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किसी परमाणु का इलेक्ट्रान विन्यास Electron configuration उसके इलेक्ट्रान आर्बिटल्स का एक न्यूमरिक रीप्रेजेंटेशन होता है। इलेक्ट्रान आर्बिटल्स, परमाणु के नाभिक के चारो ओर विभिन्न आकृतियों के क्षेत्र होते हैं जहां पर, इलेक्ट्रान के गणितीय रूप से लोकेटेड होने की संभावना होती है। इलेक्ट्रान विन्यास, पाठक को त्वरित रूप से मात्र इतना बताता है कि एक परमाणु में कितने इलेक्ट्रान आर्बिटल्स हैं और साथ ही इसके आर्बिटल्स में से प्रत्येक में कितनी संख्या में इलेक्ट्रान्स हैं। एक बार आप इलेक्ट्रान विन्यास के पीछे के सिद्धांतों को समझ जाएंगे तो आप स्वयं ही इलेक्ट्रान विन्यास लिखने योग्य हो जाएंगे और अपने केमिस्ट्री के टेस्ट को आत्मविश्वास के साथ दे पाएंगे।

विधि 1
विधि 1 का 2:

आवर्त सारिणी का उपयोग करके इलेक्ट्रान्स का निर्धारण करना

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    अपने परमाणु का परमाणु क्रमांक ज्ञात करें: प्रत्येक परमाणु के साथ एक विशिष्ट संख्या में इलेक्ट्रान्स सम्बद्ध होते हैं। आवर्त सारिणी में अपने परमाणु के सिंबल को ढूंढें। परमाणु क्रमांक एक धनात्मक पूर्णांक होता है जो, 1 (हाइड्रोजन के लिए) से शुरू होकर प्रत्येक अगले परमाणु के लिए 1 संख्या बढ़ता जाता है। परमाणु का परमाणु क्रमांक उस परमाणु के प्रोटान्स की संख्या होती है – इस प्रकार, यह शून्य आवेश (charge) वाले परमाणु के लिए इलेक्ट्रान्स की संख्या भी होता है।
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    परमाणु का आवेश निर्धारित करना: अनावेशित परमाणुओं में उतने ही इलेक्ट्रान्स होते हैं जितना आवर्त सारिणी में दर्शाया गया होता है। तथापि, आवेशित परमाणु (आयन्स ions) में, उनके आवेश की मात्रा के आधार पर अधिक या कम संख्या में इलेक्ट्रान्स होंगे। यदि आप किस आवेशित परमाणु के साथ कार्य कर रहे हैं, तो तदनुसार, इलेक्ट्रान्स को जोड़ें या घटाएँ: प्रत्येक ऋण आवेश के लिए 1 इलेक्ट्रान जोड़ें और प्रत्येक धन आवेश के लिए 1 इलेक्ट्रान घटाएं।
    • उदाहरण के लिए, +1 आवेश वाले सोडियम के परमाणु में से एक इलेक्ट्रान, उसके मूल परमाणु क्रमांक 11 में से निकाला गया होगा। तो, उपरोक्त सोडियम परमाणु में कुल 10 ही इलेक्ट्रान्स होंगे।
    • -1 आवेश वाले सोडियम के परमाणु में एक इलेक्ट्रान, उसके मूल परमाणु क्रमांक 11 में जोड़ा गया होगा। तब, उपरोक्त सोडियम परमाणु में कुल 12 इलेक्ट्रान्स होंगे।
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    आर्बिटल्स के मूल सूची को याद कर लें: जैसे ही एक परमाणु को इलेक्ट्रान्स मिलते हैं, वे एक विशिष्ट क्रम में विभिन्न आर्बिटल्स-सेट को भरते हैं। आर्बिटल्स का प्रत्येक सेट, जब पूर्ण रूप से भरा होता है, तो उसमें इलेक्ट्रान्स सम-संख्या में होते हैं। आर्बिटल-सेट्स निम्नलिखित हैं:
    • s आर्बिटल-सेट (इलेक्ट्रान विन्यास में कोई भी संख्या जिसके बाद "s" लिखा हो) में एक ही आर्बिटल होता है, और पाउली के अपवर्जन नियम Pauli's Exclusion Principle के अनुसार, किसी भी एक आर्बिटल में अधिकतम 2 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं, इस प्रकार s आर्बिटल में भी केवल 2 ही इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं।
