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शरीर में रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की मात्रा को ही हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) कहते हैं। यह लेवल प्रतिशत में मापा जाता है। वयस्क पुरुषों में हेमाटोक्रिट लेवल आपके खून के 45% होना चाहिए, और वहीं वयस्क महिलाओं में यह लेवल लगभग 40% होना चाहिए। [१] विभिन्न बीमारियों के बारे में जानने के लिए रक्त में हेमाटोक्रिट लेवल की उपस्थिति का पता होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। हेमाटोक्रिट का स्तर (hematocrit level) अधिक होने से आम तौर पर फेफड़ों से संबंधित रोग (lung desease) और हृदय रोग (heart desease) जैसी बीमारी के साथ-साथ निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन (dehydration) की समस्या भी हो सकती है। हेमाटोक्रिट का स्तर बढ़ने का अर्थ है कि आपको सदमे (shock) या हाइपोक्सिया (hypoxia) जैसी समस्या का अनुभव हो सकता है – यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें आपके शरीर में ऑक्सीजन का संचार कम हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ, यदि रक्त में हेमाटोक्रिट का स्तर (hematocrit level) कम हो जाएं, तो इसका अर्थ है कि आपको एनीमिया (anemia) या ऐसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिसमें शरीर में रक्त में ऑक्सीजन के संचार की मात्रा पर्याप्त नहीं होती है। यदि आपके रक्त में हेमाटोक्रिट का स्तर बढ़ गया है, तो इस स्तर को फिर से नॉर्मल लेवल पर लाने के लिए इस विकिहाउ आर्टिकल के स्टेप 1 से पढ़ना प्रारंभ करें।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने आहार में बदलाव लाना (Modifying Your Diet)

