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दूसरी संस्कृति के लोगों से अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिए उनके साथ मौखिक रूप से या अशाब्दिक रूप से बातचीत करना सीखना बहुत जरुरी होता है | आप उनके कल्चर्स के बारे में सीखकर और सहनशक्ति की प्रैक्टिस करके चीज़ों को काफी आसान बना सकते हैं | असरदार तरीके से कम्यूनिकेट करने की कला में माहिर होने पर आप दूसरे कल्चर्स के लोगों से भी सीख भी सकते हैं और उनके साथ अपना कल्चर भी शेयर कर सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने रवैये में लचीलापन लायें

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  1. [१] थोड़े ज्ञान से भी लम्बे समय तक काम चल सकता है | अगर दूसरे कल्चर के किसी व्यक्ति के साथ मीटिंग या ट्रिप पर जाने से पहले आपके पास थोडा समय हो तो उस कल्चर के बेसिक “करने योग्य और न करने योग्य” बेसिक्स के बारे में सीखें | आपको इसकी इनफार्मेशन, नेशनल सेण्टर फॉर कल्चर्स कॉम्पीटेंस द्वारा दी गयी जानकारी जैसे सोर्सेज में इन्टरनेट पर आसानी से मिल जाएगी | [२]
  2. अलग-अलग कल्चर्स में भिन्न-भिन्न वॉल्यूम पर बोला जायेगा, इमोशन में डायरेक्ट कम या ज्यादा वॉल्यूम सुनने मिलेगा, आप “छोटी बातचीत” में शामिल होने या न होने की उम्मीद कर सकते हैं और बातचीत में दूसरी असमानताओं से बाहर रह सकते हैं | [३] जब दूसरे कल्चर्स के लोगों से कम्युनिकेशन किया जाता है तो कुछ असमानताओं से सामना करने के लिए भी तैयार रहें जिसमे वे संवाद भी शामिल है जिनके बारे में आपको कुछ पता न हो |
  3. जब अलग-अलग कल्चर्सलोगों के साथ बातचीत की जाती है तो वहां सामाजिक पदानुक्रम के बारे में ऐसे बिना लिखे नियम हो सकते हैं जिनकी आपको आदत न हो | [४] [५] उदाहरण के लिए, आप किसी ऐसे कल्चर से हो सकते हैं जिसमे पुरुष और महिलाएं एक-दूसरे से एकसमान रूप से बातचीत कर सकते हैं लेकिन आपको किसी ऐसे कल्चर के व्यक्ति से बात भी करनी पड़ सकती है जिसमे मिली-जुली कंपनी (महिला और पुरुष) में पुरुष ही ज्यादा बात करते हैं | इसी तरह से, आप किसी ऐसे व्यक्ति से कम्युनिकेशन भी कर सकते हैं जो उम्मीद रखता हो कि उम्र में छोटा व्यक्ति बड़े व्यक्ति को ज्यादा बोलने दे जबकि कुछ कल्चर्स ऐसे भी हैं जहाँ सभी आयु वर्ग के लोग एकसमान रूप से बातचीत करते हैं |
  4. कम्युनिकेशन में आने वाले कठिनाइयों का सामना करें: अगर आप किसी व्यक्ति की बात नहीं समझ सकते या आपको लगता है कि वो आपकी बात नहीं समझ पा रहा तो इसके बारे में कुछ कहें | इस बारे में असभ्य या आक्रामक न बनें बल्कि धैर्य से परेशानी को एक्सप्लेन करें | किसी परेशानी की वजह से कम्युनिकेशन की गरिमा को भंग करने से बेहतर हैं कि उसका सामना करें अन्यथा बेवजह ही बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है |
    • अगर आपको किसी की कही बात का मतलब समझ नहीं आया हो तो कुछ इस तरह से कहें: “मैं निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि मैं आपकी बात समझ पाया हूँ | क्या हम फिर से इस बारे में बात कर सकते हैं?”
    • अगर आपको लगता है कि आपकी बात कोई व्यक्ति समझ नहीं पाया है तो कुछ इस तरह से कहने की कोशिश करें: “चलिए, अब सभी चीज़ों को रिव्यु करते हैं जिससे तय हो सके कि हम सभी को सारी चीज़ें समझ आ रही हैं |” आप उस व्यक्ति से सवाल पूछने के लिए भी कह सकते हैं |
  5. प्रत्येक कल्चर की अपनी कुछ खास प्रभावी वैल्यू, मान्यताएं और पूर्वधारणाएं होती है | दूसरे कल्चर्स के व्यक्ति से बात करते समय ये संकेत उभरकर सामने आ सकते हैं | लेकिन, बेसिक कम्युनिकेशन में इन विभिन्नताओं के आधार पर लोगों का अंदाजा लगाना सही नहीं होता | बल्कि, वो जो भी हैं, उसके लिए उनका सम्मान करें और उन्हें बर्दाश्त करें | [६] बल्कि इस तरह से आप कुछ नया भी सीख सकते हैं |
    • अगर सांस्कृतिक विभिन्नताएं बातचीत में स्पष्ट रूप से दिखाई दें तो भी सहनशील और खुले दिमाग वाले बने रहें | उदाहरण के लिए, अगर आप अमेरिकन हैं और कोई अमेरिकन्स की काम के प्रति लगन को लेकर कमेंट करे तो उससे कुछ ऐसा कहें: “जी हाँ, यह सच है कि कई अमेरिकंस अपने काम को गंभीरता से लेते हैं और इसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं | क्यों न आप भी मुझे विस्तार से बताएं कि आपके कल्चर में काम के बारे में क्या सोचा जाता है?”
    एक्सपर्ट टिप