    • p आर्बिटल-सेट में 3 आर्बिटल्स होते हैं और इस प्रकार, उनमें कुल 6 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं।
    • d आर्बिटल-सेट में 5 आर्बिटल्स होते हैं और इस प्रकार, उनमें कुल 10 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं।
    • f आर्बिटल-सेट में 7 आर्बिटल्स होते हैं और इस प्रकार, उनमें कुल 14 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं।
    • g, h, i और k आर्बिटल-सेट्स सैद्धान्तिक होते हैं। किसी भी ज्ञात परमाणु में इन आर्बिटल्स में से किस में भी इलेक्ट्रान्स नहीं हैं। g सेट में 9 आर्बिटल्स हो सकते हैं इसलिए सिंद्धांततः, उनमें 18 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं। h सेट में 11 आर्बिटल्स और अधिकतम 22 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं, i सेट में 13 आर्बिटल्स और अधिकतम 26 इलेक्ट्रान्स, और k सेट में 15 आर्बिटल्स और अधिकतम 30 इलेक्ट्रान्स रह सकते हैं।
    • इस स्मृति सहायक (mnemonic) की मदद से अक्षरों के क्रम को याद करें: [१] S ober P hysicists D on't F ind G iraffes H iding I n K itchens.
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    इलेक्ट्रान विन्यास के नोटेशन को समझें: इलेक्ट्रान विन्यास इस तरह से लिखे जाते हैं कि, प्रत्येक परमाणु और प्रत्येक आर्बिटल में इलेक्ट्रान्स की संख्या स्पष्ट रूप से दिखाई दे। सारे आर्बिटल्स एक क्रम में लिखे जाते हैं और उन आर्बिटल्स में इलेक्ट्रान्स की संख्या, उन आर्बिटल्स के नाम के बाद, सुपरस्क्रिप्ट में लिखे जाते हैं। फाइनल इलेक्ट्रान विन्यास, आर्बिटल्स के नामों और सुपरस्क्रिप्ट्स की एक एकल शृंखला होती है।
    • उदाहरण के लिए, यहाँ एक सरल इलेक्ट्रान विन्यास दिया गया है: 1s 2 2s 2 2p 6 . यह विन्यास यह दर्शाता है कि, 1s आर्बिटल-सेट में 2 इलेक्ट्रान्स हैं, 2s आर्बिटल-सेट में 2 इलेक्ट्रान्स हैं और 2p आर्बिटल-सेट में 6 इलेक्ट्रान्स हैं। कुल मिलाकर 2 + 2 + 6 = 10 इलेक्ट्रान्स हैं। यह इलेक्ट्रान विन्यास, एक अनावेशित निओन (neon) परमाणु का है (निओन की परमाणु संख्या 10 है)।
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    आर्बिटल्स के क्रम को याद करें: नोट करें कि, आर्बिटल-सेट्स की नंबरिंग इलेक्ट्रान शेल द्वारा होती है परंतु, उनका क्रम निर्धारण उनकी ऊर्जा के आधार पर होता है। उदाहरण के लिए, एक भरा हुआ 4s 2 कम ऊर्जा वाला होता है (या कम पोटेन्शियली वोलाटाइल) अपेक्षाकृत एक आंशिक-भरे हुए या पूर्ण रूप से भरे हुए 3d 10 के इसलिए, 4s को पहले सूचीबद्ध किया जाता है। एक बार आप आर्बिटल्स के क्रम को जान जाते हैं, तो आपको बस परमाणु में इलेक्ट्रान्स की संख्या के अनुसार भरते चले जाना है। आर्बिटल्स को भरने का क्रम यह है: 1s, 2s, 2p, 3s, 3p, 4s, 3d, 4p, 5s, 4d, 5p, 6s, 4f, 5d, 6p, 7s, 5f, 6d, 7p, 8s
    • एक ऐसा परमाणु, जिसका प्रत्येक आर्बिटल पूर्ण रूप से भरा हो, का इलेक्ट्रान विन्यास इस तरह लिखा जाएगा: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 4s 2 3d 10 4p 6 5s 2 4d 10 5p 6 6s 2 4f 14 5d 10 6p 6 7s 2 5f 14 6d 10 7p 6
