैं। हो सकता है कि आपका निवेश बेशक जोखिम के दायरे में हो पर बहुत धीरे प्रगति कर रहे हो तथा आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप न हों। यदि यही स्थिति है तो निवेश में बदलाव के बारे में सोचें।
  4. आखिर आप निवेशक हैं सट्टेबाज़ नहीं। हर बार जब आप मुनाफा कमाते हैं, आपका कैपिटल गेन टैक्स बनता है। इसके अलावा हर ट्रेड में दलाल की फीस शामिल होती है।
    • शेयर के सुझावों पर ध्यान न दें। अपना अनुसंधान करें और किसी भी शेयर सुझाव पर ध्यान न दें बेशक वह अंदर से आए। वारेन बफेट (Warren Buffett) कहते हैं कि वह सभी चिट्ठियों को जो उनको मेल की जाती है जिनमें एक या अन्य शेयरों का सुझाव होता है, को फेंक दिया जाता है। वे कहते हैं कि इन सेल्समैन को किसी स्टॉक को अच्छा बनाने के लिए पैसे मिलते हैं, ताकि कंपनियों की बिक्री बढ़ सकें।
    • शेयरों की मीडिया कवरेज पर ध्यान न दें। दीर्घकालीन निवेश पर फोकस करें तथा अल्पकालीन कीमतों से प्रभावित न हों।
  5. यदि जरूरत हो तो किसी जानेमाने ब्रोकर, बैंकर, या निवेश सलाहकार की सलाह लें: सीखना न छोड़े। लगातार जितनी किताबें एवं लेख पढ़ सकते हैं पढ़े, खासकर उन लोगों की जिन्होंने कामयाबी से उन बाजारों में निवेश किया है जिनमें आपकी रुची है। आप उन लेखों को भी पढ़ना चाहेंगे जो निवेश के भावनात्मक तथा मनोवैज्ञानिक पहलुओं में मदद करते हैं, ताकि आप शेयर बाज़ार में भाग लेते समय उतार चढ़ाव के दौरान महसूस करते हैं। यह आपके लिए महत्वपूर्ण है कि आप कैसे समझदार चुनाव करते हैं जब आप शेयरों में निवेश करते हैं तथा जब आप समझदारी पूर्ण निर्णय लेते हैं तो आपको नुकसान की दशा में भी तैयार रहना चाहिए यदि वह घटित होते हैं।

सलाह

  • उन कंपनियों को खरीदें जिनका थोड़ा या कोई प्रतियोगिता नहीं है। एअरलाइन्स, रीटेलर्स तथा ऑटो मैनूफेक्चरर आमतौर पर खराब दीर्घकालीन निवेश हैं क्योंकि यह अत्यधिक प्रतियोगी उद्योग है। यह उनके न्यूनतम मुनाफे में से प्रदर्शित है। सामान्यतः सीजनल एवं ट्रेन्डी व्यवसायों जैसे कि रीटेल और रेग्यूलेट उद्योग जैसे युटिलिटी तथा एअरलाइन, जबतक कि वह एकसार आय में वृद्धि लंबे समय तक न दें। कुछ ऐसे भी है।
  • निवेश सलाहकार और दलालों का लक्ष्य आपको अपना ग्राहक बनाना है ताकि वह आपसे पैसा निकाल सकें। वह आपको अपनी सूची को S&P 500 तथा डॉव (Dow) के अनुरूप और भिन्न-भिन्न शेयरों से युक्त बनाने को कहते हैं। इसप्रकार जब भी कीमतों में गिरावट होगी वह हमेशा बहाने बनाएंगे। एक आम दलाल को इस व्यापार के बारे में बहुत थोड़ी जानकारी है। वारेन बफेट (Warren Buffett) ने एक महान बात कही है, कि "जोखिम उन लोगों के लिए है जो कुछ नहीं जानते है तथा वह क्या कर रहे हैं।"
  • सूचना यह शेयर में सफल निवेश तथा निश्चित आय बाज़ार के लिए जीवनदान है। इसमें अनुशासित रूप से अपनी शोध को क्रियान्वित करना एवं प्रदर्शन का अवलोकन करना और ठीक करते रहना जरूरी है।
  • वॉल स्ट्रीट अल्पकालिक पर केंद्रित है। ऐसा इसलिए क्योंकि भविष्य की आय का पूर्वानुमान लगाना, खासकर दूर भविष्य का, मुश्किल है। ज्यादातर विश्लेषक दल सालों की आय का पूर्वानुमान लगाते हैं और डिस्काउंट कैश फ्लो विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं ताकि लक्ष्य की कीमत निर्धारित कर सकें। आप बाज़ार को हरा सकते हैं यदि आप अपने शेयर को लंबे समय तक संभाल कर रखें।
  • कम कीमत पर उपलब्ध उच्च स्तरीय शेयरों को खरीदने का मौका ढूँढिए। यही मूल्य निवेश का सार है।
  • याद रखें कि आप कागज़ के टुकड़ों का व्यापार नहीं कर रहे हैं जो अपनी कीमतों में ऊपर नीचे जा रहे हैं। आप किसी व्यापार के शेयर खरीद रहे हैं। उस व्यापार की सेहत एवं मुनाफा तथा जो कीमत आप अदा कर रहे हैं, यह दो कारक है जिनको आपके फैसले को प्रभावित करना है।
  • अपने पूर्वाग्रहों से सावधान रहें और अपने निर्णयों पर भावात्मक असर न होने दें। अपने ऊपर तथा प्रक्रियों पर भरोसा रखें और आप एक कामयाब निवेशक बननी की राह पर अग्रसर रहें।
  • अपनी पोर्टफोलियों की कीमत को महीने में एकबार से ज्यादा न देखें। यदि आप इसमें पड़ेंगे तो आपको उसे बेचने का लालच आएगा तथा आप एक दीर्घकालीन निवेश का मौका गँवा देंगे। शेयर खरीदने के पहले अपने आप से पूंछें कि यदि यह नीचे जाता है तो क्या मैं बेचूंगा या और खरीदूंगा? यदि आपका उत्तर प्रथम है तो मत खरीदें।
  • समझने का प्रयत्न करें क्यों ब्लूचिप में निवेश बेहतर निवेश है: क्योंकि उनकी गुणवत्ता एक एकसार आय तथा कमाई की प्रगति पर आधारित है। ऐसी कंपनियों को भीड़ से पहले पहचानकर आप बड़ा इनाम कमा सकते हैं। एक 'बॉटम अप' निवेशक बनना सीखें।
  • शेयर खरीदने से पहले आप "पेपर ट्रेडिंग" करना चाहेंगे। यह नकली शेयर ट्रेडिंग है। शेयरों की कीमतों का ध्यान रखें तथा खरीदें व बेचे गए निर्णयों का खाता रखें ठीक वैसे जैसे असल में खरीद बेच चल रही हो। मूल्यांकन करें कि आपके निवेश के निर्णय कुछ दे पा रहे हैं। जब एक बार आप महसूस करते है कि आप कामयाब हैं तथा आप बाज़ार की कार्यप्रणाली की भलीभांति समझने लगे हैं तो फिर असल में निवेश करें। [४०]

