आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

कभी-कभी लोग अपनी बेवकूफी से हमारी नाक में दम कर देते हैं। फिर चाहे हमारे साथ ऐसा उनके अजीब बर्ताव की वजह से हो रहा हो या फिर उन्हें उनके किए किसी काम में मौजूद गलती को समझ नहीं पाने की वजह से हो रहा हो, लेकिन ऐसे बिना सोचे-समझे बर्ताव करने वाले लोगों के साथ में समय बिता पाना बहुत बहुत मुश्किल काम हो सकता है। अच्छी बात ये है कि आप ऐसे बेवकूफ लोगों के साथ में निपटना आसान बनाने के लिए, अपनी सोचने के तरीके को बदलकर देख सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपने नजरिए को बदलना (Adjusting Your Perspective)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. ये थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये है बहुत जरूरी। आपके द्वारा दुनिया में मौजूद लोगों की बेवकूफी को लेकर लगातार परेशान महसूस करने के पीछे की एक वजह ये भी हो सकती है कि आपने शायद लोगों से कुछ अवास्तविक उम्मीदें लगा रखी हैं, जिन्हें हर कोई पूरा नहीं कर सकता। अलग-अलग लोगों का बैकग्राउंड अलग-अलग हो सकता है, उनकी ज़िंदगी की अलग राय और अलग नजरिया हो सकता है। खुद को ये याद दिलाएँ कि कोई "एवरेज" इंसान आपके द्वारा बनाई हुई बड़ी-बड़ी उम्मीदों को, जैसे कि किसी इंसान को कैसे बर्ताव करना चाहिए, इन्हें पूरा नहीं कर सकता है और उनके लिए आप को ही अपने स्टैंडर्ड को नीचे लेकर आना होगा।
    • अगर आप लोगों से तेज दिमाग वाले, रिस्पेक्टफुल इंसान होने की उम्मीद नहीं रखते हैं, तो आप उनके द्वारा आपकी उम्मीदों को पूरा नहीं वाले बर्ताव करने के मौकों को लेकर निराश होने की बजाय-- उनके द्वारा आपकी उम्मीदों को पूरा करने वाले काम को करता हुआ देखकर सरप्राइज़ होंगे।
  2. किसी भी परिस्थिति को उनके नजरिए से देखने की कोशिश करें: जो इंसान अपने रवैये से आपको परेशान कर रहा है, उसके प्रति अपनी अप्रोच को बदलने का एक और तरीका ये है, कि आप उस परिस्थिति को उसी इंसान के नजरिए से देखना शुरू कर दें। बेशक, आप ऐसा जरूर सोच सकते हैं कि किसी चीज को देखने का केवल एक ही तरीका मौजूद है या फिर आपको अपने वेजिटेरियन होने के फैसले को एकदम सही साबित करना है, लेकिन इससे पहले कि आप कुछ भी बोलने के लिए आगे बढ़ें, पहले ये सुनिश्चित करें कि आपके पास दूसरी तरफ के तर्क की एक उचित समझ है, और यह देखने की कोशिश करें कि वास्तव में उस कहानी का एक दूसरा पक्ष भी हो सकता है।
    • साथ ही, वो इंसान किस परिस्थिति से आ रहा है, ये देख पाना आपको दुनिया के प्रति उस इंसान के नजरिए को समझ पाने में मदद कर सकता है -- वो अगर किसी एक बहुत संकीर्ण सोच वाले एरिया से बढ़ा है, जबकि आप दिल्ली में पले-बढ़े हैं, तो बेशक सभी मुद्दों पर आप दोनों की राय एक-दूसरे नहीं मिल पाएगी।
