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जीवन में बार-बार सलाह मांगने की ज़रूरत पड़ती ही रहती है। नौकरी खोजना, रिलेशनशिप्स की दुनिया में राह बनाना, बुलीज़ (bullies) से डील करना आदि कुछ ऐसी परिस्थितियाँ हैं जिनमें आपको सलाह मांगनी पड़ सकती है। लिख कर सलाह मांगना, आमने-सामने बैठ कर सलाह मांगने से फ़र्क होता है, क्योंकि इसका मतलब है कि इस परिस्थिति में आपको चीज़ों को पहले से सोच कर रखना होता है, सभी जानकारी देनी होती है, और उचित सवाल पूछने होते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

पत्र को कम्पोज़ (Compose) करना

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  1. अगर वो व्यक्ति आपको पहले से ही नहीं जानता होगा, तब आप चाहेंगे कि (सैल्यूटेशन के बाद) पत्र की शुरुआत में ही एक छोटा पैराग्राफ़ शामिल करके, उसमें अपना परिचय दे दें। उसमें यह जानकारी दीजिये कि आप कौन हैं, और आप जिस कारण लिख रहे हैं, उसके बारे में भी कुछ जानकारी दे दीजिये। [१]

    उदाहरण के लिए, अगर आप पेरेंटिंग (parenting) एडवाइस मांग रही हैं, तब आप कह सकती हैं, “मेरा नाम एना स्मिथ है, और मैं दो बेटियों की 36 वर्षीया माँ हूँ।” इस केस में, आपको यह लिखने की ज़रूरत नहीं है कि आप क्या करती हैं, बशर्ते कि आप यह न पूछ रही हों कि फ़ुल टाइम काम करते हुये भी बच्चों का पालन पोषण कैसे किया जा सकता है।

    अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं, जिसे आप पहले से नहीं जानते हैं, संक्षेप में उनको यह पता लग जाने दीजिये कि आप उन तक पहुंचे किस प्रकार से हैं। उदाहरण के लिए, “मुझे आपका संदर्भ [व्यक्ति का नाम दीजिये] ने दिया था, जिन्हें लगता है कि शायद आप मेरी सहायता कर सकेंगे।”

