आप घर में साबुन बनाकर, सस्ते में, अपने परिवार के सदस्यों की जरूरतें पूरी कर सकते हैं, या अपने मित्रों के लिए एक अद्भुत उपहार बना सकते हैं। एक किट का उपयोग करके साबुन बनाया जा सकता है। पर अगर आप उसे एकदम शुरू से बनायेंगे, तो आप अपने संघटक चुनकर साबुन को अपनी जरूरत के अनुसार बना सकते हैं। इस लेख में साबुन को एकदम शुरू से, कोल्ड प्रोसेस विधि द्वारा बनाने के बारे में जानकारी दी गयी है।
सामग्री
- 700 ml नारियल का तेल / ऑलिव ऑयल
- 1 lt वेजिटेबल शॉर्टनिंग (vegetable shortening)
- 400 ml सोडियम हाइड्रॉक्साइड, या लाइ (उसे कॉस्टिक सोडा भी कहते हैं)
- 900 ml स्प्रिंग या डिस्टिल्ड वॉटर
- 100 ml अपनी पसंद का गंध तेल, जैसे पेप्परमिंट, नींबू, गुलाब या लैवेंडर
चरण
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संघटक एकत्र करें: कोल्ड प्रोसेस साबुन को तेलों, लाइ और पानी से बनाते हैं। साबुनीकरण की प्रक्रिया में ये संघटक सही तापमान पर सम्मिश्रित होते हैं और सख्त होकर साबुन बन जाते हैं। अपने पास के क्राफ्ट स्टोर और ग्रोसरी स्टोर से बताये गए संघटक खरीदें।
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साबुन बनाने के लिए जगह तैयार करें: इस काम के लिए किचन में जगह बनाना अच्छा है क्योंकि आपको संघटकों को स्टोव पर गर्म करना पड़ेगा। आप लाइ के साथ काम करेंगे जो एक खतरनाक रसायन है। इसलिए ध्यान रखें कि काम करते समय बच्चे या पेट्स (pets) आस पास न हों। एक मेज़ पर अखबार बिछाएं और नीचे दिए गये साधन एकत्र करें, आप उन्हें ऑनलाइन या अपने पास के क्राफ्ट स्टोर से खरीद सकते हैं:
- लाइ से सुरक्षित रहने के लिए, सेफ्टी गॉगल्स और रबर ग्लव्स।
- संघटकों को नापने के लिए एक स्केल।
- एक बड़ी स्टेनलेस स्टील या एनामेल की केतली। एल्युमीनम न इस्तेमाल करें, और नॉन स्टिक सतह वाला पात्र न इस्तेमाल करें।
- पानी और लाइ को रखने के लिए एक काँच या प्लास्टिक का चौड़े मुँह वाला पिचर।
- दो-कप नापने वाला प्लास्टिक या काँच का मेजरिंग कप।
- प्लास्टिक या लकड़ी के चम्मच।
- एक स्टिक ब्लेंडर, जिसे इमर्शन ब्लेंडर भी कहते हैं। यह जरुरी नहीं है, पर इसे इस्तेमाल करने से (मिश्रण को) एक घंटा कम चलाना पड़ता है।
- दो काँच के थर्मामीटर जो 27 - 38 डिग्री C (80 - 100 डिग्री F) के बीच के तापमान को नापते हैं। इस काम के लिए कैंडी थर्मामीटर अच्छे हैं।
- कोल्ड प्रोसेस से साबुन बनाने के लिए उचित प्लास्टिक के सांचे या मोल्ड्स, या शू बॉक्स, या एक लकड़ी का सांचा। शू बॉक्स या लकड़ी का सांचा इस्तेमाल करते समय उसके अंदर पार्चमेंट पेपर बिछाएं।
- सफाई करने के लिए कई तौलिये।
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लाइ के साथ सुरक्षित रूप से काम करने के बारे में पढ़ें: साबुन बनाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लाइ के बॉक्स पर दी गयी चेतावनी या सेफ्टी वार्निंग्स पढ़ें। लाइ या कच्चे साबुन (साबुन को क्योर या पक्का करने से पहले) के साथ काम करते समय नीचे दी गयी बातों का ध्यान रखें:
- लाइ को आपकी त्वचा पर नहीं लगना या छूना चाहिए, आप जल जायेंगे।
- लाइ और कच्चे साबुन के साथ काम करते समय हर वक्त सेफ्टी गॉगल्स और ग्लव्स पहनें।
- लाइ के साथ बाहर काम करें या किसी ऐसी जगह पर काम करें जहाँ हवा का अच्छा आना जाना हो ताकि आप साँस के साथ उसकी धूम अंदर न लें।
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400 ml लाइ नापें: एक स्केल से सही मात्रा नापें, और लाइ को दो कप नापने वाले मेजरिंग कप में उँडेलें।