    Maureen Taylor

    पब्लिक स्पीकिंग एक्सपर्ट
    मॉरीन टेलर सैन फ्रांसिस्को के बेरिया में स्थित एक कॉरपोरेट कम्युनिकेशन कंपनी SNP की संस्थापक और सीईओ हैं। वह 25 से भी अधिक वर्षों से अपने भाषणों और विचारों से, सभी क्षेत्रों में शामिल लीडर्स, इन्नोवेटर्स और संस्थापकों की मदद कर रही हैं।
    Maureen Taylor
    पब्लिक स्पीकिंग एक्सपर्ट

    "याद रखें: अविष्कार, क्रिएटिविटी और बुद्धिमत्ता उम्र से परे, किसी संस्कृति से मुक्त, रंगहीन और जेंडर-फ्री होते हैं"

  6. दूसरे कल्चर्स के लोगों से बातचीत करना काफी शिक्षाप्रद और फलदायक हो सकता है लेकिन इसमें परेशानियाँ भी झेलनी पड़ सकती हैं | ऐसी उम्मीद बनाकर रखें कि सभी चीज़ें एकदम सही नहीं होंगी या पूरी तरह से समझने योग्य नहीं होंगी | दूसरो के साथ धीरज बनाये रखें और उनसे भी अपने प्रति धीरज रखने को कहें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