    • नोट करें कि, उपरोक्त लिस्ट, यदि सभी शेल्स भरे हुए हों, तो आवर्त सारिणी में सर्वोच्च अंकों वाले Og (ओगैनेसन Oganesson), 118, का इलेक्ट्रान विन्यास होगा – तो इस इलेक्ट्रान विन्यास में, एक उदासीन परमाणु के लिए, वर्तमान में ज्ञात प्रत्येक इलेक्ट्रान शेल मौजूद होगा।
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    आपके परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रान्स की संख्या के अनुसार आर्बिटल्स को भरें: उदाहरण के लिए, यदि हम एक अनावेशित कैल्शियम परमाणु का इलेक्ट्रान विन्यास लिखना चाहते हैं, तो हम, आवर्त सारिणी में उसके परमाणु क्रमांक को ज्ञात करने से शुरुआत करेंगे। इसका परमाणु क्रमांक 20 है, तो हम एक ऐसे परमाणु का इलेक्ट्रान विन्यास उपरोक्त क्रम में लिखेंगे जिसमें, 20 इलेक्ट्रान्स हैं।
    • उपरोक्त क्रम में आर्बिटल्स को भरते जाएँ जब तक आप कुल 20 इलेक्ट्रान्स तक न पहुँच जाएँ। 1s आर्बिटल को 2 इलेक्ट्रान्स मिलते हैं, 2s को 2 मिलते हैं, 2p को 6 मिलते हैं, 3s को 2 मिलते हैं, 3p को 6 मिलते हैं और 4s को 2 (2 + 2 + 6 +2 +6 + 2 = 20) मिलते हैं। इस प्रकार, कैल्शियम का इलेक्ट्रान विन्यास यह होगा: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 4s 2 .
    • नोट: जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं, ऊर्जा का स्तर बदलता रहता है। उदाहरण के लिए, जब आप चौथे ऊर्जा स्तर पर पहुँचने वाले होते हैं, तो पहले 4s आता है, तत्पश्चात 3d आता है। चौथे ऊर्जा स्तर के बाद आप पांचवें की ओर बढ़ जाएंगे जहां एक बार फिर उसी क्रम का अनुसरण होगा (5s, उसके बाद 4d). ऐसा तीसरे ऊर्जा स्तर के बाद ही होता है।
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    आवर्त सारिणी का, एक विजुअल शार्टकट के रूप में, उपयोग करें: आपने पहले ही ध्यान दिया होगा कि, आवर्त सारिणी की आकृति, इलेक्ट्रान विन्यास में आर्बिटल-सेट्स के क्रमानुसार होती है। उदाहरण के लिए, बाईं ओर से दूसरे कालम में स्थित परमाणुओं के इलेक्ट्रान विन्यास का अंत हमेशा "s 2 " पर होता है, बीच वाले पतले हिस्से के दाहिने छोर पर स्थित परमाणुओं के इलेक्ट्रान विन्यास का अंत हमेशा "d 10 " पर होता है, आदि। इलेक्ट्रान विन्यासों को लिखने के लिए, आवर्त सारिणी का एक विजुअल गाइड के रूप में उपयोग करें – जिस क्रम में आप आर्बिटल्स में इलेक्ट्रान्स को जोड़ेते हैं, वह आवर्त सारिणी में परमाणु की स्थिति के अनुरूप होता है।
    • विशेषकर, एकदम बाईं छोर के दोनों कालम्स उन परमाणुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनका इलेक्ट्रान विन्यास s आर्बिटल्स पर समाप्त होता है, सारिणी का दाहिना ब्लाक उन परमाणुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनका इलेक्ट्रान विन्यास p आर्बिटल्स पर समाप्त होता है, बीच वाले भाग में वो परमाणु होते हैं जिनका इलेक्ट्रान विन्यास d आर्बिटल्स पर समाप्त होता है, और नीचे के भाग में वो परमाणु होते हैं जिनका इलेक्ट्रान विन्यास f आर्बिटल्स पर समाप्त होता है।
    • उदाहरण के लिए, क्लोरीन का इलेक्ट्रान विन्यास लिखते समय सोचें: "यह परमाणु, आवर्त सारिणी के तीसरी पंक्ति (या "पीरियड") में है। यह, आवर्त सारिणी के p आर्बिटल ब्लॉक के पांचवें कालम में भी है। इस प्रकार, इसका इलेक्ट्रान विन्यास ...3p 5 पर समाप्त होगा।
