सही मानसिकता हमारी भावनात्मक प्रतिक्रिया के नॉर्मल डेली रूटीन के लिए बहुत जरुरी होती है | यह हमारी हेल्थ और जीवन की गुणवत्ता के लिए बहुत जरुरी है | [१] X रिसर्च सोर्स Gilbert, Stephanie; Kelloway, E. Kevin. “Positive psychology and the healthy workplace.” In Day, Arla [Ed]; Kelloway, E. Kevin [Ed]; Hurrell, Joseph J Jr. [Ed]. (2014). Workplace well-being: How to build psychologically healthy workplaces. (pp. 50-71). xviii, 338 pp.Wiley-Blackwell. हो सकता है कि आप अपनी जॉब, अपनी फैमिली, अपने रहने की जगह या कोई ऐसी बड़ी बाध्यताओं को बदलने में असमर्थ हों जो नकारात्मक सोच की नींव रखते हैं | लेकिन आप नकारात्मक सोच को चुनौती देकर और जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को सुधारकर जीवन की निराशाओं को सकारात्मकता के साथ डील कर सकते हैं |
चरण
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नकारात्मक विचारों को पहचानें: संज्ञानात्मक व्यवहारात्मक थेरेपी करने वाले प्रैक्टिसनर्स (Cognitive behavioral therapy practitioners) के अनुसार अपनी सोच को बदलने पर हम अपने व्यवहार को बदलने की भी क्षमता रखते हैं | विचार ऐसे मुख्य स्त्रोत हैं जो व्यवहार बनाते हैं | अपनी सोच को कण्ट्रोल करने की पहली स्टेप है- सजगता |
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विचारों को लिखने के लिए एक डायरी या जनरल बनायें: अगर आपको नेगेटिव विचारों को पहचानने में परेशानी हो तो अपने पास विचारों की एक डायरी रखें | इस जनरल में, आप अपने, अपने काम या स्कूल, अपने पेरेंट्स, पॉलिटिक्स, पर्यावरण और इसी तरह की अलग-अलग चीज़ों के बारे में उसी तरह से लिखते जाएँ जैसे विचार आपके मन में आते जाते हैं |
- इससे आप अपने दिमाग की समालोचनात्मक आवाज़ को सुनने के प्रति ध्यान देंगे और उसकी बात को सुनेंगे |
- हर दिन जब भी विचारों में किसी तरह की नकारात्मकता आये तो कुछ देर तक रिकॉल करने के लिए समय दें |
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पॉजिटिविटी पर फोकस करते हुए अपने अंदर के समालोचक को शांत करें: जब आपको अपने दिमाग में कुछ ऐसी आवाज़ सुनाई दे जो नकारात्मक बातें कहती है तो थोडा रुकें और उन नकरात्मक विचारों को किसी सकारात्मक विचार से बदल दें |
- उदाहरण के लिए, अगर आपका दिमाग कहता रहे कि आप अपने प्रिंसिपल से कितनी ज्यादा नफरत करते हैं तो आप कह सकते हैं, “यह एक कठिन जॉब है और वो जितना कर सकते हैं, उतना बेहतर कर रहे हैं |”
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आभार पत्रिका रखें: जिन चीज़ों के प्रति आप अपनी लाइफ में आभार प्रकट करते हैं, उन्हें तुरंत रिकॉर्ड करते जाएँ | उन्हें अपने जनरल या डायरी, पत्र या ऐसी ही दूसरी चीज़ो में एक्सप्रेस करें | हर सप्ताह कई बार इस तरह के जनरल में लिखते जाएँ |
