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जब अपने बच्चे को ठोस आहार से परिचित कराने का समय हो (जब वे 4 से 6 महीने की बीच की आयु के हों ) तब वे सही रूप से क्या खायेंगे, यह जान लेने से बहुत सुविधा हो जाती है | अपने बच्चे के लिए खुद घर पर शिशु आहार या बेबी फ़ूड बनायें और बच्चे की नयी डाइट में प्रयोग होने वाले प्रत्येक सामान का पता रखें | आपको होममेड बेबी फ़ूड (homemade baby food) या घर पर बनने वाले शिशु आहार को बनाने के लिए बहुत सारे विचित्र सामानों की ज़रूरत नही है बल्कि कुछ उपकरणों, कुछ ताज़े भोज्य पदार्थों और निम्नलिखित दिशानिर्देशों के द्वारा आप अपने बच्चे के लिये एक पौष्टिक भोजन या नाश्ता तैयार कर सकते हैं | शुरुआत करने के लिए पहली प्रक्रिया देखें:

विधि 1
विधि 1 का 3:

होममेड बेबी फ़ूड या घर पर बनाये जाने वाले शिशु आहार की तैयारी करें

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  1. पहले चरण में अपने शिशु के लिए स्वादिष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन बनाने के लिए ताज़ी और अच्छी गुणवत्ता वाले भोज्य पदार्थ चुनें |
    • अगर संभव हो तो जैविक (organic) उत्पाद खरीदें और ध्यान रखें कि फल और सब्जियां पके हुए और दाग-धब्बे रहित हों | खरीदने के बाद सभी फल और सब्जियों को 2 या 3 दिन के अंदर पकाने या उपयोग करने की कोशिश करें |
    • सबसे पहले प्रयोग करने के लिए चीज़ें जैसे सेव, नाशपाती, आडू या पीचिस (peaches) और शकरकंद या स्वीट पोटैटो (sweet potato) को चुनें | ऐसे भोज्य पदार्थों के उपयोग से बचें जो बच्चे के लिए निगलने में कठोर और नुकसान पहुंचाने वाले हो सकते हों जैसे हरी बीन्स या छिलके के साथ मटर, इन्हें आप पकाने और पीसने के बाद एक महीन छलनी से छानकर ही दें |
  2. अगला चरण भोज्य पदार्थों को पकाने और परोसने के लिए तैयार करना है | इसमें भोज्य पदार्थ को साफ़ करना और ऐसे हिस्सों को हटाना शामिल है जिसे बच्चा चबा या पचा नहीं सकता जैसे- स्किन्स, नट्स, बीज और फैट |
    • सभी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें | छिलके वाले भोज्य पदार्थों को छीलें और बीज वाली चीज़ों के अंदर के बीज निकाल लें | सब्जियों को एक समान छोटे-छोटे क्यूब (cube) के आकार में काट लें जिससे ये एक समान पक सकें | मात्रा के सम्बन्ध में, 2 पौंड (900 ग्राम) साफ़ टुकड़ों में कटे हुए भोज्य पदार्थ से लगभग 2 कप (300 ग्राम) होममेड (homemade या घर पर बनने वाला) शिशु आहार या बेबी फ़ूड बनेगा |
    • आप मीट और पॉल्ट्री (poultry) को पकाने से पहले धोकर स्किन को निकाल सकते हैं और किसी भी तरह के फैट को काट-छांट करके निकालकर तैयारी कर सकते हैं | अनाज जैसे क़ुइनोअ (quinoa) और बाजरा को उनके पैकेट पर लिखे निर्देशों के अनुसार तैयार करना चाहिए |
  3. अगर आप एक पका हुआ फल तैयार कर रहे हैं –जैसे एक नर्म नाशपाती या एवोकाडो तो इसे आप साधारण रूप से एक फोर्क से मसलें और तुरंत परोसें | दूसरी ओर, सब्जियां, मीट और अनाज को पहले पकाने की ज़रूरत होगी | पकाने की विधियों में आपके पास इसके कई विकल्प होते है जैसे:
    • सब्जियों को पकाने के लिए उन्हें भाप में पकाना या स्टीमिंग (steaming) प्रक्रिया अपनाना एक अच्छा उपाय है क्योंकि इससे अधिकतर पोषक तत्व सुरक्षित बने रहते हैं | इसके लिए एक स्टीमर बास्केट (steamer basket) का उपयोग करें या उबलते हुए पानी के सॉस पैन के ऊपर एक छलनी रखकर प्रयोग करें | भोजन के नर्म होने तक सामान्यतः लगभग 10 से 15 मिनट भाप तक इसे भाप में पकाएं |
    • उबालने का प्रयोग आप अनाज, सब्जियां और कुछ विशेष जंतु उत्पादों को पकाने के लिए कर सकते हैं | अगर आप चाहें तो भोजन को एक सूप के रूप में उबालते समय उसमे कई स्वाद मिला सकते हैं |
    • शकरकंद या स्वीट पोटैटो, सलीबधारी सब्जियां (cruciferous veggies), मीट और पॉल्ट्री (poultry) जैसी चीज़ों के लिए बेकिंग एक अच्छा विकल्प है | इनमे आप बेकिंग के समय हर्ब्स और हल्के मसाले डालकर इनमे थोडा स्वाद डाल सकते हैं (अपने बच्चे को स्वाद चखाने में डरे नहीं)|
  4. बेबी फ़ूड (baby food) बनाते समय छोटे बैचेस (batches) में काम करने की कोशिश करें: यह सुनिश्चित कर लें कि सभी सामग्री अच्छी तरह से मिल गयी है | ये बात याद रखें कि कुछ भोज्य पदार्थों की सही कंसिस्टेंसी पाने के लिए उनमे थोडा तरल मिलाने की आवश्यकता होगी और यह तरल पानी, ब्रैस्ट मिल्क, मिल्क फार्मूला या एक सुरक्षित रखे गये खाना बनाने के पानी की थोड़ी सी मात्रा हो सकती है (अगर भोजन उबला हुआ था तो)|
  5. प्यूरी किये गये भोज्य पदार्थों को ठंडा होने दें: एक बार भोजन के ठीक तरह से पकने पर इसे एक तरफ रख दें और पूरी तरह से ठंडा होने दें | ध्यान रखें कि मीट और पॉल्ट्री (poultry) प्रोडक्ट्स में किसी प्रकार के पिंक पदार्थ न बचें, इससे बच्चों को भोजन विषाक्तता हो सकती है |
    • एक प्रोसेसिंग (processing) विधि या भोजन बनाने की विधि चुनें | छोटे बच्चों को उनके भोजन की प्यूरी में खाने के पहले क्रीमी टेक्सचर (texture) की ज़रूरत होगी, वहीँ बड़े बच्चे भोजन के टुकड़ों को खा सकते हैं | अपने बेबी फ़ूड को बनाने या प्रोसेस के लिए आपके द्वारा चुनी जाने वाली विधि बच्चे की उम्र और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकता पर निर्भर करती है |
    • वैकल्पिक रूप से, आप भोजन प्रक्रिया से एक स्मूथ प्यूरी (smooth puree) बनाने के लिए अपने “किचन ब्लेंडर (kitchen blender)”, “फ़ूड प्रोसेसर (food processor)” या “हैण्ड ब्लेंडर” का उपयोग कर सकते हैं | ये उपयोग करने में तेज़ और आसान हैं लेकिन अगर आप कम मात्रा भोजन बना रहे हैं तो इन्हें जोड़ना, साफ़ करना थोडा कष्टदायक हो सकता है |
    • आप एक “हस्तचलित फ़ूड मिल (hand-turned food mill)” या एक “बेबी फ़ूड ग्राइंडर” का उपयोग भी कर सकते हैं | ये दोनों ही उपकरण बिजली से नहीं चलते और पोर्टेबल (portable) हैं | ये अच्छी तरह से काम करते हैं और अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं लेकिन धीमे होते हैं और इन्हें चलाने के लिए अधिक शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है |