    • सावधानी – सारिणी के d और f आर्बिटल क्षेत्र, उन ऊर्जा स्तरों के अनुरूप होते हैं जो उन पीरियड्स से भिन्न होते हैं जिनमें वे स्थित होते हैं। उदाहरण के लिए, d आर्बिटल ब्लॉक की प्रथम पंक्ति, चौथे पीरियड में होने के बावजूद, 3d आर्बिटल के अनुरूप होता है, जबकि f आर्बिटल की प्रथम पंक्ति, छठवें पीरियड में होने के बावजूद, 4f आर्बिटल के अनुरूप होता है।
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    लंबे इलेक्ट्रान विन्यासों को लिखने के लिए, शार्ट-हैंड सीखें: आवर्त सारिणी के दाहिने किनारे पर स्थित परमाणुओं को नोबुल गैसेज कहते हैं। ये तत्व, रासायनिक रूप से बेहद स्थिर (stable) होते हैं। एक लंबे इलेक्ट्रान विन्यास को लिखने की प्रक्रिया को छोटा बनाने के लिए, निकटतम रासायनिक गैस जिसमें आपके परमाणु से कुछ कम इलेक्ट्रान्स होते हैं, के रासायनिक सिंबल मात्र को ब्रैकेट में लिखें, और उसके बाद उसके आगे के आर्बिटल सेट्स के लिए इलेक्ट्रानिक विन्यास लिखें।
    • इस संकल्पना (concept) को समझने के लिए, एक उदाहरणार्थ विन्यास लिखना उपयोगी होगा। आइये हम ज़िंक (परमाणु क्रमांक 30) का इलेक्ट्रानिक विन्यास, नोबुल गैस शार्ट-हैंड का उपयोग करते हुए लिखें। ज़िंक का पूर्ण इलेक्ट्रानिक विन्यास ये है: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 4s 2 3d 10 . तथापि, ध्यान दें 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 , आर्गन (Argon), एक नोबुल गैस का विन्यास है। सिर्फ ज़िंक के इलेक्ट्रान नोटेशन के इस हिस्से को, ब्रैकेट में लिखे आर्गन के रासायनिक सिंबल ([Ar]) से रिप्लेस करें।
    • तो, शार्ट-हैंड में लिखा गया ज़िंक का इलेक्ट्रान विन्यास [Ar]4s 2 3d 10 . होगा।
    • ध्यान दें कि, यदि आप नोबुल गैस नोटेशन, मान लीजिए आर्गन के लिए कर रहे हैं, तो आप [Ar] नहीं लिख सकते हैं। आपको उस नोबुल गैस के सिंबल का उपयोग करना होगा जो, उस तत्व से पहले आता है; आर्गन के लिए, वह निओन ([Ne]) होगा।
विधि 2
विधि 2 का 2:

ADOMAH आवर्त सारिणी का प्रयोग करना

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  1. इलेक्ट्रान विन्यास लिखने की इस विधि के लिए आप को कोई भी चीज़ स्मरण रखने की जरूरत नहीं होती है। तथापि, इसे एक पुनर्व्यवस्थित आवर्त सारिणी की आवश्यकता होती है क्योंकि, एक पारंपरिक आवर्त सारिणी में, चौथी पंक्ति से शुरू होकर, पीरियड नंबर्स इलेक्ट्रान शेल्स के अनुरूप नहीं होते हैं। एक ADOMAH आवर्त सारिणी प्राप्त करें जो वेलरी सिमरमैन (Valery Tsimmerman) नामक वैज्ञानिक द्वारा डिजाइन किया गया एक विशिष्ट आवर्त सारिणी है। एक ऑनलाइन त्वरित सर्च करके इसे सरलता से पाया जा सकता है। [२]
    • ADOMAH आवर्त सारिणी में, क्षैतिज पंक्तियाँ (horizontal rows) तत्वों के समूह जैसे कि, हैलोजेन्स, इनर्ट गैसेज, क्षार धातुएँ (alkali metals), क्षार मृदा (alkaline earths), आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऊर्ध्वाधर कालम्स (Vertical columns) इलेक्ट्रान शेल्स के अनुरूप होते हैं और तथाकथित “कैस्केड्स cascades” (तिरछी रेखाएँ जो s,p,d और f ब्लॉक्स को जोड़ती हैं) पीरियड्स के अनुरूप होते हैं। .