- रिसर्च से पता चलता है कि जब कोई व्यक्ति लांड्री लिस्ट बनाने की बजाय गहराई से मुट्ठीभर दृष्टान्तों के बारे में लिखता है तो ये आभार पत्र काफी इफेक्टिव साबित होते हैं | अपने लिखे हुए उन खट्टे-मीठे पलों में कुछ समय के लिए खो जाएँ और उनका मजा लें | [२] X विश्वसनीय स्त्रोत Greater Good Magazine स्त्रोत (source) पर जायें
- आभार पत्रक से आपको अपनी लाइफ की पॉजिटिव चीज़ों को याद रखने में मदद मिलेगी |
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सकारात्मक कल्पना करने की प्रैक्टिस करें: ज्यादा से ज्यादा डिटेल के साथ खुद को एक सफल परिदृश्य में रखने की कल्पना करें | [३] X रिसर्च सोर्स Langens, Thomas A; Morth, Sascha. “Repressive coping and the use of passive and active coping strategies.” Personality and Individual Differences. Vol.35(2), Jul 2003, pp. 461-473. “मैं यह नहीं कर सकता” जैसे नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखें | बल्कि, इस बात पर फोकस करें कि आप कोई काम किस तरह से कर सकते है: “मैं इस प्रोजेक्ट को पूरा कर सकता हूँ | मैं थोड़ी मदद ले लूँगा और यह काम पूरा हो जायेगा |”
- जब आप अपनी एक्टिविटी और नजरिये के प्रति कॉंफिडेंट रहने का प्रयास करते हैं तो सच में आप लक्ष्य को हासिल करने की अपनी क्षमता बढ़ा लेंगे |
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जीवन में हो रहे बदलावों की पॉजिटिव साइड को खोजें: आगे बढ़ते रहें और जीवन की मुश्किलों पर फोकस न करें | इन चुनौतियों के कारण जीवन में मिलने वाले एडवेंचर के बारे में सोचें | अगर सभी चीज़ें सीधी और सरलकहती रहें तो जिन्दगी काफी बोरिंग हो जाती है | उन तरीकों के बारे में सोचें जिनसे आपने कई चुनौतियों को पार किया है और उनके कारण आप बेहतर होते गये हैं | [४] X रिसर्च सोर्स
- उदाहरण के लिए, अगर अगर आप यही सोचकर परेशान होते रहे हैं की आपको नौकरी से निकाल दिया गया है तो सोचें कि अब आप किस तरह से अपना कीमती समय अपने बच्चों के साथ बिता सकते हैं |
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जीवन की निराशाओं के प्रति अपनी प्रतिक्रिया कम दें: हमें कई बार ऐसा लगता है जैसे हम अपनी लाइफ की परेशानियों में ही उलझकर रह गये हैं | जैसे, शायद आपने वजन कम करके इसे फिर से बढ़ा लिया हो या पडोसी के तंदूर पर बारिश का पानी आ गया हो | जब हम निराशाजनक घटनाओं में फंस जाते हैं तो पार्किंग स्पॉट न मिलने या ट्रैफिक में सभी लाल बत्तियों को पार करने जैसी छोटी-छोटी चीज़ों को भी नोटिस करना और उनसे निराश होना शुरू कर देते है | लेकिन, अगर आप निराशा के प्रति अपने रिएक्शन को कम कर देते हैं तो वे आपके सामने ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाएंगी | [५] X रिसर्च सोर्स
- वर्तमान की निराशा को पहले इसी तरह हुई निराशा से तुलना करें | क्या इस निराशा से आगे कोई फर्क पड़ता है या आप बेवजह ही अपनी एनर्जी बर्बाद का रहे हैं ?
