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किसी आकृति का आयतन उस आकृति द्वारा घेरी गयी त्रि-आयामी विस्तार की मात्रा को कहा जाता है। [१] आयतन को समझने के लिए आप यह भी कल्पना कर सकते हैं कि उस आकृति में कितना पानी (या हवा, या रेत, इत्यादि) आ सकता है। आयतन की सामान्य इकाई घन सेंटीमीटर (cm 3 ), घन मीटर (m 3 ) घन इंच (in 3 ), और घन फीट (ft 3 ) होती है। [२] इस विकीहाउ गाइड में आपको यह सिखाया जाएगा कि कैसे छः अलग-अलग त्रि-आयामी आकृति (three-dimensional shape) के आयतन की गणना की जाए, जैसे घनाकृति, गोलाकृति और शंकु, जो कि गणित की परीक्षा में आमतौर पर पूछा जाता है। आप यह पायेंगे कि कई आयतन के सूत्रों में काफी समानता है इससे इन्हें याद रखना काफी आसान हो जाता है। आइये देखते हैं कि कैसे आयतन की गणना की जाए! (Calculate Volume)

विधि 1
विधि 1 का 6:

घनाकृति के आयतन की गणना करना (Calculating the Volume of a Cube)

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  1. एक घनाकृति (cube) त्रि-आयामी आकृति होती है, जिसके छः सामान वर्गाकार सतहें होती हैं। [३] दूसरे शब्दों में, यह एक बॉक्स के आकार का होता है जिसकी सभी भुजाएँ समान होती हैं।
    • एक 6 सतह वाला पाँसा (डाइस) घनाकृति का सबसे बढ़िया उदाहरण है जिसे आसानी से घर में पाया जा सकता है। शुगर क्यूब्स और बच्चों के लेटर ब्लॉक्स भी आमतौर पर घनाकृति होती है।
  2. चूँकि घनाकृति के सभी भुजाओं की लम्बाई समान होती है, इसके आयतन का सूत्र काफी आसान है। यह V = s 3 है, जहाँ V से आयतन तथा s से भुजा की लम्बाई को दर्शाया जाता है।
    • s प्राप्त करने के लिए s 3 प्राप्त कीजिये, इसे तीन बार इसी संख्या से गुणा कर के प्राप्त कीजिये: s 3 = s * s * s
  3. नियुक्त कार्य के आधार पर, घनाकृति को इस जानकारी द्वारा दर्शाया गया होगा, या फिर रूलर की मदद से आपको भुजा की लम्बाई मापनी होगी। यह याद रखिये, कि यह एक घनाकृति है, इसलिए इसकी सभी भुजाएँ सामान लम्बाई की है तथा आप किसी भी भुजा की लम्बाई माप सकते हैं।
    • यदि आप दी आकृति के प्रति 100% निश्चित नहीं हैं कि यह एक घनाकृति है, तो इसकी हर भुजा की लम्बाई ज्ञात करें तथा पता लगायें कि यह समान है या नहीं। यदि वे समान नहीं हैं, तो आपको नीचे दी गयी विधि के अनुसार आयताकार घन के आयतन को ज्ञात करना होगा।
  4. सूत्र V = s 3 में भुजा की लम्बाई का मान भरें तथा इसकी गणना करें: उदाहरण के लिए, यदि आपको दिए गए घनाकृति की भुजा की लम्बाई 5 इंच है, तो आप इस प्रकार सूत्र लिखें: V = (5 in) 3 . 5 in * 5 in * 5 in = 125 in 3 , जो कि हमारे घनाकृति का आयतन होगा!
  5. ऊपर दिए गए उदाहरण में, हमारे घनाकृति की लम्बाई को इंच में मापा गया है, इसलिए इसका आयतन घन इंच में दर्शाया जाएगा। यदि घनाकृति के भुजा की लम्बाई 3 सेंटीमीटर होती, तो इसका आयतन V = (3 cm) 3 , or V = 27cm 3 होता।
विधि 2
विधि 2 का 6:

आयताकार घन के आयतन की गणना करना (Calculating the Volume of a Rectangular Prism)

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  1. एक आयताकार घन जिसे आयताकार प्रिज्म भी कहा जाता है, छः आयताकार सतहों वाली त्रि-आयामी आकृति होती है। [४] दूसरे शब्दों में, आयताकार घन एक त्रि-आयामी आयताकार बॉक्स होता है।
    • एक घनाकृति एक विशेष आयताकार घन होती है जिसकी सभी भुजाएँ समान होती हैं।
  2. आयताकार घन के आयतन का सूत्र = लम्बाई * चौड़ाई * ऊंचाई या V = lwh [५]
  3. आयताकार घन की लम्बाई उसी सबसे बड़ी भुजा होती है जो कि इसके निचली सतह के समांतर होती है। इसकी लम्बाई आकृति में दर्शायी गई होगी या आपको रूलर या टेप की मदद से इसकी लम्बाई मापनी होगी।
    • उदाहरण: आयताकार घन की लम्बाई 4 इंच है, इसलिए l = 4 इंच।
    • इस बारे में अधिक चिंता न करें कि कौन सी भुजा लम्बाई है तथा कौन सी भुजा चौड़ाई, इत्यादि। जब आपके पास तीन अलग-अलग भुजाओं के माप आ जाएँ, इसका गणित समान ही आएगा चाहे जैसे आपने पदों को लिखा हो।
  4. आयताकार घन की चौड़ाई इसकी छोटी भुजा की लम्बाई है, जो कि इसकी निचली सतह से समांतर होती है जिस पर यह टिका होता है। पुनः आकृति में चौड़ाई को दर्शायी गयी भुजा को देखें, या टेप या रूलर की मदद से इसे नाप लें।
    • उदाहरण: इस आयताकार घन की चौड़ाई 3 इंच है, इसलिए w = 3 इंच।
    • यदि आप आयताकार घन को रूलर या टेप की मदद से माप रहें हैं, तो हर माप को समान इकाई में लेना न भूलें। एक भुजा को इंच तथा दूसरी भुजा को सेंटीमीटर में न लें; हर माप के लिए समान इकाई लें!
  5. यह ऊंचाई आयताकार घन के निचली सतह से ऊपरी सतह के बीच की दूरी होती है। अपनी आकृति में इस जानकारी को ढूंढे, या टेप की मदद से इसे माप लें।
    • उदाहरण: इस आयताकार घन की ऊंचाई 6 इंच है, इसलिए h = 6 इंच।
  6. आयतन के सूत्र में आयताकार घन के परिमाणों को भरें और इसकी गणना करें। ध्यान रखें V = lwh.
    • हमारे उदाहरण में, l = 4, w = 3, तथा h = 6, इसलिए, V = 4 * 3 * 6, या 72.
  7. चूँकि हमारे उदाहरण में, आयताकार घन को इंच में मापा गया था, इसका आयतन 72 घन इंच लिखना होगा, या 72 in 3 लिखना होगा।
    • यदि हमारे आयताकार घन के माप होते: लम्बाई = 2 cm, चौड़ाई = 4 cm और ऊंचाई = 8 cm , इसलिए आयतन होगा 2 cm * 4 cm * 8 cm, या 64cm 3
विधि 3
विधि 3 का 6:

बेलानाकृति के आयतन की गणना (Calculating the Volume of a Cylinder)

