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सिस्ट ऐसी बंद गुहा या थैली होती हैं जिनमे तरल (Fluid) भरा होता है | [१] ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं और इन्फेक्शन, आनुवंशिक, सेल्स (cells) के डिफेक्ट या डक्ट ब्लॉक होने के कारण बन सकती हैं | सिस्ट काफी भयानक हो सकती हैं लेकिन यहाँ ऐसे कई उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप इन्हें ठीक कर सकते हैं और जिनसे आपकी परेशानी थोड़ी कम हो सकती है |

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सिस्ट के विभिन्न प्रकारों को पहचानें

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  1. सिबेशियस सिस्ट (sebaceous cyst) और एपिडर्मोइड सिस्ट (epidermoide cyst) के अंतर को जानें: सिबेसियस सिस्ट की तुलना में एपिडर्मोइड सिस्ट बहुत कॉमन रूप से होने वाली सिस्ट हैं | दोनों में ही थोड़े अलग-अलग लक्षण होते हैं और इनका उपचार भी थोडा भिन्न-भिन्न होता है। इसलिए, आपकी स्किन पर होने वाली सिस्ट के प्रभावी उपचार के लिए इसका सटीक डायग्नोसिस होना बहुत जरुरी है |
    • दोनों प्रकार की सिस्ट फ्लेश-कलर या सफ़ेद-पीले कलर की होती हैं और इनकी सतह स्मूथ होती है | [२]
    • एपिडर्मोइड सिस्ट सबसे आम सिस्ट है | ये धीरे-धीरे बढती हैं और अधिकतर दर्दरहित होती हैं | इनमे आमतौर पर उपचार की कोई जरूरत नहीं होती जब तक कि इनके कारण दर्द न हो या ये संक्रमित न हों | [३]
    • पिलर सिस्ट (Pilar cyst) मुख्य रूप से कैरेटिन (keratin), एक प्रकार का प्रोटीन जिससे बाल और नाखून बनते हैं, से बनती है और हेयर रूट की बाहरी भित्ति (sheath) से बनती हैं जो सिर में होती है | [४] अधिकतर माना जाता है कि पिलर सिस्ट का दूसरा नाम सिबेशियस सिस्ट है लेकिन वास्तव में ये दोनों अलग-अलग होती हैं |
    • सिबेसियस सिस्ट आमतौर पर सिर के हेयर फोलिकल्स में पाई जाती हैं | ये ग्लैंड के अंदर बनती हैं जहाँ सीबम (एक ऑयली पदार्थ जो हेयर की कोटिंग करता है) निकलता है | जब ये सामान्य स्त्राव ट्रैप हो जाते हैं तब ये एक चीज़ (cheese) जैसे पदार्थ युक्त एक पाउच निर्मित करते हैं | आमतौर पर ये गर्दन के पास, पीठ के ऊपरी हिस्से पर और स्कैल्प पर पाई जाती हैं | [५] सिबेसियस सिस्ट होने पर अधिकतर पिलर या एपिडर्मोइड सिस्ट से भ्रमित हो जाते हैं |
  2. ब्रैस्ट में होने वाली सिस्ट और ट्यूमर में भेद करें: [६] सिस्ट एक या दोनों ब्रैस्ट में हो सकती हैं | बिना मेमोग्राफी या नीडल एस्पिरेशन के ब्रैस्ट में होने वाले दो अलग-अलग प्रकार के लम्प में भेद कर पाना लगभग असंभव है | ब्रैस्ट सिस्ट के लक्षणों में शामिल हैं:
    • स्मूथ, आसानी से हिलने वाले लम्प जिनके किनारे विभक्त हों
    • लम्प पर दर्द या स्पर्श असह्यता
    • इसका साइज़ और स्पर्श असह्यता आपके पीरियड्स शुरू होने के बिलकुल पहले ही बढ़ेंगे
    • पीरियड्स खत्म होने पर साइज़ और स्पर्शअसह्यता भी कम होने लगेगी