  3. इस बात को समझें कि समझें कि हर किसी के जेनेटिक्स (आनुवंशिकी) या एनवायरनमेंट के समान फायदे नहीं मिलते हैं: जेनेटिक्स और अपोर्चुनिटी, ये दोनों ही किसी इंसान के "स्मार्ट" होने को पूरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। कुछ लोगों के दूसरों से ज्यादा स्मार्ट नजर आने के पीछे की एक वजह ये हो सकती है, कि वो लोग शायद एक हार्ड वर्किंग एनवायरनमेंट से आए हैं, उन्हें स्कूल में अच्छी ग्रेड्स मिली हैं और उन्होने चीजों को एकदम शुरुआत से शुरू किया है और/या फिर शायद उन पर अपनी फैमिली की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी आ गई थी, कॉलेज में एक पार्ट-टाइम जॉब किया करते थे या फिर उनके ऊपर ऐसी कोई ज़िम्मेदारी थी, जिसने उन्हें खुद को स्मार्ट बनाने के रास्ते पर जाने से रोक रखा था। वहीं दूसरी तरफ हम ऐसे कई लोगों से मिलते हैं, जो ज्यादा स्मार्ट बर्ताव करते नहीं पाते हैं, उन्हें चीजों को फौरन से समझने में दिक्कत होती है, फिर जब वो बच्चे थे, तब उन्होने पढ़ाई में शायद कोई अच्छा काम न किया हो या स्कूल में उन्हें कभी भी अच्छे मार्क्स न मिले हों। जब एक स्टुपिड इंसान आपको परेशान करता है, तब अपने आप से बस इतना पूछें कि अगर उसे भी आप ही की तरह बेस्ट अपोर्चुनिटीज मिली होती -- तो उम्मीद तो यही है, कि शायद ऐसा मामला नहीं होता, वो भी आप ही की तरह इंटेलिजेंट होता। अगर उसने किया होता, तो उसे शायद एक नॉन-स्मार्ट पर्सन नहीं समझा जाता।
    • इंटेलिजेंस को फैमिली या रईसी या प्यार के द्वारा तय नहीं किया जाता है। हालांकि, किसी इंसान में स्किल्स और नॉलेज का आना, उसकी अपनी ज़िंदगी के अनुभवों और मौकों पर निर्भर करता है।
    • हर एक इंसान को उसकी स्थिति के अनुसार समझना आपको होने वाली परेशानी को कम कर सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि आप हर वक़्त खुद से ये पूछना बंद कर देंगे, कि आखिर ये इंसान भी आप की ही तरह बर्ताव क्यों नहीं कर रहा है।
  4. किसी मछ्ली को उसकी पेड़ कूदने की क्षमता से मत आँकें: एक बार अल्बर्ट आइन्स्टाइन ने कहा था, “हर एक इंसान ज्ञानी होता है। लेकिन अगर आप एक मछ्ली को उसके पेड़ पर कूदने की काबिलियत के हिसाब से जज करेंगे, तो वो अपनी सारी ज़िंदगी बस खुद को स्टुपिड मानते हुए बिता देगी।” इसका सीधा मतलब ये है कि आपको इस असलियत के बारे में सोचना चाहिए कि आप जिस इंसान से बात कर रहे हैं, वो सच में बेवकूफ नहीं है, हो सकता है कि आप उससे जिन एक या दो चीजों के ऊपर स्मार्ट होने की उम्मीद रखते हैं, वो शायद केवल उन्हीं एक या दो चीजों में थोड़ा सा बेवकूफ हो। हो सकता है कि आपकी मैथ क्लास में आपके सामने बैठा स्टूडेंट, जो शायद दो अंकों को जोड़ भी नहीं सकता है, वो एक अच्छा कवि हो सकता है; वो इंसान जो आपके कॉफी के ऑर्डर को भी सही नहीं ले पा रहा है, वो शायद एक अच्छा म्यूजीशियन हो सकता है। ऐसा सोचना छोड़ दें कि इंसान या तो स्मार्ट हो सकता है या फिर बेवकूफ और फिर आप खुद ही लोगों को आपकी उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हुए देखना शुरू कर देंगे। [१]
    • इसके बारे में सोचें: अगर कोई इंसान किसी एक संबंध में स्मार्ट या बुद्धू होते, तो फिर ऐसे लोग न होते, जो आपको स्मार्ट कहते। और ये सच नहीं हो सकता, क्या ऐसा हो सकता है?