    • अंत में, बहुत नर्म चीज़ें जैसे पका हुआ केला, एवोकाडो और सिंके हुए शकरकंद या स्वीट पोटैटो (sweet potato) को मनचाही कंसिस्टेंसी (consistency) में मसलने के लिए आप एक अच्छे “फोर्क (fork)” का उपयोग कर सकते हैं |
  6. एक बार घर पर बनाये जाने वाले शिशु आहार के पकने, ठन्डे होने और प्यूरी बन जाने पर आप इसमें से थोडा तुरंत परोस सकते हैं और बांकी बचे हुए आहार को संगृहीत करके रख सकते हैं | घर पर बने शिशु आहार या बेबी फ़ूड को सही तरीके से संगृहीत करना बहुत ज़रूरी है इसलिए इसे ख़राब न होने दें और इसमें बैक्टीरिया विकसित न होने दें क्योंकि ये आपके बच्चे को बीमार बनायेंगे |
    • भोजन में से चम्मच भर बेबी फ़ूड एयरटाइट ढक्कन वाले प्लास्टिक के जार या कांच के जार में रखें और इसे रेफ्रीजिरेटर में रखें | पात्र पर भोजन के बनने की तारीख का लेबल लगायें जिससे आप भोजन की ताजगी का मालूम कर सकते हैं और तीन दिन से अधिक पुराने भोजन को नष्ट कर सकते हैं |
    • वैकल्पिक रूप से, आप एक-एक चम्मच भर भोजन को ढंकी हुई आइसक्यूब (icecube) की ट्रे में रखकर फ्रीज़ कर सकते हैं | एक बार आइसक्यूब पूरी तरह से फ्रीज़ हो जाएँ तो इन्हें ट्रे से निकाल लें और सील करने योग्य प्लास्टिक बैग में रखें | बेबी फ़ूड के प्रत्येक क्यूब में भोजन के एक हिस्से की पर्याप्त मात्रा होती है इसलिए इसी के अनुसार इसे पिघलाएं |
    • फ्रोजेन (frozen) पुरी वाले फल और सब्जियां 6 से 8 महीनों के लिए रखे जा सकते हैं जबकि फ्रोजेन मीट और पोल्ट्री (poultry) लगभग 1 से 2 महीनों तक ही ताज़ा रहती है | [१]
विधि 2
विधि 2 का 3:

विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों के साथ प्रयोग करें

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  1. शुरुआत परम्परागत शिशु आहार (बेबी फ़ूड) के साथ करें: अधिकतर परंपरागत शिशु आहार नर्म, प्राकृतिक रूप से मीठे फलों और सब्जियों के द्वारा बनाये जाते हैं जिससे इन्हें तैयार करना आसान होता है |
    • कुछ भोज्य पदार्थों में शामिल हैं केले, नाशपाती, ब्लूबेरी, अखरोट, आम, आडू या पीचिस (peaches), सूखा आलूबुखारा (prunes) और सेव और सब्जियां जैसे एवोकाडो, गाजर, मटर, शकरकंद या स्वीट पोटैटो (sweet potato), बटरनट (butternut) |
    • ये भोज्य पदार्थ बच्चों के द्वारा पसंद किये जाने और बनाने में आसान होने के लिए प्रसिद्द हैं |
    • ये आपके बच्चे की स्वाद कलिकाओं को खोलने में मदद करेंगे और भोजन के समय को अधिक मज़ेदार बनायेंगे | लेकिन ध्यान रखें कि अपने बच्चे से ज़रूरत से ज्यादा अपेक्षा न रखें और एक समय पर एक ही नया आहार दें और किसी अन्य आहार से शिशु को परिचित कराने से पहले कम से कम तीन दिन तक इंतज़ार करें | इससे आपको किसी भी प्रकार की एलर्जी के कारण को आसानी से पहचानने में मदद मिलेगी | [२]
  2. उबला हुआ मीट बच्चो के लिए सर्वोत्तम प्रथम आहार है | यह पूरे परिवार के लिए भी स्वादिष्ट, पौष्टिक और मज़ेदार हो सकता है |
    • वैकल्पिक रूप से, आप पोर्क (सूअर का मांस) भी साइट्रस जूस से साथ दे सकते हैं | [२]