  3. एक्ने या मुहांसे एक आम शब्द है जिसे विभिन्न प्रकार के पिम्पल्स, ब्लैकहेड्स, पसट्युल, वाइटहेड्स और सिस्ट के रूप में विस्तृत रूप से जाना जाता है | सिस्टिक एक्ने ऐसे नोड्युल होते हैं जो लाल रंग के, बढे हुए, अधिकतर 2-4 मिलीमीटर साइज़ के और नोड्युलर होते हैं और ये एक्ने के सबसे गंभीर रूप हैं | सिस्टिक एक्ने पीड़ादायक होते हैं | [७]
  4. ये सिर और कलाई पर पाए जाने वाले सबसे सामान्य प्रकार के लम्प या उभार होते हैं | ये कैंसर उत्पन्न नहीं करते और अधिकतर हानिरहित होते हैं | ये तरल से भरे होते हैं और बहुत जल्दी दिखाई दे सकते हैं और जल्दी गायब भी हो सकते हैं या कह सकते हैं कि इनका साइज़ बदलता रहता है | जब तक ये दिखने में बुरे न लगें या सामान्य कार्यों को प्रभावित न करें तब तक इनके उपचार की कोई जरूरत नहीं होती | [८]
  5. पिलोनिडल सिस्ट (pilonidal cyst) से होने वाले दर्द को पहचानें: इस स्थिति में नितम्बों के बीच की क्रीज़ में सिस्ट, एब्सिस या डिंपल बन सकता है जो स्पाइन के निचले हिस्से से गुदा तक जा सकता है | ये टाइट कपडे पहनने के कारण, शरीर पर अत्यधिक बाल होने से, लम्बे समय तक बैठे रहने से या मोटापे के कारण हो सकते हैं | इने लक्षणों में शामिल हैं; प्रभावित हिस्से में पस बनना, सिस्ट पर स्पर्शअसह्यता या टेलबोन के पास की स्किन गर्म, टेंडर या सूजनयुक्त होना | या फिर ऐसा भी हो सकता है कि स्पाइन के आधार हिस्से पर एक गड्ढा या डिंपल होने के अलावा कोई लक्षण न हों | [९]
  6. ये ग्लैंड्स वेजाइनल ओपनिंग के दोनों ओर स्थित होती हैं वेजाइना को लुब्रिकेट करती हैं | जब ये ग्लैंड्स अवरुद्ध हो जाती हैं तब अपेक्षाकृत दर्दरहित सूजन बनती हैं जिसे बर्थोलिन की सिस्ट (Bartholin’s cyst) कहा जाता है | अगर इस सिस्ट में कोई संक्रमण न हो तो आप इसे नोटिस भी नहीं कर पाएंगे | इन्फेक्शन भी दिनों पर निर्भर करता है जिसके कारण स्पर्शअसह्यता, बुखार, चलने में परेशानी, शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय दर्द और वेजाइनल ओपनिंग के पास एक स्पर्शअसह्य और पीड़ादायक उभार या लम्प होना | [१०]
  7. वृषण या टेस्टिकल्स (testicles) में होने वाली सूजन को डॉक्टर को दिखाएँ: सभी प्रकार की टेस्टिकुलर सूजन फिजिशियन के द्वारा ही डायग्नोज़ करायी जानी चाहिए जिससे सिस्ट, कैंसर उत्पन्न करने वाली वृद्धि, हाइड्रोसील या टेस्टिकल्स के संक्रमण में भेद का पता लगाया जा सके | टेस्टिकुलर सिस्ट को स्पर्मेटोसील (spermatocele) या एपिडिडाइमल सिस्ट (epididymal cyst) भी कहा जाता है जो आमतौर पर दर्दरहित, तरल से भरी हुई, और टेस्टिकल्स के ऊपर स्थित स्क्रोटम में बनी हुई नॉन-कैन्सरस गुहा (sac) होती है | [११]
  8. अगर आप अपने फिजिशियन के डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट से संतुष्ट न हों तो सेकंड ओपिनियन लेने पर विचार कर सकते हैं: हालाँकि, अधिकतर पिलर और एपिडर्मोइड सिस्ट में फिजिशियन के द्वारा ट्रीटमेंट की कोई जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर आपको मेडिकल एडवाइस चाहिए और आप पहले ट्रीटमेंट के परिणाम से खुश न हों तो सेकंड ओपिनियन ले सकते हैं | अधिकतर सिबेसियस और एपिडर्मोइड सिस्ट बिलकुल स्पष्ट होती हैं लेकिन अन्य स्थितियों भी होती हैं जिनसे भ्रम हो सकता है। [१२]