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  1. लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के निर्माण के लिए आपके शरीर को अधिक मात्रा में हीमोग्लोबिन (hemoglobin) की आवश्यकता होती है। आयरन के सेवन से आसानी से हीमोग्लोबिन प्राप्त होता है। जब कि लाल रक्त कोशिकाओं के कारण ही हेमाटोक्रिट लेवल अधिक हो सकता है, इसलिए आयरन सप्लीमेंट लेना अवॉइड करें ताकि यह सुनिश्चित हो सकें कि आपके शरीर में आयरन की खुराक अधिक नहीं जा रही है।
    • यदि आप फिलहाल आयरन सप्लीमेंट ले रहे हैं और उसे बंद करने के बारे में चिंतित है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें कि आपके लिए क्या करना उचित रहेगा।
  2. डिहाइड्रेशन (dehydration) के कारण आपके शरीर में रक्त को पतला करने के लिए तरल या लिक्विड की मात्रा पर्याप्त नहीं होती है और परिणाम स्वरूप रक्त में हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit levels), संपूर्ण ब्लड वॉल्यूम, और प्लाज़्मा वॉल्यूम बढ़ जाता है। इसका अर्थ है कि यदि आपको निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन हो जाएं, तो आपका हेमाटोक्रिट लेवल अत्यधिक हो जाएगा; वहीं दूसरी तरफ, यदि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद है, तो आपका हेमाटोक्रिट लेवल नॉर्मल रहेगा।
    • नारियल पानी, बिना कंसंट्रेशन वाले जूस (जैसे एप्पल या पाइनएप्पल जूस), और स्पोर्ट्स ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक (जैसे पॉवर डे या गैटोर डे) का सेवन करना हाइड्रेटेड रहने के लिए अच्छे विकल्प है।
    • याद रखें, आपके शरीर के लिए प्रतिदिन 8 से 12 गिलास पानी पीना प्रभावकारी साबित होगा। अपने शरीर में तरल की मात्रा को बढ़ाने की आदत डालें, खासकर तब जब आप हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) को नॉर्मल रखने का कठोर प्रयास कर रहे हैं।
  3. पता करें कि किस प्रकार के ड्रिंक्स का सेवन नहीं करना चाहिएं: कैफीन और अल्कोहलिक ड्रिंक पीना रोक दें क्योंकि दोनों ही ड्रिंक्स मूत्रवर्धक (diuretics) होते हैं। इनके सेवन से यूरिनेशन अधिक होता है और इस कारण निर्जलीकरण (dehydration) की समस्या होती है भले ही आप लगातार इन ड्रिंक्स को पीते हैं। हेमाटोक्रिट लेवल को कम रखने के लिए, सोडा, वाइन, हार्ड लिकर, और बियर पीना बंद करें और पानी या बिना मिठास वाले जूस पीएं।
    • अधिक तरल पीने से, रक्त का गाढ़ापन कम हो जाता है क्योंकि शरीर भी ब्लडस्ट्रीम (bloodstream) में तरल पदार्थ को स्टोर करता है और इस कारण हेमाटोक्रिट लेवल का कंसंट्रेशन भी कम हो जाता है। प्रतिदिन 2 लीटर या उससे भी अधिक लिक्विड पदार्थ का सेवन करने का विचार करें ताकि शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल नॉर्मल बना रह सकें।
  4. हाल ही में किए गए शोध से यह पता चला है कि प्रतिदिन पूरे चकोतरा का 1/2 हिस्सा खाने से रक्त में हेमाटोक्रिट लेवल कम हो जाता है। [२] जितना अधिक लेवल, चकोतरा खाना उतना ही अधिक प्रभावकारी साबित होता है। आधे चकोतरा को ब्रेकफास्ट में शामिल करें और आधे बचे चकोतरा को श्याम को स्नैक में खाएं।
    • अधिक खट्टे चकोतरा में मौजूद नारिंगिन (naringin) नामक फ्लेवोनाइड (flavonoid) के कारण फागोसाइटोसिस (phagocytosis) की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। फागोसाइटोसिस प्रक्रिया से प्राकृतिक तरीके से रक्त से लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को हटाया जाता है, जिसे परिवर्तित करके अन्य तरह से उपयोग में लाया जाता है।
  5. यह आपके शरीर को फ्री रेडिकल से प्रोटेक्ट करते हैं, जो कैंसर और रक्त-संबंधी अन्य बीमारियों का कारण होते हैं। जब आप एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर सप्लीमेंट या खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तब आपके शरीर में ऑक्सीजन का संचरण आसानी से होता है। आलूबुखारा (prunes), बीन्स, और बेरीज जैसे पदार्थ एंटी-ऑक्सीडेंट के अच्छे स्तोत्र है।
    • एंटी-ऑक्सीडेंट विभिन्न तरह से मदद करते हैं, लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि, जब बात हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) को कम करने की है, तब एंटी-ऑक्सीडेंट सप्लीमेंट आपके शरीर में ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करता है ताकि शरीर में ऑक्सीजन का संचरण ठीक तरह से हो सकें। यह न केवल आपको बीमारियों से दूर रखता है बल्कि अच्छा स्वास्थ्य रखने में भी मदद करता है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना

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  1. नियमित रूप से सामान्य व्यायाम करना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण है। हालांकि, ज्यादा व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं है। कठिन व्यायाम करने से हेमाटोक्रिट लेवल बढ़ सकता है। कुछ सीमित व्यायाम में निम्नलिखित व्यायाम शामिल करें:
    • तेज़ी से चलना (Brisk walking)
    • धीरे-धीरे साइकलिंग करना (Light bicycling)
    • सफ़ाई करना (Cleaning)
    • घास काटना
  2. नैशनल ब्लड ट्रान्सफ्यूज़न कॉउन्सिल (NBTC – National blood Transfusion Council) के अनुसार, रक्तदान करने की फ्रीक्वेंसी साल में अधिकतम 4 बार या प्रति ब्लड डोनेशन के बीच में 12 सप्ताह का अंतर होना चाहिए। ऐसा केवल अंतिम ऑप्शन के तौर पर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर करें। यदि आपके डॉक्टर रक्तदान करने की अनुमति देते हैं, तो रक्तदान करना क्यों फायदेमंद है इसके लिए निम्नलिखित बातों को पढ़ें:
    • रक्तदान से रक्त शुद्ध हो सकता है क्योंकि आपके शरीर से रक्त की मात्रा कम होती है जिसका शरीर में फिर से निर्माण किया जाता है, जिससे शरीर में ताज़े रक्त का संचार हो जाता है।
    • रक्तदान से शरीर से अतिरिक्त आयरन निकल जाता है। आपके शरीर में अथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) या धमनियों (arteries) के कठोर या सख्त होने का कारण यह अतिरिक्त आयरन ही है। जब आप रक्तदान करते हैं, तो लगभग 250 मिलीग्राम आयरन आपके शरीर से निकल जाता है और इस वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस (cardiovascular diseases) होने का खतरा कम हो जाता है।
  3. फिर से, इस विकल्प को अंतिम उपाय के तौर पर आजमाएं, क्योंकि इस मेडिसिन के अन्य प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। हेमाटोक्रिट लेवल को कम करने के लिए एस्पिरिन लेने से पहले याद से अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें क्योंकि एस्पिरिन का सेवन तभी फायदेमंद हो सकता है जब हेमाटोक्रिट लेवल के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ब्लीडिंग (gastrointestinal bleeding) होने लगती है।
    • एस्परिन एक एंटी-प्लेटलेट (anti-platelet) ड्रग है। चोट लगने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग में प्लेटलेट से अत्यधिक मदद मिलती है। जब आप हेमाटोक्रिट लेवल को कम करने के लिए एस्पिरिन का सेवन करते हैं, तो यह दवा आपके रक्त को पूरी तरह से पतला बना देता है जिससे रक्त में क्लॉटिंग की प्रक्रिया बंद हो जाती है, आपको चक्कर आने लगते है और अन्य नुरोलॉजिकल कमी का आपको सामना करना पड़ सकता है।
  4. ऊँचाई वाले क्षेत्र (high elevation area) में समतल क्षेत्र (sea level) के मुकाबले ऑक्सीजन कंसंट्रेशन कम होता है। समुद्र तल से 8,000 फुट (2,438.4 m) से भी अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्र को ”कम ऑक्सीजन कंसंट्रेशन वाला” क्षेत्र माना गया है। इन क्षेत्र में रहने वाले लोगों में अक्सर हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) अधिक होता है। ऐसे लोग जब निचली समतल क्षेत्र में रहने लगते हैं, तब उनका हेमाटोक्रिट लेवल नॉर्मल हो जाता है।
    • वातावरण के अनुकूल, शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए अस्ति मज्जा या बोन मेरो (bone marrow) जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का निर्माण करने के लिए उत्तरदायी होते हैं, वह शरीर में अधिक मात्रा में RBCs का निर्माण करते हैं और इस कारण शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) बढ़ जाता है।
  5. धूम्रपान (smoking) छोड़ दें : सिगरेट और अन्य तंबाकू वाले उत्पादों में मौजूद निकोटीन आपके लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा होने वाले ऑक्सीजन वहन की क्षमता को कम करके रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है। शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण RBC की मात्रा कम होती है और इस ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए बोन मेरो अधिक RBC का निर्माण करते हैं अतः आपके शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल बढ़ जाता है। धूम्रपान छोड़ने से या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन न करने से आपको हेमाटोक्रिट लेवल को कम करने में मदद मिलेगी। [३]
    • धूम्रपान छोड़ना आपके हृदय, फेफड़े, त्वचा, बाल और आपके पूरे शरीर के लिए भी सर्वोत्तम है। इसके अलावा, यह आपके आसपास के लोगों के लिए भी बेहतर है। यदि आप केवल हेमाटोक्रिट लेवल को कम करने में रुची नहीं रखते हैं, तो कम से कम अपने परिवार और अपने स्वास्थ्य की दृष्टि से धूम्रपान न करें।
  6. हेमाटोक्रिट लेवल बढ़ना शायद पूरी तरह से अन्य बीमारियों से संबंधित हो सकता है, जैसे विभिन्न तरह के कैंसर (cancer) और पोटेंशियल ट्यूमर (potential tumor)। ट्यूमर और कैंसर जैसी बीमारियों में – खासकर बोन मेरो में – रक्त कोशिकाओं का अनियंत्रित निर्माण होने लगता है। [४]
    • यदि आपके शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल अधिक है, तो इससे किसी भी नतीजे पर न पहुँचें। प्रभावी तरीके से हेमाटोक्रिट लेवल को कम करने के लिए क्या करना है और ऐसा एकमात्र तरीका क्या है जिससे लेवल कम किया जा सकता है, यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना सही विचार है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