मौखिक वार्तालाप करें

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  1. अगर जरूरत हो तो धीमे स्वर में और स्पष्ट रूप से बोलें: अनावश्यक रूप से चिल्लाने या लोगों के न समझ पाने पर उन्हें गलत तरह से ट्रीट करने से बचें | [७] अपनी आवाज़ ऊंची करने से आपकी बात ज्यादा आसानी से समझ नहीं आ पाएगी और आप असभ्य दिखाई दे सकते हैं | इसी तरह से, भले ही दूसरे कल्चर्स के लोगों से बातचीत करने में परेशानी आये, फिर भी उनके साथ इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसे वे बुद्धिहीन हैं | सांस्कृतिक विभिन्नताओं के कारण कम्युनिकेशन में कठिनाइयाँ आती हैं, किसी की बुद्धिमत्ता के कारण नहीं |
  2. विनम्र रहें और जब तक आपकी किसी के नाम को संबोधित करने की जरूरत न हो (जैसे बिज़नस कांटेक्ट वाला कोई व्यक्ति आपको उसके पहले नाम से संबोधित करने के लिए न कहे), तब तक उसे औपचारिक तौर पर ही संबोधित करें | [८] कम्युनिकेशन किये जाने वाले कल्चर्स के आधार पर, दूसरों को इस तरह से संबोधित करें:
    • पहले और आखिरी नाम से संबोधित करें |
    • केवल आखिरी नाम से संबोधित करें |
    • टाइटल के साथ संबोधित करें, जैसे “श्रीमान” या “सर या महोदय”
    • अगर बातचीत के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा में कोई औपचारिक उच्चारण की जरूरत हो तो उसका इस्तेमाल करें |
  3. अगर आप अलग-अलग भाषाओँ में बोलने वाले लोगों के साथ कम्यूनिकेट करने वाले हों तो पहले ही कुछ बेसिक मुहावरे सीख लें | आपकी सिचुएशन में जरुरी नहीं है या आपको अनुमति भी नहीं मिल सकती कि आप लयबद्ध तरीके से फॉरेन लैंग्वेज में बात करें लेकिन फिर भी आप थोड़ी चीज़ें सीखने की कोशिश कर सकते हैं |
    • बेसिक्स की प्रैक्टिस करें जैसे: “नमस्ते,” “कृपया,” “धन्यवाद,” “आप कैसे हैं ?,” इत्यादि |
    • कोई ऐसी मुहावरों की किताब या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अपने साथ रखें जो जरूरत पड़ने पर मुहावरे खोजने या जिन मुहावरों का मतलब पता न हो, उनका मतलब खोजने में आपकी मदद कर सके |
    • जब दूसरे आपकी भाषा बोलने की कोशिश कर रहे हों तो धीरज रखें |
  4. अगर आप भाषाई अल्पसंख्यक में से एक हैं तो डोमिनेंट लैंग्वेज का इस्तेमाल करने की ही कोशिश करें: अगर आप ऐसे लोगों से बात कर रहे हैं जो कोई अलग भाषा बोलते हैं तो सबसे पहले या जितना हो सके, उनकी भाषा में ही बात करने की कोशिश करें | भले ही आप “हेलो” और “आप कैसे हैं?” से ज्यादा उनकी भाषा में और कुछ न बोल पायें, फिर भी आपका जेस्चर आमतौर पर सराहा ही जायेगा |
  5. जब तक आपको पूरी तरह से यह पता न हो कि इन्हें दूसरे कल्चर्स में किस तरह से इन्हें इस्तेमाल करना है, तब तक इनसे बचना बहुत जरुरी होता है | नॉन-स्टैण्डर्ड या अश्लील भाषा का गलत तरीके से इस्तेमाल करने से आपकी बात लोगों को समझ नहीं आयेगी बल्कि हो सकता है कि इसे आपत्तिजनक रूप से देखा जाए | चूँकि कठबोली (slang) और गालियाँ बहुत ही जटिल होती है नूर ये इनके कंटेंट पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है इसलिए बेहतर यही है कि जब तक आप इनके बिलकुल सही इस्तेमाल में माहिर न हो जाएँ, इन्हें बोलने से बचें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