    • इंग्लैंड के रॉयल कॉलेज में लिखी गयी केस स्टडी में, लेखक ने दो केस प्रेजेंट किये हैं जिनमे मेलेनोमा और एक डीप ओरल कैविटी का उल्लेख किया है, इन्हें गलती से सिबेसियस सिस्ट समझ लिया गया था |
    • कई तरह के संक्रमण की प्रक्रियाएं होती हैं जिन्हें गलती से सिबेसियस सिस्ट समझा जा सकता है जिनमे शामिल हैं; फोड़े (boils), फुंसी (furuncles) और छिद्रार्बुद (carbuncles) |
विधि 2
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सिस्ट से बचाव

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  1. पिलर सिस्ट किशोरावस्था के बाद विकसित होती है और इसमें ऑटोसोमल डोमिनेंट इन्हेरिटेंस होता है | इसका मतलब है कि ये दोनों सेक्स के लोगों में हो सकती हैं और अगर दोनों में से कोई एक पैरेंट के जीन में पिलर सिस्ट के जीन हों तो इसके होने की सम्भावना बढ़ जाती है और बच्चों को भी ये सिस्ट होगी | लगभग 70% लोग जिनमे ये सिस्ट एक बार होती है उन्हें अपने जीवनकाल में कई सिस्ट्स का सामना करना होगा | [१३]
    • ब्रैस्ट टिश्यू में इन सिस्ट के विकसित होने का कोई भी कारण आजतक ज्ञात नहीं है |
    • डॉक्टर्स के पास सिस्टिक एक्ने से बचाव और उनके रिस्क फैक्टर्स के बारे में कोई स्पष्ट जबाव नहीं है लेकिन ये माना जाता है कि इनका सम्बन्ध किशोरावस्था और प्रेगनेंसी में होने वाले हार्मोन लेवल में वृद्धि और सीबम (स्किन में उपस्थित ऑइल) के द्वारा हेयर फोलिकल्स के बंद होने से है | [१४]
  2. अधिकतर से तो नहीं लेकिन कुछ सिस्ट से बचाव संभव है | उदाहरण के लिए, ढीले-ढाले कपडे पहनने, वज़न पर नियंत्रण रखने और पूरे दिन में सिटिंग पोजीशन से हर 30 मिनट में उठने से पिलोनिडल सिस्ट से बचाव किया जा सकता है |
    • अमेरिकन एकेडेमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, एपिडर्मोइड सिस्ट को बनने से रोकने का कोई प्रभावी उपाय नहीं है | [१५] हालाँकि, ऐसे लोगों का समूह बहुत बड़ा होता है जिनमे इन सिस्ट के विकसित होने की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं जिनमे शामिल हैं; महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में, मुहांसों से पीड़ित लोगों में, और जो लोग धूप में लम्बे समय तक रहते हैं उनमे ये सिस्ट अधिक होती हैं | [१६]
    • जो लोग हाथ की चोट से पीड़ित होते हैं उनके हाथ में एपिडर्मोइड या गैंग्लियोन सिस्ट होने की सम्भावना अधिक होती है |
    • बर्थोलिन ग्लैंड सिस्ट, वेजाइनल ओपनिंग के हिस्सों पर लगने वाली चोट के बाद हो सकती हैं |
  3. हालाँकि अधिकांश सिस्ट बचाव योग्य नहीं होतीं लेकिन आप इनके होने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं | ऑइल-फ्री स्किन प्रोडक्ट्स का उपयोग करें और धूप के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से बचें | [१७]
    • शेविंग और वैक्सिंग भी इस तरह की सिस्ट को बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं | इसलिए नयी सिस्ट के पुनःनिर्माण को रोकने के लिए, ऐसी जगहों पर अत्यधिक शेविंग और वैक्सिंग करने से बचें जहाँ आपको पहले से ही सिस्ट हो |