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900 ml ठंडा पानी नापें: एक स्केल से सही मात्रा नापें और पानी को एक बड़े नॉन एलुमिनम कंटेनर, जैसे स्टेनलेस स्टील पात्र या काँच के कटोरे में उँडेलें।
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लाइ को पानी में मिलाएं: पानी के पात्र को अपने स्टोव के चलते हुए एग्ज़ॉस्ट फैन के नीचे रखें, या यह निश्चित कर लें कि सब खिड़कियाँ खुली हुई हैं और कमरे में हवा का अच्छा आना जाना है। लाइ को धीरे धीरे पानी में डालें और एक चम्मच से हल्के से मिलाते रहें जबतक लाइ पूरी तरह घुल जाये।
- लाइ को पानी में मिलाना जरुरी है; अगर आप पानी में लाइ मिलायेंगे तो दोनों पदार्थों के बीच में बहुत जल्दी अभिक्रिया होगी, जो खतरनाक हो सकती है।
- जब आप लाइ को पानी में मिलायेंगे, वह पानी को गर्म कर देगी और उसमें से धूम निकलेगी। उस समय अपने मुँह को दूसरी ओर मोड़ें ताकि आप साँस के साथ धूम को अंदर न लें।
- मिश्रण को अलग रखें। उसे ठंडा होने दें और धूम को लुप्त हो जाने दें।
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तेलों को नापें: स्केल से 700 ml नारियल का तेल, 1 lt वेजिटेबल शॉर्टनिंग, और 700 ml ऑलिव ऑयल नापें।
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तेलों को सम्मिश्रित करें: स्टोव पर एक बड़ा स्टेनलेस स्टील पात्र लो-मीडियम आँच पर रखें। उसमें नारियल का तेल और वेजिटेबल शॉर्टनिंग डालें और बारंबार चलायें जबतक वह पिघल जाये। ऑलिव ऑयल डालें और चलायें जबतक वे सब पूरी तरह पिघलकर सम्मिश्रित हो जाएँ। फिर पात्र को आँच पर से उतारें।
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लाइ और तेलों का तापमान नापें: लाइ और तेलों के लिए भिन्न थर्मामीटर इस्तेमाल करें। उनके तापमान को जाँचते रहें जबतक लाइ 35 - 36 डिग्री C (95 - 98 डिग्री F) के तापमान तक आ जाये, और तेलों का तापमान भी उसके बराबर या उससे कम हो जाये।
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लाइ को तेलों में मिलाएं: जब दोनों पदार्थ सही तापमान तक पहुँच जाएँ, आप लाइ को धीमी और स्थिर धारा में, तेलों में उँडेलें।
- एक लकड़ी या ताप सह चम्मच से चलायें; धातु या मेटल न इस्तेमाल करें।
- लाइ और तेलों को चलाने के लिए आप उसकी जगह एक स्टिक ब्लेंडर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- "ट्रेसिंग" होने तक करीब 10 - 15 मिनट चलाते रहें; आपको चम्मच हटाने पर एक ट्रेस दिखाई देगा, जैसा पुडिंग बनाते समय दिखता है। अगर आप एक स्टिक ब्लेंडर इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे करीब 5 मिनट में होना चाहिए।
- मान लीजिये 15 मिनट में ट्रेसिंग नहीं दिखाई देती है तो आप मिश्रण को 10 - 15 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर दोबारा चलायें।
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ट्रेसिंग होने के बाद 100 ml गंध तेल मिलाएं: कुछ गंध और गंध तेलों (जैसे दालचीनी) की वजह से साबुन जल्दी सेट हो जायेगा। इसलिए गंध तेल मिलाने के बाद साबुन को तुरंत सांचों में डालने के लिए तैयार रहें।
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साबुन को सांचे में उँडेलें: अगर आप एक शू बॉक्स या लकड़ी का सांचा इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह निश्चित कर लें कि उसके अंदर पार्चमेंट पेपर बिछा हुआ है। एक प्लास्टिक के पुराने स्पैचुला से पात्र में लगे हुए साबुन के आखिरी टुकड़ों को खुरचकर सांचे में डालें।
- इस चरण में भी आप जरुर से ग्लव्स और सेफ्टी गॉगल्स पहने रहें, कच्चा साबुन प्रदाहक या कॉस्टिक होता है और त्वचा को जला सकता है।