- उदाहरण के लिए, कहें कि आप जॉब के लिए सैंडविच बनाने में खुश नहीं है | इसमें थोड़ी कलात्मकता शामिल करें और मीट को रंग-बिरंगी सब्जियों के साथ अरेंज करें | कस्टमर से कुछ अच्छा कहने के बारे में सोचें | अगर आप म्यूजिक जैसी किसी चीज़ से एनवायरनमेंट को खुशनुमा बना सकते हैं तो इसके लिए मैनेजर से अनुमति लें |
- अगर आपको ट्रैफिक पसंद नहीं है तो जल्दी जाने का प्लान बनायें और अपनी कार में अपना फेवरेट म्यूजिक सुनें |
- निराशात्मक घटनाओं को बदलने के लिए कदम उठायें | अगर आपको काम पर जाना पसंद नहीं है तो आप इसे इस तरह से सोच सकते हैं कि आपको कोई अलग कैरियर अपनाना होगा | सिचुएशन का समाधान निकालने के लिए बदलाव लायें |
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रिलैक्स करने के लिए समय निकालें: कई बार, हम नकारात्मकता में इसीलिए फंसे रहते हैं क्योंकि हम तनाव में होते हैं, परेशान होते हैं, निराश या गुस्से में होते हैं | जब हम खुद को रिलैक्स होने का समय देते हैं तो हमे पॉजिटिव दृष्टिकोण के साथ परेशानियों को डील करने का समय मिल सकता है | हर दिन अपने लिए कुछ समय बचाकर रखें जिसमें आप कुछ रिलैक्सिंग कर सकें | फिर भले ही उसमे आप कोई बुक पढ़ें, अपना फेवरेट टीवी शो देखें या दोस्त के साथ बात करें |
- मैडिटेशन या योग करें या फिर थोड़ी देर डीप ब्रीथिंग करें |
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आप जिन एक्टिविटी में माहिर हैं, उन्हें करें: निराशा और नकारात्मकता अक्सर तब देखी जाती हैं, जब हम प्रयास करने के बावजूद कम प्रभावशीलता या कम सफलता अनुभव करते हैं | इसकी पॉजिटिव प्रतिक्रिया यही है कि आप कुछ ऐसा करें जिसमे आप माहिर हों | जब आप अपनी क्षमताओं के प्रति अच्छा फील करते हैं तो मानसिकता भी पॉजिटिव डायरेक्शन में जाने लगेगी | अपनी फेवरेट एक्टिविटीज करने की प्रवृत्ति बढ़ा दें |
- उदाहरण के लिए, अगर आपको बुनाई पसंद है तो थोडा ब्रेक लें और किसी बुनाई के प्रोजेक्ट पर काम करें | आपको इस एक्टिविटी से पॉजिटिव एनर्जी मिएल्गी क्योंकि इसमें आप अपनी प्रगति देख सकते हैं | यह पॉजिटिव एनर्जी आपको अपने प्रोजेक्ट के लिए भी प्रेरित करेगी |
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ऐसे मीडिया से दूर रहें जिनके कारण नकारात्मक विचार आयें: रिसर्च से पता चलता है कि नकारात्मक सोच आमतौर पर नकारात्मक तुलना करने वाली मीडिया के कारण भी आते हैं | [६] X रिसर्च सोर्स Mulgrew, K. E; Volcevski-Kostas, D. “Short term exposure to attractive and muscular singers in music video clips negatively affects men's body image and mood.” Body Image. Vol.9(4), Sep 2012, pp. 543-546. अगर आपको लगता है कि मीडिया आपको नेगेटिव फील करा रही हैं तो बेहतर होगा कि ऐसी मीडिया से दूर ही रहें | अगर आपको लगता है कि बार-बार किसी मॉडल या एथलिट से खुद की तुलना करते रहते हैं तो इन्हें बताने वाले मैगज़ीन, शोज़ या गेम से दूर रहें |
- बल्कि आइडियल इमेज का वर्णन करने वाली मीडिया का अस्थायी एक्सपोज़र भी आपके आत्म-सम्मान और सेल्फ-इमेज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है | [७] X रिसर्च सोर्स Turner, S., Hamilton, H., Jacobs, M., Angood, L., & Hovde Dwyer, D. (1997). The influence of fashion magazines on the body image satisfaction of college women: An exploratory analysis. Adolescence, 32(127), 603-614.
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हास-परिहास करें: मजे करने और हंसने से मूड अच्छा रहता है और लोगों और चीज़ों के प्रति पॉजिटिव रिएक्शन बढ़ता है | [८] X विश्वसनीय स्त्रोत HelpGuide स्त्रोत (source) पर जायें
- कोई कॉमेडी शो अटेंड करें, कॉमेडी शो टीवी पर देखें या कोई जोक्स वाली किताब पढ़ें | इससे आपका सेन्स ऑफ़ ह्यूमर डेवलप होगा जिससे आनंद और पॉजिटिविटी बढ़ेगी | [९] X रिसर्च सोर्स Proyer, Rene T. “A psycho-linguistic approach for studying adult playfulness: A replication and extension toward relations with humor.” The Journal of Psychology: Interdisciplinary and Applied. Vol.148(6), Nov 2014, pp. 717-735.