  3. परम्परागत रूप से, माता-पिता अपने बच्चे को एक साल का होने तक मछली और अन्य एलर्जी उत्पन्न करने वाले भोज्य पदार्थों को खिलाने से मना करते हैं | इस विषय पर इचार किया जा रहा है, हालाँकि, वर्तमान में इस सोच में बदलाव हुआ है |
    • शिशु चिकित्सा की अमेरिकन अकेडमी के एक अध्ययन में वर्ष 2008 में यह प्रकाशित किया गया था कि 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ये भोज्य पदार्थ सुरक्षित हैं बशर्ते इनसे उनमे कोई एलर्जी के चिन्ह न दिखाई दें, वे अस्थमा से पीड़ित न हों और न ही उनमे इसका कोई पारिवारिक इतिहास हो | [३]
    • इस प्रकार, आप अपने बेबी को सामन (salmon) जैसी मछली खिलाने के बारे में सोच सकते हैं जिसमे स्वस्थ फैट की भरपूर मात्रा होती है और यह बहुत पौष्टिक होती है | थोडा सा पानी छिड़कर एक पात्र में सामन को पूरी तरह से पकने तक उबालें | फिर प्यूरी बनाने से पहले इसे ठंडा होने दें, एक बाउल में गाजर या अन्य सब्जियों के साथ मसलें (छोटे शिशुओं के लिए) या इन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़कर डालें (थोड़े बड़े बच्चों के लिए) |
  4. अच्छा होगा अगर आप अपने बच्चे को जल्दी से जल्दी बाजरा और क़ुइनोआ (quinoa) जैसे समग्र अनाज देना शुरू कर दें |
    • समग्र अनाज को नीरस और उबाऊ बनाने की ज़रूरत नहीं है बल्कि आप इनमें मसाले डालकर इन्हें चिकन या सब्जियों के पानी में पका सकते हैं या इनमे नर्म और स्वादिष्ट सब्जियां जैसे प्याज़ आदि को मिलाकर भी पका सकते हैं |
  5. मछली के समान ही अभिभावक अपने शिशुओं के एक साल के होने तक उन्हें अंडे नहीं देने की परम्परागत सलाह देते थे | आजकल, ऐसा माना जाता है कि शिशु शुरुआत से ही अंडे खा सकते हैं बशर्ते, उनमें इससे कोई एलर्जी के चिन्ह न दिखें या एलर्जी को कोई का पारिवारिक इतिहास न हो |
    • अंडे बहुत पौष्टिक होते हैं और इनमे प्रोटीन, विटामिन-बी और अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है | आप जैसे चाहें इन्हें पका सकते हैं जैसे- सेंककर, तलकर या आमलेट में पकाकर |
    • बस, ध्यान रखें कि ठोस होने तक अंडे का सफ़ेद और पीला दोनों हिस्से अच्छी तरह से पक जाएँ क्योंकि कम पके हुए अण्डों से भोजन विषाक्तता हो सकती है |
    • एक कठोर उबले हुए अंडे को आधे एवोकाडो के साथ मसलने की कोशिश करें या सिंके हुए अंडे को थोड़ी सब्जियों की प्यूरी के साथ मिलाएं या फिर तले हुए अंडे को बारीक काटकर चावल या ओटमील में मिलाएं (थोड़े बड़े बच्चों के लिए) | [४]
  6. कई अभिभावक केवल इसी धारणा पर अटके रहते हैं कि बेबी फ़ूड पिसा हुआ और स्वादहीन होना चाहिए, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है! शिशु भी विभिन्न प्रकार के स्वादों का मज़ा लेने के लिए पूरी तरह से समर्थ होते हैं |
    • जब आप बटरनट (butternut) स्क्वाश को पीसने के लिए भून रहे हों तब पैन में थोड़ी सी रोजमेरी (rosemary) मिलाएं, पके हुए चिकन ब्रैस्ट पर थोड़े जीरे या लहसुन का पाउडर छिडकें, अपने शिशु के ओटमील में थोड़ी सी दालचीनी मिलाएं या उबले हुए आलू में थोडा सा बारीक कटा हुआ हरा धनियाँ मिलाएं |
