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टी ट्री ऑयल मुहाँसे और भी कई तरह की त्वचा संबंधी कंडीशन के जैसी, खूबसूरती से जुड़ी कई सारी परेशानियों के लिए एक आइडियल ट्रीटमेंट है, लेकिन इसे एक ऑल-नेचुरल, नॉन-टॉक्सिक क्लीनर बनाने के लिए कई दूसरे इंग्रेडिएंट्स में भी मिलाया जा सकता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों की वजह से, टी ट्री ऑयल टॉपिकल ट्रीटमेंट्स और सफाई के लिए उपयोगी रहता है। हालांकि, ये निगले जाने पर जहरीला होता है। इसलिए टी ट्री ऑयल को सही तरीके से पतला करने के तरीके के बारे में जानकारी रखना जरूरी होता है, ताकि आप सुरक्षित तरीके से इस वर्स्टाइल ऑयल से मिलने वाले सभी फ़ायदों का लाभ उठा सकें।

विधि 1
विधि 1 का 2:

अपने घर में टी ट्री ऑयल को इस्तेमाल करना (Using Tea Tree Oil in Your Home)

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  1. एक स्प्रे बॉटल में 1/4 कप पानी और आधे कप डिस्टिल्ड व्हाइट विनेगर के साथ में टी ट्री ऑयल की 20 से 25 बूंदें मिक्स करें। यूज करने के पहले मिक्स्चर को अच्छी तरह से मिलाएँ। इस मिक्स्चर को आप अलग-अलग सतह पर स्प्रे कर सकते हैं और फिर उस सतह को एक साफ कपड़े से पोंछकर साफ कर सकते हैं। [१] इस क्लीनर को एक ऑल-पर्पस, नॉन-टॉक्सिक क्लीनर की तरह किचन और बाथरूम में यूज किया जा सकता है।
    • यूज करने से पहले हमेशा इसे अच्छी तरह से हिला लिया करें, क्योंकि ऑयल नेचुरली विनेगर और पानी से अलग हो जाता है।
  2. टी ट्री ऑयल को एक बदबूदार कचरे के डिब्बे में एड करें: कचरे में अजीब सी बदबू आना शुरू हो सकती है और ये बैक्टीरिया के पनपने की जगह भी होते हैं। एक कप बेकिंग सोडा को 1/4 से 1/2 चम्मच टी ट्री ऑयल के साथ में मिक्स करें। इसमें मौजूद हर एक लंप या टुकड़े को मिक्स करने के लिए एक फोर्क यूज करें। बदबू को कम करने के लिए इस मिक्स्चर को एक फ्रेश ट्रेश बैग में शेक करें। ये एक नेचुरल डियोडराइजर है। [२]
    • ये डियोडराइजर डायपर पेल्स के लिए भी काम करता है।
  3. फफूंदी एक गीली, गरम सतह पर बढ़ा करती है। ये व्हाइट या ब्लैक कलर की होती है और इसका टेक्सचर फ़जी होता है। एक स्प्रे बॉटल में 1 कप पानी में 5 से 10 बूंदे टी ट्री ऑयल की मिक्स करें। मिक्स्चर को हिलाएँ और फिर उसे फफूंदी के ऊपर स्प्रे करें। इस मिक्स्चर को 3 से 5 मिनट के लिए लगा रहने दें और फिर एक गीले कपड़े से पोंछकर साफ कर दें। [३]
    • टी ट्री ऑयल को आने वाले समय में भी फफूंदी को बढ़ने से रोक देना चाहिए, लेकिन जरूरत पड़े, तो इस मिक्स्चर को फिर से इस्तेमाल करें।
  4. वॉशिंग मशीन में भी बदबू पैदा हो सकती है और ये भी बैक्टीरिया के लिए एक घर का काम कर सकती है। अपनी मशीन को हॉट साइकिल पर 10 से 15 बूंदें टी ट्री ऑयल के साथ में खाली चलाएं। इससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया या बदबू खत्म हो जाएगी। [४]
    • आप चाहें तो कपड़ों को और भी ज्यादा अच्छी तरह से धोने के लिए लोड के साथ में भी टी ट्री ऑयल की 2 से 3 बूंदें एड कर सकते हैं।
  5. वूल ड्रायर बॉल पर या 5 इंच या 12.5 cm कॉटन स्क्वेर (होममेड शीट बनाने के लिए एक पुराने टी शर्ट का इस्तेमाल करें) पर टी ट्री ऑयल की 5 बूंदें लगाएँ। बॉल या होममेड ड्रायर शीट को कपड़ों के लोड में एड करें। ये शीट और बॉल फिर से यूज किए जा सकते हैं। [५]
    • जब आपको टी ट्री ऑयल की महक आना बंद हो जाए, तब शीट या बॉल पर टी ट्री ऑयल की थोड़ी और बूंदें एड कर दें।
  6. काफी सारे पेस्ट्स को टी ट्री ऑयल की महक अच्छी नहीं लगती है। एक स्प्रे बॉटल में इसकी करीब 20 बूंदें डालें और फिर बॉटल को पानी से भर लें। इसे अच्छे से हिलाएँ और फिर इसे डोरवेज पर और उन दरारों पर इसे स्प्रे करें, जहां से इन्सेक्ट्स और पेस्ट्स के आने की संभावना है। [६]
विधि 2
विधि 2 का 2:

अपने शरीर पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करना (Using Tea Tree Oil on Your Body)

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  1. टी ट्री ऑयल मुहाँसे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद कर सकता है। अपने क्लींजर या मॉइस्चराइज़र में टी ट्री ऑयल की 1 से 3 बूंद मिलाएँ। [७] टी ट्री ऑयल को एक चम्मच नारियल के तेल के साथ भी मिक्स किया जा सकता है और अपने चेहरे पर लगाया जा सकता है। इस मिक्स्चर को अपने चेहरे पर लगाने के लिए एक कॉटन स्वेब का इस्तेमाल करें और अपनी स्किन को इसे सोखने दें। [८]
  2. 1 चम्मच या 15 ml केरियर ऑयल - ऑलिव ऑयल, जोजोबा ऑयल, नारियल का तेल - और 8 से 10 बूंद टी ट्री ऑयल मिक्स करें और फिर इसे अपनी स्किन के इरिटेट हुए भाग पर लगाएँ। ये एडल्ट्स में और बच्चों में भी खुजली, इरिटेशन और एक्जिमा [१०] , वॉटर वार्ट्स और वायरल स्किन इन्फेक्शन से जुड़े हुए लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। [११] ये मिक्स्चर निकेल की वजह से होने वाली एलर्जिक रिएक्शन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. टी ट्री ऑयल की 3 या 4 बूंद को अपने रेगुलर शैम्पू में एड करें। ये मिक्स्चर रूखे, पपड़ी वाले स्केल्प, डैंड्रफ और सोरायसिस से राहत पाने में मदद करता है। अपने शैम्पू में इसकी कुछ बूंदें एड करें और अपने बालों को हमेशा की तरह धो लें। [१३]
    • आप चाहें तो टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें केरियर ऑयल (जैसे कि जोजोबा ऑयल, ऑलिव ऑयल, नारियल तेल) के साथ भी मिक्स कर सकते हैं और उस मिक्स्चर को सीधे अपने स्केल्प पर लगा सकते हैं। इसे एक घंटे के लिए लगा रहने दें और फिर अपने बालों को हमेशा की तरह धो लें। [१४]
    • टी ट्री ऑयल से स्केल्प कंडीशन का इलाज होने के साइंटिफिक एविडेंस अभी कुछ क्लियर नहीं हैं। [१५]
  4. एथलीट्स फुट (एक तरह का फंगल इन्फेक्शन) और पैर के अंगूठे की फंगस से छुटकारा पाएँ: टी ट्री ऑयल और ऑलिव ऑयल की एक बराबर मात्रा मिक्स करें और इस मिक्स्चर को अपने प्रभावित हिस्से पर दिन में दो बार लगाएँ। [१६] इस ट्रीटमेंट को काम करने में करीब 4 हफ्ते तक का टाइम लग सकता है। पैर के अंगूठे की फंगस के लिए, 6 महीने तक हर दिन में 2 बार प्रभावित अंगूठे पर 100% टी ट्री ऑयल लगाएँ।
    • अगर आप बिना घुले टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं, तो 1 चम्मच नारियल का तेल और 1 से 2 बूंद टी ट्री ऑयल मिक्स करें और एक कॉटन बॉल की मदद से इसे लगाएँ। कॉटन बॉल को अपने अंगूठे पर बैंडेज करें और इसे रातभर के लिए लगा रहने दें। [१७]
  5. टी ट्री ऑयल को बैक्टीरियल और यीस्ट इन्फेक्शन, दोनों के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। एक टेंपून पर नारियल का तेल या ऑलिव ऑयल लगाएँ और फिर 2 से 4 बूंद टी ट्री ऑयल की एड करें। टेंपून इन्सर्ट करें और उसे एक घंटे के लिए अंदर ही रहने दें। अगर लक्षण बने रहें तो ऐसा 3 से 5 दिन तक करें। [१८]
  6. अगर आप प्रेग्नेंट हैं, ब्रेस्टफीड करा रही हैं या फिर आपने बच्चे को जन्म दिया है, तो आपको टी ट्री ऑयल के टोपिकल यूज को अवॉइड करना चाहिए। ये शायद आपके कोंट्रेक्शन (यूटेरस के कसने की प्रक्रिया) की स्ट्रेंथ को कम कर सकता है। [२०] अगर आपको टी ट्री ऑयल से, पेरू के बॉलसम (Balsam of Peru), बेन्ज़ोइन (benzoin), कोलोफनी (रोजिन), टिंचर, नीलगिरी, या लोहबान परिवार के पौधे से कोई एलर्जी या सेंसिटिविटी है, तो आपको टी ट्री ऑयल नहीं यूज करना चाहिए। [२१]
  7. टी ट्री ऑयल को जब सही तरीके से पतला किया जाता है, तब ये सेफ होता है, लेकिन इससे कुछ साइड इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं। इन लक्षणों में मुंह में सूजन, स्किन इरिटेशन (जैसे, जलन, खुजली, रेडनेस, रैश, गर्माहट), ईयर डैमेज, पेट में दर्द, थकान और सिर चकराना, डायरिया, कमजोरी या मितली शामिल हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो टी ट्री ऑयल को यूज करना तुरंत बंद कर दें। अगर साइड इफकेट्स बने रहें, तो डॉक्टर को दिखा लें।

