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तुतलाने की वजह से कोई शारीरिक तकलीफ नहीं होती है, लेकिन इसकी वजह से थोड़ी शर्मिंदगी जरूर महसूस हो सकती है या लोग अक्सर तुतले लोगों (lisper) का मजाक उड़ाया करते हैं। अच्छी बात ये है कि ऐसी कई तरह की एक्सरसाइज मौजूद हैं, जिनकी प्रैक्टिस करके आप खुद की या आपके बच्चे की लगातार "स (S)" साउंड निकालने में मदद कर सकते हैं। इस विषय के एक्सपर्ट्स को स्पीच थेरेपिस्ट या स्पीच-लेंग्वेज पैथोलॉजिस्ट कहा जाता है और ये लोग बस कुछ ही हफ्तों के सेशन में आपकी तुतलाहट को कम करने में मदद कर सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

फ्रन्टल लिस्प की समस्या से छुटकारा पाना (Getting Rid of a Frontal Lisp)

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  1. इस एक्सरसाइज को उस समय इस्तेमाल करें, जब आप "स (S)" या "ज (Z)" की जगह पर "थ या त (TH)" बोलते हैं: फ्रन्टल लिस्प में, बोलने वाला इंसान "स" या "ज" साउंड करते समय उसकी जीभ को सामने, उसके दांतों के ऊपर रख लेता है जिसकी वजह से "द" साउंड निकलता है। [१] अगर उसके सामने के दांतों में गैप हुआ, तो वो शायद उसकी जीभ को इस गैप से धकेल सकता है। अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि, आपके साथ में ऐसा हो रहा है या नहीं, तो "स" या "ज" साउंड करते हुए, खुद को आईने में देखें।
    • फ्रन्टल लिस्प से "स" कुछ "मैथ" में "थ" जैसा सुनाई देता है और "ज" "फादर" के "द" जैसा सुनाई देता है।
  2. एक अच्छी रौशनी वाली जगह पर आईने के सामने जाएँ, ताकि आप बोलते समय आसानी से आपके मुँह को देख सकें। आईने में देखकर दांत दिखाकर मुस्कुराएँ। स्माइल करना आपके लिए खुद को देखना आसान बना देगा और साथ ही आपकी जीभ को थोड़ा सा पीछे, उस जगह तक खींचने में भी मदद करेगा, "स" साउंड निकालने के लिए जहां पर इसे रहना चाहिए। [२]
  3. आपके दांतों को एक-साथ रखें, लेकिन आपके होंठों को दूर रखकर स्माइल करते रहें। आपको आपके दांतों को बहुत ज्यादा ज़ोर से भी एक-साथ नहीं जकड़ना है।
  4. आपकी जीभ को इस तरह से मूव करें, ताकि उसकी टिप ठीक आपके दांतों के पीछे, आपके मुँह की छत या ऊपरी हिस्से पर ऊंचा रहें। आपकी जीभ को दांतों पर प्रैस न करें और आपकी जीभ को बहुत ज्यादा ज़ोर से प्रैस किया नहीं, बल्कि रिलैक्स रखें।
  5. अगर आपको एक हिस्स वाला "स" सुनाई नहीं देता है, तो शायद आपकी जीभ बहुत ज्यादा दूर सामने रुक गई होगी। आपकी जीभ को बाहर खींचकर और सामने की ओर स्माइल करके देखें। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो परेशान न हों। नीचे दी हुई दूसरी एक्सरसाइज ट्राय करके देखें और अक्सर प्रैक्टिस करते रहें।