विधि 3
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घर पर सिस्ट का उपचार करें

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  1. बिना संक्रमण वाली एपिडर्मोइड और सिबेसियस सिस्ट का इलाज करें: इन्फेक्शन के चिन्हों में शामिल हैं; प्रभावित हिस्से में सूजन, लालिमा, स्पर्शअसह्यता या गर्म और लाल होना | अगर घरेलू उपचारों से कोई लाभ न हो या आपको ऐसे लक्षण अनुभव होते रहें जो संक्रमण को दर्शाते हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए | [१८]
    • अगर सिस्ट के कारण दर्द या चलने या शारीरिक सम्बन्ध बनाने में परेशानी हो तो सिस्ट के इलाज के लिए मेडिकल केयर की जरूरत होती है |
  2. सिस्ट को ड्रेन करने और घाव को भरने के उद्देश्य से एपिडर्मोइड सिस्ट पर एक गीला, गर्म सेक लगायें: सेंक का कपडा गर्म तो होना चाहिए पर इतना ज्यादा नहीं कि आपकी स्किन को जला दे | इसे दिन में दो से तीन बार सिस्ट के ऊपर रखें | [१९]
    • सिस्टिक एक्ने हीट की अपेक्षा आइस या बर्फ के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देते हैं |
    • बर्थोलिन ग्लैंड सिस्ट का उपचार घर पर गर्म पानी की सिट्ज़ बाथ से किया जा सकता है |इसमें सिस्ट को ड्रेन करने के लिए कई इंच गर्म पानी में बैठना होता है |
  3. एपिडर्मोइड सिस्ट या सिबेसियस सिस्ट को खींचने, दबाने या नोंचने से बचना चाहिए: ऐसा करने से इन्फेक्शन और स्कारिंग की सम्भावना बढ़ जाती है | साथ ही, सिस्टिक एक्ने को भी कभी भी दबाना, नोंचना या कुरेदना नहीं चाहिए | इससे इन्फेक्शन गहरा हो सकता है और स्कार टिश्यू बनने की रिस्क बढ़ जाती है |
  4. एपिडर्मोइड सिस्ट को प्राकृतिक रूप से ड्रेन होने दें: एक बार ड्रेनिंग शुरू होने पर इसे विसंक्रमित ड्रेसिंग से कवर कर दें जिसे आप दिन में दो बार बदल सकते हैं | अगर सीसर से बहुत ज्यादा मात्रा में पस निकलना शुरू हो जाए, सिस्ट के आस-पास की स्किन लाल होने लगे और प्रभावित हिस्सा गर्म और छूने पर पीड़ादायक हो जाए या सिस्ट से खून निकलने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ |
  5. इन्फेक्शन से बचने के लिए, सिस्ट और सिस्ट के आस-पास के हिस्से को साफ़ रखें | इसे प्रतिदिन एंटीबैक्टीरियल साबुन या क्रीम से धोएं |
विधि 4
विधि 4 का 4:

मेडिकल केयर का सहारा लें

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  1. अधिकांश सिस्ट पूरी तरह से हानिरहित होती हैं और अपने आप ठीक हो जाती हैं जबकि कुछ में चिकित्सीय देखरेख की जरूरत पड़ सकती है |अगर सिस्ट पीड़ादायक या सूजनयुक्त हो या प्रभावित हिसे के आस-पास की स्किन गर्म होने लगे जो कि इन्फेक्शन होने के चिन्ह हैं तो डॉक्टर को दिखाएँ | [२०]
  2. अगर सिस्ट के कारण आपके रोजमर्रा के कामों में बाधा आ रही हो तो इन्हें खुद दबाकर फोड़ें नहीं | डॉक्टर की सलाह से आंकलन करें कि ऐसा करना सुरक्षित है या नहीं और अगर ऐसा करना सुरक्षित नहीं है तो इन्हें सर्जिकली रिमूव किया जा सकता है या नहीं | [२१]