अशाब्दिक कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करें

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  1. कुछ कल्चर्स में, तर्जनी अंगुली से पॉइंट करना,“ok” का संकेत देता है जबकि दूसरे कॉमन जेस्चर को आपत्तिजनक रूप में देखा जा सकता है | [९] जब तक आप ये न जान जाएँ कि इस तरह से कौन सा जेस्चर गलत रूप से देखा जा सकता है, “खुले हाथ वाले” जेस्चर में ही बने रहें | [१०] उदाहरण के लिए, अगर आपको किसी एक चीज़ पर पॉइंट करने की जरूरत हो तो अपने पूरे हाथ का इस्तेमाल करने की कोशिश करें |
  2. [११] अपने पैरों को जमीन पर रखें, सीधे बैठें, अपनी भुजाओं को बहुत ज्यादा अभिव्यक्ति के साथ इस्तेमाल न करें अन्यथा आपको पोस्चर थोडा ज्यादा या कम परम्परागत या रुढ़िवादी लग सकता है | उदाहरण के लिए, कुछ कल्चर्स में अपने पैरों को दिखाना एक अशिष्ट संकेत के रूप में देखा जाता है इसलिए आपको इस तरह से पैरों को क्रॉस करके नहीं बैठना चाहिए जिसमे जूतों की तली या सोल दिखाई दे | [१२]
    • अगर यह स्पष्ट हो गया हो कि कम फॉर्मल पोस्चर रखना ही मानी है तो आप इसे फॉलो कर सकते हैं |
  3. कुछ कल्चर्स में दूसरों के मुकाबले लोगों से बातचीत करते समय ज्यादा फिजिकल कांटेक्ट रखने की उम्मीद की जाती है | उदाहरण के लिए, कुछ कल्चर्स में हाथों को दूसरे कल्चर्स की तुलना में ज्यादा जोश के साथ हिलाया या टच किया जाता है | [१३]
    • अगर बातचीत करते समय दूसरे कल्चर्स आपके कल्चर की तुलना में बहुत ज्यादा या कम फिजिकल रहते हों तो इसे आपत्तिजनक रूप से न देखें | लेकिन अगर आपको लगता है कि आप हिंसा या दुर्व्यवहार झेल रहे हैं तो यह एक अपवाद माना जायेगा | अगर आप कम्फ़र्टेबल हैं तो यह दूसरों को बताएं |
    • दूसरे कल्चर्स के लोगों से बातचीत करते समय उनके सम्पर्क में आते समय रुढ़िवादी बने रहना सबसे अच्छा होता है | लेकिन, अगर वे ज्यादा फिजिकल कांटेक्ट रखते हुए नजर आयें और आप उसमे कम्फ़र्टेबल हों तो उसे फॉलो करें |
  4. जानें कि किस तरह से आँखों का सम्पर्क बनाना है या उससे बचना है: कुछ कल्चर्स में बोलते समय किसी दूसरे व्यक्ति की आँखों में देखना, ईमानदारी और उसमे रूचि लेने का संकेत होता है | लेकिन कुछ दूसरे कल्चर्स में इसे अनादर, टकराव की स्थिति पैदा करने या सेक्सुअल इंटरेस्ट की निशानी के रूप में देखा जा सकता है | इसके विपरीत, कुछ कल्चर्स का मानना है कि अपने से बड़े लोगों से बात करते समय उनकी आँखों में न देखना उन्हें सम्मान देने का संकेत होता है | [१४]
  5. अलग-अलग तरह के फेशियल एक्सप्रेशन मिलने की उम्मीद रखें: [१५] अलग-अलग कल्चर्स में भिन्न-भिन्न तरीके से फेशियल एक्सप्रेशन का इस्तेमाल किया जाना बहुत कॉमन होता है | उदाहरण के लिए, अमेरिकन ज्यादातर स्माइल करते रहते हैं जबकि दूसरे कल्चर्स में बहुत ज्यादा स्माइल करने का मतलब छिछलापन या गंभीरता न होने की निशानी माना जा सकता है | दूसरे कल्चर्स के लोगों से बात करते समय, आप नोटिस कर सकते हैं कि वे अपने चेहरे से कई एक्सप्रेशन बयान करते हैं (ख़ुशी, उदासी, गुस्सा आदि दिखाने के लिए) जिसकी आपको आदत नहीं होती या आप ये भी नोटिस कर सकते हैं कि वे बहुत ज्यादा एक्सप्रेशन देते ही नहीं हैं |
    • चाहे कोई भी कल्चर हो, ज्यादातर कम्युनिकेशन अशाब्दिक होता है | लेकिन, आप कही गयी बात के कंटेंट पर फोकस कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बात को स्पष्ट करने के लिए सवाल भी पूछ सकते हैं | उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति आपकी कही गयी बात पर अनचाही स्माइल या हंसी के साथ रियेक्ट करता है तो आपको कहना पड़ सकता है, “सच में, मैं इस बात को लेकर सीरियस हूँ |”
  6. परिस्थिति की जरूरत के अनुसार पर्सनल स्पेस की मात्रा का सम्मान करें: कुछ कल्चर्स में दूसरो के मुकाबले ज्यादा पर्सनल स्पेस की जरूरत हो सकती है | अगर आप दूसरे कल्चर्स के लोगों से बातचीत कर रहे हैं और आपको लगता है कि जैसा अमूमन होता है, उसकी अपेक्षा लोग आपके ज्यादा नजदीक आ गये हैं या आपसे दूर चले गये हैं तो जरुरी नहीं है की इस केस में वे आपके स्पेस को कब्ज़ा कर रहे हैं या आपको अनदेखा करने की कोशिश कर रहे हैं | पर्सनल स्पेस के अनुसार उनके संकेतों को फॉलो करने की कोशिश करें और जितना बेहतर तरीके आप बातचीत कर सकते हैं, करें |

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