  2. अपना परिचय देने के बाद (अगर देना ज़रूरी हो), आप चाहेंगे कि सीधे मुद्दे की बात पर पहुँच जाएँ। आपको सबसे पहले पत्र के उद्देश्य से शुरुआत करनी चाहिए। ऐसे अनेक तरीके हैं जिनसे शिष्टतापूर्वक, पत्र की शुरुआत की जा सकती है। इसके उदाहरण हैं: [२]
    • ”मैं यह पूछने के लिए लिख रहा हूँ कि क्या आप ..... में मेरी मदद कर सकेंगे?”
    • ”मैं आपका आभार मानूँगा अगर आप मुझे ................. (विषय) में सलाह दे सकेंगे।”
    • ”मैं आपकी सलाह मांगने के लिए लिख रहा हूँ।”
    • ”सोच रहा हूँ कि क्या आप ............ (समस्या) में मेरी सहायता कर सकेंगे।”
  3. आपको जो सलाह चाहिए उसके संबंध में स्पष्ट बताइये: आपको 3 से 5 ऐसे प्रश्न पूछने चाहिए जिनका आपको जवाब चाहिए, और उनको आप लिख डालिए। ऐसे जटिल प्रश्नों की लिस्ट मत भेजिएगा जिनका जवाब देने में घंटों लगने वाले हों। उनको संक्षिप्त और मुद्दे पर रखने से, आपकी जवाब मिलने की संभावना बढ़ जाती है। [३]
  4. संक्षेप में बताइये कि लक्ष्य को अपने आप पाने में, आपको क्या कठिनाई हो रही है: अगर आप किसी ऐसी समस्या या परिस्थिति के लिए सलाह मांग रहे हैं, जिसे आप खुद ही हल करने की कोशिश करते रहे हैं, मगर कर नहीं पाये हैं, तब संक्षेप में बताइये कि आपने क्या-क्या कोशिशें की हैं, और उनसे सफलता क्यों नहीं मिली है। [४]
    • इससे, सलाह देने वाले को सही-सही पता चल सकता है कि आपने कोशिश की है, और यह भी कि आप आलसी नहीं हैं। इससे समय और प्रयास की बचत भी हो सकती है, क्योंकि तब वे आपको किसी ऐसी चीज़ को करने की सलाह नहीं देंगे, जिसकी कोशिश आप पहले ही कर चुके होंगे।
    • जैसे कि, अगर आपको सलाह इस बात पर चाहिए कि स्कूल में बुली किए जाने से किस प्रकार डील किया जाए, तब आप कह सकते हैं, “मेरे स्कूल में बुलीज़ के कारण बड़ी समस्या है। मैं उनसे कैसे डील कर सकता हूँ? मैं किसी ऐसे को खड़ा होने के लिए किस तरह सहायता कर सकता हूँ, जिसे बुली किया जा रहा हो? मैं क्या कर सकता हूँ जिससे कि बुली किए जाने के मौके कम हो जाएँ?”
  5. आप जिस व्यक्ति को सलाह के लिए लिख रहे हैं, उसके जवाब देने की संभावना तब बहुत कम हो जाएगी जबकि आप उसको कोई लंबा और विस्तृत पत्र भेजेंगे। इसका कारण यह होगा, कि आपके उस पत्र को पढ़ने और समझने के लिए उनको बहुत समय लगाना होगा। अगर उन्होंने कभी जवाब दिया भी, तो आपकी सभी बातों का जवाब देने के लिए, उन्हें लंबा और बहुत विस्तृत पत्र लिखना होगा। बात को संक्षिप्त रखने से, आपकी जवाब पाने की संभावना बढ़ जाएगी, विशेषकर तब, जबकि आप किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को लिख रहे होंगे। [५]
    • अपने पत्र को 300 से 400 शब्दों के बीच में ही रखने की कोशिश करिएगा। इतने शब्दों में आप ओवरडुइंग (overdoing) के बिना अच्छी तरह से अपना परिचय दे सकेंगे, और अपने सवाल भी पूछ सकेंगे।
  6. आप पत्र को समाप्त करें, उसके पहले आपको उसमें “एडवांस में धन्यवाद” शामिल कर लेना चाहिए। आपको यह भी बता देना चाहिए कि आपके पत्र के बारे में आपसे किन दूसरे तरीकों से संपर्क किया जा सकता है। क्लोज़िंग रिमार्क्स में आपको अपना आभार ज़रूर व्यक्त कर देना चाहिए।