  3. ये विभिन्न कारणों के आधार पर अलग-अलग होंगे जैसे; सिस्ट की लोकेशन, साइज़ और सिस्ट किस प्रकार शारीरिक गतिवधियों को प्रभावित कर रही है | शरीर में होने वाली सिस्ट को हटाने के तीन विकल्प होते हैं | आपको हर विकल्प के बारे में अपने डॉक्टर के साथ बात करके आंकलन करना चाहिए कि आपकी परिस्थितियों और सिस्ट के प्रकार के आधार पर आपके लिए बेस्ट आप्शन कौन सा है |
    • इन्सिजन और ड्रेनेज (I & D) एक ऐसी सरल प्रक्रिया है जिसमे फिजिशियन सिस्ट में 2-3 मिलीमीटर का कट लगाते हैं और सिस्ट की सामग्री को धीरे-धीरे बाहर निकाल लेते हैं | यह प्रक्रिया जरूरत पड़ने पर ऐसी सिस्ट में ऑफिस में भी की जा सकती हैं जो गहरी या संक्रमित न हों जैसे एपिडर्मोइड और सिबेसियस सिस्ट और साथ पर हिने वाली पिलोनिडल सिस्ट में आई एंड डी (I & D) का उपयोग ब्रैस्ट सिस्ट, गैंगलिओन सिस्ट, टेस्टिकूलर सिस्ट या बर्थोलिन ग्लैंड सिस्ट होने पर आउटपेशेंट बेसिस पर जनरल या लोकल एनेस्थीसिया देकर किया जा सकता है | हालाँकि सिस्ट की वाल रिमूव नहीं होने पर सिस्ट के फिर से होने के चांसेज बहुत ज्यादा होते हैं | इन्सिजन और ड्रेनेज में सिस्ट की वाल (Wall) नहीं निकाली जा सकती |
    • कम से कम एक्सिजन (excision) तकनीक से सिस्ट की वाल और केंद्र में स्थित चीज़ी मटेरियल को बाहर निकाला जायेगा | [२२] सिस्ट वाल को खींचकर बाहर निकालने से पहले सिस्ट को खोला और ड्रेन किया जाता है | इन्सिजन (incision) के साइज़ के आधार पर टांकें लगाना जरुरी हो सकता है या नहीं भी हो सकता | इस तकनीक को ब्रैस्ट सिस्ट, टेस्टिकुलर सिस्ट, बर्थोलिन ग्लैंड सिस्ट और गैंग्लिओन सिस्ट के उपचार के विकल्प के रूप में उपयोग किया जायेगा | आमतौर पर सिस्टिक एक्ने के लिए सर्जिकल एक्सिजन बहुत कम किया जाता है | सर्जिकल एक्सिजन आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया देकर किया जाता है और अधिकतर क्लिनिक में किया जा सकता है लेकिन बच्चों में जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है |
    • लेज़र रिमूवल का विकल्प केवल उन एपिडर्मोइड सिस्ट के लिए होता है जो बड़ी हों और जिनमे प्रभावित हिस्से की स्किन मोटी हो जाती है | लेज़र से सिस्ट की ओपनिंग की जाती है और धीरे-धीरे अंदर के तरल को बाहर निकाला जाता है | एक महीने के बाद, सिस्ट की वाल को बाहर खींचने के लिए एक छोटा सा इन्सिजन दिया जाता है | इससे बहुत अच्छे कॉस्मेटिक रिजल्ट्स मिलते हैं बशर्ते सिस्ट में सूजन या इन्फेक्शन न हो | [२३]
  4. आंकलन करें कि स्किन सिस्ट को निकालना जरुरी है या नहीं: [२४] ऐसे कई घरेलू उपचार होते हैं जिनके द्वारा सिबेसियस और एपिडर्मोइड सिस्ट का ड्रेनेज और और हीलिंग की जा सकती है | हालाँकि, अगर प्रभावित हिस्से में इन्फेक्शन हो, सिस्ट की वृद्धि तीव्र गति से हो रही हो, सिस्ट में कोई स्पॉट हो जो लगातार परेशानी दे रहा हो या आपको किसी कॉस्मेटिक कारण से परेशानी हो तो चिकित्सीय परामर्श लेना जरुरी होता है |
  5. जानें कि ब्रैस्ट में स्थित सिस्ट को निकालना जरुरी है या नहीं: [२५] ब्रैस्ट में एक साधारण तरल से भरी हुई सिस्ट के लिए किसी उपचार की जरूरत नहीं होती है |अगर आपका मीनोपॉज नहीं होने वाला है तो डॉक्टर आपको सलाह दे सकते हैं कि आप अपनी सिस्ट को हर माह मॉनिटर करती रहें | फिजिशियन एक फाइन नीडल एस्पिरेशन से सिस्ट को ड्रेन कर सकते हैं |
