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गुड़हल के पौधे लगाने से आप आपके मौजूदा गुड़हल पौधे के एक तने को लेकर, ठीक उसी के जैसा एक दूसरा पौधा उगा सकते हैं। ये तरीका ट्रोपिकल और हार्डी दोनों ही वेराइटी के लिए एक समान होता है और ऐसा घर पर ही बड़ी आसानी से किया जा सकता है। कटिंग्स लेकर, उन्हें सही तरीके से लगाकर और रोपकर, आप खरीदे बिना ही नए, हेल्दी गुड़हल के पौधे को उगा सकते हैं!

विधि 1
विधि 1 का 3:

कटिंग्स लेना (Taking Cuttings)

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  1. गर्मियों के बीच में, जब गुड़हल में सबसे ज्यादा ग्रोथ होती है, तब उसकी कटिंग्स लें। ऐसा करने से आपकी सारी कटिंग्स के सक्सेसफुली उगने की संभावना बेहतर हो जाएंगी। [१]
    • अगर आप लेट समर तक का इंतज़ार करते हैं, तो तने ज्यादा मैच्योर और कड़क हो जाएंगे और इनमें जड़ें उगने में ज्यादा लंबा समय भी लग जाएगा।
  2. ब्रांच के सिरों पर, भरपूर पत्तियों वाले ऐसे तने की तलाश करें, जो स्मूद और डार्क हों। एक हेल्दी गुड़हल के पास में हमेशा चुनने के लिए भरपूर नई ग्रोथ मिल जाएंगी। [२]
    • हल्के ब्राउन या डार्क ग्रीन तने की भी कटिंग्स को लिया जा सकता है, लेकिन इन्हें उगाने के लिए आपको इन्हें टॉपसॉइल में लगाना चाहिए।
  3. नई ग्रोथ से तने काटने के लिए प्रूनिंग शियर्स का इस्तेमाल करें: तेज धार के, साफ प्रूनिंग शियर्स का इस्तेमाल करके, हरी ब्रांच को पौधे से करीब 4 से 6 इंच (10–15 cm) की लंबाई पर काटें। काम करते समय उन्हें अच्छी तरह से स्टोर करने के लिए आराम से उन्हें एक बॉक्स या बैग में कलेक्ट कर लें। [३]
    • एक ही पौधे से बहुत ज्यादा कटिंग्स लेने से बचें, क्योंकि इसकी वजह से पेरेंट प्लांट खाली-खाली दिखने लग जाएगा या शायद उसका बढ़ना ही रुक जाएगा। एक बार में 5-6 कटिंग्स से ज्यादा न लें।
    • कटिंग्स लेने के बाद, प्रूनिंग शियर्स को साफ, गीले कपड़े से पोंछकर उनमें रह गए बैक्टीरिया को हटा दें और जंग लगने से भी बचाएं।
  4. कटिंग के टॉप पर केवल 2 से 3 को छोड़कर, बाकी की सभी पत्तियों को हटा दें: कटिंग से पत्तियों को पौधे के बढ़ने के दौरान ऑक्सीज़न के लेवल को बेहतर करने में मदद करता है। तने पर सबसे ऊपर केवल 2 से 3 पत्तियों को छोड़कर, प्रूनिंग शियर्स की मदद से आराम से पत्तियों को काटकर हटा दें। [४]
    • अगर बची हुई पत्तियाँ बहुत लंबी हैं, तो उन्हें मुरझाने से रोकने के लिए हॉरिजॉन्टली आधे में काटें।
    • आपको कटिंग्स की पत्तियों को कभी भी खींचना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से स्टेम के फाइबर्स को नुकसान पहुंचेगा, जिससे उसके लिए बढ़ पाना और भी मुश्किल हो जाएगा।
  5. ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्रांच के बॉटम में डाइगोनल कट करें: प्रूनिंग शियर्स का इस्तेमाल करके स्टेम के बॉटम से 45 डिग्री के एंगल पर करीब 0.25 इंच या 0.64 cm काटें। ये स्टेम को रूटिंग के लिए तैयार करने में मदद करेगा। [५]
    • अगर हो सके, तो जहां पर पत्ती स्टेम से उग रही थी, वहाँ पर एक कट करें। इन स्पॉट को “आँखें (eyes)” बोला जाता है, जिनमें नेचुरल ग्रोथ हॉरमोन मौजूद होते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