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पॉजिटिव लोगों के बीच ही रहें: जब कोई दोस्त नकारात्मक होता है तो उसकी नकारात्मकता का असर आप पर भी होने लगता है | उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति हमेशा अपने स्कूल के बारे में नकारात्मक बातें करता है तो आप भी नकारात्मक सोचना शुरू कर देंगे | ऐसा इसलिए होता है कि आपका पूरा फोकस वहीँ रहता है | अगर आप अपने स्कूल के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर सोचते हैं तो आप सब कुछ स्पष्टता के साथ देखना शुरू कर देंगे | [१०] X रिसर्च सोर्स
- ऐसे लोगों का नेटवर्क बनायें जो अपनी लाइफ में पॉजिटिव एप्रोच रखते हैं | आपके नीचा दिखाने वाले लोगों के साथ कम से कम समय बिताएं |
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दूसरों के बारे में भी पॉजिटिव रहें: कई बार अनुभव होने वाली नकारात्मकता काफी प्रसरणशील होती है और हमारी सभी बातों में झलकने लगती है | नकारात्मकता के कारण लोग आपके साथ ज्यादा समय बिताना पसंद नहीं कर पाएंगे और आप नकारात्मक विचारों के चक्र में फंस जायेंगे | इस चक्र को तोड़ने और पॉजिटिव सोच बनाने के लिए सोशल सपोर्ट में रहने की प्रैक्टिस करें | दूसरों के बारे में पॉजिटिव कमेंट्स करने से भी साकारात्मक सोच बन सकती है |
- उदाहरण के लिए, आप किसी की पहचान करके और उसमे कोई अच्छाई खोजकर उसे अच्छा फील करा सकते हैं | [११] X रिसर्च सोर्स Lind, Annemette Bondo; Risoer, Mette Bech; Nielsen, Klaus; Delmar, Charlotte; Christensen, Morten Bondo; Lomborg, Kirsten. “Longing for existential recognition: A qualitative study of everyday concerns for people with somatoform disorders.” Journal of Psychosomatic Research. Vol.76(2), Feb 2014, pp. 99-104. उदाहरण के लिए आप उसके गाने पर उसकी तारीफ कर सकते हैं |
- दूसरों के साथ अच्छा बर्ताव करने से फैमिली, हेल्थ और कैरियर में भी सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं [१२] X रिसर्च सोर्स Jensen-Campbell, Lauri A; Knack, Jennifer M; Gomez, Haylie L. “The psychology of nice people.” Social and Personality Psychology Compass. Vol.4(11), Nov 2010, pp. 1042-1056. जिससे आपको सकारात्मक सोच वाली मानसिकता बनाने में मदद मिलेगी |
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दूसरों के प्रति रूचि और गर्व प्रदर्शित करें: दूसरों से बात करते समय, आप उन्हें सकारात्मक अनुभव कराने में मदद कर सकते हैं | इससे आपकी अपनी पॉजिटिव सोच बढ़ेगी | दूसरों में रूचि और उनके बारे में फील होने वाले गर्व को प्रदर्शित करके पॉजिटिव सोच बढ़ाएं | [१३] X रिसर्च सोर्स Hu, Xiaoxiao; Kaplan, Seth. “Is "feeling good" good enough? Differentiating discrete positive emotions at work.” Journal of Organizational Behavior. Vol.36(1), Jan 2015, pp. 39-58.