    • अगर दो या तीन मासिक चक्र तक आपको सिस्ट बनी रहे और अपने आप खत्म न हो या साइज़ में बढ़ जाए तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दे सकते हैं |
    • फिजिशियन आपको ओरल कन्ट्रासेप्शन लेने की सिफारिश कर सकते हैं जिससे आपके मासिक चक्र सम्बन्धी हार्मोन रेगुलेट हो सकें | इस ट्रीटमेंट का उपयोग केवल महिलाओं में गंभीर लक्षणों में किया जाता है |
    • सर्जिकल रिमूवल केवल तभी जरुरी होता है जब सिस्ट के कारण बहुत परेशानी हो, एस्पिरेशन करने पर ब्लड-टिंग्ड या ग्रीन-रंग का तरल निकले या फिजिशियन का मानना हो कि प्रभावित स्थान पर नॉन-बिनाइन ग्रोथ पैटर्न है | इस केस में एनेस्थीसिया देकर पूरी सिस्ट को निकाला जायेगा क्योंकि इन्सिजन और ड्रेनेज तकनीक से सिस्ट का कैप्सूल छूट जाता है और सिस्ट फिर से होने की रिस्क बढ़ जाती है |
  6. सिस्टिक एक्ने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें: [२६] वे सबसे पहले अन्य प्रकार के मुहांसों को ठीक करने के लिए मेडिकेशन लिखेंगे | अगर आपको अच्छा परिणाम नहीं मिलता तो डॉक्टर आइसोट्रेटिनोइन (isotretinoin) या एक्युटेन (Accutane) के उपयोग की सिफारिश कर सकते हैं |
    • एक्युटेन एक इफेक्टिव मेडिकेशन है जो मुहांसों को मैनेज कानर में मदद करती है | हालाँकि, इसके कारण गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे बर्थ डिफेक्ट, डिप्रेशन और आत्महत्या की सम्भावना में वृद्धि और इससे लिपिड लेवल, लीवर फंक्शन, ब्लड शुगर और वाइट ब्लड सेल काउंट भी प्रभावित हो सकता है | मेडिकेशन की प्रतिक्रिया को मॉनिटर करने के लिए यह मेडिकेशन लेने के बाद आपको हर महीने ब्लड टेस्ट करने होंगे | [२७] महिलाओं को एक्युटेन लेने के लिए दो प्रकार के गर्भनिरोध लेना चाहिए |
  7. आमतौर पर इस प्रकार की सिस्ट का उपचार नॉन-सर्जिकल होता है और इसमें ऑब्जरवेशन शामिल होता है | प्रभावित हिस्से को स्थिर रखा जाता है क्योंकि उस स्थान में गतिविधि होने से साइज़, दबाव या दर्द बढ़ जाता है | [२८] अगर गैंग्लिओन सिस्ट के कारण दर्द हो रहा हो या गतिविधियाँ सीमित हो जाएँ तो सिस्ट के फ्लूइड को एस्पिरेशन करके निकालना चाहिए | इन प्रोसीजर में फिजिशियन एक पतली सुई से अपने क्लिनिक या ऑफिस में स्टेराइल कंडीशन में सिस्ट से फ्लूइड को निकाल देते हैं |
    • अगर नॉन-सर्जिकल विधियों (नीडल एस्पिरेशन या स्थिरीकरण) से लक्षण शांत न हों तो या एस्पिरेशन के बाद फिर से सिस्ट बन जाये तो डॉक्टर सिस्ट का सर्जिकल निर्हरण करने की सिफारिश कर सकते हैं जिसे टोटल गैंग्लिओनेक्टोमी (total ganglionectomy) कहा जाता है | निर्हारं (excision) के समय सिस्ट के साथ जुड़े हुए टेंडन या जॉइंट कैप्सूल को भी हटा दिया जायेगा | इसके कम्पलीट रिमूवल के बाद सिस्ट फिर से होने की सम्भावना बहुत कम होगी |ये सर्जिकल प्रोसीजर लोकल एनेस्थीसिया देकर की जाती है और यह अधिकतर ओपीडी या क्लिनिक पर की जाने वाली प्रोसीजर होती है |