कटिंग की रूटिंग करना (Rooting the Cuttings)

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  1. रूटिंग हॉरमोन एक पाउडर या लिक्विड होता है, जो ब्रांच को यंग सेल्स से नई जड़ें बढ़ाने के लिए एंकरेज करता है। मार्केट में कई अलग-अलग टाइप के रूटिंग हॉरमोन उपलब्ध हैं, लेकिन ज़्यादातर गार्डनर्स शहद का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। तने के सिरे को आराम से कोट करें और उसे एक रूटिंग मीडियम में ट्रांसफर करें। [6]
    • कटिंग के सिरे को अपने हाथ से छूने से बचें, क्योंकि हाथों का ऑयल तने पर ट्रांसफर हो सकता है, जो रूटिंग हॉरमोन को उसका काम करने से रोक देता है।
  2. अगर आप रूट ग्रोथ को मॉनिटर करना चाहते हैं, तो कटिंग्स को पानी में रखें: ये तरीका पहली बार पौधे उगाने वाले लोगों के लिए सबसे अच्छी तरह से काम करता है, क्योंकि इससे आपको जड़ों को उगते हुए देखने मिल जाता है। एक क्लियर बॉटल को 1–2 इंच (2.5–5 cm) गरम पानी भरें और उसमें हाइड्रोजन पैरॉक्साइड की एक बूंद एड करें। आराम से कटिंग को बॉटल में रखें, ध्यान रखें कि पत्तियों को पानी में टच नहीं होना चाहिए। [7]
    • याद रखें कि हफ्ते में एक बार पानी को जरूर चेंज करें। बस कटिंग को पानी से बाहर निकालें, पानी को बाहर निकालें और फिर माइक्रोब्स को बनने से रोकने के लिए उसकी जगह पर नया पानी एड करें।
    • इस तरीके का इस्तेमाल करके, आप पौधे की ग्रोथ को मॉनिटर कर पाएंगे। करीब एक हफ्ते के बाद, आपको सफेद उभार दिखने शुरू हो जाएंगे और करीब 4 हफ्ते के बाद, आपको जड़ें भी बढ़ती दिखना शुरू हो जाएंगी।
    • आप चाहें तो नल का पानी भी यूज कर सकते हैं, बशर्ते आपने उसमें वॉटर सॉफ्टनर न इस्तेमाल किया हो। सॉफ्ट किए पानी में गुड़हल अच्छी तरह से नहीं उग पाते हैं।
  3. अगर तने को ज्यादा मैच्योर, मोटी कटिंग्स से लिया गया है, तो स्टेम को टॉपसॉइल में रखें: अगर आपने आपकी कटिंग्स को सीजन के बाद में लिया है, तो ये शायद डार्क ग्रीन कलर की होंगी और उन पर थोड़ी छाल भी बढ़ रही होगी, जो रूटिंग को बहुत मुश्किल बना सकता है। एक कंटेनर में 2 से 3 इंच या 5 से 7 cm टॉपसॉइल भरें और कटिंग्स के लिए छेद बनाने के लिए पेंसिल का यूज करें। आराम से कटिंग्स को छेद में रखें और उसके आसपास मिट्टी को दबाएँ। [8]
    • स्टेम को पहले छेद बनाए बिना मिट्टी में मत डालें, क्योंकि ऐसा करने से मिट्टी का कड़कपन स्टेम को डैमेज कर सकता है और रूटिंग हॉरमोन को भी हटा सकता है।