  5. इस बात को समझ लें कि आप शायद उनके मन को नहीं बदल पाएंगे: ये एक और जरूरी बात है, जिसे आपको ऐसे लोगों से मिलने जाने से पहले याद रखना होती है, जिनके साथ में आपकी असहमति होती है, खासकर अगर वो क्लोज-माइंडेड हों। आप ऐसा सोच सकते हैं कि सही वजह या सच ही जीतेगा और आपकी ओर से तर्क रखने के बाद, वो इंसान ये बोलते हुए वहाँ से चल देगा कि "अरे वाह, मेंने तो कभी इस तरह से सोचा ही नहीं था..." हालांकि, ऐसा हमेशा नहीं होने वाला और इसे लेकर आप परेशान भी हो सकते हैं।
    • अगर आपको ऐसा ही महसूस होता है, फिर भले आपके पास में सही और उचित तर्क ही क्यों न हों, आप उस इंसान को आपके नजरिए के ऊपर आसानी से सहमत नहीं करा पाएंगे, और फिर आप कोशिश करना छोड़ देंगे। और अगर आप सामने वाले इंसान को आपके नजरिए को दिखाना बंद कर देंगे, तो आपके उनसे परेशान होने की उम्मीद भी कम हो जाएगी।
    • याद रखें कि आपका मकसद किसी क्लोज-माइंडेड इंसान को आपके साथ में सहमत करने का नहीं है; आपका मकसद तो उसके साथ में सामना करते वक़्त खुद को शांत रखने का और समझदार बने रहने का है।
  6. नॉलेज एक पावर है। खासकर कि उस वक़्त, जब आप किसी ऐसे इंसान के साथ में निपट रहे हैं, जिसमें नॉलेज नाम की कमी है। अगर आप आपकी पूरी क्षमता के साथ में बेवकूफ लोगों का सामना करना चाहते हैं, तो आपको आपके तथ्यों को मजबूत करना होगा। जितना हो सके उतना ज्यादा पढ़ें, जानकारी वाले पॉडकास्ट (informative podcasts) सुनें, न्यूज़ देखें और पढ़ें, किसी भी मुद्दे के ऊपर बहस छेड़ने से पहले, उसके ऊपर आपकी मजबूत पकड़ होने की पुष्टि कर लें। आपको जितने ज्यादा फैक्ट्स, स्टेटिस्टिक्स और बोलने के लिए पॉइंट्स मालूम होंगे, आपके लिए बेवकूफ लोगों को शांत कर पाना उतना ही आसान रहेगा।
    • हालांकि, किसी बेवकूफ इंसान के साथ में बात करने वक़्त, जरूरी नहीं कि आपका लक्ष्य आपको सही साबित करने का ही हो (इससे क्या हासिल होगा?), वो जितना ज्यादा ये देखेगा कि आपने रिसर्च की है, उसके आप से बात करने की संभावना भी उतनी ही कम हो जाएगी।
विधि 2
विधि 2 का 3:

मौके पर स्मार्ट बनना (Being Smart in the Moment)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. विवादास्पद या कान्ट्रवर्शल टॉपिक्स से बचकर रहें: अगर आप किसी मौके पर बेवकूफ लोगों से निपटना चाहते हैं, तो फिर आपको उन्हें आहत कर सकने वाली, उन्हें नाराज करने वाली या फिर उनके अंदर किसी भी तरह से बस आपको गलत साबित करने की होड़ लगाने के लिए उकसाने वाली चीजों से बचकर रहना होगा। अगर आपको मालूम है कि ये इंसान थोड़ा स्टुपिड टाइप का है और उसके विचार भी स्टुपिड हैं, तो फिर उसके साथ में किसी ऐसे गंभीर मुद्दे के ऊपर चर्चा करने का क्या मतलब -- जो शायद आपके लिए बहुत मायने रखता है। अगर आपको रेगुलर बेसिस से उस इंसान से मिलना होता है, तो बस मीठी-मीठी बातें ("हाय, आप कैसे हैं?") तक ही सीमित रहें और जहां तक हो सके, ज्यादा बहस छिड़ने वाले मुद्दों पर न जाएँ।
    • भले ही आपको मालूम है, कि किसी कान्ट्रवर्शल टॉपिक के ऊपर इस इंसान के विचार स्टुपिड हैं और फिर भी आप "उसे मुद्दे के ऊपर बात करने के लिए लाना चाहते हैं", तो अपनी इस इच्छा को अवॉइड कर दें। इसका कोई मतलब नहीं निकलेगा -- ये न तो आपके लिए और न आपके ब्लड प्रैशर के लिए ठीक होगा।