    • याद रखिए: ऐसा नहीं है कि इस व्यक्ति को आपकी मदद करनी ही है, और अगर उसने समय निकाल कर आपका पत्र पढ़ लिया है, तब आपको उसे धन्यवाद तो देना ही चाहिए।
    • जैसे कि, आप कह सकते हैं, “इस पत्र को पढ़ने के लिए समय निकालने का धन्यवाद। मुझे पता है कि आप बहुत व्यस्त रहते हैं, और आप जो भी सलाह देंगे मैं उसके लिए आपका आभारी रहूँगा। अगर इससे कोई सहायता मिल सके, तो मैं अपने प्रश्न के संबंध में फ़ोन पर या कॉफी पीते हुये भी डिस्कस करने को तैयार हूँ। मेरे कॉन्टेक्ट डिटेल्स इस पत्र के अंत में दिये हुये हैं।”
विधि 2
विधि 2 का 3:

पत्र को फ़ारमैट करना

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  1. सैल्यूटेशन वो होता है, जो पत्र के शुरू में लिखा जाता है, जिससे कि उसको पढ़ने वाले को पता चल सके कि पत्र उसके लिए लिखा गया है। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को पत्र लिख रहे हैं, जिसे आप नहीं जानते हैं, तब इस भाग को औपचारिक होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर, अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं जिसे आप भली भांति जानते हैं, तब आपको उतना औपचारिक होने की आवश्यकता नहीं है। याद रहे कि तब भी, आपको बहुत कैजुयल (casual) नहीं होना चाहिए चूंकि शिष्टता तो महत्वपूर्ण है ही। [६]
    • जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हों, जिसे आप नहीं जानते हैं, तब आप कह सकते हैं: “प्रिय श्री/श्रीमती/कुमारी [आप जिस व्यक्ति को लिख रहे हैं उसका अंतिम नाम]।”
    • कुछ कम औपचारिक पत्र में आप लिख सकते हैं, “प्रिय [व्यक्ति का प्रथम नाम]।”
    • आप चाहे जिसको भी लिख रहे हों, सदैव “प्रिय” से शुरुआत करिए।
  2. वैलेडिक्शन (जिसे क्लोज़िंग भी कहते हैं) पत्र का वह भाग होता है, जहां आप उनको किसी न किसी प्रकार शुभकामनाएँ देते हैं, और अपना नाम वहाँ शामिल कर देते हैं। कुछ सामान्य क्लोज़िंग्स जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं, वो हैं, “Best regards,” “Kind regards,” “Respectfully yours,” या केवल “Sincerely”।
    • अगर आप पत्र को हाथ से लिख रहे हैं, तब अपना नाम वैलेडिक्शन के कुछ लाइन नीचे ध्यान से प्रिंट करिए, और उसके बाद बीच की जगह में अपना साइन (sign) करिए।
    • अगर आप पत्र को टाइप कर रहे हैं, तब वैलेडिक्शन और अपने नाम के बीच में कुछ स्पेसेज़ को एंटर कर दीजिये, और पत्र को प्रिंट कर लीजिये। पत्र को भेजने से पहले उस पर हाथ से साइन कर दीजिये।
  3. अपने पत्र के बॉटम में, अपने नाम के नीचे, अपना फ़ोन नंबर, ईमेल एड्रेस, या जिस किसी भी और तरीके से वे आपसे कॉन्टेक्ट कर सकते हैं, उस सभी जानकारी को शामिल करिए। अगर आपके पास हो, तब आपको ईमेल एड्रेस या फ़ोन नंबर तो अवश्य ही वहाँ पर देना चाहिए। अगर आप मेल में उत्तर की अपेक्षा कर रहे हैं, तब यह सुनिश्चित करिए कि एनवेलोप (envelope) के बाहर आप सफ़ाई से अपना नाम और पता लिख दें।
    • अगर आपको आशा है कि आपको मेल से लिखित जवाब भेजा जाएगा, तब पत्र के साथ एक टिकट लगा, सेल्फ़-एड्रेस्ड एनवेलोप भी रख दीजिये। इस तरह से, सलाह देने वाले को केवल सलाह लिखनी होगी, जिसे वो आपके दिये हुये एनवेलोप में रख कर आपको वापस भेज सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

