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हालाँकि हर्निया कई तरह के होते हैं लेकिन सभी हर्निया किसी अंग, अंग के हिस्से या फैटी टिश्यू के "बाहर निकले हुए पाउच" ही होते हैं | ये मटेरियल पेट के चारो और के टिश्यू के गैप्स या कमज़ोर एरिया में से बाहर आ जाते हैं | इसी कारण हर्निया होने से रोका नहीं जा सकता लेकिन इनके डेवलप होने की रिस्क को कम किया जा सकता है | हर्निया तभी होता है, जब कमज़ोर एरिया से किसी अंग या टिश्यू पर फिजिकल स्ट्रेस वाला जोर पड़ता है | यह आमतौर पर भारी वजन गलत तरीके से उठाने, प्रेगनेंसी में, डायरिया या कब्ज़ होने पर या अचानक छींकने या खांसने पर हो जाता है | इसके दूसरे फैक्टर्स हैं- मोटापा, स्मोकिंग और न्यूट्रीशन की कमी जिससे टिश्यू एरिया कमज़ोर हो जाते हैं और हर्निया की रिस्क बढ़ जाती है | [१]

क्या हर्निया को वापस अंदर धकेलना चाहिए ?

हर्निया को वापस अंदर न धकेलें, अगर:

  • हर्निया किसी नवजात या छोटे बच्चे में है |
  • हर्निया को अंदर धकेलने पर परेशानी या दर्द हो |

हर्निया को अंदर तभी धकेलें, अगर:

  • आप पहले से डॉक्टर को हर्निया दिखा चुके हैं |
  • आप ट्रस, पैच या बेल्ट का इस्तेमाल करने में प्रशिक्षित हैं |
विधि 1
विधि 1 का 3:

घर पर हर्निया को वापस अंदर धकेलें

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  1. आप मेडिकल सप्लाई स्टोर या फार्मेसी से हर्निया ट्रस या बेल्ट खरीद सकते हैं | डॉक्टर आपके हर्निया के टाइप के आधार पर आपको विशेष प्रकार के सपोर्ट लेने की सिफारिश करेंगे | आमतौर पर, ये सपोर्ट एलास्टिक बैंड या इलास्टिक अंडरवियर होते हैं जो हेरिना के आसपास की जगह को समतल रखने के लिए बनाये जाते हैं |
    • डॉक्टर भी आपको ट्रस, पैच या बेल्ट पहनने का तरीका सिखा सकते हैं |
    • हर्निया बेल्ट को कमर के चारो और लपेटा जाता है | हर्निया ट्रस एक तरह के अंडरगारमेंट होते हैं जो हर्निया को अपनी जगह पर बनाये रखने के मदद करते हैं |
  2. पीठ के बल लेट जाएँ जिससे गुरुत्वाकर्षण के जरिये हर्निया नीचे चला जाए | अगर आप बेल्ट का इस्तेमाल करते हैं तो बेल्ट लगाकर लेटने पर ध्यान दें जिससे यह हर्निया और कमर के चारो ओर रहे | अगर आप ट्रस पाहते हैं तो लेटते समय अगर आसानी हो तो इसे थोडा ऊपर भी खींच सकते हैं या फिर इसे पहनकर ही खड़े हो सकते हैं |
    • हर्निया सपोर्ट लगाने से पहले अपने हाथ धो लें और ध्यान दें कि सपोर्ट भी साफ़ और सूख होना चाहीये |
  3. हेरिना के आधार पर, आपको आने हाथों का इस्तेमाल करना होगा और हर्निया को धीरे से पेट, ग्रोइन (दोनों जांघों के बीच का हिस्सा) या नाभि में दबाना होगा | इसके लिए बहुत ज्यादा हस्तकौशल की जरूरत नहीं पड़ती और इसमें कोई दर्द भी नहीं होगा |
    • अगर हर्निया पर प्रेशर लगाते समय दर्द हो तो रुक जाएँ और डॉक्टर से सम्पर्क करें | ऐसी स्थिति में आपको हर्निया पर जोर नहीं लगाना चाहिए अन्यथा पेट की मसल्स में डैमेज और बढ़ जायेगा |
  4. अगर आप बंद का इस्तेमाल करते हैं तो सावधानीपूर्वक पेट के ऊपर व्रैप के एक सिरे को लायें | याद रखें, आपको इसके ऊपरी इसरे पर लेटना है | व्रैप के दूसरे साइड को पेट के चारो ओर लायें जिससे एक स्थिर प्रेशर मिल सके | इससे हर्निया अपनी जगह पर बना रहेगा |
    • अगर आप हर्निया ट्रस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हर्निया को अपनी जगह पर बिठाने के लिए सरल त्त्रिके से अंडरगारमेंट में इसे रखकर खींचें |
  5. चूँकि आप डॉक्टर की सिफारिश पर ही सपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे इसलिए डॉक्टर ने जब तक इसे पहनने की सिफारिश की हो, तब तक पहनें | आपको समझना होगा कि हर्निया को आपस अंदर दबाने से केवल अस्थायी आराम ही मिल पायेगा, यह कोई परमानेंट ट्रीटमेंट नहीं होता |W [२]
    • जब तक आप करेक्टिव सर्जरी कराने लायक नहीं हो जाते, आमतौर पर डॉक्टर तभी तक हर्निया सपोर्ट के इस्तेमाल की सिफारिश करते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 3:

मेडिकल ट्रीटमेंट लें

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  1. अगर आपको हर्निया को दबाते समय दर्द, टेंडरनेस या परेशानी अनुभव हो तो दबाना बंद कर दें और मेडिकल हेल्प लें | हर्निया के कारण पेट के अंदर ब्लड फ्लो ब्लॉक हो सकता है जिसके कारण मेडिकल इमरजेंसी की नौबत आ सकती है | दर्द संकेत देता है:
    • पेट की भित्ति में फंसे हुए हर्निया का |
    • हर्निया के मुड़ने और गाँठ लग जाने का, जिससे ब्लड सप्लाई रुक जाती है | अगर ऐसा हो तो टिश्यू मर जाते हैं और इसके कारण गैंग्रीन बन सकता है |
  2. हालाँकि आप हर्निया को वापस अंदर दबा सकते हैं और परेशानी में आराम पाने के लियी सपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन हर्निया के लिए केवल सर्जरी ही परमानेंट ट्रीटमेंट होती है | [३] डॉक्टर से सलाह लेकर तय करें कि यह आप्शन आपके लिए सही है या नहीं | ध्यान रखें कि ज्यादातर हर्निया में मेडिकल इमरजेंसी नहीं होती लेकिन ये मेडिकल इमरजेंसी बन सकते है |
    • हर्निया के इलाज़ के लिए कोई दवा नहीं होती |
  3. डॉक्टर आपको जनरल एनेस्थीसिया देंगे और ओपन सर्जरी करेंगे | इस ट्रेडिशनल एप्रोच में सर्जन पेट की भित्ति को खोलते हैं और भित्ति को बंद करने से पहले हर्निया को रिपेयर कर देते हैं | या फिर डॉक्टर आपको लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कराने की सलाह दे सकते हैं जिसमे एक कैमरे के साथ छोटे फाइब्रोऑप्टिक टूल्स जुड़े रहते हैं जो पेट की भित्ति को रिपेयर कर देते हैं | [४]
    • लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कम इन्वेसिव होती है लेकिन फिर भी आपको जनरल एनेस्थीसिया में रखना पड़ेगा | इसमें ओपन सर्जरी की तुलना में रिकवरी टाइम बहुत कम लगता है |
  4. सर्जरी के बाद, दर्दनिवारक दवाएं लें और धीरे-धीरे तीन से चार दिन के अंदर अपनी नॉर्मल एक्टिविटी में वापस लौट आयें | आपको दर्द या मितली (एनेस्थीसिया के प्रभाव के कारण) अनुभव हो सकती है जो एक या दो दिन में ख़त्म हो जाएगी | आपको डॉक्टर की अनुमति मिलने तक भारी वज़न उठाने जैसी मेहनतकश एक्टिविटी से बचना होगा | [५]
    • अपने डॉक्टर से पूछें कि आप कब तक सेक्स, ड्राइविंग और एक्सरसाइज जैसे एक्टिविटी शुरु कर सकते हैं |
विधि 3
विधि 3 का 3:

हर्निया की रिस्क पहचानें और उनकी संभावनाएं कम करें

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  1. जानें कि आपको कहीं इन्गुइनल या फेमोरल हर्निया तो नहीं है: अगर हर्निया ग्रोइन एरिया के नजदीक है तो पता लगायें कि यह ग्रोइन एरिया के अंदर वाले हिस्से में है या बाहर वाले में | अगर आपको लगता है कि हर्निया ग्रोइन के अंदर वाले हिस्से (इन्गुइनल हर्निया) में हैं तो आँत या ब्लैडर पर पेट की भित्ति (इन्गुइनल कैनाल) से जोर लगता है | अगर हर्निया ग्रोइन एरिया के बाहरी ओर दिखाई देता है तो आँतों के हिस्सों से बाहर की ओर फेमोरल कैनाल पर (फेमोरल हर्निया) जोर पड़ता है |
    • इन्गुइनल हर्निया सबसे कॉमन टाइप के हर्निया होते हैं और ये अक्सर वृद्ध पुरुषों में देखे जाते हैं | फेमोरल हर्निया आमतौर पर प्रेग्नेंट या मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में देखे जाते हैं | अगर आपको फेमोरल हर्निया है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें क्योंकि ये फेमोरल आर्टरी या फेमोरल नर्व इंजरी से सम्बंधित होते हैं क्योंकि दूसरे हर्निया की तुलना में इनकी कैनाल बहुत छोटी और ज्यादा टाइट होती है |
  2. पता लगाएं कि कहीं आपको अम्बिलिकल हर्निया (umbilical hernia) तो नहीं है: इस हर्निया में नाभि या नेवल पर एक स्पष्ट उभार दिखाई देता है | यह पेट की भित्ति के जरिये छोटी अंत के हिस्से पर नाभि की और दबाव पड़ने के कारण बनता है | यह हर्निया नवजात बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है जिसे आमतौर पर पीडियाट्रिक सर्जन सर्जिकली ठीक कर देते हैं | [६]
    • अम्बिलिकल हर्निया मोटापे से ग्रस्त महिलाओं और बहुत सारे प्रसव या प्रेगनेंसी झेल चुकी महिलाओं में भी देखा जाता है |
  3. तय करें कि कहीं आपको हाइटल हर्निया (hiatal hernia) तो नहीं है: अपनी आमाशय के नजदीक उभार देखें और सोचें कि आपको एसिड रिफ्लक्स डिजीज रही है या नहीं | ये हाइताल हर्निया के संकेत होते हिं | यह उभार वास्तव में आमाशय के डायाफ्राम की उस ओपनिंग पर दबाव पड़ने के कारण होता है जहाँ से एसोफगस या आहारनली अंदर प्रवेश करती है | [७]
    • हाइटल हर्निया के अन्य संकेत हैं: सीने में जलन, गले में कुछ फंसे होने की अनुभूति, जली पेट भर जाने की फीलिंग और बहुत ही कम होने वे लक्षण जैसे सीने में दर्द जो हार्ट अटैक से कंफ्यूजन पैदा करता है |
    • हाइटल हर्निया महिलाओं, मोटापे से ग्रस्त लोगों और 50 साल से अधिक उम्र वे लोगों में ज्यादातर देखा जाता है | [८]
  4. आपको पेट की सर्जरी के कारण भी हर्निया हो सकता है, विशेश्रीप से अगर आप असक्रिय बने रहे तो | इन्सिजनल हर्निया में आंतें पेट के उस कमज़ोर हिस्से से बाहर आ जाती हैं जहाँ आपको सर्जरी हो चुकी है | [९]
    • इन्सिजनल हर्निया ज्यादातर वृद्धों या मोटे लोगों में होता है |
  5. आप खुद को हेल्दी वज़न में और शेप में रखकर हर्निया की रिस्क कम कर सकते हैं | किसी ऐसे पर्सनल ट्रेनर या कोच के साथ काम करें जो आपको पेट की मसल्स की सही तरीके से एक्सरसाइज करना सिखा सके | आपको इन मसल्स को मजबूती देने की कोशिश करनी चाहिए जिससे हर्निया होने के चांसेस कम हो सकें | स्टडीज से पता चलता है कि योग जैसे स्ट्रेचिंग प्रोग्राम करने से इन्गुइनल हर्निया को ठीक किया जा सकता है | [१०]
    • भारी चीज़ों को उठाने के तरीके सीखें या भारी चीज़ें उठाने से पहले वेट ट्रेनिंग लें | इससे पेट की मसल्स में डैमेज नहीं हो पायेगा | कोई भारी चीज़ उठाते समय, आप किसी की मदद ले सकते हैं |
  6. हर्निया होने से रोका नहीं जा सकता लेकिन इसके डेवलप होने की रिस्क को कम किया जा सकता है | इसमें सबसे ज्यादा जरुरी है-पेट की कमज़ोर मसल्स पर पड़ने वाले प्रेशर को कम करना | टॉयलेट जाते समय पेट पर बहुत जज्यादा प्रेशर न डालें | ऐसा करने के साथ ही फाइबर वाली चीज़ें खाएं और खूब पानी पियें | इनसे मल पतला हो सकता है और आप डायरिया या कब्ज़ जैसी उन परेशानियों बच सकते हैं जो पहले से पेट की कमज़ोर मसल्स पर जोर डालती हैं |
    • अगर आपको जुकाम या एलर्जी हो तो छींकने या खांसने से डरे नहीं | इन्हें रोकने से सच में इन्गुइनल हर्निया हो सकता है | [११] Talk with your doctor if you're sneezing or coughing a lot.

सलाह

  • सभी हर्निया में ट्रस, पैच या बेल्ट नहीं पहने जाते | अपने डॉक्टर से सलाह ले कि इनमे से कोई चीज़ आपके हर्निया में मदद कर सकती है या नहीं |

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