    • शिशु भी मसालेदार भोजन को आप जैसा सोचते हैं उससे कहीं बेहतर रूप से सहन कर सकते हैं | निश्चित रूप से, आप अपने शिशु के मुंह को जलना या उत्तेजित करना नहीं चाहते लेकिन आप थोड़ी मृदु प्रकार की पिसी हुई मिर्च को सब्जियों की प्यूरी या उबले हुए मीट में मिलाने के बारे में सकते हैं | [३]
  7. यह जानकार आपको बहुत आश्चर्य हो सकता है कि कई बच्चे खट्टे भोज्य पदार्थों का बहुत आनंद लेते हैं | कुछ पके हुए खट्टे फलों को पीसकर अपने शिशु को दें और देखें कि क्या उसे भी यह पसंद आता है? आप उबला हुआ, बिना मीठा रेवन्दचीनी या रुबर्ब (ruhbarb) या पिसा हुआ बेर भी खिला सकते हैं, दोनों में तीखा, ताज़ा स्वाद होता है | [५]
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने शिशु को ठोस आहार से परिचित कराएं

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  1. बेबी के मुंह को जलने से बचाने के लिए ठोस बेबी फ़ूड का तापमान शरीर के तापमान से ज्यादा नहीं रखना चाहिए |
    • विशेषरूप से आपको तब सावधान रहना चाहिए जब पहले से बने हुए बेबी फ़ूड को माइक्रोवेव में फिर से गर्म किया जाता है क्योंकि माइक्रोवेव भोजन को असमान रूप से पुनः गर्म कर सकता है और कुछ विशेष हिस्सों को गर्म बना सकता है |
    • इस प्रकार जब आप माइक्रोवेव में से भोजन को बाहर निकालते हैं तब इस भोजन को अच्छी तरह से हिलाएं जिससे ऊष्मा समान रूप से फ़ैल जाए और फिर कमरे के तापमान पर आने के लिए कुछ मिनट तक छोड़ दें |
  2. अपने बेबी को भोजन कराते समय, प्रत्येक आहार की बिलकुल सही मात्रा को मापने की कोशिश करें | अगर आप किसी भी प्रकार का बचा हुआ भोजन सुरक्षित करके नहीं रखेंगे तो खाना बर्बाद होने से बचेगा | बचे हुए भोजन में यह सम्भावना बहुत अधिक होती है कि जिस चम्मच से आप शिशु को खान खिलाएंगे उसमे शिशु की लार मिल सकती है और इस प्रकार उस भोजन में बैक्टीरिया आसानी से वृद्धि कर सकते हैं |
  3. बच्चे को खाना खिलने के पहले उसके भोजन को कभी भी मीठा नहीं करना चाहिए | बच्चों को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त चीनी की ज़रूरत नहीं होती है, विशेषरूप से, आजकल यह बचपन का मोटापा ही देता है | आपको मिठास के विकल्पों जैसे कॉर्न सिरप या शहद का उपयोग भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इनके कारण बच्चों में बॉटुलिस्म (botulism) नामक एक प्रबल घातक प्रकार की भोजन विषाक्तता हो सकती है |
  4. अपने बच्चे को नाइट्रेट्स (nitrates) के सम्पर्क में आने से बचाएं: नाइट्रेट पानी और मिट्टी में पाया जाने वाला केमिकल है जिसके कारण शिशुओं में एक विशेष प्रकार का एनीमिया (जिसे मेथेमोग्लोबिनेमिया या methemoglobinemia कहा जाता है) हो सकता है | इन नाइट्रेट्स को स्टोर से ख़रीदे गये सभी बेबी प्रोडक्ट्स में से निकाल दिया जाता है लेकिन घर पर बनाये गये बेबी फ़ूड में ये समस्या आ सकती है (विशेष रूप से अगर आप कुओं के पानी का अच्छी तरह से उपयोग करते हों) |
    • बेबी फ़ूड में नाइट्रेट्स का मुख्य स्त्रोत है कुँए के पानी के उपयोग करना | अच्छा होहा अगर आप अपने कुए का टेस्ट करवाकर यह सुनिश्चित कर लें कि उसके पानी में नाइट्रेट्स की मात्रा 10 पीपीएम से कम ही पाई जाये |