  2. अगर कोई इंसान बेहद मूर्खतापूर्ण तरीके से बर्ताव कर रहा है, तो संभावना तो यही है कि आपके मन में भी उसके साथ में अच्छा बर्ताव करने का खयाल आया होगा। यही कारण है कि आपको जितना ज्यादा हो सके, उतना ज्यादा अच्छा बर्ताव करना चाहिए। अगर आप अपनी तरफ से अच्छा बर्ताव करेंगे, तो मुमकिन है कि आपका ऐसा बर्ताव उसे आपके काबू में कर लेगा और शायद उसे कंफ्यूज कर देगा, जिससे उसके पास में केवल आपके पास में वापस अच्छा बर्ताव करने और उतना बेवकूफी भरा बर्ताव करने से रोकने के अलावा और ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं रह जाएगा। यदि आप असभ्य, कृपालु, या यहां तक ​​कि मतलबी रहते हैं, तो इससे मुमकिन है कि वो इंसान बेवकूफी भरा बर्ताव करता ही रहेगा। बस अपने दांतों को पीसें और अच्छे बने रहें, फिर चाहे इससे आपको कितना भी ठेस क्यों न पहुंचे और वो बेवकूफ इंसान खुद ही आपको कम परेशान करना शुरू कर देगा।
    • इस बात को याद रखें कि सभ्य और दयालु रहना, मतलबी और बेरुखा बनने से तो आसान ही होता है। मतलबी बनना आपकी आत्मा और स्ट्रेस लेवल के लिए बुरा होता है और आप अपनी तरफ से अच्छा बनने की पूरी कोशिश करके, आपके अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा कर रहे हैं।
  3. ये कान्ट्रवर्शल टॉपिक्स से दूर रहने से जुड़ा होता है। अगर वो बेवकूफ इंसान कान्ट्रवर्शल टॉपिक्स को उठाता है और किसी मामले में उसकी विशेष मूर्खतापूर्ण राय देता है, तो ऐसे में उस इंसान को गलत साबित करने की अपनी इच्छा का विरोध करें। आप शांत रहें और अपनी तरफ से आपके पूरे असहमत होने के बारे में बताए बिना ऐसा कुछ कहें, "आप अपनी राय के हकदार हैं," या "ये कितनी रोचक बात है।" फिर, खुद को वहाँ से दूर लेकर जाने के लिए टॉपिक बदल लें।
    • किसी मूर्ख इंसान के साथ में बहस में पड़ने का बेशक कोई मतलब नहीं है, फिर भले इससे आपको कुछ देर की राहत ही क्यों न मिल रही हो।
  4. स्टुपिड लोगों को दूसरे लोगों को परेशान या नाराज करना बहुत अच्छी तरह से आता है। लेकिन अभी के लिए, आप उस स्टुपिड इंसान को आपके साथ में ऐसा करने नहीं दे सकते हैं -- ऐसा करने का कोई मतलब भी नहीं है। अगर आप कन्वर्जेशन में सबसे आगे या प्रमुख बनना चाहते हैं, तो आपको अपना आपा नहीं खोना है; अपनी भावनाओं को काबू में रखना भी स्मार्ट बनना होता है। क्योंकि आप अपनी भावनाओं के ऊपर काबू नहीं रख पाए, इस वजह से आपको खुद को सबके सामने स्टुपिड नहीं दिखाना है।
    • धैर्य रखें: बेवकूफ इंसान को कुछ समझ पाने में कुछ वक़्त लग सकता है। तुरंत ही नाराज या परेशान मत हो जाएँ -- उस इंसान को एक मौका दें।
    • अगर आप खुद को उस इंसान के द्वारा बोली जाने वाली किसी बात की वजह से दुखी होता हुआ पाते हैं, तो बस अपने मन में तब तक, ये इंसान स्टुपिड है, ये इंसान स्टुपिड है, ये इंसान स्टुपिड है बोलते रहें जब तक आप खुद को उस इंसान के द्वारा बोली जा रही बातों की परवाह करना छोड़ते नहीं पाते हैं।
    • अगर आप खुद को नाराज होता हुआ देखते हैं, तो पचास (50) से उल्टी गिनती शुरू कर दें, अपनी साँसों की गिनती करें या फिर वॉक पर जाने के लिए वहाँ से निकल जाएँ -- अगर आपको फिर से उस इंसान के सामने जाना ही पड़ता है, तो उस इंसान का वापस सामना करने से पहले खुद को जितना हो सके उतना ज्यादा शांत करने के लिए -- जो हो सके, वो करें।
    • उस मूर्ख इंसान को इस बात का अहसास करके संतुष्ट मत होने दें कि उसके पास में आपको काबू करने की ताकत है। अगर उसे आपके ऊपर उसका ऐसा मजबूत असर नजर आएगा, तो वो खुद को एक ज्यादा स्मार्ट इंसान समझने लग जाएगा।
  5. उनसे सच्चाई के साथ में उनके तर्कों को स्पष्ट करने का कहें: अगर आप सच में बेवकूफ इंसान से परेशान हो चुके हैं, तो आप उससे उसके तर्कों को सपोर्ट में तथ्यों की मांग करके, उसे चुप करा सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि उस इंसान के पास में ऐसे कुछ फालतू के विचार हों, वो जिन्हें सपोर्ट न कर सकता हो। उससे ऐसा करने का कहना अक्सर उसे उसी के विचारों में उलझा देगा और चर्चा को आगे बढ़ने से रोक देगा। यहाँ पर उस इंसान को बोलने से रोकने के लिए की जाने वाली बातें दी हुई हैं:
    • "क्या बात कर रहे हो, सच में? ये तुमने कहाँ पढ़ा?"