सलाह

  • टी ट्री ऑयल को कई तरह के ब्यूटी प्रॉडक्ट में भी यूज किया जाता है, जैसे कि ओरल हाइजीन, स्किन लोशन, होंठ और मुंह के घाव, साथ ही नाखूनों के फंगल इन्फेक्शन वाले प्रॉडक्ट।
  • क्योंकि माना जाता है कि टी ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक और एंटी-फंगल गुण होते हैं, ये एक्ने, फोड़े और दूसरी स्किन से जुड़ी परेशानियों को जन्म देने वाले जर्म्स को खत्म करने में मदद करता है। ये सेकंड और थर्ड डिग्री बर्न्स की वजह से होने वाले इन्फेक्शन को भी रोकने में मदद करता है, जो दाग या निशान पड़ने से रोकने में मदद करता है।
  • टी ट्री ऑयल को अपने शरीर के किसी बड़े एरिया पर लगाने से पहले, जरूरी है कि आप इसकी जरा सी मात्रा को अपनी स्किन के एक छोटे से भाग पर रखें। इस टेस्ट से आपको पता चल जाएगा कि आपको टी ट्री ऑयल से कहीं किसी तरह का कोई एलर्जिक रिएक्शन तो नहीं हो रहा है। अगर ऐसा है, तो आप इसका इस्तेमाल करना बंद कर सकते हैं और एक फिजीशियन से इसके बारे में बात कर सकते हैं।
  • टी ट्री ऑयल पालतू जानवरों के लिए टॉक्सिक हो सकता है, खासतौर से उनके लिए, जो इसे ग्रूमिंग के दौरान निगल लेते हैं।

चेतावनी

  • टी ट्री ऑयल को कभी भी इंटरनली नहीं लिया जाना चाहिए। इसकी वजह से गंभीर साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। फिर से, टी ट्री ऑयल को कभी न निगलें।

विकीहाउ के बारे में

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