- सांचे को संभालकर मेज़ से एक या दो इंच ऊपर पकड़ें और गिरायें। इस प्रकार दो चार बार करें ताकि कच्चे साबुन में से हवा के बुलबुले निकल जाएँ।
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सांचे को ढकें: अगर आप एक शू बॉक्स को सांचे जैसे इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसकी लिड बंद करें और उसे कई तौलियों से ढकें। यदि आप एक साबुन का सांचा या सोप मोल्ड इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसके ऊपर टेप से एक कार्डबोर्ड का टुकड़ा चिपकाएं, फिर तौलिये रखें।
- तौलिये साबुन को इंसुलेट करने में सहायता करते हैं ताकि साबुनीकरण हो सके।
- साबुन को ढककर, बिना हिलाये, हवा के झोंकों से दूर (एयर कंडीशनर से भी) 24 घंटे छोड़ दें।
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साबुन को चेक करें: 24 घंटों में साबुन जेल (gel) बनने की अवस्था और एक गरमाई की प्रक्रिया में से जायेगा। साबुन का ढक्कन हटायें और उसे 12 घंटों के लिए और छोड़ें। फिर परिणाम देखें।
- अगर आपने सही नाप और निर्देशों का पालन किया है तो साबुन पर सफेद राख जैसे पदार्थ की एक हल्की परत होगी। ये अहानिकर होती है और आप उसे आसानी से एक पुराने रूलर के किनारे या मेटल के स्पैचुला से खुरचकर हटा सकते हैं।
- यदि साबुन के ऊपर एक गहरी तेलपूर्ण परत है तो आप उसे इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि वह अलग हो गया है। अगर आप चीजों की सही नाप नहीं लेंगे, पर्याप्त समय के लिए मिश्रण को नहीं चलायेंगे, या जब लाइ और तेलों के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर होगा तब उन्हें मिलायेंगे, तो साबुन ऐसा बनेगा।
- मान लीजिये साबुन बिलकुल सेट नहीं हुआ है और उसमें सफेद या पारदर्शी पॉकेट्स हैं तो आप समझ सकते हैं कि वह कॉस्टिक है और आप उसे इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ये साबुन की प्रक्रिया के समय कम चलाने की वजह से होता है।
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साबुन को सांचे में से निकालें: बॉक्स या सांचे को उलटा करें और साबुन को एक तौलिये या साफ सतह पर गिरायें।
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साबुन को बार्स में काटें: इस साबुन को किसी चीज से काटना चाहिए। आप इसके लिए एक तेज़ चाकू, एक तार जिसमें दो हैंडल हों, या भारी नायलॉन स्ट्रिंग या फिशिंग लाइन इस्तेमाल कर सकते हैं।
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साबुन को पक्का होने दें: साबुन को पार्चमेंट पेपर पर रखकर, एक समतल सतह या ड्राइंग रैक पर दो हफ्तों के लिए रखें ताकि साबुनीकरण की प्रक्रिया पूरी हो सके और साबुन पूरी तरह सूख सके। दो हफ्तों बाद साबुन को पलटें और उसकी दूसरी साइड को सुखाएं।
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साबुन को एक महीना पक्का करें: साबुन को कम से कम एक महीना हवा में खुला रखें। जब साबुन पूरी तरह से पक्का हो जाये, आप उसे बाज़ार से ख़रीदे हुए साबुन जैसे अपने घर में इस्तेमाल करें, या अपने मित्रों को उपहार के रूप में देने के लिए रैप करें। वह अनिश्चित काल तक रहेगा।
सलाह
- तेलों और लाइ को मिलाते समय तापमान बहुत महत्त्वपूर्ण है। यदि वे बहुत गर्म होंगे तो वे अलग हो जायेंगे; अगर वे बहुत ठंडे होंगे तो वे साबुन में परिवर्तित नहीं होंगे।