  4. अगर कटिंग्स को ट्रोपिकल गुड़हल से लिया गया है, तो उन्हें रेत में और पीट मॉस में रूट करें: एक कंटेनर में 3 भाग रेत और 1 भाग पीट मॉस का एक मिक्स्चर बनाएँ। पॉटिंग मीडियम को एक-समान पानी दें और कटिंग्स के लिए छेद बनाने के लिए पेंसिल का इस्तेमाल करें। फिर, आराम से कटिंग्स को छेद में डालें और उसके आसपास की मिट्टी को दबाएँ। [9]
    • कटिंग्स को बॉक्स में रखने के बाद, उन्हें एक बार फिर से पानी देकर बहुत तेजी से सूखने से बचाएं।
  5. कटिंग्स को क्लियर प्लास्टिक से कवर करें और उन्हें इनडाइरैक्ट धूप में रखें: नमी को रोकने के लिए कटिंग्स के ऊपर ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक, जैसे कि एक प्लास्टिक बैग या प्लास्टिक रैप लपेटें। उनके ऊपर प्लास्टिक लगाकर, उन्हें डाइरैक्ट धूप से अलग किसी ब्राइट एरिया में रखें। अच्छी तरह से बढ़ने के लिए पौधों को इनडाइरैक्ट सनलाइट में रखा जाना चाहिए। [10]
    • प्लास्टिक को नीचे हल्का सा खुला रखें या फिर टॉप पर वेंट्स काटकर, ग्रोथ के दौरान, उनमें हवा का प्रवाह होने दें।
  6. मिट्टी को नम रखने के लिए प्लांटेड कटिंग को हर दिन मिस्ट करें: गुड़हल को पानी बहुत पसंद होता है और तने को नम रखना उनमें जड़ें बनाने में मदद करेगा। हर दिन हल्की मिस्टिंग भी रूटिंग मीडियम को गीला रखेगा, लेकिन बहुत ज्यादा भी गीला नहीं होने देगा। [11]
    • अगर आपको गीली मिट्टी नजर आ रही है, तो प्लास्टिक बैग को हटाएँ और हर अगले दिन की सिंचाई के साथ पानी देना कम कर दें। ज्यादा पानी देने की वजह से जड़ों में सड़न हो सकती है।
    • अगर मिट्टी सूखी नजर आए, तो कटिंग्स को दिन के दौरान और ज्यादा पानी दें। अगर परेशानी अभी भी बनी रहती है, तो कंटेनर को एक ऐसे एरिया में ले जाएँ, जो जरा ठंडी लगती है या जहां पर कम धूप मिलती हो।
  7. 2 से 3 महीने तक कटिंग्स में जड़ें आने का इंतज़ार करें: जब जड़ें ट्रांसप्लांट करने के हिसाब से भरपूर हार्ड हो जाए, फिर तो आपको तने के ऊपर नई पत्तियाँ उगती हुई नजर आना शुरू हो जाएंगी। आराम से कटिंग्स को मिट्टी से निकालकर उन्हें पॉट में ट्रांसप्लांट कर लें। [12]
    • पानी में कटिंग्स के लिए, जब तक जड़ों का कलर व्हाइट से लाइट टेन नहीं हो जाता, तब तक ट्रांसप्लांट करने का इंतज़ार करें।
विधि 3
विधि 3 का 3:

गुड़हल की कटिंग्स को ट्रांसप्लांट करना (Transplanting Hibiscus Cuttings)

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  1. गुड़हल के पौधे को बढ़ने के लिए अपने खुद के पॉट की जरूरत होती है, इसलिए हर एक जड़ निकली कटिंग के लिए 1 पॉट यूज करने का प्लान करें। गुड़हल की मिट्टी को आप किसी हार्डवेयर स्टोर से, साथ ही कुछ नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। पॉट में ऊपर से करीब 1 इंच या 2.5 cm की स्पेस के साथ मिट्टी भरें। [13]
    • अगर आप खास गुड़हल की मिट्टी को नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तो आप किसी भी हाइ-क्वालिटी टॉपसॉइल यूज कर सकते हैं। टॉपसॉइल को थोड़ा और रिच बनाने के लिए 4 भाग मिट्टी से 1 भाग रेत या पीट मॉस के साथ में मिलाएँ।
  2. एक ऐसा छेद बनाएँ, जो करीब 3 इंच या 7.5 cm चौड़ा और 3 इंच या 7.5 cm गहरा हो: अपने हाथ या गार्डन स्पेड का इस्तेमाल करके, मिट्टी में प्लांट कटिंग के लिए एक स्पेस बनाएँ। ध्यान से पौधे की जड़ों के आकार को भी ध्यान में रखते हुए छेद बनाएँ, जिसे उस छेद में फिट आना चाहिए। [14]
    • अगर साइज को लेकर कोई शक हो, तो फिर जरूरत से हल्का सा बड़ा छेद बनाएँ और बाद में उसमें और मिट्टी भर लें।
  3. पत्तियों के साथ तने को ठीक मिट्टी के ऊपर रोपें और अच्छी तरह से पानी दें: तने को मिट्टी को नीचे ले जाएँ, ध्यान से ताजे जड़ों को कोई भी नुकसान न पहुँचने दें। उसे इस तरह से रखें, ताकि पत्तियाँ ऊपर तो रहें, लेकिन टॉपसॉइल को टच न करे। फिर, छेद को मिट्टी से भरें और उस पूरे एरिया को अच्छी तरह से पानी दें। [15]
    • अगर आपकी पत्तियाँ मिट्टी को टच कर रही हैं, तो वो सड़ना शुरू हो जाएंगी। कटिंग के साइज के अनुसार, पौधे को बहुत ज्यादा गहराई पर नहीं लगाने की पुष्टि के लिए आपको शायद छेद के बॉटम में एक्सट्रा मिट्टी भी भरने की जरूरत पड़ेगी।
  4. पॉट को 2 हफ्ते के लिए एक ऐसे एरिया में रखें, जहां सीधी धूप न मिलती हो: पौधा लगाने के बाद, जब पौधे की जड़ें मिट्टी में बन जाएँ, तब पॉट को एक ऐसे ब्राइट एरिया में रखें, जहां पर सीधी धूप न जाती हो। पूरे 2 हफ्ते के लिए पौधे को सारा दिन इनडाइरैक्ट सनलाइट में रखें। जैसे ही 2 हफ्ते पूरे हो जाएँ, फिर तने और पत्तियों की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए पौधे को डाइरैक्ट धूप में ले जाएँ। [16]
    • गुड़हल के पौधे को धूप अच्छी लगती है, इसलिए जैसे ही जड़ें बन जाएँ, तब पौधे को धूप में छोड़ दें, एक जैसी धूप पाने के लिए कुछ महीने में पौधे को रोटेट करते जाएँ।
  5. आप आपके गुड़हल को बहुत ज्यादा पानी नहीं दे रहे हैं, इसकी पुष्टि के लिए, पौधे को पानी देने के करीब 1.5 घंटे के बाद मिट्टी को फील करें। इसे हल्का सा नम महसूस होना चाहिए, लेकिन बहुत ज्यादा भी गीला नहीं होना चाहिए। अगर ये गीला है, तो पॉट में पानी को रुकने से बचाने के लिए हर अगले दिन पानी देना शुरू करें। [17]
    • ठंड के दिनों में, ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए गुड़हल को करीब 95 °F (35 °C) गरम पानी दें।

सलाह

  • भले गुड़हल को बीज से उगाया जा सकता है, लेकिन इनकी सक्सेस रेट काफी कम होती है। पौधे में उनके पेरेंट प्लांट्स से अलग गुण होते हैं, जिसकी वजह से अनहेल्दी फूल उगेंगे।
  • पौधे की कटिंग को हैंडल करते समय हमेशा सावधानी बरतें, क्योंकि ये काफी नाजुक होते हैं। जब भी उन्हें टच करने की जरूरत पड़े, तब अपनी पॉइंटर फिंगर और अंगूठे का इस्तेमाल करें।
  • पॉड के आसपास एक मेश ड्रॉ स्ट्रिंग बैग रखें, ताकि पॉड के सूखने के बाद जमीन पर कोई भी बीज न गिरे। अगर उन्हें सूखने के लिए पौधे पर ही नहीं छोड़ा जाएगा, तो बीज सही नहीं रहेंगे!

चेतावनी

  • कुछ तरह के गुड़हल पालतू जानवरों के लिए टॉक्सिक होते हैं। उगाने के लिए गुड़हल को चुनते समय बहुत सावधान रहें।

विकीहाउ के बारे में

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