    • हीलियम को हाइड्रोजन के बाद रखा गया है क्योंकि, दोनों ही 1s आर्बिटल द्वारा विशेषित होते हैं। पीरियड्स के ब्लॉक्स (s,p,d और f) दाहिनी ओर दर्शाए जाते हैं और शेल नंबर्स, आधार पर दर्शाए जाते हैं। तत्वों को आयताकार बॉक्सेज में दर्शाया जाता है जिन पर, 1 से 120 तक नंबरिंग होती है। ये अंक सामान्य परमाणु क्रमांक होते हैं जो एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रान्स की संख्या को दर्शाते हैं।
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    अपने परमाणु को ADOMAH सारिणी में ढूंढें: किसी तत्व का इलेक्ट्रान विन्यास लिखने के लिए उसके सिंबल को ADOMAH आवर्त सारिणी में ढूंढें और उससे अधिक परमाणु क्रमांक वाले सभी तत्वों को काट दें। उदाहरण के लिए, यदि आपको एर्बियम (68) के इलेक्ट्रान विन्यास लिखने की आवश्यकता हो, तो 69 से लेकर 120 तक के सभी तत्वों को काट दें।
    • सारिणी के बेस पर 1 से लेकर 8 तक के नंबरों पर ध्यान दें। ये इलेक्ट्रान शेल नंबर्स या कालम नंबर्स हैं। उन कालम्स को छोड़ दें जिनमे सिर्फ कटे हुए तत्व ही हैं। एर्बियम के लिए शेष बचे कालम्स, 1,2,3,4,5 और 6 हैं।
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    अपने परमाणु तक आर्बिटल-सेट्स को काउंट करें: सारिणी (s, p, d और f) के दाहिनी ओर दर्शाए गए ब्लॉक सिंबल्स, और बेस पर दर्शाए गए कालम नंबर्स को देख कर तथा ब्लॉक्स के बीच की तिरछी लाइंस को छोड़ कर, कालम्स को कालम- ब्लॉक्स में विभाजित करें और उन्हें नीचे से ऊपर की ओर सूचीबद्ध करें। पुनः, उन कालम्स को छोड़ दें जिनके सभी तत्व काट दिए गए हों। कालम- ब्लॉक्स को कालम नंबर से शुरू करके उसके बाद ब्लॉक-सिम्बल को इस प्रकार लिखें: 1s 2s 2p 3s 3p 3d 4s 4p 4d 4f 5s 5p 6s (एर्बियम के लिए)।
    • नोट: एर्बियम के उपरोक्त इलेक्ट्रान विन्यास को बढ़ते हुए शेल नंबर के क्रम में लिखा गया है। इसे, आर्बिटल के भरने के क्रम में लिखा जा सकता है। कालम-ब्लॉक्स को लिखते समय, कालम्स के बजाय, ऊपर से नीचे की ओर सिर्फ कैस्केड्स (cascades) का अनुसरण करें: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 4s 2 3d 10 4p 6 5s 2 4d 10 5p 6 6s 2 4f 12 .