    • "क्या तुम पिछले हफ्ते द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपे आर्टिकल को आधार बनाकर अपने इन विचारों को पेश कर रहे हो? क्योंकि ये असल में उससे तो उल्टा ही लग रहा है..."
    • "कितनी रोचक बात है। क्या तुम्हें मालूम है कि कितने प्रतिशत लोग इसी तरह के हैं?"
    • "कितना आकर्षक है कि राजस्थान पर आपकी इतनी मजबूत राय है। आपने वहाँ पर कितना समय बिताया? उसके ऊपर इतनी मजबूत राय बनाने के लिए मुमकिन है कि आपने वहाँ पर काफी वक़्त गुजारा होगा"
  6. अगर आपके सामने और कोई बेहतर विकल्प न हो, तो उन्हें इग्नोर करें: हालांकि लोगों ओ इग्नोर करना जरा बेरुखी और बचपने जैसा लगता है, लेकिन ऐसा कई बार होता है, जब हमारे पास में इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। जैसे अगर आप एक ग्रुप में हैं और बस एक बेवकूफ इंसान की वजह से लोगों के साथ में अपने रिश्ते को नहीं बिगाड़ना चाहते हैं, तो आप ऐसे बर्ताव कर सकते हैं जैसे वो इंसान वहाँ पर है ही नहीं या फिर उसके कमेंट्स पर कोई प्रतिक्रिया ही मत दें। उम्मीद है, अगर उसकी राय सच में स्टुपिड होगी, तो वहाँ मौजूद कोई दूसरा इंसान जरूर इसके बारे में बोलेगा -- या उससे भी बेहतर, सामने वाला इंसान भी उसे इग्नोर करना शुरू कर देगा।
    • अगर वो इंसान आपको किसी स्टुपिड कमेन्ट के साथ में पुकारता है, तो बस एक स्माइल दें और उसके साथ में भिड़ने की बजाय, ऐसा दिखाएँ जैसे उसने आपके लिए कुछ बहुत अच्छी, दिल को छूने वाली बात कह दी हो।
    • भले ही मूर्ख लोगों को इग्नोर कर देना, आपके द्वारा उठाया सबसे बड़ा कदम नहीं होता, लेकिन ये उस इंसान को आप से बात करने से रोके रखने का एक अच्छा तरीका जरूर होता है।
  7. जब भी ऐसा किया जा सकता हो, तब उनसे दूर चले जाना एक सबसे अच्छा विकल्प होता है। बेशक, बशर्ते आप आपकी जॉब बदलने के बारे में न सोच रहे हों, तब तक तो आप आपके मूर्ख बॉस से तो दूर नहीं भाग सकते हैं, लेकिन आप ग्रोसरी स्टोर में आपके ऊपर चिल्लाने वाले मूर्ख इंसान से दूर जरूर जा सकते हैं या जहां पर कोई मूर्ख इंसान आपको परेशान करने की कोशिश कर रहा हो, उस स्थिति को छोड़ जरूर सकते हैं। अगर आप कुछ को नाराज होता हुआ पाते हैं, तो ऐसे में दूर चले जाना, खुद को शांत करने का एक अच्छा तरीका होता है।
    • अगर आपको वो मूर्ख इंसान बात सुनने के लायक लगे, तो बस इतना बोलें, "एक्स्क्यूज मी, मुझे कुछ काम है" या फिर अगर आपकी बात रखने का कोई मतलब ही नहीं है, तो बिना कुछ कहे, वहाँ से निकल जाएँ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

उन्हें आपको परेशान करने से रोकना (Preventing Them from Getting to You)