चुनना कि किसे लिखा जाये

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  1. उन लोगों की एक लिस्ट बनाइये, जो आपके अनुसार, आपकी मदद कर सकते हैं: अगर आप किसी खास विषय पर सलाह चाहते हैं, तब आपको उन लोगों की एक लिस्ट बना लेनी चाहिए, जिनके बारे में आपको पता हो कि उन्हें उस विषय में अनुभव या जानकारी है। जैसे कि अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी मामलों से डील करने संबंधी सलाह चाहिए, तब आप शायद किसी परिचित नर्स या डॉक्टर को लिख सकते हैं।
    • अगर आप नॉनफ़िक्शन लेखक का काम करना चाहते हैं, तब उन गुणी लेखकों, एजेंट्स, या पब्लिशर्स के नाम लिखिए जिनको आप लिख सकते हों।
    • उन लोगों के नाम शामिल करिए जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से जानते हों, और उन लोगों के भी नाम जिनको आप उतनी अच्छी तरह से नहीं जानते हों, जैसे कि पुराने टीचर्स, भूतपूर्व बॉस या कलीग, जिस क्षेत्र में आप सलाह खोज रहे हैं उसके विख्यात लोग, या एडवाइस कॉलम लेखक।
    • परिवार के सदस्यों को मत भूल जाइयेगा। आपके ग्रांडपेरेंट्स (grand parents) जैसे लोगों के पास जीवन का बहुत अनुभव होगा। इस कारण वे सलाह देने के लिए भली भांति क्वालिफ़ाइड होते हैं। अगर आपको किसी का भी नाम समझ में नहीं आ रहा है, तब अपने परिवार के सदस्यों को एक-एक करके देखिये।
    • आप मशहूर लोगों को भी लिख सकते हैं, मगर तब जवाब मिलने की संभावना बहुत ही कम होगी। अगर आपको जवाब मिलेगा भी, तो उसे किसी इंटर्न या पीआर कर्मचारी द्वारा लिखा गया होगा। वह जवाब जेनेरिक होगा, और खास तौर से आपकी ज़रूरत को एड्रेस नहीं करेगा।
  2. यह आइडेंटिफ़ाई (Identify) करिए कि आप उस सलाह से क्या प्राप्त करने की आशा करते हैं: इससे पहले कि आप तय करें कि किसे लिखना है, आपको यह तय करना होगा कि आप सचमुच में उस पत्र से क्या पाने की आशा कर रहे हैं। क्या आप सचमुच केवल सलाह चाहते हैं या शायद यह आशा कर रहे हैं कि थोड़ी नेटवर्किंग हो जाये और आपका परिचय उस खास क्षेत्र के लोगों से हो जाए?
    • उदाहरण के लिए, सलाह देने वाला शायद आपको खास रिसोर्सेज़ या व्यक्तियों से कनेक्ट करने में सक्षम हो, आपको कुछ करने के लिए सिखा सकता हो, या एक लिखित जवाब दे सकता हो।
    • कुछ लोगों के पास, दूसरों की तुलना में, अधिक कनेक्शन्स या आपसे कुछ शुरू करवाने के तरीके हो सकते हैं। अगर आपको केवल सलाह चाहिए, और कुछ नहीं, तब किसी ऐसे व्यक्ति को लिखिए जिसे आप व्यक्तिगत रूप से जानते हों या एडवाइस कॉलम को लिखिए।
  3. संभावित सलाह देने वालों के बैकग्राउंड की रिसर्च करिए: अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लिख रहे हैं, जिसे आप पहले से ही जानते हैं, तब इसकी ज़रूरत नहीं है। मगर यदि कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे आप पहले से नहीं जानते हैं, तब यह पता लगाने के लिए कि वे आपकी मदद कर सकेंगे या नहीं, उनके बैकग्राउंड के बारे में पता कर लीजिये।
    • जैसे कि, अगर आप रिलेशनशिप के बारे में सलाह लेना चाह रहे हों, तब देखिये कि आप जिस व्यक्ति को लिख रहे हैं क्या उसके पास उचित शिक्षा और कपल्स के साथ पहले काम करने का अनुभव है।
    • रिसर्च करने से, आप समय बरबाद करने से बच जाएँगे। उदाहरण के लिए, अलग-अलग कॉलम लिखने वाले अक्सर किसी न किसी खास टॉपिक में स्पेशलाइज़ करते हैं। कुछ तो रिलेशनशिप सलाह पर फ़ोकस करते हैं, जबकि कुछ दूसरे जीवन की प्रैक्टिकल सलाह देने पर फ़ोकस करते हैं।
  4. सोचिए कि उस व्यक्ति को आपकी मदद करने की इच्छा क्यों होगी: जहां एक ओर गाइडेंस काउंसेलर का काम सलाह देने का है, वहीं दूसरी ओर जिन दूसरे लोगों को आप लिखेंगे, उन्हें शायद हर दिन सलाह देने की आदत नहीं भी हो सकती है। सोचिए कि इस व्यक्ति की इच्छा क्यों होगी, कि वो आपकी मदद करे, और आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कि उनको अपने समय की कीमत मिल सके। आप सलाह देने वाले से बता सकते हैं, कि आप उनके उपकार का बदला दूसरों की मदद कर के चुकाएंगे, या आप उसके बदले में कोई सेवा करने का प्रस्ताव भी कर सकते हैं। [७]
    • जैसे कि, अगर आप किसी व्यक्ति से परिचित हैं तब आप कह सकते हैं, “मुझे पता है कि सलाह देने के निवेदनों का जवाब देना आपका काम नहीं है; मगर, मुझे विश्वास है कि आप ही हैं जो मुझे सलाह दे सकते हैं। आपके समय के बदले में मैं खुद आपको खाना बना कर खिलाऊंगा।”
    • अगर आप व्यक्ति को नहीं जानते हैं, तब अगर आप अफ़ोर्ड कर सकें, तो उनके समय के लिए कंपेन्सेट (compensate) करने का प्रस्ताव कर सकते हैं।

सलाह

  • अगर आप डाक से अपना पत्र भेजने वाले हों, तब सुनिश्चित करिए कि आप पाने वाले का नाम और पता साफ़-साफ़ एनवेलोप पर लिखेँ। आप एनवेलोप पर अपना नाम और पता भी लिख सकते हैं, जिससे कि अगर उसे लौटाने की ज़रूरत पड़े, तब वह आप तक पहुँच सके। उचित पोस्टेज लगाने का ध्यान रखिएगा।
  • अगर आप कोई पत्र हाथ से लिखने वाले हों, तब यह ध्यान रखिएगा कि आप अपनी सबसे नीट (neat) हैंडराइटिंग में उसे लिखें। गंदे संदे पत्र का जवाब मिलने की संभावना कम होती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका पत्र जितना हो सकता है उतना नीट दिखाई पड़े, उसे लिखने के बाद, किसी वर्डप्रोसेसिंग प्रोग्राम से टाइप करके प्रिंट करा लीजिये।
  • अगर आप पत्र को ईमेल से भेजने वाले हों, तब भी आप उन्हीं निर्देशों का पालन करिए जिनका आप उसको डाक से भेजने के लिए करते।

चेतावनी

  • समझ लीजिये कि बहुत बार आपको जवाब नहीं ही मिलेगा, विशेषकर तब जबकि आप किसी विख्यात व्यक्ति को या किसी एडवाइस कॉलमनिस्ट को लिख रहे होंगे, जिसे शायद सलाह मांगने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों पत्र और ईमेल मिलते होंगे।

विकीहाउ के बारे में

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