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    प्रत्येक आर्बिटल सेट के लिए इलेक्ट्रान्स को काउंट करें: प्रत्येक ब्लॉक-कालम में, 1 इलेक्ट्रान प्रति तत्व निर्धारित करते हुए, न काटे गए तत्वों को गिनें और उनकी मात्रा को, प्रत्येक ब्लॉक-कालम के लिए निर्धारित ब्लॉक-सिम्बल के बाद, इस प्रकार लिखें: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 3d 10 4s 2 4p 6 4d 10 4f 12 5s 2 5p 6 6s 2 । हमारे उदाहरण में, यही इलेक्ट्रान विन्यास एर्बियम का है।
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    अनियमित इलेक्ट्रान विन्यासों को जानें: न्यूनतम ऊर्जा अवस्था, जिसे ग्राउंड स्टेट भी कहते हैं, में परमाणु के इलेक्ट्रान विन्यास में अठ्ठारह अपवाद होते हैं। वे सामान्य नियम से, मात्र 2 से 3 इलेक्ट्रान पोजीशन्स तक, विचलित होते हैं। इन मामलों में, वास्तविक इलेक्ट्रान विन्यास, इलेक्ट्रान्स को, परमाणु के मानक विन्यास की अपेक्षा कम-ऊर्जा वाली अवस्था में रखता है। अनियमित परमाणुओं में ये हैं:
    • Cr (..., 3d5, 4s1); Cu (..., 3d10, 4s1); Nb (..., 4d4, 5s1); Mo (..., 4d5, 5s1); Ru (..., 4d7, 5s1); Rh (..., 4d8, 5s1); Pd (..., 4d10, 5s0); Ag (..., 4d10, 5s1); La (..., 5d1, 6s2); Ce (..., 4f1, 5d1, 6s2); Gd (..., 4f7, 5d1, 6s2); Au (..., 5d10, 6s1); Ac (..., 6d1, 7s2); Th (..., 6d2, 7s2); Pa (..., 5f2, 6d1, 7s2); U (..., 5f3, 6d1, 7s2); Np (..., 5f4, 6d1, 7s2) and Cm (..., 5f7, 6d1, 7s2).

सलाह

  • जब परमाणु एक आयन होता है, तो इसका अर्थ यह है कि प्रोटान्स की संख्या, इलेक्ट्रान्स की संख्या के बराबर नहीं है। उसके बाद, परमाणु का आवेश, उसके रासायनिक सिम्बल के टॉप-राइट (आमतौर पर) कार्नर पर दर्शाया जाएगा। तो, एक ऐन्टीमनी परमाणु, जिस पर +2 का आवेश है, का इलेक्ट्रान विन्यास यह होता है: 1s 2 2s 2 2p 6 3s 2 3p 6 4s 2 3d 10 4p 6 5s 2 4d 10 5p 1 । ध्यान दें कि 5p 3 बदल कर 5p 1 हो गया। जब भी किसी अनावेशित परमाणु के विन्यास का अंत एक, s और p आर्बिटल-सेट के अतिरिक्त किसी अन्य आर्बिटल सेट में हो तो सावधान हो जाएँ। जब आप इलेक्ट्रान्स को बाहर निकालते हैं, तो आप उन्हें केवल वैलेंस आर्बिटल्स (s और p आर्बिटल्स) से ही निकाल सकते हैं। तो, यदि एक विन्यास का अंत 4s 2 3d 7 में होता है और परमाणु +2 आवेश प्राप्त करता है, तो विन्यास बदल जाएगा और उसका अंत 4s 0 3d 7 में होगा। ध्यान दें कि, 3d 7 परिवर्तित नहीं होता है बल्कि, s आर्बिटल के इलेक्ट्रान्स बाहर निकल जाते हैं।