  6. अगर आपके लिए ऊपर दी गई एक्सरसाइज में "स" कहना अभी भी मुश्किल लग रहा है, तो फिर इस एक्सरसाइज को ट्राय करके देखें। आपके दांतों को थोड़ा सा अलग कर लें और आपकी जीभ के साइड्स को आपकी ऊपरी दाढ़ (आपके मुँह में सबसे ऊपर के पीछे वाले दांत) के पीछे रखें। स्माइल करें और "ईट" कहने की कोशिश करें और अपनी जीभ को इसी शेप में पीछे रखें, जबकि एक फ़ाइनल "ट" साउंड बनाने के लिए आपकी जीभ की टिप ऊपर उठे। अगर आपकी जीभ का पीछे का हिस्सा ऐसे होने के दौरान गिर जाता है, तो तब तक प्रैक्टिस करते रहें, जब तक कि आप आपकी जीभ को इस पोजीशन में रखकर "ईट" बोलने न लग जाएँ।
    • ये "ईट" साउंड "मीट" या "स्लीट" में होने वाला साउंड हैं।
    • अगर आपको आपकी जीभ के पीछे के हिस्से को उठाया रखने में मुश्किल हो रही है, तो फिर "ईट" कहते समय अपनी जीभ को ऊपर रखने के लिए एक टंग डिप्रेसर (tongue depressor) या पोप्सिकल का इस्तेमाल करें।
  7. ईट साउंड को एक ईट्स (EETS) में बदलें, फिर ईस (EES) साउंड में बदलें: जब आप आपकी जीभ को सही पोजीशन में रखकर "ईट" कहना सीख जाएँ, फिर इसे "ट" साउंड को रोककर कहकर देखें। आप जब "ट-ट-ट-ट-ट (T-T-T-T-T-T)" कहें, तब आपकी जीभ की टिप को वहीं रखें। आपकी जीभ के सिरे से आगे का हवा का प्रवाह इस साउंड को एक "स" में बदल सकता है। जब तक कि आप एक "ईट्स" साउंड नहीं पा लेते तब तक इस एक्सरसाइज को प्रैक्टिस करते रहें, हालांकि जरूरी नहीं है कि आपको यहाँ आपके पहले दिन में ही पहुँच जाना है।
    • इस एक्सरसाइज में आपके मुंह से थोड़ी थूक बाहर आ सकती है!
  8. इन एक्सरसाइज को दिन में कम से कम एक बार, और बेहतर होगा दिन में और ज्यादा बार करें। जैसे ही आप एक-साथ कई बार "स" साउंड को रिपीट कर लेते हैं, फिर उसे शब्दों और सेंटेन्स में यूज करके देखें। आपके लिए शुरुआत में कुछ बेकार के शब्द कहना आसान लगेगा, जैसे कि "बीजसीट" या "आ साह असाह", फिर ज़ोर से पढ़ने की तरफ बढ़ें।
  9. ज्यादा सलाह पाने के लिए एक स्पीच थेरेपिस्ट से पूछें: अगर आपको कुछ हफ्तों के बाद भी आपकी तुतलाहट की वजह से परेशानी हो रही है, तो फिर आपके एरिया में एक स्पीच थेरेपिस्ट की तलाश करके देखें। वो शायद आपको ऐसी कुछ एक्सरसाइज दे सकते हैं, जो खासतौर पर आपकी स्पीच पैटर्न के लिए हो, जिन्हें खासतौर पर आपके द्वारा बोले जा रहे शब्दों को कहने के लिए डिजाइन किया गया हो।
विधि 2
विधि 2 का 4:

लेटरल लिस्प से राहत पाना

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  1. इस मेथड का इस्तेमाल ऐसी तुतलाहट के लिए करें, जिसमें "स्लशी (slushy) या रसीला" साउंड होता है: लेटरल लिस्प में, बोलने वाले की जीभ एक "स (S)" साउंड निकालने के लिए एक "ल (L)" साउंड वाली पोजीशन में पहुँच जाती है। दूसरे शब्दों में, जीभ की टिप कर्व के ऊपर वहाँ पर रहती है, जहां आपके मुंह की छत और ऊंचा होना शुरु करती है। जब बोलने वाला इंसान एक "स" साउंड निकालने की कोशिश करते है, तब हवा उसकी जीभ की साइड्स से होकर निकल जाती है, जो उसके साउंड को "स्लशी, गीला" या "थूक वाला" बना देती है। [३]
    • अक्सर, "शूट (shoot)" में "श्ह (SH)" और "मसा " या "कन्क्लू न" में "झ (ZH)" बोलना भी मुश्किल होता है।
  2. "नी" या "बिन" बोलें और शब्द को खत्म किए बिना, वोवल या स्वर को बढ़ने दें। इस साउंड के दौरान, आपको महसूस होना चाहिए कि आपकी जीभ का साइड आपके मुंह में थोड़ा सा उठ गया है, लेकिन बीच का हिस्सा अभी भी नीचा ही रहता है। जीभ की टिप भी नीची ही रहती है, जो किसी भी चीज को टच नहीं कर रही होती।
    • अगर आप आपकी जीभ के बीच के हिस्से को एक बटरफ्लाय या तितली के शरीर की तरह देखते हैं और साइड्स को उठे हुए पंखों की तरह, तो ये जीभ की पोजीशन बटरफ्लाय जैसी एक चीज की तरह दिखती है।
  3. अपनी जीभ को इस पोजीशन में रखकर जल्दी-जल्दी प्रैक्टिस करें: इसे आपकी जीभ के लिए एक स्ट्रेंथ एक्सरसाइज की तरह सोचें। आपकी जीभ को रिलैक्स करें, फिर उसे तेजी से "बटरफ्लाय पोजीशन" में ऊपर उठा लें। ये आपकी जीभ के साइड्स को मजबूत बनाना और उन्हें उस एक्सट्रा एयर फ़्लो को रोकने की आदत में पड़ने में मदद करता है, जो "स्लशी" लेटरल लिस्प बनाती है। इसे जब तक कि आप आसानी से इस पोजीशन तक नहीं पहुँच जाते, इसे तब तक के लिए प्रैक्टिस करें। [४]
  4. आपकी जीभ को बटरफ्लाय पोजीशन में रखें। फिर आपकी जीभ के द्वारा बनाई एक नली में से हवा मारें। इससे अगर आप हवा मारते समय बोलते हैं, तो एक ऐसा साउंड प्रोड्यूस होगा, जो ज्यादा "स" या "ज" की तरह साउंड करेगा। [५]
  5. इस एक्सरसाइज की प्रैक्टिस करते रहें और "स" को नॉर्मली कहने की कोशिश करें: बटरफ्लाय पोजीशन को हर रोज प्रैक्टिस करें और एक हवादार "स" साउंड बनाने के लिए उसमें से हवा मारें। फिर आपकी जीभ को फिर से रिलैक्स करें और टिप को ठीक आपके दांतों के पीछे तक उठाएँ। एक "स" साउंड बोलने की कोशिश करें। जब आपकी जीभ स्ट्रॉंग होती जाएगी और आप आपकी जीभ की साइड्स की इस पोजीशन को बनाने की आदत में आ जाएंगे, आपका ओर्डिनरी "स" भी बहुत कम और कम स्लशी साउंड करेगा।
  6. अगर आपको कुछ हफ्तों के बाद भी तुतलाने की परेशानी हो रही है, तो फिर आपके एरिया में एक स्पीच थेरेपिस्ट की तलाश करके देखें। वो शायद आपके लिए एक ऐसी खास एक्सरसाइज दे सकते हैं, जो आपको आपके मुंह को सही पोजीशन में रखने में मदद कर सके।
विधि 3
विधि 3 का 4:

छोटे बच्चे की तुतलाने की समस्या का इलाज करना

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  1. बच्चों में होने वाली तुतलाहट ज़्यादातर फ्रंटल लिस्प्स होती है, जिसमें जब बच्चा एक "स" साउंड करने की कोशिश करेगा, तब उसकी जीभ बहुत ज्यादा दूर धकेलकर चली जाती है। ज़्यादातर बच्चों में ये तुतलाहट होती है, लेकिन उनमें से ज़्यादातर इससे नेचुरली छुटकारा पाकर बड़े हो जाते हैं। अगर कोई बच्चा इससे नहीं उबर पाता है, तो फिर इस बात के लिए प्रोफेशनल के तर्क बंटे हुए हैं कि किसी बच्चे के द्वारा साढ़े 4 साल की उम्र में फ्रंटल लिस्प थेरेपी लेना चाहिए या फिर उसके 7 के होने तक इंतज़ार कर लेना चाहिए। आपके बच्चे के लिए विशेष सलाह पाने के लिए एक डॉक्टर से या स्पीच थेरेपिस्ट से बात करें, लेकिन इस बात को भी समझें कि अगर आपका बच्चा अभी साढ़े चार साल का ही है, तो उसकी तुतलाहट कोई बहुत बड़ी चिंता का विषय नहीं।
    • अगर उसकी तुतलाहट अलग तरह की है, जिसमें जीभ कुछ ज्यादा ही पीछे जाती है, तो ऐसे में स्पीच थेरेपिस्ट से कंसल्ट करने की सलाह दी जाती है।
  2. तुतलाने के ऊपर ध्यान खींचना शायद शर्मनाक और खुद को नीचा समझने का जिम्मेदार बन सकता है, जो बच्चे को उसकी तुतलाने की आदत से छुटकारा पाने में कहीं से भी मदद नहीं मिलेगी। [६]
  3. अगर बच्चे की नाक लगातार भरी रहरी है, वो छींकता रहता है या फिर उसे साइनस की दूसरी शिकायतें हैं, तो ये भी उसकी स्पीच को प्रभावित कर सकता है। ऐसा खासतौर पर तब होने की संभावना रहती है, अगर बच्चा केवल "स" के अलावा भी कई दूसरे साउंड भी उसकी जीभ को आगे रखकर निकालता है। [७] अपने डॉक्टर से एलर्जी और साइनस इन्फेक्शन के लिए चाइल्ड-सेफ ट्रीटमेंट की सलाह की तलाश करें।
  4. भले ही अंगूठा चूसने से बच्चों को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन ये दाँतों को पोजीशन से अलग करके, तुतलाने की परेशानी में एक अहम भूमिका अदा कर सकते है। [८] अगर बच्चा चार साल की उम्र के बाद लगातार उसके अंगूठे को चूसता रहता है, तो फिर इसकी जगह पर बच्चे को दोनों हाथ का इस्तेमाल होने वाली उसकी किसी फेवरिट एक्टिविटी को देकर, इसे रोकने की कोशिश करें। बच्चे से अंगूठा चूसना बंद करने का कहते रहना, उसे इसे करने के लिए कोई पनिशमेंट देने या फिर इसे नहीं करने पर कोई रिवार्ड देने से शायद ज्यादा प्रभावी नहीं होगा।