- जब आप अपने दोस्त के साथ हो तो उसके साथ जो भी नया हुआ है, उसके बारे में बात करने में समय बिताएं | बातचीत को खुद से दूर रखें और उसे सुनने पर फोकस करें |
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दूसरों की मदद करते समय नोट्स बनायें: उन तरीको को लिखते जाएँ जिनसे आपने किसी की मदद की है और उनकी भलाई में योगदान दें | इससे सेवाभाव प्रदर्शित होता है | लेकिन रिसर्च से पता चलता है कि इस तरह के व्यवहार से आपको यह फील करने में मदद मिलती है कि आप पॉजिटिव रहते हुए कुछ अच्छा काम कर रहे हैं | [१४] X रिसर्च सोर्स Kaczmarek, Lukasz D; Kashdan, Todd B; Drazkowski, Dariusz; Enko, Jolanta; Kosakowski, Michal; Szaefer, Agata; Bujacz, Aleksandra. “Why do people prefer gratitude journaling over gratitude letters? The influence of individual differences in motivation and personality on web-based interventions.” Personality and Individual Differences. Vol.75 Mar 2015, pp. 1-6.
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सोशल ग्रुप ज्वाइन करें: सोशल ग्रुप में रहने पर नकारात्मक विचारों में कमी लाने में मदद मिल सकती है | कई लोगों में धार्मिक संबंधों से सकारात्मक मानसिकता विकसित होने लगती है | [१५] X रिसर्च सोर्स Burris, Christopher T; Petrican, Raluca. “Religion, negative emotions, and regulation. In Saroglou, Vassilis [Ed]. (2014). Religion, personality, and social behavior. (pp. 96-122). x, 430 pp. New York, NY, US: Psychology Press; US.
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पर्याप्त नींद लें: जब आप खाली न दौड़ें तो जिन्दगी की निराशाओं को हैंडल करना और पॉजिटिव बने रहना काफी आसान हो जाता है | हमारे शरीर को रिकवर होने के लिए रेस्ट की जरूरत होती है जिससे दिमाग और भी प्रोडक्टिव तरीके से काम कर सके और सकारात्मक बना रहे | हर रात 7 से 8 घंटे जरुर सोयें | [१६] X रिसर्च सोर्स
- अगर आपको रात में सोने में परेशानी होती है तो सोने से थोड़े पहले लाइट्स धीमी कर दें | सोने से कम से कम 30 मिनट पहले सभी स्क्रीन्स (कंप्यूटर, टीवी, फ़ोन) बंद कर दें | इससे आपको सोने के लिए अपने दिमाग को तैयार करने में मदद मिलेगी |
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अच्छा खाएं: अपने शरीर में ऐसा अच्छा ईंधन डालें जिससे सकारात्मक नजरिये को मेन्टेन करने में मदद मिल सके | प्रोसेस्ड और तले हुए फूड्स न खाएं | बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स जैसे फल, सब्जियां, प्रोटीन और साबुत अनाज खाएं |
- ऐसे विटामिन से भरपूर फूड्स खाएं जो अपने मूड-बूस्टिंग क्वालिटी के लिए भी जाने जाते हैं | ये हैं- सेलेनियम जैसे अनाज, बीन्स, समुद्री भोजन और लीन मीट, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे फैटी फिश और अखरोट और फोलेट जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां और दालें | [१७] X रिसर्च सोर्स
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खूब पानी पियें: नेगेटिव मूड का सम्बन्ध डिहाइड्रेशन से होता है | ध्यान रखें कि आप पूरे दिन में पर्याप्त पानी पियें | महिलाओं के लिए 72 औंस पानी और पुरुषों के लिए 104 औंस पानी प्रतिदिन पीने का लक्ष्य बनायें | [१८] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- कुछ तरल रोज खाए जाने वाले खाने के जरिये भी मिल जाता है | लेकिन हर दिन 8 औंस कप पानी पीना बेहतर होता है |
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रेगुलरली एक्सरसाइज करें: एक्सरसाइज करने पर, शरीर से एंडोर्फिन रिलीज़ होते हैं जो ऐसे केमिकल होते हैं जिनका सम्बन्ध पॉजिटिव फीलिंग्स से होता है | रेगुलर एक्सरसाइज से स्ट्रेस, डिप्रेशन और दूसरी बीमारियाँ दूर रहती हैं | [१९] X रिसर्च सोर्स
- एक सप्ताह में कम से कम 20 से 30 मिनट एक्सरसाइज करें |
रेफरेन्स
- ↑ Gilbert, Stephanie; Kelloway, E. Kevin. “Positive psychology and the healthy workplace.” In Day, Arla [Ed]; Kelloway, E. Kevin [Ed]; Hurrell, Joseph J Jr. [Ed]. (2014). Workplace well-being: How to build psychologically healthy workplaces. (pp. 50-71). xviii, 338 pp.Wiley-Blackwell.