  • प्रत्येक परमाणु स्थिर (stable) होना चाहता है, और सबसे अधिक स्थिर विन्यासों में भरे हुए s और p (s2 और p6) आर्बिटल सेट्स होते हैं। नोबुल गैसेज में यही विन्यास होता है जिसके कारण, वे कभी बिरले ही ऐक्टिव होते हैं और आवर्त सारिणी के दाहिनी ओर होते हैं। यदि विन्यास का अंत 3p 4 में हो, तो स्थिर होने के लिए इसे मात्र 2 और इलेक्ट्रान्स की आवश्यकता होती है (s आर्बिटल के इलेक्ट्रान्स को मिलाकर 6 इलेक्ट्रान्स खोने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसलिए, 4 इलेक्ट्रान्स को खोना अपेक्षाकृत आसान है)। और यदि किस विन्यास का अंत 4d 3 में होता है, तो स्थिर अवस्था प्राप्त करने के लिए इसे मात्र 3 इलेक्ट्रान्स को खोने की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, आधे भरे हुए शेल्स (s1, p3, d5), उदाहरण के लिए, p4 या p2 से अधिक स्थिर होते हैं; तथापि, s2 और p6 इससे भी अधिक स्थिर होते हैं।
  • आप किसी तत्व का इलेक्ट्रान विन्यास, मात्र वैलेंस विन्यास लिख कर भी, लिख सकते हैं जो, अंतिम s और p आर्बिटल सेट होते हैं। तो, एक ऐन्टीमनी परमाणु का वैलेंस विन्यास 5s 2 5p 3 होगा।
  • आयन्स वैसे नहीं होते हैं। वे अत्यधिक कठोर होते हैं। इस आर्टिकिल के ऊपरी 2 लेवेल्स को छोड़ दें और, इस बात पर निर्भर करते हुए कि आपने कहाँ से शुरू किया था और इलेक्ट्रान्स की संख्या कितनी अधिक या कम है, उसी पैटर्न का अनुसरण करें।
  • जब कोई परमाणु इलेक्ट्रान विन्यास फार्म में हो, तो उसका परमाणु क्रमांक ज्ञात करने के लिए मात्र उन सभी नम्बर्स का योग करना होगा जो, (s, p, d और f) अक्षरों के बाद में लिखे होते हैं। यह केवल तभी काम करता है जब परमाणु उदासीन होता है। यदि यह एक आयन है तो यह तरकीब काम नहीं आएगी और आपको उतना ही जोड़ना या घटाना पड़ेगा जितने इलेक्ट्रान्स प्राप्त हुए हैं या खोए हैं।
  • अक्षर के बाद आने वाला नम्बर वास्तव में सुपरस्क्रिप्ट होता है इसलिए, परीक्षा में ऐसी गलती न करें।
  • इलेक्ट्रान विन्यासों को लिखने के लिए, 2 भिन्न-भिन्न तरीके होते हैं। वे, शेल नम्बर्स के बढ़ते हुए क्रम में या आर्बिटल के भरने के क्रम में, जैसा ऊपर एर्बियम के लिए प्रस्तुत किया गया है, लिखे जा सकते हैं।
  • ऐसी परिस्थितियाँ भी होती हैं जब एक इलेक्ट्रान को "प्रोन्नति" की आवश्यकता होती है। जब एक आर्बिटल सेट आधा या पूरा भरे होने से मात्र 1 इलेक्ट्रान दूर होता है, तो निकटतम s या p आर्बिटल सेट में से 1 इलेक्ट्रान निकाल कर उसे, उस आर्बिटल सेट में मूव कर दीजिए जिसे, इलेक्ट्रान की जरूरत है।
  • सब-लेवेल की "किसी आधा-भरे की स्थिरता (stability of a half-filled)", जैसी कोई चीज़ नहीं होती है। यह अति-सरलीकरण है। "आधे-भरे" सब-लेवेल से सम्बद्ध कोई भी स्थिरता, वास्तव में इस तथ्य के कारण होता है कि, प्रत्येक आर्बिटल में मात्र 1-1 इलेक्ट्रान है, जिससे इलेक्ट्रान-इलेक्ट्रान विकर्षण न्यूनीकृत हो जाता है।

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