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पेट की चर्बी खासतौर पर खतरनाक हो सकती है इसलिए कमर के साइज़ को कम करने का सम्बन्ध सिर्फ बेहतर लुक पाने के लिए नही बल्कि बेहतर हेल्थ पाने के लिए माना जाता है | 1950 में एवरेज वैस्ट साइज़ सात इंच तक बढ़ गया है इसलिए अगर आप अपनी कमर का साइज़ कम करना चाहते हैं तो ऐसा करने वाले आप अकेले नहीं हैं | भाग्यवश, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे महिलाएं और पुरुष अपनी कमर का साइज़ कम कर सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

सही फूड्स खाएं

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  1. ऐसा करना बिलकुल सही है लेकिन अगर आप कमर का साइज़ घटाना चाहते हैं तो आपको कंज्यूम की जाने वाली कैलोरी की मात्रा कम करनी होगी | वेट लोस की एक सामान्य समीकरण है; आपको कंज्यूम की जाने वाली कैलोरी से ज्यादा कैलोरी बर्न करने की जरूरत होती है और एक्सरसाइज से लोग जितना सोचते हैं उसकी तुलना में बहुत कम कैलोरी खर्च होती है |
    • एक पौंड कम करने के लिए 3500 कैलोरी घटानी होती है | कई स्टडीज में पाया गया है कि अगर आप एक ऐसी फ़ूड डायरी मेन्टेन करते हैं जिसमे हर दिन खायी जाने वाली चीज़ों को कैलोरी की संख्या के साथ नोट करते हों तो संभवतः आप बहुत कम खायेंगे |
    • खायी जाने वाली हर चीज़ में मौजूद कैलोरी की संख्या का पता लगाने के लिए ऑनलाइन कैलोरी काउंटर का उपयोग करें | सलाद ड्रेसिंग जैसे मसालों का उपयोग करते समय सावधानी रखें क्योंकि इनमे काफी ज्यादा कैलोरी हो सकती है | बल्कि हर दिन 100 कैलोरी कम करने से भी समय के साथ काफी फर्क दिखाई देगा | [१] .
    • रनिंग करना कैलोरी बर्न करने का बेहतरीन तरीका है | सप्ताह में कम से कम तीन बार 30 मिनट के लिए रनिंग करें | स्ट्रोंग होने तक अल्टरनेट वाकिंग और रनिंग करें | [२] अगर आप हर सप्ताह 20 मील जॉगिंग करते हैं तो 6 महीने में काफी बेली फैट कम कर सकते हैं | [३]
  2. अगर आप प्रोटीन से भरपूर हैवी मील खाते हैं तो कम खा पाते हैं क्योंकि इस जल्दी पेट भर जाने की अनुभूति होती है | ध्यान रखें कि विशेषरूप से आपको हाई-प्रोटीन ब्रेकफास्ट करना है | ब्रेकफास्ट स्किप न करें | अगर आप हाई-प्रोटीन डाइट पर रहते हैं तो आप वेट लोस रेट 25% तक बढ़ा सकते हैं |
    • याद रखें कि 80% तक वज़न कम करने (कमर के आस-पास की चर्बी सहित) के लिए डाइट जिम्मेदार होती है, न कि एक्सरसाइज [४]
    • एग्स, टूना फिश, वेजिटेबल, सलाद, बादाम, सेव और लीन मीट अच्छी चॉइस हैं | अगर इन चीज़ों को अपनी डाइट में शामिल करने में परेशानी फील हो रही हो तो याद रखें कि 34.5 इंच से ज्यादा कमर का साइज़ होने का मतलब है कि आपको हार्ट डिजीज, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा हो सकता है | और उचित डाइट के बिना अचानक अपनी कमर को आप पतला नहीं कर सकते | [५]