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. किसी बेहद स्टुपिड बात को पर्सनली नहीं ले पाना सच में बहुत मुश्किल या नामुमकिन काम हो सकता है, खासकर अगर उस इंसान का मकसद ही आपको ठेस पहुंचाने का रहा हो। हालांकि, अगर आप सच में बेवकूफ लोगों से सबसे अच्छे तरीके से निपटना चाहते हैं, तो आप उन्हें आपको इस तरह से परेशान करने नहीं दे सकते हैं और आपको उनके द्वारा बोली हुई बातों को अपने ऊपर लेने से बचना सीखना होगा। अगर आप उसे पर्सनली लेंगे, तो आप उन्हें वो ताकत दे रहे होंगे, जो उनके पास में नहीं होना चाहिए। बस खुद को याद दिलाते रहें कि ये लोग मूर्ख हैं और उनके विचारों से आपको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
    • आपकी खुद की कीमत को ऐसे लोगों के विचारों से नहीं आँका जा सकता, जिसकी इंटेलिजेंस का आप सम्मान तक नहीं करते हैं। बस अब अगली बार आप जब भी ऐसे मूर्ख इंसान की वजह से आप अपने आपको छोटा महसूस करने लगे, तब इसी बात को याद कर लें।
  2. पॉज़िटिव रहने की कोशिश करना और मूर्ख इंसान को शक का फायदा लेने देना, उस इंसान को आपको परेशान करने से रोकने की एक बहुत अच्छी ट्रिक है। बेशक, शायद आपका बॉस बातचीत करने में बहुत अच्छा न हो; लेकिन एक बार सोचकर देखिए, उसने आपके लिए कंपनी में क्या-क्या अच्छा किया है। हो सकता है कि बात जब आपकी पर्सनल इन्फोर्मेशन को सबके सामने लाने की हो, तब आप उसे लेकिन कम्फ़र्टेबल फील नहीं कर पाते हैं, लेकिन आपका बॉस ही वो एक ऐसा इंसान है, जिसने बुरे वक़्त पर भी आपको अच्छा महसूस कराया हो।
    • खुद को ये बात याद दिलाएँ, कि सारे "बेवकूफ" लोग बेकार ही नहीं हुआ करते हैं और उनमें भी कोई न कोई पॉज़िटिव क्वालिटी होती है। अगर आप बेवकूफ लोगों के साथ समझदारी से निपटना चाहते हैं, खासकर अगर उन लोगों का आपके साथ में रोज सामना होता है, जैसे अगर वो और आप एक ही क्लास में हैं या फिर साथ में काम करते हैं, तो आपके लिए इस बात को याद रखना बहुत जरूरी हो जाता है।
  3. बेशक, हो सकता है आपके को-वर्कर ने या रोहन ने ऐसी कोई बहुत स्टुपिड बात बोली हो, जो आप आपके फ्रेंड्स सर्कल में मौजूद आपके करीबी लोगों के साथ में शेयर करना चाह रहे हों। हो सकता है कि आप उस इंसान की बेवकूफी के बारे में पूरी पूरी डिटेल के साथ बताने के लिए उसके बारे में ईमेल या टेक्स्ट भेजना चाह रहे हों। लेकिन इससे क्या अच्छा होगा? बेशक, लोग आपके साथ में सहमत हो जाएंगे और उस इंसान को बेवकूफ भी मान लेंगे, लेकिन आखिर में, ये केवल आपको और भी उखड़ा हुआ, नाराज, परेशान और चिढ़ा हुआ महसूस कराएगा।
    • और उससे भी बदतर, कि ये उस स्टुपिड इंसान को और भी ज्यादा ताकत दे देगा -- अगर आपको मालूम है कि वो इंसान स्टुपिड है और बहुत परेशान करता है, तो ऐसे में आप उसकी बोली हुई बातों के बारे में और ज्यादा सोच-सोचकर परेशान नहीं होंगे, आप होंगे क्या?
