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ज़्यादा लोगों के सामने बोलना बेहद मुश्किल कार्य होता है | जब आप अपनी ग्रेजुएशन पर बोलते हैं, उम्मीदों पर खरा उतरना एक डराने वाला ख्याल हो सकता है | कई बार शुरू कर पाना सबसे कठिन होता है | स्पीच शुरू करने के कई तरीके आम तौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं, पर ज़ाहिर बातें बोलने से परहेज करें | इन आम तरीकों का इस्तेमाल अपने ही विचारों को उड़ान देते हुए स्पीच लिखने के लिए प्रयोग करें |

विधि 1
विधि 1 का 4:

स्पीच की शुरुआत करने की तैयारी करना

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  1. अगर आपने पूरी स्पीच नहीं लिखी है तो नोट कॉर्ड्स साथ में लाएं | ये ध्यान रहे की उन तक पहुँच पाना आपके लिए सुगम हो | आप सबके सामने उन्हें ढूंढते हुए अच्छे नहीं लगेंगे | ये ध्यान रहे की जैसे ही आप वहां पहुंचे आप शुरुआत करने के लिए तैयार हों |
  2. ज़ाहिर है आप कोई ऐसी बात करना चाहते हैं जो आपके दिल के करीब है, लेकिन स्पीच का एक बढ़ा हिस्सा होता अपने श्रोताओं के साथ संपर्क स्थापित करना | आपके और उनके लिए जो मुद्दे अहम हैं उनके बीच में संयम स्थापित करने की कोशिश करें | आशा है, अगर आप ग्रेजुएशन स्पीकर हैं, तो मुद्दे समान ही होंगे |
  3. ऐसे में बैचैन होना स्वभाविक है | लेकिन तैयार होने का एक अहम हिस्सा अपनी बेचैनी को कम करना | अपने दोस्तों और परिवारजनों के सामने अभ्यास करें ताकि आपको शब्दों के उच्चारण की आदत पड़ जाए | इस तरीके से आपसे बोलते समय भूल होने की सम्भावना कम हो जाएगी |
विधि 2
विधि 2 का 4:

श्रोताओं का संबोधन करना

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  1. इस बात पर ध्यान दें की आप सब श्रोताओं को संबोधित कर रहे हैं: [१] शुरुआत में ही अपनी स्पीच की मुख्य बातें नहीं कहने लगें | लोग पहले थोड़ी भूमिका चाहते हैं, और वैसे भी पहले अपनी आवाज़ को सक्रिय करना भी ज़रूरी है | श्रोताओं को संबोधित करके सबसे पहले गुड मॉर्निंग, गुड आफ्टरनून जो भी उपयुक्त हो कहें | [२]
    • उदाहरण ‘के तौर पर, कुछ ऐसे कहें "फैकल्टी, ट्रस्टीज और खास तौर से मेरे सहपाठियों को गुड मॉर्निंग/आफ्टरनून/नाइट |"
  2. अपने स्कूल या कॉलेज के हेड का नाम लेना एक अच्छा विचार है | आप मज़ाक में किसी खास अध्यापक का या अपने माँ बाप का या जिसने आपकी स्पीच लिखने में मदद की हो उसका नाम भी ले सकते हैं | ये स्पीच शुरू करने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से है, और जैसे आप आगे बढ़ते हैं ये आपकी बेचैनी को कम करता है |
    • उदाहरण के तौर पर " मैं अपने दादा दादी को शुक्रिया कहना चाहता हूँ क्योंकि वो ख़ास तौर से मुंबई से यहाँ मौजूद होने के लिए आये हैं." या " मैं अपनी 11 कक्षा की अध्यापिका, मिसेस कोशी, को शुक्रिया कहना चाहूँगा क्योंकि उनकी वजह से ही मेरे मन में कविताओं के लिए रुझान बड़ा था |"
  3. याद रखें की ये सिर्फ शुरुआत है आप बैचैन होंगे जिस कारण,आप सामान्य से तेज़ गति से बोलेंगे | ध्यान से अपनी गति को कम करलें | रुकें, भीड़ का आकलन करें | वैसे तो डर लगना लाज़मी है, ये याद रखें की सब आप के समर्थक हैं | ये ज़िंदगी में एक बार आने वाला मौका है, लेकिन कोई दबाव नहीं है! इस अनुभव का भी आनंद लें | जल्दबाज़ी नहीं मचाएं |
    • जल्दी मचाने से आपकी स्पीच को समझना मुश्किल होगा और आपकी आवाज़ भी साफ़ नहीं सुनाई पड़ेगी | बीच में रुकने से एक अच्छी स्पीच और निखर जाती है, जबकि जल्दबाज़ी से अच्छी स्पीच भद्दी सुनाई पड़ती है |
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपनी शुक्रिया कहना