    • डेरी प्रोडक्ट्स कम खाएं | अपनी डाइट को फिल करने वाले फूड्स में स्किनलेस चिकन, ब्राउन राइस और ब्रोकॉली को शामिल करें | ये फूड्स कमर का साइज़ कम करने के लिए अच्छे होते हैं |
    • अगर आप इनको हटा सकते हैं तो अपनी पूरी डाइट के कम से कम एक तिहाई हिस्से में कच्ची डाइट (रॉ डाइट) लेने की कोशिश करें |
  3. स्टार्च और शुगर इन्सुलिन प्रोडक्शन के लेवल को बढ़ा देते हैं | ये हार्मोन कमर का साइज़ बढाने से सम्बंधित होते हैं | इसलिए आपको अपनी डाइट से स्टार्च और शुगर हटा दें | रिफाइंड करबोहाइड्रेट से बचें (ऐसे फूड्स जो मैदे से बने हों, खाने से बचें क्योंकि ये कमर पतली नहीं होने देते)|
    • सावधान रहें क्योंकि हाई शुगर फूड्स पेट में ब्लोटिंग कर सकते हैं और इनमे से कुछ फूड्स हेल्थी हो सकते हैं जैसे बीन्स, आलू और केला |
    • शुगर और स्टार्च से होने वाली दूसरी समस्या यह है कि इन्हें खाने से अंत में आपको हाई कैलोरी और कम संतुष्टि मिलती है | ये आमतौर पर थोड़ी सी न्यूट्रीशनल वैल्यू के साथ एम्पटी कैलोरी वाले फूड्स होते हैं | उदाहरण के लिए, डोनट्स, फ्रेंच फ्राइज और वाइट ब्रेड |
    • लेबल्स देखें और अपनी डाइट में से फ्रक्टोस हटायें | फ्रक्टोस वजन कम करना मुश्किल बना देता है | यह कई सारे प्रोसेस्ड फूड्स और ड्रिंक्स में पाया जाता है और आपको इनकी मात्रा 15 ग्राम प्रति दिन तक कम लेनी चाहिए | कुछ फूड्स को हेल्थी फूड्स में कंसीडर किया गया है लेकिन इनमे काफी फ्रक्टोस पय जाता है; ऐसे फूड्स में शामिल हैं- एनहांस्ड वाटर, दही और कुछ डाइट फूड्स के लेबल वाले फूड्स |
  4. डाइट वर्शन में आने वाले कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीने से भी कमर का साइज़ बढ़ सकता है |
    • फ़िजी ड्रिंक्स आँतों में गैस बढ़ा देते हैं | साथ ही, डाइट ड्रिंक्स में स्वीटनर पाए जाते हैं जिन्हें पचाने में शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है | इन दोनों कारणों से ही कमर का साइज़ बढ़ने लगता है |
    • इन सभी चीज़ों की जगह पर खूब सारा पानी पियें (आपको पूरे दिन खूब पानी पीते रहना होगा जिससे आपका मेटाबोलिज्म भी बढेगा) | पेपरमिंट टी पियें | अगर अल्कोहल पीना बहुत जरुरी हो तो बियर की तुलना में रेड वाइन थोड़ी बेहतर चॉइस है |
    • पानी खूब पीने का दूसरा लाभ यह है कि कई बार लोग डिहाइड्रेशन को भूख समझ लेते हैं इसलिए अगर आपको भूख लगे तो खूब सारा पानी पियें | [६]
  5. कोकोनट ऑइल खाने के कई सारे कारण हैं | इनमे से एक कारण यह है कि इससे पेट की चर्बी पिघलती है और साथ ही मेटाबोलिज्म भी बूस्ट होता है |
    • कोकोनट ऑइल में एक ऐसा एसिड पाया जाता है जिससे भूख अनुभव नहीं होती | इसलिए स्टडीज में पाया गया है कि जिन लोगों ने रोज़ कोकोनट ऑइल खाना शुरू किया था वे बहुत कम कैलोरी खा पाए थे | कोकोनट ऑइल शरीर में बहुत जल्दी मेटाबोलाइज हो जाता है | [७]
    • कुछ स्टडीज में देखा गया कि कोकोनट ऑइल कमर और पेट की चर्बी को कम करता है | [८]
विधि 2
विधि 2 का 3:

सही एक्सरसाइज करें

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  1. ध्यान दें कि आप जो भी एक्सरसाइज चुनें वो विशेषरूप से कमर को टारगेट करने वाली होनी चाहिए || पुरानी स्टाइल के क्रंच न करें क्योंकि इससे स्पाइन डैमेज हो सकती है |
    • अपने कन्धों के बीच एक खम्बे को लाते हुए सीधे खड़े हो जाएँ | पीठ सीढ़ी रखें और पैरों को चौड़ा करें | सामने देखते हुए साइड टू साइड कमर घुमाएँ | देखें कि आप कितने रोटेशन कर सकते हैं | 50 रोटेशन तक करने की कोशिश करें |
    • क्रंच के जगह कर्ल आजमायें | पीठ के बल लेट जाएँ | हथेलियों को नीचे की ओर रखें | अब हाथों को पीठ के बीचे बांधें | घुटने मोड़ें और सिर और कन्धों को ऊपर उठायें लेकिन सिर्फ थोडा सा |
  2. अगर आप टिपिकल एक्सरसाइज करते-करते बोर हो गये हैं तो क्यों न एक हूला हूप खरीद लायें? अगर आप दिन में थोड़ी देर तक हूप करते हैं तो भी कमर का साइज़ कम कर सकते हैं | [९]
    • बल्कि दिन में एक बार हूला हूपिंग करने से भी कमर का साइज़ कम होते हुए देखा जा चुका है | रोज़ थोड़ी देर हूला हूप करने से आप हर दिन 100 कैलोरी तक बर्न कर सकते है | [१०]
    • बेहतर हूप करने के लिए, अपनी पीठ सीधी रखें, हूपिंग स्टार्ट करते समय हूप को पीठ के अगेंस्ट रखें और अपने हिप्स को बहुत ज्यादा न घुमाएं | अपने दाहिने पैर को बाएं पैर से थोडा पहले रखें | हूप को काउंटरवाइज स्पिन करें और अब अपने हिप्स पर हूप को मूव करते रहने के लिए इसे सामने से पीछे की ओर शिफ्ट करते रहें | आपको अपने कोर पार्ट को हिलाते रहना होगा जिससे हूप हिप्स के ऊपर बना रहा |
    • एक स्टडी में देख गया है कि एक सप्ताह में दिन में तीन बार ३० मिनट तक हूपिंग करने से एक महीने से 3 से 6 इंच तक कमर कम हो जाती है | [११]
  3. पिलेट्स या सर्किट ट्रैनिंग प्रोग्राम ज्वाइन करें: एक्सरसाइज प्रोग्राम के लिए सर्किट ट्रैनिंग एक बेहतरीन चॉइस है क्योंकि इसमें स्ट्रेंग्थ ट्रैनिंग, रेजिस्टेंस ट्रैनिंग और कार्डियो सभी शामिल होती हैं जो कमर को तराशने में मदद करती हैं | पिलेट्स में कई ऐसे पोज़ होते हैं जो कोर (शरीर के मध्य भाग) पर काम करते हैं |
    • टिपिकल सर्किट ट्रैनिंग प्रोग्राम में 4 सर्किट इन्वोल्व होते हैं जिनमे अलग-अलग एक्सरसाइज होती हैं जिनमें से प्रत्येक को लगभग तीन बार तक 12 से 15 रिपीट के लिए दोहरानी होती हैं और फिर रोटेट करना होता है |
    • सर्किट ट्रैनिंग में स्कवाट्स, पुशअप्स, वर्टीकल जम्प्स, रेजिस्टेंस बैंड्स और लाइट डंबल्स के उपयोग जैसी एक्सरसाइज शामिल होती हैं |
    • पिलेट्स वेस्टलाइन को टोन करेगी क्योंकि यह पोज़ेस पर फोकस करती है जिससे कोर स्ट्रोंग बनता है |
  4. अगर एक्सरसाइज आपके लिए काफी न हो तो आप लेटेस्ट सेलेब्रिटी ट्रेंड; वेस्ट ट्रेनिंग को आजमा सकते हैं | जेसिका अल्बा एक ऐसी सेलेब्रिटी हैं जिन्होंने यह टेक्नीक आजमायी और बच्चा पैदा करने के बाद अपने फिगर को वापस सही शेप में लाने में कामयाब रहीं |
    • आमतौर रप वेस्ट ट्रैनिंग का मतलब है कि आपको डेली बेसिस पर कोरसेट पहनना होगा | एक ऐसा वेस्ट ट्रेनर ( या कोरसेट या वेस्ट सिन्चर) खरीदें जिसमे हड्डियाँ फ्लेक्सिबल रह सकें और आप आसानी से सांस ले सकें | लेकिन तुरंत रिजल्ट पाने की आशा न करें | वेस्ट ट्रैनिंग से दिखाई देने योग्य बदलाव आने में एक महिना तक लग सकता है |
    • आप एक वाटरप्रूफ रस्सी भी खरीद सकते हैं जिसे आप अपनी कमर के चारों ओर अपने कपड़ों के नीचे पहन सकते हैं और जितना वज़न कम करना चाहते हैं उतना इसे टाइट कर सकते हैं | इससे आपको रियलाइज होगा कि आपकी तोंद कितनी फ़ैल चुकी है |
विधि 3
विधि 3 का 3:

लाइफस्टाइल में बदलाव लायें

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  1. आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि स्ट्रेस का सम्बन्ध कमर के बढे हुए साइज़ से है | चूँकि इससे कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है जिससे बेली के आस-पास वज़न बढ़ने लगता है |
    • स्ट्रेस से होने वाली दूसरी परेशानी यह है कि इसके कारण कई लोग बहुत ज्यादा खाने लगते हैं | मैडिटेशन और योग के जरिये स्ट्रेस कम किया जा सकता है |
    • कुछ लोगों को यह जानकर काफी हैरानी होती है कि आमतौर पर वज़न कम करने के बाद भी कमर का साइज़ कम करना इतना मुश्किल क्यों होता है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कमर के साइज़ का सम्बन्ध कॉर्टिसोल और इन्सुलिन के हार्मोन्स से है, डाइट से नहीं | अगर आप यह बात समझ जाते हैं तो आपको रियलाइज होगा कि स्ट्रेस कम करना कमर को पतला करने के लिए मुख्य फैक्टर साबित हो सकता है | [१२]
  2. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इनसोम्निया या अनिद्रा का सम्बन्ध वज़न बढ़ने से है, विशेषरूप से कमर के आस-पास की चर्बी बढ़ने से | इसके लिए हार्मोन असंतुलन जिम्मेदार होता हैं |
    • आपको हर रात लगभग 7 से 8 घंटे सोना चाहिए | इससे हार्मोन प्रोडक्शन कम होंगे और भूख भी कम लगेगी | नींद का सम्बन्ध ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन से है जो फैट बर्न करता है और मसल्स बिल्डअप करता है |
    • अनिद्रा या इनसोम्निया आमतौर पर हाई स्ट्रेस लेवल्स से सम्बंधित होती है जिससे कॉर्टिसोल हार्मोन प्रोड्यूस होने लगता है और यह हार्मोन कमर का साइज़ बढाने के लिए जिम्मेदार होता है |
  3. स्मोकिंग न केवल फेफड़े खराब करती है बल्कि यह पेट के लिए भी बुरी चीज़ है | इसलिए अगर आप कमर का साइज़ कम करना चाहते हैं तो सिगरेट्स पीना छोड़ दें |
    • स्टडीज में देखा गया है कि स्मोकिंग कमर का साइज़ बढ़ा देती है |
    • वज़न कम करने के लिए स्मोकिंग करना (जैसे की साधारण रूप से कहा जाता है) सही नहीं है लेकिन इससे कमर के आस-पास की चर्बी निश्चित ही कम नहीं होती |

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