- ↑ http://greatergood.berkeley.edu/article/item/tips_for_keeping_a_gratitude_journal
- ↑ Langens, Thomas A; Morth, Sascha. “Repressive coping and the use of passive and active coping strategies.” Personality and Individual Differences. Vol.35(2), Jul 2003, pp. 461-473.
- ↑ http://www.positivityblog.com/index.php/2013/09/11/improve-self-esteem/
- ↑ http://www.rebtnetwork.org/library/How_to_Conquer_Your_Frustrations.pdf
- ↑ Mulgrew, K. E; Volcevski-Kostas, D. “Short term exposure to attractive and muscular singers in music video clips negatively affects men's body image and mood.” Body Image. Vol.9(4), Sep 2012, pp. 543-546.
- ↑ Turner, S., Hamilton, H., Jacobs, M., Angood, L., & Hovde Dwyer, D. (1997). The influence of fashion magazines on the body image satisfaction of college women: An exploratory analysis. Adolescence, 32(127), 603-614.
- ↑ http://www.helpguide.org/articles/emotional-health/laughter-is-the-best-medicine.htm
- ↑ Proyer, Rene T. “A psycho-linguistic approach for studying adult playfulness: A replication and extension toward relations with humor.” The Journal of Psychology: Interdisciplinary and Applied. Vol.148(6), Nov 2014, pp. 717-735.
- ↑ https://ferris.edu/HTMLS/colleges/university/eccc/tools/positive-mindset.htm
- ↑ Lind, Annemette Bondo; Risoer, Mette Bech; Nielsen, Klaus; Delmar, Charlotte; Christensen, Morten Bondo; Lomborg, Kirsten. “Longing for existential recognition: A qualitative study of everyday concerns for people with somatoform disorders.” Journal of Psychosomatic Research. Vol.76(2), Feb 2014, pp. 99-104.
- ↑ Jensen-Campbell, Lauri A; Knack, Jennifer M; Gomez, Haylie L. “The psychology of nice people.” Social and Personality Psychology Compass. Vol.4(11), Nov 2010, pp. 1042-1056.
- ↑ Hu, Xiaoxiao; Kaplan, Seth. “Is "feeling good" good enough? Differentiating discrete positive emotions at work.” Journal of Organizational Behavior. Vol.36(1), Jan 2015, pp. 39-58.
- ↑ Kaczmarek, Lukasz D; Kashdan, Todd B; Drazkowski, Dariusz; Enko, Jolanta; Kosakowski, Michal; Szaefer, Agata; Bujacz, Aleksandra. “Why do people prefer gratitude journaling over gratitude letters? The influence of individual differences in motivation and personality on web-based interventions.” Personality and Individual Differences. Vol.75 Mar 2015, pp. 1-6.
- ↑ Burris, Christopher T; Petrican, Raluca. “Religion, negative emotions, and regulation. In Saroglou, Vassilis [Ed]. (2014). Religion, personality, and social behavior. (pp. 96-122). x, 430 pp. New York, NY, US: Psychology Press; US.
- ↑ http://healthfinder.gov/HealthTopics/Category/everyday-healthy-living/mental-health-and-relationship/get-enough-sleep
- ↑ http://www.webmd.com/food-recipes/how-food-affects-your-moods
- ↑ http://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/nutrition-and-healthy-eating/in-depth/water/art-20044256
- ↑ http://www.webmd.com/depression/guide/exercise-depression