चेतावनी

  • केवल उतने ही पैसे निवेश करें जिसे खोने पर आप बर्दाश्त कर सकें। शेयर अल्पकाल में तेजी से नीचे जा सकते हैं और वह निवेश जो बेहतर होते हैं वह भी बुरे हो सकते हैं।
  • शेयर के साथ बनें रहे, और ऑपशन्स तथा डेरिवेटिव से दूर रहें, जो कि सट्टा है निवेश नहीं। आप शेयरों के साथ अच्छा कर पाएंगे। और ऑपशन्स तथा डेरिवेटिव के साथ आप संभवतः अपने पैसों को गँवा देंगे।
  • जब पैसों की बात आती है, तो लोग अपनी शान बताने के लिए झूठ भी बोल सकते हैं। इसलिए जब कोई आपको सुझाव देता है, तो याद रखें कि वह सिर्फ एक विकल्प है। आप इसके स्तोत्र पर विचार करें।
  • शेयरों को मार्जिन में मत खरीदें। शेयर बगैर सूचना दिए उतरते और चढ़ते हैं, और यह आपको बर्बाद कर सकते हैं। आप शेयरों को मार्जिन पर न खरीदें। 50% की गिरावट भी आपको रुला सकती है और फिर उनका मूल्य बढ़ जाता है। मार्जिन पर शेयर खरीदना सट्टेबाजी है, निवेश नहीं।
  • तकनीकी विश्लेषण का इस्तेमाल न करें, यह तकनीक व्यापारियों के लिए है, निवेशकों के लिए नहीं। इसकी व्यावहारिकता एक निवेश के रूप में तर्क का विषय जोरों से रहा है।
  • डे-ट्रेड, स्विंग ट्रेड, या अन्य शेयरों के ट्रेड अल्पकालीन मुनाफे के लिए न करें। याद रहें जितना आप बार-बार ट्रेड करेंगे उतनी कमीशन देनी होगी और यह आपकी आय को कम करेगा। अति अल्पकालीन व्यापार से दूर रहना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इसमें कामयाब होने के लिए, आपको कार्यकुशलता, ज्ञान तथा हिम्मत चाहिए। यह नौसिखियों के लिए नहीं है।
  • बाज़ार के बारे में अटकलें लगाकर समय का पूर्वानुमान न लगाएं कि कब स्टॉक वापिस गिरेंगे। कोई भी (झूठों को छोड़कर) शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव के बारे में नहीं बता सकता है।
  • किसी निवेश सलाहकार पर आँख मूंद कर विश्वास न करें, खासकर वह जो आपकी निवेश से पैसा कमाते हैं। और यह ब्रोकर, सलाहकार, या विश्लेषक पर लागू हो सकता है।
  • "मोमेन्टम एनवेस्टिंग" से बचें, बहुत अच्छे शेयर को खरीदने का अभ्यास करें जो हाल ही में काफी कामयाब रहा हो। यह खुले आम सट्टेबाजी है, निवेश नहीं, और यह हमेशा काम नहीं करता है। किसी से भी पूछें जिन्होंने 1990 के दशक में निवेश करके आजमाया है।
  • अंदर की लेनदेन में शामिल न हो। अगर आप शेयरों में अंदरूनी जानकारी के आधार पर व्यवसाय करेंगे इससे पहले कि सूचना सार्वजनिक हो और इस बात के लिए आप पर मुकदमा दायर हो सकता है। आप चाहे जितना भी पैसा कमा लें लेकिन कानूनी शिकंजे में फंसने पर यह सब निरर्थक हो जाता है। [४१]
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