    • अगर उस इंसान से सच में आपको ठेस पहुँची है, तो आप इसके बारे में अपने किसी एक क्लोज फ्रेंड के साथ डिस्कस कर सकते हैं, लेकिन इसे आप पर हावी मत होने दें या न ही इसे आपका दिन बर्बाद करने दें।
  4. बहुत ज्यादा बेवकूफी का सामना करते हुए ऐसा कर पाना शायद नामुमकिन जैसा लग सकता है, लेकिन फिर भी ऐसा करना ही ठीक है कि आप उस इंसान के लिए जितना हो सके उतना सम्मानजनक तरीके से पेश आएँ, जो पूरी तरह से बेवकूफ है। अगर आपको करना पड़े, तो उस इंसान को आपके देश के राजा की तरह या आपकी कंपनी के सीईओ की तरह ट्रीट करें। काबिल इंसान को एक इंसान की तरह ट्रीट करना, आपको एक बड़े रास्ते पर ले जाएगा -- और उस इंसान को आगे जाकर आपके सामने सभ्यता से बर्ताव करने के लिए प्रेरित करेगा।
    • अपने पहले इम्पल्स या आवेग का विरोध करें। बेशक, आपने भी उसके लिए एक परफेक्ट जवाब या कोई कमेन्ट देने के बारे में सोचा होगा, लेकिन वो बोलने से पहले एक बार खुद को ये याद दिलाएँ कि उससे आपको कुछ नहीं मिलने वाला है।
  5. आपकी ज़िंदगी में मौजूद हर एक इंसान के लिए आभारी रहें, (और उन लोगों में आप भी शामिल हैं! ): रेगुलर बेसिस पर बेवकूफ लोगों से निपटना आपको, आपकी पहचान में मौजूद सभी शांत, दिमाग वाले और समझदार लोगों के प्रति आभार महसूस कराएगा। अगर आप लगातार मूर्ख लोगों से दुखी रहा करते हैं, तो ऐसा इसलिए क्योंकि शायद आपका एक बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट लोगों का फ्रेंड ग्रुप है या आपके फैमिली मेंबर्स बहुत समझदार हैं और क्योंकि बात जब दूसरे से समझदारी की उम्मीद करने की आती है, तो आप उनसे भी हाइ स्टैंडर्ड्स की उम्मीद रखते हैं।
    • आपके सामने आने वाले बेवकूफ लोगों को लेकर परेशान होने की बजाय, खुद को ये बात याद दिलाएँ कि आपके पास में दूसरे और भी कितने स्मार्ट लोग, बेस्ट फ्रेंड्स, माँ या फ्रेंड्स या कलीग्स का सर्कल मौजूद हैं। ये आपको उन बुद्धू लोगों में आपका दिमाग लगाने की बजाय, आपकी ज़िंदगी में मौजूद पॉज़िटिव लोगों के लिए और भी आभारी बना देगा।

सलाह

  • हमेशा शांत रहें।
  • ऐसे कन्वर्जेशंस में शामिल न हों, जिनमें ये पता लगाया जाता है, कि असल में बेवकूफ इंसान कौन है।
  • अगर जरूरत हो, तो खुद को उस इंसान से दूर कर लें।
  • उनकी आलोचना मत करें और अगर आप करते भी हैं, तो उसे सभ्यता के साथ करें और धैर्य रखें।
  • अगर वो इंसान हमारे लिए जरूरी इंसान है, तो फिर उससे दूर जाने की बजाय, उसके ऐसे बर्ताव के पीछे की वजह के बारे में पता लगाने और उसे समझने की कोशिश करके उसकी मदद करना ज्यादा बेहतर होगा। हमें दूसरे लोगों के बारे में भी ध्यान से सोचना चाहिए, क्योंकि हम भी कभी न कभी कुछ अजीब चीजें कर देते हैं।
  • बेवकूफ लोगों के द्वारा कुछ करने पर उन्हें ऐसा कभी मत बोलें कि उन्होने चीजों को बदतर बना दिया है। ऐसा कहना उस इंसान को केवल और नाराज/परेशान करेगा और स्थिति को और भी बदतर बना देगा। उस इंसान को बदलने का मौका देना, उसे स्मार्ट बनने में मदद करेगा।

चेतावनी

  • मतलबी मत बनें। हो सकता है कि वो इसमें कुछ न कर सकते हों या शायद उन्हें इस बात का अहसास भी न हो कि वो क्या सही कर रहे हैं/और क्या गलत।

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ११,७४५ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?