- परफ्यूम को गंध जैसे न इस्तेमाल करें, खास तौर से यदि उसमें ऐलकोहल हो। वह लाइ और वसा के बीच में हो रही रसायनिक अभिक्रिया को बदल देगी और आपका साबुन नहीं बनेगा। आप साबुन में इस्तेमाल करने के लिए बनाये गए विशेष नेचुरल गंध तेलों और गंधों का उपयोग कर सकते हैं। जरा से गंध तेल या गंध से काफी असर होता है, आपको सिर्फ एक छोटे चम्मच की आवश्यकता हो सकती है।
- आप ये काम अपने माता पिता या गार्डियन से अनुमति लेकर करें! नहीं तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं।
- लाइ करीब करीब सब हार्डवेयर स्टोर्स के प्लम्बिंग सेक्शन में मिलती है या ऑनलाइन खरीदी जा सकती है। उसके पैकेज पर 100% सोडियम हाइड्रॉक्साइड लिखा होना चाहिए।
चेतावनी
- लाइ के साथ काम करते समय रबर ग्लव्स और सेफ्टी गॉगल्स पहनें। लाइ को किसी ऐसी जगह पर न छोड़ें जहाँ बच्चे और पशु उसे छू सकें।
- साबुन बनाने के लिए इस्तेमाल करे गए उपकरणों को सिर्फ साबुन बनाने के काम के लिए रखें। उन्हें दोबारा किचन में या खाने के आस पास न इस्तेमाल करें। लकड़ी के उपकरणों का सावधानी से उपयोग करें। वे छिद्रिल या पोरस होते हैं और बार बार साबुन बनाने के लिए इस्तेमाल करने से खंडित हो सकते हैं। फेंटनी न इस्तेमाल करें, उसमें बहुत से ऐसे स्थान होते हैं जहाँ कॉस्टिक पदार्थ फंसकर लगे रह सकते हैं।
- लाइ जैसे रसायनों को पानी के साथ मिलाते समय, हमेशा रसायन को पानी में मिलाएं। पानी को रसायन में न मिलाएं ताकि रसायन का ऊपर स्प्लैश करने और बाहर निकलने का कम खतरा हो।
- सांचे में सेट होने के बाद, अगर साबुन के ऊपर छोटे सफेद ढेले हों तो आप समझ सकते हैं कि वह कॉस्टिक है और उसे सुरक्षित रूप से हटाना चाहिए। वे सफेद ढेले लाइ हैं। इस संदूषित साबुन को हटाने के लिए लाइ को सिरके से निष्प्रभाव करें। साबुन की बार को पानी में डुबोएं और ग्लव्स पहनकर अपने हाथों से या किसी चीज से साबुन को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ें। फिर आप साबुन और सिरके के मिश्रण को नाली में बहाकर हटा सकते हैं।
- लाइ (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) एक तेज़ आधार है। उसका अपनी आँखों या त्वचा से संपर्क न होने दें। मान लीजिये आपकी त्वचा का उससे संपर्क होता है तो पानी से धोएं (पानी से धोने के बाद आप सिरके से बर्न को निष्प्रभाव कर सकते हैं) और चिकित्सा करवायें। अगर उसका आँखों से संपर्क हो तो आँखों को 15-20 मिनट ठंडे पानी से धोएं और चिकित्सा करवायें। यदि आइ वॉश सेंटर या आइ फ्लश बॉटल उपलब्ध हो तो उसे इस्तेमाल करें। अगर उसे निगल लिया हो तो एक पॉइज़न कंट्रोल सेंटर से संपर्क करें।
चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- तेल:
- 700 ml ऑलिव ऑयल (एक्स्ट्रा वर्जिन नहीं)
- 700 ml नारियल का तेल
- 1 lt वेजिटेबल शॉर्टनिंग
- खारा घोल:
- 400 ml लाइ
- 900 ml स्प्रिंग या डिस्टिल्ड वॉटर
- गंध या गंध तेल
- 100 ml आपके पसंद की गंध
- साधन:
- सेफ्टी गॉगल्स
- रबर ग्लव्स
- एप्रन
- संघटकों को नापने के लिए स्केल
- बड़ी स्टेनलेस स्टील या एनामेल की केतली; एल्युमीनम की नहीं, और नॉन स्टिक सतह वाली नहीं
- पानी और लाइ रखने के लिए काँच या प्लास्टिक का चौड़े मुँह वाला पिचर
- दो-कप नापने वाला प्लास्टिक या काँच का मेजरिंग कप
- प्लास्टिक या लकड़ी के चम्मच
- स्टिक ब्लेंडर (इच्छानुसार)
- दो काँच के थर्मामीटर जो 27 - 38 डिग्री C (80 - 100 डिग्री F) तक के तापमान को नाप सकें
- प्लास्टिक के सांचे या मोल्ड्स जिनके ऊपर अंकित हो कि वे कोल्ड प्रोसेस सोप मेकिंग के लिए उचित हैं, या एक प्लास्टिक का शू बॉक्स, या एक लकड़ी का सांचा
- पार्चमेंट पेपर
- कई तौलिये
- बहते हुए पानी का स्रोत और सिरका, यदि गलती से लाइ से संपर्क हो जाये