उच्च हेमाटोक्रिट लेवल को पहचानना

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  1. रक्त में RBCs की मात्रा अत्यधिक होने के कारण रक्त का कंसंट्रेशन भी बढ़ जाता है जिसका परिणाम ही यह दोनों लक्षण है। सिरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit levels) के बढ़ जाने का संकेत और कमी पूरी करने की प्रक्रिया के नतीजे हो सकते हैं।
    • अधिक सांद्रता या कंसंट्रेशन वाला रक्त गाढ़ा होता है – इसका अर्थ यह है कि वह इतना गाढ़ा और चिपचिपा होता है कि वह आसानी से प्रवाहित नहीं होता है। इस वजह से, ब्रेन को ऑक्सीजन की आपूर्ति भी थोड़ी कम हो जाती है। ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी का होना बहुत जल्दी गंभीर रूप धारण कर सकती है।
  2. यदि आपको कमज़ोरी या थकावट महसूस होती है, तो अपने डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करें: शरीर में रक्त के गाढ़ा होने के कारण पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में रूकावट आ जाती है, और इसी कारण कमज़ोरी और थकावट होने लगती है। यदि आप 24/7 कमज़ोरी और थकावट महसूस करते हैं, तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करें।
    • थकावट होना न केवल हेमाटोक्रिट लेवल के बढ़ जाने पर हो सकता है बल्कि यह किसी भी बीमारी का संकेत हो सकता है। आपकी थकावट का कारण जानने के लिए अपने डॉक्टर से मिलें। केवल डॉक्टर ही आपको सही सलाह दे सकते हैं।
  3. उच्च हेमाटोक्रिट लेवल वाले लोग अक्सर "टैचीपनिया (tachypnea)" से पीड़ित होते हैं। टैचीपनिया केवल एक मेडिकल टर्म है जो प्रति मिनट में 20 से अधिक बार तेज़ी से साँस लेने की प्रक्रिया को बयान करता है। तेज़ी से साँस लेना ही शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सही तरीके से न होने का संकेत है।
    • केवल इस लक्षण की वजह से आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि आप पाते हैं कि बिना किसी कारण के आपकी साँस तेज हो रही है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
  4. यदि आप पोलीसायथीमिया वेरा (polycythemia vera) नामक बीमारी से पीड़ित है, तो उच्च हेमाटोक्रिट लेवल के कारण आपके शरीर पर खरोंच या चोट आ सकती है। गाढ़ा, चिपचिपा रक्त पूरे शरीर में बल्ड क्लॉटिंग का कारण होता है। इस कारण शरीर पर कहीं पर भी बैंगनी से काले रंग के दाग दिखाई देने लगते हैं। यह निशान कुछ दर्द रहित तो कुछ दर्दनाक होते हैं।
    • घाव का निशान दिखना सामान्य बात है। घाव के निशानों पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता होगी – खासकर तब जब आपके शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल अधिक है – और यदि निशान बिना कारण आपके शरीर पर दिख रहे हैं। यदि आपके शरीर पर अपने आप कोई भी मामूली घाव या चोट दिखाई देते हैं, तो यह हेमाटोक्रिट के कारण होने वाले निशान हो सकते हैं।
  5. त्वचा में अलग ही संवेदना या सेंसेशन (sensations) का अनुभव करें: शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit level) अधिक होने पर आपकी स्किन या त्वचा पर कई ऐसे सेंसेशन का आप अनुभव करेंगे जिसे आप वर्णन नहीं कर सकते हैं। त्वचा के ठीक नीचे रक्त प्रवाह होते रहता है। और जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है, तब आपके शरीर में मौजूद ग्राही कोशिका या सेंस रिसेप्टर (sense receptor) कार्य करने में असमर्थ हो सकते हैं। आप अपनी त्वचा में निम्नलिखित संवेदना का अनुभव कर सकते हैं:
    • खुजली (itching) । उच्च हेमाटोक्रिट लेवल के कारण रिएक्शन के तौर पर शरीर द्वारा हिस्टामिन नाम का एक केमिकल स्त्रावित (secrete) होता है, और इसी कारण आपको खुजली होने लगती है। सूजन और एलर्जी के रूप में केमिकल पदार्थ हिस्टामिन बाहर निकलता है। आम तौर पर खुजली शरीर के बाहरी भाग जैसे हाथों और पैरो में होती है।
    • सुन्नता (Paresthesia) । यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हाथों और पैरो के तलवों में झुनझुनी (tingling), चुभन (prickling), या जलन (burning) का अनुभव होता है। और इसका प्राथमिक कारण है रक्त संचरण ठीक से न होना। उच्च हेमाटोक्रिट लेवल के कारण ब्लड प्लाज़्मा में RBC’s की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त गाढ़ा बन जाता है। सामान्यतः मधुमेह या डायबिटिक (diabetic) के मरीज इस कंडीशन का अनुभव करते हैं क्योंकि उनमें रक्त संचरण सुचारू नहीं होता है।