    • समय के साथ बिना जमे हुए भोजन में नाइट्रेट्स का स्तर बढ़ता जाता है इसलिए खरीदने के दो दिन के अंदर ही ताज़े फल और सब्जियों का उपयोग कर लें, पकाने के बाद जितना जल्दी हो सके पहले से तैयार बेबी फ़ूड को फ्रीज़ (freeze) कर दें और सब्जियों जैसे चुकंदर, गाजर, बीन्स, पालक और फलों के रस के फ्रोजेन (frozen) पैकेट्स का इस्तमाल करने के बारे में विचार करें | [१]
  5. अपने बांकी परिवार के समान ही शिशु को भी एक ही भोजन खिलाएं: अपने शिशु के लिए अलग से खाना बनाने की बजाय जिसे आपका सारा परिवार खाता हो वही भोजन पीसकर,मसलकर या प्यूरी बनाकर शिशु को दें और खुद का जीवन आसान बनायें |
    • इससे आपका समय और मेहनत दोनों बचेंगे और यह आपके बच्चे को हर किसी के समान एक ही खाना खाने के लिए प्रशिक्षित भी करता है जो आपके बच्चे के बढ़े होने में काम आ सकता है |
    • बच्चे सबसे स्वस्थ आहार खा सकते हैं जिसे परिवार के बांकी लोग खाते हैं लेकिन बच्चों को ये आहार मसलकर या सही कंसिस्टेंसी (consistency) में पीसकर देना चाहिए जैसे सूप, सोरबा और पुलाव, बच्चे के लिए पर्याप्त रूप से अनुकूल हो सकते हैं |

सलाह

  • फलों और सब्जियों के विभिन्न सम्मिश्रणों को मिलाएं, इन्हें जब बच्चा इन्हें खाता है तो उसे इनमे से किसी से भी एलर्जी नहीं होती है | कुछ चीज़ों को मिलाएं जैसे सेव और नाशपाती, फलों के रस और आडू (peaches), सेव और ब्रोकॉली (broccoli) और इसी प्रकार ही अन्य चीज़ें |
  • अपने बच्चे को ठोस आहार देना शुरू करने से पहले अपने बच्चे के पीडियाट्रिशियन से पूछें | पूछें कि कौन सा आहार पहले दें और कौन सा आहार पहले साल में न दें | प्रत्येक चार दिन में सिर्फ एक नए भोज्य पदार्थ को खिलाएं और प्रत्येक बार बच्चे को नये भोज्य पदार्थ को खिलाने पर एलर्जी पर नज़र बनाये रखें |
  • अगर बच्चे को दिया जाने वाला भोज्य पदार्थ बहुत गाडा हो तो उसे पतला करने के लिए एक छोटी चम्मच (5 मिलीलीटर) ब्रैस्ट मिल्क या उबालकर ठंडा किया गया पानी मिलाएं | भोज्य पदार्थ को गाडा करने के लिए एक छोटी चम्मच बच्चे के सीरियल (cereal) मिलाएं |
  • बहुत सारे विभिन्न स्वाद वाले सम्मिश्रण बनाने की कोशिश करें जैसे बेर और नाशपाती या फल रस और सेव और यथासंभव भोजन को चटक रंगों वाला बनाने की कोशिश करें, इससे बच्चा भोजन के प्रति अधिक आकर्षित होगा | [६]
  • तात्कालिक भोजन के लिए पहले से ही नर्म भोज्य पदार्थ जैसे केला या एवोकाडो को फोर्क से एकसार स्मूथ होने तक मसलें | अगर इसे पतला करने की ज़रूरत हो तो कुछ बूँद बच्चे के पीने वाला दूध या विसंक्रमित पानी को मिलाएं |

चीज़ें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • 2 पौण्ड (900 ग्राम) ताज़े फल या सब्जियां
  • छलनी
  • चाकू
  • 1/2 कप (120 मिलीलीटर) पानी
  • ढंका हुआ सॉस पैन या स्टीमर
  • ब्लेंडर या फ़ूड प्रोसेसर
  • चम्मच
  • संग्रह पात्र या स्टोरेज कंटेनर्स
  • पेन या मार्कर
  • लेबल (label)


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