  8. ट्रीटमेंट का प्रकार, सिस्ट के साइज़, आपकी परेशानी और संक्रमण के आधार पर किया जाता है | [२९] गर्म पानी में की जाने वाली सिट्ज बाथ (कुछ इंच ऊंचाई तक गर्म पानी में बैठना) दिन में कई बार करने से ग्लैंड अपने आप ड्रेन ह जाती है |
    • अगर ग्लैंड बहुत बड़ी है या संक्रमित हैं और सिट्ज़ बाथ से भी लाभ न हो तो सर्जिकल इन्सिजन और ड्रेनेज किया जायेगा | लोकल एनेस्थीसिया या बेहोश करने की दवा का भी उपयोग किया जायेगा | ग्लैंड में एक कैथेटर डालकर छोड़ दिया जाता है जिससे कम्पलीट ड्रेनेज के लिए इसे छह सप्ताह तक ओपन रखा जा सके |
    • इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स प्रेस्क्रिब की जा सकती हैं |
  9. टेस्टिकुलर सिस्ट के ट्रीटमेंट के बारे में जानें: सर्वप्रथम, फिजिशियन आंकलन करते हैं कि ग्रोथ कैन्सरस हैं या नॉन-कैंसरस | [३०] अगर सिस्ट इतनी बड़ी हो कि इसके कारण टेस्टिकल्स भरी लगने लगें या नीचे लटक जाएँ तो इस प्रकार की सिस्ट के सर्जिकल एक्ससिजन (surgical excision) पर विचार किया जायेगा |
    • फ़िलेडैल्फ़िया के चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल बच्चों की किशोरावस्था में शुरूआती तौर पर सर्जरी की सिफारिश नहीं करते है | इसकी बजाय, वे किशोरों को सेल्फ-एग्जामिनेशन करना सिखाते हैं और साइज़ में बढ़ोत्तरी या बदलाव जो सर्जिकल ट्रीटमेंट की जरूरत का संकेत दे सकता है, होने पर रिपोर्ट करना सिखाते हैं | [३१] बच्चों में होने वाली सिस्ट अधिकतर अपने आप ही ठीक हो जाती हैं |
    • परकुटेनियस स्क्लेरोथेरेपी (percutaneous sclerotherapy) एक ऐसा विकल्प है जो स्क्रोटम की सर्जरी की रिस्क को कम करता है और रिसर्च में भी इसके बहुत अच्छे परिणाम देखे गये हैं | [३२] स्क्लेरोसिंग एजेंट के इंजेक्शन के लिए मार्गदर्शन के लिए अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है, इस स्टडी में उपयोग किये गये 84% पुरुषों में छह महीनों में ही लक्षण समाप्त हो गये थे | स्क्लेरोसिंग एजेंट टेस्टिकुलर सिस्ट के साइज़ और लक्षणों को कम करेगा | इस प्रोसीजर में अपेक्षाकृत फिजिकली रिस्क बहुत कम होता है और सिस्ट फिर से होने की सम्भावना बहुत कम होती है |

सलाह

  • अधिकतर प्रकार की सिस्ट सुरक्षायोग्य नहीं होती और कैंसर उत्पन्न करने वाली भी नहीं होतीं | कई केसेस में, फिजिशियन कोई भी सर्जिकल प्रोसीजर या मेडिकल इंटरवेंशन के बारे में सिफारिश करने से पहले थोडा इंतजार करते हैं और एप्रोच देखते हैं |

चेतावनी

  • सिस्ट को कभी भी खींचे, दबाएँ या पकड़ें नहीं | ऐसा करने से इन्फेक्शन और टिश्यू में स्कार बनने की रिस्क बढ़ जाती है |
  • स्किन की अधिकतर सिस्ट अपने आप ही ठीक हो जाती हैं | अगर आप अपनी सिस्ट को जल्दी ठीक करना चाहते हैं तो डॉक्टर को दिखाएँ जो आपकी सिस्ट के साइज़, लोकेशन और प्रकार के आधार पर उपचारों के विकल्प के बारे में जानकारी देंगे |
  • सिस्ट या किसी भी स्किन इन्फेक्शन को ट्रीट करने के पहले और बाद में हमेशा अपने हाथ धाएं |

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