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  1. एक स्पीच की शुरुआत में लोगों को शुक्रिया कहना एक आम बात है | आम तौर पर आप अपनी स्पीच का अंत शुक्रिया के बजाय किसी संदेश के साथ करना चाहेंगे | ये कोई फिल्म नहीं है जहाँ क्रेडिट्स अंत में आते हैं | ये सोचें की आपके लिए कौन अहम है, आप किसके आभारी हैं | किसकी वजह से आप ये स्पीच देने की स्थिति में हैं?
  2. स्कूल आपको पूरी स्टूडेंट बॉडी, अध्यापकों, और शायद बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज का शुक्रिया कहने का मौका दे रहा है | ये उचित और सुझावित है की आप स्कूल को ऐसा मंच देने के लिए शुक्रिया कहें |
    • उदाहरण के तौर पर, "मैं स्कूल का आभारी हूँ की वह हमें अगले कदम के लिए सदैव तैयार रखते हैं, और साथ ही वो ये भी सुनिश्चित करते हैं की हम अपनी कमियों के कारण लड़ खड़ा नहीं जाएँ |"
  3. ये आपके हम उम्र हैं, और ये आपकी बातें सुनेंगे भी और समर्थन भी देंगे | उनको उनकी दोस्ती और स्कूल के आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए शुक्रिया कहें | वो इसकी तारीफ करेंगे | [३]
  4. ज़ाहिर है! आपके माँ बाप ने अभी तक की ज़िंदगी में आपको कई तरीकों से बहुत ज़्यादा सहारा दिया होगा | ये एक छोटा तरीका है उनको अपना आभार प्रकट करने का | आपको इसके लिए ज़्यादा लंबी बातें कहने की ज़रुरत नहीं है, बस उन्हें उनकी मदद के लिए धन्यवाद कहें |
    • उदाहरण के तौर पर, कहें "मैं अपने माँ बाप का शुक्रिया कहना चाहता हूँ क्योंकि इतने सालों में उन्होनें मेरी अकादमिक और अन्य रुचियों को बढ़ावा दिया है | आपने मेरे सफलता के सफर को और आसान बना दिया है |"
विधि 4
विधि 4 का 4:

स्पीच शुरू करना

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  1. [४] ये कमरे के माहौल को बदल देता है और लोगों को इस बात का अंदाज़ा देता है की आप क्या बात करने वाले हैं | आप इसे प्रोत्साहन करने वाला कोट या कुछ मज़ाकिया बना सकते हैं | ऐसा कथन चुनें जो आपकी स्पीच से संबंधित है | ये स्पीच शुरू करने का सबसे आम तरीका है, लेकिन ज़रूरी नहीं की ये सबसे ख़राब तरीका है |
  2. ये सोचें की आपने अपने स्कूल में सबसे ज़्यादा मज़ा किस चीज़ में किया: चाहे वो फ़ील्ड ट्रिप, हंसी का पल, या ऐसा कोई भी विशेष पल जो आपको याद है, उसे अपनी स्पीच में शामिल करना नहीं भूले | किसी ख़ास याद के बारे में बात करने से लोगों के लिए अपना ध्यान आपकी स्पीच पर केंद्रित करना आसान हो जायेगा | मुहावरे भी स्पीच शुरू करने का एक अच्छा तरीका है |
    • उदाहरण के तौर पर, "मैं इस बात को हमेशा याद रखूंगा की कैसे हम लंच में आशीष के खाने को ख़त्म करने के लिए आतुर रहते थे |"
  3. ये सोचें की स्कूल की कौन सी बात आपको सबसे ज़्यादा याद आएगी: [५] ऐसे छोटे छोटे विवरण (जैसे लंच का स्वाद, बाथरूम का रंग) के बारे में बात करें जिसके बिना आपका स्कूल अधूरा लगेगा और उसे अपनी स्पीच में शामिल करें | इन सब चीज़ों की मदद से ऐसी बातों का ज़िक्र करें, जिन्हें स्पीच में शामिल करेंगे | उदाहरण के तौर पर, आपकी कोई एक अध्यापिका किसी ऐसे तरीके से पढ़ाती है जिससे आपको काफी कुछ सीखने को मिला हो |
  4. ग्रेजुएशन पर दुःख तो होता ही है, तो ये ध्यान रखें की माहौल को हल्का कैसे बनाया जाता है | बेफ़्कूफाना मज़ाक नहीं करें, और ज़्यादा संजीदा भी नहीं हों | खास लोगों या घटनाओं को नाम से बुलाना मज़ाक की शुरुआत करने का अच्छा तरीका है | श्रोताओं को हँसाना इतना मुश्किल भी नहीं होगा |
  5. सिर्फ नाम के लिए मुश्किल शब्दों का प्रयोग नहीं करें | आप चाहेंगे की आपकी बातें पुरानी नहीं लगें और इसके लिए जो भी लिखें अपनी भाषा में लिखें | आप औपचारिक हो सकते हैं, लेकिन अकादमिक पेपर जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करें | आप चाहेंगे की लोग आपकी बातों पर ध्यान दें | [६]
    • उदाहरण के तौर पर, " चार साल हो चुके हैं हमें साथ में इस कॉलेज में आये हुए, और हमें अभी तक पता नहीं चला की फ़र्स्ट ईयर की ट्रिप में बस का म्यूजिक सिस्टम किसने चुराया था- फिर भी हमने बहुत कुछ सीखा है |"
  6. आप जब कॉलेज में आये थे से लेकर अभी तक जो भी बदलाव आये हैं उनके बारे में बात करें: इससे लोग उस वक़्त को याद कर पाएंगे जो उन्होनें कॉलेज में बिताया है | ऐसा करने से उनकी यादें ताज़ा हो जाएँगी | [७]
  7. वैसे तो ग्रेजुएशन स्पीच में सलाह की कोई ज़रुरत नहीं है, पर ये शुरुआत करने का अच्छा तरीका है | आप अपनी निजी सलाह दे हैं या फिर किसी ने कभी आपको सलाह दी हो तो उसका प्रयोग कर सकते हैं | सलाह देने के बाद आप सीधे बाकी की स्पीच पर आ सकते हैं | [८]


सलाह

  • स्पीच के माध्यम से किसी की बेइज़्ज़ती नहीं करें |
  • स्पीच को साफ़ सुथरा रखें | फिर चाहे आपको भद्दे मज़ाक करने का या गाली देने का कितना मन करे, याद रखें की लोग आपसे एक अच्छी स्पीच की उम्मीद रख रहे हैं | इसे बर्बाद नहीं करें |
  • अपनी स्पीच को सफाई से दें और ऐसा लगना चाहिए की आपने इसे लिखा है, नाकि इंटरनेट से उठाया है |

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