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जब आप बिजली के तारों के साथ काम कर रहे हों, तो ये जानना ज़रूरी होता है की कौन सा तार पॉजिटिव है और कौन सा नेगेटिव | जहाँ कुछ तारों पर साफ़ प्लस (पॉजिटिव) या माइनस (नेगेटिव) लिखा होगा, बाकि पर इतना साफ़ नहीं होता है | ऐसे बिना नामाँकित तारों के लिए आप उसकी पोलेरिटी रंग और गठन जैसे बाहरी गुण देख कर तय कर सकते हैं | अगर आपको फिर भी यकीन नहीं है, तो डिजिटल मल्टीमीटर से तारों को जांच लें | उसके बाद, अपना काम शुरू कर लीजिये!

विधि 1
विधि 1 का 2:

आम स्तिथियों में तारों की पहचान

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  1. ये जान लें की उपकरणों के तारों में अक्सर पॉजिटिव और नेगेटिव छोर नहीं होते हैं: इसके बजाय उनमें "हॉट (hot)" तार और "न्यूट्रल (neutral)" साइट्स होती हैं | [१]
  2. ये ध्यान दें की रिब्बड (ribbed) तार किसी भी एक्सटेंशन कॉर्ड में नेगेटिव होता है: अगर आपके पास ऐसा तार है जिसके दोनों तरफ एक ही रंग है, जो की अक्सर कॉपर होता है, तो जो तार थोड़ा सा घुमावदार है वो नेगेटिव तार होगा | तार के ऊपर अपनी उँगलियाँ फिरा कर तय करें की रिब्बिंग किस तरफ दी गयी है | [२]
    • दूसरा तार छूएं जो की ज़्यादा समतल होगा | ये आपका पॉजिटिव तार होगा |
  3. छत पर लगी लाइट में काले पॉजिटिव तार की पहचान करें: जब आप छत पर लाइट या शैंडलेयर टाँग रहे हों, तो जहाँ लाइट को जाना है उस छेद में से निकल रहे तीनो तार ढूंढे | ध्यान से देखें की काला तार पॉजिटिव है, सफ़ेद तार नेगेटिव और हरा तार ग्राउंड का | [३]
    • ग्राउंड के लिए आपको हरे तार के बजाय कॉपर तार देखने को मिल सकता है |
  4. ये ध्यान दें स्पीकर के तार में कॉपर तार अक्सर पॉजिटिव होता है: स्पीकर्स और एम्पस जैसी चीज़ों पर मौजूद एक आम तार में, स्लेटी तार नेगेटिव और कॉपर रंग का तार पॉजिटिव होता है | ये तार अक्सर एक साफ़ केसिंग से जोड़े गए होते हैं, इसलिए दोनों तरफ की पोलेरिटी पता करना आसान होता है | [४]

    अलग अलग रंगों की सम्भावना

    अगर कई रंगों का तार काला और लाल है, तो काला तार नेगेटिव होता है , जबकि लाल वाला पॉजिटिव होता है

    अगर दोनों तार काले हैं पर एक में सफ़ेद धारी है, तो धारी दार नेगेटिव है , जबकि सादा काला तार पॉजिटिव होता है [५]

  5. ओनर मैन्युअल में देखें की आपकी तार में कौन से तार नेगेटिव हैं: हर कार में तारों के लिए अलग रंगों का प्रयोग किया जाता है | इसका कोई निर्धारित या अंतरराष्ट्रीय तरीका नहीं है, तो अपनी कार मैन्युअल में उस मेक से जुड़ा हुआ वायरिंग डायग्राम ढूंढे | [६]
    • अगर आपके पास अब मैन्युअल नहीं है, तो ऑनलाइन या लाइब्रेरी में जाकर खोजें | या, किसी लोकल दुकान या डीलरशिप में जाकर किसी मैकेनिक से बात करें |
विधि 2
विधि 2 का 2:

डिजिटल मल्टीमीटर की मदद से

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  1. अपने डिजिटल मल्टीमीटर को डायरेक्ट करेंट की वोल्टेज सेटिंग पर रखें: सिलेक्टर स्विच, जो मल्टीमीटर के बीच में स्थित बड़ा नॉब होगा, को उस निशान तक घुमाएं जो बीच में से लाइन कटा हुआ कैपिटल “V” जैसा दिखता है | ये आपके मल्टीमीटर की डायरेक्ट करेंट वोल्टेज सेटिंग होती है | [७]
    • पोलेरिटी जाँचने के लिए एनालॉग मल्टीमीटर का प्रयोग नहीं करें | गलत लीड्स को गलत तारों से जोड़ने से अक्सर एक एनालॉग मल्टीमीटर ख़राब हो जाता है |
  2. एक लीड हर तार से जोड़ कर तारों को मल्टीमीटर से कनेक्ट कर दें: अभी के लिए इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है की कौन सी लीड किस तार से कनेक्ट की गयी है | लाल लीड पर मौजूद छोटी एलीगेटर क्लिप को एक तार से अंत से जोड़े और काले लीड की क्लिप को दूसरे तार के अंत में | [८]
    • ये ध्यान दें की काला लीड मल्टीमीटर के आगे मौजूद “COM” नामाँकित पोर्ट में प्लग इन हो | लाल लीड को उस पोर्ट में प्लग करें जिस पर वॉल्ट का निशान यानि "V" बना हो |
  3. रीडिंग को देखें की क्या वो पॉजिटिव या नेगेटिव अंक है: एक बार आपने लीड्स तारों से जोड़ दिए, तो मल्टीमीटर की स्क्रीन पर आ रहे अंकों की जांच कर दें | ये आपके तार की वोल्टेज है, और पॉजिटिव या नेगेटिव हो सकती है | [९]
    • अगर कोई रीडिंग नहीं आ रही है, तो ध्यान से देखें की एलीगेटर क्लिप्स ठीक से तारों के साथ जुड़ी हैं |
    • अगर फिर भी आपको अंक नहीं दिखाई दे रही है, तो मल्टीमीटर की बैटरीज बदल कर फिर से देखें | अगर फिर भी रीडिंग नहीं आ रही है तो आपको नयी लीड्स की ज़रुरत होगी |
  4. ध्यान दें की अगर लाल लीड की रीडिंग पॉजिटिव है तो तार भी पॉजिटिव होगा: अगर आपके मल्टीमीटर की रीडिंग कोई पॉजिटिव अंक है जैसे उदाहरण के तौर पर, 9.2 तो लीड्स सही से जुड़ी हुई हैं | इसका मतलब ये की लाल लीड से जुड़ा तार पॉजिटिव है और काले लीड से जुड़ा तार नेगेटिव है |
    • अगर आपके मल्टीमीटर की रीडिंग नेगेटिव आ रही है, जैसे -9.2, तो लीड उल्टी लगी है, मसलन लाल लीड नेगेटिव तार से जुड़ी है |
  5. अगर नेगेटिव रीडिंग आ रही है तो लीड्स को बदल दें ताकि लाल वाली अब दूसरे तार से जुड़ी हो: लीड्स को उल्टा कर दें ताकि लाल लीड उस तार से जुड़ी हो जिससे काली जुड़ी थी और विपरीत | एक बार आप उन्हें उल्टा कर देंगे, पॉजिटिव रीडिंग देख कर पुष्टि करें की लीड्स सही तारों से जुड़ी हुई हैं |
    • उदाहरण के तौर पर, देखें की -9.2 की रीडिंग 9.2 हो गयी है |
    • अगर रीडिंग नेगेटिव ही आ रही है, तो आपका मल्टीमीटर ख़राब हो सकता है | आप उसे किसी इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर में ले जाकर उसके फ्यूज़ जांच करवा सकते हैं, या नया भी खरीद सकते हैं |

चेतावनी

  • सर्किट में पोलेरिटी को उल्टा करने से पावर सोर्स बेकार हो सकता है और धमाका भी हो सकता है |
  • गलत तार जोड़ना, जैसे वहां पॉजिटिव तार इस्तेमाल करना जहाँ नेगेटिव तार का प्रयोग करने से, तार भी जल सकता है |
  • अगर आपको तय नहीं है की कौन सा तार पॉजिटिव या नेगेटिव है तो एनालॉग मल्टीमीटर का इस्तेमाल नहीं करें | गलत पोलेरिटी को गलत लीड्स से जोड़ने से मल्टीमीटर को नुकसान पहुँच सकता है |

विकीहाउ के बारे में

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