  5. ओरल मोटर एक्सरसाइज (oral motor exercises) इस्तेमाल करने के बारे में सोचें: ओरल मोटर एक्सरसाइज को कभी-कभी बच्चों के लिए स्पीच डेवलप करने के लिए रिकमेंड किया जाता है, लेकिन कुछ नॉर्मल स्थितियों की रिसर्च से पता चला है कि ये ज्यादा असरदार नहीं होती हैं। [९] हालांकि, ऐसा हो सकता है कि तुतलाने वाले बच्चे को मुंह की मसल्स में फायदा मिलेगा और संबंधित एक्सरसाइज सरल और हानिरहित हैं: बच्चे को उसकी ड्रिंक के लिए एक स्ट्रॉ दें, और उसे ऐसे खिलौने से खेलने के लिए प्रेरित करें, जिनमें हवा मारना शामिल है, जैसे टॉय हॉर्न या बबल्स। [१०]
  6. ऐसे लोग, जिनकी "टंग टाई" या चिपकी हुई जीभ (ankyloglossia) होती है, वो जीभ और मुँह के बीच में एक छोटे अटेचमेंट्स के साथ या फ़्रेनलम (frenulum) या फिर जीभ की टिप के बहुत करीब एक अटेचमेंट के साथ जन्म लेते हैं। अगर बच्चो को उसकी होंठ पर जीभ फेरने की या फिर जीभ को बाहर रखने की परेशानी है, तो ये छोटा अटेचमेंट तुतलाने के पीछे की वजह हो सकता है। [११] इसका मतलब ये नहीं कि बच्चे को सर्जरी की जरूरत ही पड़े, लेकिन डॉक्टर शायद कुछ मामलों में इसकी सलाह दे सकते हैं। सर्जरी को फ्रेनटेक्टॉमी (frenectomy) कहा जाता है, इसमें ज्यादा से ज्यादा बस कुछ मिनट का ही समय लगता है और इससे आमतौर पर मुँह में तकलीफ के अलावा और किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। [१२]
  7. अगर डॉक्टर जीभ की सर्जरी की सलाह देते हैं और बच्चे के अभिभावक इसे करने का फैसला करते हैं, तो सर्जरी को जीभ की एक्सरसाइज के साथ में फॉलो करें। ये जीभ को मजबूती देगा, बोलने की परेशानी में मदद करता है और फ़्रेनलम को दोबारा अटेच होने से रोकता है, जो कुछ तरह की सर्जरी में हो सकता है। अगर बच्चा अभी भी ब्रेस्टफीड करता है, तो उसके डॉक्टर शायद आप से खुद, हाथों को धोने के बाद बच्चे की जीभ को आराम से स्ट्रेच करने की सलाह देंगे। [१३] ब्रेस्टफीड करने वाले बच्चे से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए, सर्जन और स्पीच थेरेपिस्ट की सलाह फॉलो करें।
विधि 4
विधि 4 का 4:

स्पीच थेरेपी/पैथोलॉजी से क्या उम्मीद रखना चाहिए

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  1. जब तक कि तुतलाने की परेशानी ठीक न हो जाए, तब तक रेगुलर, वीकली अपोइंटमेंट लेने की उम्मीद करें: स्पीच पैथोलॉजी एकदम तुरंत आराम नहीं पहुंचाते हैं। अच्छे स्पीच-लेंग्वेज पैथोलॉजिस्ट (SLPs) अच्छी स्पीकिंग हैबिट्स और ट्रिक्स बनाने के लिए आपके या आपके बच्चे के साथ में मिलकर काम करेंगे। आप जितना ज्यादा मिल सकते हैं, आप उतनी ही ज्यादा तेजी से आपकी तुतलाहट से आराम पा लेंगे। [१४]
    • सेशन्स आमतौर पर 20 मिनट और एक घंटे के बीच में होते हैं।
    • कुछ क्लीनिक ग्रुप थेरेपी ऑफर करते हैं, जिससे आपके ऊपर परफ़ोर्म करने का प्रैशर कम रहेगा। [१५]
  2. अपनी या अपने बच्चे की मेडिकल और स्पीच हिस्ट्री के बारे में बात करने के लिए तैयार रहें: हल पाने के लिए आपको तुतलाने के पीछे की वजह जानने की जरूरत होगी। भले ही कुछ लोग तुतलेपन के साथ में जन्म लेते हैं, लेकिन कुछ स्पीच प्रॉब्लम मेडिकल हिस्ट्री से जुड़ी रहती हैं, कभी-कभी जन्म के साथ चलते जाती है। आपके साथ में मेडिकल रिकॉर्ड्स की एक कॉपी लेकर चलें। एक अच्छा प्रोफेशनल उनकी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं।
    • पैरेंट्स अपने बच्चों की तुतलाहट को हराकर मदद करने में मददगार होते हैं -- थेरेपिस्ट आपकी मदद की उम्मीद रखें। [१६]
  3. स्क्रीन किए जाने और आंकलन कराने के लिए तैयार रहें, जो आमतौर पर छोटे कन्वर्जेशन या कुछ शब्दों के टेस्ट के जैसा होता है: आगे क्या करना है, इसका फैसला करने के लिए SLP आपको बोलते हुए सुनना चाहेंगे। इसमें आमतौर पर कुछ आसान सवाल या दोहराए जाने वाले शब्द शामिल होते हैं। आप चाहें तो एक ओरल मोटर एक्जाम भी कर सकते हैं, जिसमें कुछ एक्सरसाइज की सीरीज शामिल होती है, जिनसे देखा जाता है कि बोलते समय आपका मुँह कैसे मूव होता है।
    • अगर आप आपके बच्चे को लेकर गए हैं, तो SLP शायद उसे आपके साथ में या दूसरे बच्चों के साथ में खेलते हुए ऑब्जर्व कर सकते हैं। उन्हें प्रैशर में नहीं, नॉर्मल तरीके से बोलते हुए देखना जरूरी होता है।
    • आप शायद सीखने और प्रैक्टिस के लिए रिकॉर्ड की हुई स्पीच भी रख सकते हैं। [१७]
  4. जैसे ही मुश्किल की पहचान कर ली जाए, फिर उसे सुधारने की जरूरत है। इसमें आमतौर पर कॉपी-कैट करना शामिल होता है। थेरेपिस्ट एक शब्द बोलेंगे और आप मुँह, जीभ और साँसों -- फिजिकल मूवमेंट को कॉपी करने के ऊपर काम करेंगे। आपको आपके मुँह के मूवमेंट को देखने में मदद के लिए एक आईना दिया जा सकता है।
  5. इनमें से ज़्यादातर एक्सरसाइज को घर पर भी प्रैक्टिस किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। आगे जाकर आपकी तुतलाहट के ऊपर काम करने के लिए एक होमवर्क मिलने की उम्मीद रखें। [१८]
  6. एकदम से आराम मिलने की बजाय, कई हफ्तों के लिए काम करने की उम्मीद रखें: इस बात को समझें कि आप आगे जाकर जरूरत के हिसाब से नई स्ट्रेटजी बनाते रहेंगे। अगर वो कहते हैं कि इसमें कुछ हफ्ते या महीने का समय लग सकता है, तो इसे लेकर परेशान न हों। जैसे ही आपको तुतलाने की समस्या से छुटकारा पाने की स्किल्स मिल जाएंगी, ये मुश्किल से कभी वापस आएगी।
    • हर कोई अलग होता है -- कुछ लोग शायद महीने भर के लिए वीकली सेशन से असर देख लेते हैं, तो कुछ के लिए एक साल तक का या उससे भी ज्यादा का समय लग सकता है।
    • अगर आप आपकी प्रोग्रेस को लेकर संतुष्ट नहीं हैं, तो फिर घर पर प्रैक्टिस करने लायक एक्सरसाइज या तरीकों के बारे में पूछें।

सलाह

  • धैर्य रखें। रेगुलर कन्वर्जेशन में तुतलाने की आदत में सुधार आने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है।
  • अगर इस आर्टिकल में बताए हुए तुतलाने के प्रकार, आपकी तुतलाने की परेशानी से मेल नहीं खाते हैं, तो एक थेरेपिस्ट को दिखा लें। तुतलाने के कई प्रकार हो सकते हैं; यहाँ पर दर्शाए प्रकार सबसे कॉमन हैं।

चेतावनी

  • बहुत ज्यादा देर के लिए स्माइल करने की वजह से आपके जबड़े में दर्द हो सकता है और इसकी वजह से आप आपके दांतों को जकड़ना शुरू कर देंगे, जो आपके लिए आपकी बोलने वाली एक्सरसाइज को कर पाना मुश्किल बना देगा। अगर ऐसा होता है, तो एक्सरसाइज को रोक दें, और एक जेंटल, सर्कुलर मोशन में आपके जबड़ों की मसल को रगड़ें।

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