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  1. बेलानाकृति एक त्रि-आयामी आकृति होती है जिसके दो समान चपटे छोर होते हैं जो वृत्ताकार होते हैं, तथा एक घुमावदार सतह होती है जो इन्हें जोड़ती है। [६]
    • कैन बेलानाकृति का सबसे बढ़िया उदाहरण है, और इसी तरह AA या AAA बैटरी भी इसका उदाहरण है।
  2. बेलानाकृति के आयतन की गणना के लिए, आपको इसकी ऊंचाई तथा वृत्ताकार आधार की त्रिज्या (वृत्त के केंद्र से इसके छोर तक की दूरी) ज्ञात होना जरुरी है। इसका सूत्र है V = πr 2 h, जहाँ V आयतन है, r वृत्ताकार आधार की त्रिज्या है, h ऊंचाई है, और π स्थिरांक पाई है।
    • कुछ भुमितीय सवालों में उत्तर पाई के रूप में दिया जाता है, लेकिन कई परिस्तिथियों में पाई को 3.14 के रूप में लिखना पर्याप्त है। इसके लिए अपने शिक्षक की प्राथमिकता जानें।
    • बेलानाकृति के आयतन का सूत्र दरअसल आयताकार घनाकृति के आयतन के सूत्र के ही समान है: आप आकृति की ऊंचाई को इसके आधार के क्षेत्रफल से गुणा करते हैं। आयताकार घन में यह क्षेत्रफल l * w है, और बेलानाकृति में यह πr 2 है, जहाँ r वृत्त की त्रिज्या है।
  3. यह आकृति में दी गयी है, इस संख्या का उपयोग करें। यदि त्रिज्या के जगह व्यास दिया गया हो, तो आपको त्रिज्या प्राप्त करने के लिए इसे 2 से विभाजित (d = 2r) करने की जरुरत है।
  4. यदि त्रिज्या न दी गयी हो तो बेलानाकृति का माप लें: इस बात का ध्यान रखें कि वृत्ताकार आकार का सही सही माप लेना थोडा टेढ़ा काम हो सकता है। इसका एक तरीका है कि बेलानाकृति के आधार का रूलर या टेप की मदद से माप लें। बेलानाकृति के चौड़ाई को सही-सही मापने की कोशिश करें तथा इसे 2 से विभाजित कर के त्रिज्या की प्राप्ति करें।
    • दूसरा विकल्प है कि टेप या धागे की मदद से बेलानाकृति की परिधि मापें। फिर सूत्र में इस माप को भरें: C (परिधि) = 2πr. परिधि को 2π (6.28) से विभाजित करें जिससे त्रिज्या की प्राप्ति होगी।
    • उदाहरण के लिए, यदि मापी गयी परिधि 8 इंच है, तो त्रिज्या 1.27 इंच होगी।
    • यदि आपको सही सही माप चाहिए, आप दोनों विधि द्वारा यह निश्चित करें कि दोनों माप समान हैं। यदि वे नहीं हैं तो दोबारा जाँच लें। परिधि विधि द्वारा प्राप्त हुई त्रिज्या ज्यादा सटीक होगी।
  5. सूत्र πr 2 में त्रिज्या का मान भरें। फिर त्रिज्या को उसी से गुणा करें, तथा इस गुणनफल को π से गुणा करें। उदाहरण के लिए:
    • यदि वृत्त की त्रिज्या 4 इंच है, तो इसके आधार का क्षेत्रफल A = π4 2 होगा।
    • 4 2 = 4 * 4, or 16. 16 * π (3.14) = 50.24 in 2
    • यदि त्रिज्या की जगह पर आधार का व्यास दिया गया है, तो ध्यान रखें कि d = 2r, इसलिए आपको त्रिज्या ज्ञात करने के लिए इस व्यास को 2 से विभाजित करने की जरुरत है।
  6. यह दो वृत्ताकार आधार के बीच की दुरी है। अपनी आकृत में दर्शाए गए ऊंचाई के मान को देखें, या टेप की मदद से इस ऊंचाई को ज्ञात करें।
  7. बेलानाकृति की ऊंचाई को आधार से गुणा कर के आयतन ज्ञात करें: या फिर आप एक चरण को कम करते हुए सीधे सूत्र V = πr 2 h में बेलानाकृति के परिमाण को भर सकते हैं। हमारे उदाहरण में, बेलानाकृति की ऊंचाई 10 इंच तथा त्रिज्या 4 इंच है:
    • V = π4 2 10
    • π4 2 = 50.24
    • 50.24 * 10 = 502.4
    • V = 502.4
  8. हमारे उदाहरण में, बेलानाकृति को इंच में मापा गया है, इसलिए आयतन को घन इंच में दर्शाना होगा: V = 502.4in 3 . यदि हमारी बेलानाकृति को सेंटीमीटर में मापा गया होता तो आयतन को घन सेंटीमीटर में दर्शाया गया होता (cm 3 )।
विधि 4
विधि 4 का 6:

सम पिरामिड (शुण्डाकार आकृति) के आयतन की गणना करना (Calculating the Volume of a Regular Square Pyramid)

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  1. पिरामिड एक त्रि-आयामी आकृति होती है जिसका आधार एक बहुभुज होता है तथा पार्श्व सतहें उपर की तरफ सँकरी होती हुई शीर्ष बिंदु पर मिलती है। [७] सम पिरामिड का आधार एक सम बहुभुज होता है, इसका मतलब है कि बहुभुज की सभी भुजाएँ लम्बाई में समान होती है, तथा इसके सभी कोण माप में समान होते हैं। [८]
    • हम साधारणतया ये सोचते हैं कि पिरामिड का वर्गाकार आधार होता है तथा इसकी भुजाएँ उपर की तरफ सँकरी होती हुई एक बिंदु पर मिलती हैं, लेकिन दरअसल पिरामिड का आधार 5, 6 या 100 भुजाओं का भी हो सकता है!
    • वृत्ताकार आधार वाले पिरामिड को शंकु कहते हैं, जिसकी चर्चा हम अगले चरण में करेंगे।
  2. सम पिरामिड के आयतन का सूत्र V = 1/3bh है, जहाँ b इसके आधार का क्षेत्रफल है तथा h पिरामिड की ऊंचाई या इसके आधार से शीर्ष बिंदु तक की सीधी दुरी है।
    • आयतन का यह सूत्र सीधे पिरामिड, जिसमे शीर्ष बिंदु आधार के केंद्र की सीध में होता है, तथा तिरछा पिरामिड, जिसमे शिर्शबिंदु आधार के केंद्र से सीध में नहीं होता है, दोनों पर लागू होता है।
  3. इसका सूत्र पिरामिड के आधार की भुजाओं की संख्या पर निर्भर करेगा। हमारी आकृति में दिए गए पिरामिड में, आधार वर्ग है जिसकी भुजाओं की लम्बाई 6 इंच है। गौर कीजिये कि वर्ग का क्षेत्रफल A = s 2 है, जहाँ s भुजा की लम्बाई है। इसलिए दिए गए पिरामिड में, आधार का क्षेत्रफल (6 in) 2 , या 36in 2 है।
    • त्रिभुज के क्षेत्रफल का सूत्र है: A = 1/2bh, जहाँ b त्रिभुज का आधार है तथा h इसकी ऊंचाई है।
    • सूत्र A = 1/2pa द्वारा यह संभव है कि हम किसी भी सम पिरामिड का क्षेत्रफल ज्ञात कर सकें, जहाँ A क्षेत्रफल है, p आकृति की परिमिति है, और a अंतःत्रिज्या, या केंद्र से किसी भी भुजा के मध्यबिंदु के बीच की दुरी है। यह गणना इस लेख के प्रयोजन के बाहर है, लेकिन आप बहुभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करें पर इसे समझ सकते हैं। या फिर आप ऑनलाइन नियमित बहुभुज कैलकुलेटर की मदद से इस गणना को आसान कर सकते हैं। [९]
  4. अधिकतर, इसे आकृति में दर्शाया गया होगा। हमारे उदाहरण में, पिरामिड की ऊंचाई 10 इंच है।
  5. पिरामिड के आधार का इसकी ऊंचाई से गुणा करें तथा आयतन ज्ञात करने के लिए 3 से विभाजित करें: ध्यान रखें कि आयतन का सूत्र V = 1/3bh है। हमारे उदाहरण में, पिरामिड का आधार 36 तथा ऊंचाई 10 है, इसलिए आयतन : 36 * 10 * 1/3, या 120 होगा।
    • यदि हमारे पास एक अलग पिरामिड है जिसके पंचभुजीय आधार का क्षेत्रफल 26 है, और ऊंचाई 8 है, तो इसका आयतन : 1/3 * 26 * 8 = 69.33 होगा।
  6. दिए गए पिरामिड के उदाहरण में सभी माप इंच में दिए गए हैं, इसलिए इसका आयतन भी घन इंच में दर्शाना होगा, 120in । यदि हमारे पिरामिड को मीटर में मापा गया होता तो इसका आयतन घन मीटर (m 3 ) में दर्शाया गया होता।
विधि 5
विधि 5 का 6:

शंकु के आयतन की गणना करना (Calculating the Volume of a Cone)

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  1. शंकु एक त्रि-आयामी आकृति होती है, जिसका आधार वृत्ताकार होता है, तथा एक शिर्शबिंदु होता है। दुसरे शब्दों में शंकु एक विशेष पिरामिड होता है जिसका आधार वृत्ताकार होता है। [१०]
    • यदि शंकु का शिर्शबिंदु ठीक इसके आधार के केंद्र की सीध में हो तो ऐसे शंकु को “सम शंकु” कहते हैं। यदि शिर्शबिंदु आधार के केंद्र से सीध में न हो तो ऐसे शंकु को “विषम शंकु” कहते हैं। संयोगवश दोनों ही तरह के शंकुओं के आयतन का सूत्र समान है, चाहे यह सम हो या विषम।
  2. इसका सूत्र है V = 1/3πr 2 h, जहाँ r शंकु के वृत्ताकार आधार की त्रिज्या है, h शंकु की ऊंचाई है, तथा π स्थिरांक पाई है, जिसका मान 3.14 होता है।
    • शंकु के वृत्ताकार आधार के क्षेत्रफल को πr 2 से दर्शाया गया है। इसलिए शंकु के आयतन को 1/3bh रूप में दिखाया गया है, जिस तरह उपर दी गयी विधि में पिरामिड के आयतन को दिखाया गया है!
  3. इसे करने के लिए, आपको आधार की त्रिज्या ज्ञात करनी होगी, जिसे आकृति में दर्शाया गया होगा। इसके अलावा यदि आपको वृत्ताकार आधार का व्यास दिया गया हो तो, इस संख्या को 2 से विभाजित कीजिये, क्योंकि व्यास, त्रिज्या का दुगुना होता है (d = 2r) । फिर इस त्रिज्या के मान को सूत्र A = πr 2 में भरकर क्षेत्रफल ज्ञात करें।
    • आकृति में दिए गए उदाहरण में, वृत्ताकार आधार की त्रिज्या 3 इंच है। जब हम इसे सूत्र में भरेंगे तो हमें A = π3 2 मिलेगा।
    • 3 2 = 3 *3, or 0, इसलिए A = 9π.
    • A = 28.27in 2
  4. यह शंकु के शिर्शबिंदु तथा आधार के बीच की सीधी दुरी होगी। हमारे उदाहरण में, शंकु की ऊंचाई 5 इंच है।
  5. शंकु की ऊंचाई को इसके आधार के क्षेत्रफल से गुणा करें: हमारे उदाहरण में, आधार का क्षेत्रफल 28.27in 2 है तथा ऊंचाई 5in है, इसलिए bh = 28.27 * 5 = 141.35.
  6. अब शंकु का आयतन ज्ञात करने के लिए इस उत्तर को 1/3 से गुणा (या सीधे 3 से विभाजित) करें: उपर दिए गए चरण में, हमने बेलानाकृति का आयतन प्राप्त किया है जो कि तब बनता जब इसकी दीवारें एक दूसरे से न मिलती हुई सीधी होती। इसे 3 से विभाजित करने से हमें शंकु का आयतन मिलेगा।
    • हमारे उदाहरण में, 141.35 * 1/3 = 47.12, शंकु का आयतन होगा।
    • इसे फिर से लिखने पर 1/3π3 2 5 = 47.12
  7. हमारे शंकु को इंच में मापा गया था, इसलिए इसका आयतन इंच में दर्शाया जाएगा: 47.12in 3 .
विधि 6
विधि 6 का 6:

गोलाकृति के आयतन की गणना करना

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  1. 1
    गोलाकृति को पहचानें: गोलाकृति एक त्रि-आयामी पूरी तरह गोल आकृति होती है, जिस पर के सभी बिदु इसके केंद्र से समान दुरी पर होते हैं। दूसरे शब्दों में, गोलाकृति एक गेंद के समान वस्तु होती है। [११]
  2. गोलाकृति के आयतन का सूत्र है V = 4/3πr 3 , जहाँ r गोलाकृति की त्रिज्या है तथा π एक स्थिरांक है (3.14) । [१२]
  3. यदि आकृति में त्रिज्या दी गयी है, तो r को इसमें देखकर प्राप्त किया जा सकता है। यदि व्यास दिया गया हो, तो आपको इस संख्या को 2 से विभाजित करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, गोलाकृति की त्रिज्या 3 इंच है।
  4. यदि आपको गोल वस्तु (जैसे की टेनिस बॉल) को मापना हो, तो एक लम्बा धागा ले लें जो कि गोले को ठीक से चारो ओर से घेर सकें। फिर गोले को धागे से सबसे चौड़े हिस्से पर से घेरें तथा जहाँ पर ये घेरा पूरा हो वहां धागे पर निशान बना लें। फिर इस धागे को रूलर की मदद से माप लें जो कि परिधि होगी। इस मूल्य को 2π, या 6.28 से विभाजित करें, और इससे गोलाकृति की त्रिज्या प्राप्त होगी।
    • उदाहरण के लिए, यदि आप एक गेंद को मापें और इसकी परिधि 18 इंच आये, तो इस संख्या को 6.28 से विभाजित करें जिससे आपको त्रिज्या 2.87 इंच मिलेगी।
    • गोलाकार वस्तु को मापना थोडा कठिन हो सकता है, इसलिए आप 3 अलग-अलग माप लेना चाहेंगे, तथा इसका औसत निकालकर इसका सही माप पायें।
    • उदाहरण के लिए, यदि आपके द्वारा लिए गए परिधि के माप 18 इंच, 17.75 इंच, तथा 18.2 इंच हो, तो आप इन तीन संख्या को जोड़ेंगे (18 + 17.5 + 18.2 = 53.95) और इस संख्या को 3 से विभाजित करेंगे (53.95/3 = 17.98) । आयतन ज्ञात करने में इस मूल्य का उपयोग करें।
  5. घन प्राप्त करने के लिए उस संख्या को उसी संख्या से तीन बार गुणा करना होता है, इसलिए r 3 = r * r * r । हमारे उदाहरण में, r = 3, इसलिए r 3 = 3 * 3 * 3, या 27 ।
  6. 6
    अब अपने उत्तर को 4/3 से गुणा करें: या तो आप कैलकुलेटर का उपयोग करें या सीधे गुणा कर के इस भिन्न को सरल करें। हमारे उदाहरण में, 27 को 4/3 से गुणा करने पर = 108/3, या 36 ।[[[Image:Calculate Volume Step 39 Version 2.jpg|center]]
  7. इस उत्तर को π से गुणा करें जिससे आपको गोलाकृति का आयतन प्राप्त होगा: आयतन प्राप्त करने के लिए आखिरी चरण में उत्तर को π से गुणा करें। π को दशमलव के दो अंको तक लिखना पर्याप्त है, इसलिए अपने उत्तर को 3.14 से गुणा करें।
    • हमारे उदाहरण में, 36 * 3.14 = 113.09
  8. हमारे उदाहरण में, गोलाकृति की त्रिज्या को इंच में दिया गया है, तो हमारा उत्तर V = 113.09 घन इंच (113.09 in 3 ) होगा।

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