सलाह

  • यहाँ मुख्य बात यह है कि जितना अधिक ऑक्सीजन आपके शरीर में प्रवाहित होगा, आपका हेमाटोक्रिट लेवल नॉर्मल रहने की संभावना उतनी ही अधिक रहेगी।
  • हेमाटोक्रिट लेवल को एरिथ्रोसाइट वॉल्यूम फ्रैक्शन (EVF - erythrocyte volume fraction) या पैक्ड सेल वॉल्यूम (PCV - packed cell volume) के नाम से भी जाना जाता है।
  • यदि आप लंबे समय से फेफड़ों या हृदय से संबंधित बीमारी से पीड़ित है या आपको स्लीप एपनीया (sleep apnea) की परेशानी है, तो अपने डॉक्टर से अपनी कंडीशन के बारे में बात करें ताकि इससे आपके शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल पर कोई फर्क न पड़ें।

चेतावनी

  • कॉर्बन मोनोऑक्साइड (carbon monoxide) के संपर्क में लंबे समय तक आने से बचे, क्योंकि इससे हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit levels) बढ़ सकता है।
  • टेस्टोस्टेरोन थेरेपी (testosterone therapy) शुरू करने पर रिएक्शन के तौर पर आपके शरीर में हेमाटोक्रिट लेवल (hematocrit levels) बढ़ सकता है। हाल-फिलहाल में यदि आपने यह थेरेपी की शुरूआत की है, तो अपने डॉक्टर से वैकल्पिक उपायों के बारे में बात करें। [५]

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रेफरेन्स

  1. http://www.rnceus.com/cbc/cbchct.html
  2. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/3243695
  3. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/16011614
  4. http://www.medicinenet.com/hematocrit/related-conditions/index.htm
  5. http://www.medscape.com/viewarticle/773465
  6. Harmening, D (2012). Modern Blood Banking and Transfusion Practices
  7. Oram, A. (2014). The Information Technology Fix for health
  8. Harr, R. (2012). Medical Laboratory Science Review
  9. Polansky, V. (2002). Medical Laboratory Technology: Pearls of Wisdom

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